भर्ती परीक्षाओं को लेकर सीएम के निर्देश, हर 15 दिन में समीक्षा की जाए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिए हैं कि भर्ती परीक्षाओं में तेजी लाने के लिए शासन स्तर पर प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा बैठक की जाय। सभी विभागों से रिक्त पदों का पूरा ब्यौरा लेकर जल्द से जल्द अधियाचन भेजे जाएं। जहां पर तदर्थ और आउटसोर्सिंग आदि के माध्यम से नियुक्तियां होनी हैं उसमें भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी लायी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि सभी भर्ती प्रक्रियाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित की जाएं। भर्ती प्रक्रियाओं में अगर कोई भी गड़बड़ी के प्रयास करे तो उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी लगातार समीक्षा की जाय। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ड्रग्स फ्री उत्तराखंड बनाने के लिए 15 दिनों में संबंधित विभागों के साथ बैठक करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

जैविक राज्य बनाने के लिए प्रभावी कार्ययोजना को धरातल पर उतारना होगा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को “जैविक राज्य“ के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रभावी पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मालसी, देहरादून स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद द्वारा आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को जैविक कृषि के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए “इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट“ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था के सहयोग से “आर्गेनिक कार्यशाला“ का आयोजन निश्चित रूप से समृद्ध उत्तराखण्ड निर्माण की संकल्पना को सार्थक करने का एक उत्कृष्ट माध्यम बनेगा। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को “जैविक राज्य“ के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रभावी पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत का किसान वर्ग तेजी से प्रगति कर रहा है। केंद्र सरकार अनेक लाभकारी योजनाओं से देश के किसानों को समृद्ध बनाने का काम कर रही है। प्रदेश में जैविक कृषि के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना “प्राकृतिक कृषि“ को भी वृहद स्तर पर संचालित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें प्रथम चरण में इसी वर्ष से 6400 हेक्टेयर क्षेत्र में “प्राकृतिक कृषि“ की कार्ययोजना को स्वीकृत किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसी का परिणाम है कि पिछले वर्षों में प्रदेश ने जैविक कृषि के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। उत्तराखण्ड के 34 प्रतिशत भाग में जैविक कृषि की जा रही है, इसे बढ़ाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार प्रदेश के समस्त 11 पर्वतीय जनपदों को पूर्ण जैविक जनपदों में परिवर्तित करने के लिए भी प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमने 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में जैविक खेती को तेजी से बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों द्वारा फील्ड भ्रमण कर राज्य में हो रहे जैविक खेती के तरीकों का जायजा लिया जायेगा। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए और क्या प्रयास हो सकते हैं, इसके बारे में भी कार्यशाला में व्यापक स्तर पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जैविक खेती के प्रति लोगों का रूझान बढ़ रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने यूरोप भ्रमण के दौरान जैविक खेती के तौर तरीकों को देखा। राज्य में इसे तेजी से बढ़ावा देने के लिए के साथ एमओयू किया गया है।
इस अवसर पर सचिव कृषि बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, निदेशक राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती डॉ. गगन शर्मा, गबौर फिगैक्सकी, सीनियर मैनेजर पैट्रीसिया फ्लोरेस, कृषि निदेशक गौरी शंकर एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्वतीय क्षेत्रों के उत्पादों की मार्केटिंग कर बाजार उपलब्ध कराने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के साथ बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग हमारी ताकत है। पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाला उत्पाद बाजार की कमी, मौसम और यातायात बाधित होने के कारण खराब हो जाता है। यह उत्पाद ऐसे ही बर्बाद न हो इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां विकसित किए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को उत्पादन बढ़ाने के बाद बाजार की चिंता न रहे। इसमें प्राईवेट सेक्टर को बढ़ावा दिया जाए। जो फूड प्रोसेसिंग यूनिट पहले से चल रहे हैं उन्हें और मजबूती प्रदान करने हेतु कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार भी सृजित होगा। उन्होंने सचिव उद्यान को क्लस्टर आधारित पॉलीहाउस पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस योजना बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए बीज, सैपलिंग और रॉ मटीरियल आदि की पूर्व में ही व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी योजना के लिए व्यावहारिक दृष्टि से आ रही समस्याओं को जाने बिना और उसके निराकरण के बिना किसी भी योजना का सफल होना असम्भव है। उन्होंने कहा कि उत्पाद को बढ़ावा देने से पहले उसके बाजार की व्यवस्था और किसानों और अन्य हितधारकों को विश्वास में लेना आवश्यक है। किसानों और अन्य हितधारकों से लगातार संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को समझ कर उनका निराकरण किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कार्ययोजना और उसकी टाईमलाइन पूर्व में ही निर्धारित किए जाने की बात कही।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, बी.वी.आर.सी. पुरषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डे, अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा एवं निदेशक उद्यान एच.एस. बवेजा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मेडिकल कॉलेजों और विभागीय निर्माण कार्यों में तेजी लाने के दिये निर्देश

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को खर्च करने की धीमी गति पर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अधिकारी माह फरवरी 2023 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत बजट को शत-प्रतिशत खर्च करें। यदि किसी परियोजना में नियत समय पर बजट खर्च नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। विभागीय मंत्री ने सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक चिकित्सा शिक्षा को एक सप्ताह के भीतर पिथौरागढ़ में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज के स्थलीय निरीक्षण करने को कहा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने वर्ष 2022-23 में स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं, निर्माण कार्यों के साथ ही मेडिकल उपकरण व दवा खरीद संबंधी बजट व्यय की विस्तृत समीक्षा की। डॉ0 रावत ने मेडिकल कॉलेजों एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत बजट खर्च करने की धीमी गति पर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई। विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत बजट को माह फरवरी 2023 तक शत-प्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें। यदि किसी भी परियोजना का बजट नियत समय तक खर्च नहीं होता है और स्वीकृत धनराशि लैप्स होती है तो उसके जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। बैठक में चिकित्सकीय उपकरण व दवा क्रय हेतु स्वीकृत बजट की भी विस्तार से समीक्षा की। डॉ0 रावत ने जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन व एक्स-रे मशीनों की शीघ्र क्रय के निर्देश दिये। उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के निर्माण हेतु टेंडर प्रक्रिया में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई तथा विभागीय सचिव आर0 राजेश कुमार व निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना को मेडिकल कॉलेज का स्थलीय निरीक्षण कर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिये। बैठक में एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के तहत स्वीकृत धनराशि के व्यय की धीमी गति पर भी विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुये नियत समय पर बजट खर्च करने के निर्देश दिये। उन्होंने योजना के अंतर्गत विभिन्न जनपदों में स्वीकृत ट्रांजिस्ट हॉस्टल व सीसीबी के निर्माण कार्यों में भी तेजी लाने को कहा। इसके अलावा उन्होंने आईईसी के अंतर्गत योजनाओं के प्रचार-प्रसार व प्रशिक्षण के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। सूबे के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्साकों की कमी पर चिंता जाहिर करते हुये विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को रेडियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, कार्डियो एवं न्यूरो सर्जन की तैनाती के लिये प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिये।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य आर0 राजेश, मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 हेम चन्द्र, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, निदेशक गढ़वाल मंडल डॉ0 बनकोटी, वित्त नियंत्रक चिकित्सा शिक्षा विवेक स्वरूप, परीक्षा नियंत्रक मेडिकल विवि प्रो0 विजय जुयाल, कुलसचिव डॉ0 एम0के0 पंत सहित स्वास्थ्य विभाग एवं एनएचएम के अधिकार मौजूद रहे।

धामी सरकार के निर्देश पर शासन ने जारी किया वेतनवृद्धि का आदेश

वेतनवृद्धि की लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के 368 संविदा कार्मिकों की वर्षों पुरानी मुराद पूरी हो गई है। कॉलेज की स्थापना से लेकर अब तक अल्प वेतन में काम कर रहे कार्मियों ने इसका श्रेय धामी सरकार को दिया। कार्मिकों का कहना है कि वेतनवृद्धि को लेकर उनकी मांग को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने तवज्जो दी और वर्षों पुरानी समान कार्य-समान वेतन की मांग को अमलीजामा पहनाया।
राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल में स्थापना के समय से ही विभिन्न श्रेणी के शिक्षणेत्तर पदों पर तात्कालिक आवश्यकता के अनुसार संविदा, दैनिक एवं नियत वेतनमान के आधार पर तैनात कार्मिक अल्प मानदेय पर कार्य करते आ रहे थे। जबकि उन्हीं के समकक्ष उपनल के माध्यम से तैनात कार्मिक उनसे दुगने मानदेय पर कार्य कर रहे थे। जिसको लेकर मेडिकल कॉलेज के अल्प मानदेय प्राप्त कार्मिकों में शासन व कॉलेज प्रशासन के विरूद्ध काफी असंतोष व्याप्त था। इसका खामियाजा स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत को भी अपने विधानसभा चुनाव के दौरान कार्मिकों के विरोध के रूप में भुगतना पड़ा। मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री ने विभागीय मंत्री को कॉलेज प्रशासन द्वारा मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा। शासन द्वारा प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा गया तथा राज्य कैबिनेट के द्वारा कार्मिकों की वर्षों पुरानी उपनल कार्मिकों के समान मानदेय दिये जाने की मांग पर मुहर लगा दी गई। आखिरकार कैबिनेट की स्वीकृति के उपरांत चिकित्सा शिक्षा विभाग ने वर्षों से प्रशासनिक अधिकारी, नर्सिंग अधिकारी, लैब टेक्नीशियन सहित 38 विभिन्न श्रेणी के पदों पर संविदा, दैनिक व नियत वेतनमान पर तैनात कार्मिकों का वेतनमान उपनल कार्मिकों के समान बढ़ाने का शासनादेश जारी कर दिया। शासनादेश जारी होते ही मेडिकल कॉलेज के अल्प वेतनभोगी कार्मिकों ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त करते हुये आपस में मिठाईयां बांटकर खुशी जाहिर की।

उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने 824 स्वास्थ्य महिला कार्यकर्ता का रिजल्ट जारी

स्वास्थ्य विभाग में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के 824 पदों पर उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने अंतिम रिजल्ट जारी कर दिया है।
रोजगार सृजन की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार की ओर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गत दिनों स्वास्थ्य विभाग में 824 स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला के पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया उत्तराखंड चिकित्सा चयन बोर्ड के स्तर से प्रारंभ की गयी थी। अब इस परीक्षा का अंतिम रिजल्ट जारी कर दिया गया है। 824 पदों पर अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है। इन महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के मिलने से उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई ऊर्जा प्रदान होगी। दरअसल, राज्य के पर्वतीय जिलों में पैरामेडिकल स्टाफ की भी निरंतर कमी बनी हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी सफल अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सेवाओं में आने से अस्पतालों में स्टाफ की कमी दूर होने के साथ ही आमजन को भी काफी राहत मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि विभाग की ओर से तमाम रिक्त पदों पर भर्ती के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों को अपनी शुभकामनाएं प्रदान की हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के मुताबिक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रिक्त पदों पर नई भर्ती से पर्वतीय क्षेत्रों में निश्चित रूप से स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ होंगी।

आयोग ने परीक्षार्थियों को दिलाया विश्वास, नए पेपर बनेंगे

उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ० राकेश कुमार द्वारा आयोग की विशेष बैठक आहूत की गई, जिसमें समस्त सदस्यगण एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में परीक्षाओं के सम्बन्ध में विस्तृत एवं गहन विचार-विमर्श किया गया।
आयोग की विशेष बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत कराते हुए डॉ० कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि लेखपाल/राजस्व उप निरीक्षक परीक्षा-2022 वन आरक्षी परीक्षा-2022 एवं पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 की शुचिता एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत इन परीक्षाओं को अब नये प्रश्न-पत्रों का निर्माण कराते हुए आयोजित किया जाएगा। इसके दृष्टिगत दिनांक 22 जनवरी, 2023 को आयोजित की जाने वाली वन आरक्षी परीक्षा-2022 को दिनांक 09 अप्रैल, 2023 एवं दिनांक 28 से 31 जनवरी, 2023 के दौरान होने वाली पी०सी०एस० मुख्य परीक्षा-2021 को दिनांक 23 से 26 फरवरी, 2023 को आयोजित किया जाएगा।
आयोग द्वारा जारी वार्षिक परीक्षा कलेण्डर में इस हेतु आवश्यक संशोधन करते हुए अग्रेतर कार्यवाही प्रारम्भ की जा रही है। डॉ० कुमार द्वारा अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया गया है कि आयोग के लिए अभ्यर्थियों का हित सर्वाेपरि है। इस हेतु परीक्षाओं को निष्पक्षता एवं उत्कृष्टता के साथ एवं उनके समग्र संचालन से सम्बन्धित विभिन्न प्रक्रियाओं को निर्विघ्नतापूर्वक सम्पन्न कराने हेतु सुरक्षा के कड़े इन्तजाम किये जा रहे हैं।

खटीमा में आम लोगों से मिले सीएम, शुभकामनाएं दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परिवार सहित खटीमा में आयोजित उत्तरायणी कौथिग मेले में प्रतिभाग करने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने मेला आयोजकों और मेले में उपस्थित आम जनता को उत्तरायणी/घुघुतिया त्यौहार/मकर सक्रांति की बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान सूर्य हर प्रकार से मंगल करें, घरों में अच्छे काम प्रारंभ हों। उन्होंने कहा कि भगवान सूर्य देव के उत्तरायणी में आ जाने से सारे अच्छे एवं मंगलमय काम शुरू हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान सूर्य, ऊर्जा, ऊष्मा, उत्साह एवं प्रकाश देते हैं, हमारे जीवन में नव चेतना, उमंग, उत्साह हो। शानदार एवं भव्य मेला खटीमा में आयोजित हो रहा है। हरेला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। प्रत्येक वर्ष इस मेले में शामिल होता रहा हूॅ, मेला धीरे-धीरे भव्य होता जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर काफी चिंतित है और हाल ही में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पटवारी की परीक्षा में जिन लोगों ने भी नकल कराई है, उनके खिलाफ कड़ा एक्शन तत्काल लिया गया है। सरकार ने पटवारी भर्ती परीक्षा निरस्त कर, फरवरी माह में ही पटवारी भर्ती की परीक्षा आयोजित कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में नकल रोकने के लिए नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें नकल करने वाले छात्रों को 10 साल तक परीक्षा देने से वंचित रखा जाएगा, वहीं नकल कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी सारी संपत्ति तत्काल जब्त की जाएगी और उन को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि दोबारा परीक्षा आयोजन में पहले परीक्षा में भाग लेने वाले सभी छात्रों की रोडवेज की बस में आने जाने का किराया भी नहीं लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश सशक्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में सीमाएं सुरक्षित हैं, दुश्मन आंख उठाकर नहीं देख सकता है। सेना के जवान गोली का जवाब गोलों से देने का काम कर रहे है, यह नया भारत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने मंडुआ खरीद की अनुमति दी है। इससे प्रदेश के किसानों को लाभ होगा। पिछले वर्षों में कनेक्टिवीटी में काफी काम हुआ है।
इस दौरान वन विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी, गीता धामी, एसएसपी मन्जूनाथ टीसी, सीडीओ विशाल मिश्रा, उप जिलाधिकारी रविन्द्र बिष्ट सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता एवं मेला कमेटी के सदस्य आदि उपस्थित रहे।

कोई अभ्यर्थी भी दोषी पाया गया तो 10 साज की सजा और परीक्षाओं से रहेगा वंचित-धामी

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत में मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य सरकार देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है। कैबिनेट में इस पर निर्णय लिया जा चुका है। इस कानून में अपराधियों को आजीवन सजा का प्राविधान किया जा रहा है। साथ ही संपत्ति भी जब्त की जाएगी। जो अभ्यर्थी इसमें लिप्त पाए जायेंगे उन्हे 10 साल तक किसी भी परीक्षा में बैठने से अयोग्य कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सिस्टम में सुधार कर रहे हैं। परीक्षाओं की धांधली में शामिल लोगों को कानून की गिरफ्त में लाया गया है और उन पर कड़ी कार्रवाई भी की गई है। पहले परीक्षाओं में गड़बड़ियों का पता ही नही लगता था। अगर पता लगता भी था तो कोई कार्यवाही नहीं होती थी। हमने गडबडी करने वालों को जेल भेजा,उनकी सम्पत्तियों को ध्वस्त किया। हमने मुखबिर तंत्र को मजबूत किया है। किसी प्रकार की धांधली का न केवल पता चल रहा है बल्कि गड़बड़ी करने वालों को अविलंब पकड़ा भी जा रहा है। हम अपने युवाओं के साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे। अब ये तो साफ है कि गड़बड़ी करके कोई बच नहीं सकता।

अन्तरराज्यीय बस अड्डे की भूमि का सीएम ने किया औचक निरीक्षण

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनपद भ्रमण के दूसरे दिन रविवार को टनकपुर में बनने वाले आइएसबीटी टर्मिनल की भूमि का निरीक्षण किया। परिवहन निगम की 106 बीघा भूमि पर 56 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भूमि का निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी चम्पावत को आईएसबीटी के खूबसूरत तरीके से निर्माण कराए जाने और उसमे श्रद्धालुओं और यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान डीपीआर और नक्शे को विस्तार से देखते हुए जिलाधिकारी से आवश्यक जानकारी ली।
इस दौरान अवगत कराया गया कि आई एस बी टी के निर्माण हेतु पेयजल निर्माण निगम ने डीपीआर तैयार कर ली है। इसके लिए शासन ने करीब 56 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए हैं। टनकपुर बस स्टेशन से लंबी दूरी की बसों के अलावा पर्वतीय मार्गाे पर भी बसे संचालित होती है। जिलाधिकारी ने बताया कि बस टर्मिनल बनने पर यहां करीब 200 बसें एक साथ खड़ी हो सकेंगी। वहीं स्टेशन में हाईटेक शौचालय व भवनों का भी निर्माण किया जाएगा। यात्रियों की हर सुविधा ध्यान में रखते हुए इस नये बस स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। दो बड़े एसी हाल के साथ कैटींन व दुकानें भी खोली जाएगी। वही मुख्य बाजार व रेलवे क्रासिंग के पास बस स्टेशन की करीब तीन बीघा जमीन में अंडर ग्राउंड पार्किंग व ऊपर मॉल बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी तथा डिपो की आय काफी अधिक मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने जिलाधिकारी से कहा कि बजट का ठीक तरह से उपयोग हो। बस टर्मिनल में अधिक से अधिक सुविधाएं हों,बच्चों के मनोरंजन के साथ ही विभिन्न सुविधाएं यहां पर हो इसके लिए इसकी डिजाइन अच्छे आर्किटेक्ट से तैयार किए जाए। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि शारदा घाट पर बेहतर व्यवस्था की जाय। अधिक से अधिक श्रद्धालु यहॉ आएं, जिससे लोगों को रोजगार मिले और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि बस टर्मिनल के बनने के बाद लोग मां पूर्णागिरि के दर्शन कर वापस नहीं जाएंगे। बल्कि वह अन्न्य स्थानो पर घूमने के बाद मां शारदा की आरती कर अपने घरों को लौटेंगे। वहीं आने वाले समय में मां पूर्णागिरि में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाएगी।
इस मौके पर वन विकास निगम अध्यक्ष कैलाश चंद्र गहतोड़ी, भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा, जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, सीडीओ आर एस रावत, नोडल अधिकारी मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय केएस बृजवाल, क्षेत्रीय प्रबंधक संचालन पवन मेहरा, एसडीएम रिंकू बिष्ट, सुंदर सिंह आदि मौजूद रहे।

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