धामी कैबिनेट ने पर्यटन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को दी मंजूरी

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगी। राज्य में जो निवेशक हेली टूरिज्म, कैरावेन टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, कैब ऑपरेटर के इलेक्ट्रिक वाहनों में पूंजी निवेश करेगा, उसे सरकार शत-प्रतिशत सब्सिडी देगी। बता दें कि 2018 की पर्यटन नीति में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करने पर मात्र 10 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान था।
भराड़ीसैंण में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सात प्रस्तावों पर मुहर लगी। जबकि एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। मंजूर की गई नई पर्यटन नीति के तहत कौशल प्रशिक्षण, विपणन, और अपशिष्ट उपचार के क्षेत्र में निवेश करने पर 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी।
यह नीति अगले सात साल यानी 2030 तक प्रभावी रहेगी। पर्यटन क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इज ऑफ डूइंग बिजनेस की वेबसाइट पर निवेशकों के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म पात्रता प्रमाणपत्र के रूप में मान्य होगा।

पुराने निवेशकों को भी मिलेगा लाभ
पूंजीगत सब्सिडी का लाभ उन पुराने निवेशकों को भी दिया जाएगा जो आतिथ्य इकाइयों का विस्तार करना चाहते हैं। प्रत्येक निवेश परियोजना की अर्हता के लिए निवेश की सीमा पांच करोड़ रुपये से कम नहीं होगी। इसके अलावा 2018 की पर्यटन ऑपरेशनल गाइड लाइन को भी मंजूरी दी गई है। वहीं, ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के ड्रोन शो में जो खर्च हुआ, उसका भुगतान सरकार करेगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

बिना अनुमति पेड़ काटने पर अब जेल नहीं, जुर्माना बढ़ाया
प्रदेश में बिना अनुमति निजी भूमि से पेड़ काटने पर अब कारावास की सजा नहीं होगी। मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 के प्रावधानों में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अधिनियम में पेड़ काटने पर पांच रुपये जुर्माना और छह महीने की सजा का प्रावधान है। इसमें सजा को हटाकर जुर्माने को पांच हजार रुपये प्रति पेड़ कर दिया गया है।

लोनिवि के 38 संविदा जेई ग्राम्य विकास में शामिल
लोक निर्माण विभाग में संविदा पर तैनात 38 कनिष्ठ अभियंताओं को ग्राम्य विकास विभाग में शामिल कर दिया गया है। ये सभी अभियंता प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में कार्यरत थे। इनकी संविदा समाप्त हो रही थी।

विधवा पुत्र वधू भी अब मृतक आश्रित में शामिल
कैबिनेट ने उत्तराखंड कर्मचारी मृतक सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी। इसके तहत कर्मचारी की पुत्र वधू को भी मृतक आश्रित के लिए पात्र माना गया है। पुत्र की मृत्यु होने पर पुत्र वधू को मृतक आश्रित के तहत नौकरी मिल सकेगी।

और ये भी फैसले हुए
2018 की पर्यटन ऑपरेशनल गाइडलाइन में संशोधन।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में ड्रोन से शो के खर्च को मंजूरी।

ईको टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा देने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का 72 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र होने के कारण ईको टूरिज्म की अत्यधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा वन क्षेत्र में विभिन्न ऐसी गतिविधियां हैं जो रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तरीय और जनपद स्तरीय समितियों का गठन किया जा रहा है। समिति में निजी क्षेत्र की भागीदारी से अधिक अच्छे सुझाव आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में वन विभाग और वन क्षेत्र से बाहर वन से लगे क्षेत्रों में पर्यटन विभाग विभिन्न ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्य सचिव ने वन क्षेत्र में बंबू हाउसेज, साइक्लिंग ट्रेल, ईको हट्स और ट्री हाउसेज के लिए अत्यधिक संभावनाएं हैं। ये गतिविधियां रोजगार सृजन के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बायो डायवर्सिटी पार्क और बर्ड वॉचिंग के लिए स्थान चिन्हित कर प्रस्तुत तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डेस्टिनेशन डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जाना चाहिए। यह इंडिविजुअल प्रोडक्ट भी हो सकता है और किसी सर्किट के रूप में भी।
मुख्य सचिव ने प्रत्येक जनपद को ईको टूरिज्म कंसल्टेंट उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इससे स्थान विशिष्ट योजना बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने सभी जनपदों से जनपदवार प्रस्ताव भेजे जाने के निर्देश दिए। कहा कि कौन जनपद क्या कर रहा है इसकी जनपदवार रैंकिंग भी की जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस क्षेत्र में आयुष एवं हर्बल पार्क में भी अत्यधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के अनुभव एक जगह पर देने की आवश्यकता है। जनपद अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराएं, जिनका समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रखरखाव हेतु फंड की व्यवस्था की कमी के कारण विभिन्न योजनाएं बीच में बंद हो जाती हैं, ऐसी स्थिति से बचने के लिए इन योजनाओं के रखरखाव की दिशा में भी सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) विनोद कुमार, सचिव सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं विजय कुमार यादव सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

पर्यटन के नए अवसरों को तलाशने के लिए सीएम ने पर्यटन ग्राम चौपाल लगाई

अपने दो दिवसीय टिहरी दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ग्राम मरोड़ा तिवाड़गांव ( वि०ख० थौलधार) में आयोजित पर्यटन ग्राम चौपाल कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने मरोड़ा, तिवाड़ गांव में पर्यावरणविद् स्व० सुंदरलाल बहुगुणा स्मारक बनाने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने तिवाड़ गांव एकलिंग का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक संध्या का अवलोकन भी किया।
कार्यक्रम में मौजूद ग्राम वासियों, महिलाओ, विभिन्न पर्यटन व्यवसायियों ने पर्यटन पर आधारित ग्राम चौपाल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद अर्पित किया। इस अवसर पर लोगों ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सुझाव दिए एवं पर्यटन से संबंधित समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने रखा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन नीतियों के सरलीकरण हेतु राज्य सरकार सिंगल विंडो सिस्टम को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक युवाओं को राफ्टिंग से जोड़ा जाएगा। युवाओं को राफ्टिंग का परमिट मिले इसके लिए सरकार कार्य करेगी। साथ ही एनजीटी द्वारा बीच कैंप हेतु आवंटित स्थानों में बीच कैंप स्थापित हो इसके लिए कार्य किया जाएगा। उन्होंने तिवाड़ गांव में चल रहे 32 होमस्टे की सराहना करते हुए कहा कि यह गांव पूरे राज्य के लिए एक उदाहरण है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज तिवाड़ गांव में आयोजित चौपाल से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई सुझाव जनता के माध्यम से सरकार के सामने आएंगे। राज्य में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक राज्यवासी का सहयोग जरूरी है। सरकार एवं जनता आपसी समन्वय से हर असंभव कार्य को संभव करेगी। हमारा राज्य नदियों, पर्वतों, वनों व प्राकृतिक संसाधनों से आच्छादित है। देवभूमि में देवताओं का वास, आशीर्वाद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना अनुसार हम उत्तराखंड राज्य के विकास को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा केदार की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का बताया। जिसके परिणाम अब दिखने लगे हैं। उन्होंने कहा स्थानीय लोगों के प्रयास से यह क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा है। राज्य में अन्य गांव को भी इस गांव के रूप में विकसित किया जाए इस पर सरकार कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य निर्माण के दौरान पर्यटन का विकास भी हमारे मूल मंत्र में शामिल था। आज उत्तराखंड राज्य पूरे भारत का एक बड़ा पर्यटन स्थल है। यह देवों की ताकत है जो इस राज्य में इतने लोग आते हैं परंतु उन्हें इस राज्य में ठहराना इस राज्य के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है और वह हम एक अच्छे विकसित पर्यटन स्थल के रूप में कर सकते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार पर्यटन में आने वाली समस्याओं से भलीभांति वंचित है हम सभी आपसी समन्वय इच्छा शक्ति, संकल्प शक्ति, और सामूहिक शक्ति से हर काम को सरलीकरण कर उसका समाधान करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा आज होमस्टे के लिए मिलने वाली सब्सिडी 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है। राज्य सरकार होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य कर रही है। आगामी बजट में राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड में रोजगार कृषि बागवानी उद्यान जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। हमारा संकल्प है कि हम उत्तराखंड राज्य की जीएसडीपी को आने वाले सालों में दुगना करेंगे।

मंच छोड़ आमजन के बीच जमीन पर बैठे मुख्यमंत्री
पर्यटन पर आधारित चौपाल के दौरान मुख्यमंत्री मंच छोड़ महिलाओं के बीच बैठे और उनसे वार्ता की उन्होंने गांव वासियों का हालचाल जाना, पर्यटन में आने वाली दिक्कतों उनके समाधान एवं सरकार द्वारा मिलने वाली सहायता के बारे में जानकारी भी ली।
इस अवसर पर विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय, धनोल्टी प्रीतम सिंह पंवार, देवप्रयाग विनोद कंडारी, घनसाली शक्तिलाल शाह, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी सोना सजवाण, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सीडीओ मनीष कुमार, अध्यक्ष उतरायनी भागीरथी समिति कपिल पंवार, होटल व्यवसाई सहित अन्य मौजूद रहे।

टिहरी जिले में 533 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को प्रताप इंटर कॉलेज बौराड़ी, टिहरी में जनपद की 533 करोड़ रूपये की कुल 138 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 158 करोड़ रूपये 45 विकास योजनाओं के लोकार्पण एवं 375 करोड़ रूपये के 93 शिलान्यास शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा विकास कार्यों पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। राज्य स्तरीय एलीट महिला एवं पुरुष बॉक्सिंग प्रतियोगिता का शुभारंभ भी इस अवसर पर मुख़्यमंत्री ने किया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की पहली किश्त के 1120 लाभर्थियों को कुल 06 करोड़ 72 लाख की धनराशि का डमी चेक प्रदान किया गया। यह धनराशि लाभर्थियों के खाते में डिजिटल माध्यम से दी गई।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि टिहरी हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज को आई0आई0टी0 का स्वरूप प्रदान किये जाने का प्रयास किया जाएगा। भारत सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा जायेगा। नई टिहरी शहर हेतु रीह से शुद्ध पेयजल की योजना तैयार करायी जायेगी। नई टिहरी नगर के पिकनिक स्पॉट को ईको पार्क के रूप विकसित कर पर्यटकों की सुविधा हेतु संचालित किया जायेगा। विधानसभा क्षेत्र-धनोल्टी के छाम-बल्डोगी में पैदल झूला पुल का निर्माण कराया जाएगा। राजकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय थान का इण्टरमीडिएट स्तर पर उच्चीकरण कराया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र-देवप्रयाग के नैखरी महाविद्यालय को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का कैंपस बनाया जाएगा। बगडवाल धार से टकोली मोटर मार्ग पर हॉट मिक्सिंग का कार्य कराया जाएगा। धारी ढुण्डसिर मोटर मार्ग हॉट मिक्सिंग का कार्य कराया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र घनसाली के भिलंगना क्षेत्र के अन्तर्गत महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी जाएगी। विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत गौरिया से गोदी तक मोटर मार्ग का नवनिर्माण कराया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र घनसाली के अन्तर्गत नागेश्वरसौड व डांगी नैलचामी में केन्द्रीय कृत बैंक की शाखाएं खुलवाये जाने का प्रयास किया जाएगा। विधानसभा क्षेत्र- प्रतापनगर के पट्टी भूदरा के 24 गांव में पेयजल की समस्या हेतु बालगंगा से पम्पिंग योजना का निर्माण कराया जाएगा। डोबरा से लम्बगांव तक सड़क का डेढ़ लेन निर्माण एवं हॉटमिक्स डामरीकरण कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विशाल जनसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने टिहरी की इस पावन धरती को अपने महान कार्यों से अभिसिंचित करने वाले स्व. इन्द्रमनी बडोनी, वीर गब्बर सिंह व श्रीदेव सुमन को नमन करते हुए कहा कि आज टिहरी जनपद की जिन विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है, ये सभी विकास कार्य आने वाले समय में हमारे प्रगति स्तंभ बनेंगे और इनसे न केवल टिहरी बल्कि टिहरी के आस पास के इलाकों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य विकास की धारा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयत्नशील हैं। केंद्र एवं राज्य सरकार कि योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचे, इस दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य किये जा रहे हैं। सरकार के लिए जनता सर्वाेपरि है। राज्य के समग्र विकास के लिए जो फैसले लिए जा रहे हैं, हर एक फैसला जन भावनाओं के आधार पर लिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम केवल फैसले ही नहीं ले रहे, बल्कि इनको धरातल पर भी उतार रहे हैं। विकसित उत्तराखंड निर्माण का जो हमारा संकल्प है, उसके लिए हम एक विजन को लेकर निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। सरकार की नीति और नीयत दोनों स्पष्ट हैं, इसीलिए आज उत्तराखंड में पहले से कहीं अधिक नौकरी के अवसर मिल रहे हैं। राज्य में निष्पक्षता से लगातार भर्ती परीक्षाओं को सकुशल सपन्न कराने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोगों द्वारा राज्य के भोले-भाले युवाओं को बरगलाने का कार्य कर उन्हें सरकार के विरोध में खड़ा किया जा रहा है। आज का युवा भटकने वाला नहीं है, उसे सही और गलत का फर्क पता है। राज्य सरकार ने कठोर नकल विरोधी कानून लागू कर प्रदेश के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास किया है। इस कानून के लागू होने से भविष्य में कोई भी पेपर लीक तो दूर नकल कराने के बारे में सोचने की जुर्रत नहीं कर पायेगा।
मुख़्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य ने अभूतपूर्व विकास किया है। प्रदेश में इन्फ्रास्क्टचर, पर्यावरण सुरक्षा एवं आधुनिक विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास के लिए भी विशेष अभियान को चलाये जा रहे हैं। राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा करने, पलायन को रोकने, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य की आधारभूत व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए नीतिगत योजनाओं का खाका तैयार किया जा रहा है। सरकार की विकास योजनाओं के केंद्र में युवाओं, किसानों और मातृ शक्ति का सशक्तिकरण शामिल है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारा युवा, हमारी महिलाएं और हमारा किसान आत्मनिर्भर नहीं बनेगा तब तक विकसित उत्तराखंड की राह सुनिश्चित नहीं होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महान विजन के अनुरूप और दिशा निर्देशन में राज्य सरकार प्रगति के पथ पर निरंतर आगे बढ़ने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास के लिए विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। जब हम वर्ष 2025 में राज्य का रजत जयंती वर्ष मना रहे होंगे, तब हम सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड के सपने को साकार होता हुआ देखेंगे। प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति इस संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अभी तक जिस तरह से हमारी देवतुल्य जनता ने समर्थन और आशीर्वाद हमें दिया है, वो हमें आगे भी मिलता रहेगा।
कैबिनेट मंत्री एवं जनपद के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आज जनपद की जिन विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया यह बड़ी सौगात जनपद वासियों को दी गयी है। जिन योजनाओं का मुख़्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शिलान्यास कर रहे हैं, उनका कार्य तय सीमा में पूर्ण करवा कर लोकार्पण भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टिहरी जनपद में जी 20 की दो बैठकों का आयोजन होना है। यह प्रदेश के साथ ही टिहरी के लिए भी गौरव का विषय है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक किशोर उपाध्याय, प्रीतम सिंह पंवार, शक्ति लाल शाह, विनोद कंडारी, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजेश नौटियाल, टिहरी नगर पालिका अध्यक्ष सीमा किरसाली, जिलाधिकारी टिहरी डॉ. सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत भुल्लर, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग ने किया अनुबंध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग, निजी निर्माण कंपनी एस.आर.एम. इंजीनियरिंग एवं एफआईएल इंडस्ट्री प्रा. लि. के बीच अनुबंध किया गया। ले. कमान्डर दीपक खण्डूरी (से.नि.) निदेशक अवस्थापना एवं अविरल जैन ने एमओयू हस्ताक्षरित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस इस रोपवे परियोजना के पूर्ण होने के बाद यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन स्थल खरसाली से जुड़ जायेगा। इस रोपवे परियोजना के बनने के बाद श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम के दर्शन करने में सुगमता होगी। अभी पैदल मार्ग से यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 2 से 3 घण्टे का समय लग जाता है, रोपवे बन जाने के बाद मात्र 15 से 20 मिनट में श्रद्धालु यमुनोत्री के दर्शन के लिए पहुंच जायेंगे एवं प्रदूषण मुक्त प्राकृतिक सौन्दर्य का लाभ उठा पायेंगे। इस रोपवे परियोजना के पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं को तो सुविधा मिलेगी ही साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन भी बढ़ेंगे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बनने वाला यह रोपवे मॉ यमुना के ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन धामों को एक साथ जोड़ने एवं उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं में एक और नये अध्याय का कार्य करेगा। परियोजना का क्रियान्वयन तय सीमा में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा कि जानकीचट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही श्रद्धालुओं को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी।
यमुनोत्री धाम के लिए बनने वाला 3.38 किमी लंबाई का यह रोपवे मोनोकेबल डिटैच्चेबल प्रकार का होगा। जिसका निर्माण यूरोपीय मानकों के अनुसार फ्रांस और स्विटजरलैंण्ड की तर्ज पर किया जायेगा। इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 लोगों को ले जाने की होगी। रोपवे के एक कोच की क्षमता आठ लोगों को ले जाने की होगी। यह रोपवे पर्यटन विभाग द्वारा पीपीपी मोड पर निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। यमुनोत्री को रोपवे से जोड़ने के साथ ही पार्किंग, आवासीय व्यवस्था, रेस्टोरेंट के निर्माण भी प्रस्तावित हैं। लगभग 166.82 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले रोपवे का लोअर टर्मिनल खरसाली में 1.787 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा, जबकि अपर टर्मिनल 0.99 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्वनि पुण्डीर (से.नि.), अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद, साहसिक खेल अधिकारी सीमा नौटियाल उपस्थित रहे।

ईको टूरिज्म में विभिन्न आयामों को शामिल करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने हेतु गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति की पहली बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म के क्षेत्र में पर्यटन, वन, आयुष और अन्य विभाग अपने-अपने स्तर पर विभिन्न कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों द्वारा पर्यटकों को इस ओर आकर्षित करने के लिए एक सम्पूर्ण पैकेज की दिशा में कार्य करना होगा। इसके लिए ही इस उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि ईको टूरिज्म की दिशा में आज हो रही गतिविधियों से 100 गुना अधिक सम्भावनाएं हैं। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को एक साथ मिलकर एक कंप्लीट पैकेज की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन, वन, ग्राम्य विकास और आयुष को मिलकर ईको टूरिज्म योजना पर कार्य किया जाए। उन्होंने वन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न ईको टूरिज्म गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग को भी वनों के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, साथ ही आयुष विभाग इन्हीं के आसपास अपने वेलनेस सेंटर या हर्बल गार्डन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दे तो पर्यटकों को एक साथ सम्पूर्ण पैकेज मिलने से पर्यटन को बहुत अच्छा बूस्ट मिलेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि देश-विदेश में हर्बल उत्पादों की बहुत अधिक मांग है। उत्तराखण्ड इस मांग को पूरा करने में बहुत ही अधिक सक्षम है। साथ ही, पर्यटन गतिविधियों में हॉर्टी टूरिज्म के साथ जोड़कर ईको टूरिज्म की दिशा में कार्य किया जा सकता है। मुख्य सचिव ने वन पंचायतों को इसमें किस प्रकार से जोड़ा जा सकता है, इस पर मंथन किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को सभी क्षेत्रों के लिए गाईड प्रशिक्षण प्रोग्राम को बड़े स्तर पर किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं विजय कुमार यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

पर्यटन को आर्थिकी का मजबूत जरिया बनाने पर जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने प्रदेश में पर्यटन को आर्थिकी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने पर्यटन की दृष्टि से बहुत अधिक समृद्ध बनाया है।
मुख्य सचिव ने पिछली बैठक के निर्देशों के अनुपालन में पर्यटन विभाग द्वारा की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग और कयाकिंग के लिए सर्वे करवा कर नए स्थानों का चिन्हीकरण कर राफ्टिंग और कयाकिंग को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने पैरा सेलिंग, वाटर बाइक, ऐरो पैरामोटर, ऐरो पैराग्लाइडिंग आदि गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए स्पर्धाएं एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए। इनका प्रचार प्रसार भी किया जाए ताकि पर्यटक इनकी ओर आकर्षित हों।
मुख्य सचिव ने कहा कि टिहरी झील में हाउस बोट और क्रूज आदि के साथ ही फिक्स्ड हॉट एयर बैलून की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि हिमालय दर्शन योजना के अंतर्गत मंदाकिनी घाटी की खूबसूरती को एक्सप्लोर किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने एस्ट्रो टूरिज्म की दिशा में हुई प्रगति की जानकारी लेते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का वातावरण इसके लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि बेनिताल एस्ट्रो विलेज की तर्ज पर आसपास अन्य एस्ट्रो विलेज पर तेजी से कार्य करते हुए चारधाम यात्रियों को इस और आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने प्रत्येक जिले में कम से कम एक एस्ट्रो विलेज विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने रोपवे परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, रोपवे परियोजनाओं को शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा ऑफिस, मानसखंड कॉरिडोर के कार्यों में भी गति लाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने ट्रैकर्स और पर्वतारोहियों को रेडियो बैंड उपलब्ध कराए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि इस क्षेत्र में बहुत सी तकनीकें उपलब्ध हैं। उनका अध्ययन कर सबसे उपयुक्त वर्ल्ड क्लास टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाए।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

24 जनवरी से पांच दिवसीय ऋषिकेश बंसतोत्सव का आगाज

पांच दिवसीय वसंतोत्सव का आगाज 24 जनवरी को ध्वजारोहण से होगा। पहले दिन साइकिल दौड़, मटकी फोड़ प्रतियोगिता होगी। 26 जनवरी को हृषिकेश नारायण भरत भगवान की डोली यात्रा निकाली जाएगी।
बुधवार को झंडा चौक स्थित भरत मंदिर सभागार में आयोजित बैठक में वसंतोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। सफल आयोजन के लिए समितियों का गठन कर जिम्मेदारी सौंपी गई। मेला संयोजक हर्षवर्धन शर्मा ने बताया कि 24 जनवरी को सुबह मेला परिसर में ध्वजारोहण से वसंतोत्सव का शुभारंभ होगा। हरिद्वार रोड पर लोनिवि के सामने से साइकिल दौड़ शुरू होगी। भरत मंदिर में मटकी फोड़ प्रतियोगिता और सुबह 11.30 बजे छात्र-छात्राओं का कार्यक्रम होगा। शाम को गढ़वाली सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। 25 जनवरी गुरुवार को स्व.महंत अशोक प्रपन्नाचार्य महाराज की स्मृति में रक्तदान शिविर और शाम को समन्वय संस्था की ओर एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 26 जनवरी को हृषिकेश नारायण भरत भगवान की डोली यात्रा निकाली जाएगी। 27 जनवरी को नगर निगम ऋषिकेश कार्यालय परिसर में दंगल प्रतियोगिता होगी। इसका समापन 28 जनवरी को होगा। 28 जनवरी को शाम को कवि सम्मेलन के साथ वसंतोत्सव का समापन होगा। मौके पर महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, वरुण शर्मा, बचन पोखरियाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, विनय उनियाल, मेजर गोविंद सिंह रावत, धीरेंद्र जोशी, रामकृपाल गौतम, भगतराम कोठारी, अशोक अग्रवाल, राजेंद्र बिष्ट, राधा रमोला, शकुंतला शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, संदीप शास्त्री, प्यारेलाल जुगरान, जयेंद्र रमोला, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, रंजन अंथवाल, डॉ. सुनील दत्त थपलियाल, मदन मोहन शर्मा, विमला रावत, प्रवीण रावत, डीबीपीएस रावत, जितेंद्र बिष्ट, धीरज चतरथ, महेश किंगर, कमला प्रसाद भट्ट, विजयलक्ष्मी शर्मा, श्रीकांत शर्मा, शकुंतला शर्मा, राधा रमोला, अशोक कुमार रस्तोगी, चंद्रशेखर, जयप्रकाश नारायण, अंजू रस्तोगी, ललित मोहन मिश्रा, राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, चेतन शर्मा, रामकृपाल गौतम, विवेक शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, लखविंदर सिंह आदि मौजूद रहे।

मंत्री ने संजय झील सहित विभिन्न मुद्दों की जानकारी जुटाई

जिला वन अधिकारी देहरादून नीतीश मणि त्रिपाठी के साथ आज क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान अधूरी जानकारी व पूर्व में दिए गए निर्देश का पालन न करने पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने सर्वप्रथम संजय झील की प्रगति जानी। उन्होंने संजय झील में आ रहे दूषित पानी के निस्तारण के लिए निर्देशित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा कैम्पा से की गई घोषणा को अमल में लाने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल ने बड़कोट रेंज में स्थित हाइवे किनारे फेंके जा रहे कूड़े के सम्बंध में जानकारी जुटाई। इस पर डीएफओ द्वारा जानकारी न दिए जाने पर कड़ी फटकार लगाई गई। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में हाईवे पर जागरूकता सन्देश संबंधित बोर्ड लगाना चाहिए। उन्होंने पूर्व में इस सम्बंध में दिये गए निर्देश पर अमल न करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कूड़ा न फेकने सम्बंधित बोर्ड लगाया जाए।

मुख्य सचिव ने पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने पर दिया जोर

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग के साथ पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में भावी संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को पर्यटन प्रदेश में आर्थिकी और रोजगार का महत्त्वपूर्ण साधन है। चारधाम यात्रा के साथ ही प्रदेश के पर्यटक स्थल इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सप्ताहांत में पूरे सालभर अधिकतम पर्यटक दिल्ली एनसीआर से आते हैं, और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद जब दिल्ली-एनसीआर के पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, उसके लिए हमें अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए हमें पर्यटकों को नए पर्यटक स्थल और नए साहसिक खेलों को शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में अभी पर्यटन के क्षेत्र में क्या-क्या नया हो रहा है, और उन में से उत्तराखण्ड में क्या-क्या किया जा सकता है, इसकी एक लिस्ट तैयार की जाए। प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से यहां की भौगोलिक एवं प्राकृतिक स्थिति के अनुसार पर्यटन गतिविधियों की 02 कैटेगरी तैयार किए जाने के निर्देश दिए, जिसमें कैटेगरी ‘ए‘ में ऐसी गतिविधियों को रखने के निर्देश दिए जिन्हें तुरन्त शुरू किया जा सकता है एवं कैटेगरी ‘बी‘ में ऐसे गतिविधियां रखी जाएं जिन्हें शुरू किए जाने के लिए पहले कई प्रकार के कार्य किए जाने हैं। प्रदेश में हाई-एंड टूरिस्म को बढ़ावा देने के लिए सम्भावनाएं तलाशी जाएं। फाईव स्टार होटल और रिजॉर्ट्स के क्षेत्र में प्राईवेट क्षेत्र को आकृषित किए जाने के लिए कार्य किया जाए। प्रदेश के शुद्ध वातावरण में ऐस्ट्रॉ विलेज की भी काफी सम्भावनाएं हैं। प्रदेश भर में इसके लिए 5, 10 जगहें चिन्हित कर इसे शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स में प्रदेश में अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। दिल्ली एनसीआर से अधिकतर पर्यटक राफ्टिंग एवं क्याकिंग आदि साहसिक खेलों के कारण वर्षभर उत्तराखण्ड आते हैं। टिहरी झील में वाटर बाईकिंग, पैरासेलिंग, आदि को तुरन्त शामिल किया जा सकता है। बंजी जम्पिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, वाईल्ड लाईफ सफारी, पैरा ग्लाईडिंग आदि जैसी तुरन्त शुरू की जा सकने वाली गतिविधियों को तुरन्त शुरू कर लिया जाए। इसके लिए प्राईवेट क्षेत्र से आने वाले लोगों को इंटरेस्ट सबवेंशन देकर बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खूबसूरती को दिखाने के लिए हैलीकॉप्टर, हॉट एयर बलून आदि से प्रदेश के विभिन्न खूबसूरत पर्यटन स्थलों की एरियल व्यू की व्यवस्था की जा सकती है। इसके लिए ऋषिकेश हरिद्वार जैसी जगह पर लंडन आई ( स्वदकवद म्लम ) जैसी संरचनाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को बड़े शहरों में 5 से 10 जगहों पर स्केटिंग रिंग, आईस हॉकी, लाईट एंड साउंड शॉ आदि के लिए व्यवस्थाएं किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन गतिविधियों के शुरू होने के लिए प्रशिक्षित लोगों की भी आवश्यकता होगी। इसके लिए पर्यटन विभाग को प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी संचालित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को प्रदेश में होने वाली समस्त पर्यटन गतिविधियों की जानकारी एक जगह मिल सके इसके लिए पोर्टल को लगातार अपडेट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। यदि पॉलिसी में कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता होगी, वह भी किया जाएगा, ताकि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिले और यहां के युवाओं को रोजगार मिले।
इस अवसर पर सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।