महिलाएं आत्म निर्भर बनेगी तभी तो सवरेगा उत्तराखंड

महिलाएं आत्म निर्भर बनेगी तभी तो सवरेगा उत्तराखंड
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ के तहत महिलाओं सम्मानित किया
देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं व किशोरियों को सिलाई मशीनें व सहायता राशि प्रदान की। उन्होंने ‘हमारी कन्या हमारा अभिमान’ योजना के तहत भी चैक वितरित किए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ को महिलाओं का बहुत समर्थन मिला है। महिला सशक्त आजीविका योजना कोष स्थापित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 50 लाख रूपए देगी। हमें खुशी है कि योजना से बड़ी संख्या में महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद मिली है। इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं आजीविका में आत्मनिर्भर हो सकती हैं। देहरादून में इसमें अच्छा काम हुआ है। देहरादून की बालिकाएं राज्य के लिए मापदंड स्थापित करेंगी।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्रतियोगिता के जमाने में हमें अपने उत्पादों की गुणवŸाा बेहतर करनी होगी। महिला स्वयं सहायता समूह इस दिशा में बहुत उत्साहवर्धेक काम कर रहे हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम न केवल उनकी आजीविका के लिए प्रशिक्षण की योजना संचालित कर रहे हैं बल्कि अब सरकारी खरीद के साथ इसे जोड़ रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक सरकारी विभाग अपने लिए आवश्यक सामानों की खरीद के लिए बजट का एक निश्चित प्रतिशत महिला स्वयं सहायता समूहों से खरीदने पर व्यय करें। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि महिला सशक्त आजीविका योजना कोष स्थापित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 50 लाख रूपए देगी। राज्य के प्रत्येक विधायक से इस कोष के लिए 1-1 लाख रूपए व सांसदो ंसे 5-5 लाख रूपए दिए जाने का अनुरोध करेंगे। इस कोष से महिलाओं के प्रशिक्षण के काम को और भी तेजी से बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि विकास समावेशी होना चाहिए। इसमें सभी वर्गों की भागीदारी होनी चाहिए। हमने एक दर्जन से भी अधिक प्रकार की सामाजिक कल्याण की पेंशनें प्रारम्भ कीं। पेंशन राशि को 400 रूपए से बढ़ाकर एक हजार रूपए किया। पेंशन लाभार्थियों की संख्या 1 लाख 74 हजार से बढ़कर 7 लाख से भी ज्यादा हो गई हैं। हमारी कन्या हमारा अभिमान योजना के तहत उन माताओं को सम्मान राशि प्रदान की जाती हैं जिनके दो कन्याएं हैं। महिलाओं की भर्ती के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनको वार्षिक टर्नओवर पर 5 प्रतिशत बोनस दिया जा रहा है। साथ ही 5 हजार रूपए राशि से उनका बैंक खाता राज्य सरकार खुलवा रही है। केपिटल सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। ऊधमसिंह नगर में महिला उद्यमिता पार्क स्थापित किया जा रहा है। राज्य में परिवर्तन के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ राज्य के पांच जिलों में संचालित की जा रही है। इसमें महिलाओं व किशोरियों को आजीविका के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें 50 हजार रूपए तक की परिसम्पŸिायां आजीविका के लिए प्रदान की जाती हैं। इसी योजना के तहत मद्रासी कालोनी, देहरादून की 100 महिलाओं को निस्बड के सहयोग से प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। इसमें 64 महिलाओं को वस्त्र डिजाईनिंग व 36 महिलाओं को ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव विम्मी सचदेवा रमन, जिलाधिकारी देहरादून रविनाथ रमन आदि मौजूद थे।

हाईस्कूल पास के लिए बड़ा मौका!

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नई दिल्ली।
भारत की बहुप्रतिष्ठित खुफिया एजेंसी इंटेलीजेंस ब्यूरो ने सेक्योरिटी असिस्टेंट पद के लिए विज्ञप्ति जारी की हैं. इच्छुक उम्मीदवार/अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन करने की अंतिम तारीख 6 अगस्त है।
पदों की संख्या- 209
पद का नाम – सिक्योरिटी असिस्टेंट
शैक्षणिक योग्यता – किसी भी मान्य बोर्ड से 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की हो। साथ ही साल भर का ड्राइविंग एक्सपीरियंस का होना अनिवार्य है।
उम्र सीमा – अधिकतम उम्र 30 साल है। अनूसुचित जाति/जनजाति के लिए सरकारी नियमानुसार छूट प्रदान की जायेगी।
कैसे होगी प्रक्रिया- उम्मीदवारों का चयन इंटेलीजेंस ब्यूरो द्वारा कराए गए ड्राइविंग टेस्ट के आधार पर किया जाएगा।
मानदेय- चयनित उम्मीदवारों को 5200 -20200 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। ग्रेड पे 2000 रुपये लागू होगा।
अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर लांग ऑन करें-mha.nic.in

बिहार में दलित युवकों की पिटाई, पेशाब पिलाने का आरोप

बिहार। गुजरात में दलित युवकों की मारपीट की घटना पर देश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने गुजरात की यात्रा कर डाली। लेकिन नीतिश कुमार के राज्य बिहार के मुजफ्फरपुर से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि एक दबंग मुखिया पति ने दो दलित युवकों की बेरहमी से पिटाई कर डाली। वह इतने में ही नही रुका उसने गांव के युवकों से इन युवकों के मुंह में पिशाब तक करा डाला। बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर जिले के पारू प्रखंड के बाबूटोला में पारू उत्तरी पंचायत के मुखिया के पति मुकुल ठाकुर ने बाइक चोरी का आरोप लगाते हुए दो युवकों के साथ जमकर मारपीट की। इतना ही नहीं मुखिया पति ने अपने भतीजे से इन दोनों दलित युवकों के मुंह में पेशाब भी करवाया।
इस मामले को लेकर पारू मठिया गांव निवासी पीड़ित दलित युवक की मां सुनीता देवी ने पारू थाने मे मुखिया पति समेत 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।
पीड़ित दलित युवक की मां सुनीता देवी ने पुलिस को दिए आवेदन में कहा है कि 20 जुलाई को उसका पुत्र राजीव और एक रिश्तेदार मुन्ना पासवान मोटरसाइकिल से पारु थाना क्षेत्र में चल रहे अनपूर्णा महायज्ञ का मेला देखने के लिए गए थे। मेला देखने जाने के दौरान रास्ते में ही मुखिया पति मुकेश ठाकुर उर्फ मुकुल ठाकुर ने अपने समर्थकों के साथ उसे रोक लिया और बाइक चोरी करने के आरोप मे बेरहमी से पिटाई कर डाली।
बताया कि मारपीट के बाद जब इन दोनों युवकों ने अपने आप को बेकसूर बताते हुए छोड़ देने की बात कही तो मुखिया पति ने अपने भतीजे से इन दोनों युवकों के मुंह में पेशाब करवा दिया। पुलिस को बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर जब परिवार वाले बचाने के लिए मौके पर पहुंचे तो उनके साथ भी अभ्रदता की गई।
मुजफ्फरपुर के एसएसपी विवेक कुमार ने बताया जांच जारी है, मामला सही पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर जब आरोपी मुखिया से इस बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा की पूरा मामला गलत है, उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में जीत से विरोधी उनके खिलाफ साजिश रच रहे है।

छीटाकशीं और छेडछाड से परेशान हिंदुओं का पलायन!

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रुक नही रही सपा सरकार में हिंदुओं के पलायन की घटना
कैराना के बाद अलीगढ की घटना से प्रदेश का माहौल गर्म
उत्तर प्रदेश।
अलीगढ़ में दो समुदायों के बीच झड़प के बाद एक पक्ष के लोगों ने अपने घरों और दुकानों के बाहर संपत्ति बिकाऊ होने के बोर्ड टांग दिए हैं। अलीगढ़ में दुकान के बाहर टंगे बोर्ड इशारा कर रहे हैं कि यहां सब कुछ ठीक नही है। अलीगढ़ में इस बोर्ड पर लिखा है कि जान है तो जहान है, ये दुकान बिकाऊ है।
अलीगढ़ के बाबरी मंडी में ये बोर्ड जिन घरों और दुकानों के बाहर लगे हैं वो हिंदुओं के बताए जा रहे हैं। आरोप है कि छेड़छाड़ और मारपीट की घटनाओं से तंग आकर कुछ हिंदू परिवार यहां से पलायन कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार रात को बाबरी मंडी इलाके में एक हिंदू महिला से छेड़छाड़ की गई और विरोध करने पर उसके परिवार वालों पर पत्थरबाजी हुई। इस घटना को लेकर गुरुवार को हिन्दू समुदाय ने जमकर हंगामा भी किया। एम पक्ष के लोगों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाये है।
सूत्रों की मानें तो आएं दिन छीटाकशीं और छेडछाड की घटना से नाराज होकर एक पक्ष के लोगों ने अपने स्थानों से चले जाने में ही भलाई समझी। लोगों का आरोप है कि पुलिस जबरदस्ती मकान और दुकान बिकाऊ हैं के बोर्ड हटवा रही है ताकि मामला ज्यादा न गरमाए।
आरोप है कि सरकार के दबाव में पुलिस समुदाय विशेष के लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। बाबरी मंडी के स्थानीय लोगों के अनुसार यहां के हालात इतने भयावह है कि स्कूल जाते समय बच्चियों और बाजार जाते समय महिलाओं पर छींटाकशी होती है।
वहीं मामला बढता देख पुलिस घटना को मामूली छेड़छाड़ का मामला बताकर आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कह रही है हालांकि पुलिस ने माना है कि इस वजह से इलाके में तनाव है। उत्तर प्रदेश में कैराना और मुजफ्फरनगर की घटना पर पहले भी सियासत गर्मायी थी, वहीं एक बार फिर हिंदू पलायन को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है।
अलीगढ़ के सांसद ने बताया कि स्थानीय सूत्रों के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली है। उन्होंने प्रशासन के आला अधिकारियों से वार्ता कर आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार सिर्फ एक समुदाय विशेष की बात करती है, मुसलमानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि किसी को पलायन करने की जरुरत नही है।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में हिंदुओं का पलायन को लेकर भाजपा आक्रमक बनी हुई है। पूर्व में कैराना में हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर काफी बवाल मचा था। अब बडा सवाल यह है कि अलीगढ़ में भी कुछ वैसा ही माहौल बन रहा है या राजनीतिक पार्टियां अपन रोटियां सेकने के लिए माहौल को गर्मा रही है।

उड़ता पंजाब के बाद उड़ते आप के सांसद!

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भगवंत मान पर सनसनी खेज खुलासा
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के निलंबित सांसद हरिंदर खालसा ने सांसद भगवंत मान पर सनसनीखेज ख्ुलासा किया हैं। खालसा ने कहा है कि सांसद भगवंत मान सदन में शराब पीकर आते हैं। सांसद हरिंदर खालसा ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से शिकायत करते हुए अपनी सीट बदलने की मांग भी कर डाली।
आपकों बतातें चले कि खालसा और मान की सीट एक साथ है। हरिंदर खालसा ने कहा कि मान की सीट से बहुत ज्यादा शराब की बदबू आती है। उनसे बचने के लिए मैं किसी न किसी बहाने से इधर-उधर भागता हूं। उन्होंने ये भी जोड़ा कि मैंने स्पीकर से शिकायत नहीं बल्कि विनती की है कि वह मेरी सीट को बदलें। हालांकि मान ने खालसा के आरोपों को निराधार बताया है।
हरिंदर खालसा ने कहा कि वह (मान) तो कलाकार आदमी है, शराब पीकर संसद आ सकता है, गुरुद्वारे जा सकता है। मैंने तो बस ये कहा है कि हमें बचाओ। पाटी फोरम में बात उठाने के सवाल पर उन्होंने कहां कि पार्टी ने तो उन्हें निलंबित किया है। ऐसे में वह अपनी बात कैसे रखें?
नशे के खिलाफ आप की खुली पोल!
आप नेता भले ही पंजाब के कुशासन और बढते नशे के कारोबार के खिलाफ तेजी से मुखर हो रहे हो, लेकिन मान पर हुए खुलासे से आप नेताओं की पोल खुलती नजर आ रही है। एक तरफ तो आप नशे के खिलाफ झंडा बुलंद कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उसके सांसद संसद की मर्यादा को तार करने पर तुले हुए है।

एक मां बोलीं, बताइए बेटी को कहां पेश करूं?

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लखनऊ।
दयाशंकर सिंह की मां ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मायावती के साथ बीएसपी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी व अन्य के खिलाफ शिकायत दी। अपनी शकायत में उन्होंने लिखा है कि बीएसपी के प्रदर्शन में उनके परिवार को धमकाने वाले व महिला विरोधी नारे लगाए गए। उन्होंने न्युज एजेंसी (एएनआई) से बात करते हुए कहा कि मेरे बेटे ने कुछ भी गलत नहीं किया लेकिन हम फिर भी क्षमा मांगते हैं।
मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोपी बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह का पुलिस कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है। वहीं, परिवार पर चौतरफा हमला झेल रही दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने भी मायावती के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज कराया है। स्वाति सिंह ने कहा कि कल तक मेरे साथ कोई नहीं था। लेकिन आज कई लोग मेरे साथ आए हैं। कहा कि मेरी सास ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में मेरा नाम भी जोड़ दिया गया है।
स्वाति सिंह ने कहा कि वह अपने पति का कोई बचाव नही कर रही है। लेकिन एक तरफ मायावती के खिलाफ टिप्पणी करने पर बवाल हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ हमारे खिलाफ अर्मादित टिप्पणी का कोई विरोध नही किया जा रहा है। इस देश में क्या एक ही बात के लिए दो अलग-अलग कानून है? उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं से तल्खी में पूछा कि बताएं हम अपी बहु-बेटियों को लेकर कहां आएं?
उधर, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोपी बीजेपी के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी के लिए 36 घंटे का अल्टीमेटम दिए जाने के बीच पुलिस उनका कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि सिंह की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है, लेकिन उनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। इससे पहले सिंह के छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह को कल पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन पुलिस को सिंह के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी। पूछताछ में धर्मेन्द्र लगातार यही कहते रहे कि सिंह 21 जुलाई को तड़के गोरखपुर चले गए थे। उसके बाद उनका सिंह से कोई संपर्क नहीं हुआ है।
झा ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार रात बैरिया स्थित सिंह के मामा के घर पर भी दबिश दी थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। सिंह का मोबाइल फोन भी 20 जुलाई की रात एक बजे से स्विच ऑफ है।

धमकाने वाले एसडीएम का हुआ तबादला

http://sankhnaad.com/ की खबर ….. आपदा पीडितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन! का डीएम टिहरी ने लिया संज्ञान
लक्ष्मीराज चौहान को नरेन्द्रनगर का एसडीएम बनाया
केके मिश्रा को मुख्यालय से सबंद्ध किया
ऋषिकेश।
नरेन्द्रनगर एसडीएम केके मिश्रा का गुरुवार को टिहरी डीएम ने बतादला कर दिया। उन्हे टिहरी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। लक्ष्मीराज चौहान को नरेन्द्रनगर का नया एसडीएम बनाया गया है।
http://sankhnaad.com की खबर ….. आपदा पीडितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन! का डीएम टिहरी ने संज्ञान लिया है। एसडीएम केके मिश्रा ने बुधवार को नरेन्द्रनगर के कुमारखेडा के ग्रामीणों को आपबीती सुनाते समय धमकाया था। एसडीएम ने आपदा पीडितों को नेतागीरी न करने की धमकी भी दी थी। जिससे ग्रामीण आक्रोशित थे, उनका कहना था कि उनकी परेशानी से प्रशासन का कोई लेना देना है। अपनी बात रखने पर एसडीएम उन्हें धमका रहे है। वह कहां जायें?
मौके पर एक टीवी पत्रकार को मर्यादा में रहने की हिदायत भी एसडीएम को भारी पडी। आपके प्रिय समाचार पोर्टल http://sankhnaad.com ने जैसे ही खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो टिहरी डीएम इन्दुधर बौडाई ने मामले का संज्ञान लेते हुए गुरुवार को एसडीएम केके मिश्रा को मुख्यालय से अटैच कर दिया। नरेन्द्रनगर के एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान का बनाया गया है। बतातें चले कि चौहान पूर्व में भी नरेन्द्रनगर के एसडीएम रह चुके है।

200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉ200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार

सीएम हरीश रावत ने पीएम से मांगा सहयोग
देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड की चीनी मिलों के लिए केन्द्र सरकार से 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि राज्य में 8 चीनी मिलें हैं जिनमें से 5 मिलें सार्वजनिक व सहकारी क्षेत्र की एवं 3 निजी क्षेत्र की हैं। राज्य में चीनी मिलों ने पिराई सीजन 2015-16 में कुल 28.37 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पिराई की और 2.73 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया गया। इस सीजन में गन्ना किसानों का कुल देय भुगतान रू0 790.57 करोड़ था। राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को साफ्ट लोन व विभिन्न प्रकार की रियायतें उपलब्ध करवाईं गईं। चीनी मिलों द्वारा रू0 573.71करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है परंतु अभी भी रू0 216.86 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है।
मुख्यमंत्री रावत ने पत्र में बताया है कि लगभग 1 लाख 75 हजार से अधिक गन्ना किसान उŸाराखण्ड की चीनी मिलों से जुड़े हुए हैं। पिछले पिराई सीजन में केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी 2015 में लोन पैकेज घोषित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा भी गन्ना किसानों व चीनी मिलों को गन्ना खरीद टैक्स, एन्ट्री टैक्स, गन्ना सोसाईटी कमीशन व मण्डी समिति टैक्स आदि में छूट दी गईं। परन्तु ये उपाय भी चीनी मिलों को उबारने व गन्ना किसानों के पूर्ण भुगतान के लिए पर्याप्त नहीं रहे।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस वित्तीय संकट के चलते गन्ना मिलें अपने मरम्मत व रख-रखाव कार्य करने में सक्षम नहीं रहेंगी, जिसका विपरीत प्रभाव अगले पिराई सीजन 2016-17 पर भी पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड की गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए रू0 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।

प्रदेशभर के स्कूलों में दीक्षा का शुभारंभ

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देहरादून।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बुधवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम ’दीक्षा’ (डेडीकेशन टू एनहेंस एजूकेशन नॉलेज, स्किल एण्ड हैबिट एसेसमेंट) का शुभारम्भ किया। मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से आधार कार्ड, मॉडल स्कूल और आपदा से क्षतिग्रस्त स्कूलों कीे मरम्मत कीे प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि आधार कार्ड बनाने के कार्य को अभियान के रूप में चलायें। मॉडल स्कूलों का मौके पर जाकर मुआयना करें। क्षतिग्रस्त स्कूलों के मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करें।
मुख्य सचिव ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि हर ब्लॉक में मॉडल स्कूल खोलने का प्रयोग सफल रहा है। ऐसे स्कूलों में छात्रों के नामांकन का प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष बल दिया। सचिव विद्यालयी शिक्षा डी.सेंथिल पांडियन ने दीक्षा के माध्यम से प्रारम्भिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत् व व्यापक मूल्यांकन (कांटीन्युवस एण्ड कांप्रीहेंसिव एवेल्युएशन) के बारे में विस्तार जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को माध्यमिक स्तर पर अधिगम स्तर आंकलन (लर्निंग लेवल एसेसमेंट) के बारे में बताया। सतत् और व्यापक मूल्यांकन में सभी बच्चों के सभी पक्षों का मूल्यांकन किया जाए। इसमें शैक्षिक पक्ष, सह-शैक्षिक पक्ष (रूचि, खेलकूद, संगीत, कला, व्यवहार, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से संबंधित) शामिल है। अधिगम स्तर आंकलन में कक्षा 9 के विद्यार्थियों के अकादमिक पक्ष (हिन्दी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषयों में लर्निंग लेवल) का आंकलन किया जाए। आंकलन के बाद बच्चों को सुधारात्मक शिक्षण दिया जाए। उन्होंने बताया कि कक्षा कक्ष में दीक्षा कार्यक्रम के तहत कक्षावार और विषयवार संकेतक(इंडीकेटर) बनाये गये है। इसके आधार पर मॉनिटरिंग की जाए। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जवाबदेही भी तय की गई है।
बैठक में अपर सचिव शिक्षा रंजना, निदेशक आर.के.कुंवर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आपदा पीड़ितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन!

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आपदा पीड़ितों को अपनी हक की आवाज उठाना पड़ा भारी
एसडीएम नरेन्द्रनगर ने आपदा पीड़ितो पर नेतागीरी करने का लगाया आरोप
ऋषिकेश।
बीते 17 जुलाई को नरेन्द्रनगर के कुमारखेड़ा में आई आपदा ने 250 से अधिक ग्रामीणों की जिंदगी में तूफान ला दिया। आपदा में पहाड़ टूटने के साथ ही कुमारखेड़ा गांव के कई घर क्षतिग्रस्त हो गये थे। पूरे गांव पर सकंट मंडराने लगा तो प्रशासन ने ग्रामीणों को दूसरे स्थान में शिफ्ट कर दिया। लेकिन आपदा पीड़ित जब अपनी मूलभूत जरुरतों के लिए प्रशासन से मदद मांगने गये तो आपदा पीड़ितो पर एसडीएम केके मिश्रा ने नेतागीरी करने का आरोप लगाया। सूत्रों की माने तो एसडीएम ने अपने हक की आवज उठा रहे ग्रामीणों को धमकाने का प्रयास भी किया। मौके पर मौजूद एक टीवी पत्रकार को देख एसडीएम ने उन्हें मर्यादा में रहने की नसीहत भी डे डाली।
आपदा पीड़ितों पर प्रशासन किस तरह मेहरबान है इसका नजारा नरेन्द्रनगर एसडीएम कार्यालय में देखने को मिला। 17 जुलाई को नरेन्द्रनगर के कुमारखेड़ा गांव में पहाड़ी खिसकने से कई गांव में सकंट मडराने लगे तो प्रशासन ने 250 ग्रामीणों को शिफ्ट किया। आपदा पीड़ितो का आरोप है कि प्रशासन ने शिफ्ट कराने के बाद उनकी कोई सुध नही ली है। उनके परिजनों को भंडारे से खाना लाकर खिलाने के अलावा कोई चारा नही है। ऐसे में अपनी मांगों को लेकर जब ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहंुचे तो एसडीएम नरेन्द्रनगर ने उन्हें नेतागीरी नही करने की सलाह डे डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम यही तक नही रुके उन्होंने आपदा पीड़ितों को आपबीती सुनाने पर धमकाया और चुप रहने को कहा। मौके पर एक टीवी चैनल पत्रकार पर जब एसडीएम की नजर पड़ी तो उन्होंने मीडियाकर्मी को मर्यादा में रहकर पत्रकारिता करने की नसीहत भी डे डाली। एसडीएम के व्यवहार से ग्रामीणों में काफी आक्रोश बताया जा रहा है।
मामला बढ़ने और मीडिया तक पहुंचने पर एसडीएम नरेन्द्रनगर को अपनी गलती का एहसास भी शीघ्र हो गया। एसडीएम ने गुस्से पर काबू रखते हुए बताया कि आपदा पीड़ितों में गुस्सा था, लेकिन वार्ता करने पर सभी ग्रामीण शांत भी हो गये।

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