राष्ट्रपति ने प्रो. दाता राम पुरोहित को संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरूवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश भर से चयनित प्रख्यात संगीतकारों, नर्तकों, लोक एवं आदिवासी कलाकारों और रंगकर्मियों को उनके विशिष्ट योगदान हेतु वर्ष 2019, 2020, 2021 के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। भारत में प्रदर्शन कला वर्ग में दिए जाने वाला यह सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार है। श्रीनगर गढ़वाल निवासी प्रख्यात संस्कृतिकर्मी और शिक्षाविद प्रो दाता राम पुरोहित को उत्तराखंड की लोक कलाओं के संवर्धन में अमूल्य योगदान के लिए साल 2021 का संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्रदान किया गया. देश के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार वितरण की परंपरा 1952 से चली आ रही है। जिसके तहत हर साल संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक कलाओं, कठपुतली कला और अन्य विविध प्रदर्शन कला के क्षेत्र में कलाकारों द्वारा दिए गए विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें रत्न सदस्यता और अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। प्रो डी आर पुरोहित ने अपना पूरा जीवन उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवम उसके कलाकारों के संवर्धन के लिए समर्पित कर दिया. उत्तराखंड की लोक कलाओं को अपने शोध कार्यों के माध्यम से पूरी दुनिया में एक अलग पहचान दिलाने के लिए प्रो पुरोहित ने जर्मनी की प्रतिष्ठित हाइडिलबर्ग युनिवर्सिटी से लेकर अमेरिका की प्रिंस्टन युनिवर्सिटी तक दुनियाभर की दर्जनभर विश्वविद्यालयों और संस्थानों में व्याख्यान दिए. प्रो पुरोहित ने उत्तराखंड की ढोल वाद्य शैली, पंडवाणी, भड़वार्ता, जागर, रम्माण, नंदा के गीत और बादी बदीणों के गीतों पर शोध कर उनके अकादमिक प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाई है. श्रीनगर के हेनब गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय में लोक कला एवं संस्कृति निष्पादन केन्द्र की अवधारणा एवम उसे मूर्त रूप देने का श्रेय भी प्रो डी आर पुरोहित को जाता है. प्रो पुरोहित अभी भी उत्तराखंड में लोक नाट्य कलाओं की जड़े सींचने के लिए निरंतर स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शोध कार्यों, लेखन, निर्देशन एवं नए कलाकारों के मार्गदर्शन में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस दौरान प्रो डी आर पुरोहित के अलावा शास्त्रीय गायक छन्नू लाल मिश्र, लोक गायिका तीजन बाई, भजन गायक अनूप जलोटा समेत देश के कई प्रतिष्ठित कलाकारों को भी सम्मानित किया. अकादेमी फेलो के सम्मान में तीन लाख की पुरस्कार राशि दी जाती है, जबकि अकादेमी पुरस्कार में एक ताम्रपत्र के अलावा एक लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर पूर्व विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और संगीत नाटक अकादेमी की चेयरपर्सन डॉ संध्या पुरेचा भी उपस्थित रहे.

मुख्यमंत्री धामी का प्रयास लाया रंग, केन्द्र ने पांच वर्षों तक नवीनीकृत स्वीकृति दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर प्रदेश की 04 नदियों गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी की वन स्वीकृतियां आगामी पांच वर्षों तक नवीनीकृत कर दी गईं है। मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नदियों से आर०बी०एम० की उपलब्धता, सिविल निर्माण कार्यों, धार्मिक व सामरिक रूप से आवश्यक सड़क और रेल नेटवर्क का विस्तार जैसे अति महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बेहद जरूरी है। इससे लगभग 50 हजार स्थानीय लोगों और श्रमिकों को सार्थक रोजगार भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में अपने दिल्ली दौरे में केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट कर इसके लिए अनुरोध किया था। इसी क्रम में प्रदेश की 4 नदियों गौला, शारदा, दाबका एवं कोसी की वन स्वीकृतियां आगामी पांच वर्षों तक नवीनीकृत कर दी गईं है।

नकल विरोधी कानून के समर्थन में छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को राधा स्वामी सत्संग व्यास रुद्रपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों एवं विद्यार्थियों द्वारा आयोजित हस्ताक्षर अभियान में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं सुचिता को सुनिश्चित कराने के लिए राज्य में नकल विरोधी कानून लाये जाने पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों एवं विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सभी प्रतियोगी परीक्षाएं नकलविहीन होंगी, पारदर्शिता के साथ होंगी, आप अपनी परीक्षाओं की तैयारियां करें, हमारे भाई-बहनों का समय भी खराब नहीं होगा, भर्तियां कैलेण्डर के अनुसार होंगी’’ लिखकर अपने हस्ताक्षर भी किये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में भर्ती घोटाले नासूर एवं कैंसर की तरह फैल रहा था, जिसकी सरजरी करना बहुत जरूरी था। इस बार कुछ छात्र-छात्राओं द्वारा वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में भी पेपर लीक होने की आशंका जताई गई थी, जिसकी कराने पर प्रारम्भिक रूप से ये लगने लगा कि इस परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। उन्होने कहा तभी से हमने तय किया कि यही नही हम पुरानी सभी भर्तियों की जांच करायेगें और हमने जांच का निर्णय लिया जिसमें जांच करने पर इस अपराध में जो संलिप्त थे वो 60 से भी ज्यादा लोग जेल जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को जड़ से खत्म करने के लिए हमने भारतवर्ष का सबसे सख्त कानून बनाया है जिसमें नकल कराने वाले व्यक्ति के लिए उम्र कैद तक का भी प्रावधान करने के साथ ही सारी सम्पत्ति जब्त करने का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जो अभ्यर्थी नकल करने में एक बार पकड़ा गया तो 03 साल तक अगर वह इसमें फिर से संलिप्त पाया जाता है तो अगले 10 वर्षाे तक वह किसी परीक्षा में भाग नही ले सकता है और पूरे देश का सर्वाधिक सख्त कानून है। उन्होने कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं, उनके भविष्य से कोई खिलवाड़ न करे उनकी उम्मीदों को ना तोडे़, इन सभी बातों पर गहनता से विचार करते हुए हमने ये नकल विरोधी सख्त कानून बनाया।
मुख्यमंत्री ने कहा गरीब माता-पिता अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए अपनी सारी जमा पूँजी लगा देते है, अगर उस पर ही ऐसी डकैती हो जायेगी तो उन माता-पिता के पास क्या बचेगा। उन्होने कहा कि हमारे पास संसाधनों का आभाव होते हुए भी हमारे बच्चे और हमारे युवा बेरोजागार भाई-बहनों को मिलने वाली नौकरियों में हम कोई कटोती नही करेंगे, चाहे अन्य संसाधनों में कटौती करनी पड़े। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं का केलेण्डर जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भर्तियां पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता से नकलविहीन सम्पन्न होंगी, जिससे पात्र व्यक्तियों का चयन होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों सम्पन्न हुई पटवारी एवं लेखपाल भर्ती परीक्षा में एक लाख तीन हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिनके आने-जाने हेतु मुफ्त यात्रा सुविधा दी गई थी। उन्होंने कहा कि पीसीएस की शुरू हो रही मुख्य परीक्षाओं में भी उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की व्यवस्था की है।
इस दौरान विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, भाजपा प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, सहित आईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी युगल किशोर पन्त, एसएसपी मन्जूनाथ टीसी, मुख्य विकास अधिकारी विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, उप जिलाधिकारी प्रत्यूष सिंह, कौस्तुभ मिश्रा, सहित अमित नारंग, भारत भूषण चुघ, सुरेश कोली सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग ने किया अनुबंध

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की उपस्थिति में गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट के लिए पर्यटन विभाग, निजी निर्माण कंपनी एस.आर.एम. इंजीनियरिंग एवं एफआईएल इंडस्ट्री प्रा. लि. के बीच अनुबंध किया गया। ले. कमान्डर दीपक खण्डूरी (से.नि.) निदेशक अवस्थापना एवं अविरल जैन ने एमओयू हस्ताक्षरित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस इस रोपवे परियोजना के पूर्ण होने के बाद यमुनोत्री धाम अपने शीतकालीन स्थल खरसाली से जुड़ जायेगा। इस रोपवे परियोजना के बनने के बाद श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम के दर्शन करने में सुगमता होगी। अभी पैदल मार्ग से यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 2 से 3 घण्टे का समय लग जाता है, रोपवे बन जाने के बाद मात्र 15 से 20 मिनट में श्रद्धालु यमुनोत्री के दर्शन के लिए पहुंच जायेंगे एवं प्रदूषण मुक्त प्राकृतिक सौन्दर्य का लाभ उठा पायेंगे। इस रोपवे परियोजना के पूर्ण होने पर श्रद्धालुओं को तो सुविधा मिलेगी ही साथ ही स्थानीय स्तर पर लोगों के रोजगार के संसाधन भी बढ़ेंगे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बनने वाला यह रोपवे मॉ यमुना के ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन धामों को एक साथ जोड़ने एवं उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं में एक और नये अध्याय का कार्य करेगा। परियोजना का क्रियान्वयन तय सीमा में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा कि जानकीचट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा साथ ही श्रद्धालुओं को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी।
यमुनोत्री धाम के लिए बनने वाला 3.38 किमी लंबाई का यह रोपवे मोनोकेबल डिटैच्चेबल प्रकार का होगा। जिसका निर्माण यूरोपीय मानकों के अनुसार फ्रांस और स्विटजरलैंण्ड की तर्ज पर किया जायेगा। इस रोपवे की यात्री क्षमता एक घंटे में लगभग 500 लोगों को ले जाने की होगी। रोपवे के एक कोच की क्षमता आठ लोगों को ले जाने की होगी। यह रोपवे पर्यटन विभाग द्वारा पीपीपी मोड पर निर्मित किया जाना प्रस्तावित है। यमुनोत्री को रोपवे से जोड़ने के साथ ही पार्किंग, आवासीय व्यवस्था, रेस्टोरेंट के निर्माण भी प्रस्तावित हैं। लगभग 166.82 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले रोपवे का लोअर टर्मिनल खरसाली में 1.787 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा, जबकि अपर टर्मिनल 0.99 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्वनि पुण्डीर (से.नि.), अपर निदेशक पर्यटन पूनम चंद, साहसिक खेल अधिकारी सीमा नौटियाल उपस्थित रहे।

स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण भी मिले-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति की 20वीं बैठक संपन्न हुई। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूली बच्चों को शिक्षा के साथ पोषण भी मिल सके इसके लिए योजना का सोशल ऑडिट के साथ ही स्थानीय लोगों से फीडबैक लेना भी आवश्यक है। उन्होंने विद्यालयों हेतु गठित निरीक्षण समितियों द्वारा अनुश्रवण सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने स्कूलों के किचन और खाने के बर्तन-थालियों आदि आवश्यक वस्तुओं के लिए कॉर्पस फंड भी बनाए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। कहा कि स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री पोषण में मिलेट्स को शामिल करते हुए झंगोरे की खीर को मिड डे मील में शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में किचन एवं स्टोर आदि की मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। कहा कि जो भवन अधिक क्षतिग्रस्त हैं, उनका प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य सुनिश्चित किया जाए।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत श्रीनगर, जनपद पौड़ी गढ़वाल में अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा केंद्रीयकृत किचन के निर्माण को स्वीकृति दी गई।
इस अवसर पर विधायक सहदेव पुंडीर, सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सर्किल रेट बढ़ने से भूमि स्वामियों को फायदा मिलेगा-सुबोध उनियाल

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जमीनों के सर्किल रेट मे संशोधन को जन हित मे उचित बताते हुए कहा कि कोविड के बाद हुई वृद्धि से न केवल राजस्व वृद्धि होगी, बल्कि इससे विकास कार्याे को गति मिलेगी और काश्तकारों को भी भूमि का उचित मुआवजा मिलेगा। साथ ही क्रेता को वित्तीय संस्थानों और बैंको से तदनुरूप वित्त पोषण हो सकेगा।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि सर्किल रेट संशोधन मे सभी पहलुओं का पूरा होमवर्क किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में कोविड महामारी के चलते सर्किल दरों को पुनरीक्षित नहीं किया गया। वर्ष 2022 में विकासात्मक गतिविधियां तीव्र होने के पश्चात् सम्पत्तियों के क्रय-विक्रय में वृद्धि होने के साथ-साथ उनके सम्पत्ति के मूल्य में वृद्धि हुई। सर्किल दरों को पुनरीक्षित करने में अनौपचारिक बाजारी सर्वे जैसे कि तहसीलदार, नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी आदि की रिपोर्ट, रियल स्टेट पोर्टल पर प्रख्यापित दरें, अधिक मूल्य पर पंजीकृत विलेखों के औसत के आधार पर प्राप्त दर, तहसील जनपद स्तर पर व्यावसायिक गतिविधियों, अंर्तजनपदीय सीमाओं पर स्थित समतुल्य विकासात्मक दशाओं तथा नई टाउनशिप प्रोजेक्ट, प्रस्तावित राजमार्ग,/बाईपास आदि तथ्यों के अतिरिक्त जीआईएस मैपिंग आधारित अध्ययन का भी विश्लेषण किया गया। राज्य में कुल 49000 (86 प्रतिशत) क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 50 प्रतिशत से कम है. 5200 ( 9 प्रतिशत) क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 51-100 प्रतिशत के मध्य है तथा शेष 2832 (5 प्रतिशत) क्षेत्रों में वृद्धि प्रतिशत 100 प्रतिशत से अधिक है।
राज्य में 22912 कृषि क्षेत्रों के अंतर्गत 87 प्रतिशत क्षेत्रों में दरों की वृद्धि 50 प्रतिशत से कम है और इन क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 32.47 प्रतिशत है। अकृषि क्षेत्र राज्य में 34082 अकृषि क्षेत्रों में से 85 प्रतिशत क्षेत्रों में दरों की वृद्धि 50 प्रतिशत कम है और इन क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 34.83 प्रतिशत है। राज्य में उक्त वृद्धि 03 वर्ष के अंतराल पर की गई है। राजस्व को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एवं भूमि की बाजारी मूल्य में औसत वार्षिक वृद्धि को न्यूनतम 10 प्रतिशत की दर से लेते हुए सम्पूर्ण प्रदेश के 85 प्रतिशत क्षेत्रों में वृद्धि अधिकतम 10 प्रतिशत प्रति वर्ष तक है तथा औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की दर 7 प्रतिशत प्रति वर्ष को सम्मिलित करते हुए 17 प्रतिशत प्रति वर्ष है। पर्वतीय जनपदों के कृषि एवं अकृषि क्षेत्रों में औसत प्रतिशत वृद्धि 5 प्रतिशत प्रति वर्ष से कम है. जो कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से भी कम है। उल्लेखनीय है कि सर्किल दरों में विसंगति दूर करने के लिए 48 पर्वतीय क्षेत्रों में 40 प्रतिशत तक की कमी की गई है एवं सम्पूर्ण प्रदेश में 658 यूनिट ईकाईयों में कोई वृद्धि प्रस्तावित नहीं की गई है।
जनपद अल्मोड़ा के गरकोट, लोहेडा रीठा, कुनियाल गाव आदि कुल 47 क्षेत्रों के सर्कल रेट में 46 प्रतिशत तक की कमी की गयी है अर्थात 49 लाख से घटाकर 25 लाख प्रति हेक्टर की गयी है। जनपद देहरादून के विकासनगर के भलैर, पपडियान बावनधार, मदर्स एवं मटोगी आदि क्षेत्रों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। जनपद नैनीताल के डोली गांव जसपुरिया लाईन कसेरा लाईन खन्सय काला आगर आदि 33 क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से कम वृद्धि की गयी है। जनपद हरिद्वार के रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मार्ग पर सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। हरिद्वार के अब्दुल हसनपुर अलमासपुर की दर 1300 से 1350 प्रति वर्ग मी० सलेमपुर बवाल 3350 से 3500 प्रति वर्ग मी० तानपुरा में 18000 से 10000 प्रति वर्ग भगवानपुर बजार मे खुर्द अलमासपुर इत्यादि 13 वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है।
जनपद चमोली में बी एवं अन्य 626 क्षेत्र में वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है। जनपद मे दानकोट कोटबासी धारको नरकोट जरी कोठीपाडा आदि कुल 200 क्षेत्री मे वृद्धि 10 प्रतिशत से भी कम है। जनपद के जनपद देहरादून के विकास नगर में इटावा आडिया डोईवाल जनपद हरिद्वार में एईएस रोड एवं जनपद नैनीताल के माल रोड के किनारे) क्षेत्रा में 50-100 प्रतिशत तक वृद्धि की गयी है। जनपद देहरादून के गुनियाल गांद जनपद हरिद्वार के बहादराबाद जनपद उपमहनगर के किच्छा में एम्स/पराग फॉम इण्डस्ट्रीयल पार्क एवं जनपद नैनीताल के सत्बुमा क्षेत्रों में 100 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की गयी है। इन क्षेत्रों में विकास गतिविधियां जैसे कि नई टाउन शिप, प्रस्तावित नेशनल हाइवे रिंग रोड रेल परियोजनाएं एवं औद्योगिक विकास आदि के भी होने एवं औपचारिक बाजारी एवं रियल स्टेट पोर्टल पर उच्च दरें उपनिबंधक कार्यालयों में राज्य मूल्य पर लेख पत्र पंजीकृत होने के दृष्टिगत सर्किल दरी का पुनरीक्षण किया गया है।
सुबोध उनियाल ने कहा की सर्किल दरों के पुनरीक्षण से राजस्व वृद्धि के अतिरिक्त काश्तकारों की मुआवजा राशि में वृद्धि होगी और भू स्वामी को उचित दाम प्राप्त होगा। गृह स्वामी/व्यवसायियों एवं निवेशकों को वित्तीय संस्थाओं से समुचित वित्त की प्राप्ति होगी, जिससे विकास को गति मिलेगी एवं सर्किल दरों और प्रचलित वास्तविक बाजार दरों में अंतर को कम करने से रियल स्टेट में काले धन के प्रवाह को रोकने में सहायता प्राप्त होगी।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बोले, 2024 तक हर जिले में होंगे पार्टी कार्यालय

भाजपा ने प्रदेश में जिला कार्यालयों के निर्माण की प्रक्रिया को गति देते हुए 2024 तक सभी जगह स्थाई कार्यालय निर्मित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। प्रदेश मुख्यालय में हुई बैठक के बाद नए प्रदेश कार्यालय को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, जमीन को लेकर न्यायालय के निर्णय का हम सबको इंतजार है, साथ ही कार्यालय को लेकर नई जमीन की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।

बलवीर रोड स्थित मुख्यालय में केंद्रीय जिला कार्यालय निर्माण सयोजक प्रभारी रवींद्र राजू के मार्गदर्शन में विभिन्न विषयों को लेकर पार्टी की उच्च स्तरीय बैठक हुई बैठक के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष श्री भट्ट ने बताया कि देहरादून हरिद्वार अल्मोड़ा चंपावत चमोली रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ कुल 8 जनपदों में पार्टी कार्यालय स्थाई रूप में निर्मित है। इसके अतिरिक्त अधिकांश जनपदों में कार्यालयों को लेकर दाखिला खारिज और नक्शे की प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अन्य शेष जनपदों में भी भूमि तलाश व अन्य जरूरी प्रक्रियाओं को भी शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि उत्तरकाशी में कार्यालय के लिए नई भूमि की तलाश की जा रही है वही काशीपुर रुड़की कोटद्वार पौड़ी में पार्टी के पास पहले से जमीन है जिसको लेकर शीघ्र ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। टिहरी में आवंटित कार्यालय को बड़ा किया जाएगा और रानीखेत विकासनगर ऋषिकेश में कार्यालय हेतु जमीन की तलाश की जाएगी। चूंकि हल्द्वानी में पहले से ही कार्यालय है लिहाज वहां कुमाऊं संभाग कार्यालय के लिए नई जमीन ढूंढी जाएगी।
इस दौरान मीडिया द्वारा प्रदेश कार्यालय के लिए प्रस्तावित भूमि को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए श्री भट्ट ने कहा, उपरोक्त भूमि पर काबिज 1058 भू स्वामियों व विभिन्न सरकारी कार्यालयों की तरह हमें भी माननीय न्यायालय के निर्णयों का इंतजार है । जहां तक बात कांग्रेस के आरोपों की तो अधिकांश सरकारी कार्यालय, भवन और स्वयं पार्टी की इस भूमि का दाखिला खारिज भी उनके कार्यकाल में हुआ तब कोई आपत्ति नही की गई । इस मौके पर उन्होंने स्पष्ट किया की अधिक देरी होने की स्थिति में पार्टी प्रदेश कार्यालय के भवन हेतु नई जमीन तलाशने पर विचार कर रही है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मिलेगा पर्वतीय जनपदों को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का लाभ-राजेश कुमार

प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के लोगों को शीघ्र मिलेगा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का लाभ यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘यू कोट, वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के हुए साझात्कार में उत्साह को देखते हुए कही।
डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में प्रायरू देखा गया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएँ हैं पर प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। शीघ्र ही इन रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हो जाएगी, जिससे आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में मिल सकेगी ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ अपने ही क्षेत्र में मिल सके।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया की प्रथम चरण में 47 स्पेशलिस्ट डॉक्टर जिसमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिशन, ऑर्थोपेडिक, आदि ने साझात्कार में प्रतिभाग किया गया है। शीघ्र ही ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल का दूसरा चरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया चयनित डॉक्टरों की सूची तैयार कर जल्द नियुक्ति दी जाएगी जिससे की आमजन को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

प्लास्टिक को ना कहने की आदत ही पर्यावरण को बचाएगी-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आईटी पार्क देहरादून स्थित गौरा देवी पर्यावरण भवन में उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट कार्यशाला को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की पहली वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, काशीपुर ईकाई का वर्चुअल एवं प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित लघु फिल्म का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर आधारित स्टॉलों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस कार्यशाला में प्लास्टिक प्रदूषण से होने वाली चुनौतियों के निस्तारण के सबंध में की जाने वाली चर्चा निश्चित रूप से राज्य में पर्यावरण के मानक व स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि आज हमारे घरों, उद्योगों, होटलों, रेस्टोरेंट, प्रतिष्ठानों से निकलने वाला प्लास्टिक वेस्ट हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमें आधुनिक तकनीक से प्लास्टिक कचरे के रिसाइक्लिंग तकनीक को विकसित करने की दिशा में जागरूक और संवेदनशील बनने की आवश्यकता है। सिंगल यूज प्लास्टिक को हमारे जीवन की उपयोगिता से बाहर करने की दिशा में हम सबको सामूहिक रूप से अधिक गंभीर होने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्लास्टिक उत्पादन से संबंधित उद्योगध्इकाई द्वारा ई.पी.आर रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में उत्तर भारत में उत्तराखण्ड वर्तमान में अग्रणी है, जो निश्चित रूप से एक गौरव का विषय है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला में किया जाने वाला मन्थन निश्चित रूप से हमारे उद्यमियों और आम जनता को अपने प्रतिष्ठान, घर, शहर और गांव के साथ ही पूरे राज्य को स्वच्छ बनाने में सहयोग करेगा। अब समय आ गया है कि हमें उत्तराखण्ड में वेस्ट टू वैल्थ और वेस्ट टू एनर्जी की दिशा में काम करने की ओर अग्रसर होना होगा। अब सर्कुलर इकोनॉमी का कॉन्सेप्ट आ चुका है, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में कारगर साबित होगा। कचरे को सिर्फ कचरा न समझ कर एक संसाधन के तौर पर देखने की आवश्यकता है। इससे आम लोगों को आजीविका के साथ-साथ रोजगार के अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। आज देश में कई स्टार्टअप इस दिशा में नई तकनीक व उत्पाद के साथ सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान, शौचालय निर्माण, नमामि गंगे अभियान जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत करके सम्पूर्ण विश्व को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा तथा अन्य स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से प्लास्टिक हटाओ अभियान में तेजी आयी है। प्लास्टिक व अन्य प्रकार के वेस्ट मैनेजमेंट हेतु रिड्यूस, रियूज और रीसाइकिल के सिद्धान्त को अपनाते हुए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा नीति, गाईडलाईन्स व एसओपी बनाये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में शुरू किया गया मिशन लाईफ हर व्यक्ति के जीवन से जुड़ा विषय है। यदि हम अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा बदलाव करे तो आज पर्यावरण प्रदूषण की जो बड़ी चुनौती हमारे सामने खड़ी है, उससे निपटा जा सकता है और धरती को एक बड़े खतरे से बचाया जा सकता है। पर्यावरण संरक्षण से सम्बन्धित जीवनशैली व दिनचर्या को अपनाते हुए हम पूरे विश्व को यह सन्देश दे सकते हैं कि हमारे प्रदेश व देश के नागरिक पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग व प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण आर.के सुधांशु, निदेशक पर्यावरण एस. पी सुबुद्धि, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक, संयुक्त निदेशक पर्यावरण नितेश मणि, वर्चुअल माध्यम से विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर युगल किशोर पंत एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

कैबिनेट में लाया जायेगा परिषदीय परीक्षा अंक सुधार का प्रस्ताव

सूबे में समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में रिक्त बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा, जिसके लिये नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी का चयन करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को एक विषय में अंक सुधार का मौका दिये जाने संबंधी प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाया जायेगा।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिव एवं वित्त सचिव सहित विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में रिक्त चल रहे बीआरपी-सीआरपी के करीब 955 पदों को शीघ्र ही आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से भरा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी के चयन एवं बीआरपी-सीआरपी के रिक्त पदों को भरने हेतु शैक्षिक अर्हताएं तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
विभागीय मंत्री ने बताया कि गत वर्षों में विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षाओं में काफी छात्र-छात्राएं एक विषय में कम अंक आने के कारण उत्तीर्ण नहीं हो पाये जबकि अन्य विषयों में उनके द्वारा अच्छे अंक प्राप्त किये गये। जिसे देखते हुये राज्य सरकार ने 10वीं एवं 12वीं की परिषदीय परीक्षाओं में एक विषय में अनुत्तीर्ण छात्रों के लिये अंक सुधार की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। जिसका प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक में लाया जायेगा। बैठक में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत अध्ययनरत मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना से अच्छादित करने का निर्णय लिया गया, जिस हेतु विभागीय अधिकारियों को आगामी कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये गये।
शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में 31 मार्च से पहले विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना कर दी जायेगी इसके लिये कार्यदायी संस्था टीसीआईएल के अधिकारियों को नियत समय में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य के जिन विद्यालयों में छात्र संख्या 250 से अधिक है उनमें हाईब्रिड मोड में वर्चुअल एवं आईसीटी लैब की स्थापना की जायेगी जबकि शेष विद्यालयों में आईसीटी लैब ही स्थापित की जायेगी। शासन स्तर पर लम्बित एससीईआरटी के अंतर्गत शिक्षक-शिक्षा संवर्ग के ढांचे पर शीघ्र निर्णय लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, वित्त सचिव दिलीप जावलकर, सचिव राज्यपाल एवं विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, अपर निदेशक एवं प्रभारी निदेशक बेसिक शिक्षा आर.के. उनियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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