कन्या भ्रूण हत्या सबसे बड़ा पाप, पिछले दो वर्षों में राज्य में बालिका लिंगानुपात में काफी सुधारः टीएसआर

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि हमें बालिकाओं को स्वतंत्रता देनी होगी। उनकी क्षमताओं पर विश्वास करना होगा। संकोच, जीवन की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है। बेटियों को संकोच नहीं करना चाहिए। जब संकोच दूर होगा तभी प्रगति होगी। मुख्यमंत्री ने कन्या भ्रूण हत्या को बहुत बड़ा पाप बताते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में बालिका लिंगानुपात में काफी सुधार आया है।

सोलर और पिरूल पावर प्रोजेक्ट से बदलेगी पहाड़ की तस्वीर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 62 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी है। ये ग्रामीण विकास के महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र साबित होंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है। इसका विकल्प भी खोजना है। अदरक, लहसुन, हल्दी की खेती को अपनाया जा सकता है। पहाड़ में सोलर पावर प्रोजेक्ट और पिरूल से बिजली बनाने के लिए प्रोजेक्ट आवंटित किए गए हैं। चीड़ जो कि विनाश का प्रतीक था, जल्द ही रोजगार में सहायक होगा।

आगे बढ़ने के लिए मंथन जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुधार के लिए राजनीतिक हितों से ऊपर उठना होगा। आगे बढ़ने के लिए मंथन करना जरूरी है। इस वर्ष राज्य स्थापना सप्ताह के अंतर्गत रैबार, सैनिक सम्मेलन, महिला सम्मेलन, युवा सम्मेलन आदि कार्यक्रम इसी उद्देश्य से किये गये। ऐसे कार्यक्रमों से नीति निर्धारण और व्यवस्था परिवर्तन में सहायता मिलती है। ग्राउन्ड पर काम करने वाले और नीति निर्धारण करने वाले जब एक मंच पर मिलते हैं तो इससे राज्य व समाज के विकास की दिशा निर्धारित होती है।

महिलाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाओं की स्थिति पहले से अच्छी है। यहां की महिलाएं जुझारू हैं। उत्तराखण्ड निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पर्यावरण संरक्षण में यहां की महिलाओं का बड़ा योगदान रहा है। कृषि और पशुपालन में मुख्य रूप से महिलाएं ही काम करती हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्य स्थापना सप्ताह के अंतर्गत श्रीनगर में महिला सम्मेलन आयोजित किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि 20-25 साल पहले महिलाओं के विकास के लिए बात नहीं होती थी।

महिलाओं से ही पहाड़ का अस्तित्व
अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी ने कहा कि पहाड़ को अगर किसी ने बचाया है तो वह महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की कला और लोक कलाकारों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाए जाने की जरूरत है। यहां बेहतरीन फिल्में बनें जिन्हें कि देश विदेश में देखा जाए। सरकार से अपील की कि महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा जिम्मेदारी उन्होंने पलायन को लेकर अपनी लिखी कविता भी सुनाई।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गढ़वाली में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में महिलाओं की अहम भूमिका रही है। इस सम्मेलन में जो भी सुझाव मिलेंगे, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार कोशिश जरूर करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी महिलाओं के लिए कई योजनाएं बनाने की बात करते हैं। उनका महिलाओं को फायदा जरूर मिलेगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व अन्य अतिथियों ने जिलाधिकारी पौड़ी धीरज सिह गर्ब्याल की पहल पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं राष्ट्रीय पोषण अभियान, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग पौड़ी के तहत महिला समूह द्वारा बनाए गए झंगोरा लड्डू का स्वाद चखा और उसकी तारीफ की।

मकान के नीचे जमीन पर खजाना होने की बात कहकर तांत्रिक ने खुदवा दिया घर, पुलिस ने दबोचा

हरिद्वार जनपद में एक तांत्रिक ने एक महिला को स्वयं तंत्र मंत्र का सम्राट बताकर घर के नीचे खजाना होने की बात कही। महिला भी तांत्रिक के झांसे में आ गई और अपने ही घर में सुरंग खुदवा डाली। सुरंग खोदने की सूचना जैसे ही पड़ोसियों को लगी, वह मौके पर पहुंचकर देखने लगे और अनहोनी की सूचना पर पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और तांत्रिक सहित चार लोगों को पकड़कर ले गई।

पुलिस के मुताबिक ज्वालापुर पीठ बाजार निवासी विजय वर्मा कुछ साल पहले अपनी पत्नी रजनी के साथ नोएडा जाकर रहने लगे थे। यहां मकान पर ताला लगा रहता था। इस बीच विजय वर्मा का निधन हो गया। पति की मौत के बाद पत्नी रजनी वर्मा अपना घर बेचना चाहती थी। इसी बीच उनकी मुलाकात तंत्र-मंत्र करने वाले परमेश्वर उर्फ जस्सा निवासी अंबाला से हुई। उसने रजनी वर्मा को झांसा दिया कि मकान बेचने से उसे बहुत नुकसान हो जाएगा। क्योंकि मकान के अंदर जमीन में खजाना दबा है।

वह तंत्र-मंत्र कर सोना निकाल सकता है। खजाना निकलने पर आधा हिस्सा देने की शर्त पर हामी भरते हुए रजनी वर्मा ने तांत्रिक को हरिद्वार लाकर अपने घर में छोड़ दिया। तांत्रिक ने रजनी की बहन सीमा व अन्य लोगों के साथ मिलकर घर में खुदाई शुरू करा दी। कई दिन तक गड्ढा खोदने की आवाज आने पर पड़ोसियों को शक हुआ। उन्होंने जैस ही सुरंग देखी इसकी जानकारी दूसरों को मिलने पर हंगामा होने लगा। लोग मकान में जुटने लगे। सूचना पर रेल चौकी प्रभारी सुनील रावत मौके पर पहुंचे और तांत्रिक व रजनी की बहन सीमा सहित चार लोगों को हिरासत में ले लिया।

प्लास्टिक मुक्त दून बनाने में देहरादून वासियों का भरपूर सहयोग मिल रहाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को ‘‘पॉलीथीन मुक्त ग्रीन दून मिशन ’’ अन्तर्गत नगर निगम, देहरादून द्वारा आयोजित मानव श्रृंखला कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। पॉलीथीन मुक्त, स्वच्छ एवं सुंदर दून बनाने के उद्देश्य से आयोजित 50 किमी की इस विशाल मानव श्रृंखला में एक लाख से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मियांवाला चौक से राजपुर रोड होते हुए घंटाघर तक मानव श्रृंखला में प्रतिभाग कर रही जनता का उत्साहवर्धन किया। प्रातः 10ः00 बजे, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा ने मानव श्रृंखला में शामिल होकर देहरादून को स्वच्छ-सुंदर एवं पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए जनता से आह्वान किया। इस मानव श्रृंखला में जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं, शासन एवं प्रशासन के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग किया। यह मानव श्रृंखला, मियांवाला से मसूरी डायवर्जन, घंटाघर, जीएमएस रोड, सहारनपुर रोड होते हुए घंटाघर तक बनाई गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का जो आह्वान किया है, देहरादून इसमें लीड ले चुका है। उन्होंने सभी प्रदेश वासियों को पॉलीथीन मुक्त उत्तराखण्ड बनाने में सकारात्मक सहयोग देने पर उनका आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक मुक्त, स्वस्थ-सुंदर एवं ग्रीन दून बनाने के लिए सभी देहरादून वासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। हमने पॉलीथीन मुक्त दून बनाने का संकल्प लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्लास्टिक का इस्तेमाल, सामाजिक बुराई बन गई है। मानव जीवन एवं जीव-जन्तुओं पर इसके अनेक दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं। पॉलीथीन मुक्त देहरादून के लिए नगर निगम देहरादून द्वारा जो अभियान चलाया जा रहा है, इसके काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए जन सहयोग के साथ ही सभी को पॉलीथीन का उपयोग न करने का दृढ़ निश्चय करना होगा।

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि स्वच्छ एवं ग्रीन दून के लिए देहरादून नगर निगम द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पॉलीथीन के बहिष्कार के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। पिछले तीन माह में जन जागरूकता से देहरादून में पॉलीथीन के उपयोग में 70 प्रतिशत कमी आयी है। जन सहयोग से जल्द ही देहरादून को पूर्ण रूप से सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त किया जायेगा।

पीएम के आध्यात्मिक गुरू के आश्रम पहुंची जशोदाबेन, किए समाधि के दर्शन

तीर्थनगरी पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने पति के आध्यात्मिक गुरु रहे ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद की समाधि स्थल पर पहुंची। यहां उन्होंने माथा टेका और पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने पीपल की परिक्रमा कर रक्षा सूत्र बांधा। यहां के बाद आश्रम के उपाध्यक्ष साक्षातकृतानंद सरस्वती, आश्रम प्रबंधक गुणानंद रयाल, शकुंतला रयाल ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।

इस दौरान राम चौबे, जय कुमार तिवारी सहित स्थानीय लोगों ने उनके मुलाकात कर उन्हें गंगाजल का कलश तथा शिवत्व का प्रतीक रुद्राक्ष की माला भेंट की। इसके बाद वह वह वापस हरिद्वार लौट गईं।

जितना योगदान उत्तराखंड का देश को सैनिक देने में है, उतना किसी अन्य का नहीं

सोमवार को राज्य स्थापना सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम ‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान’’ के अंतर्गत पहले सत्र में ‘राष्ट्रीय सुरक्षाः चुनौतियों के बदलते आयाम पर चर्चा की गयी। सत्र में वक्ता के रूप में पूर्व वाइस आर्मी चीफ ले. जन एएस लांबा, ले. जन ओपी कौशिक व पूर्व रॉ चीफ आलोक जोशी ने प्रतिभाग किया।
‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान कार्यक्रम’’ के द्वितीय सत्र में ‘आंतरिक सुरक्षा और सुरक्षा बलों का प्रशिक्षण व आधुनिकीकरण’ विषय पर चर्चा की गयी। इस सत्र में वक्ता के रूप में कमांडेंट, आईएमए ले.जन. एस.के.झा, पूर्व कमांडेंट, आईएमए ले.जन. जी.एस.नेगी, ले.जन.के.के. खन्ना व डीजी लॉ एंड ऑर्डर (उत्तराखण्ड पुलिस) अशोक कुमार ने प्रतिभाग किया।

‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान कार्यक्रम’’ के तृतीय सत्र में ‘सैनिक कल्याण एवं सेवानिवृत्ति के बाद गरिमा’ पर चर्चा की गयी। इस सत्र में वक्ता के रूप में निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर के.बी.चंद व एमडी उपनल ब्रिगेडियर पी.पी.एस पाहवा ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय परिवहन राज्य मंत्री (रि.)जनरल वी.के. सिंह भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वी.के सिंह का उत्तराखंड से गहरा लगाव है। उनके लोकसभा क्षेत्र में उत्तराखंड के ज्यादातर लोग रहते हैं। केन्द्रीय परिवहन राज्य मंत्री (रि.)जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि जिस देश में सैनिकों का सम्मान नहीं होता वह देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। देश को आगे बढ़ाने के लिए हमें सैनिकों का मनोबल बढ़ाना होगा। उत्तराखंड ऐसा राज्य है जिसके हर दूसरे घर में एक सैनिक है। यहां देश के सर्वोत्तम शौर्य मेडल से सम्मानित जवान हैं। वर्तमान में 70 हजार से ज्यादा सैनिक सेना में कार्यरत है। जितना योगदान उत्तराखंड का देश को सैनिक देने में रहा है उतना और किसी का नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रिटायर्ड सैनिकों का सही इस्तेमाल कर सकती है। इससे प्रदेश की प्रगति होगी। हमारे सैनिक हमेशा ये सोचते हैं कि कैसे हमारे देश का नाम दुनिया में हो। ऐसे में हमें उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए।

‘‘मेरे सैनिक मेरा अभिमान कार्यक्रम’’ के चतुर्थ सत्र में ‘देश की सुरक्षा में उत्तराखण्ड का योगदान’ विषय पर चर्चा की गयी। चतुर्थ सत्र में वक्ता के रूप में पूर्व राज्यसभा सांसद तरूण विजय, ब्रिगेडियर के.जी.बहल, अध्यक्ष एक्स सर्विसमैन लीग ब्रिगेडियर आर.एस.रावत ने प्रतिभाग किया।

सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल न करे प्रदेश की जनताः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने की प्रदेश वासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल नहीं करने की अपील की है। उन्होंने प्रदेश वासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बन्द करने की अपील की है। इसके प्रति जन जगरूकता के लिये देहरादून में 5 नवम्बर को बनायी जा रही मानव श्रृंखला में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का भी उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 कि.मी. लम्बी इस मानव श्रृंखला में लगभग एक लाख लोग सम्मिलित होंगे। इसमें स्कूली छात्र, कर्मचारी, व्यापारी, सभी सामाजिक एवं नागरिक संगठनों द्वारा भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। यह श्रृंखला मियांवाला से मसूरी डायवर्जन, घंटाघर, जीएमएस रोड, सहारनपुर रोड होते हुए फिर घंटाघर तक बनायी जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हम जिस सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रहे हैं इससे अनेक बीमारियां पैदा हो रही हैं। यह मानव मात्र के लिए ही नहीं अपितु पशुओं एवं समुद्री जीवों के लिये भी यह हानिकारक है। उन्होंने कहा कि इसके दुष्प्रभाव से जंगली जानवर भी पीड़ित होने लगे हैं। हाथी के पेट में भी प्लास्टिक पहुंचना हमारे लिए चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि पालीथीन से बरसात में नालियां जाम हो जाती हैं, जिससे जल भराव की स्थिति पैदा होने के साथ ही तमाम अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने समाज के व्यापक हित में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का संकल्प लेने की सभी से अपेक्षा की है।

हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका को वापस लेने के मूड़ में है वन मंत्री

उत्तराखंड में 2016 के हॉर्स-ट्रेडिंग केस में सीबीआई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग केस में चल रही जांच मामले बीजेपी नेता हरक सिंह रावत हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले सकते हैं। कोर्ट को इस बारे में जानकारी दे दी गई है।

बता दें कि सीबीआई जांच मामले में हरक सिंह रावत ने याचिका दाखिल की है। उन्होंने सीबीआई की जांच को कैबिनेट द्वारा निरस्त कर एसआईटी जांच को चुनौती दी है। पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, जिसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. सीबीआई ने हरक सिंह रावत को भी आरोपी बनाया है।

यह है पूरा घटनाक्रम
गौरतलब है कि 2016 में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप में किए गए एक स्टिंग में केंद्र सरकार ने 2 अप्रैल, 2016 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद सीबीआई जांच शुरू की थी। तब राज्य में कांग्रेस सरकार की बहाली हो गई और सरकार ने कैबिनेट बैठक में सीबीआई जांच को निरस्त कर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया। इसके बाद भी सीबीआई ने जांच जारी रखी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जांच के लिए 9 अप्रैल, 2016 को समन भेजा।

सीबीआई के लगातार समन भेजे जाने को हरीश रावत ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि राज्य सरकार ने 15 मई, 2016 को सीबीआई जांच के आदेश को वापस ले लिया था और एसआईटी का गठन कर दिया गया था। इसलिए सीबीआई को इस मामले की जांच का कोई अधिकार ही नहीं है। सीबीआई की पूरी कार्रवाई को निरस्त किया जाए। हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच जारी रखने की इजाजत देते हुए यह कहा था कि कोई भी कदम उठाने से पहले उसे हाईकोर्ट की अनुमति लेनी होगी।

बहरहाल, हरीश रावत के सामने सीबीआई केस के रूप में बड़ी चुनौती है. 70 की उम्र पार कर चुके हरीश रावत के लिए राजनीति का यह दौर इतना भारी पड़ेगा इसका अंदाजा उन्हें शायद ही रहा हो। केस दर्ज होने के बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

उत्तराखंड स्वाभाविक रूप से आर्गेनिक राज्यः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत, एनटीआरओ के पूर्व प्रमुख आलोेक जोशी, कोस्ट गार्ड के पूर्व महानिदेशक राजेन्द्र जोशी, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत सहित विभिन्न हस्तियों ने उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आयोजित ‘रैबार-2‘ कार्यक्रम में शिरकत की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रैबार के सफल परिणाम आए हैं। कोस्ट गार्ड का रिक्यूरिंग सेन्टर हमें मिला है। तमाम विकास की योजनाओं में हमें जो समर्थन मिला है उसमें कहीं न कहीं रैबार कार्यक्रम का भी योगदान रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम कहते हैं कि शहीद राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं के अनुरूप उत्तराखण्ड बने तो इसका आशय प्रदेश के संतुलित विकास से होता है। हमें उन क्षेत्रों में आगे बढ़ना होगा जिसमें हमारा एकाधिकार हो सकता है। उत्तराखण्ड स्वाभाविक रूप से आर्गेनिक राज्य है। हमने पूरे प्रदेश में आर्गेनिक क्लस्टर तैयार किये है।

पिरूल को हम अभिशाप मानते हैं, वो हमारे लिए वरदान साबित होने वाला है। हम पिरूल से बिजली बनाने के लिए नीति बनाई है। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने के 23 प्रोजेक्ट शीघ्र ही राज्य में शुरू होने वाले हैं, इससे कुछ ही दिनों मंे बिजली बनना आरम्भ हो जायेगा। गैस की अपेक्षा पिरूल की पत्तियों से होने वाली ऊर्जा की लागत काफी कम है, जल्द ही हम पाईन की पत्तियों से फ्यूल बनाने का पहला प्रोजेक्ट लगाने जा रहे है। चीड़ वनों में विनाश का कारण बन रहा था, पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा था, वही चीड़ की पत्तियों से हमे अब ऊर्जा मिलेगी, हजारांे लोगों को रोजगार मिलेगा, यह हमारे विकास का आधार बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रैबार कार्यक्रम के बाद इन्वेस्टर्स समिट के समय हम 10 नई पॉलिसी लेकर आए और 05 पॉलिसी में परिवर्तन किया। परिणामस्वरूप एक वर्ष एक माह में ही प्रदेश में 17,000 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश ऑन ग्राउण्ड हुआ है। सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़े हैं। सोलर में राज्य में 600 करोड़ रूपये का निवेश हुवा है।

उत्तराखंडवासी जहां भी गया अपना योगदान दियाः योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने रैबार-2 को अपनी भूमि से जोड़ने का एक अभिनव प्रयोग बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के चारधामों के प्रति देश व दुनिया के श्रद्धालु अपनी सच्ची श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का वासी जहां कहीं भी गया है वहां की समृद्धि में अपना योगदान दिया है। देश की सेना सहित अन्य क्षेत्रों में इस प्रदेश ने कई विभूतियां दी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड उनकी भी जन्म भूमि है। आज उत्तराखण्ड के हर क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी व स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध है, फिर भी पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन होना चिन्ता का विषय है। जरा सोचिए आज से 60-70 साल पहले तक जब यहां सड़क, बिजली, स्वास्थ्य सुविधा व पेयजल की पर्याप्त उपलब्धता नही थी बावजूद इन तमाम दुष्वारियों के हमारे पूर्वज यहां आकर बसे। वे बिना सुविधाओं के यहां बसे आज की पीढ़ी सुविधाओं के बावजूद अपने गांवो को छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भी कहा था कि जननी और जन्मभूमि का कोई विकल्प नहीं हो सकता है।

उत्तराखंड के सैनिकों ने हर आतंकवादी घटना का मुहतोड़ जवाब दियाः सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा कि सन् 1962 से लेकर आज तक विभिन्न युद्धों में और आतंकवादी घटनाओं को नाकाम करने में उत्तराखण्ड के सैनिकों ने जो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। रैबार-2 के लिए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि यह देखकर बहुत खुशी होती है कि यह प्रदेश काफी तेज गति से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। पहले विनाश के रूप में पहचाने जाने वाले चीड़ की पत्तियों से अब विकास का आधार तैयार किया जा रहा है। कई प्रकार की औषधि हैं जो पहले नष्ट कर दी जाती थी, अब उपयोग में लायी जा रही हैं। पर्यटन के क्षेत्र में भी काफी कार्य किया गया है।

हाल ही मे हमने चीन के साथ लगे पहाड़ी इलाकों में अखरोट और चिंगोले की खेती में सहयोग के साथ टेलिकॉम की सुविधा, सड़क निर्माण एवं एडवांस लैंडिंग एयर फील्ड में भी पहल की है। मुझे यह भी खुशी है कि प्रदेश में जो भी कार्यक्रम होता है उसमें सदा ही भारतीय सैनिकों व माताओं को सम्मानित किया जाता है। उत्तराखण्ड, भारतीय सेना में लगातार बहादुर जवान तैनात करते आया है। उत्तराखण्ड का निवासी, नौजवान, नारियां कभी भी दुशमन व आतंकवाद का सामना करने से पीछे नही हटते, इसके लिए हमें आप सब पर गर्व है। उत्तराखण्ड ने हमारी सेना को कई वीर सपूत दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को उत्तराखण्ड के विकास में योगदान की शपथ भी दिलाई। इसके अतिरिक्त वीर नारियों को सम्मानित भी किया गया।

आखिर क्यों सीएम त्रिवेन्द्र माता मंगला मूर्ति को बताया ममता की मूर्ति, जानिए…

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हंस फाउण्डेशन द्वारा समाज के व्यापक हित में किये जा रहे कार्यों को समाज के लिये वरदान बताया है। देश के साथ ही उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, कृषक कल्याण एवं राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों की आबादी के जीवन स्तर में सुधार लाने में हंस फाउण्डेशन द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी उन्होंने सराहनीय बताया है।

शनिवार को नई दिल्ली में हंस फाण्डेशन की 10वीं वर्षगाठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि माता मंगला के मार्गदर्शन में हंस फाउंडेशन उत्तराखंड में विजन 2020 पर काम कर रहा है। इसमें बिजली, पानी, सैनिटेशन, एजुकेशन, हेल्थ, रोजगार व महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ सुधार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में फाउंडेशन देश भर में मेडिकल मोबाइल वैन के जरिए उन गावों तक पहुंच रहा है जहां प्राथमिक स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं नहीं है।

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी कहते थे कि जिस तरह सूर्य समुद्र से जल सोखकर उसे निस्वार्थ भाव से बारिश के रूप में धरती को लौटाता है, उसी तरह मानव को भी निष्काम भाव से जनकल्याण के प्रयास करने चाहिए। यह उक्ति हंस फाउण्डेशन की माता मंगला पर सटीक बैठती है। मुख्यमंत्री ने माता मंगला को ममता की मूर्ति बताते हुए उनके दीर्घायु की कामना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हंस फाउण्डेशन इसी प्रकार जन कल्याण के परोपकारी कार्यों से समाज को दिशा प्रदान करता रहेगा।

उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्थाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्माता विनोद बच्चन ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में इस माह 10 दिनों तक मसूरी, देहरादून एवं ऋषिकेश में ‘गिन्नी वेड्स सन्नी’ फिल्म की शूटिंग की जायेगी।

इस फिल्म के निर्देशक पुनीत खन्ना, प्रमुख कलाकार विक्रान्त मासी एवं यामी गौतम हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों के फिल्मांकन के लिए अच्छा प्राकृतिक सौन्दर्य है। स्विटजरलैण्ड में कुछ ही स्थान फिल्मों की शूटिंग के लिए अच्छे हैं, लेकिन उत्तराखण्ड में ऐसे अनेक स्थान हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड में फिल्मों के फिल्मांकन में भी अच्छा सहयोग मिलता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था की गई है। पिछले ढ़ाई साल में प्रदेश में कई फिल्मों का फिल्मांकन किया गया है। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक दर्शनीय स्थल हैं। ऑल वेदर रोड का कार्य पूर्ण होने के बाद फिल्मों की शूटिंग के लिए और सुगमता होगी।

इस अवसर पर कोरियोग्राफर राजीव सूर्ति, विकास सिंह, उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद् के नोडल अधिकारी केएस चौहान, लोकल लाईन प्राड्यूसर पूरन थापा, अभिषेक मैन्दोला, फिल्म एक्सपर्ट सुमित अद्लखा आदि उपस्थित रहे।