बाबा बौखनाग के मंदिर में पूजा कर सीएम ने किया टनल में प्रवेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा, उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने टनल के प्रवेश द्वार पर स्थित बाबा बौखनाग के मंदिर पर पूजा अर्चना कर सभी श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू होने की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल में चल रहे मैन्युअली डिगिंग कार्य के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा डिगिंग कार्य हेतु पाइप में गए श्रमिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने मैन्युअल मैन्युअल डिगिंग कर रहे श्रमिकों से वार्ता कर उनका हौसला बढ़ाया एवं राहत बचाव कार्य में जुटे सभी श्रमिकों के काम की सराहना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से अंदर फंसे श्रमिकों का कुशलक्षेम एवं निरंतर डॉक्टरों, मनोचिकित्सको एवं श्रमिकों के परिवार जनों से अंदर फंसे श्रमिकों की निरंतर वार्ता करवाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए बताया कि सभी श्रमिक इंजीनियर विशेषज्ञ अधिकारी पूरी शिद्दत एवं मेहनत के साथ हर संभव प्रयास में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया अब तक कुल 52 मीटर पाइप को पुश कर लिया गया है। उन्होंने बताया अंदर फंसे सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य सकुशल है। राहत एवं बचाव कार्य में जुटे सभी लोग पूरी ऊर्जा और सकारात्मक भाव के साथ कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निरंतर अस्थायी सीएम कैम्प कार्यालय, मातली से रेस्क्यू अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। आज सुबह वह मातली से श्रमिकों का कुशलक्षेम से जानने सिलक्यारा टनल पर पहुंचे।
इस दौरान प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, कमिश्नर गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे, रेस्क्यू अभियान के समन्वयक सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

मातली कैंप कार्यालय में सीएम ने ली रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी के मद्देनजर आज सोमवार शाम मातली स्थित अस्थायी कैंप कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने देर शाम सिलक्यारा में तैनात शीर्ष अधिकारियों से रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेने के साथ उन्हें आवश्यक निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों के स्वास्थ्य का खास ध्यान रखा जाए और जरूरत पड़ने पर मौके पर तैनात चिकित्सकों की उनसे बात कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रमिकों की सकुशलता हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है, लिहाजा रेस्क्यू में जिन संसाधनों की भी जरूरत पड़ी है, वह सब समय से उपलब्ध कराए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी रेस्क्यू को लेकर अत्यंत गम्भीर है, जो भी संसाधन चाहिए थे, उन्होंने वह सब समय पर उपलब्ध कराए हैं।

सिलक्यारा टनल को लेकर मुख्यमंत्री ने की प्रेसवार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा, उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में अस्थाई मीडिया सेंटर, सिलक्यारा में प्रेस ब्रीफिंग की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में सरकार पूरी शिद्दत के साथ रेस्क्यू कार्य में जुटी है। पाइप में फंसी ऑगर मशीन को जल्द ही काट के निकाल लिया जाएगा। जिसके लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर भी मंगाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने स्वयं कम्युनिकेशन सिस्टम के माध्यम से अंदर फंसे लोगों से बात की है। अंदर फंसे सभी श्रमिक स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समन्वय बनाते हुए सभी संभव विकल्पों पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियां हर संभव प्रयास कर रहे हैं। दुनिया भर के विशेषज्ञों का इसमें तकनीकी सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निरंतर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा रेस्क्यू कार्य में किसी भी तरह की अड़चन न आये, इसके लिए पहले से ही सेना के अलावा देश और विदेश की विशेषज्ञ तकनीकी एजेसियों की मदद ली गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रेस्क्यू कार्य में तकनीकी और संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा सरकार की प्राथमिकता सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालना है। यह कार्य काफी चुनौतीपूर्ण है, बावजूद सभी केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां दिन रात काम कर रही है।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्य सचिव एसएस संधू, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) के सचिव अनुराग जैन, मौजूद रहे।

राहत व बचाव कार्यों के संबंध में जानकारी लेने सीएम पहुंचे सिलक्यारा टनल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा, उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लिया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने ऑगर मशीन की स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पाइप में फंसी ऑगर मशीन को अतिशीघ्र निकाला जाए। ऑगर मशीन को निकालने हेतु जो मशीन या टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो, उसे अति शीघ्र मंगवाया जाए।

मुख्यमंत्री ने टनल में फंसे श्रमिकों को भेजे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच भी की। उन्होंने श्रमिकों को भोजन भेजने की विधि को भी जाना। उन्होंने कहा श्रमिकों की हर मांग को प्राथमिकता से लिया जाए। एवं जो सामग्री संभव हो उन्हें भेजा जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनल में एसडीआरएफ द्वारा स्थापित ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप के माध्यम से अंदर फंसे श्रमिकों में से गब्बर सिंह, सबाह अहमद, अखिलेश से बात कर सभी मजदूरों के बारे में जानकारी ली, साथ ही उनका हौसला आफजाई किया। मुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान कहा कि देश एवं दुनिया के विशेषज्ञ मदद हेतु दिन रात काम में जुटे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं एवं प्रत्येक दिन स्वयं जानकारी जुटा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अंदर फंसे श्रमिकों से कहा कि कोई भी दिक्कत होने पर अधिकारियों को सूचित करें। उन्होंने कहा आप सभी को जल्द ही बहार निकाल लिया जाएगा। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। केंद्र एवं राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है कि सभी श्रमिकों को शीघ्र और सुरक्षित बाहर निकाला जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अधिकारियों, विशेषज्ञों एवं अभियान में जुटे लोगों के उत्साह में कमी न आने देने की बात कही। उन्होंने कहा जो भी तकनीक एवं संसाधन मौजूद हैं उनका इस्तेमाल कर रेस्क्यू ऑपरेशन में और अधिक तेजी लाई जाए। और जरूरत हो तो अतिरिक्त संसाधानों को भी बाहर से तत्काल मंगाया जाए। राज्य सरकार की ओर हर संभव सहयोग दिया जाएगा। हम सभी मिलकर अति शीघ्र राहत एवं बचाव कार्य को पूर्ण करेंगे।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (भारत सरकार) के सचिव अनुराग जैन, एमडी एनएचआईडीसीएल महमूद अहमद, कमिश्नर गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे,, रेस्क्यू आभियान के समन्वयक सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, पीएमओ उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, विधायक संजय डोभाल, विधायक सुरेश चौहान, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम ने मातली अस्थायी कैंप कार्यालय से ही निस्तारित की शासकीय पत्रावलियां

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मातली (उत्तरकाशी) में स्थापित अस्थायी कैंप कार्यालय से ही शासकीय पत्रावलियों का निस्तारण किया और सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री धामी सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशलता के लिए बुधवार से मातली में ही डटे हैं। शासकीय कार्य बाधित न हो, इसके मद्देनजर मातली से ही सीएम का अस्थायी कैम्प कार्यालय संचालित हो रहा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने जरूरी शासकीय पत्रावलियों को निस्तारित करने के साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

शाम को मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा पहुंचकर वहां चल रहे रेस्क्यू अभियान का निरीक्षण किया और अभियान में जुटी टीम से वार्ता कर आवश्यक जानकारी ली।

सिलक्यारा टनल पर मनौवैज्ञानिक तरीका अपनाकर सीएम ने दिखाई कौशलता

उत्तरकाशी जिले के सिल्क्यारा टनल में फंसे लोगों के रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज भी उत्तरकाशी में ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में लोकपर्व ईगास पर होने वाले कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया था। वहीं, एक महत्वपूर्ण निर्णय लेकर भी उन्होंने सभी को चौका दिया। पहली बार राज्य के इतिहास में सीएम का कैंप कार्यालय घटनास्थल वाले क्षेत्र के आसपास खोला गया है। मुख्यमंत्री के द्वारा लगातार दूसरे दिन भी उत्तरकाशी में डेरा डालने के कारण सरकारी कार्य प्रभावित ना हो, इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ने अपना कैंप कार्यालय यही खोल दिया है।

राज्य का लोकपर्व, सांकेतिक रुप से मनाया
मुख्यमंत्री धामी द्वारा आज के दिन उत्तराखण्ड में धूमधाम से मनाये जाने वाले ईगास पर्व को भी न मनाने का निर्णय लिया गया। आज ईगास के मौक़े पर मुख्यमंत्री आवास पर लगभग एक हज़ार लोगों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस पर्व में शरीक होना था, जिसे उन्होंने रद कर दिया। वहीं, पूर्व सूचना के कारण मुख्यमंत्री आवास पहुँचे लोगों ने बेहद सादगी से गौ पूजन करके पर्व मनाया। मौक़े पर लोगों ने टनल में फंसे श्रमिकों की जल्द से जल्द सकुशल बाहर निकलने की प्रार्थना भी ईश्वर से की। मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि टनल में फंसे मजदूरों की निकासी उनकी पहली प्राथमिकता है। ऐसे में उनके लिए असल त्यौहार तभी होगा जब वह बाहर आयेंगे। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को देखते हुए कई जगह कार्यक्रम या तो स्थगित हुए या सांकेतिक रुप से ही मनाये गये। यह पहली बार देखा जा रहा है कि कोई मुख्यमंत्री हर तरीके से इस मामले में पीड़ित पक्ष के साथ हो। एक तरफ धामी सरकार लगातार रेस्क्यू अभियान चलाकर फंसे लोगों को बाहर निकालने का प्रयास कर रही है। तो वही मुख्यमंत्री मजदूरों की हौसला अफजाई भी कर रहे है तो वही उनके परिवारों को यह संदेश देने में भी कामयाब रहे है कि उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता उनके साथ खड़ी है। राज्य की जनता का मुख्यमंत्री से ऐसा भावनात्मक रिश्ता है कि उनके संदेश को जनता ने समझ भी लिया। नही तो अपने लोकपर्व और त्यौहारों को कौन छोड़ता है?

संवेदनशील सीएम का बड़ा संदेश
एक तरफ सिल्क्यारा टनल ऑपरेशन विश्व के चौथे नंबर का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बन गया है। मुख्यमंत्री पहले तो लगातार घटनास्थल का दौरा करते रहे और देहरादून से भी लगातार मौके पर जानकारी जुटाते रहे है। लेकिन बुधवार से तो मुख्यमंत्री धामी अंगद की तरह पैर जमाकर उत्तरकाशी डट गये है। ऐसे में प्रशासन के भी हौसले बुलंद हो गये है कि राज्य का मुखिया स्वयं मौके पर आ गया है। दिन-रात रेस्क्यू अभियान में लगे लोगों का उत्साहवर्धन होने से उम्मीदें जग रही है कि कभी भी खुशखबरी आ सकती है। वहीं, गुरुवार को मुख्यमंत्री ने देश दुनिया को भी बडा संदेश दे दिया है। पहली बार किसी सीएम ने घटनास्थल के पास ही अपना कैंप कार्यालय बनाया है। सीएम अब रोजमर्रा के कार्य बाधित ना हो, इसके लिए रेस्क्यू अभियान के सफल होने तक यही से कार्य संचालित करेंगे। यह ऐसा निर्णय है जो सभी का मनोबल हर विकट परिस्थिति में ऊंचा रखता है। कहा जाता है कि कठिन समय में पहले बुद्धि की परीक्षा होती है इस लिए मनोबल ऊंचा रखने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाना भी जरुरी होता है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने ऐसा निर्णय लेकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

सभी एजेंसी से फीडबैक लेकर राहत कार्य को और तेज करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल (रिटा.) वीके सिंह ने गुरुवार को सिलक्यारा, उत्तरकाशी में टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लेने के उपरांत राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा हेतु बैठक ली।
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी एजेंसी आपसी समन्वय के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटे रहें। हम सब का यह प्रयास हो की फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाला जाए। फंसे श्रमिकों को निकालने हेतु हर संभव प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को टनल में फंसे श्रमिकों का विशेष ध्यान रखे जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा अंदर श्रमिकों की मांग अनुसार हर संभव सामग्री उपलब्ध कराई जाए। हर दिन डॉक्टरों से उनकी बात करवाई जाए। साथ ही श्रमिकों एवं उनके परिजनों के बीच निरंतर संवाद कायम करवाया जाए।
इस दौरान बैठक में प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन, एमडी एनएचआईडीसीएल महमूद अहमद, कमिश्नर गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे, आई.जी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल, विधायक संजय डोभाल, विधायक सुरेश चौहान, सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

कामयाबीः छह इंच की पाइपलाइन को किया सिलक्यारा सुरंग के आरपार, खाने की वस्तु पहुंचाने में मिलेगी मदद

सिलक्यारा सुरंग में चल रहे रेस्क्यू अभियान में आज एक महत्वपूर्ण कामयाबी मिली है। सुरंग के अवरुद्ध हिस्से में 6 इंच की पाइपलाइन बिछाकर सेकेंडरी लाइफ लाइन बनाने के लिए की जा रही ड्रिलिंग पूर्ण कर मलबे के आर पार 53 मीटर लंबी पाइप लाइन डाल कर इसके जरिये फंसे श्रमिकों तक खाद्य सामग्री पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।

आज सायं लगभग साढ़े चार बजे एनएचएआईडीसीएल के निदेशक अंशुमनीष खलखो,जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और टनल के भीतर संचालित रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने मीडिया को यह जानकारी देते हुए बताया कि गत नौ दिनों से चल रहे रेस्क्यू की इस पहली कामयाबी के बाद श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने के अहर्निश प्रयास तेजी से संचालित किए जाएंगे।

सुरंग में फंसे श्रमिकों के जीवन की रक्षा के लिए अबतक 4 इंच की पाइपलाइन ही लाइफलाइन बनी हुई थी। अब सेकेंड्री लाइफ लाइन के तौर पर छह इंच व्यास की पाइप लाइन मलवे के आरपार बिछा दिए जाने के बाद श्रमिकों तक बड़े आकार की सामग्री व खाद्य पदार्थ तथा दवाएं और अन्य जरूरी साजो सामान के साथ ही संचार के उपकरण भेजने में सहूलियत होगी। जिससे अंदर फंसे श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित बनाये रखने का भरोसा कई गुना बढ़ा है। इस अच्छी खबर के बाद श्रमिकों और उनके परिजनों साथ ही रेस्क्यू के मोर्चों पर खुशी और उत्साह देखने को मिल रहा है और रेस्क्यू के अन्य विकल्पों को लेकर अब उम्मीदें उफान पर हैं।

इस बीच उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने आज परियोजना व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुरंग का निरीक्षण कर रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया और सेकेंडरी लाइफ लाइन बनाने के काम को सफलतापूर्वक पूरा करने पर रेस्क्यू में जुटे लोगों को बधाई दी।

श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने वाले परिजनों का खर्चा उठाएगी धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान यदि श्रमिकों के परिजन हाल जानने को आ रहे हैं तो उनका आवागमन, रहने-खाने का इंतजाम सरकार करेगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा दूसरे राज्य के अधिकारियों से बचाव कार्य समेत अन्य जानकारी साझा करने को समन्वय टीम में तीन और अधिकारियों को मौके पर भेज दिया है। सभी अधिकारियों को बचाव कार्य से जुड़ी व्यवस्थाओं में तत्काल योगदान देने के निर्देश दिए गए हैं।

उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को बचाव कार्य सभी स्तर पर युद्धस्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य के साथ ही श्रमिकों के कुशलक्षेम पूछने आ रहे परिजनों से बेहतर समन्वय स्थापित कर पल पल की जानकारी साझा की जा रही है। इसके लिए दूसरे राज्यों के श्रमिकों के परिजनों व इन राज्यों के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाए रखने को घटना के दिन से ही उत्तरकाशी में पुलिस का कॉट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है। वहां से परिजनों को अपडेट जानकारी दी जा रही है। शासन स्तर पर भी वरिष्ठ आईएएस डॉ नीरज खैरवाल को केंद्रीय संस्थानों, एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम से समन्वय की जिम्मेदारी पहले ही दी गई है। साथ ही एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी को भी पहले से मौके पर भेजा गया है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गत दिवस सिलक्यारा में दिए गए निर्देशों पर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने हरिद्वार के एसडीएम मनीष सिंह, डीएसओ हरिद्वार तेजबल सिंह और डीपीएओ रुद्रप्रयाग अखिलेश मिश्रा को टीम में शामिल करने के आदेश दे दिए हैं। यह सभी अधिकारी जिलाधिकारी उत्तरकाशी के निर्देश पर श्रमिकों के परिजनों के लिए भोजन, आवास और परिवहन के अलावा बचाव कार्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्था देखेंगे। सभी को तत्काल मौके पर जिम्मेदारी का निर्वहन करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने श्रमिकों के परिजनों को घटना स्थल तक आवागमन, प्रवास तथा अन्य जरूरी देखभाल का भी पूरा इंतजाम सरकार ने किया है, ताकि श्रमिकों की कुशलक्षेम जानने के लिए यहां आने वाले परिजनों को कोई कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रमिकों के जो परिजन यहां आना चाह रहे हैं उनके आवागमन का व्यय उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। इसके लिए उक्त अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां आने वाले जरूरतमंद परिजनों के मोबाईल रिचार्ज से लेकर भोजन, आवास व आवागमन जैसी जरूरतमंद वाली सभी व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम को पूरी संवेनदशीलता व तत्परता के साथ किया जाय। ताकि सुरंग में फंसे श्रमिकों और उनके परिजनों को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े।

वहीं, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिये चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान में सहयोग करने के भारत सरकार के आग्रह पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स भी सिलक्यारा पहुंच गए। अर्नाेल्ड डिक्स इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एशोसिएशन (आईटीए) के अध्यक्ष है।

उत्तराखंड सरकार के केंद्रीय संगठनों से रेस्क्यू अभियान में समन्वय के नोडल अधिकारी और सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने टनल विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स के साथ विचार विमर्श कर रेस्क्यू अभियान की रणनीति पर चर्चा की।

उधर, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिये चलाये जा रहे रेस्क्यू अभियान में केंद्रीय संगठनों से समन्वय बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार की तरफ से नियुक्त नोडल अधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल ने आज सिलक्यारा पहुंचकर राहत और बचाव अभियान का जायजा लिया। श्री खैरवाल अभी एनएचएआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और रेस्क्यू अभियान में जुटे विभिन्न केंद्रीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

गौरतलब कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा सिलक्यारा में राहत और बचाव कार्यों में जुटे केंद्रीय संगठनों के साथ समन्वय, अनुश्रवण और राज्य की ओर ज़रूरी सुझाव देने के लिए शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

सीएम को फोन कर पीएम मोदी ने जानी सिलक्यारा हादसे पर अपडेट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन कर उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास टनल में फँसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आवश्यक बचाव उपकरण व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। टनल में फंसे श्रमिक सुरक्षित हैं और ऑक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। राहत और बचाव कार्यों के लिए एक्सपर्ट्स की राय लेकर एजेंसियां काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने स्वयं मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण किया और बचाव कार्यों पर लगातार नजर रखें हैं। मेडिकल की टीम भी वहाँ पर तैनात कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द बाहर निकलने की पूरी कोशिश की जा रही है।
अब तक प्रधानमंत्री तीन बार मुख्यमंत्री से स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। पीएमओ की टीम भी मौके का निरीक्षण कर चुकी और लगातार स्थिति पर नज़र बनाये हुए है और समन्वय का कार्य कर रही है।