मसूरी के बाद अब टिहरी में भी विंटर लाइन कार्निवल का आयोजन

उत्तराखंड में मसूरी विंटर लाइन कार्निवल की तर्ज पर अब टिहरी में भी विंटर लाइन कार्निवल का आयोजन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि आगराखाल व्यापार मंडल और न्यू विजन फाउंडेशन की पहल पर यहां 3 दिवसीय विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा। जिसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार स्विट्जरलैंड की तरह टिहरी जिले के आगराखाल में भी साफ-साफ विंटर लाइन दिखाई देती है। ऐसे में आगराखाल व्यापार मंडल और न्यू विजन फाउंडेशन की पहल पर मसूरी की तर्ज पर यहां सितंबर माह के अंतिम सप्ताह में तीन दिन का विंटर लाइन कार्निवल शुरू होगा।
बताया जा रहा है कि आयोजकों ने विंटर लाइन कार्निवल को हर साल आगराखाल थौल महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दौरान यहां लोक संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। बताया जा रहा है कि कार्निवाल में पहाड़ी व्यंजन, पहाड़ी रहन-सहन और खान-पान को लेकर भी नई पीढ़ी को जागरुक किया जाएगा. साथ ही उत्तराखंड की संस्कृति और पारंपरिक रीति रिवाजों को भी लोगों के सामने रखा जाएगा। माना जा रहा है कि उत्तराखंड में पर्यटन सबसे बड़ा रोजगार का जरिया बन सकता है। आयोजकों ने विंटर लाइन कार्निवाल टिहरी डीएम मयूर दीक्षित से मिलकर भी सहयोग मांगा है, जिस पर टिहरी डीएम ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में बनाई जा रही पार्किंग्स की प्रगति जानीं

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में बनायी जा रही विभिन्न प्रकार की पार्किंग की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पार्किंग निर्माण गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के कारण और लगातार पर्यटन गतिविधियों के बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में तेजी से उछाल आया है। इससे प्रदेश के पर्वतीय पर्यटक स्थ्लों में पार्किंग की समस्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों में आवश्यकता के अनुरूप छोटी-छोटी एवं ज्यादा संख्या में पार्किंग्स बनायी जानी चाहिए। कहा कि प्रदेश के हित में सबसे किफायती पार्किंग रोडसाईड पार्किंग हैं, जिन्हें रोड से 100-200 मीटर नई सड़क काटकर या सड़क को थोड़ा अधिक चौड़ा करके तैयार किया जा सकता है। यदि इसके लिए जगह उपलब्ध न हो तो अन्य प्रकार की पार्किंग्स पर फोकस किए जाने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन को पार्किंग निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा पाक्षिक रूप से किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि पार्किंग्स बनाते समय सुरक्षा के प्रबन्धों में किसी प्रकार की लापरवाही न की जाए। उन्होंने कहा कि पार्किंग स्थलों के एंट्री एवं एग्जिट पॉईंट पर डिजाईन में किसी प्रकार की खामियां न हों, जिससे पार्किंग शुरू होने के बाद वह स्थान जाम के लिए नया बोटलनेक न बने। मुख्य सचिव ने टनल पार्किंग की दिशा में भी तेजी से प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टनल पार्किंग पर्वतीय नगरों की जाम की समस्या से निजात दिला सकती है। उन्होंने कैम्पटी में बनायी जा रही प्रदेश की पहली टनल पार्किंग के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण में तेजी लाने के लिए इसे स्टेट बजट से फंडिंग की जाएगी। उन्होंने टनल पार्किंग में सुरक्षा, पैदल चलने वालों की सुविधा और डिजाईन पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इसकी सफलता के बाद प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में इस प्रकार की पार्किंग का निर्माण किया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि कैटेगरी ‘ए‘ एवं ‘बी‘ में कुल 169 पार्किंग्स चिन्हित की गई है, जिसमें से 113 की डीपीआर शासन को प्राप्त हो गयी हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु एवं सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

गोवा और उत्तराखंड ने आपसी सहयोग के लिये किया एमओयू हस्ताक्षरित

पर्यटन के विभिन्न आयामों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखण्ड और गोवा राज्य मिलकर कार्य करेंगे। दोनो राज्य पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से संयुक्त कार्य योजना के आधार पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने तथा पर्यटन सुविधाओं के विकास में दोनों राज्यों के मध्य यात्रा सुविधाओं को बेहतर बनाने के भी प्रयास किये जायेंगे।
इस संबंध में मंगलवार को सांय मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गये। समझौता ज्ञापन पर सचिव पर्यटन उत्तराखण्ड सरकार सचिन कुर्वे तथा गोवा के पर्यटन निदेशक सुनील अचिंपका द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह पहल अन्य राज्यों को भी प्रेरित करेगी आज गोवा से देहरादून की पहली डायरेक्ट उड़ान को इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया इस सीधी उड़ान सेवा का लाभ दोनों राज्यों के नागरिक भी उठा सकेंगे जिससे दोनों राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेवलपिंग टूरिज्म इन मिशन मोड की बात कही थी आज का यह एमओयू दोनों राज्यों के लिए इस दिशा में एक और कदम होगा। गोवा तथा देहरादून के बीच यह सीधी उड़ान दोनों राज्यों के लोगों को यात्रा के लिए प्रेरित करेगी, सागर से हिमालय के दर्शन का अवसर पर्यटकों को मिलेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस एमओयू के पश्चात दोनों राज्यों को पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ एक दूसरे राज्यों समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड तथा गोवा दोनों ही पर्यटन प्रधान छोटे राज्य हैं दोनों राज्य आपसी समन्वय से इन अवसरों का लाभ उठा सकते हैं तथा समस्याओं का निवारण भी कर सकते हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष की चार धाम यात्रा ऐतिहासिक रही थी इस वर्ष भी यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा और अधिक लोग आएंगे अभी तक 15 लाख लोग चार धाम यात्रा कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है। पर्यटन के साथ एडवेंचर टूरिज्म एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी प्रदेश में अनेक संभावनाएं हैं। पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी का मजबूत आधार होने के नाते पर्यटन क्षेत्र से जुड़े उद्यमी हमारे ब्रांड अम्बेसडर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है तथा जौलीग्रांट एयरपोर्ट के साथ पन्तनगर एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन शीघ्र ही भारतीय वायु सेना द्वारा किया जायेगा। आज पहाड़ में रेल का सपना पूरा हो रहा है। राज्य के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन, उद्योग क एवं व्यापार की यहां अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में होम स्टे को और बढ़ावा दिया जा रहा हैं। इसमें लोगों को घर जैसा वातावरण मिले इसकी व्यवस्था की गई है।
गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने भी गोवा एवं उत्तराखंड बीच हुए एमओयू को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे दोनों राज्यों के पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगा। उन्होंने कहा गोवा में विभिन्न तरह के पर्यटन स्थलों को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। गोवा की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन है। गोवा में 35ः से अधिक रोजगार पर्यटन से पैदा होते हैं। बीते सालों में लगातार पर्यटन बड़ा है परंतु कोविड काल के बाद पर्यटकों के व्यवहार में भी बदलाव आया है। उन्होंने कहा गोवा सरकार ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म के विजन पर कार्य कर रही है। हमारे राज्य आपसी समन्वय के साथ अपने क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं। आज गोवा सन, सेंड एवं सी के सिद्धांत से भी आगे बढ़ गया हैं। हम साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म, आध्यात्म पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर कार्य कर रहे।
गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने कहा कि और अखंड गोवा सरकार मिलकर पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन एवं मार्गदर्शन में सभी राज्य आपस में मिलकर कार्य करें, उसी का नतीजा आज का यह कार्यक्रम है। गोवा एवं देहरादून के बीच सीधी फ्लाइट चलने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा हमने इतिहास को संवार कर अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने पर बल दिया है। पर्यटन के क्षेत्र में दोनों राज्य और अधिक आगे बढ़े इसके लिए यहां के आमजन होटल व्यापार एवं अन्य व्यापारियों से जुड़े लोगों का भी विशेष सहयोग चाहिए होगा। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे तथा निदेशक पर्यटन गोवा सुनील अचिंपका ने एमओयू से संबंधित जानकारी देने के साथ पर्यटन से संबंधित गतिविधियों की जानकारी भी दी।
समझौता ज्ञापन के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिये गोवा से उत्तराखण्ड के लिये एक से अधिक सीधी उडान कनेक्टिविटी सुविधा पर ध्यान देने, गोवा एवं उत्तराखण्ड की विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को परिचित कराने के लिये सांस्कृतिक आदान प्रदान के कार्यक्रमों, रोड शो, आपसी पर्वों के आयोजन, स्थानीय व्यंजनों, लोक संस्कृति हस्त शिल्पों को प्रदर्शित करने के अवसर पैदा करने के प्रयास किये जायेंगे। विभिन्न पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त पैकेजों के अन्वेषण पर दोनों पक्ष पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे। दोनों राज्य पर्यटन के क्षेत्र की बेस्ट प्रेक्टिस को भी साझा करेंगे।
साहसिक पर्यटन गतिविधियों में दोनों राज्य प्रमुख साहसिक गतिविधियों जैसे वाटर स्पोर्ट्स एयरो स्पोर्ट्स और भूमि आधारित गतिविधियाँ जिन्हें संयुक्त रूप से विकसित और बढ़ावा दिया जायेगा। साहसिक पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिए राज्य निजी क्षेत्र एवं युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जायेगा। पैराग्लाइडिंग, स्काई डाइविंग, हॉट एयर बैलून, स्कीइंग आदि भूमि आधारित गतिविधियां माउंटेन बाइकिंग ट्रेकिंग/हाइकिंग, सभी टेरेना मोटर बाइकिंग, बजी गाडेस्टिनेशन जैसे टिहरी नैनीताल बौर जला उत्तराखंड में नानकमत्ता और अन्य जल निकाय क्षेत्रों में सम्भावनायें तलासी जायेगी। इन गतिविधियों में एयरो स्पोर्ट्स पावर्ड हैंग ग्लाइडर शामिल वाटर स्पोर्ट्स पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग ना चलाना व्हाइट वाटर राफ्टिंग जेट बोट्सवर जेट्स वॉट्स, फ्लाई बोर्डिंग, वॉटर गोवा के जल क्रीड़ा के साथ-साथ जल क्रीड़ाओं के लिए संयुक्त रूप से विकसित और प्रचारित किये जाने पर भी ध्यान दिया जायेगा।
इको टूरिज्म के क्षेत्र में दोनों राज्यों में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव है अभयारण्य जिन्हें इकोटूरिज्म के रूप में बढ़ावा दिया जा सकता है आध्यात्मिक पर्यटन उत्तराखंड कई महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थलों जैसे चार धाम यात्रा का घर है कि गांव में कई प्राचीन पर्य और मंदिर हैं। दोनों राज्य संयुक्त रूप से आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए रणनीति के लिए संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं जिसे संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है। वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में उत्तराखंड में आयुर्वेदिक और योग के क्षेत्र में बडी संभावनायें हैं, जबकि गोवा में कई स्पा और वेलनेस रिसॉर्ट है जिन्हें संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है।
इसी प्रकार विरासत पर्यटन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड और गोवा दोनों का औपनिवेशिक इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़े स्थान है, जिसके लिए संयुक्त प्रचार रणनीति पर काम किया जा सकता है। मानव संसाधन विकास, दोनों पक्ष मिलकर काम करेंगे और पर्यटन के क्षेत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने की दिशा में भी सहयोगी बनेंगे।
इस अवसर पर अध्यक्ष होटल एसोसिएशन सुनील साहनी के साथ गोवा एवं उत्तराखण्ड के विभिन्न पर्यटन व्यवसायी एवं उद्यमी मौजूद रहे।

राज्य की प्रमुख घाटियों की भी की जाय पर्यटन की दृष्टि से ब्रांडिंगः मुख्यमंत्री

प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढावा देकर रोजगार एवं स्वरोजगार के संसाधन बढ़ाए जाएं। नई पर्यटन नीति का आम जनमानस तक व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाए। पर्यटन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लोग कितना लाभ ले पा रहे हैं, इसका पूरा आंकलन किया जाए। जिन योजनाओं में आम जन का रूझान बढ़ा है, इनमें यदि टॉपअप लोन अथवा सब्सिडी की धनराशि बढ़ाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है, तो इसका भी प्रस्ताव तैयार किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड /25 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा तैयार किये गये अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार द्वारा जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, इन योजनाओं का लाभ राज्य के सभी पात्र लोगों को मिले, इसके लिए ऐसा सिस्टम विकसित किया जाए, जिससे यह पता चले सके कि कौन सा परिवार किन योजनाओं का लाभ लेने का पात्र है, और कितने परिवार योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। जो जरूरतमंद लोग सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, उनको विभिन्न संचार एवं प्रचार माध्यमों से योजनाओं की जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में होम स्टे को और बढ़ावा देने की जरूरत है। होम स्टे को बढ़ावा देकर लोगों की आर्थिकी को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से भी अपील की है, कि अपने जनपद भ्रमण के दौरान होम स्टे में जरूर रूकें, इससे इनको और बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि होम स्टे चलाने वालों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगले 10 सालों का विभागों द्वारा जो रोडमैप तैयार किया जा रहा है, उसमें भविष्य की सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए रोडमैप पर चरणबद्ध तरीके से कार्य किये जाएं। 2025 तक जिन कार्यों एवं योजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है, उनमें अभी से कार्य धरातल पर दिखने शुरू हो जाए। उन्होंने 2030 तक के पूरे रोडमैप पर सुनियोजित तरीके से कार्य किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में पर्यटन आधारित जो भी नई गतिविधियां की जा रही है और जिन स्थानों पर की जा रही है, पर्यटन विभाग द्वारा उनका वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार की भी व्यवस्था सुनिश्चित करें। राज्य के समग्र विकास के लिए हर क्षेत्र में विभागों को आपसी समन्वय के साथ तेजी से आगे बढना होगा। विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये भी यह जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शीघ्र ही पर्यटन विभाग एवं लोक निर्माण विभाग की संयुक्त बैठक की जाए। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सड़क कनेक्टिविटी का होना जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य के चिन्हित वाइब्रेंट विलेज के आस-पास भी पर्यटन गतिविधियों को तेजी से बढ़ावा दिया जाए। पर्यटक स्थलों के आस-पास हेलीपैड की भी व्यवस्थाएं रखी जाएं। मानसखण्ड मन्दिर परियोजना के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने अधिकरियों दिये। उन्होंने कहा कि इसके तहत प्रथम चरण में जिन 16 मन्दिरों को चिन्हित किया गया है, उन पर मिशन मोड में कार्य किये जाएं। विभिन्न पर्यटक एवं धार्मिक स्थलों पर जिन पौराणिक गुफाओं को विकसित किये जाने की योजना है उन पर भी तेजी से कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें राज्य की प्रमुख वैलियों की पर्यटन की दृष्टि से ब्राडिंग करनी होगी। इसके लिए प्रत्येक जनपद में स्थित घाटियों के महत्व एवं प्राकृतिक उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए भी कार्ययोजना बनाई जाए।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। इस दिशा में तेजी से कार्य भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन को भी तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। वन डिस्ट्रिक्ट, वन डेस्टिनेशन के क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सशक्त उत्तराखण्ड /25 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किये गये अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक रोडमैप की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में मातृत्व मृत्युदर को और कम करने के लिए प्रयास किये जाएं। इसके लिए सभी विभागों को समन्वय के साथ कार्य करना होगा। सरकार द्वारा चलाई जा रही मिशन खुशियों की संवारी का व्यापक स्तर पर प्रचार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को लंबी लाईन पर खड़ा न रहना पड़ें, इसके लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन की प्रभावी व्यवस्था की जाए। ई-संजीवनी एप का वृहद स्तर पर प्रचार किया जाए। जिससे अधिकांश लोग घर से ही चिकित्सकों से परामर्श ले सकें। उन्होंने कहा कि 2025 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सभी विभागों द्वारा क्या प्रयास किये गये हैं, इसकी भी समीक्षा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले, इसके लिए स्वास्थ्य निदेशालय में आईटी सेल बनाया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, दीपेन्द्र चौधरी, सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन दीपक गैरोला, अपर सचिव सी. रविशंकर, मनोज पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. वितीता शाह, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना उपस्थित थे।

पर्यटन की दृष्टि से राज्य एक डेस्टिनेशनः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है। राज्य को विभिन्न सर्किटों के माध्यम से जोड़ने का हमारा प्रयास है। पर्यटन के साथ एडवेंचर टूरिज्म एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी प्रदेश में अनेक संभावनाएं हैं। पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी का मजबूत आधार होने के नाते पर्यटन क्षेत्र से जुडे उद्यमी हमारे ब्रांड अम्बेसडर है।
राजपुर रोड स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटन क्षेत्र से जुडे उद्यमियों एवं व्यापारियों को हॉस्पिटैलिटी एण्ड टूरिज्म एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान करते हुये कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के लिये पर्यटन नीति बनायी गई है। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढावा देने के लिये कई योजनाओं में शत प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है तथा जौलीग्रान्ट एअर पोर्ट के साथ पन्तनगर एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे है। देहरादून से देश के लगभग सभी शहरों को हवाई सेवा से जोडा जा रहा है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन शीघ्र ही भारतीय वायु सेना द्वारा किया जायेगा। प्रदेश सरकार ने उत्तराखण्ड में एवियेशन टर्बाे फ़्यूल (एटीएफ) में लगने वाले वेट को 20 से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया है। राज्य के नैसग्रिक प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन, उद्योग एवं व्यापार की यहां अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है इस दिशा में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राज्य के प्रति विशेष लगाव होने के कारण प्रदेश में सड़क, रेल, स्वास्थ्य रोप वे आदि की योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, बाबा केदार की भूमि से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया है, इस दिशा में राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। गत वर्ष चारधाम यात्रा में लगभग 50 लाख तथा कावड़ यात्रा में 04 करोड़ श्रद्धालु एवं शिव भक्त प्रदेश में आये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2013 की आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केदारनाथ का भव्य एवं दिव्य पुनर्निर्माण कार्य इस वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य है। बद्रीनाथ धाम में भी मास्टर प्लान का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने हेमकुंट साहिब एवं गौरीकुंड से केदारनाथ तक के रोप-वे का शिलान्यास कर दिया है इससे आने वाले समय में यात्रा और सुगम होगी। ऑल वेदर रोड के निर्माण तथा ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाईन निर्माण से पहले के मुकाबले यात्री बेहद कम समय में ऋषिकेश से चार धाम पहुंचेंगे। केदारनाथ में अब तक 03 लाख लोगों ने दर्शन किये हैं यह आंकड़ा इस वर्ष 20 लाख तक जाने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। पर्यटन कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सेवा क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए माह अक्टूबर 2023 में राज्य में इन्वेस्टमेंट समिट कराये जाने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारखण्ड की भांति मानसखंड मन्दिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। इन्हें बेहतर सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इस योजना के ज़रिए गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सड़क कनेक्टिविटी को भी सुधारा जाएगा, ताकि उत्तराखण्ड में गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यातायात सुगम हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पांचवा धाम जागेश्वर धाम से जल्द ही इस योजना का शुभारम्भ किया जायेगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि विभिन्न धार्मिक सर्किटों का विकास किया जाए। इसके तहत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले मुख्य मंदिरों को आपस में जोडकर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून दिल्ली एक्सप्रेस वे से यह दूरी 2.30 घण्टे में पूरी होगी इससे देहरादून मसूरी ऋषिकेश एवं हरिद्वार में पर्यटकों की बढती संख्या के दृष्टिगत इस क्षेत्रों में महायोजना के साथ अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ वाहनों के लिये पार्किंग की योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में टनल आधारित पार्किंग की सुविधायें विकसित की जा रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न पर्यटन व्यवसायियों के साथ मीडिया से बेहतर समन्वय तथा जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी प्रचार प्रसार में योगदान के लिये महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी तथा वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में योगदान के लिये श्री सुशांत पटनायक को भी सम्मानित किया।
अपने संबोधन में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन प्रदेश का महत्पूर्ण कारक है। पर्यटन को बढावा देकर युवाओं को स्वरोजगार एवं रोजगार से जोडने का प्रयास किया जा रहा है। गांवों में होमस्टे तथा सीमांत टूरिज्म को बढावा दिया जा रहा है। टैक्सी ड्राइवर को पर्यटकों एवं यात्रियों से उनकी स्थानीय भाषा में बात करने के भी प्रयास किया जा रहे है। इससे भी पर्यटन को बढावा मिलेगा। उन्होंने होटल व्यवसायियों से पहाड के गांवों को गोद लेकर पर्यटकों को ग्रामीण पर्यटन से जोडने में मददगार बनने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में 4600 होमस्टे संचालित है जिससे 16520 लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। पर्यटन के विभिन्न स्वरूपों को बढावा देने के साथ मेडिकल टूरिज्म की दिशा में प्रयास किये जा रहे है। इस अवसर पर सम्मान प्राप्त करने वाले पर्यटन से जुडे उद्यमियों ने भी अपने सुझाव रखे।

मुक्तेश्वर ने किया 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन की संकल्पना को साकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुक्तेश्वर पहुंचकर 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन के अन्तर्गत शामिल मुक्तेश्वर का निरीक्षण किया गया। मुख्यमंत्री ने केएमवीएन मुक्तेश्वर पहुंचकर हिमदर्शन व्यू पॉइंट से लगभग 300 किलोमीटर में फैली हिमालयी पर्वत शिखर नन्दा देवी, त्रिशूल, नन्दकोट, नन्दा खाट, हाथीपर्वत, अन्नपूर्णा व पंचाचूली पर्वत को निहारा। कहा कि हिमालय पर्वत श्रृंखला विराट, विशाल, खूबसूरत और आध्यात्मिक है। हिमालय की ऊंचाई मन मे सकारात्मक का भाव लाता है।
मुक्तेश्वर को 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन के रूप में बेहतरीन तरीक़े से विकसित किया गया है जिससे यह देशियों के साथ ही विदेशियों की पहली पसंद बन रहा है। मुक्तेश्वर में महादेव मंदिर में सौंदर्यीकरण कार्य, चौली की जाली, मुक्तेश्वर गार्डन, हिमदर्शन, भालू गाड़ वाटरफॉल का विकास के साथ ही सरगाखेत में पुराने पुलिस थाने भवन का हैंडीक्राफ्ट कैफ़े के रूप में जीर्णाेद्धार किया गया है। लगभग 04 करोड 16 लाख की लागत से मुक्तेश्वर को विकसित किया गया है।
नैनीताल में बड़ी संख्या में आए पर्यटकों को वीवीआईपी व्यवस्थाओं से असुविधा न हो इसके दृष्टिगत सीएम पुष्कर सिंह धामी नैनीताल में पूर्व निर्धारित रात्रि विश्राम की जगह आज रात्रि प्रवास पर मुक्तेश्वर में ही करेंगे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, पुलिस कप्तान पंकज भट्ट, एम डी केएमवीएन विनीत तोमर, एम डी एबी बाजपेई, अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी, विधायक राम सिंह कैडा, जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, डॉक्टर अनिल कपूर डब्बू, देवेंद्र ढैला, भावना पांडे,रंजन बरगली, कार्तिक हरबोला, कनिष्ठ ढींगरा, प्रदीप बिष्ट, कुंदन चिलवाल, देवेंद्र बिष्ट, हेम बोरा, उपजिलाधिकारी धारी योगेश मेहरा, तहसीलदार तान्या रजवार, सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने धाम तक पहुंच रहे स्वास्थ्य सचिव

श्री बदरीनाथ धाम पहुंचकर स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा/स्थलीय निरीक्षण किया। बदरीनाथ एवं श्री हेमकुंड साहिब यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य के लिए विशेष इंतजाम के तहत यात्रियों को स्वास्थ्य जोखिम को कम करने के लिए तथा यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा इंतजामों को पुख्ता करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने श्री बदरीनाथ धाम एवं श्री हेमकुंड साहिब यात्रा पड़ाव में पड़ने वाले यात्रा मार्ग में स्थित स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधाओं के स्थलीय निरीक्षण एवं तैयारियों हेतु स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार निरीक्षण के दूसरे दिन जनपद चमोली के सुप्रसिद्ध धाम श्री बदरीनाथ मैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं मेडिकल रिलीफ पॉइंट का निरीक्षण किया।
स्वास्थ्य सचिव ने सभी केंद्रों पर यात्रा से पूर्व सभी आवश्यक जीवनदायिनी औषधियों, स्वास्थ्य उपकरण, उच्च हिमालय क्षेत्रों में होने स्वास्थ्य जोखिम को कम करने वाले स्वास्थ्य उपाय व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को यात्रा से पूर्व सुसज्जित करने का मुख्य चिकित्सा अधिकारी निर्देशित किया। सुबह जोशीमठ से आगे 38 किलोमीटर की दूरी पर चार धाम यात्रा निर्माण कार्य के कारण मोटर मार्ग अवरोध था। वहां से पैदल मार्ग को पार करके सचिव स्वास्थ्य एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभी कर्मचारियों सहित बदरीनाथ धाम पहुंचे। वहां पर सर्वप्रथम धाम में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एमआरपी का उन्होंन स्थिलीय निरीक्षण किया। स्वास्थ्य विभाग का निर्माणाधीन ट्रांजित हॉस्टल एवं निर्माणाधीन 50 बेड का हॉस्पिटल का निरीक्षण किया निर्माणाधीन ट्रांजिट हॉस्टल के धीमीगति के लिए निर्माण दाई संस्था को तुरंत निर्माण को पूर्ण करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया। बदरीनाथ धाम एवं सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के पड़ाव में पड़ने वाले पांडुकेश्वर एवं गोविंदघाट में अवस्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एमआरपी में भी सचिव के द्वारा सभी स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया गोविंदघाट गुरुद्वारा साहिब में पहुंचने पर गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह द्वारा हेमकुंड यात्रा में स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। सचिव ने हेमकुंड जाने वाले यात्रियों के लिए सभी आवश्यक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया।

विभागवार समीक्षा में बोले कमिश्नर, चारधाम यात्रा में कोताही बर्दाश्त नही

आयुक्त गढवाल मण्डल सुशील कुमार ने चारधाम यात्रा तैयारियों एवं व्यवस्थाओं को लेकर नगर निगम सभागार ऋषिकेश में अधिकाारियों की बैठक ली। बैठक में उन्‍होंने चारधाम यात्रा को लेकर दिए गए दिशा निर्देशों के अनुपालन में विभाग वार कार्य प्रगति की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारियों को चारधाम यात्रा से पहले कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने चार धाम यात्रा में कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रखने, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चिकित्सकों की तैनाती, जीवन रक्षक दवाइयों, उपकरण, आक्सीजन सिलेंडर एंबुलेंस, एअर एंबुलेंस की ब्यवस्था, केदारनाथ एवं यमुनोत्री में कार्डियोलॉजिस्ट तैनाती, यात्रा बस टर्मिनल ऋषिकेश ट्रांजिट केंप में 6 बेड यात्री चिकित्सालय में जल्द स्टाफ की तैनाती के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
आयुक्त गढवाल मण्डल ने यात्रा को सुगम एवं सुव्यवस्थित बनाने के लिए सम्बन्धित जिलाधिकारियों के साथ ही समस्त सभी विभागों आपसी समन्वय से कार्य करते हुए व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। साथ ही धाम में पंहुचने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दर्शन कराया जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, के साथ ही मूलभूत व्यवस्थाओं बनाने के साथ ही पेयजल, शौचालय, पार्किंग, स्वास्थ्य सेवा, दवाई स्टॉक, खाद्य भण्डारण आदि व्यवस्थाएं पूर्व में ही जांच लेने के निर्देश दिए। उन्होंने लोनिवि, एनएचआई, बीआरओ को 15 अपै्रल 2023 तक पूर्ण किये जाने हेतु दिए गए निर्देशों के क्रम में यात्रारूट पर कई स्थानों कार्य पूर्ण न होने की दशा में नाराजगी व्यक्त करते हुए यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व कार्य पूर्ण करने तथा बीआरओ को धरासू बैण्ड के पास यात्रा आवागमन में कठिनाई न हो इसके लिए सड़क सुव्यवस्थित बनाने, सीरोबगड़ में यात्रा का वैकल्पिक रूट को सुव्यवस्थित बनाने तथा डामटा रूट को ठीक किये जाने के निर्देश दिए।
बैठक में सम्बन्धित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा यात्रा रूट पर पार्किंग, डेंजर जोनों पर सूचना पट लगाने, मार्ग अवरूद्ध होने मौसम की जानकारी हेतु इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले लगाने, सड़को को गड्डा मुक्त करने डामरी करण, शिरोबगड़ से खांकरा पुल तक भू स्खलन की समस्या को देखते हुए वैकल्पिक मार्ग डुंगरी पंथ खेड़ाखाल मार्ग, लामबगड़, धराशू बेंड जैसे स्थानों में सड़क को दुरुस्त करने हेतु बीआरओ, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उन्होंने सम्बन्धित जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को यात्रा स्थल एवं यात्रा पड़ावों पर भीड़ नियंत्रण के साथ ही बेहतर यातायात प्रबन्धन तथा आपदा के दृष्टिगत कन्ट्रोलरूम के साथ ही आपदा के लिहाज से चिन्हित संवेदनशील क्षेत्र में मशीन, उपकरण आदि व्यवस्थाएं पूर्व में स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होनें निर्देश दिए कि पैदल मार्ग पर घोड़ा खच्चर को रोटेशनवार चलाया जाए घोड़ा एवं खच्चरों का यात्रा से पूर्व स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही प्रत्येक का पंजीकरण एवं नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करवायें। उन्होंनें यात्रा मार्ग एवं धाम पर पशु चिकित्सक तैनात रखने के निर्देश दिए।
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने यात्री पंजीकरण प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण देते हुए दर्शन टोकन प्रक्रिया तथा यात्री रजिस्ट्रेशन तथा वैरिफिकेशन की जानकारी दी। पंजीकरण संस्था इथिक्स इंफोटेक ने बताया कि ऋषिकेश, हरिद्वार तथा धामों में वैरिफिकेशन काउंटर बनाये गये है जबकि यात्री रजिस्ट्रेशन वेबसाइट, फोन, वाटसप नंबर से किये जा रहे है। आयुक्त ने निर्देश दिये कि सभी वेरिफिकेशन काउंटर, नेट कनैक्टिविटी, वाई-फाई, मैन पावर, स्केनरों की संख्या, तथा अन्य संशाधन बढाये जाये।
ज्ञातब्य है कि अक्षय तृतीया 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। श्री गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल अक्षय तृतीया के दिन खुलेंगे। जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल एवं श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे। बताया गया कि श्री हेमकुंट साहिब के 20 मई खुलेंगे।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल केएस नगन्याल, सहित जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, मुख्य विकास अधिकारी चमोली डा. ललित नारायण मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी उत्तरकाशी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन देहरादून डॉ एस के बरनवाल, अपर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, अपर जिलाधिकारी पौड़ी ईला गिरी, अपर जिलाधिकारी टिहरी कृष्ण कुमार मिश्र,नगर निगम आयुक्त राहुल गोयल, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण देहरादून कमलेश उपाध्याय, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश सौरभ असवाल, एसपी उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी, संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून सुनील कुमार, नवनीत सिंह रोटेशन अध्यक्ष संजय शास्त्री, पर्यटन विकास परिषद के सहायक निदेशक योगेन्द्र सिंह गंगवार, तहसीलदार उर्मिला शर्मा, एआरटीओ मोहित कोठारी,एआरटीओ मोहित पांडेय, इथिक्स इंफोटेक के गजेन्द्र सिंह, आदि मौजूद रहे।

मेट्रो की संभावना और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर सीएस ने ली बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन द्वारा तैयार विस्तृत गतिशीलता योजना के सम्बन्ध में बैठक हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने मोबिलिटी प्लान के अंतर्गत पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन को जोड़ने हेतु रोप-वे के सुझाव की जगह ऐसे क्षेत्रों को जोड़ने के लिए पर्सनल रैपिड ट्रांसिट (पीआरटी) को प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने शहर की यातायात की समस्या को देखते हुए विस्तृत गतिशीलता प्लान के अंतर्गत शीघ्र लागू किए जा सकने वाले सुझावों पर तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को माता मंदिर से हरिद्वार बाईपास को जोड़ने वाले आरओबी के लिए सभी प्रकार के सर्वे तेजी से कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने शहर के सभी चौराहों पर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत स्मार्ट सिग्नल लगाए जाने के निर्देश जिलाधिकारी देहरादून को दिए। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन को अधिक से अधिक सस्ता किए जाने के भी निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का प्रयोग करने को प्रोत्साहित हों।
मुख्य सचिव ने पूरे शहर में सप्ताह में होने वाले बाजार बंद को क्रमिक रूप से अलग-अलग बाजारों के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए जाने पर विचार किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही देहरादून के मुख्य मार्गों के आसपास खाली पड़े प्लॉट्स को पार्किंग के रूप में प्रयोग किए जाने हेतु प्लॉट स्वामियों से सम्पर्क किया जाए। उनसे इस सम्बन्ध में अनुबंध किया जा सकता है कि उन्हें जब भी प्लॉट की आवश्यकता होगी, बिना किसी देरी के उन्हें लौटाया जा सकेगा अथवा प्लॉट स्वामी किराया आधारित पार्किंक स्वयं संचालित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों की पार्किंग को ऑफिस बंद होने के बाद प्रयोग किए जाने की भी व्यवस्था की जाए। उन्होंने एमडीडीए से नक्शे स्वीकृत कराते समय यातायात प्रभाव आंकलन को शामिल किया जाना सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव आवास एस. एन. पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी एवं एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडे सहित प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन जितेन्द्र त्यागी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

ऋषिकेश और हरिद्वार का ट्रेफिक प्लान को देखते हुए कार्ययोजना बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में ऋषिकेश और हरिद्वार शहर के बाईपास मार्गों के सम्बन्ध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऋषिकेश एवं हरिद्वार शहरों को जोड़ते हुए संयुक्त रूप से योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार और ऋषिकेश तीर्थ और योगा कैपिटल की दृष्टि से विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश अलग-अलग शहर होने के बावजूद उसका ट्रेफिक प्लान पृथक-पृथक नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि इन दोनों शहरों को जोड़ते हुए संयुक्त प्लान पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इन सड़कों को कम से कम 50-60 सालों के यातायात संकुलन को देखते हुए तैयार किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु एवं प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन जितेन्द्र त्यागी सहित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहे।