जी-20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी में उत्तराखंड के उत्पादों को मिलीं सराहना

नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित “जी 20 क्राफ्ट बाजार प्रदर्शनी“ में उत्तराखंड के स्टॉल में यहां के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। इस संबंध में उत्तराखण्ड के स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा ने बताया कि सचिव वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार सुनील बर्थवाल ने स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित उत्पादों की जानकारी प्राप्त कर सराहना की। रेजिडेन्ट कमिश्नर केरला सौरभ जैन ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर अन्य उत्पादों के साथ बिच्छू घास की बनी जैकेट की विशेष रूप से सराहना की। प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल के साथ विभिन्न प्रदेशों के रेजिडेन्ट कमिश्नरों ने भी उत्तराखण्ड के स्टॉल का भ्रमण कर प्रदर्शित राज्य के उत्पादों की सराहना की।
उपनिदेशक उद्योग विभाग एवं नोडल अधिकारी डॉ एम एस सजवाण ने बताया कि उत्तराखंड के उद्योग विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल में उत्तराखंड राज्य के हैंडलूम और हैंडीक्राफ्ट उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। यहां अल्मोड़ा ट्वीड ऊनी स्कार्फ, डूंडा शॉल, पिथौरागढ़ के ऊनी कार्पेट, केदारनाथ व अन्य धार्मिक स्थलों की काष्ठ प्रतिकृति, नैनीताल ऐपण, उधमसिंहनगर की मूंज घास के उत्पाद, बागेश्वर के ताम्र उत्पाद, प्राकृतिक फाइबर जैकेट, प्रदर्शित किए गए हैं।

सीएम धामी ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए वेबसाइट को किया लांच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लोगो और वेबसाईट को लांच किया। देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने समिट के लोगो और वेबसाईट को लांच करते हुए कहा कि इस बार इन्वेस्टर्स समिट में 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।राज्य सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में सुधार भी किये हैं और नई नीतियों को भी लागू किया है। विभिन्न क्षेत्रों के लिये 27 नीतियां प्रख्यापित की गई हैं। राज्य में 6 हजार एकड़ का लैंड बैंक भी तैयार किया गया है। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट देहरादून में दिसम्बर माह में होने जा रहा है। राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां तेज कर दी हैं।

उद्योग जगत से लगातार संवाद कर रही सरकार

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो और वेबसाईट के अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, उद्योग जगत और प्रमुख औद्योगिक संगठनों से लगातार सम्पर्क में है। इसी क्रम में 17 अगस्त को देहरादून में और 21 अगस्त को दिल्ली में प्रमुख उद्योगपतियों से संवाद किया गया। उद्योग जगत से मिल रहे सुझावों को बहुत ही प्रमुखता से लिया गया है। उसी आधार पर एमएसएमई नीति, सेवा क्षेत्र नीति, लॉजिस्टिक नीति, सोलर नीति, आदि में सुधार किया गया है।

पीस डेस्टिनेशन के साथ इंवेस्टमेंट डेस्टिनेशन भी बना उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों और निवेश के अनुकूल बने माहौल से उद्योगपतियों में बहुत उत्साह है। देवभूमि उत्तराखण्ड में सदियों से लोग शांति के लिए आते रहे हैं। प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, अब निवेशक भी यहां आने के लिये उत्साहित हैं। शांति और पर्यटन के डेस्टीनेशन के साथ ही उत्तराखण्ड प्रमुख इन्वेस्टमेंट डेस्टीनेशन भी बना है। देश विदेश के लोग यहां से जुड़ना चाहते हैं। यहां के प्राकृतिक वातावरण, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश अनुकूल नीतियों, राष्ट्रीय राजधानी से निकटता, इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण उत्तराखण्ड निवेश के लिये प्रमुख केंद्र बन रहा है। ईज आफॅ डूंईंग बिजनेस में उत्तराखण्ड एचीवर्स श्रेणी में है। नीति आयोग द्वारा जारी निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड हिमालयी राज्यो प्रथम स्थान पर जबकि सम्पूर्ण देश में 9 वें स्थान पर है।

इंवेस्टमेंट सम्मिट पूरे उत्तराखंड का

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो उद्योग पहले से उत्तराखण्ड में स्थापित हैं, उन्होंने भी अपना विस्तार करने की बात कही है। इन्वेस्टर्स समिट केवल उद्योग विभाग का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सभी विभाग इससे जुड़े हैं। वस्तुतः यह समिट उत्तराखण्ड के सभी नागरिकों का है। राज्य में निवेश से रोजगार सृजन होगा, लोगों की आय में वृद्धि होगी और देश के विकास में उत्तराखण्ड प्रभावी भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों के अनुभवों से सीखते हुए बहुत से सुधार किये गये हैं। राज्य में अधिक से अधिक निवेश आए इसके लिये हम ठोस तरीके से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बाबा केदार की भूमि से कहा था कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। इन्वेस्टर्स समिट इसी दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

मुख्य सचिव डा. एस.एस. संधु ने कहा कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेर्स्टस समिट के लोगो में उत्तराखण्ड की विशिष्टताओं को प्रदर्शित किया गया है। पहले लोग यहां शांति के लिए आते थे, अब पर्यटन और निवेश के लिये आ रहे हैं। पर्यटन, योग, वैलनेस, सर्विस सेक्टर, कृषि और हॉर्टीकल्चर पर राज्य सरकार फोकस कर रही है। प्रदेश में बेरोजगारी और गरीबी को दूर करने के लिये निवेश महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार राज्य के नागरिकों की क्वालिटी ऑफ लाईफ में सुधार करने का प्रयास कर रही है। कृषि और हॉर्टीकल्चर को प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश की जीडीपी में 40 प्रतिशत योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र के लिये भी नई नीति बनाई गई है।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने स्वागत सम्बोधन और सचिव विनय शंकर पाण्डे ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, सचिव शैलेश बगोली, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

विशेषः

डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड- ग्लोबल समिट 2023 का लोगो राज्य की भावनाओं का प्रतिबिम्ब है। लोगो में दो पर्वत श्रृंखलाएं निरंतरता के साथ प्रगति के परिचायक तीर का सृजन करता है, जो न केवल असीमित प्रगति का प्रतीक है, बल्कि विकास और सतत विकास की निरंतरता का द्योतक है। दोनों पर्वत श्रृंखलाएं दो महत्वपूर्ण पहलुओं को प्रदर्शित करती है- उत्तराखण्ड के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता और कुशल श्रम शक्ति की अनवरत श्रृंखला।
लोगो में हरा रंग राज्य की प्राकृतिक सुन्दरता और प्रकृति के साथ सामन्जस्य का प्रतीक है। नीला रंग अवसरों, आकांक्षाओं और नये विचारों के लिये असीमित आकाश का प्रतिनिधित्व करता है।

समिट की टैग लाईन पीस टू प्रोस्पेरिटी है।

निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति के लिये राज्य में ऑनलाईन सिंगल विंडो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in बनाई गई है।

एसीएस ने मुख्यमंत्री कार्यालय हेतु गठित समन्वय समिति की बैठक

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में ग्लोबल इनवेस्टर समिट के आयोजन हेतु मा0 मुख्यमंत्री कार्यालय हेतु गठित समन्वय समिति की बैठक ली।

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में निवेश प्रोत्साहन तथा रोजगार सृजन के उद्देश्य से ‘उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023’ माह दिसम्बर 2023 में आयोजित किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए समस्त सम्बंधित विभागों को प्रभावी समन्वय के साथ मिशन मोड पर कार्य करना होगा।

बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक ए पी अंशुमान, विशेष आमंत्रित सदस्य पराग गुप्ता (सेवानिवृत आईएएस ), सौजन्या, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक आशिष त्रिपाठी व मुख्यमंत्री कार्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

महिला समूहों के निर्मित उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराने की योजना

रक्षा बंधन से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला समूहों को ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ के रूप में तोहफा प्रदान किया है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश में कार्यरत तमाम महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को इस योजना के अंतर्गत व्यापक बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से इस योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
प्रदेश में वर्तमान में तमाम महिला समूह कार्यरत हैं। जिनके द्वारा विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया जाता है। हालांकि, कई बार इनको सही बाजार न उपलब्ध होने के कारण परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। इसी क्रम में अब प्रदेश में ’मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’ प्रारंभ की गई है। इस योजना का उद्देश्य है कि महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को योजना के अंतर्गत व्यापक बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। इस हेतु प्रत्येक विकास खंड में महिला समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों की किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शनी लगवाकर महिला समूहों को विपणन के लिए समुचित अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास किये जायेंगे।
महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री को ब्लॉक स्तर पर बाज़ार मिलने से जहां उनको अपने उत्पादों की बिक्री के लिये एक मंच मिल सकेगा वहीं दूसरी ओर उत्पादों को एक नई पहचान भी मिलेगी। योजना का संचालन महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।

उद्यमियों से उत्तराखण्ड को अपनी कर्मभूमि बनाने का किया आह्वान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में देश के उद्योग जगत से जुड़े उद्यमियों से संवाद कर उद्यमियों का उत्तराखण्ड को अपनी कर्मभूमि बनाने का आह्वान किया। उत्तराखण्ड को देश में तेजी से विकास करने वाला राज्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे उद्यमी राज्य के ब्रांड एम्बेसडर है। संवाद के दौरान बड़ी संख्या में विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखने के साथ राज्य में निवेश की भी सहमति जताई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की अर्थ व्यवस्था को USD 5 ट्रिलियन बनाये जाने का लक्ष्य रखा है। इसी को ध्यान में रखते हुये उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिये सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉच किया गया है, जिसके अन्तर्गत अगले 5 वर्षों में राज्य की जीएसडीपी दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति की कड़ी के रूप में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की निवेशक केन्द्रित नीतियां, बुनियादी ढांचे में निवेश, कुशल जनशक्ति की उपलब्धता और गुड गवर्नेस के द्वारा राज्य में स्वस्थ निवेश के वातावरण की नींव रखी है। बेहतर योजना संरचना, प्रभावी नीति निर्धारण, नवाचारों का प्रोत्साहन एवं अन्तर्विभागीय समन्वय तथा विकास कार्यों के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु नीति आयोग की तरह राज्य में सेतु (State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand) का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की भांति राज्य सरकार द्वारा भी अनुपयोगी अधिनियमों को हटाने/बदले जाने की कार्यवाही की जा रही है। अब तक लगभग 1250 ऐसे अधिनियमों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को बेहतर एवं समयबद्ध सुविधायें देने हेतु प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जा रहा है। राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के सृजन तथा निवेशकों को आकर्षित करने हेतु उत्तराखण्ड इन्वेस्टमेंट एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (UIIDB) का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक दृश्टि से सशक्त राज्य की परिकल्पना आज सभी राज्य कर रहे हैं। हमने भी उत्तराखण्ड को वर्श 2025 तक देष का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु हम सामुहिक प्रयासों के द्वारा प्रधानमंत्री जी की अवधारणा ’’सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’’ इस मूल मंत्र को साकार करने की दिशा में कार्य कर रहे है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में पिछले 9 सालों में उत्तराखण्ड राज्य में हर क्षेत्र में तेजी से विकास कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को विभिन्न विकास योजनाएं दी गई है। चार धाम ऑल वेदर रोड पर तीव्र गति से काम किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य पर तेजी से कार्य चल रहा है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत कार्य प्रगति पर हैं। प्रधानमंत्री जी ने गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का शिलान्यास किया है। इससे आने वाले समय में यात्रा सुगम होगी। ऋषिकेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड भारत की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। पवित्र चारधाम मंदिर, हरिद्वार व ऋशिकेष में मोक्षदायिनी गंगा के साथ-साथ मानसखण्ड मंदिर मिशन प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मांकन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है। उन्होंने कहा कि राज्य में ’’ईज आफ डूईंग बिजनेस’’ के साथ-साथ ’’पीस आफ डूईंग बिजनेस’’ भी है। उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असंतोष की घटनायें न के बराबर हैं। श्रमिक असंतोष के कारण उद्योगों में मानव श्रम का ह्रास देश में सबसे कम है। उत्तराखण्ड में अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 22 प्रतिशत कम अपराध दर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देष में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ’’ LEADS’’ रैंकिंग में वर्श 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ’’लीडर’’ श्रेणी में शामिल है। राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित ’’इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल’’ की स्थापना की है, जो निवेशकों/व्यवसायियों के लिये ’’वन स्टॉप शॉप’’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट। रू0 5.00 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध है। निवेशकों को उद्योगों की स्थापना के लिये अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाईन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल www.investuttarakhand.uk.gov.in की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में 2003 के बाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा स्वीकृत किये गये विशेष औद्योगिक पैकेज से औद्योगीकरण में तेजी आई है। राज्य में तीन बडे औद्योगिक पार्क बनाये गये हैं। राज्य की नीति संरचना में पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं। हमने विभिन्न क्षेत्रों में 27 नीतियां प्रख्यापित की हैं। राज्य की सभी नीतियां निवेशक अनुकूल हैं और हमने अन्य राज्यों की तुलना में अपनी नीतियों को आकर्षक बनाया है। राज्य में वर्तमान में लगभग 6000 एकड़ का लैण्ड बैंक विभिन्न सैक्टर के उद्योगों की स्थापना हेतु बना लिया है। इसके साथ-साथ उद्योगों के लिये आवश्यक भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निजी औद्योगिक आस्थानों/क्षेत्रों की स्थापना हेतु नीति-2023 लागू की है। निजी क्षेत्र में उद्योग स्थापना हेतु यदि 80 प्रतिशत भूमि उद्यमी द्वारा क्रय कर ली जाती है और शेष भूमि क्रय करने में बाधा उत्पन्न होती है, तो राज्य सरकार द्वारा उक्त भूमि का अधिग्रहण कर उपलब्ध कराया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमियों, हितधारकों तथा सम्बन्धित विभागों से निरन्तर संवाद के माध्यम से ही समस्याओं के निस्तारण का प्रारम्भ सितम्बर, 2021 से किया गया है। विभिन्न बैठकों में उद्यमियों द्वारा उठाई गई समस्याओं में से 90 प्रतिशत से अधिक समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है। विभिन्न उद्योगों एवं राज्य सरकार के विभागों के मध्य विवाद की स्थिति के सम्मानजनक निस्तारण हेतु सुलह समिति बनाई है। इस समिति के माध्यम से बातचीत एवं आपसी सुलह के द्वारा ऐसे विवादों के समाधान की व्यवस्था है। हमारी नीतियों की संरचना प्रगतिषील है और इनका उद्देश्य सतत् और समग्र विकास है। हामारी नितियां महिलाओं, एस0सी0, एस0टी0 और युवा के विकास पर केन्द्रित हैं। सम्पन्न पारिस्थितिक तंत्र, कुषल और प्रतिभाशाली कार्यबल, उच्च तकनीकी विषेशज्ञता, निरन्तर इनोवेषन और व्यापार अनुकूल नीतियों के संयोजन द्वारा हम राज्य को सभी तरह के व्यवसाय एवं व्यवसायियों हेतु एक आदर्ष गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिये संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों के उत्साहजन सुविधाओं के प्रति आभार जताते हुए उत्तराखण्ड राज्य के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ’’डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-2.0’’ के अन्तर्गत देष के विभिन्न शहरों में आयोजित होने वाले रोड शो में सम्मिलित होने व इस आयोजन के मुख्य कार्यक्रम में सहभागी बनने की भी अपेक्षा की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस.एस संधु, सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली ने भी राज्य में निवेशकों के हित में की गई पहल की जानकारी दी। सचिव उद्योग विनय शंकर पाण्डे ने आभार व्यक्त किया तथा महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उद्योगों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। संवाद के दौरान असोचेम के अध्यक्ष अजय सिंह ने उत्तराखण्ड की स्टार्टअप पॉलिसी की सराहना करते हुए, राज्य में होटल टूरिज्म को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। ऑटोमोटिव कॉम्पोनेन्ट मनुफैचतुरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डारेक्टर जनरल विन्नी मेहता ने उत्तराखंड सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देते हुए उनकी औद्योगिक नीतियों को सराहा। आल इंडिया मोटर्स ट्रंसपोर्ट (कांग्रेस) ए.पी. उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड में अब काम करना आसान है। पी एच डी चौम्बर ऑफ कॉमर्स ने कहा उत्तराखंड सरकार पूरे भारत में औद्योगिक गतिविधियों के लिए बहुत सक्रिय है और उन्होंने उत्तराखंड सरकार को सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में किये जा रहे प्रयासों के लिये बधाई दी है।
इस संवाद कार्यक्रम में पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के महासचिव सौरभ सनयाल, ऑटोमोटिव कम्पोनेंट मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के महानिदेशक विन्नी मेहता, हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इण्डिया के महासचिव सिद्धार्थ भट्टाचार्य, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष बलदेवभाई प्रजापति, इण्डियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटरस् के अध्यक्ष राजीव मेहरा, ऑल इण्डिया मोटर ट्रॉसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव नवीन गुप्ता, ऑल इण्डिया फूड प्रोसेसर्स एसोसिएषन के अध्यक्ष राघव जदली, एसोएिसशन ऑफ कन्टेनर ट्रेन ऑपरेटर्स के अध्यक्ष मनीष पुरी, द फेडरेशन ऑफ इण्डियन चौम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के अध्यक्ष शुभ्रकांत पाण्डा, एसोसिएटेड चौम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष अजय सिंह, कॉन्फेड्रेशन ऑफ रियल स्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के सचिव पंकज गोयल, होटल एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के महासचिव एम.पी बेजबरूवा, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एण्ड सर्विस कम्पनीज के अध्यक्ष देबजानी घोष, सोसाइटी ऑफ इण्डिया ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चर्स के महानिदेशक राजेश मेनन सहित लगभग तीन दर्जन से अधिक उद्यमियों ने अपने सुझाव एवं विचार रखे।
इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी के साथ अन्य अधिकारी एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में वैश्विक निवेश सम्मेलन का दिसम्बर में आयोजन, आज कई दिग्गजों से सीएम ने दिल्ली में की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में उत्तराखण्ड में आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले वैश्विक निवेश सम्मेलन में निवेश की संभावनाओं के दृष्टिगत भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई) के उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष दीपक जैन, सी.आई.आई. के उपाध्यक्ष माधव सिंघानिया से विचार विमर्श किया।
इस उच्च स्तरीय बैठक में सी.आई.आई. के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को उद्योग जगत के प्रमुखों की भागीदारी सुनिश्चित कर उत्तराखंड के विकास के लिए प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। इस आयोजन में सीआईआई ने निवेशकों और राज्य के बीच संबंधों को बढ़ावा देने में अपनी सहयोगी की बात कही जिससे राज्य के विकास और प्रगति के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने में मदद मिल सके। इसके अतिरिक्त, सीआईआई ने राज्य के साथ मिलकर काम करने, पारिस्थितिक संतुलन और समग्र विकास को प्राथमिकता देने के लिए सतत विकास के लिए सीआईआई-आईटीसी उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता की उपलब्धता का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य ने हाल ही में राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए 27 क्षेत्रीय नीतियां बनाई गई हैं। सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था में 41 प्रतिशत योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र के लिए एक समर्पित नीति प्रेषित करने की भी योजना बनाई जा रही है। सीआईआई और उत्तराखंड सरकार के मध्य विविध निवेश अवसरों की खोज और सहयोगात्मक पहल इस बैठक के प्रमुख विषय थे, जिन्हें राज्य के विकास को गति देने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित किया गया था।
मुख्यमंत्री ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा से भी निवेश से संबंधित विषयों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि फिक्की के सहयोग से देश व विदेशों में शो आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने फिक्की से उत्तराखण्ड में जमीनी सहयोग पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य के निवेश की असीम संभावनाएं है। राज्य में देश के साथ विदेशों से भी इस क्षेत्र में उद्यमी आए इसके प्रयास किये जा रहे है। योग और वेलनेस राज्य की पहचान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आकर्षक पर्यटन नीति तैयार की गई है जिसके तहत अनेक क्षेत्रों में सब्सिडी दी जा रही है। पर्यटन क्षेत्र राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से निवेश के लक्ष्य की पूर्ति हेतु सरकार प्रोएक्टिव एप्रोच के साथ साथ यह भी सुनिश्चित करेगी की निवेशकों के हित,ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए पर्यटन, कृषि, बाग़वानी, आयुष, योग, सर्विस सेक्टर और अन्य संभावित क्षेत्रों को और अधिक समृद्धशाली कैसे बनाया जाए इसका रोड मैप लेकर हम अधिक से अधिक निवेश कैसे सुनिश्चित करें, इस पर काम कर रहे हैं। इन्हीं उद्देश्यों के साथ हमने उत्तराखंड में एक निवेश क्रांति लाने का संकल्प लिया है। इन्वेस्टर समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों से लगातार संवाद किया जा रहा है। विभिन्न बैठकों में निवेशकों द्वारा उठाई गई समस्याओं के निस्तारण के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 से निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ेगें एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्योग जगत में हो रहे नए नवाचारों से हमारे उद्यमियों को भी लाभ प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारम्भ किये गये मेक इन इंडिया और पी. एम. गति शक्ति जैसी केन्द्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में उत्तराखण्ड के उद्यमी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आजादी के इस अमृत काल में उत्तराखण्ड को भी आगे बढ़कर अपना योगदान देना है, इसमें उद्योग जगत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के बैकबोन लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने और राज्य में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनायें शुरू की गयी है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में आई०सी०डी० की स्थापना की गयी है। शीघ्र ही अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का कार्य आरम्भ होने वाला है। राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड लॉजिस्टिक्स नीति-2023 प्रख्यापित की गयी है, जिससे आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने विकसित उत्तराखंड को केंद्र में रख कर अपनी नीतियां बनाई हैं और यहीं कारण है कि आज उत्तराखंड तेजी से बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस.एस संधु, सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग के साथ अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर. के सिंह से की भेंट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से भेंट कर उत्तराखण्ड को कोयला आधारित संयंत्रों से 400-450 मे०वा० स्थायी आवंटन किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिगत बेस लोड सुरक्षित किये जाने और राज्य को व्यापक विद्युत कटौती से मुक्त रखे जाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगागावाट स्थायी आवंटन किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइनों एवं टावरों को पुनर्स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त लाइनों की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी, उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त विद्युत टावरों का सर्वे कराकर इसकी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाय, इसका परीक्षण कराकर प्रतिपूर्ति पर विचार किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें एवं विद्युत संयंत्र शीघ्र स्थापित करने का अनुरोध किया। जिसके लिए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्यों के लिए मानक अलग से निर्धारित कर शीघ्र बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें एवं विद्युत संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार को केंद्रीय पूल से अतिरिक्त विद्युत उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर ऊर्जा, हाइड्रो पावर एवं कोयला से विद्युत उत्पादन के लिए दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने माह अप्रैल से सितम्बर 2023 तक औसतन 300 मे०वा विद्युत प्रतिमाह अनएलोकेटेड कोटा से उपलब्ध कराए जाने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में ऊर्जा की कुल उपलब्धता में 60 प्रतिशत से अधिक जल ऊर्जा संयंत्रों से है जिसमें मौसमी परिवर्तन के साथ उपलब्धता में व्यापक उतार-चढ़ाव होता है एवं शीत ऋतु में उत्पादन लगभग एक तिहाई रह जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने अपनी रिपोर्ट में उत्तराखण्ड राज्य में बेस लोड की अनुपलब्धता स्वीकार करते हुए उत्तराखण्ड राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से अतिरिक्त रूप से लगभग 400 मे०वा० विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने हेतु अपनी संस्तुति दी है। राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिगत बेस लोड सुरक्षित किये जाने और राज्य को व्यापक विद्युत कटौती से मुक्त रखे जाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से 400 मेगावाट स्थायी आवंटन किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति व्यक्त की।
केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया। केंद्रीय मंत्री ने किशाऊ बांध के संबंध में कहा कि सभी राज्यों से विचार विमर्श करने के बाद शीघ्र ही आपत्तियों का निस्तारण कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव ऊर्जा भारत सरकार पंकज अरोड़ा, सचिव ऊर्जा, उत्तराखंड आर मीनाक्षी सुंदरम एवं एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार उपस्थित रहे।

राज्य में निवेश के लिए सीएम ने की चर्चा, उद्योग जगत से जुड़े लोगों ने दिए सुझाव

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के सफल आयोजन हेतु नीतिगत आधार तथा मार्गदर्शन उपलब्ध कराये जाने के लिए गठित मुख्यमंत्री सलाहकार समूह की पहली बैठक सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य में औद्योगिक निवेश बढ़ाने, रोजगार को बढ़ावा देने एवं राज्य की आर्थिकी में वृद्धि के लिए आगे की कार्ययोजनाओं पर चर्चा की गई। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए और क्या बेहतर प्रयास किये जा सकते हैं, इसके लिए औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से सुझाव लिये गये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए निवेशकों द्वारा जो भी सुझाव दिये जा रहे हैं, उन सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए उनको कार्यरूप में लाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि इन्वेस्टर समिट होने तक राज्य में निवेश की अच्छी ग्राउंडिंग हो जाय। इसके लिए नीतियों का सरलीकरण के साथ उन पर तेजी से क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को सभी अनुमतियां समय पर मिल जाएं इसके लिए समय सीमा निर्धारित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है, राज्य में निवेशकों को हर सम्भव सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शांति व्यवस्था के साथ ही बेहतर मानव संसाधन भी उपलब्ध है। उन्होंने निवेशकों से आग्रह किया कि उन्हें जिन-जिन क्षेत्रों में दक्ष मानव संसाधन की आवश्यकता है, वह बताई जाए। राज्य सरकार द्वारा ऐसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्थाएं की जायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हुआ है। इन्वेस्टर समिट में 2.5 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा निवेशकों को राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों के रोजगार के संसाधन बढ़ेगे ओर पलायन भी रूकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2025 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें हमारे उद्योग जगत से जुड़े लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों से लगातार संवाद हो रहे हैं। विभिन्न बैठकों में निवेशकों द्वारा उठाई गई समस्याओं के निस्तारण के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 से निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ेगें एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्योग जगत में हो रहे नए नवाचारों से हमारे उद्यमियों को भी लाभ प्राप्त होगा। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों एवं उद्यमियों की लगन, फीडबैक से हमारा राज्य ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में देश में अचीवर्स की श्रेणी में सम्मिलित होकर अन्य कई बड़े राज्यों के समकक्ष खड़ा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारम्भ किये गये मेक इन इण्डिया और पी. एम. गति शक्ति जैसी केन्द्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में उत्तराखण्ड के उद्यमी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आजादी के इस अमृत काल में उत्तराखण्ड को भी आगे बढ़कर अपना योगदान देना है, इसमें उद्योग जगत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। औद्योगिक विकास के बैकबोन लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने और राज्य में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनायें शुरू की गयी है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में आई०सी०डी० की स्थापना की गयी है। शीघ्र ही अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का कार्य आरम्भ होने वाला है। राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड लॉजिस्टिक्स नीति-2023 प्रख्यापित की गयी है, जिससे आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने विकसित उत्तराखंड को केंद्र में रख कर अपनी नीतियां बनाई हैं और यहीं कारण है कि आज उत्तराखंड तेजी से बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल एवं सौरभ बहुगुणा ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपने सुझाव दिये।
इस अवसर पर निवेशकों द्वारा राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए अनेक सुझाव दिये गये। बैठक में औषधीय पादपों को बढ़ावा देने, राज्य में संचालित उद्योगों का सर्वे करने, उद्योगों की स्थापना के लिए अनुमतियां प्राप्त करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने, उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लैण्ड बैंक बनाने के सुझाव प्राप्त हुए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, औद्योगिक जगत से पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण, सुभाष त्यागी, आईआईएम काशीपुर से प्रो. कुलभूषण बलूनी, आईआईटी रूडकी से प्रो. कमल किशोर पंत, चेयरमैन ग्राफीक ऐरा कमल घनशाला, अनिल गोयल, विजय धस्माना, डॉ. एस. फारूक, मुकुन्द प्रसाद, पंकज गुप्ता एवं औद्योगिक जगत से जुडे़ अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक में शामिल हुए मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल


जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा किया गया। बैठक में विभिन्न विषयों यथा विधि समिति द्वारा संस्तुत विषयों तथा फिटमेंट समिति द्वारा संस्तुत विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी।

बैठक में राज्य द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए रु0 2 करोड़ तक के वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में छूट दिए जाने, जीएसटीआर 3 बी तथा जीएसटीआर 2 ए में अंतर होने पर आईटीसी दिए जाने की सुविधा वर्ष 2017-18 तथा वर्ष 2018-19 की भांति एक निश्चित सीमा के अधीन दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2021 तक के लिए जारी रखने तथा जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन से सम्बंधित कार्यवाही प्रारम्भ किये जाने के परिप्रेक्ष्य में ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तों से सम्बंधित नियमों पर सहमति व्यक्त की गयी।

बैठक में फिटमेंट समिति द्वारा की गई संस्तुतियों के अंतर्गत कर दरों के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किए जाने तथा कतिपय विसंगतियों को दूर किये जाने पर विचार विमर्श किया गया, जिसका राज्य द्वारा समर्थन किया गया।

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा जीएसटी सम्बन्धी विवादों के निपटारे के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए माननीय वित्त मंत्री महोदया, भारत सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया तथा जीएसटी परिषद को यह अवगत कराया गया कि राज्य में जीएसटी ट्रिब्यूनल की राज्य पीठ का गठन देहरादून में प्रस्तावित किया गया है।

केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में छूट प्राप्त करने वाली इकाइयों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति करने सम्बन्धी मामले में माननीय वित्त मंत्री महोदय द्वारा यह अवगत कराया गया कि अवशेष 42 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा किये जाने की दशा में राज्य पर रू० 2376 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा तथा राज्य द्वारा ऐसी धनराशि की प्रतिपूर्ति करनी होगी, जो राज्य के राजकोष में प्राप्त ही नही हुई है। इस परिप्रेक्ष्य में उनके द्वारा उक्त प्रतिपूर्ति राज्य स्तर से सम्भव नहीं हो पाने के विषय में अवगत कराया गया।

बैठक में श्री दिलीप जावलकर सचिव वित्त तथा डा0 अहमद इकबाल आयुक्त राज्य कर सहित अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

प्रदेश के ग्रोथ इंजन को बढ़ाने में उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजपुर रोड, देहरादून स्थित एक निजी होटल में बी.एन.आई देहरादून द्वारा आयोजित बी.एन.आई दून ई-3 एक्सपो बिजनेस कॉन्क्लेव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिजनेस नेटवर्क इंटरनेशनल (बीएनआई) दून ई-3 एक्सपो में उपस्थित सभी उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में निवेश करने वाले उद्यमी उत्तराखंड के विकास के सारथी एवं प्रदेश की प्रगति के वाहक हैं। बीएनआई दून एक्सपो केवल उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह हमारे राज्य में पनप रही उद्यमशीलता की भावना और नवीन मानसिकता का प्रमाण है। उत्तराखंड राज्य में सभी प्रकार के व्यवसाई अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकते हैं, सार्थक संबंध बना सकते हैं और नए अवसर तलाश सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के ग्रोथ इंजन को दौड़ाने के लिए सरकार और उद्योग जगत के बीच एक उचित समन्वय बेहद आवश्यक है। हमारे एक-एक उद्यमी की उपलब्धि हमें आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहे है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। नरेंद्र मोदी द्वारा नए भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया है, जो अब पूरा होता दिखाई दे रहा है। आज पूरी दुनिया भारत को सक्षम, रचनाशील, बदलाव के लिए तैयार एक अभिनव आर्थिक इकोसिस्टम के रूप में देख रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड भी भारत की आर्थिक प्रगति में एक प्रमुख सहभागी बने और अग्रणी राज्यों में हमारा स्थान सुनिश्चित हो। इसके लिए सरकार कार्यरत है। राज्य सरकार निरंतरता के साथ अभावों को अवसरों में बदलने का कार्य कर रही है। राज्य सरकार प्रदेश को निवेश के लिए एक सर्वाधिक पसंदीदा गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयासरत है। राज्य में निवेश के लिए बेहतर कानून व्यवस्था, स्वच्छ पर्यावरण, रेल, सड़क तथा वायु परिवहन की सुविधा, सस्ती एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा जल संसाधन उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण, फार्मा, आयुष और कल्याण, जैव प्रौद्योगिकी, आईटी, पर्यटन, ग्रीन एनर्जी तथा सेवा क्षेत्र में कार्य किया जा रहा हैं। हमारी उद्योग अनुकूल नीतियों का परिणाम स्वरूप आज देश की विख्यात कंपनियां प्रदेश की प्रगति में अपना योगदान दे रही है। राज्य सरकार की नीतियों में प्रमुख रूप से मेगा औद्योगिक और निवेश नीति, एम.एस.एम.ई. नीति, मेगा टेक्सटाइल पार्क पॉलिसी, स्टार्टअप नीति, पर्यटन नीति, आयुष नीति, सौर ऊर्जा नीति, अरोमा पार्क नीति, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति, एयरोस्पेस एवं डिफेंस पॉलिसी, सूचना प्रौद्योगिकी नीति और निर्यात नीति शामिल है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना भी अति महत्वपूर्ण है। इसी कड़ी में हमने ’’एक जनपद-दो उत्पाद’’ योजना को लागू किया जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना, उन्हें आजीविका का प्रमुख साधन बनाना है। संकल्प से सिद्धि के इस सकारात्मक और पारदर्शी माहौल में, उत्तराखंड के प्रत्येक निवेशक के लिए अवसरों का विस्तार हो रहा है।
इस दौरान कार्यक्रम में मेयर सुनील उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष भाजपा सिद्धार्थ अग्रवाल, सुनील, राहुल, प्रकाश, रितु मौर्य, प्रगति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।