सीएम ने पीएम द्वारा लिखित एग्जाम वॉरियर्स पुस्तक की छात्रों को भेंट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम से ‘परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देश के छात्र-छात्राओं के साथ संवाद किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने जी.जी.आई.सी कौलागढ़ में विद्यार्थियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘परीक्षा पर चर्चा 2024’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखित पुस्तक ‘ एग्जाम वॉरियर्स’ भी प्रदान की।

परीक्षा पे चर्चा के दौरान उत्तराखण्ड के ऊधम सिंह नगर जनपद की कक्षा 07 की छात्रा स्नेहा त्यागी ने प्रधानमंत्री से पूछा कि हम आपकी तरह सकारात्मक कैसे हो सकते हैं? प्रधानमंत्री ने स्नेहा की जिज्ञाशा का समाधान करते हुए कहा कि उनकी प्रकृति है कि वे हर चुनौती को चुनौती देते हैं। उसके कारण उन्हें नया सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि उनके भीतर आत्मविश्वास है कि देश के 140 करोड़ देशवासी उनके साथ हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान तैयारी में जुटे विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री का प्रेरणादायी, सारगर्भित और व्यावहारिकता से परिपूर्ण उद्बोधन सुनने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि हमारा सम्पूर्ण जीवन एक परीक्षा है और इस परीक्षा में हार और जीत उतनी महत्वपूर्ण नहीं है, जितना कि हमारी सकारात्मक सोच, क्योंकि एक सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति जीवन की किसी भी परीक्षा में असफल नहीं हो सकता। मन की बात हो या परीक्षा पे चर्चा इन दोनों कार्यक्रमों के माध्यम से प्रधानमंत्री ने लोगों को प्रेरित करने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षा से पूर्व बच्चों को जिस प्रकार उनके माता-पिता और परिजनों द्वारा मानसिक रूप से मजबूत बनाने का प्रयास किया जाता है, उसी प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से देश के विद्यार्थियों का हौसला बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का वैश्विक स्तर पर मान, सम्मान और स्वाभिमान बढ़ा है। उन्होंने परीक्षा में भाग ले रहे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से अपील की कि परीक्षा के समय बच्चों पर अनावश्क दबाव न डालें। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि अपने जीवन में कार्य करने के लिए जो भी क्षेत्र चुनें, उसमें लीडर की भूमिका में कार्य करें। जीवन में जो भी लक्ष्य निर्धारित करना है, उसको प्राप्त करने के लिए पूरी तन्मयता से जुट जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी बच्चे की प्रतिभा का आंकलन किसी भी एक परीक्षा में सफल या असफल होने पर नहीं किया जा सकता, क्योंकि प्रतिभा तथा बौद्धिक क्षमता किसी भी परीक्षा से ऊपर है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि महान लोगों की जीवनी जरूर पढ़ें। इससे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिलती है। समाज में बड़े कार्य करने वाले अधिकांश लोग सामान्य परिस्थतियों से आगे बढ़े हैं। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक सविता कपूर, उत्तराखण्ड राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश पंत, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं राज्य के विभिन्न स्कूलों से छात्र-छात्राएं, अभिभावक और शिक्षकगण जुड़े थे।

मेधावी बालिका शिक्षा प्रोत्साहन के तहत टॉपर 318 बालिकाएं पुरस्कृत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘मेधावी बालिका शिक्षा प्रोत्साहन’ कार्यक्रम के तहत मेधावी बालिकाओं को सम्मानित किया। जनपद स्तर पर इंटरमीडिएट और हाईस्कूल में प्रत्येक जनपद से प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं और विकासखण्ड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रशस्ति पत्र और स्मार्ट फोन देकर पुरस्कृत किया गया। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर वर्ष 2022 और 2023 की टॉपर 318 बालिकाओं को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग का ‘परिवर्तन पोर्टल’ लॉन्च किया और बालिका निकेतन, देहरादून की बालिकाओं को चन्द्रयान की अनुकृति भी भेंट की।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी बेटियों को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामना देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश की अपनी सभी बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध हैं। हमारी बेटियों के साथ अन्याय करने वालों की उत्तराखण्ड और हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते प्रदेश की किसी भी बेटी का अपमान उनका अपमान है। ऐसा करने वालों के खिलाफ वे कठोरतम कार्रवाई करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां हमारी शान, मान और अभिमान हैं। महान वीरांगना तीलू रौतेली से प्रारंभ होने वाली हमारे प्रदेश की वीर नारियों की सूची में टिंचरी माई, गौरा देवी, चन्द्रप्रभा ऐतवाल, गंगोत्री गर्ब्याल और बछेंद्री पाल जी तक ऐसे अनेकों नाम हैं, जिन्होंने हर चुनौती को छोटा साबित करते हुए कुप्रथाओं को तोड़ने और आत्म सम्मान से जीवन जीने की राह समाज को दिखाई है। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज हमारी बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बनाया है और प्रदेश का नाम रोशन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई विभिन्न योजनाएं हमारी बेटियों को और अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने हाल ही में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। पहले पहाड़ में बेटियों के जीवन का दूसरा नाम ही संघर्ष था, लेकिन अब दृश्य बदल रहा है और हमारे सीमान्त गांवों की बेटियां भी अपने सपनों को साकार कर रही हैं। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के मूलमंत्र को लेकर राज्य सरकार ने भी बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा, स्वास्थ और कौशल विकास तक के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं जिनमें महालक्ष्मी किट योजना, खुशियों की सवारी योजना, नंदा गौरा योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड की हर बेटी सशक्त हो, सबल हो और प्रदेश के समग्र विकास में बराबर की भागीदार हो। उन्होंने कहा कि वे एक अभिभावक की तरह हमेशा प्रदेश की बेटियों के साथ रहेंगे।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने पुरस्कार प्राप्त करने वाली सभी बालिकाओं को शुभकामना देते हुए कहा कि आज बालिकाओं के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदल रहा है। आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में लड़कों से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में बेटियां नये कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोहाघाट में गर्ल्स स्पोर्ट्स कॉलेज खोला जा रहा है।
इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरि चन्द्र सेमवाल, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशांत आर्य, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी एवं मेधावी बालिकाओं के अभिभावक उपस्थित रहे।

शिक्षा विभाग ने 50 हजार छात्राओं को दी साइकिल की सौगात

विद्यालयी शिक्षा विभाग के अंतर्गत शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा नौ की करीब 50 हजार छात्राओं को मुफ्त साइकिल दी जायेगी। जिसके लिये शिक्षा निदेशालय ने ‘बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना’ के तहत सभी 13 जिलों को 14 करोड से अधिक़ की धनराशि जारी कर दी है। इस योजना के तहत प्रत्येक छात्रा के खाते में डीबीटी के माध्यम से साइकिल क्रय हेतु रूपये 2850 दिये जायेंगे।

बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के दृष्टिगत राज्य सरकार ने बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना शुरू की है, जिसके तहत प्रदेशभर के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में कक्षा नौ में प्रवेश लेने वाली सभी छात्राओं को मुफ्त साइकिल योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत प्रत्येक छात्रा के खाते में साइकिल क्रय हेतु रूपये 2850 की धनराशि संबंधित जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से डीबीटी के माध्यम से जमा कराई जायेगी। इस योजना की खास बात यह है कि मैदानी क्षेत्रों के विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा नौ की सभी छात्राओं को अनिवार्य रूप से साइकिल क्रय करनी होगी जबकि पर्वतीय क्षेत्रों की बालिकाओं को मुफ्त साइकिल क्रय करने अथवा किसी अधिकृत बैंक व डाकघार में चार वर्षीय एफडी जमा करने का विकल्प दिया गया है। जिस योजना का लाभ प्रदेश की करीब 50 हजार छात्राओं को मिलेगा जिस हेतु शिक्षा विभाग ने 14 करोड़ से अधिक की धनराशि जारी कर दी है। जिसमें जनपद अल्मोड़ा में 3492 बालिकाओं हेतु एक करोड़, बागेश्वर में 1595 हेतु 45 लाख, चमोली 2533 हेतु 72 लाख, चम्पावत 1677 के लिये 47 लाख, देहरादून 5615 हेतु 1 करोड़ 60 लाख, पौड़ी 3284 हेतु 94 लाख, हरिद्वार 7075 बालिकाओं हेतु 2 करोड़, नैनीताल 5021हेतु एक करोड़ 43 लाख, पिथौरागढ़ 2635 के लिये 75 लाख, रूद्रप्रयाग 1736 बालिकाओं के लिये 50 लाख, टिहरी 3780 हेतु एक करोड़ आठ लाख, उत्तरकाशी 2258 छात्राओं हेतु 64 लाख तथा ऊधमसिंह नगर 8429 छात्राओं के लिये 2 करोड़ 40 लाख की धनराशि आवंटित की गई है।

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये संबंधित जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, वित्त अधिकारी एवं जनपद के वरिष्ठतम प्रधानाचार्य की चार सदस्यीय समिति गठित की गई है, जो रैण्डम रूप से ब्लॉक स्तर पर 20 प्रतिशत लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन करेगी इसके अलावा समिति को मैदानी जनपदों में साइकिल क्रय व पर्वतीय जनपदों में एफडी का भौतिक सत्यापन कर निर्धारित प्रारूप पर रिपोर्ट निदेशालय को भेजनी होगी।

राज्य में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये सरकार ने शासकीय व अशासकीय विद्यालायों में अध्ययनरत कक्षा नौ की छात्रों को मुफ्त साइकिल देने का निर्णय लिया है। जिसका लाभ प्रदेशभर की 50 हजार छात्राओं को मिलेगा। जिस हेतु विभाग द्वारा 14 करोड़ से अधिक की धनराशि जनपदों को आवंटित कर दी गई है।
– ’डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।’

नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवसीय विद्यालय के लोकार्पण समारोह में फिर दिखा सीएम धामी का बच्चों के प्रति विशेष लगाव

मुख्यमंत्री साल के विशेष मौकों पर अक्सर बच्चों के बीच रहना पसंद करते हैं। बात चाहे नए साल की शुरुआत की हो या अपने जन्मदिन की। सीएम ऐसे खास पलों को सरकारी आवासीय विद्यालयों में रह रहे अपवंचित वर्ग के बच्चों के बीच रहकर अपना समय बिताना पसंद करते हैं।
साल 2024 के पहले दिन यानी आज भी मुख्यमंत्री सुबह सवेरे बच्चों के बीच नजर आए। मौका था नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवसीय विद्यालय के लोकार्पण समारोह कार्यक्रम का। इस दौरान जहां सीएम धामी ने अपने शब्दों से बच्चों को जीवन में लक्ष्य तयकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी तो इस दौरान सीएम धामी बच्चों संग हंसी ठिठोली भी मंच से करते दिखे।
इस दौरान उन्होंने बच्चों को अपने हाथों से ट्रैक सूट पहनाने के साथ ही उनके जूते के फीते भी बांधे और यह पहली बार नहीं हुआ कि धामी बच्चों को इस तरह लाड करते नजर आए। सीएम धामी जब अपने जन्मदिन पर बनियावाला स्थित विद्यालय में गए थे तो उस दिन दिल्ली से लौट रहे थे। कार्यक्रम में पहुँचने पर देर भी हो गई लेकिन धामी सीधे विद्यालय पहुँचे और बच्चों संग केक काटकर अपना खास दिन सेलिब्रेट किया।

निर्धारित समय से पहले उच्च गुणवत्ता के साथ तैयार हुआ आवासीय छात्रावास भवन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नव वर्ष के अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास कौलागढ़ के भवन का लोकार्पण किया। इस भवन का शिलान्यास पिछले वर्ष मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ही किया था। 4 करोड़ 9 लाख 40 हजार रूपये की लागत से बना यह भवन एक साल से कम समय में बनकर तैयार हुआ। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इस छात्रावास के बच्चों को गणवेश पहनाये और कंबल भी प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने आवासीय छात्रावास का अवलोकन भी किया और बच्चों को छात्रावास में दी जा रही सुविधाओं का जायजा भी लिया।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पहले ही निर्देश दिये गये थे कि छात्रावासों में बच्चों को बेहतर गुणवत्ता के संसाधन उपलब्ध कराये जाएं। छात्रावास की बेहतर व्यवस्थाओं पर उन्होंने संतोष प्रकट किया। इस छात्रावास में 100 बच्चों के लिए आवासीय व्यवस्थाएं की गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि कमजोर, अपवंचित एवं साधन विहीन वर्ग की बेटियों की शिक्षा के लिए बनाये गये कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में खोले गये छात्रावासों एवं नेताजी सुभाषचन्द्र बोस छात्रावास के निकटवर्ती 11 विद्यालयों का इंटर स्तर पर उच्चीकरण भी किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नये वर्ष की शुरूआत में बच्चों के बीच आकर उन्हें सुखद अनुभव हुआ है। पिछले वर्ष 2 जनवरी 2023 को इसी विद्यालय के परिसर से मुख्यमंत्री द्वारा राजकीय बालिका इण्टर कालेज कौलागढ़ के मुख्य भवन एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास झड़ीपानी का लोकार्पण और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास कौलागढ़ का भी शिलान्यास किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस छात्रावास भवन का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर है। उनके जीवन से हमें ऊर्जा, परिश्रम और संकल्प से ही महान कार्य करने की सीख मिलती है। राज्य में कमजोर, पिछड़े, अनाथ एवं संसाधन विहीन बच्चों की शिक्षा व्यवस्था के लिए इस प्रकार के 13 छात्रावास संचालित हैं, जिनमें 1000 बच्चों के लिए निःशुल्क व्यवस्थाएँ की गयी है। बालिकाओं के लिए 40 कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका छात्रावास अलग से संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें सभी सुविधाएं निःशुल्क दी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावासों में रह रही बालिकाओं द्वारा बोर्ड परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिये बालिकाओं के शिक्षकों, छात्रावास की वार्डन एवं इस कार्य से जुड़े सभी अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की है। साधन विहीन एवं कमजोर पृष्ठभूमि की इन बालिकाओं के द्वारा श्रेष्ठ प्रदर्शन करना इस बात का द्योतक है कि हमारी बालिकाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है, आवश्यकता है तो केवल इन्हें समुचित अवसर तथा सही मार्गदर्शन देने की। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का उचित समाधान भी उपलब्ध कराती है। बेटियों को बेहतर शिक्षा प्रदान कराना राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का जो नारा दिया है उस नारे को हमें सार्थक करना है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में हमारे इन बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। शिक्षा से ही कोई समाज समृद्धशाली और शक्तिशाली बन सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते उनकी कोशिश है कि राज्य के हर बच्चे को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध करा सकें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि उन्हें जो मन से अच्छा लगे वो कैरियर चुनें, क्योंकि बिना रुचि के आप कोई सफल काम नहीं कर सकते। अपनी रुचि के अनुसार हम आगे बढ़ते हैं तो जीवन में सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से जहां एक ओर स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, वहीं इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी प्राप्त होंगे। उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है।

चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से पहली बार प्रदेश को मिले 1376 नर्सिंग अधिकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित, मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चयनित नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। कार्यक्रम के दौरान चयनित 1376 अभ्यर्थियों में से 200 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किये। शेष सभी अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले नर्सिंग अधिकारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि चयनित सभी नर्सिंग अधिकारी लगन व कड़ी मेहनत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और राज्य के विकास व जनसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग अधिकारी का दायित्व बहुत महत्वपूर्ण है। ग्राउंड लेवल पर समाज में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मुद्दों पर जनता को शिक्षित करने का दायित्व भी नर्सिंग अधिकारियों पर है। आपातकालीन स्थितियों में आपकी तत्परता और उत्कृष्टता लोगों के लिए जीवन रक्षा का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ’आयुष्मान भारत योजना’ प्रदेशवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। राज्य में सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले,इसके लिए राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवाएं सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई हैं। सरकार जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए ’’जननी सुरक्षा योजना’’ संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भारत को क्षय मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य के सापेक्ष राज्य सरकार द्वारा 2024 तक उत्तराखण्ड को क्षय मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें भी नर्सिंग अधिकारियों को अहम भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दो-दो वैक्सीनों द्वारा देश की जनता की ही नहीं बल्कि अन्य देशों की भी मदद की। हमें अभी भी कोरोना के प्रति सावधानी रखनी है और लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाए रखने हेतु कार्य करना है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को 13 वर्ष के उपरांत 1376 नर्सिंग अधिकारी मिले हैं। उन्होंने कहा कि सभी चयनित नर्सिंग अधिकारियों के पहले पांच साल राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं देनी होगी, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को जेआरडी टाटा मेमोरियल अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड 42 स्वास्थ्य सूचकांकों में बेहतर प्रदर्शन पर राज्य को मिला। उन्होंने कहा कि टाटा रिसर्च सेंटर के सर्वे के अनुसार उत्तराखण्ड में क्रिटिकल मरीजों के लिए हवाई सेवा उपलब्ध कराने, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना, 276 प्रकार की निःशुल्क जांच और 90 प्रतिशत से अधिक संस्थागत प्रसव कराने का सराहनीय प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, खजानदास, सविता कपूर, राजकुमार पोरी, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, कुलपति उत्तराखण्ड चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द्र, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड के युवाओं के लिए मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना बन रही वरदान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयासों में जुटे हैं। उत्तराखंड ही नहीं अब विदेशों में भी नौकरी का मौका सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना युवाओं के लिए वरदान बन रही है। योजना के तहत 15 युवाओं ने जापान में सेवायोजन के लिए ली जाने वाली नेट-4 दक्षता परीक्षा में सफलता हासिल की है।

सफल युवाओं में से दो अभ्यर्थियों को जापान के चीदा प्रान्त में जॉब मिला है। उन्हें वेतन के रूप में प्रति माह 200000 येन (जापानी मुद्रा) मिलेंगे। दोनों अभ्यर्थी फरवरी में जापान जाएंगे। अन्य अभ्यर्थियों का अगले माह जनवरी में जॉब इंटरव्यू प्रस्तावित हैं।

बता दें कि मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर प्रदेश में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के अन्तर्गत विदेश रोजगार प्रकोष्ठ गठित किया गया है। यह प्रकोष्ठ राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है। योजना के तहत 33 अभ्यर्थियों को जापानी भाषा का तीन माह प्रशिक्षण दिया गया। इनमें 15 युवाओं ने जापानी एजेंसी द्वारा ली जाने वाली नेट-4 दक्षता परीक्षा उतीर्ण कर ली है।

अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री धामी को धन्यवाद कहा

जापान की सेवायोजन नेट-4 दक्षता परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों और युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद कहा है। पौड़ी गढ़वाल के थलीसैंण ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम ऐंठी निवासी उज्जवल सिंह की पुत्री प्रियंका का भी जापान में जॉब के लिए चयन हुआ है। उनका कहना है कि विदेश जाकर काम करने का अवसर मिलना एक बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उन्हें भी एक ऐसा अवसर मिलेगा।

टिहरी गढ़वाल निवासी दूसरी छात्रा कल्पना बिष्ट ने भी उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार की योजना ने उन्हें विदेश में नौकरी का अवसर दिया है।

शुभिका अर्पित और नवीन कुमार ने किया राज्य का नाम रोशन

उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, द्वारा आज देहरादून के सुभाष रोड़ स्थित होटल पैसेफिक में Regional Level Quiz Competition का आयोजन किया गया। क्षेत्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में उत्तराखण्ड राज्य सहित कुल 09 राज्यों (हिमाचल प्रदेश, चण्डीगढ, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू कश्मीर एवं उत्तर प्रदेश) के प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रतियोगिता में 9 राज्यों के राज्य स्तर की क्विज प्रतियोगिता के प्रथम विजेता टीम, नोडल अध्यापक एवं राज्यों के SACS Official के साथ-साथ नाको, भारत सरकार के प्रतिनिधि नेशनल कन्सल्टेन्ट आई0ई0सी0 एवं मेनस्ट्रीमिंग बेंजामीन फ्रेंकलीन द्वारा प्रतिभाग किया गया। उत्तराखंडी पारंपरिक तरीके से अतिथियों का स्वागत किया गया। अतिथियों को पहाड़ी टोपी के साथ केदारनाथ का स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
Regional Level Quiz Competition का शुभारम्भ डॉ0 विनीता शाह, महानिदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया एवं अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंट किये गये। कार्यक्रम में डॉ0 आषुतोष स्याना एवं डॉ0 भागीरथी जंगपांगी, निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड द्वारा विषिष्ट अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। इसके पष्चात सांस्कृतिक दल हंसा नृत्य एवं नाट्य संस्था द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति दी गयी तथा नन्दा देवी राजजात यात्रा की आकर्षक प्रस्तुति दी गयी। अपर परियोजना निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति डॉ0 अजय कुमार, द्वारा मुख्य अतिथि तथा राज्यों से उपस्थित प्रतिनीधियों एवं प्रतिभगियों का स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि आज इस बात की आवष्यकता है कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को एच0आई0वी0/एड्स के प्रति इतना जागरूक किया जाय कि हम इसे जड़ से खत्म कर सके।
डॉ0 विनीता शाह, महानिदेषक, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तराखण्ड ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियन्त्रण समिति का प्रयास है कि एच0आई0वी0 संक्रमण किसी भी व्यक्ति को न हो। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ समाज का प्रत्येक व्यक्ति अपने व्यवहार में परिवर्तन लाये। संयमित व्यवहार करे एवं भावी पीढ़ी के लिए आदर्ष बने। श्री बेंजामीन फ्रेंकलीन, कन्सल्टेन्ट आई0ई0सी0 एवं मेनस्ट्रीमिंग, नाको भारत सरकार द्वारा रीजनल लेवल क्विज प्रतियोगिता के नियमों की जानकारी दी गयी। तत्पश्चात रीजनल लेवल क्विज प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया गया। प्रतियोगिता 04 चरणों में प्रारभ की गयी। प्रत्येक चरण एच0आई0वी0/एड्स विषय पर 18 प्रष्न पूछे गये। अपर परियोजना निदेषक, उत्तरखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति डॉ0 अजय कुमार, कर्नल आलोक गुप्ता, एस0एच0ओ0 कैण्ट एवं अन्य अतिथियों द्वारा विजेता टीम को ट्राफी एवं प्रमाण पत्र दिये गये।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान उत्तराखंड की कु0 शुभिका अर्पित, नवीन कुमार, दूसरा स्थान जम्मू कश्मीर की कु0 समाइम प्रभा एवं अभिषेक शर्मा और तीसरा स्थान राजस्थान के कु0 भूमिका कुमारी एवं कु0 श्रेया अग्रवाल ने प्राप्त किया। प्रोत्साहन पुरूस्कार उत्तर प्रदेश के आयुष कुमार भारती एवं मानस निगम द्वारा प्राप्त किया गया। कार्यक्रम के दौरान मंच का संचालन योगेम्बर पॉली द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ0 नरेश चौधरी, महेन्द्र कुमार, उप निदेशक, वित्त, अनिल सती, संयुक्त निदेशक, आई0ई0सी0 सहित यूसैक्स के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

राजकीय महाविद्यालय देवीधूरा में स्नातकोत्तर स्तर पर कई विषयों की होंगी कक्षाएं संचालित

उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय देवीधुरा (चंपावत) में हिंदी, समाजशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान विषयों में भी अब स्नातकोत्तर स्तर पर कक्षाएं संचालित हो सकेंगी।
राजकीय महाविद्यालय देवीधूरा (चंपावत) में स्नातकोत्तर स्तर पर उक्त विषयों में पढ़ाई शुरू किए जाने की मांग स्थानीय स्तर पर युवाओं द्वारा की जा रही थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह मामला संज्ञान में आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग को निर्देशित किया था। इसी कड़ी में अब उच्च शिक्षा विभाग ने हिंदी, समाजशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर स्तर पर कक्षायें प्रारंभ करने को सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है।

680 करोड़ के निवेश के साथ 2290 नये रोजगार होंगे सृजित

राज्य में प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थाओं में दी जा रही शिक्षा की पहुंच साधन विहीन छात्रों को भी हो सके इसके लिए आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दृष्टिगत निजी विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों को आवश्यकता वाले क्षेत्रों में राज्य सरकार की निवेश नीति के अन्तर्गत नये स्कूल (डे/बोर्डिंग) खोले जाने हेतु सोमवार को राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के सभागार में सचिव विद्यालय शिक्षा रविनाथ रामन की अध्यक्षता में में बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में निजी विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों के द्वारा की गयी पृच्छा पर सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन एवं श्री बंशीधर तिवारी महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा उसका समाधान दिया गया तथा तदनुसार उनके द्वारा बोर्डिंग एवं डे स्कूल अलग-अलग स्थानों पर खोले जाने की सहमति दी गयी। निजी विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों के सहमत होने पर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा/राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड बंशीधर तिवारी द्वारा राज्य सरकार की ओर से एवं इच्छुक विद्यालय के प्रतिनिधि के साथ सचिव विद्यालयी शिक्षा की उपस्थिति में समझौता ज्ञाप पर हस्ताक्षर किये गये।
इस सम्बन्ध में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया कि निजी विद्यालयों के प्रबन्धकों/संचालकों को अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए भूमि बैंक बनाया गया है जिसका लाभ राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गयी नीति के अन्तर्गत निवेश पर मिल सकता है। इस इस कार्य को मूर्तरूप देने का उत्तरदायित्व विभाग द्वारा डॉ० मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा को दिया गया था तथा उनके द्वारा निजी विद्यालयों के प्रबन्धकों/संचालकों के साथ समन्वयन करते हुए इसके क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी। उन्होंने बताया कि इस अवधि में कुल 13 निजी विद्यालयों के साथ प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 वीं तक के विद्यालय खोले जाने हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किया गया जिसमें लगभग 680 करोड़ का निवेश तथा 2290 नये रोजगार सृजन प्रस्तावित हैं। उक्त नये विद्यालयों को खोले जाने हेतु निजी विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों के द्वारा जनपद ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, बागेश्वर आदि जनपदों के लिए सहमति दी गयी है तथा 2 वर्ष की अवधि में विद्यालय प्रारम्भ कर लिए जाने का भी आश्वासन दिया गया है।
महानिदेशक शिक्षा ने बताया कि राज्य में प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से दी जा रही स्कूली शिक्षा की उपलब्धता प्रायः असमान रही है तथा यह केवल घनी आबादी वाले मैदानी क्षेत्रों तक ही सीमित रह गयी है। परिणामस्वरूप साधन विहीन छात्रों की पहुँच इन विद्यालयों तक नहीं हो पाती है तथा कुछ सीमा तक राज्य में पलायन को बल मिला है।
इस अवसर पर निजी विद्यालयों की ओर से डीएस मान, राकेश ओबेराय, गगनजीत जुनेजा, संजय सेठी, भूपेश सिंह, मीता शर्मा, शरद, प्रेम कश्यप एवं विभागीय स्तर से मदन मोहन जोशी उप राज्य परियोजना निदेशक, मुकेश कुमेड़ी समन्वयक, हिमांशु रावत आदि उपस्थित रहे।