शहरी विकास विभाग ने की महाकुंभ 2021 की अधिसूचना जारी

महाकुंभ 2021 के लिए शहरी विकास विभाग ने मेला क्षेत्र को अधिसूचित कर दिया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक की अवधि को कुंभ मेला अवधि घोषित किया गया है। साथ ही रूड़की से नीलकंठ तक के क्षेत्र को कुंभ मेला एरिया घोषित किया है। अधिसूचना सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली की ओर से जारी की गई है।

कुंभ क्षेत्र की सीमा
उत्तर – नीरगढ़, तपोवन, विट्ठल आश्रम मार्ग, नरेंद्र नगर मुनिकी रेती मार्ग तक।
पश्चिम – नरेंद्र नगर- ऋषिकेश बाईपास, देहरादून- ऋषिकेश मार्ग वन चैकी तक, हरिद्वार बाईपास, हरिद्वार हाईवे, हिल बाईपास, मंशादेवी मंदिर, बीएचईएल आवासीय कॉलोनी, हरिद्वार- दिल्ली मार्ग पर 13 किमी तक।
दक्षिण – बहादराबाद गांव, हरिद्वार बाईपास मार्ग पर सीतापुर गांव की सीमा तक, हरिद्वार- ऋषिकेश बाईपास पर रेलवे पुल तक, जियापोता गांव से गंगा पार करते हुए नजीबाबाद मार्ग पर सिद्ध सोत तक।
पूरब – चंडी देवी मंदिर, चीला मार्ग, चीला नहर होते हुए वीरभद्र बैराज, लक्ष्मणझूला- दुगड्डा मार्ग पर पीपलकोटी तक, पैदल मार्ग से होते हुए नीलकंठ मंदिर तक।

केंद्र सरकार कुंभ मेले में कोविड प्रोटोकॉल सख्ती से लागू करने के निर्देश दे चुकी है। अब विधिवत कुंभ मेला अधिसूचित होने के बाद आगामी स्नान पर राज्य सरकार को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। तब तक चूंकि सरकार ने विधिवत नोटिफिकेशन जारी नहीं किया था, इस कारण पूर्व में आयोजित स्नान पर उक्त मानक लागू नहीं हो पाए थे। अब 12 और 14 अप्रैल को क्रमश साोमवती अमावस्या और बैशाखी के दो प्रमुख शाही स्नान पड़ रहे हैं।

कुम्भ मेले से जुड़े अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने दिये कार्यों को समय से पूरा कराने के निर्देश

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को कुम्भ मेले के विभिन्न निर्माण कार्यों के लोकार्पण के पश्चात मेला नियंत्रण भवन में मेले से जुड़े उच्चाधिकारियों के साथ ही विभागीय नोडल अधिकारियों की बैठक ली।

मुख्यमंत्री ने कुम्भ मेले के कार्यों में तेजी लाये जाने के लिये पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में की गई व्यवस्थाओं के प्रति संतोष व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिये कि आगामी कुम्भ मेले के शाही स्नान पर्वों को सकुशल सम्पन्न कराने में सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने इसके लिए आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जो कार्य अंतिम चरण में हैं उन्हें शीघ्र पूर्ण कराया जाये। मुख्यमंत्री ने शहर के आंतरिक मार्गों के निर्माण में भी और तेजी लाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने डामकोठी के निर्माण कार्य में भी और तेजी लाये जाने के साथ ही कुम्भ क्षेत्र की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों द्वारा जिस तत्परता एवं जिम्मेदारी के साथ महाशिवरात्रि के शाही स्नान को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए जैसी व्यवस्थाएं की थी, ऐसे ही प्रयास आगामी स्नान पर्वो में भी होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। अतिथि देवों भवः हमारी परम्परा रही है। इसी परम्परा का हमें निर्वहन करना हैं।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मेला नियंत्रण भवन स्थित कमांड एंड कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस कंट्रोल रूम की व्यवस्थाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। इससे भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंध आदि में भी मदद मिल सकेगी।

मेला नियंत्रण भवन में ही मुख्यमंत्री से किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अखाड़े के अन्य संतों के साथ भेंट की, तथा अपनी विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।

बैठक में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वामी यतीश्वरानंद, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, रानीपुर विधायक आदेश चैहान, सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली, गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन, डीआईजी नीरू गर्ग, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी रविशंकर, आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल, एसएसपी हरिद्वार सैंथिल अबुदई कृष्ण राज एस, एसएसपी कुम्भ जन्मेजय खंडूडी, अपर मेलाधिकारी डॉ0 ललित नारायण मिश्र, उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह, दयानंद सरस्वती सहित बिजली, लोक निर्माण, सिंचाई, पेयजल, जल संस्थान से सम्बंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

हरिद्वार में मुख्यमंत्री ने किया लगभग 120 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण

हरिद्वार महाकुंभ 2021 के तहत आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने करीब 120 करोड़ की लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा की कुंभ पूरे विश्व की धरोहर है और यह 12 साल में एक बार आता है। ऐसे में कुंभ को लेकर लोगों में उत्साह तो जरूर था लेकिन कोविड-19 को लेकर असमंजस की स्थितियां बनी हुई थी। इससे यहां का व्यापारी वर्ग से लेकर आम जन में चिंताएं थी। इसी चिंता को देखते हुए हमारी सरकार ने कुंभ में आने जाने की अनावश्यक रोक टोक को खत्म कर किया है। लेकिन भारत सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की गाइडलाइन को हर हाल में पूरा करना होगा।

उन्होंने कहा कि कुंभ पर हमारा पूरा फोकस है। इसे भव्य और दिव्य बनाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। यहां किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी। अखाड़ा परिषदों से लेकर श्रद्धालुओं को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन के बारे में बताया गया है। कुम्भ मेले में आवागमन को बेहतर करने के लिए यहां यात्री वाहनों की संख्या में 4 गुना तक का इजाफा किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बने विकास प्राधिकरण के अस्तित्व को हमारी सरकार ने खत्म कर दिया है। हमारी सरकार ने कोविड-19 के दौरान काम करने वालों पर लगे मुकदमों को वापस ले लिया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहाड़ में रेल का सपना पूरा कर दिया है। पहले लोग सड़क की मांग करते थे आज ट्रेन की बात हो रही है। उनके नेतृत्व में ही यह बदलाव संभव हो पाया है आने वाले दिनों में यहां रोजगार की भी कोई कमी नहीं होगी। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश का नेतृत्व कर रहे हैं लेकिन पूरे विश्व में उनकी नेतृत्व क्षमता का लोहा माना जाता है पूरे विश्व में उनके नेतृत्व की तारीफ की जाती है।

इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा मदन कौशिक, राज्यमंत्री स्वामी यतीस्वरानंद, विधायक आदेश चैहान, सुरेश राठोर, आयुक्त गढ़वाल मंडल रविनाथ रमन आदि मौजूद रहे।

ग्रामीण क्षेत्र के युवा खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहींः डा. राजे नेगी

अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने फस्र्ट नेशनल स्कूल स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।

बता दें कि फिट इंडिया कार्यक्रम अंतर्गत आगरा में विगत 6 मार्च से 8 मार्च तक तीन दिवसीय चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था। जिसमें देशभर के विभिन्न स्कूलों के खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया था। चैंपियनशिप में ऋषिकेश के विभिन्न स्कूलों के खिलाड़ियों ने अपने दमदार प्रदर्शन से आयोजकों बल्कि चैंपियनशिप देखने आये दर्शकों का भी दिल जीत लिया। नेशनल चैंपियनशिप में अरीना स्पोर्ट्स एकेडमी के छह खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। जिसमें चार खिलाड़ी फुटबॉल के एक एथलेटिक और एक बॉक्सिंग का था। फुटबॉल की टीम गोल्ड मैडल हासिल करने में कामयाब रही।जबकि एथलेटिक और बॉक्सिंग में खिलाडियों ने सिल्वर मैडल हासिल किए। इस अवसर पर खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा के अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि कि खेलों में गहरी रुचि रखनेवालों के लिए अपनी पहचान बनाने के अनेकों अवसर हैं। हाल के वर्षों मे छोटे छोटे गांवों से आए तमाम युवा खिलाड़ियों ने अपनी खेल प्रतिभा से सभी को चैंकाया है।

सम्मान पाने वाले खिलाड़ियों में अमर ज्योति सरस्वती निलायम हाई स्कूल बायपास श्यामपूर के प्रियांशु नेगी, शिवम शाह, विनय सिंह, प्रियांशु चैधरी, एनडीएस स्कूल के प्रियांशु पैन्यूली एवं पीजी कॉलेज ऋषिकेश के हिमांशु गोस्वामी शामिल रहे। इस मौके भारतीय जूनियर फुटबाल टीम के कप्तान एवं कोच अभिषेक रांगड़, अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा के महामंत्री उत्तम सिंह असवाल, अरविंद जोशी, प्रवीन असवाल, सुनील सेमवाल, महावीर अमोला, मयंक भट्ट, मोनिका पंवार, अंजली वर्मा उपस्थित थे।

नींद पूरी होने पर न्यूरोलाॅजिकल बीमारियों का खतरा होने की संभावना कमः प्रो. रविकांत

नींद का हमारे शरीर के संतुलित व्यवहार और देखरेख के लिए अत्यधिक महत्व है। हालांकि यह एक रहस्य ही है कि नींद क्यों, कैसे और कहां से संचालित होती है और किस प्रकार उपरोक्त कार्य को निष्पादित करती है, मगर काफी हद तक इसमें मस्तिष्क के कुछ अहम हिस्सों जैसे हाइपोथालामस, पीनियल ग्रंथि और रेटिकूलर एक्टिवेटिंग सिस्टम और उनसे निकलने वाले न्यूरो केमिकल मैसेंजेर का जटिल सूचना तंत्र संलग्न है, लिहाजा जाहिर सी बात है कि न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से नींद का गहरा संबंध है, जो कि दोतरफा है यानि कि एक तरफ जहां न्यूरोलॉजिकल बीमारियों में नींद प्रभावित होती है वहीं दूसरी ओर नींद की गड़बड़ी कई न्यूरोलॉजिकल बीमारियों को या तो जन्म देती है या उनकी गंभीरता को कई गुना बढ़ा देती है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में निदेशक प्रो. रविकांत ने न्यूरोलॉजी विभाग एवं निद्रा रोग प्रभाग द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्यों की सराहना की। उम्मीद जताई कि निद्रा रोग प्रभाग आने वाले वर्षों में उत्तराखंड एवं आसपास के राज्यों के निद्रा रोग से ग्रसित मरीजों के लिए एक वरदान साबित होगा।

आइए कुछ महत्वपूर्ण न्यूरोलॉजिकल रोगों से नींद के संबध को बिंदुवार एक-एक कर समझते हैं। एम्स ऋषिकेश के न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष एवं निद्रा रोग प्रभाग के सदस्य डा. नीरज कुमार के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत स्ट्रोक के मरीज नींद की समस्या से ग्रसित होते हैं. इतनी बड़ी संख्या क्यों? मोटापा, खून में वसा की मात्रा, निष्क्रिय दिनचर्या, धुम्रपान यह सब जिस प्रकार से धमनियों की बीमारियों को बढ़ाते हैं, वैसे ही ओब्सट्रकटिव स्लीप एपनिया की संभावना को भी बढ़ा देते हैं। करीब 20 फीसदी स्ट्रोक के मरीजों को शिकायत होती है कि उन्हें नींद का नहीं आने, नींद के जल्दी टूट जाने या दिन में भी सुस्ती आने आदि समस्याएं हैं। यानि कुल मिलाकर नींद की संपूर्ण प्रणाली का ही त्रुटिपूर्ण हो जाना। इसकी मूल वजह में स्ट्रोक के बाद होने वाले अवसाद या दवाइयों के साइड इफेक्ट हो सकते हैं। थैलामस और ब्रेन स्टेम में होने वाले स्ट्रोक भी नींद के नियंत्रण केंद्र को क्षति पहुंचाकर नींद के क्रम को बिगाड़ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि स्ट्रोक के मरीजों में नींद की समस्या आम रहती है, मगर निदान या उपचार गिने चुने लोगों का ही हो पाता है, इसका कारण चाहे स्ट्रोक से ग्रसित मरीज के बोलने की शक्ति का कम होना हो या अपाहिज होकर बिस्तर पर पड़े रहने के चलते उनकी नींद से जुड़ी समस्या पर किसी का ध्यान नहीं जाना हो, मरीज का उपचार करने वाले चिकित्सक भी कई बार उसकी नींद से संबंधित समस्या से अन​भिज्ञ होते हैं या कभी- कभी उसे नजरअंदाज कर देते हैं, मगर ध्यान रहे कि नींद की गड़बड़ी दोबारा स्ट्रोक अटैक की आशंका को करीब 25 फीसदी तक बढ़ा देती है। विशेषज्ञ चिकित्सक डा. नीरज कुमार जी का कहना है कि मिर्गी या मूर्छा का भी नींद से सीधा- सीधा संबंध है। सुप्तावस्था में इलेक्ट्रो इनसेफलोग्राम में दौरों को दर्शाने वाले विद्युत तरंग ज्यादा दृष्टिगोचर होते हैं, करीब 50 फीसदी जेनेरलाइज्ड एपिलेप्सी के अटैक रात के समय ही ज्यादा आते हैं। इसकी वजह से भी मरीज पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाता। किशोरावस्था से शुरू होने वाली मयोक्लोनिक एपिलेप्सी के अटैक बढ़ जाते हैं, वहीं दूसरी तरफ मिर्गी के मरीजों की नींद अक्सर प्रभावित हो जाती है, अब चाहे वह दवाइयों की वजह से हो या बीमारी से उपन्न होने वाले अवसाद, घबराहट या डर के कारण से अथवा फिर मिर्गी की बीमारी के मूल कारण इसकी प्रमुख वजह हो। कईबार तो निद्रा विकार जिनमें स्वप्न विकार भी शामिल हैं, इन विकारों व मिर्गी के दौरों से अंतर करना बहुत मुश्किल काम होता है, नतीजतन अक्सर मरीज जल्द स्वास्थ्य लाभ के लिए उपचार कराने की बजाए वर्षों तक झाड़-फूंक का सहारा लेते रहते हैं।

सर दर्द –
सर दर्द खासकर माइग्रेन का नींद से गहरा सम्बन्ध है। तेज सर दर्द के वक्त नींद नहीं आती और अक्सर नींद पूरी नहीं होने पर सर दर्द कईगुना अधिक बढ़ जाता है। कईदफा दवाइयों से भी ठीक नहीं होने वाले सर दर्द सिर्फ नींद के इलाज से ही ठीक हो जाते हैं। वैज्ञानिकों ने यह खोज निकाला है कि माइग्रेन और नींद के नियंत्रण केंद्र आसपास ही होते हैं। इस कारण से भी दोनों का परस्पर संबंध होता है। .
मल्टीपल स्क्लेरोसिस –
मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस जैसे इम्युनिटी सिस्टम( प्रतिरक्षा तंत्र) के रोगों में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, सेंट्रल स्लीप एपनिया, दिनभर की थकान-सुस्ती, दिन में भी नींद की अधिकता और नींद के क्रम के टूटने जैसी बीमारियां आम हैं, कभी कभी नींद में चलने ,बोलने या चलते-चलते नींद के आगोश में चले जाना जिसे नार्कोलेपसी भी कहते हैं, इन लक्षणों से मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस की पहचान होती है। आश्चर्यजनक बात यह है कि अबुझ पहेली से लगने वाले यह लक्षण सही समय पर इलाज लेने से पूरी तरह ठीक भी हो जाते हैं।
पार्किन्सन व डेमेंटिया – पार्किन्सन और डेमेंटिया जैसे रोग जिनमें मस्तिष्क धीरे- धीरे सूखने लगता है या समय से पहले वृद्ध होने लगता है, इनमे नींद की समस्या काफी अधिक मिलती हैं। इसका कारण कभी दवाइयों का दुष्प्रभाव होता है तो कभी अवसाद के कारण से ऐसी समस्या उत्पन्न होती है। मगर अक्सर यह बीमारियां खुद ही नींद की समस्या को साथ लाती हैं। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम या नींद में बोलने लगना – हाथ पैर चलाना यह ऐसे लक्षण हैं जो, कई बार पार्किन्सन रोग के मुख्य लक्षण आने से वषों पहले से ही व्यक्ति में दिखने लगते हैं, ऐसे में सजग न्यूरोलॉजिस्ट इस तरह के रोगों की सटिक पहचान करके बीमारी को शुरुआती दौर में ही पहचान लेते हैं।
नसों और मांसपेशियों के मरीजों में फेफड़ों की शक्ति भी क्षीण हो जाती है। अक्सर यह मरीज नींद के दौरान जबकि श्वसन की सहायक मांसपेशियां शिथिल हो जाती है, ऐसे में वह अपने शरीर में ऑक्सीजन की सही मात्रा बनाए रखने में विफल होते हैं. कईबार इस अवस्था में मरीजों की मौत भी हो जाती है, पर अगर समय से इनकी पहचान हो जाए और सी-पैप जैसी साधारण मशीन जो कि सांस अंदर खींचने में मदद करती है, का प्रयोग किया जाए तो ऐसी अप्रिय घटनाओं को टाला जा सकता है।

इस प्रकार हम देखते हैं कि नींद न सिर्फ खूबसूरत सपनों के लिए आवश्यक हैं बल्कि शरीर को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए भी उतनी ही जरुरी क्रिया है। न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए तो न सिर्फ रोग की गंभीरता को रोकने के लिए बल्कि नए रोगों को उत्पन्न होने से रोकने व उनसे बचने के लिए साफ सुथरी, स्वस्थ निद्रा की और भी अधिक आवश्यक है।

दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में बड़ी तादाद में पहुंचे उत्तराखण्ड मूल के लोग, सीएम का किया स्वागत

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे तीरथ सिंह रावत का उत्तराखण्ड सदन में भव्य स्वागत हुआ। बड़ी संख्या में सदन में मौजूद उत्तराखण्ड मूल के लोगों ने मुख्यमंत्री का फूल-मालाओं से स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जनभवनाओं के अनुरूप कार्य करेगी। जनता जो चाहेगी वही किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देशन में उत्तराखण्ड का चहुमुंखी विकास किया जाएगा।

उत्तराखण्ड के प्रति प्रधानमंत्री के अपार लगाव की बदौलत ही यहां चारधाम ऑल वैदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट्, केदारनाथ-बदरीनाथ धाम पुनर्निर्माण समेत तमाम परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। उत्तराखण्ड विकास के नए आयाम छू रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने अभी एक सप्ताह का ही समय हुआ है। इस दौरान उन्होंने जनभावनाओं के अनुरूप फैसले लिये। सबसे पहले कोरोनाकाल में जिन 4500 लोगों पर महामारी एक्ट के तहत मकदमे दर्ज किए गए थे, उन मुकदमों को सरकार ने वापस लिया। इनमें से अधिकांश मुकदमे उन लोगों पर दर्ज थे जो कारोनाकाल में जरूरतमंदों की मद्द में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों की मनमानी से पहाड़ी क्षेत्र के लोग त्रस्त थे। हमारी सरकार ने देर लगाए बगैर पहाड़ी जिलों में प्राधिकारणों का अस्तित्व समाप्त कर दिया है। कुंभ स्नान के लिए देश-विदेश के सभी श्रद्धालुओं को कुंभ स्नान के लिए हरिद्वार आंमंत्रित किया गया है। कुम्भ मेले के लिए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का ध्यान रखा जाएगा परंतु अनावश्यक रोक टोक नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रभाव से घर लौटे प्रवासी उत्तराखण्डियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्हें स्वरोजगार शुरू करने के लिए ब्याज रहित ऋण मुहैया करवाया जा रहा है। उनकी हर समस्या का समाधान सरकार करेगी। उन्होंने उत्तराखण्ड मूल के लोगों से आग्रह किया कि वे भी उत्तराखण्ड राज्य के विकास और जनकल्याण में अपना योगदान दें। इस मौके पर नैनीताल के सांसद अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय, पूर्व सांसद बलराज पासी आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड में कोविड टीकाकरण अभियान मिशन मोड में चलाया जाएः तीरथ सिंह रावत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी इसमें प्रतिभाग किया।

उक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जन जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाय। कोविड टीकाकरण अभियान मिशन मोड पर चलाया जाय। आवश्यकता पड़ने पर वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाए जाय। दवाई के साथ कड़ाई भी जरूरी है। लोगों को दो गज दूरी, मास्क की अनिवार्यता एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखने के लिए जागरूक किया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि अधिकांश आरटीपीसीआर टेस्टिंग हो। यदि किसी क्षेत्र में कोरोना के अधिक मामले आते हैं, ऐसे क्षेत्रों में माइक्रो कन्टेंनमेंट जोन बनाये जाय। टेस्ट, ट्रेक एवं ट्रीट पर विशेष ध्यान दिया जाय।

इस अवसर पर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन युगल किशोर पंत एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

दोस्तों के साथ गंगा में स्नान के दौरान डूबा युवक, रेस्क्यू जारी मगर सफलता नहीं

बीते 14 मार्च को गंगा में स्नान के दौरान डूबे तमिलनाडु के युवक का जल पुलिस की टीम से रेस्क्यू अभियान चलाया। गंगा में काफी देर तक खोजबीन के बाद भी जल पुलिस के जवानों को सफलता हाथ नहीं लग पाई।

दरअसल, रविवार को 28 वर्षीय शिवा एस पुत्र के. सुंदर मूर्ति निवासी प्लॉट नंबर 3, भगवती नगर सेकंड मैन रोड, मेडवक्कम जिला कांचीपुरम, चेन्नई तमिलनाडु अपने एक दोस्तों के साथ ऋषिकेश घूमने आया था। तभी सर्वानंद घाट के पास दोपहर को खाने के बाद नहाने के लिए चले गए। अचानक शिवा एस नहाने के दौरान गंगा की तेज धारा की चपेट में आ गया। नतीजा यह रहा कि वह पानी के तेज बहाव में ओझल हो गया। डूबने की घटना के बाद उसके दोस्त ने परिजनों को सूचना दी। जिस पर परिजनों ने कोतवाली पुलिस को मामले की जानकारी दी। आज जलपुलिस ने युवक की तलाश को साईं मंदिर घाट से बैराज तक सर्च ऑपरेशन चलाया।

जल पुलिस के जवानों को सफलता अर्जित नहीं हो सकी। अब बुधवार को जल पुलिस के जवान पुनः गंगा में रेस्क्यू चलाएंगे।

उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था के प्रमुख केन्द्रः सीएम

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाए। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिये कि समय-समय पर अपने विभागों की कार्य प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करें। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शीघ्र अवगत कराया जाय। समस्याओं का उचित समाधान निकाला जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री तीरथ ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सड़कों के सुधारीकरण का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाय। 31 मार्च तक तोताघाटी में सड़क सुधारीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाय। यात्रा मार्गों और उसके आस-पास के क्षेत्रों में भी सड़क से सबंधित कार्य ससमय पूर्ण कर लिये जाय। यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर पेयजल, स्वच्छता, साइनेज एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो। यात्रा मार्गों पर वाटर एटीएम की व्यवस्था के लिए जल्द कार्ययोजना बनाई जाय। यात्रा मार्गों पर पानी के टैंकर की भी पर्याप्त व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जोशीमठ, गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग एवं यात्रा की दृष्टि से अन्य प्रभावित स्थानों पर सड़क से सबंधित कार्यों में तेजी लाई जाय। चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवा सुचारू रूप से मिले, इसके लिए ऑनलाईन व्यवस्था सुचारू रखी जाय। टिकट वितरण में पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाय।

मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि यात्रा सीजन के दृष्टिगत यात्रा मार्गों एवं धामों में स्वास्थ्य सुविधाओं के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाय। यात्रा के दौरान हेली ऐबुंलेंस सेवा एवं 108 एबुंलेंस की समुचित व्यवस्था हो। केदारनाथ एवं यमुनोत्री में ईसीजी एवं कार्डियोलॉजिस्ट की समय पर तैनाती की व्यवस्था की जाय। ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की भी पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय। हेमकुंड में भी स्ट्रीट लाईट की उचित व्यवस्था हो, इसके लिए जल्द तैयारी की जाय। यात्रा सीजन में पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था की जाय। यात्रा मार्गों पर जो भी वाहन भेजे जायेंगे, उनका फिटनेस टेस्ट जरूर किया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि यात्रा के दौरान वाहनों एवं यात्रा मार्गों पर होटल में रेट लिस्ट जरूरी लगी हो। ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाये। आपदा से सबंधित संवेदनशील स्थानों पर संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था हो। आपदा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाय। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने सभी सचिवों को निर्देश दिये कि विभागीय कार्य प्रगति की प्रत्येक दूसरे सप्ताह में समीक्षा की जाय। समय-समय पर मुख्यमंत्री कार्यों की प्रगति समीक्षा लेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, दिलीप जावलकर, नितेश झा, राधिका झा, पंकज पाण्डेय, कमिश्नर गढ़वाल रविनाथ रमन, डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से गढ़वाल मंडल के सभी जिलाधिकारी एवं संबधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

चलते ट्रेन में लगी आग, बाल-बाल बची 35 सवारियां

आज दोपहर करीब 12ः50 मिनट पर कांसरो रेलवे स्टेशन पर दिल्ली से देहरादून आ रही शताब्दी एक्प्रेस में आग लग गई। गनीमत रही रायवाला पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत 35 सवारियों को नुकसान होने से पहले ही सुरक्षित बचा लिया गया। पुलिस ने आग लगी हुई सी-5 बोगी को ट्रेन से अलग भी किया। वहीं आग लगने का कारण शाॅर्ट सर्किंट माना जा रहा है।

रायवाला पुलिस स्टेशन को सूचना मिली कि कांसरो रेलवे स्टेशन के समीप शताब्दी एक्सप्रेस में आग लर्ग है। सूचना पाकर मौके पर पुलिस फोर्स के साथ थाना प्रभारी अमरजीत सिंह रावत पहुंचे। पुलिस ने रेल कर्मियों के साथ मिलकर शताब्दी एक्सप्रेस नंबर 02817 की बोगी नंबर सी-5 में बैठी 35 सवारियों को उनके सामान सहित सुरक्षित बाहर निकाला। इतना ही नहीं सभी सवारियों को आगे की बोगियों में शिफ्ट भी कराया।

इसके अलावा पुलिस ने आग लगी हुई सी-5 बोगी को ट्रेन से अलग भी किया। साथ ही फायर सर्विस टेंडर को रेलवे व अन्य व्यक्तियों की मदद से रेलवे ट्रैक के नजदीक लाया गया। इसके बाद सी-5 बोगी मे लगी आग को बुझाया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि उक्त शताब्दी एक्सप्रेस 02017 आज सुबह दिल्ली से देहरादून के लिए निकली थी। 12 सवारी डिब्बे में 316 व्यक्ति सवार थे। बताया कि आग लगने का संभावित कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है।