राज्य में विद्युत कटौती न्यूनतम करने को हो रहा मूल्यांकन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशों के क्रम में लोगों को बेहतर बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने तथा विद्युत कटौती न्यूनतम करने के उद्देश्य से राज्य में हर दिन प्रत्येक विद्युत वितरण खण्ड में विद्युत आपूर्ति कितनी बार गई व कितनी देर के लिए गई का मूल्यांकन किया जा रहा है। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति रिपोर्ट का अनुश्रवण किया जा रहा है तथा इसके आधार पर विद्युत आपूर्ति गुणवत्ता के क्रियान्वयन को अधिकारियों की वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट में शामिल किया जायेगा। इससे अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में सुधार लाने के लिये व्यक्तिगत रूप से कार्य करना आवश्यक होगा। सचिव झा ने सभी अधीक्षण अभियन्ताओं एवं अधिशासी अभियन्ताओं को निर्देश दिये है कि दैनिक रूप से विद्युत बाधा का अनुश्रवण किया जाय और विद्युत आपूर्ति में कम से कम कटौती की जाय। उन्होंने बताया कि ऊर्जा विभाग द्वारा यह योजना राज्य में प्रथम बार लागू की गई है तथा विभाग द्वारा इस दिशा में विशेष कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है, जिसके फलस्वरूप विगत वर्ष में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में माह अप्रैल से जुलाई(चार माह) में प्रणाली में कुल औसतन विद्युत व्यवधान 268 के सापेक्ष घटकर 241 हो गया है तथा इन विद्युत व्यवधानों की अवधि 12586 मिनट से घटकर 9386 मिनट हो गयी हैं। अतः विगत वर्ष की तुलना में सम्मानित विद्युत उपभोक्ताओं को 3200 मिनट अधिक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हुई है, यद्यपि ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों के सापेक्ष अभी अपेक्षाकृत कम सुधार आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यृत आपूर्ति में बाधा की सूचना व्यक्ति विशेष द्वारा(मैनवली) दी जाती है तथा शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट से कम विद्युत बाधित सूचना की गणना नहीं की जाती है। उन्होंने बताया कि सभी विद्युत वितरण खण्डों की रेटिंग इन मानकों के आधार पर करना भी प्रारम्भ किया गया है, इससे कमी वाले क्षेत्रों को लक्षित कर विशेष कार्य योजना बनाने तथा क्रियान्वयन में आसानी होगी एवं आपसी प्रतिस्पर्धा से कर्मी स्वयं भी विद्युत आपूर्ति में सुधार हेतु प्रोत्साहित होंगे।

भारतीय सेना के पास इतना विश्वास कहां से आया?

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने 8 सितम्बर के अपने संपादकीय में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत पर इस हफ्ते दिए गए उनके युद्ध संबंधी बयान को लेकर जमकर निशाना साधा है। संपादकीय में कहा गया है कि यह बात स्वीकार की जानी चाहिए कि बिपिन रावत के पास बहुत बड़ा मुंह है, वे बीजिंग और नई दिल्ली के बीच आग भड़का सकते हैं। रावत का बयान यह दिखाता है कि भारतीय सेना में कितना अहंकार भरा है। संपादकीय में सवालिया तौर से लिखा गया है कि रावत ने बड़े ही हाईप्रोफाइल तरीके से दो मोर्च पर युद्ध की स्थिति की वकालत की है, लेकिन भारतीय सेना के पास इतना विश्वास कहां से आया?.
आपको बता दें कि एक सेमिनार में बोलते हुए रावत ने नई दिल्ली में चीन से संबंधित बयान दिया था, जहां तक हमारे उत्तरी विरोधी का सवाल है तो ताकत दिखाने का दौर शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे भूभाग पर कब्जा करना और हमारी सहने की क्षमता को परखना हमारे लिए चिंता का सबब है। इस प्रकार की परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए जो धीरे-धीरे संघर्ष के रूप में बदल सकती है।
रावत का बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही ब्रिक्स सम्मेलन से इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की थी और सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई थी। इन सबके बीच ग्लोबल टाइम्स ने बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया दी है, जो दिखाता है कि आर्मी चीफ के बयान से बीजिंग कितना चिढ़ा हुआ है। ब्रिक्स समिट में मोदी और शी की मुलाकात के तुरंत बाद ही रावत ने सीमा पर चीन की सीनाजोरी की ओर ध्यान दिलाया है। चीनी मीडिया ने डोकलाम विवाद पर समझौते को शी जिनपिंग की कामयाबी के तौर पर पेश किया था। संपादकीय में कहा गया है कि रावत का बयान डोकलाम विवाद समाप्त होने के हफ्ते भर के भीतर ही आया है, जब चीन और भारत के नेताओं ने ब्रिक्स समिट के दौरान मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर सकारात्मक संकेत दिए।
चीनी अखबार ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि भारतीय जनरलों को ताजा स्थिति के बारे में कुछ बेसिक जानकारी रखनी चाहिए। क्या भारत दो मोर्चों पर लड़ाई को झेल सकता है अगर चीन-पाकिस्तान एक साथ मोर्चा खोल दें?
अखबार ने लिखा है कि ऐसा लगता है वहां दो भारत हैं, एक जो ब्रिक्स समूह का हिस्सा है। चीन की तरह और दूसरा चीन के खिलाफ भड़काऊ बयान देते रहता है। क्या हमें पहले भारत को गले लगाकर दूसरे को सबक सिखाना चाहिए। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि पहले भारत को दूसरे भारत को अनुशासन सिखाना चाहिए और स्वाभिमानी भारतीयों को जनरल रावत जैसे अपने सीनियर अधिकारियों के मुंह का ख्याल रखना चाहिए, क्योंकि वे उनके शब्द और अहंकार भारतीयों की इमेज के साथ मेल नहीं खाते हैं।

कृषि आय के साथ एलाइड सेक्टर्स में भी फोकस

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने की कार्ययोजना की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों में क्लस्टरवार कृषि को प्रोत्साहित किया जाय। फसलों की उत्पादकता बढ़ानी होगी, इसके लिये उन्नत किस्म के बीजों तक किसानों की पहुंच बनानी होगी। जिलाधिकारी, क्लस्टर्स के अनुसार वहां पैदा होने वाली फसलों का अध्ययन कर, उन्नत बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सरकार के कई विभाग और विभिन्न परियोजनाएं कृषि तथा एलाइड क्षेत्रों में काम कर रही है, इन सभी को एक समग्र कोआर्डिनेटेड प्रयास करने की जरूरत है। सीएम ने जनपद स्तर पर सभी संबन्धित विभागों की कोर्डिनेशन कमेटी बनाने के निर्देश भी दिये। जिस क्लस्टर में जो फसल या उत्पाद चिन्हित हो उससे जुड़े सेक्टर में लोगों को स्किल डेवलेपमेंट योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षित भी किया जाय। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि आय को दोगुना करने के लक्ष्य हेतु सभी संबन्धित सभी शासनादेशों एवं गाइडलाइन्स का एक संकलन तैयार कर न्याय पंचायत स्तर तक भेजा जाये। उन्होंने हर गांव के लिये एक माइक्रो प्लान और पर्सपेक्टिव प्लान बनाने को भी कहा। प्रमुख सचिव ने कहा कि मनरेगा, आईफैड, ग्राम्या और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कई प्रावधानों के अन्तर्गत जिलाधिकारी, जनपदों में आजीविका संसाधन सृजित कर किसानों की मदद कर सकते है। कृषि सचिव ने कहा कि सभी जिलाधिकारी, अपने जनपदों में क्लस्टरवार मॉडल डी.पी.आर. बनायें। कृषि विभाग के सहायक कृषि अधिकारी, जो कि कृषि विषय में पोस्ट ग्रेजुएट तक हैं, उनका उपयोग करें। कृषि के साथ एलाइड सेक्टर्स में भी फोकस करें। पुष्प उत्पादन मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन का प्रदेश में बड़ा स्कोप है। उत्तराखण्ड हर वर्ष 125 करोड़ रूपये का शहद निर्यात कर रहा है। इस अवसर पर सभी जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जनपदों से प्रस्तावित कार्ययोजना की जानकारी दी।

2022 तक गरीबों को एक लाख आवास देने की मिली मंजूरी

2022 तक गरीब व कमजोर वर्गों को एक लाख आवास मुहैया कराने के लक्ष्य पर आगे बढ़ते हुए उत्तराखंड आवास नीति को मंजूरी दी गई है। निजी क्षेत्र की मदद से बनने वाले आवासों को राज्य सरकार प्रति आवास छह लाख रुपये की दर से खरीदेगी, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को प्रति परिवार साढ़े तीन लाख रुपये पर आवास मुहैया कराया जाएगा।
राज्य खाद्य योजना के 11 लाख परिवारों को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर चक्कर काटने से निजात रहेगी। आगामी एक नवंबर से इन परिवारों के बैंक खाते में खाद्यान्न सब्सिडी पहुंचेगी।
इसी तरह अंत्योदय परिवारों को भी चीनी की सब्सिडी उनके खाते में मुहैया कराई जाएगी। उक्त फैसले के साथ ही मंत्रिमंडल ने ऊर्जा के तीन निगमों को सातवां वेतनमान देने पर मुहर लगा दी।
सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राज्य के तीन नगर निगमों, 22 नगर पालिकाओं और 10 नगर पंचायतों की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
भविष्य में अन्य निकायों की सीमा में भी इजाफा किया जाएगा। अगले नगर निकाय चुनाव में नए विस्तारित क्षेत्र भी शामिल होंगे। निकायों के विस्तारित क्षेत्रों में जन सुविधाओं के लिए केंद्रीय योजनाओं का अधिक फायदा मिलेगा।
साथ ही नए बनने वाले वार्डों को विकास के लिए अधिक धनराशि उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आवास नीति के तहत अगले पांच सालों में गरीबों को एक लाख आवास मुहैया कराने की कार्ययोजना को मंजूरी मिल गई है। इस कार्ययोजना को निजी भागीदारी से पूरा किया जाएगा। योजना में भागीदार निजी क्षेत्र को सरकार की ओर से रियायतें दी जाएंगी। राज्यभर में आवासहीन कमजोर वर्गों का चिह्नीकरण सर्वे नगर निकायों के जरिए कराया गया था। इस सर्वे के आधार पर ही निकायवार कमजोर वर्गों के लिए आवासों का निर्माण किया जाएगा। काबीना मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने राज्य के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लघु व सीमांत किसानों को एक लाख ऋण मात्र दो फीसद ब्याज दर पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस योजना को दीनदयाल सहकारिता सहभागिता योजना का नाम दिया गया है।

मुंबई धमाके में अबू को उम्रकैद, 24 साल लगे जजमेंट आने में

मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही विशेष टाडा अदालत ने उसके साथी करीमुल्लाह शेख को भी उम्रकैद की सजा देते हुए 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एक अन्य दोषी मुस्तफा दोसा का दिल का दौरा पड़ने से पहले ही मौत हो चुकी है। मुंबई विस्फोट के 24 साल बाद अदालत ने अबू सलेम सहित छह लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था।
12 मार्च 1993 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले में दोषी पाए गए आरोपियों में पुर्तगाल से 2005 में प्रत्यर्पित कर लाया गया माफिया डॉन अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, मोहम्मद ताहिर मर्चेट, करीमुल्लाह खान, रियाज सिद्दीकी और फिरोज अब्दुल राशिद खान शामिल हैं। मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित कर लाया गया था, जिसकी हाल ही में मौत हो गई है।
एक अन्य प्रमुख आरोपी अब्दुल कयूम को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। फिल्म स्टार संजय दत्त के घर हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने में कयूम ने सलेम का साथ दिया था। कयूम को 13 फरवरी, 2007 को गिरफ्तार किया गया था। मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक सलेम पर हथियार और गोलाबारूद सहित एके-47 राइफल और हथगोला आपूर्ति का आरोप था, जिसका विस्फोट में इस्तेमाल किया गया था। इसे गुजरात से मुंबई लाया गया था।
बाबरी मस्जिद के बदले किया सीरियल ब्लास्ट
आरोप है कि ये विस्फोट 6 दिसंबर, 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस के बदले के तौर पर किया गया था। विध्वंस के बाद मुंबई में दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 में दो चरणों में खूनी सांप्रदायिक दंगे हुए थे। अभियोजनन पक्ष ने कहा था कि दाऊद गिरोह के सदस्यों ने अपने स्थानीय गुंडों टाइगर मेनन, दोसा भाइयों के साथ मिलकर मुंबई में आतंकी कृत्य की साजिश रची थी। इसके लिए दोसा के साथ टाइगर, छोटा शकील ने प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए थे।

इंजन तो पहले ही चल दिया, डिब्बे तो आने ही थेः अखिलेश

कहने के लिये जो लखनऊ में मेट्रो की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन वो कहते है ना अगर शुरूआत ही अच्छी न हो तो फिर सबको कहने का मौका मिल जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ नवाब नगरी में। जहां पहले ही दिन मेट्रो की शुरूआत अच्छी नहीं हुई है। 5 सितम्बर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मेट्रो का उद्घाटन किया। जिसके बाद 6 सितम्बर से यह आम लोगों के लिए शुरू कर दी गई, लेकिन पहले ही दिन मेट्रो में खराबी आ गई, जिसपर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस पर तंज कसा है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने मेट्रो खराबी के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि लखनऊ मेट्रो तो पहले से ही बनकर तैयार थी, भारत सरकार ने सीएमआरएस के जरिए एनओसी देने में इतना लंबा वक्त लिया, फिर भी पहले ही दिन मेट्रो ठप।
20 मिनट तक थक गई मेट्रो
दुर्गापुरी और मवईया के बीच मेट्रो में खराबी आ गई। जहां से पैसेंजर्स को निकाला जा रहा है। बाकी चारों मेट्रो ऑपरेशनल हैं। तकनीकी खराबी के कारण मेट्रो 20 मिनट के लिए आलमबाग में फंस गई। लखनऊ मेट्रो कई वजहों से चर्चा में है। एक वजह सियासी है तो दूसरी देश के सबसे शानदार मेट्रो रेल होना भी एक वजह है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मेट्रो रेल को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में रखते थे। यही वजह है कि मेट्रो के शिलान्यास से लेकर मेट्रो के बनने तक के हर सफर में वह साथ रहे, लेकिन चुनाव हार गए तो इसका उद्घाटन नहीं कर सके।

नवाबों के शहर में मेट्रो की दस्तक

Metro knock in the city of Nawabs
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लंबी प्रतीक्षा के बाद मेट्रो का संचालन शुरू हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मेट्रो के ट्रांसपोर्ट नगर डिपो में लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी दिखाई।
राज्यपाल राम नाईक की मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से ने मेट्रोमैन लखनऊ मेट्रो के प्रधान सलाहकार ई. श्रीधरन का विशेष धन्यवाद दिया। इसके साथ ही उन्होंने तीन वर्ष के अंदर मेट्रो का निर्माण करने पर एमडी श्री कुमार केशव और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उद्घाटन आधा-अधूरा नहीं किया गया है। यूपी मेट्रो कारपोरेशन के तहत विभिन्न जिलों में मेट्रो चलाई जाएगी। झांसी, वाराणसी, मेरठ और कानपुर में मेट्रो के लिए भी डीपीआर भेजा जा चुका है। जल्द ही प्रदेश के कई जिलों में मेट्रो चलवाने की कोशिश करेंगे।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब लखनऊ की पहचान नवाबों का शहर के साथ ही मेट्रो का शहर के रूप में भी हो गई। यहां मेट्रो के साथ ही लखनऊ महानगर के विकास के द्वार पर खुल गए हैं। उन्होंने प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए मेट्रोमैन को दी विशेष बधाई।
इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच पर पहुंचे। राज्यपाल के साथ ही केंद्रीय मंत्री राष्ट्रगान के बाद मंच पर विराजमान हुए। कार्यक्रम स्थल पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. सीएम दिनेश शर्मा भी साथ पहुंचे।

इंडियन प्रीमियर लीग अब दिखेगा इस चैनल में

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इंडियन प्रीमियर लीग के टेलीविजन और डिजिटल अधिकारों को 16,347 करोड़ रुपये में स्टार इंडिया को बेच दिया है। क्रिकेट की दुनिया की सबसे बड़ी टेलीविजन डील हासिल करने के बाद स्टार इंडिया के पास यह राइट्स 2018 से लेकर 2022 तक रहने वाले हैं। साल 2008 में सोनी पिक्चर्स ने 8200 करोड़ रुपये की बोली के साथ इन राइट्स पर कब्जा कर लिया था।

राम रहीम ने दी 10 की लिस्ट, जानिए किस-किस का है नाम

डेरा सच्चा सौदा का मुख्या व रेप आरोपी राम रहीम को न्यायालय ने 20 साल जेल की सजा सुनाई है। वह इस समय रोहतक जेल में बंद है, लेकिन सोशल मीडिया और कुछ न्यूज चौनलों द्वारा इस बात का संदेह जताया जा रहा है कि सलाखों के पीछे असली राम रहीम नहीं, बल्कि उसका हमशक्ल है। ऐसी घटना के सुर्खियों में आने से हरियाणा पुलिस इस जांच में जुटी है कि जेल में बंद राम रहीम असली है या हनीप्रीत के साथ फरार हो गया है।
वहीं, जेल में बंद राम रहीम ने जेल प्रशासन को 10 लोगों की लिस्ट सौंपी है, जो उससे मिलने के लिए आएंगे। इस लिस्ट में राम रहीम ने अपनी सबसे करीबी और कथित दत्तक पुत्री हनीप्रीत का नाम सबसे पहले लिखा है। इसके बाद अपनी दोनों बेटी-दामाद, बेटा-बहू और कुछ डेरा सेवादारों का नाम दिया है। उसने हनीप्रीत से बात करने के लिए उसका मोबाइल नंबर भी दिया है।
पुलिस अफसरों के हाथ-पांव फूले
उधर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के 117 नाम चर्चा घरों की तलाशी और जांच के दौरान कुछ आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई है। गुरमीत राम रहीम सिंह के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय से 33 काफी खतरनाक हथियार बरामद हुए हैं। बताया जा रहा है कि इनको देखकर पुलिस अफसरों के भी हाथ-पांव फूल गए।
डेरों की तलाशी का अभियान जारी
खट्टर ने बताया कि डेरा अधिकारियों ने राज्य सरकार को हथियार सौंप दिए हैं। राज्य सरकार के साथ सहयोग भी कर रहे हैं। यदि यह उचित तरीके से चल रहा है तो अच्छा है। इस संबंध में शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि किस तरह के हथियार या सामग्री बरामद हुई हैं। फिलहाल डेरों की तलाशी का अभियान जारी है।

अचानक कटी गायें बहकर आयी, लोगों में आक्रोश

बिहार के मुरलीगंज प्रखंड में स्थित पकिलपार नहर में अचानक कटी हुई गायें बहकर आने लगीं। जब एक साथ दो सौ के करीब कटी गायें बहकर आती दिखीं तो लोगों को बड़ी आपदा की आशंका हुई। लोग अपना काम काज छोड़कर नहर की तरफ दौड़े। करीब 200 से अधिक मरी हुई गायें के साथ बहकर आईं उसके बाद लगातार गायों के बहकर आने का सिलसिला जारी है। जानकारी मिली है कि पांच सौ से ज्यादा गायें बहकर आयी हैं। घटना से लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। नहर के किनारे लोगों की काफी भीड़ लग गई है। ग्रामीणों में गौ हत्या को लेकर आक्रोश पनप रहा हैं। मौके पर एसडीओ संजय निराला, एएसपी राजेश कुमार, बीडीओ ललन कुमार चौधरी , थानाध्यक्ष राजेश कुमार दल बल के साथ पहुंच चुके हैं और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इतनी संख्या में कटी गायों को देखकर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गाय को निकालने पहुंचे जेसीबी को लोगों ने लौटा दिया है।