देश रक्षा में शहीद पुलिसकर्मियों को पीएम ने दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस 2020 के अवसर पर देश की रक्षा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी है। बता दें कि वर्ष 1959 में चीन से सटी भारतीय सीमा की रक्षा में बलिदान देने वाले दस पुलिसकर्मियों की याद में प्रत्येक वर्ष पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।

ट्वीट के जरिए पीएम मोदी ने कहा कि हम कर्तव्य की पंक्ति में शहीद हुए सभी पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि देते हैं। उनके बलिदान और सेवा को हमेशा याद किया जाएगा।

पीएम ने कहा कि भयावह अपराधों को सुलझाने और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने, आपदा प्रबंधन में सहायता से लेकर कोरोना महामारी से लड़ने तक हमारे पुलिस कर्मी हमेशा बिना किसी हिचक के अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। हमें नागरिकों की सहायता के लिए उनके परिश्रम और तत्परता पर गर्व है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस स्मृति दिवस पर राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अब तक 35,398 कर्मियों ने शहादत दी है, मैं सभी शहीदों के परिवार जनों को कहना चाहता हूं कि ये स्मारक (राष्ट्रीय पुलिस स्मारक) सिर्फ ईंट, पत्थर और सीमेंट से बना स्मारक नहीं है।

बदरीनाथ महानिर्माण योजना पीएम की दूरदर्शी योजना में शामिलः पर्यटन सचिव

पर्यटन-धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर ने स्थानीय ब्यापारियों एवं तीर्थ पुरोहितों तथा हक-हकूकधारियों से बदरीनाथ महानिर्माण योजना के विषय में बैठक की तथा मास्टर प्लान के संबंध में लोगों की आपत्तियों एवं शंकाओं का निवारण भी किया। पर्यटन सचिव ने कहा कि बदरीनाथ महानिर्माण योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में लागू हो रही दूरदर्शी योजना है। महानिर्माण योजना पर 424 करोड़ का बजट प्रस्तावित है, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ पहुंचेगा तथा बदरीनाथ धाम में यात्री सुविधाओं में वृद्दि होगी। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ मास्टर प्लान को केंद्र के सहयोग से लागू हो रही महत्त्वपूर्ण परियोजना है मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बदरीनाथ धाम को अधिक आध्यात्मिक नगरी के रूप में सुविधा-संपन्न बनाने हेतु

उल्लेखनीय है कि यात्री सुविधाओं हेतु मास्टर प्लान तीन चरणों में प्रस्तावित है पहले चरण में शेष नेत्र एवं बदरीश झील का सौंदर्यीकरण शामिल है। दूसरे चरण में बदरीनाथ धाम परिसर तथा आसपास के स्थलों का सोंदर्यीकरण तथा विस्तारीकरण होना है तत्पश्चात तीसरे चरण में शेष नेत्र से बदरीनाथ मंदिर तक आस्थापथ निर्माण प्रस्तावित है।
पर्यटन सचिव ने बदरीनाथ मास्टर प्लान को आध्यात्मिक क्षेत्र बदरीनाथ धाम के विकास हेतु महत्त्वपूर्ण महायोजना बताया है। इससे पहले पर्यटन सचिव ने बदरीनाथ मंदिर में दर्शन किये तथा ब्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।

बैठक के पश्चात पर्यटन सचिव ने मंदिर के निकटवर्ती स्थानों नारायण पर्वत, मातामूर्ति मार्ग, ब्रह्मकपाल, तप्तकुंड क्षेत्र, बामणी गांव मार्ग आदि स्थानों का पैदल चलकर अवलोकन किया।
इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, उप जिलाधिकारी अनिल चन्याल, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, बदरीनाथ नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित, नगर पंचायत अध्यक्ष अरविंद शर्मा, व्यापार सभा के विनोद नवानी आदि मौजूद रहे।

देश का पहला फुल वर्चुअल होम स्कूल का सीएम ने किया उद्धाटन

देश के पहले फुल वर्चुअल होम स्कूल सीज ग्लोबल इंसीट्यूट का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। उत्तराखंड से संचालित होने वाले पहले फुल वर्चुवल इंसीट्यूट के जरिए भारतीय ज्ञान परंपरा, वैदिक गणित, विज्ञान तथा भारतीय शास्त्रीय संगीत, संस्कृति, कला और परंपराओं को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी। अब संस्कृत को भी कैम्ब्रिज बोर्ड के माध्यम से एफिलेएटेड विश्व भर के स्कूल पढ़ा पायेंगे। उत्तराखंड तथा समस्त भारत के लिए यह गर्व का विषय है। संस्थान के इस वर्चुवल कार्यक्रम में अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका समेत देश विदेश के कई लोग जुड़े हुए थे।

उदघाटन अवसर पर संस्थान की संस्थापक रीना त्यागी ने कहा कि जब बच्चे को बिना किसी दिलचस्पी के किसी विषय को सीखने के लिए मजबूर किया जाता है, तो वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है। वर्चुअल होम स्कूल स्कूली शिक्षा के विकल्प के रूप में कार्य करता है। और इससे बच्चे का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। यह बच्चे के आत्मविश्वास को मारता है और उसे नकारात्मकता से भर देता है। एक बच्चा एक विषय में कमजोर हो सकता है लेकिन दूसरे में मजबूत ह रो सकता है। ऐसे में माता-पिता के पास बच्चे की रूचि के अनुरूप क्षेत्र चुनने का विकल्प होता है। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि होम स्कूलिंग में परीक्षाएँ तनाव मुक्त होती हैं, और बच्चे में अपनी तैयारी के अनुसार परीक्षा देने का लचीलापन होता है। माता-पिता अपने बच्चे के अभिनव विचारों और स्कूल में शिक्षकों की तुलना में अनुसूची में बदलाव के लिए अधिक खुले हो सकते हैं। पहले, स्कूलों को शिक्षा का प्राथमिक स्रोत माना जाता था, लेकिन हर बच्चा उसी तरह चीजों को समझने में सक्षम नहीं था, माता-पिता ने अपने बच्चे को शिक्षा के वैकल्पिक स्रोत के रूप में होमस्कूलिंग का विकल्प चुना है। वर्चुवल उद्घाटन अवसर पर डा संदीप मारवाह, डा राधा सिंह, साउथ अफ्रीका से डा स्टीव रार्मन, अमेरिका से डा माइक लोकेट समेत कई लोग सीज ग्लोबल इंसीट्यूट के वर्चुवल होम स्कूल के उद्घाटन अवसर पर जुड़े रहे। स्कूल से जुड़े लोगों ने सहयोग के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

वैश्विक भारत वैज्ञानिक समिट का पहला सत्र एम्स ऋषिकेश में हुआ आयोजित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई वैश्विक भारत वैज्ञानिक समिट का पहला सत्र एम्स ऋषिकेश में संपन्न हुआ। डीआरडीओ के माध्यम से आयोजित समिट के पहले सत्र में एक थीम भारत के पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं का विकास थी।

गौरतलब है कि वैभव समिट प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी सोच और पहल पर आयोजित की जा रही है। एम्स ऋषिकेश ने पिछले चार वर्षों में निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत की अगुवाई में इन विषयों पर संपूर्ण देश में अद्वितीय कार्य किया है। इसी कारण से भारत सरकार द्वारा इन विषयों के लिए एम्स ऋषिकेश को चैंपियन इंस्टीट्यूट बनाया गया है।

इस मंथन में देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक ही नहीं अपितु विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के कई प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक भी सम्मिलित हुए। विशेषज्ञों द्वारा कई दौर के मंथन के पश्चात भारत के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं का ब्ल्यू प्रिंट एम्स के ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम की अध्यक्षता एवं ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग के डा. मधुर उनियाल के नेतृत्व में तैयार किया गया।

इस अवसर पर निदेशक प्रो. रविकांत ने विशेषज्ञ मंडल की सराहना करते हुए बताया कि एम्स ऋषिकेश पहले से ही उत्तराखंड के दुर्गम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रॉमा एंड इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं को पहुंचाने के लिए सतत प्रयासरत रहा है और अब प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस दूरगामी योजना के द्वारा इस कार्य और भी उत्साह के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। जो कि न केवल उत्तराखंड में वरन देश के अन्य दुर्गम एवं पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी एक वरदान साबित होगा।

डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि सरकार की इस सक्रिय भागीदारी से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि वैभव समिट में तैयार किए गए ब्ल्यू प्रिंट पर शीघ्रता से कार्य होगा एवं इसका लाभ शीघ्र ही देश की जनता तक पहुंच सकेगा।

डा. उनियाल ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस योजना के कारण विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के प्रदत्त वैज्ञानिक एवं चिकित्सकों में अत्यधिक उत्साह है। अपनी मातृभूमि के लिए सरकार द्वारा उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराने के निर्णय पर वह गर्व महसूस कर रहे हैं।
डॉ. उनियाल ने बताया कि कि सर्वसम्मति से विशेषज्ञों का यह निर्णय हुआ है कि उत्तराखंड में ऐसी सुविधाओं को सर्वप्रथम लॉंच कर एक सफल मॉडल बनाया जाएगा स इस मॉडल को उत्कृष्ट रूप से तराशने के बाद इसे देश के अन्य दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकेगा।

समिट में एम्स ऋषिकेश से प्रो. कमर आजम, डा. मधुर उनियाल, अरुण वर्गीश, अमेरिका से प्रो. मंजरी जोशी, प्रो. मयूर नारायणन, प्रो. सुनिल आहूजा, प्रो. रानी कुमार, इंग्लैंड से प्रो. अजय शर्मा, आस्ट्रेलिया से प्रो. शांतनु भट्टाचार्य, एम्स दिल्ली से प्रो. अमित गुप्ता, प्रो. संजीव भोई, प्रो. तेज प्रकाश, केजीएमयू लखनऊ से प्रो. संदीप तिवारी, प्रो. समीर मिश्रा आदि शामिल हुए।

अपने जन्मदिन पर माता मंगल ने स्वरोजगार के लिए 25 करोड़ धनराशि दी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने माता मंगला के जन्मदिवस पर सीएम आवास में हंस फाउंडेशन की उत्तराखंड के लिए 105 करोङ रूपए की विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इन योजनाओं में ’हंस जल धारा के तहत लगभग 200 गांव में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना प्रमुख है। जिसकी लागत लगभग 50 करोड़ रूपये है। इस योजना को उत्तराखंड में दो से तीन साल में पूरा किया जाना है।

कोविड-19 संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी पहाड़ लौटे है। इन लोगों के लिए हंस फाउंडेशन द्वारा 25 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की, जिसके माध्यम से पहाड़ लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने में मदद की जाएगी। इसी के साथ राज्य में लगभग 200 गांव में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जाना है। जिनकी लागत लगभग 30 करोड़ रूपये है।
मुख्यमंत्री ने माता मंगला के सुदीर्घ जीवन की कामना की। माता मंगला व भोले महाराज समाज सेवा की भारतीय संस्कृति की महान परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। जिससे लाखों लोगों के जीवन में रोशनी फैल रही है। माता मंगला के जन्मदिवस पर 105 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात उत्तराखंड को मिली है। यह निश्चित तौर पर हमारे राज्य को विकास के पथ पर लेकर जाएगा। इससे पहले हंस फाउंडेशन राज्य को भोले महाराज के जन्मदिवस पर 100 करोड़ रूपये की योजनाओं का तोहफा दे चुका है। जिसमें पौड़ी के लवाड़ में ’नेशनल स्किल डेवलपमेंट सेंटर का निर्माण प्रमुख है। इस योजना से उत्तराखंड के हजारों नौजवानों को रोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही साथ ही पलायन की मार झेल रहे उत्तराखंड से पलायन भी रूकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल में हंस फाउंडेशन राज्य के साथ रात-दिन से सहयोगी के रूप में खड़ा रहा है। सीएम ने माता मंगला एवं भोले महाराज का आभार प्रकट किया।
माता मंगला के जन्मदिन के अवसर पर हंस फाउंडेशन ने रूद्रप्रयाग के जिला अस्पताल को एम्बुलेंस (टाटा विंगर), सक्शन मशीन, नेबुलिजर मशीन, लाइफ सपोर्ट डिवाइस डिफाइब्रिलेटर मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर,एक्स रे मशीन एवं ईसीजी मशीन प्रदान की है।

कराटे खिलाड़ियों ने गंगा तट पर लिया तीर्थनगरी के अमन को विजेता बनाने का संकल्प

गढ़वाल महासभा सोनी टीवी के रियलिटी शो इंडियाज बेस्ट डांसर में तीर्थनगरी से अमन शाह को विजयी बनाने के लिए कैंपेनिंग चलाएगी। इसकी शुरूआत गंगा तट से कराटे खिलाड़ियों के साथ हुई। कराटे कोच शिवानी गुप्ता ने अपने निशुल्क कराटे प्रशिक्षण शिविर में अमन को विजयी बनाने का संकल्प लिया।

ेसमाजसेवी व महासभा अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी प्रशिक्षण शिविर में नागरिकों एवं जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रशिक्षु बच्चों से ऋषिकेश के डांसिंग स्टार अमन शाह को विजेता बनाने के लिए उसके पक्ष में वोटिंग की अपील की। डॉ नेगी ने बताया कि तीर्थ नगरी के लाल अमन शाह ने देश के नंबर वन डांसिंग शो में अपनी जबरदस्त नृत्य प्रतिभा के माध्यम से देश और दुनिया में तीर्थ नगरी का नाम रोशन किया है। कहा कि वोटिंग केवल शनिवार को रात 8 बजे से रात 12 बजे तक ही सोनी लिव एप पर की जा सकेगी। एक व्यक्ति एकबार में 50 वोट कर सकता है। इस दौरान कराटे कोच शिवानी गुप्ता ने भी अपने तमाम प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं की ओर से अमन शाह के पक्ष में जबरदस्त कैंपेनिंग चलाने की बात कही। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ज्योति सजवान, वरिष्ठ पार्षद शिव कुमार गौतम, पार्षद ऋषि कांत गुप्ता, प्रमोद शर्मा, पार्षद संजीव पाल, नीलम मिश्रा,डीपी रतूड़ी,खुशहाल,डा बी एन तिवारी, समाजसेविका सीमा रानी, शिक्षिका सरोजनी थपलियाल, संगीता सागर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

आवास विकास विद्या मंदिर में मिसाइल मैन की जंयती पर किया स्मरण

मिसाइल मैन व भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम की जंयती पर सरस्वती विद्या मंदिर आवास विकास में कार्यक्रम आयोजित हुआ। मौके पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य राजेन्द्र प्रसाद पांडेय व शिक्षक चन्द्रप्रकाश डोभाल ने किया। वरिष्ठ शिक्षक वीरेन्द्र कंसवाल ने बताया कि मिसाइल मैन का पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम था। अर्थशास्त्र के प्रवक्ता नरेन्द्र खुराना ने कहा कि वह बच्चों से बहुत प्यार करते थे उनका कहना था कि अगर सपनों को सच करना है, तो पहले उन्हें देखना होगा।

कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेंद्र पांडेय ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने जिस काम को करने की ठान ली, वह उसे करके ही रहते थे, हमे भी उसी प्रकार से अच्छे कार्यो को एक बार करने का प्रण मन में लें, तो पूर्ण करके ही छोड़ना चाहिए।

मौके पर सतीश चैहान, कर्णपाल बिष्ट, रजनी गर्ग, रामगोपाल रतूड़ी, नन्द किशोर भट्ट, सुनील बलूनी, मनोज पन्त, अनिल भंडारी, राजेश बड़ोला, कर्णपाल बिष्ट, सतीश चैहान, आरती बड़ोनी, मनोरमा शर्मा, प्रवेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

स्मार्ट सिटी बनने के बाद देहरादून की खूबसूरती में उछाल आएगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों और बालिका इंटर काॅलेज का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने परेड ग्राउण्ड, देहरादून के पुनर्निर्माण स्मार्ट रोड एवं देहरादून में बनाये जा रहे 03 स्मार्ट स्कूलों के कार्य प्रगति की जानकरी ली।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड काल को छोड़कर देहरादून स्मार्ट सिटी का कार्य तेजी से हुआ है। आगे भी स्मार्ट सिटी के तहत तेजी से कार्य होंगे। जब स्मार्ट सिटी के लिए देहरादून का चयन हुआ था, तब देहरादून 100वें नम्बर पर था, कार्यों की प्रगति में तेजी से देहरादून 13वें नबंर पर आया। देहरादून हमेशा से ही देश-विदेश से आने वालों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। स्मार्ट सिटी का कार्य पूर्ण होने से देहरादून की खूबसूरती एवं अन्य सुविधाएं भी बढ़ेगी। स्मार्ट स्कूल की उत्तराखण्ड में नई पहल शुरू हुई है। देहरादून में बनने वाले तीन स्मार्ट स्कूलों से बच्चों की मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा। इन स्कूलों में उच्च गुणवतायुक्त व्यवस्थाएं की गई है। ये तीनों स्कूल एक-दूसरे से इन्टरकनेक्ट भी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए रैंप बनाने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर उन्होंने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर में दिव्यांग छात्राओं की जानकारी ली। प्रधानाचार्य ने अवगत कराया कि स्कूल में अभी एक दिव्यांग छात्रा है।

स्मार्ट सिटी के सी.ई.ओ. जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि परेड ग्राउण्ड पुनर्निर्माण के तहत सड़क, ड्रेनेज, वर्षा जल संग्रहण टैंक, लैंडस्केपिंग एवं जलापूर्ति के कार्य किये जा रहे हैं। कान्वेन्ट रोड चैड़ीकरण हेतु स्थल विकास करने के बाद 95 मीटर सब बेस तैयार किया जा रहा है। 473 मीटर लम्बाई की आरसीसी की नाली बन चुकी है, शेष कार्य प्रगति पर है। आरसीसी टैंक निर्माण का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। परेड ग्राउण्ड के चारों ओर 150 मिमी से 250 मिमी व्यास की मुख्य पेयजल वितरण लाईन बिछायी जायेगी। 30 अक्टूबर 2021 तक परेड ग्राउण्ड का पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। स्मार्ट रोड के कार्यों के मल्टी युटीलिटी डक्ट बिछाने का कार्य, सीवर, नाली निर्माण, जलापूर्ति एवं सड़क निर्माण के कार्य किये जायेंगे। डक्ट बिछाने एवं सीवर के कार्य प्रारम्भ हो चुके हैं।

सी.ई.ओ. स्मार्ट सिटी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि देहरादून के तीन स्कूलों स्मार्ट स्कूल बनाया जा रहा है। जिसमें जीजीआईसी राजपुर एवं खुड़बुड़ा में दो स्कूलों शामिल हैं। इन स्मार्ट स्कूलों का कार्य 31 अक्टूबर तक पूर्ण हो जायेगा। इन स्मार्ट स्कूलों में निर्माण एवं आईटी से संबधित कार्य किये गये हैं। इनमें कम्प्यूटर लेब, प्रोजेक्टर, आई.आर. बोर्ड, ग्रीन बोर्ड, सी.सी.टीवी. कैमरे, अग्निशमन यंत्र एवं बायेमैट्रिक पंचिंग उपकरण की व्यवस्था की गई है।

शारदीय नवरात्र के नौवें दिन होगा दशहरा, अस्त्र-शस्त्र की पूजा का यह रहेगा समय

कोरोना काल के बीच इस वर्ष शारदीय नवरात्र के नौवें दिन विजयादशमी पर्व पड़ रहा है। इसके अलावा अष्टमी और नवमी की तिथियों की दुर्गा पूजा भी एक ही दिन होगी। नवरात्र को लेकर भक्तों में उत्साह है। सितंबर और अक्टूबर में आने वाले नवरात्र को शरदीय नवरात्र कहा जाता है।

17 अक्तूबर से शुरू होने जा रहे शारदीय नवरात्र में इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ रही हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, 24 अक्तूबर को सुबह 6रू58 बजे तक अष्टमी है और उसके बाद नवमी लग जाएगी। ऐसे में अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन करने वाले भक्त इसी दिन पूजा कर सकते हैं। अष्टमी और नवमी तिथियों की दुर्गापूजा एक ही दिन होगी। नवमी की तिथि को विजयदशमी पर्व मनाया जाएगा।

अधिमास, मलमास या पुरुषोत्तम मास 16 अक्टूबर को संपन्न होने जा रहा है। इसके बाद माता की भक्ति और उपासना का मुख्य पर्व 17 अक्तूबर से शुरू हो जाएगा, जो इस बार नौ की जगह आठ दिन का रहेगा। 17 से 24 अक्तूबर तक नवरात्र और उसके अगले दिन 25 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा।

नवरात्र के नौवें दिन दशमी अर्थात दशहरा होगा। 23 अक्टूबर को सुबह 6ः55 बजे अष्टमी लगेगी, जो 24 की सुबह 6ः54 तक रहेगी। इसके बाद 6ः55 पर नवमी लग जाएगी। उन्होंने बताया कि हवन और कन्या पूजन नवमी को होगा। इसके बाद विजयदशमी पर मध्याह्न में अस्त्र शस्त्र पूजन होगा और दशहरा पूजन का समय दोपहर 1ः52 से 2ः38 तक रहेगा।

मुहूर्त का समय
अश्विनी घटस्थापना शनिवार, 17 अक्टूबर, 2020, घटस्थापना मुहूर्त – प्रातः 06ः23 से प्रातः 10ः12 तक, अवधिः 03 घंटे 49 मिनट

विजयाराजे सिंधिया ने अपना जीवन गरीबों को किया समर्पितः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 100वीं जयंती पर 100 रूपये के विशेष स्मारक सिक्के का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि विजयाराजे सिंधिया ने अपना जीवन गरीबों के लिए समर्पित किया। उनके लिए राजसत्ता नहीं बल्कि जन सेवा अहम थी। नारी शक्ति के बारे में वो कहती थी कि जो हाथ पालने का झुला सकते हैं, तो वे विश्व पर राज भी कर सकते हैं। कहा कि विजयाराजे सिंधिया एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थी। साधना, उपासना, भक्ति उनके अन्तर्मन में रची बसी थी। जेल में रहकर उन्होंने कहा था अपनी भावी पीढ़ियों को सीना तान कर जीने की प्रेरणा मिले इस उद्देश्य से हमें आज की विपदा को धैर्य के साथ झेलना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कोई भी साधारण व्यक्ति जिसके अदंर योग्यता, प्रतिभा व देश की सेवा की भावना है, वह इस लोकतंत्र में भी सत्ता को सेवा का माध्यम बना सकता है। जन सेवा के लिए किसी खास परिवार में ही जन्म लेना जरूरी नहीं हैं। राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। उन्होंने पद एवं प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जिया और न ही राजनीति की। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर आजादी के कई दशकों तक भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वे साक्षी रहीं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विजया राजे ने एक पुस्तक में लिखा है कि एक दिन ये शरीर यहीं रह जायेगा। आत्मा जहां से आई है, वहीं चली जायेगी। शून्य से शून्य में, स्मृतियां रह जायेंगी। अपनी इन स्मृतियों को मैं उनके लिए छोड़ जाऊँगी। जिनसे मेरा सरोकार रहा है, जिनकी मैं सरोकार रही हूं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि उनकी स्मृति में मुझे विशेष स्मारक सिक्के के अनावरण का अवसर मिला।

इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, अन्य राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि जुड़े रहे।