नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को नई सदी के लिए तैयार करती हैः मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से उत्तराखंड रोजगार मेले को सम्बोधित किया। उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन उन लोगों के लिये नई शुरुआत का दिन है, जिन्हें अपने नियुक्त पत्र मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल जीवन को बदलने वाला अवसर है, बल्कि समग्र बदलाव के लिये एक माध्यम भी है। शिक्षा क्षेत्र के संदर्भ में देश में होने वाले नये प्रयोगों को रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि नियुक्ति पाने वाले लोगों में से ज्यादातर लोग शिक्षा क्षेत्र में सेवा देंगे। इस संकल्प को आगे बढ़ाने के क्रम में उत्तराखंड के युवाओं के कंधों पर आने वाली जिम्मेदारी का उल्लेख करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा, “नई शिक्षा नीति भारत के युवाओं को नई सदी के लिये तैयार कर रही है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और उत्तराखंड सरकार का सतत प्रयास है कि आगे बढ़ने के लिये सही माध्यम को सुगम्य बनाने के क्रम में हर युवा को उसकी रुचि के अनुसार नये अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि सरकारी सेवाओं में बहाली अभियान भी इसी दिशा में की जाने वाली पहल है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लाखों युवाओं को पिछले कुछ महीनों में केंद्र सरकार से नियुक्त पत्र मिले हैं और उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता भी व्यक्त कि उत्तराखंड इसका हिस्सा बन रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे बहाली अभियान देशभर में भाजपा-शासित प्रदेशों तथा केंद्र शासित प्रदेशों मे बड़े पैमाने पर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे प्रसन्नता है कि आज उत्तराखंड भी इसका हिस्सा बन गया है।”

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा हमें उस पुरानी धारणा को बदलना है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती। प्रधानमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में नये रोजगार और स्व-रोजगार अवसरों के सृजन को रेखांकित करते हुये कहा, “केंद्र सरकार का यह सतत प्रयास है कि उत्तराखंड के युवा अपने गांव वापस आ सकें।” उत्तराखंड में अवसंरचना विकास में होने वाले निवेश पर प्रकाश डालते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि नई सड़कों का निर्माण और रेल लाइनों के बिछाने से न केवल कनेक्टिविटी बढ़ रही है, बल्कि रोजगार के अनेक अवसर भी पैदा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर जगह रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं। उन्होंने इस सिलिसले में निर्माण कामगारों, इंजीनियरों, कच्चे माल के उद्योगों और दुकानों का उदाहरण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि परिवहन क्षेत्र में बढ़ती मांग के कारण नये अवसर पैदा हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों के युवाओं को रोजगार के लिये बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था, लेकिन आज, हजारों युवा सामान्य सेवा केंद्रों में काम कर रहे तथा गांवों में इंटरनेट व डिजिटल सेवायें उपलब्ध करा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि उत्तराखंड में पर्यटन सेक्टर बढ़ रहा है, क्योंकि सुदूर क्षेत्रों को सड़क, रेल और इंटरनेट से जोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन मानचित्र में नये पर्यटन स्थल सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके कारण उत्तराखंड के युवाओं को अब बड़े शहर जाने की बजाय उन्हें उनके घर के समीप ही रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि पर्यटन सेक्टर में रोजगार व स्व-रोजगार अवसरों के बढ़ने में मुद्रा योजना महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। दुकानों, ढाबों, अतिथिगृहों और होमस्टे का उदाहरण देते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कारोबारों के लिये बिना किसी जमानत के 10 लाख रुपये तक ऋण दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “देशभर में अब तक 38 करोड़ मुद्रा ऋण दिये जा चुके हैंय लगभग आठ करोड़ युवा पहली बार उद्यमी बने हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं और अजा,अजजा,ओबीसी वर्ग के युवाओं का हिस्सा इसमें अधिकतम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के युवाओं के लिये अद्भुत संभावनाओं का ‘अमृत काल’ है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी सेवाओं के जरिये भारत के विकास को गति दें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 05 विषयों के चयनित सहायक अध्यापकों (एलटी) को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। शिक्षा विभाग के अन्तर्गत 1431 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये जा रहे हैं। मुख्य सेवक सदन में 150 सहायक अध्यापकों को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेरणादाई संबोधन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री जी का देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में राज्य नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

राज्य में मुख्यमंत्री उत्थान योजना एवं ज्ञानकोष योजना शुरू की जायेगी- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि राज्य में मुख्यमंत्री उत्थान योजना एवं ज्ञानकोष योजना शुरू की जायेगी। राज्य में छात्रों को आई.ए.एस., आई.पी.एस., पी.सी.एस., एन.डी.ए, सी.डी.एस., मेडिकल एवं इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री उत्थान योजना आरंभ की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत ऐसे सभी छात्रों को जो अपनी आर्थिक स्थिति के कारण इन परीक्षाओं की कोचिंग नहीं कर पाते हैं, को निशुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी तथा छात्रों को ऑनलाइन स्टडी मटेरियल, ऑफलाइन कक्षाएं, परीक्षा से सम्बन्धित पाठ्यक्रम, प्रश्नबैंक आदि सुविधाए उपलब्ध करायी जायेंगी। ज्ञानकोष योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा विभागीय छात्रावास, आश्रम पद्धति विद्यालयों और विभागीय प्रतिष्ठानों का उपयोग करते हुए प्रत्येक जिले में समृद्ध पुस्तकालय स्थापित किये जायेंगे। इन पुस्तकालयों का उपयोग प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा, छात्र, हमारे शिक्षक एवं समुदाय के सदस्य कर सकेंगे। पुस्तकालयों में योग्य अनुभवी और प्रोफेशन व्याख्याताओं को सूचीबद्ध करते हुए एक सम्पर्क केन्द्र बनाया जायेगा जो प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बन्धित विषयगत समस्या को दूर करेंगे। पुस्तकालयों का पूर्ण उपयोग हो सके इसके लिए विशेषज्ञों को सूचीबद्ध किये जाने, पुस्तकों की व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि की समीक्षा विशेषज्ञ समिति द्वारा की जायेगी।

विभागों के रिक्त पदों को भरने के लिए की जा रही है नियमित समीक्षा-सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी चयनित सहायक अध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिये जाने के लिए एक अभिनव प्रयास के रूप में इस रोजगार मेले की शुरूआत की जा रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करवाए जाएं और उनके सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को भरने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा की जा रही है। पूर्व में जिन भर्तियों में अनियमिताएं पाई गई हैं, उन पर भी पूरी ईमानदारी के साथ कार्रवाई कर रही है, इसी का नतीजा है कि आज नकल माफिया और उसे समर्थन देने वाले या आगे बढ़ाने वाले लोग बहुत परेशान हैं,क्योंकि उन्हें अब दिन में भी स्वयं के जेल जाने के सपने दिखाई दे रहे हैं।

राज्य एवं राष्ट्र का भविष्य विद्यालयों में निर्मित होता हैः सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के नौजवानों के हितों की किसी भी रूप में अनदेखी नहीं होने दी जाएगी और जो भी दोषी होगा उसको बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के लिये प्रदेश में कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है। उन्होंने कहा कि कुछ कुत्सित मानसिकता के लोग अभी भी अनाप-शनाप आरोप लगाकर सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोग सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, जिनको नौकरी और रोजगार के बीच फर्क नहीं पता, वे उपदेश दे रहे हैं। राज्य में नए-नए नैरेटिव गढ़ने के लिए आधी-अधूरी चीजों को पकड़ कर झूठ फैलाने के साथ-साथ युवाओं को भटकाने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य व राष्ट्र का भविष्य विद्यालयों में निर्मित होता है। एक अच्छा शिक्षक ही इस भविष्य को गढ़ता है।

सूबे में बनेंगे एक हजार कलस्टर मॉडल स्कूलः डॉ. धन सिंह रावत
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिये एक हजार विद्यालयों को कलस्टर मॉडल स्कूल बनाया जा रहा है जिनमें तीन किलोमीटर सीमा के तहत आने वाले प्राथमिक, जूनियर, हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट विद्यालयों को एक साथ जोड़कर कलस्टर विद्यालय के रूप में स्थापित किये जायेंगे। इससे जहां एक ओर शिक्षकों की कमी दूर होगी वहीं विद्यालयों के उच्चीकरण एवं साधन सम्पन्न बनाने में भी आसानी होगी। कलस्टर विद्यालयों में आने वाले छात्र-छात्राओं को किराये के रूप में प्रतिदिन 100 रूपये दिये जायेंगे।

प्रदेश के 270 विद्यालय पीएमश्री योजना में किये गये चयनित- शिक्षा मंत्री
प्रदेशभर के 270 विद्यालयों को पीएमश्री योजना के अंतर्गत चयनित किया गया है। जिनमें अवस्थापना कार्यों से लेकर पुस्तकालय, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास सहित तमान सुविधाओं एवं पठन-पाठन के लिये 1.5 करोड़ से 2 करोड तक की धनराशि केन्द्र सरकार द्वारा दी जायेगी। डॉ0 रावत ने कहा कि कक्षा-6 से 12 तक के ऐसे छात्र-छात्राओं को जो 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करेंगे, उन्हें 600 से लेकर 3000 रूपये तक की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। इसके लिये शीघ्र ही मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना शुरू की जायेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत 17 लाख छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, नोट बुक, स्कूली ड्रेस, स्कूल बैग व जूते उपलब्ध करा रही है। निकट भविष्य में सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को भी सरकार इस योजना का लाभ देगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री सोमवार को देंगे असिस्टेंट प्राफेसर को नियुक्ति पत्र

धामी सरकार में चिकित्सकों की कमी दूर होने की दिशा में कार्य प्रारंभ हो गए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में शीघ्र ही 171 असिस्टेंट प्रोफेसरों की तैनाती की जायेगी। इससे जहां एक ओर मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी वहीं दूसरी ओर यहां आने वाले मरीजों को भी बेहतर उपचार मिल सकेगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग को उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने द्वारा 24 संकायों के लिये चयनित चिकित्सकों की अंतिम सूची प्राप्त हो चुकी है। शीघ्र ही मुख्यमंत्री के हाथों चयनित फैकल्टी सदस्यों को नियुक्ति पत्र बांटे जायेंगे।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों को शीघ्र ही फैकल्टी सदस्य के रूप में 171 चिकित्सक मिल जायेंगे। उन्होंने बताया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न संकायों में रिक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के 339 पदों का अधियाचन उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजा था, जिनके सापेक्ष चयन बोर्ड द्वारा 171 चिकित्सकों का असिस्टेंट प्रोफसेर के लिये चयन कर अंतिम सूची जारी कर दी है। जिसमें एनाटॉमी एवं फार्माकोलॉजी संकाय में 8 एसिस्टेंट प्रोफेसर, एनेस्थीसिया 19, बायोकेमेस्ट्री और ऑप्थेलमोलॅजी 7-7, कम्युनिटी मेडिसिन 13, बल्ड बैंक एवं डर्मेटोलॉजी 3-3, फॉरेन्सिक मेडिसिन एवं रेस्पीरेट्री मेडिसिन (टीबी एंड चेस्ट) 4-4, जनरल मेडिसिन एवं ओटो-राइनो-लेरिंगोलॉली 8-8, जनरल सर्जरी, ऑब्स्टेट्रीक एंड गायनी 10-10, माइक्रोबायलॉजी 9, पैथोलॉजी 10, पीडियाट्रिक्स एवं आर्थोपीडिक्स 11-11, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन 2, फिजियोलॉजी 7, साईकाइट्री 3, रेडियोडायग्नोसिस 1 तथा रेडियोथेरेपी में 5 एसिस्टेट प्रोफेसर चयनित हुये हैं। इन सभी चयनित चिकित्सकों की तैनाती सूबे के विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों श्रीनगर, देहरादून, अल्मोड़ा हल्द्वानी और रूद्रपुर में की जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों चयनित फैकल्टी सदस्यों को शीघ्र ही नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मिलेगा पर्वतीय जनपदों को स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का लाभ-राजेश कुमार

प्रदेश के पर्वतीय जनपदों के लोगों को शीघ्र मिलेगा स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का लाभ यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ‘यू कोट, वी पे’ के माध्यम से स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के हुए साझात्कार में उत्साह को देखते हुए कही।
डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश के पर्वतीय जनपदों में प्रायरू देखा गया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर, दवाईयां, आधुनिक चिकित्सा उपकरण की सुविधाएँ हैं पर प्रदेश के कुछ स्थानों पर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के रिक्त पदों के कारण आमजन को पूर्णता सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा था। शीघ्र ही इन रिक्त पदों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हो जाएगी, जिससे आम जन को गुणवत्ता पूर्ण उच्च स्वास्थ्य सुविधा अपने नजदीकी चिकित्सालय में मिल सकेगी ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का लाभ अपने ही क्षेत्र में मिल सके।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया की प्रथम चरण में 47 स्पेशलिस्ट डॉक्टर जिसमें पैथोलॉजिस्ट, गायनोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक, सर्जन, पीडियाट्रिशन, ऑर्थोपेडिक, आदि ने साझात्कार में प्रतिभाग किया गया है। शीघ्र ही ‘यू कोट, वी पे’ मॉडल का दूसरा चरण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया चयनित डॉक्टरों की सूची तैयार कर जल्द नियुक्ति दी जाएगी जिससे की आमजन को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

कैबिनेट में लाया जायेगा परिषदीय परीक्षा अंक सुधार का प्रस्ताव

सूबे में समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में रिक्त बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा, जिसके लिये नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी का चयन करने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को एक विषय में अंक सुधार का मौका दिये जाने संबंधी प्रस्ताव आगामी कैबिनेट में लाया जायेगा।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिव एवं वित्त सचिव सहित विभागीय अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य एवं जिला स्तरीय कार्यालयों में रिक्त चल रहे बीआरपी-सीआरपी के करीब 955 पदों को शीघ्र ही आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से भरा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर नियमानुसार आउटसोर्स एजेंसी के चयन एवं बीआरपी-सीआरपी के रिक्त पदों को भरने हेतु शैक्षिक अर्हताएं तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
विभागीय मंत्री ने बताया कि गत वर्षों में विद्यालयी शिक्षा परिषद की बोर्ड की परीक्षाओं में काफी छात्र-छात्राएं एक विषय में कम अंक आने के कारण उत्तीर्ण नहीं हो पाये जबकि अन्य विषयों में उनके द्वारा अच्छे अंक प्राप्त किये गये। जिसे देखते हुये राज्य सरकार ने 10वीं एवं 12वीं की परिषदीय परीक्षाओं में एक विषय में अनुत्तीर्ण छात्रों के लिये अंक सुधार की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। जिसका प्रस्ताव आगामी कैबिनेट बैठक में लाया जायेगा। बैठक में विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत अध्ययनरत मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना से अच्छादित करने का निर्णय लिया गया, जिस हेतु विभागीय अधिकारियों को आगामी कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये गये।
शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में 31 मार्च से पहले विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना कर दी जायेगी इसके लिये कार्यदायी संस्था टीसीआईएल के अधिकारियों को नियत समय में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दे दिये गये है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य के जिन विद्यालयों में छात्र संख्या 250 से अधिक है उनमें हाईब्रिड मोड में वर्चुअल एवं आईसीटी लैब की स्थापना की जायेगी जबकि शेष विद्यालयों में आईसीटी लैब ही स्थापित की जायेगी। शासन स्तर पर लम्बित एससीईआरटी के अंतर्गत शिक्षक-शिक्षा संवर्ग के ढांचे पर शीघ्र निर्णय लेने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, वित्त सचिव दिलीप जावलकर, सचिव राज्यपाल एवं विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, अपर निदेशक एवं प्रभारी निदेशक बेसिक शिक्षा आर.के. उनियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

सभी समस्याओं का हल निकालने का हो रहा प्रयास-राधा रतूड़ी

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मंगलवार को सचिवालय में मीडिया को जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा आन्दोलनरत अभ्यर्थियों द्वारा उठाये गये सभी मुद्दों को गम्भीरता से लेते हुए स्वस्थ एवं सौहार्दपूर्ण संवाद से उनकी सभी समस्याओं को हल करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार अभ्यर्थियों के हितों के लिए सदैव आगे बढ़ कर बातचीत करने एवं समाधान निकालने हेतु तत्पर है। राज्य के युवाओं की सबसे बड़ी मांग थी की नकल विरोधी कानून को सख्त बनाया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं की मांग को गम्भीरता से लेते हुए अत्यन्त अल्पावधि में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून उत्तराखण्ड में लागू किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून केवल राज्य सरकार द्वारा सरकारी भर्ती के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू होगा। स्कूलों और डिग्री कॉलेज की परीक्षाओं में यह लागू नहीं होगा। केंद्र सरकार की राज्य में आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं पर यह कानून लागू नहीं होगा। एसीएस राधा रतूड़ी ने कहा कि युवाओं द्वारा यूकेएसएसएससी एवं लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पाई गई अनियमितताओं के सम्बन्ध में चल रही एसआईटी एवं एसटीएफ की जांच का पर्यवेक्षण उच्च न्यायालय के न्यायधीश से करवाने की मांग की गई थी। इस पर राज्य सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। युवाओं की अपील पर लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को भी हटा दिया गया है। इस पद पर अन्य अधिकारी की तैनाती कर दी गई है। इस प्रकार से जो भी मुद्दे आन्दोलनरत अभ्यर्थियों ने सरकार एवं अधिकारियों के समक्ष रखे थे, उन सभी का निराकरण कर दिया गया है। हाल ही में राज्य सरकार द्वारा बनाया गया नकल विरोधी कानून देश का सबसे सख्त कानून है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि युवाओं के हितों से खिलवाड़ करने वाले या अनुचित तरीके इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही छात्रों को दिग्भर्मित करने, बरगलाने तथा भ्रामक खबरों के प्रचार-प्रसार करने वालों के विरूद्ध भी सख्त कार्यवाही की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि गत 12 फरवरी को आयोजित की गई राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी ध्लेखपाल) की परीक्षा राज्य के 13 जनपदों के 498 परीक्षा केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता एवं शान्तिपूर्ण तरीके से आयोजित की गई।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, एडीजी (लॉ एण्ड ऑर्डर) वी. मुरूगेशन व अपर सचिव जगदीश प्रसाद काण्डपाल मौजूद रहे।

ड्रॉन के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने चाहिएः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग और कौशल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ द्वितीय मुख्य सचिव सम्मेलन के बिन्दुओं के अनुपालन की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सम्मेलन के बिन्दुओं का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश देते हुए टाईमलाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पोषण मिशन को सफल बनाने के लिए व्यवहारिक कदम उठाए जाएं। उन्होंने विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों में अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यक्रमों के अन्तर्गत विभिन्न मोबाईल ऐप के बजाय सभी ऐप्स को इंटीग्रेट कर एक ऐप तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को महिलाओं के प्रसव पूर्व और प्रसव के उपरान्त आवश्यक विभिन्न जानकारियों के सम्बन्ध में जागरूक करने हेतु वीडियो बनाकर सभी अस्पतालों में प्रदर्शित की जाए। इसके साथ ही विभिन्न रोगों और उनसे बचाव के सम्बन्ध में भी छोटी-छोटी वीडियो बनाकर प्रदर्शित करने की व्यवस्था की जाए।

मुख्य सचिव ने कौशल विकास विभाग को निर्देश दिए कि सभी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के छात्रों को उद्योगों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को इंडस्ट्री में भेजकर एक माह के प्रशिक्षण हेतु योजना तैयार की जाए। इसके लिए विभिन्न उद्योगों से समझौते किए जाएं। इस दौरान छात्रों के रूकने की व्यवस्था विभाग द्वारा करायी जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि छात्र-छात्राओं का 50-60 प्रतिशत से अधिक प्रशिक्षण उद्योगों के माध्यम से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्रॉन के क्षेत्र में काफी सम्भावनाएं हैं। ड्रॉन के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी कार्यक्रमों की पोर्टल बेस्ड मॉनिटरिंग किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव आर. राजेश कुमार एवं विजय कुमार यादव सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

आयोग ने कहा-अफवाह का हिस्सा ना बनें, नही तो नए अध्यादेश के तहत होगी कार्रवाई

राजस्व उप निरीक्षक परीक्षा 2022 की लिखित परीक्षा दिनांक 12 फरवरी, 2023 (रविवार) को पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 01 बजे तक राज्य के 13 जनपदों में कुल 498 परीक्षा केन्द्रों पर सकुशल आयोजित की गयी। उक्त परीक्षा में कुल आवेदित अभ्यर्थियों 1,58,210 के सापेक्ष 1,03,730 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। उक्त उपस्थिति 65.60 प्रतिशत रही।
कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा प्रश्नपत्र की पेपर सील की गोपनीयता के सम्बन्ध में व्यक्त संदेह और भ्रांतियों के सम्बन्ध में अवगत कराना है कि प्रश्नपत्र प्रेस द्वारा बॉक्सों शील्ड किया जाता है। उक्त बॉक्सों के अंतर्गत लिफाफों में (पाली बैग्स) प्रश्न पत्र शील्ड होते हैं। गोपनीय सामग्री के प्रेस से आयोग में उपलब्ध होने व आयोग से जनपदों को उपलब्ध कराये जाने तथा परीक्षा तिथि को कोषागार से सेक्टर मजिस्ट्रेट के माध्यम से परीक्षा केन्द्रों को उपलब्ध कराते समय अर्थात प्रत्येक स्तर पर वीडियोग्राफी की जाती है। उक्त गोपनीय सामग्री वाले बॉक्स प्रधानाचार्य व केन्द्र प्रभारी के कक्ष में कक्ष निरीक्षक की उपस्थिति में खोले जाते हैं, जिसकी वीडियोग्राफी की जाती है। प्रत्येक प्रश्नपत्र पर पेपर शील लगी होती है, जिसकी कभी-कभी यातायात के दौरान टूटने की संभावना हो सकती है। उक्त प्रश्नपुस्तिका की पेपर शील को कक्ष निरीक्षक के निर्देश पर अभ्यर्थियों द्वारा खोला जाता है ताकि सभी अभ्यर्थियों को समान अवसर व समय मिल सके। अतः प्रश्नपत्र की गोपनीयता संरक्षित है तथा कतिपय अभ्यर्थियों द्वारा व्यक्त संदेह निर्मूल है। कतिपय लोगों द्वारा इस विषय मे भ्रामक खबरें फैलाई जा रही है, जिनके विरुद्ध नए नकल विरोधी अध्यादेश के सुसंगत प्राविधानो के तहत कार्यवाही की जाएगी।

एनएच के खिलाफ शहर के व्यापारी लामबंद

एनएच के अधिकारी किसी भी तरह की कारवाई से पूर्व अपनी स्थिति स्पष्ट करें। यह मांग राष्ट्रीय राजमार्ग 58 के व्यापारियों ने रेलवे रोड़ स्थित नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र के कार्यालय में आहुत बैठक में एक स्वर में कही।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र ने कहा कि लोनिवि द्वारा अनेकों बार पूर्व के वर्षों में सड़कों की स्थिति विज्ञप्ति के माध्यम से जारी की गई है। जिसके आधार पर ही हरिद्वार रोड़ पर दुकानों एवं भवनों का निर्माण हुआ है। उसी आधार पर एन एच को कारवाई करनी चाहिए। उन्होंने व्यापारियों को कहा कि नियम विपरीत यदि प्रशासन द्वारा कारवाई की गई तो उसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।
बैठक में रवि जैन, सुनील गुप्ता, शेखर कुमार, आशु डंग, अश्वनी गुप्ता, विजय सिंघल, ललित इच्पिलानि, दीपक गुप्ता, प्रदीप कुमार, अतुल सरीन, कमल अरोड़ा, विजेंद्र गौड़, सुनील ग्रोवर, कपिल कुमार, विनय गॉड, अंकित गॉड, किशोर मेहता, नरेश अग्रवाल, अनिल कुमार, शैलेंद्र चैहान, अखिल गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

सीबीआई जांच हुई तो भर्ती प्रक्रिया पर लग सकता है लंबा ब्रेक, युवाओं को भ्रमित कर रही कांग्रेस

प्रदेश में पुष्कर सिंह धामी सरकार लगातार जनहित के कार्य कर रही है। भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का मामला सामने आने पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है। एक ओर जहां दोषियों को गिरफ्तार किया गया वहीं, उनकी संपत्ति तक कुर्क की हैं। इन 22 सालों में सत्ताधीशों के द्वारा एक ठोस कानून ना होने के चलते आरोपितों को जमानत भी मिली लेकिन सरकार ने मामले को ठंडे बस्ते में ना डालकर नकलरोधी सख्त कानून का ड्राफ्ट तैयार किया। एक दिन पहले ही राज्यपाल ने इस अध्यादेश को मंजूरी भी दे दी है। इसके बावजूद कांग्रेस युवाओं को बरगला कर सरकार पर निशाना साधने का प्रयास कर रही है। परीक्षा धांधली की सीबीआई जांच का तर्क औचित्यहीन है और इससे युवाओं को ही नुकसान होने का अंदेशा लगाया जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि कांग्रेस युवाओं के आंदोलन को हाईजैक करना चाहती है। उनका कहना है कि पुलिस ने पटवारी और लेखपाल परीक्षा के पेपर लीक करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की। सीएम धामी ने संदेश दिया है कि गुनाहगार चाहे पार्टी का ही क्यों न हो, उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। परीक्षा की जांच को लेकर जब हाईकोर्ट ने एक याचिका निस्तारित करते हुए माना है कि जांच सही दिशा में हो रही है। रोज मामले में नया अपडेट आ रहा है और अधिकतम गिरफ्तारियां हो रही है। तो सीबीआई जांच की ही मांग करना कितना सही है। अब सवाल ये भी है कि ऐसे में कांग्रेस बेवजह मामले को तूल क्यो दे रही है। कांग्रेस बेरोजगार युवाओं को बरगला कर उनका आंदोलन हड़पने की कोशिश में जुटी है।

’’सीबीआई जांच का असर’’
जानकारों की मानें तो अगर मुख्यमंत्री पेपर लीक कांड की जांच सीबीआई को दे देते है तो जांच प्रक्रिया में लंबा समय लग सकता है। ऐसे में भर्ती परीक्षा प्रक्रिया भी प्रभावित होगी क्योकि सीबीआई जांच नही तो परीक्षा नही जैसे विचार के साथ बेरोजगारों को भ्रमित किया जा रहा है। ऐसा भी माना जा रहा है भर्ती प्रक्रिया लंबे समय तक बाधित रहे। ऐसे में सिर्फ सीबीआई जांच की मांग पर ही अड़े रहना युवाओं के साथ एक छलावा है। जबकि पुलिस ने तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। क्या जनता या युवा चाहते हैं कि राज्य में भर्ती प्रक्रिया बाधित हो। जांच पूरी होने तक प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित ना हो इस षडयंत्र का अब खुलासा होने लगा है।

’’कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर’’
कांग्रेस अक्सर कहती है कि सीबीआई केंद्र सरकार का तोता है। सीबीआई पर विश्वास नहीं किया जा सकता। तो ऐसे में कांग्रेस किस आधार पर सीबीआई जांच की मांग कर रही है, यह बड़ा सवाल है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की है कि वह राजनीतिक दलों के बहकावे में न आए। अब स्पष्ट हो गया है कि यह सिंडिकेट पिछले 10 वर्षों से राज्य में सक्रिय रहा। इन 10 वर्षों में 5 साल कांग्रेस की सरकार भी रही है। लेकिन किसी भी सरकार ने इतनी गहराई तक जाकर कोई कार्यवाही नहीं की। यहां गौर करने वाली बात है कि धामी सरकार के संज्ञान में आने के बाद सरकार इस सिंडिकेट की जड़ तक जा रही है जिससे कि आने वाली कई पीढ़ियों को इसका लाभ मिल सके। आज के युवाओं को समझना होगा जांच भी जारी रहनी चाहिए और प्रतियोगी परीक्षाएं भी गतिमान रहनी चाहिए।

’’आयोग की भी सुनिए’’
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार स्पष्ट कर चुका है कि उन्होंने नए सिरे से सारे पेपर बना दिए हैं और आगामी परीक्षाओं के लिए सारे नए पेपर बन रहे हैं। व्यवस्थाओं में काफी सुधार भी किया गया है। युवाओं की बात मानते हुए परीक्षा नियंत्रक को भी तत्काल हटा दिया गया है। तो ऐसे में सिर्फ सीबीआई जांच की मांग करना राज्य के युवाओं के साथ धोखा नही है। अभी हाल ही में पटवारी परीक्षा में धांधली की जांच भी सिटिंग जज की निगरानी में करने की मांग भी धामी सरकार ने मान ली है। ऐसे में युवाओं को समझना होगा कि पिछले 10 सालों का सिंडिकेट की कमर टूट चुकी है और यह उत्तराखंड में अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। ऐसे में सीबीआई जांच की ही मांग करना और परीक्षाओं को लंबे समय तक रुकवाये रखना क्या राज्य के युवाओं के हित में होगा?

’’एसटीएफ के खुलासे में कई संगठन भी’’
यह गिरोह कितना मजबूत है इस बात का अंदाजा आप इसी से लगाइए कि जांच में पता चल रहा है कि नकल माफिया, कोचिंग सेंटर और अब कई संगठन के भी नामों का खुलासा हो रहा है। ऐसे में जो साहस युवा मुख्यमंत्री ने युवाओं को लेकर दिखाया है कि इन परीक्षाओं में धांधली की जांच का, उस पर विश्वास करना आज बहतु जरुरी हो गया है।

’’कांग्रेस का सत्ता वापसी का सपना और युवा धामी से खतरा’’
उत्तराखंड में सरकार की वापसी कांग्रेस को पच नही पा रही है। देशभर में अपनी राजनीतिक साख खो चुकी कांग्रेस को बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को हाईजैक कर रही है। इसके पीछे षड्यंत्र है कि नौकरियों का पिटारा खोलने वाली धामी सरकार युवाओं की लोकप्रिय है। 30 प्रतिशत महिला आरक्षण जैसे मजबूत और ठोस निर्णय लेकर राज्य की भावनाओं के अनुरुप लगातार कार्य किया जा रहा है और अपने प्रदेश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया जा रहा है। ऐसे में इस आंदोलन को हाईजैक कर अपने कार्यकर्ताओं के द्वारा माहौल बिगाड़ने का प्रयास हो रहा।

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