प्रसव पीड़ा होने पर रोडवेज बस में बुजुर्ग महिला ने कराई डिलीवरी, रोडवेज कर्मियों ने किया नामकरण

उत्तर प्रदेश की महोबा डिपो की रोडवेज बस में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। तो रोडवेज कर्मियों ने उसका नाम महोबा डिपो ही रख दिया।

दरअसल, एक खानाबदोश महिला को जब असहनीय प्रसव पीड़ा हुई तो परिवार के लोगों ने एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन घुमाया। एंबुलेंस उपलब्ध न होने पर परिवार के सदस्यों ने जिला अस्पताल जाने के लिए रोडवेज की बस को चुना। महिला को रोडवेज की बस दर्द उठना शुरू हो गया। इसी दौरान बस में मौजूद एक बुजुर्ग महिला का दिल पसीजा और बस में पर्दा डालकर उसने गर्भवती महिला का प्रसव करा दिया। बस में नवजात की किलकारियां गूंजी और सभी लोग खुश नजर आ रहे थे। रोडवेज कर्मियों ने भी अपने अधिकारियों को घटना की जानकारी दी और बस को सीधे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां जज्बा और बच्चा को भर्ती कराया गया। चिकित्सक ने दोनों को खतरे से बाहर बताया है। वहीं, परिवहन विभाग के कर्मचारियों ने मिठाई बांटकर खुशी मनाई और नवजात शिशु का नाम महोबा डिपो रख दिया।

आशिक के लिए पत्नी ने दे दी पति की बलि, शव को जंगल में फेंका

पति को पत्नी के अवैध संबधों का पता चल जाने से पत्नी इतना आगबगुला हो गई कि उसने अपने प्रेमी के साथ पति को मौत की सजा दे दी। इसके बाद अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर पति की लाश जंगल में फेंक आए। कोतवाली ऋषिकेश पुलिस ने सभी आरोपियों को घटना में प्रयुक्त हथियारों के साथ अरेस्ट कर लिया है।

कोतवाल रितेश साह के अनुसार, मृतक की बहन चंदा साहनी पत्नी जितेंद्र साहनी ने पुलिस को बताया था कि उसका भाई अमरजीत साहनी (32) पुत्र जीवन साहनी निवासी मायाकुंड 18 सितंबर की दोपहर तीन बजे अपने दो अन्य साथियों के साथ काम पर गया था, शाम होते ही दोनों साथी तो वापस घर आ गए। मगर, उसका भाई वापस न लौटा। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और मामले की तब्दीश की, तो लापता व्यक्ति की पत्नी के अवैध संबंध की बात सामने आई।

पुलिस ने पत्नी से सख्ती के साथ पूछताछ की तो पत्नी से सब उगल दिया और अपने साथियों की भी पहचान करा दी। पत्नी की निशानदेही पर पुलिस ने शव को जंगल से बरामद भी कर लिया। पुलिस ने बताया कि मृतक की पत्नी सुनीता का राजन निवासी रामनगर बेतिया, बिहार, हाल निवासी शीशमझाड़ी से प्रेम प्रंसग चल रहा था। इसकी भनक अमरजीत को लग चुकी थी। पत्नी ने प्रेमी के सथ 18 सितंबर की शाम को अन्य साथी सुनील और अनिल प्रसाद के साथ घटना को अंजाम दे दिया।

…तो क्या महात्मा गांधी के सपनों को संवार रही त्रिवेंद्र सरकार

गांधी ने अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान की थी प्रशंसा, बताया था फिल्म शूटिंग के लायक
वर्तमान की त्रिवेंद्र सरकार ने इस महत्वता को न सिर्फ समझा बल्कि फिल्म निर्माताओं को किया आमंत्रित

महात्मा गांधी अक्सर कहा करते थे कि धरती में यदि कहीं स्वर्ग हैं तो वह उत्तराखंड के कौसानी में है। इस बात को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने न सिर्फ अच्छे से समझा, बल्कि मुंबई में बैठे फिल्म निर्माताओं को भी समझा पाने में कामयाबी हासिल अर्जित की। त्रिवेंद्र सरकार की यह कामयाबी ही हैं, कि अब तक बत्ती गुल मीटर चालू, कबीर सिंह, केदारनाथ, जर्सी, कुतुबमीनार आदि करीब 200 से ज्यादा बाॅलीवुड की छोटी-बड़ी फिल्में, टीवी सीरियल, दक्षिण भारतीय फिल्में, वेब सीरिज की शूटिंग हो चुकी है और आगे भी शूटिंग के लिए निर्माता उत्तराखंड का रूख कर रहे हैं। त्रिवेंद्र सरकार की ही बदौलत राज्य को द मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का पुरस्कार भी मिला है। जो वाकई में उत्तराखंड और त्रिवेंद्र सरकार की उपलब्धि को दर्शाता है।

एक नजर त्रिवेंद्र सरकार के फैसले पर
त्रिवेंद्र सरकार के फैसले के मुताबिक उत्तराखंड में शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक अनुमति को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत आॅनलाइन आवेदन से किया जाएगा। राज्य सरकार के विभागों के स्तर पर कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। साथ ही सुरक्षा के लिए पुलिस की उपलब्धता भी त्रिवेंद्र सकरार सुनिश्चित कराएगी। राज्य में फिल्म निर्माण के लिए अनुदान के संबंध में सरकार एक प्राथमिकता सूची तैयार करेगी। इसमें फिल्म की 75 प्रतिशत शूटिंग का उत्तराखंड में किया जाना अनिवार्य होगा। वित्त पोषण फिल्म निर्माण की लागत का 30 प्रतिशत या डेढ़ करोड़ रूपये, जो भी कम हो रहेगा।

जिन फिल्मों की 75 प्रतिशत शूटिंग या कुल आउटडोर शूटिंग की आधे से अधिक शूटिंग उत्तराखंड में होगी, एसजीएसटी लागू होने की तिथि से जमा किए गए एसजीएसटी के 30 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

फिल्म शूटिंग होने से राज्य को क्या फायदा
त्रिवेंद्र सरकार का यह मानना है कि राज्य की प्राकृतिक सौंदर्यता कैमरे में कैद होगी तो निश्चित तौर पर विश्व पटल पर उत्तराखंड का कद बढ़ेगा। यही नहीं, राज्य के ऐसे युवा जो फिल्मी दुनिया में अपना कैरियर देखते हैं या इस क्षेत्र का शौक भी रखते हैं। उन्हें शूटिंग में काम मिलेगा। उन्होंने मानना है कि उत्तराखंड के युवाओं ने बाॅलीवुड में मेहनत के बल पर मुकाम हासिल किया है, इनमें हिमानी शिवपुरी, हेमंत पांडेय, उर्वशी रौतेला सहित तमाम लोग शामिल है।

इससे इतर शूटिंग होने से यहां होटल, ढाबों, हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े कामगारों को काम मिलेगा। तमाम हस्तियों के यहां पहुंचने से राज्य के हथकरघा वस्तुओं को भी बढ़ावा मिलेगा और अहम बात यह है कि टूरिज्म को बहुत बढ़ावा मिलेगा। यहां के चार धाम के अलावा अन्य कई दर्शनीय स्थल हैं, जिनका वर्णन पुराणों में भी वर्णित हैं।

फिल्म सिटी बनने से राज्य का टैलेंट निकलकर आएगा
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार के सानिध्य में ही फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव अब जोर पकड़ने लगा हैं। पूर्व में निर्माता निर्देशक राजकुमार संतोषी फिल्म सिटी बनाने का प्रस्ताव दे चुके है। इसके बाद राज्य में जमीन तलाशने का काम भी जोर पकड़ चुका है। फिल्म सिटी के लिए काफी ज्यादा जमीन की आवश्यकता है साथ ही उस जगह से एयरपोर्ट नजदीक ही होना आवश्यक है। इसके लिए ऋषिकेश के श्यामपुर क्षेत्र में गंगा नदी से सटा इलाके को भी फिल्म सिटी के नजरिए से देखा जा चुका है।

ताजा जानकारी के मुताबिक फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री एवं उनके पति हिमालय दासानी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की है। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखण्ड में फिल्मी हस्तियों का रूझान बढ़ा है। राज्य में युवाओं को फिल्म के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण दिये जाय तो युवा इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं।

फिल्म निर्माताओं की पसंद उत्तराखंड ही क्यों
सवाल यह उठता है कि फिल्म निर्माताओं की पंसद उत्तराख्ंाड क्यों बना हुआ है। इसका जवाब भी साफ है, त्रिवेंद्र सरकार निर्माताओं और निर्देशकों को राज्य की नैसर्गिक सौंदर्यता के बारे में बताने में कामयाब रही है। इसके चलते राज्य में अब निर्माताओं का रूख बढ़ रहा है। राज्य की सुंदरता, खास तौर पर प्राकृतिक झरने, वाटर फाॅल, गंगा नदी, खूबसूरत पहाड़, मंसूरी, देहरादून, ऋषिकेश, रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, नैनीताल, नैनी झील, टिहरी झील, कौसानी, बर्फ से ढ़की चोटियां आदि तमाम वह चीजें जो एक फिल्म की लोकेशन के लिए चाहिए। उत्तराखंड में सहज ही मिल जाती है।

एक रूपये प्रति टिकट से भरेगा फिल्म विकास कोष
सिनेमा टिकटों पर एक रुपये प्रति टिकट की दर से फिल्म विकास निधि के रूप में सिनेमा मालिक दर्शकों से वसूलेंगे और इस राशि को कोषागार में जमा कराएंगे। इसका इस्तेमाल क्षेत्रीय, हिंदी और अन्य भाषा की फिल्मों को अनुदान उपलब्ध कराने में किया जाएगा। इससे अवस्थापना सुविधाओं के लिए भी धनराशि दी जाएगी।

क्षेत्रीय फिल्म प्रमाणीकरण परिषद
फिल्मों को प्रोत्साहन देने के लिए क्षेत्रीय फिल्म प्रमाणीकरण परिषद बनाई जाएगी। उत्तराखंड में बनने वाली फिल्मों और क्षेत्रीय भाषाओं में बनने वाली फिल्मों के प्रमाणीकरण की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

क्षेत्रीय फिल्म के प्रति त्रिवेंद्र सरकार
उत्तराखंड की क्षेत्रीय फिल्मों को सेंसर सर्टिफिकेट मिलने के बाद प्रदेश के सभी सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स स्वामियों को क्षेत्रीय फिल्म को एक सप्ताह तक प्रतिदिन प्रदर्शित करने की अनिवार्यता होगी।

उत्तराखंड में फिल्म सिटी बनाने में अभिनेत्री भाग्यश्री ने जताई इच्छा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री एवं उनके पति हिमालय दासानी ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मी हस्तियों का रूझान बढ़ा है। राज्य में युवाओं को फिल्म के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण दिये जाय तो युवा इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म क्षेत्र के साथ ही आर्गेनिक उत्पादों के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड में ऑर्गनिक नेचर को बढ़ावा देना जरूरी है। ऑर्गेनिक उत्पादों की डिमांड बहुत अधिक है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी बनाने के लिए भूमि तलाशी जा रही है। फिल्म सिटी के लिए भूमि अधिक चाहिए एवं इसके लिए स्थान भी एयरपोर्ट से कम दूरी पर तलाशने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड के युवाओं को सही दिशा देने की जरूरत है। यदि उन्हें यहां पर फिल्म के क्षेत्र में प्रशिक्षण मिलता है, तो वे इस क्षेत्र में अच्छा भविष्य बना सकते हैं। उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी बनने से लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा। इस अवसर पर विधायक गोपाल रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव आशीष चैहान आदि मौजूद रहे।

संतो ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र को किया स्वस्थ और दीर्घायु होने का आशीर्वाद

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरि महाराज के नेतृत्व में हरिद्वार के प्रमुख संतों ने भेंट की। भेंट करने वाले संतों में निर्मल आश्रम के महंत जसजीत, गरीबदास, महंत आनंद, वाल्मीकि समाज के संत महंत मान दास महाराज, वैष्णव अखाड़े से महंत दुर्गा दास महाराज एवं नगर के प्रसिद्ध एडवोकेट श्रेयस अग्रवाल थे। संतो ने हरिद्वार नगर में संतों के आश्रम का पंजीकरण कमर्शियल किए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज की। बिजली के बिल भी कमर्शियल आने पर मुख्यमंत्री से अपनी बात रखी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने संतो को आश्वासन दिया और तुरंत कार्रवाई का निर्देश भी दिया। संतों ने कहा आगामी कुंभ में जिस प्रकार की भी व्यवस्था और परिस्थिति होगी, सन्त सरकार का भरपूर सहयोग करेंगे। कुंभ हमारी प्राचीन परंपरा है किंतु कोरोना महामारी के चलते हुए जैसी भी स्थिति होगी उसी प्रकार से सभी संत और अखाड़े सरकार का सहयोग करेंगे। महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानंद गिरी ने केदारनाथ मॉडल पर ही बद्रीनाथ गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के विकास हेतु प्रयासरत मुख्यमंत्री की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के तहत स्थानीय पुरोहित समाज के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। सभी संतो ने मुख्यमंत्री को स्वस्थ और दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया।

आईएमए को अंडरपास के लिए वर्षों इंतजार करना बड़ी विडंबनाः रक्षामंत्री

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी परिसर में 44.21 करोड़ लागत के क्रमश 354.45 मी0 तथा 407.34 मी0 लम्बे दो अंडरपास का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्य अकादमी के निकट अंडरपास की मांग दशकों से चली आ रही थी लेकिन अब जाकर इस पर कार्य शुरू हुआ है। अंडरपास के बनने से एनएच-72 पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि आई.एम.ए. जैसे विश्वसनीय, विश्वस्तरीय संस्थान को दो अण्डरपास के लिये इतना लम्बा इंतजार किया जाना बड़ी विडम्बना है। अण्डरपास निर्मित होने के बाद आई.एम.ए. के केम्पस आपस में जुड़ सकेंगे तथा संस्थान को अपनी गतिविधियों के संचालन में सुविधा होगी। इन अंडरपास के निर्माण से न केवल उत्तराखण्ड की जनता को, बल्कि, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा आने-जाने वाले यात्रियों को भी बड़ा लाभ होगा। साथ ही कैडेट्स के आवागमन और ड्रिल में भी व्यवधान नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दिसम्बर में आईएमए पासिंग आउट परेड में उनके द्वारा इसकी स्वीकृति प्रदान की थी। उन्होंने कहा कि यदि दो साल के बजाय पौने दो साल में ये अण्डर पास बनकर तैयार हो जायेंगे तो वे इनके उद्घाटन के लिए भी आयेंगे तथा इसमें कार्य करने वालों को सम्मानित भी करेंगे। रक्षामंत्री ने कहा कि यदि नियत ठीक हो संकल्प पक्का हो तो किसी भी कार्य को पूर्ण करने में कठिनाई पैदा नही होती है। उन्होंने कहा कि देहरादून में ट्रैफिक बढ़ रहा है, इस दृष्टि से भी इन अण्डपासों की नितांत जरूरत महसूस की जा रही थी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि 1978 से इसकी आवश्यकता महसूस की जाती रही है। गत वर्ष पासिंग आउट परेड के अवसर पर इन अण्डरपासों के महत्व पर केन्द्रीय मंत्री से उनके द्वारा चर्चा करने पर उन्होंने इसकी घोषणा की थी जो आज साकार हो रही है। इसके लिए आवश्यक धनराशि 44.21 करोड़ की भी स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष आई.एम.ए. के दीक्षान्त समारोह के अवसर पर राज्य सरकार को भी सुरक्षा आदि की चिंता रहती थी। अब सैन्य अधिकारियों को आई.एम.ए. की गतिविधियों के संचालन में सुविधा होगी तथा स्थानीय लोगों को भी आवागमन में आसानी होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विश्वस्तरीय सैन्य प्रशिक्षण संस्थान से तैयार होने वाले जांबाज योद्धाओं ने अपनी वीरता और पराक्रम से देश की सुरक्षा एवं सम्मान को अक्षुण्ण बनाए रखा है। जाहिर है इस महान उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कठोर प्रशिक्षण की आवश्यकता है और प्रशिक्षण के लिए संसाधनों व सुविधाओं का होना भी उतना ही जरूरी होता है।

लेफ्टिनेंट जनरल ने जताया आभार
आईएमए के समादेशक ले.ज. जयवीर सिंह नेगी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आई.एम.ए. के तीन परिसरों नार्थ, सेन्ट्रल व साउथ की सुरक्षा दृष्टि से तथा एन.एच 72 तथा रांझावाला मीठीबेरी सड़क पर यातायात का सुचारू रूप से संचालन के लिये भगत गेट एवं पी.टी गेट पर निर्मित होने वाले क्रमशः 354.45 मी. तथा 407.34 मी लम्बे अण्डर पास के लिये पिछले 40 वर्षों से प्रयास किये जा रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे आई.एम.ए. का नार्थ, सैन्ट्रल तथा साउथ क्षेत्र आपस में जुड़ जायेगा तथा एन.एच एवं लो.नि.वि की सड़क पर यातायात सुचारू रूप से संचालित हो सकेगा।

सीएम ने 13 जिलों के विकास के लिए जिला योजना से किए 100 करोड़ रूपये अवमुक्त

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर जिला योजना के लिए सभी जिलों को कुल 100 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त की जा रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला योजना के लिए प्राविधानित 665 करोड़ 50 लाख रूपए के सापेक्ष 350 करोड़ रूपए की धनराशि पहले ही अवमुक्त की जा चुकी है। अब 100 करोड़ रूपए और अवमुक्त किए जाने पर मुख्यमंत्री ने अनुमोदन किया है।

इन 100 करोड़ रूपए में से जनपद नैनीताल हेतु 7 करोड़ 2 लाख 20 हजार 160 रूपये, ऊधमसिंह नगर हेतु 07 करोड़ 42 लाख 18 हजार 140 रूपये, अल्मोड़ा हेतु 07 करोड़ 47 लाख 74 हजार 250 रूपये, पिथौरागढ़ हेतु 07 करोड़ 17 लाख 98 हजार 10 रूपये, बागेश्वर हेतु 05 करोड़ 96 लाख 54 हजार 70 रूपये, चम्पावत हेतु 05 करोड़ 83 लाख 76 हजार 520 रूपये, देहरादून हेतु 09 करोड़ 94 लाख 98 हजार 200 रूपये, पौड़ी हेतु 11 करोड़ 98 लाख 84 हजार 490 रूपये, टिहरी हेतु 09 करोड़ 51 लाख 45 हजार 110 रूपये, चमोली हेतु 07 करोड़ 42 लाख 92 हजार 990 रूपये, उत्तरकाशी हेतु 07 करोड़ 65 लाख 77 हजार 750 रूपये, रुद्रप्रयाग हेतु 05 करोड़ 81 लाख 81 हजार 120 रूपये, हरिद्वार हेतु 06 करोड़ 73 लाख 79 हजार 190 रूपये की राशि शामिल है।

मुंबई से अरेस्ट कर ला रही यूपी पुलिस की गाड़ी एमपी में पल्टी, गैंगस्टर की मौत

मध्य प्रदेश के गुना में मुंबई से अरेस्ट कर ला रही यूपी पुलिस की गाड़ी पलट गई। इससे कार में सवार गैंगस्टर फिरोज उर्फ शमी की मौत हो गई। जबकि रिंगरोड चैकी प्रभारी जगदीश पांडेय सिपाही समेत चार लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। इससे एक बार पुनः विकास दुबे की मौत की तस्वीर पुनः सामने आ गई।

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के मुताबिक बहराइच निवासी फिरोज उर्फ शमी के खिलाफ ठाकुरगंज कोतवाली में छह मुकदमे दर्ज थे। इनमें तीन लूट के, दो चोरी और एक गैंगस्टर एक्ट का था। वर्ष 2014 से वह फरार चल रहा था। इसके बाद ही उस पर गैंगस्टर लगा था। तीन दिन पहले उसके मुंबई में होने की खबर मिलने पर ठाकुरगंज कोतवाली की रिंगरोड चैकी के प्रभारी जगदीश पांडेयए सिपाही संजीव सिंहए मुखबिर और ड्राइवर के साथ सड़क मार्ग से 25 सितंबर को मुंबई गए थे। शनिवार रात को इस टीम ने मुंबई पुलिस की मदद से फिरोज को गिरफतार कर लिया। फिरोज का गैरजमानती वारन्ट कोर्ट से जारी हुआ था।

पुलिस के मुताबिक रविवार तड़के तीन बजे उसे लेकर टीम लखनऊ के लिए निकली। करीब सात बजे गुना में चचोड़ा इलाके के पास कार के सामने अचानक नील गाय आ गई। उससे बचने के प्रयास में गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में कार सवार पांचों लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां फिरोज को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि जगदीशए सिपाहीए मुखबिर व ड्राइवर का इलाज चल रहा है।

डीजीपी अनिल रतूड़ी 30 नवंबर को होंगे रिटायर, डीजी अशोक कुमार बनेंगे नई डीजीपी

उत्तराखंड के मौजूदा डीजीपी अनिल रतूड़ी का कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उनके रिटायर होने के बाद डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार नई डीजीपी का पद्भार ग्रहण करेंगे। आईपीएस अशोक कुमार वर्ष 1989 बैच के है। अशोक कुमार 30 नवंबर, 2020 से 15 नवंबर 2023 तक डीजीपी रह सकते हैं और तीन साल का कार्यकाल किसी डीजीपी के लिए रिकॉर्ड कार्यकाल होगा। उनके बाद वरिष्ठता के आधार पर 1995 बैच के अधिकारी पीवीके प्रसाद का नंबर आता है।

द्वाराहाट विधायक महेश नेगी कोरोना संक्रमित, गुरूग्राम अस्पताल में हुए भर्ती

कुमाऊं मंडल के द्वाराहाट विधानसभा सीट से भाजपा विधायक महेश नेगी को अब कोरोना हुआ है। विधायक ने इसकी पुष्टि स्वयं की है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपने समर्थकों को इसकी जानकारी दी। फेसबुक पेज पर उन्होंने समर्थकों को स्वयं के बीमार होना बताया। साथ ही विधायक ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सड़क निर्माण के तीन कार्यों को मंजूरी देने की मांग की।

फेसबुक पोस्ट के जरिए विधायक ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी कारण से गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती हूं। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी फोन पर बात कर मेरा हाल जाना है। बकौल नेगी, क्षेत्र के विकास कार्यों के बाबत भी सीएम से बात की।