दो दिवसीय दिव्यांगजन शिविर का पुलिस महानिदेशक ने किया शुभारंभ

उद्धार, नागपुर, महाराष्ट्र की एक सामाजिक संस्था, उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति व उत्तरांचल प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में प्रेस क्लब में दो दिवसीय निःशुल्क दिव्यांगजन हेतु कृत्रिम अंग फिटमेंट एवं वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रेस क्लब सदस्यों ने ही नहीं बल्कि दूर-दराज इलाकों से पहुंचे दिव्यांगजन ने स्वास्थ्य जांच का लाभ उठाया व मौके पर ही कृतिम अंग भी प्राप्त किए। शिविर का शुभांरभ बतौर मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, उद्धार सामाजिक संस्था की अध्यक्ष कुसुम अग्रवाल, सस्था के सचिव कुंज बिहारी लाल व प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा ने दीप प्रज्जवलित कर किया। शिविर में 78 लोगों की जांच की और कृत्रिम अंग प्रदान किए गए। यह शिविर 28 मई को भी चलेगा।
शनिवार को प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने शिविर के उद्घाटन से पूर्व पूरे शिविर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न भागों से आए हुए दिव्यांगजनों से वार्ता कर संस्था के कार्याे की सराहना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि उद्धार संस्था की तकनीशियन टीम जो कि स्वयं दिव्यांग होने के बावजूद दिव्यांग लोगों की सहायता कर रही है, ये अपने आप में बहुत बड़ा काम है। उन्होंने कहा कि इससे शारीरिक तौर पर कमजोर लोगों को फायदा होगा। उन्होंने उद्धार संस्था नागपुर कोे इस प्रयास के लिए बधाई दी।
उद्धार नागपुर महाराष्ट्र समाजिक संस्था के सचिव कुंज बिहारी लाल ने कहा कि लगातार 34 सालों से संस्था दिव्यांगजन के स्वास्थ्य जांच से लेकर उनके लिए कृत्रिम अंग निःशुल्क मुहैया कराने का कार्य कर रही हैं। अब तक वे अलग-अलग राज्यों में 3200 से अधिक दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग प्रदान कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य दिव्यांग लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अपर परियोजना निदेशक डॉ. अजय नगरकर ने सरकार की योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा व संचालन संयुक्त मंत्री मीना नेगी ने किया। इस अवसर पर संस्था के सदस्य संजय राजगड़िया, रूचिका राजगड़िया, अक्षय राजगड़िया, अंकिता राजगड़िया, श्रृति कृष्णा, प्रद्धुमन कृष्णा, देवांशी राजगड़िया रूंगटा व महावीर विकलांग समिति के तकनीकि टीम के लीडर डॉ. देवकी नंदन व उनकी टीम डॉ दीन दयाल, तुफान सिंह, रामप्रसाद, राजेंद्र, चंदन सिंह, जगदीश, स्वास्थ्य विभाग के प्रचार प्रसार अनिल सती के साथ ही उत्तरांचल प्रेस क्लब महामंत्री विकास गुसाईं, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रश्मि खत्री, कनिष्ठ उपाध्यक्ष दरवान सिंह, संयुक्त मंत्री राजीव थपलियाल, कोषाध्यक्ष मनीष चंद्र भट्ट, सम्प्रेक्षक मनोज सिंह जयाडा, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीन बहुगुणा, मंगेश कुमार, मो. फहीम तन्हा, पदेन सदस्य जितेंद्र अंथवाल आदि उपस्थित रहे।

नीति आयोग की बैठक में ग्रीन बोनस सहित राज्य हित के कई मुद्दों को सीएम ने उठाया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों को रखा।

ग्रीन बोनस
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र में वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण करके हम सम्पूर्ण राष्ट्र को महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवायें उपलब्ध करा रहे हैं। आईआईएफएम, भोपाल के एक अध्ययन के अनुसार उत्तराखण्ड के वनों से प्राप्त होने वाली इन सेवाओं का न्यूनतम मौद्रिक मूल्य 95,000 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष है। भविष्य में राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इन वन एवं पारिस्थितिकी सेवाओं के मानक को बढ़ाने का उन्होंने अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक यह प्रणाली अस्तित्व में नही आती तब तक उत्तराखण्ड राज्य को ग्रीन बोनस प्रदान किया जाये।

भ्रमणशील जनसंख्या
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः विभिन्न केन्द्र पोषित योजनाओं में स्थिर जनसंख्या के मानक का उपयोग किया जाता है। महत्वपूर्ण तीर्थ स्थानों विशेष तौर पर चार धाम तथा कांवड़ यात्रा मे उत्तराखण्ड में बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों का वर्ष भर आवागमन होता है, जो राज्य की जनसंख्या का पांच से छह गुना है। तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को समस्त आधारभूत सुविधायें जैसे-पार्किंग, यातायात, पेयजल, स्वच्छता, आवास, परिवहन, जन सुरक्षा इत्यादि राज्य के सीमित संसाधनों से ही करनी होती है। उन्होंने वित्तीय संसाधनों के आवंटन एवं नीति निर्माण में इस महत्वपूर्ण तथ्य को सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया।

बाह्य सहायतित परियोजनायें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग 19,000 करोड़ रूपये की 11 वाह्य सहायतित परियोजनायें पाइप लाइन में हैं। इन परियोजना प्रस्तावों पर नीति आयोग, डी.ई.ए, सम्बन्धित केन्द्रीय मंत्रालयों से संस्तुति तथा फण्डिंग एजेंसियों से सैद्धान्तिक सहमति प्राप्त हो चुकी है। राज्य के वित्तीय संसाधन बहुत सीमित हैं जिस कारण ई.ए.पी तथा सी.एस.एस पर ही हमारी निर्भरता है। वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार उत्तराखण्ड एवं हिमाचल प्रदेश हेतु इसमें बमपसपदह लगायी गयी है। इन परियोजनाओं पर कटौती किये जाने से राज्य में अवस्थापना सुविधाओं के सृजन तथा आजीविका के अवसर बाधित हो जायेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री जी से इसका समुचित समाधान करवाने का अनुरोध किया।

ऊर्जा
मुख्यमंत्री ने राज्य में 25 मेगावाट से कम लघु एवं सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं की ही उत्पादन क्षमता लगभग 3500 मेगावाट है। इसमें से मात्र 200 मेगावाट का ही दोहन हो रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन का अधिकार राज्य सरकार को प्रदान किया जाए। इस निर्णय से लगभग 3000 मेगावाट तक विद्युत क्षमता का उपयोग शीघ्र करके विकसित भारत/2047 के विजन के अन्तर्गत स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करते हुए नेट जीरो के लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहयोग दे पायेंगे।

नदी जोड़ो परियोजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा कुछ हिमनद नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। ऐसी अति महत्वपूर्ण ‘‘नदी-जोड़ो परियोजना’’ के क्रियान्वयन हेतु अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है, इसके लिये मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकी सहयोग का अनुरोध किया।

केन्द्र पोषित योजनाओं में लचीलापन
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र पोषित अधिकांश योजनाएं वन साइज फिट ऑल के आधार पर बनती हैं। जो राज्यों की अपनी विशिष्ट परिस्थितियां एवं आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं होती है, परन्तु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी योजनायें भी हैं जिसकी गाइडलाईन में पर्याप्त लचीलापन है। इसके कारण राज्य की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार कार्य करने की स्वायत्ता रहती है। स्वायत्ता की यही प्रक्रिया अन्य केन्द्र पोषित योजनाओं के लिये भी अपनायी जानी चाहिये ताकि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य केन्द्र पोषित योजनाओं का अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।

औद्योगिक प्रोत्साहन नीति
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लागू औद्योगिक प्रोत्साहन नीति वर्ष 2017 के अन्तर्गत प्राप्त प्रोत्साहन वर्ष 2022 में समाप्त हो चुके हैं, जबकि जम्मू कश्मीर तथा पूर्वाेत्तर राज्यों हेतु इसी प्रकार की अन्य औद्योगिक नीति वर्तमान में भी चल रही है। पर्वतीय राज्य होने के कारण हमारी समस्यायें भी उन्हीं राज्यों की तरह ही हैं। उन्होंने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को उत्तराखण्ड राज्य में भी आगामी 5 वर्षाे के लिये विस्तारित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य-सशक्त उत्तराखण्ड 2025 की अवधारणा के आधार पर तेज गति से कार्य प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नीति आयोग, भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखण्ड (सेतु) का गठन किया है। गुजरात के जी.आई.डी.बी की तर्ज पर अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु उत्तराखण्ड निवेश और अवस्थापना विकास बोर्ड का गठन किया गया है ताकि घरेलू एवं अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों को राज्य में आकर्षित किया जा सके। जल संरक्षण को बढ़ावा देने, बाढ़ नियन्त्रण में सहायक और सभी विकास कार्याे में इकोनॉमी तथा इकोलॉजी का सन्तुलन सुनिश्चित करने के लिये ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन अथॉरिटी बनायी जा रही है। इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा जल आधारित रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। नगरीय मल्टी मॉडल परिवहन सुविधा के लिये यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटयन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यू.एम.टी.ए) का गठन किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पी0एम0 गतिशक्ति में गुजरात के बाद उत्तराखण्ड दूसरा राज्य है, जिसके द्वारा अधिकतम कार्य पूर्ण किया गया है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बद्री-केदार धाम के पुननिर्माण का संकल्प शीघ्र साकार होने जा रहा है। इसके लिये राज्य की ओर से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमांऊ क्षेत्र में स्कन्द पुराण में उल्लिखित प्रमुख पौराणिक मंदिर तथा गुरूद्वारा को एक सर्किट के रूप में जोड़ने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन प्रारम्भ की गयी है। इस परियोजना से स्थानीय स्तर पर लगभग 50,000 परिवारों को प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से रोजगार मिलने का अनुमान है। प्रथम चरण में 16 मंदिरों का अवस्थापना विकास किया जा रहा है। पहली बार जागेश्वर मंदिर पर आधारित गणतंत्र दिवस की झांकी को पहला स्थान मिला।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में ‘‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’’ की अवधारणा के अन्तर्गत आई.टी का अधिक से अधिक उपयोग किया जा रहा है। अपणि सरकार पोर्टल पर लगभग 70 प्रतिशत सेवायें ऑनलाईन उपलब्ध है। ‘अपणों स्कूल अपणों प्रमाण’ के अन्तर्गत विद्यालय में ही छात्र-छात्राओं को सभी प्रमाण पत्र निर्गत किये जा रहे हैं। रोजगार के सृजन की दृष्टि से 18000 पॉली हाउस एक साथ स्वीकृत किये गये जबकि विगत वर्षों में लगभग 500 पॉली हाउस प्रतिवर्ष स्वीकृत होते थे। आगामी दो वर्षाे में प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रूप से लगभग एक लाख से अधिक रोजगार का सृजन होगा। पर्यटन नीति 2023 के अन्तर्गत लगभग 40 हजार करोड़ रूपये का निवेश सम्भावित है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार सृजन होगा। विदेशों में रोजगार के आकर्षक अवसर उपलब्ध कराने हेतु मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना लायी गयी है। पर्यटक स्थलों पर सुगमतापूर्वक आवागमन के लिये 58 हैलीपोर्ट तथा हैलीपैड निर्मित किये गये हैं एवं 29 हैलीपोर्ट तथा हैलीपैड निर्माणाधीन है। स्थानीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के ड्रोन के निर्माण तथा दूरस्थ क्षेत्रों में आवश्यकीय सेवाओं, विकास कार्याे की निगरानी के लिये ‘ड्रोन यूसेज एंड प्रमोशन पॉलिसी’ लायी जा रही है। सात जनपदों के 250 कृषकों को वर्तमान में ड्रोन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य में महिलाओं को अधिक सशक्त बनाने के लिये 2025 तक 1.25 लाख लखपति दीदी का लक्ष्य रखा गया है एवं 33,158 परिवारों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा-राज्य में जबरन धर्मान्तरण कानूनन अपराध, हमने बनाया है कानून

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनखल, हरिद्वार में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित केन्द्रीय मार्ग दर्शक मण्डल की बैठक में प्रतिभाग किया तथा आज के सत्र का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में धर्म एवं संस्कृति का लगातार उत्थाान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मन्दिर बनाने का कई वर्षों का सपना अब साकार होने जा रहा है। वहां श्रीराम का भव्य व दिव्य मन्दिर तैयार हो रहा है। उज्जैन में महाकालेश्वर ने दिव्य व भव्य स्वरूप प्राप्त कर लिया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वहां का पूरा स्वरूप ही परिवर्तित हो गया है। वहां पर अब पांच लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा से पवित्र जल लेकर वहां आसानी से जलाभिषेक कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में रोपवे बन जाने से केदारनाथ तथा हेमकुण्ड धाम की यात्रा और भी आसान होने वाली है। चारधाम यात्रा की भांति कुमाऊं में मानसखंड मन्दिर माला मिशन के तहत कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई समिति ने 90 प्रतिशत से अधिक का कार्य पूरा कर लिया है, जो आगामी 30 जून तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जबरन धर्मान्तरण की रोकथाम के लिये सख्त कानून बनाया गया है।
बैठक में महामण्डलेश्वर स्वामी परमानन्द गिरिजी महाराज, परम पूज्य शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती, राम राजेश्वरा महाराज, महामण्डलेश्वर विश्वेश्वरानन्द महाराज, महामण्डलेश्वर यतीन्द्रानन्द गिरि, स्वामी विवेकानन्द महाराज, सचिव महानिर्वाणी अखाड़ा रवीन्द्र पुरी, स्वामी गिरधर गिरि महाराज आदि ने अपने-अपने विचार रखे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के कोने-कोने से आये हुये धर्माचार्यों, सन्त-महात्माओं का एक-एक करके माल्यार्पण करते हुये उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

38वें राष्ट्रीय खेल के आयोजन को लेकर मुख्य सचिव ने समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में वर्ष 2024 में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने 38वें राष्ट्रीय खेलों से सम्बन्धित सभी निर्माण कार्यों में गति लाते हुए निर्धारित समय से पूर्व करने के निर्देश दिए। साथ ही निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए गुणवत्ता के साथ ही भव्यता के साथ आयोजित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पर्यटन प्रदेश होने के नाते इसे एक अवसर के तौर पर देखना चाहिए। देशभर से जो प्रतिभागी इसमें भाग लेने आएंगे, उनमें प्रदेश की अच्छी छवि जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि टॉर्च रिले कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में प्रत्येक पर्यटन शहर में आयोजित किया जाए ताकि प्रदेश के पर्यटन का प्रचार प्रसार भी हो सके। उन्होंने कहा कि सभी इवेंट के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाए। इस पर आने वाले व्यय को राज्य सरकार वहन करेगी। इससे कलाकारों को रोजगार भी प्राप्त होगा साथ ही प्रदेश की संस्कृति का प्रचार प्रसार भी होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण किया जा सके इसके लिए सभी कार्यों को पूर्ण करने को तिथियां निर्धारित कर ली जाएं और समय से कार्य शुरू एवं पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि बजट की किसी भी प्रकार से कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने उपकरणों की खरीद, विशेष कर जो विदेशों से आयात होने हैं, का कार्य तत्काल शुरु किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले उपकरण में कई बार अत्यधिक समय लग जाने से निर्धारित समय तक नहीं पहुंच पाते हैं।
मुख्य सचिव ने पौड़ी के हाई एल्टीट्यूड रांशी स्टेडियम को भी राष्ट्रीय खेलों से जोड़े जाने की बात कही। कहा कि राष्ट्रीय खेलों से पहले प्रदेश में प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताएं भी कराई जाएं ताकि प्रदेश में खिलाड़ी इसके लिए तैयार और जागरूक हो सकें। उन्होंने कहा कि खेलों के लिए स्वयंसेवकों की टीम भी तैयार की जाए। उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जा सकता है।
इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव सचिन कुर्वे, हरिचंद्र सेमवाल, अपर सचिव खेल जितेन्द्र कुमार सोनकर सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

जिन्हे जनता ने हराया, उन्हें हार नही पच रही-भाजपा

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने अमित ग्राम गुमानीवाला में विभिन्न सड़क निर्माण के लिए 15 लाख रूपये विधायक निधि से देने की घोषणा की। इस दौरान मंत्री डा. अग्रवाल ने कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोला।
पार्षद वीरेंद्र रमोला के निवास पर आयोजित कार्यक्रम में डा. अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के तथाकथित लोग तुच्छ राजनीति के जरिए ऋषिकेश में जहर घोलने का काम कर रहे है, उन्होंने कहा कि गुंडागर्दी करने वालों का साथ कांग्रेस देकर क्षेत्र में भय का माहौल पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से कार्य करती है। उन्होंने कहा कि साढ़े 16 वर्षों में उनकी ओर से भी हर वर्ग, हर समाज का सम्मान किया गया और उनकी मूलभूत समस्याओं का निस्तारण किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति जो विधानसभा चुनाव में 20 हजार मतों के अंतर से पराजित होता है, उनके द्वारा लगातार किये जा रहे विकास कार्यों से खिन्न होकर तथा उनकी बढ़ती लोकप्रियता से भयभीत होकर हल्की राजनीति से जनता को भ्रमित कर रहा है।
पार्षद वीरेंद्र रमोला ने कहा कि विधायक डा. प्रेमचंद अग्रवाल को जनता से बड़े अंतर से जिताया है, यहां तक कि पिछले लोकसभा चुनावों में भी सर्वाधिक मत इसी विधानसभा से मिले थे। यही नहीं, निकाय चुनावों में भी रिकॉर्ड जीत दर्ज की। पार्षद ने कहा कि प्रदेश में 46 जगहों पर कांग्रेस के हारे प्रत्याशियों ने अपनी हार स्वीकार की है, जबकि ऋषिकेश विधानसभा में कांग्रेस का हारा व्यक्ति अपनी पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रहा है और प्रतिदिन षड्यंत्र के तहत सोशल मीडिया का दुरूपयोग कर मंत्री की लोकप्रिय छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहा है।
समाजसेवी मानवेंद्र कंडारी ने कहा कि प्रदेश में जी-20 के विदेशी सरजमीं के मेहमान पहुंचे हैं, ऐसे में बाहरी लोगों के साथ एकत्र होकर कुटरचना की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को शर्म आनी है, जहां प्रदेश का नाम विदेशों में भी हो रहा है, वहीं, प्रदेश की छवि को धूमिल करने का काम कांग्रेस कर रही है। उन्होंने कहा कि विधायक डा. अग्रवाल की लोकप्रियता कांग्रेस के हारे प्रत्याशी को रास नहीं आ रही है। ऐसे में वह समाज में जहर घोलने का काम कर रहा है।
रंजीत थापा ने कहा कि कांग्रेस के कुछ तथाकथित लोग ऐसे लोगों के साथ दे रही है, जो स्वयं को समाजसेवी होने का दावा करते है, जबकि वास्तविकता यह है कि ऐसे लोग सोशल मीडिया का दुरप्रयोग करने में अव्वल हैं, साथ ही आरटीआई का गलत इस्तेमाल करते है। उन्होंने कहा कि बिना मुद्दों को तूल देकर कांग्रेस तुच्छ राजनीति कर रही है, इसके चलते रसातल की ओर अग्रसर हो रही है।
इस दौरान भारी संख्या में पर्वतीय मूल के लोगों ने मंत्री डा. अग्रवाल के समर्थन में नारे लगाए और समाज में नकारात्मकता फैला रहे तथाकथित लोगों के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए बहिष्कार करने का संकल्प लिया।
इस मौके पर प्रेम सिंह रावत, केपी डंगवाल, पूर्णानंद जोशी, धनीराम गौड़, राजेंद्र प्रसाद भट्ट, भुवन चंद फुलारा, विरेंद्र बिष्ट, राजू गुनसोला, मोहन प्रसाद गौड़, महिला मोर्चा अध्यक्ष निर्मला उनियाल, रूपा रमोला, अन्नू भट्ट, गुंजन, सुमन पैंयूली, सत्यपाल राणा आदि उपस्थित रहे।

रंगारंग संस्कृति की प्रस्तुति से अभिभूत नजर आये विदेशी मेहमान

नरेंद्र नगर में जी-20 की बैठक में सम्मिलित होने आए विभिन्न देशों के डेलिगेट्स के समक्ष गाला डिनर के दौरान उत्तराखंड की आध्यात्मिकता, तीर्थाटन और स्थानीय सांस्कृतिक विरासत पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया गया।
सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत राष्ट्रगान, डेलिगेट्स और मुख्य अतिथियों के स्वागत और दीप प्रज्वलन से की गई।
आध्यात्मिकता और तीर्थाटन के प्रस्तुतीकरण में जहां योग, गंगा आरती दर्शन, चारधाम तीर्थ यात्रा, महासू देवता वंदना तथा स्थानीय देवी-देवताओं की देव डोलियों का प्रस्तुतीकरण दिया गया, वहीं सांस्कृतिक विरासत में गढ़वाली, कुमाऊनी व जौनसारी संस्कृति का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
विभिन्न देशों से जी-20 बैठक में पधारे डेलिगेट्स उत्तराखंड की देवभूमि की विशिष्ट परंपरा, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक उत्कृष्टता से अभिभूत और उत्साहित दिखे।
प्रस्तुतीकरण में भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी प्रेरणा वसुधैव कुटुंबकम (संपूर्ण पृथ्वी एक परिवार है) की झलक दिखी।
इस अवसर पर सांस्कृतिक संध्या की प्रस्तुति के दौरान महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और अजय भट्ट, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, उत्तराखंड कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी व सौरव बहुगुणा, सांसद गढ़वाल लोकसभा तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, प्रीतम सिंह पंवार, किशोर उपाध्याय, प्रदीप बत्रा, विनोद कंडारी, शक्ति लाल शाह व ब्रजभूषण गैरोला, मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

राज्य को विशेष सहायता योजना के तहत दिए जाने वाले फंड की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में भारत सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के तहत दिए जाने वाले फंड की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने पीएम गतिशक्ति उत्तराखण्ड पोर्टल के माध्यम से योजनाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2022-23 के कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) शीघ्र जमा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागों द्वारा जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उनकी प्रगति को लगातार पोर्टल पर अपलोड किया जाए।
मुख्य सचिव ने वर्ष 2023-24 के लिए भी शीघ्र प्रस्ताव, डीपीआर आदि समय पर जमा कराए जाने हेतु निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण किए जाने के लिए लगातार योजनाओं का अनुश्रवण किया जाए। कार्यों के विभिन्न चरणों के लिए समय सीमा निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि जो कार्य हो चुके हैं, उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र अवश्य अपलोड किए जाएं।
इस अवसर पर सचिव आर.मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

नवरत्नों की माला पिरोने वाले इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को धामी प्रदान कर रहे नवीन ऊर्जा-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देवभूमि उत्तराखंड को वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में एक बड़ा तोहफा दिया, इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के विकास के लिए निर्धारित उन नौ रत्नों का भी खुलकर जिक्र किया जिसके जरिए “डबल इंजन“ की सरकार पहाड़ी राज्य की तकदीर और तस्वीर दोनों बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि हमारी सरकार का पूरा जोर, “विकास के नवरत्नों पर है“। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि “नवरत्नों की माला को पिरोने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं, उन्हें भी धामी की सरकार ने नई ऊर्जा दी है।
देवभूमि उत्तराखंड से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष लगाव किसी से छुपा नहीं है। उनका बार-बार उत्तराखंड आना और देवभूमि के विकास के प्रति उनके विचार एवं गतिमान व प्रस्तावित योजनाएं यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि अपने मुखारबिंद से उनका यह कहना कि “ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा“, यह सब आज वास्तव में धरातल पर परिलक्षित हो रहा है।
आज वंदे भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ के अवसर पर भी उन्होंने “ये दशक उत्तराखंड का दशक“ होगा वाली पंक्तियों को न केवल दोहराया बल्कि यह भी बताया कि किस तरह ये दशक उत्तराखंड का दशक होने जा रहा है। उन्होंने विकास के नवरत्नों पर विस्तार से बोलते हुए बताया कि किस तरह विकास के नवरत्न के तहत चल रहे कार्य उत्तराखंड के लिए आने वाले दिनों में कितने अहम साबित होंगे।

ये हैं विकास के नवरत्न
पहला रत्न- केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम में 1300 करोड़ रुपए से पुनर्निर्माण का कार्य।
दूसरा रत्न- ढाई हजार करोड़ रुपए की लागत से गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का कार्य।
तीसरा रत्न- कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन का काम।
चौथा रत्न- पूरे राज्य में होम स्टे को बढ़ावा, राज्य में 4000 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
पांचवा रत्न- 16 ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन का विकास।
छठा रत्न- उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, उधमसिंह नगर में एम्स का सेटलाइट सेंटर भी बनाया जा रहा है।
सातवां रत्न- करीब 2 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली टिहरी लेक डेवलपमेंट परियोजना
आठवां रत्न- ऋषिकेश-हरिद्वार का एडवेंचर टूरिज्म और योग की राजधानी के रूप में विकास
नौवा रत्न- टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन। इस रेल लाइन पर भी जल्द काम शुरू हो जाएगा।

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि आप लोगों ने एक कहावत सुनी होगी- सोने पर सुहागा। इसलिए इन नवरत्नों की माला को पिरोने के लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं, उन्हें भी धामी की सरकार ने नई ऊर्जा दी है। 12 हजार करोड़ रुपए की लागत से चारधाम महापरियोजना पर तेज गति से काम हो रहा है। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे तैयार होने से देहरादून-दिल्ली के बीच सफर और आसान हो जाएगा। रोड कनेक्टिविटी के साथ ही, रोप-वे कनेक्टिविटी के लिए भी उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। पर्वतमाला योजना आने वाले दिनों में उत्तराखंड का भाग्य बदलने जा रही है। इसके लिए जिस कनेक्टिविटी का उत्तराखंड के लोगों ने बरसों इंतजार किया है, वो इंतजार भी हमारी सरकार समाप्त कर रही है।

पीएम ने वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर देहरादून-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस का किया शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को देवभूमि उत्तराखण्ड को देहरादून-दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) वंदे भारत एक्सप्रेस की नई सौगात दी। प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर देहरादून-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड के समस्त रेल मार्गों के लिए विद्युतीकरण की सौगात भी दी। देहरादून-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ अवसर पर देहरादून रेलवे स्टेशन पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केन्द्रीय रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, मंत्रीगण, सांसदगण एवं विधायकगण उपस्थित रहे।

यह ट्रेन देश की राजधानी को देवभूमि से और तेज गति से जोड़ेगी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दिल्ली और देहरादून के बीच चलने वाली ये ट्रेन देश की राजधानी को देवभूमि से और तेज गति से जोड़ेगी। इसकी सुविधाएं सफर को आनंददायक बनाने वाली हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वे बाबा केदार के दर्शन करने गये थे, तो दर्शन के बाद अनायास ही उनके मुख से पंक्तियां निकली थी कि ये दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उत्तराखंड आज जिस तरह से कानून व्यवस्था को सर्वाेपरि रखते हुए विकास के अभियान को आगे बढ़ा रहा है, वो बहुत सराहनीय है। यह इस देवभूमि की पहचान को संरक्षित करने के लिए भी अहम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की देवभूमि आने वाले समय में पूरे विश्व की आध्यात्मिक चेतना के आकर्षण का केंद्र बनेगी। हमें इस सामर्थ्य के अनुरूप भी उत्तराखंड का विकास करना होगा।

हर वर्ष पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ रही चारधाम यात्रा
उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या हर वर्ष पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ देती है। अभी बाबा केदार के दर्शनों के लिए कितने श्रद्धालु उमड़ रहे हैं, ये हम सब देख रहे हैं। हरिद्वार में होने वाले कुंभ और अर्धकुंभ में दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। हर वर्ष जो कांवड़ यात्रा होती है, उसमें भी लाखों-करोड़ों लोग उत्तराखण्ड पहुंचते हैं। देश में ऐसे राज्य कम ही हैं, जहां इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालुओं की ये संख्या उपहार भी है और इतनी बड़ी संख्या को संभाल पाना, एक भगीरथ कार्य भी है। इस भगीरथ कार्य को आसान बनाने के लिए ही डबल इंजन की सरकार, डबल शक्ति से, डबल गति से काम कर रही है।

सरकार का पूरा जोर विकास के नवरत्नों पर
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य की बीजेपी सरकार का पूरा जोर विकास के नवरत्नों पर है। पहला रत्न-केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम में 1300 करोड़ रुपए से पुनर्निर्माण का कार्य, दूसरा रत्न-ढाई हजार करोड़ रुपए की लागत से गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट साहिब रोपवे का कार्य, तीसरा रत्न-कुमायूं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन का काम, चौथा रत्न-पूरे राज्य में होम स्टे को बढ़ावा। पांचवा रत्न-16 ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन का विकास, छठा रत्न-उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार। उधमसिंह नगर में एम्स का सेटलाइट सेंटर भी बनाया जा रहा है। सातवां रत्न-करीब 2 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली टिहरी लेक डेवलपमेंट परियोजना। आठवां रत्न-ऋषिकेश-हरिद्वार का एडवेंचर टूरिज्म औऱ योग की राजधानी के रूप में विकास और नौवा रत्न-टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन। इस रेल लाइन पर भी जल्द काम शुरू हो जाएगा।

इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को धामी की सरकार ने दी नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इन नवरत्नों की माला को पिरोने के लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर के जो प्रोजेक्ट यहां चल रहे हैं, उन्हें भी धामी जी की सरकार ने नई ऊर्जा दी है। 12 हजार करोड़ रुपए की लागत से चारधाम महापरियोजना पर तेज गति से काम हो रहा है। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे तैयार होने से देहरादून-दिल्ली के बीच सफर और आसान हो जाएगा। रोड कनेक्टिविटी के साथ ही, रोप-वे कनेक्टिविटी के लिए भी उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। पर्वतमाला योजना आने वाले दिनों में उत्तराखंड का भाग्य बदलने जा रही है। इसके लिए जिस कनेक्टिविटी का उत्तराखंड के लोगों ने बरसों इंतजार किया है, वो इंतजार भी हमारी सरकार समाप्त कर रही है।

दो से तीन साल में पूरी हो जाएगी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना दो-तीन साल में पूरी हो जाएगी। 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च इस योजना के पीछे किए जा रहे हैं। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद उत्तराखण्ड का एक बड़ा क्षेत्र राज्य के लोगों और पर्यटकों के लिए सुगम हो जाएगा। इससे यहा निवेश, उद्योगों के विकास, रोजगार के नए-नए अवसर बनेंगे। और देवभूमि पर विकास के इस महाअभियान के बीच, अब ये वंदे भारत ट्रेन भी उत्तराखंड के लोगों के लिए एक भव्य उपहार साबित होगी।

राज्य सरकार के प्रयास से हर क्षेत्र में नए डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा उत्तराखंड
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज राज्य सरकार के प्रयासों से उत्तराखण्ड तेजी से पर्यटन हब, एडवेंचर टूरिज्म हब, फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन, वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी उभर रहा है। आज उत्तराखंड के नए-नए स्थल, नए-नए टूरिस्ट हब, देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। इन सभी को वंदे भारत ट्रेन से बहुत मदद मिलेगी। अब तो देश के कोने-कोने में वंदे भारत ट्रेनें चलनी शुरू हो चुकी हैं। जब परिवार के साथ कहीं लंबी दूरी तय करनी हो तो, ट्रेन ही लोगों की पहली पसंद होती है। ऐसे में अब वंदे भारत, भारत के सामान्य परिवारों की पहली पसंद बनती जा रही है। इस वर्ष उत्तराखंड का रेल बजट 5 हज़ार करोड़ रुपए है। यही कारण है कि आज उत्तराखंड के नए-नए क्षेत्रों तक रेल का विस्तार हो रहा है। रेलवे ही नहीं, बल्कि आधुनिक हाईवे का भी उत्तराखंड में अभूतपूर्व विस्तार हो रहा है।

उत्तराखंड जैसे पहाड़ी प्रदेश के लिए कनेक्टिविटी बहुत जरूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी प्रदेश के लिए ये कनेक्टिविटी कितनी ज़रूरी है, ये हम समझते हैं। कनेक्टिविटी के अभाव में अतीत में कैसे गांव के गांव खाली हो गए, उस पीड़ा को हम समझते हैं। आने वाली पीढ़ी को उस पीड़ा से हम बचाना चाहते हैं। उत्तराखंड में ही टूरिज्म से, खेती-किसानी से, उद्योगों से रोज़गार के अवसर बने, इसलिए इतना परिश्रम आज हम कर रहे हैं। हमारी सीमाओं तक पहुंच आसान हो, राष्ट्ररक्षा में जुटे हमारे सैनिकों को असुविधा ना हो, इसमें भी ये आधुनिक कनेक्टिविटी बहुत काम आएगी। हमारी डबल इंजन की सरकार, उत्तराखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तराखंड का तेज विकास, भारत के तेज विकास में भी मदद करेगा। और देश अब रुकने वाला नहीं है, देश अब अपनी गति पकड़ चुका है।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री का जताया आभार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि उत्तराखण्ड को देहरादून-दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस एवं राज्य के समस्त रेल मार्गों को विद्युतीकरण की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज देवभूमि उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक दिन है, हम सभी को इसका साक्षी बनने का मौका मिल रहा है, यह हमारा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के उत्तराखंड के प्रति विशेष प्रेम का ही प्रतिफल है कि आज से महज साढ़े चार घन्टे में देहरादून से दिल्ली का सफर पूरा होगा। नये युग की रेल सेवा वंदे भारत एक्सप्रेस प्रधानमंत्री के प्रगतिशील और आत्मनिर्भर भारत के विजन का साक्षात उदाहरण है। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की तरफ बढ़ रहे हैं। स्वदेश में निर्मित भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत उभरते हुए भारत की बुलंद तस्वीर को प्रदर्शित करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व के अधिकतर देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में हमारा देश लगातार विकास के पथ पर बढ़ रहा है और भारत पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड में बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जो कि पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। पहाड़ में रेल चलने का सपना उत्तराखंड का हर बच्चा देखा करता था। उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर तेजी से कार्य हो रहा है। सड़क, रेल, हेली सेवा और रोपवे सेवा के माध्यम से प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।

देवभूमि उत्तराखंड में वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ, आज सौभाग्य का दिन है-रेल मंत्री
केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज सौभाग्य का दिन है देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए एक अत्याधुनिक ट्रेन वंदे भारत की सौगात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई है। इस पवित्र भूमि के लिए 10 साल पहले जब रेलवे के विकास की बात आती थी तो केन्द्र सरकार की ओर से इसके लिए मात्र 187 करोड़ रूपये मिलते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखण्ड को इस साल रेलवे के विकास के लिए 5 हजार करोड़ रूपये की धनराशि दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड से भावनात्मक जुड़ाव है। उनके मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में अनेक बड़ी परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है। 5 जी की सुविधा, फाइबर कनेक्टिविटी के विस्तार, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन जिसमें 125 किमी में से 104 किमी टनल है पर कार्य हो रहा है।

साढ़े चार घंटे में पहुँच सकेंगे दिल्ली
वंदे भारत एक्सप्रेस देहरादून से दिल्ली की दूरी 4ः30 घंटे में पूरा करेगी, ट्रेन सप्ताह में 6 दिन (बुधवार को छोड़कर) चलेगी। देहरादून से नई दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस हरिद्वार, रूड़की, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर एवं मेरठ स्टेशनों पर रूकेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, खजान दास, दीवान सिंह बिष्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु उपस्थित रहे।

चार धाम को फाइबर कनेक्टिविटी का हुआ लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केंद्रीय संचार एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के पवित्र धाम गंगोत्री में संपूर्ण देश के 2 लाख वीं 5जी साइट का शुभारंभ किया। साथ ही संपूर्ण देश की आस्था के केंद्र चारधाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) में फाइबर कनेक्टिविटी (ऑप्टिकल फाइबर) के कार्य का शुभारंभ भी किया। जिससे चार धाम को सीधे तौर पर 5 जी नेटवर्क से आच्छादित किया जा सकेगा। मोबाइल व इंटरनेट नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार से चार धाम मंदिर परिसरों के आस पास श्रद्धालुओं को बेहतर कॉल कनेक्टिविटी वीडियो कॉल इंटरनेट कनेक्टिविटी की उपलब्धता हो सकेगी। इस दौरान उनके द्वारा चार धाम फाइबर कनेक्टिविटी एवं 5 जी के विस्तार पर आधारित लघु फिल्म का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के डिजिटल परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिये केंद्रीय संचार एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं को 5 जी के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है। चारधाम में से एक गंगोत्री धाम में 5 जी सेवाओं की 2,00,000 वीं साइट में 5 जी सेवाएं प्रारंभ हो रही हैं। यह सेवा न केवल चार धाम यात्रा के लिए लाभकारी सिद्ध होगी बल्कि आसपास के क्षेत्र के गांवों में संचार सेवा के विस्तार के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी। यह देवभूमि में “संचार के अनंत आकाश“ की शुरुआत भी है, जो 21वीं सदी के विकसित होते भारत के सामर्थ्य का परिचय भी कराता है। उन्होंने कहा कि हमने पहाड़ में हाई स्पीड नेटवर्क का कभी जो सपना देखा था, वह आज सच साबित हो रहा है क्योंकि इस सुविधा के प्रारंभ होने से प्रदेश के साथ ही देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लाखों तीर्थयात्री हाई-स्पीड डेटा नेटवर्क का लाभ उठा सकेंगे। इससे चारधाम यात्रा के दौरान डिजास्टर मैनेजमेंट, सर्विलांस और रियल टाइम बेसिस पर यात्रा की निगरानी रखने में हमें सहायता मिलेगी। आज अधिकतर मोबाइल फोंस पर “मेड इन इंडिया“ लिखा होना हमारे लिये गर्व की बात है। भविष्य की वायरलैस टेक्नोलॉजी को डिजाइन करने में और उससे जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग में भी हमारे देश की बड़ी भूमिका होगी। 5 जी के साथ भारत पहली बार टेलीकॉम टेक्नॉलजी में ग्लोबल स्टेंडर्ड तय कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “डिजिटल इंडिया“ सिर्फ एक नाम नहीं है बल्कि ये देश के विकास के विस्तृत विजन का एक महत्वपूर्ण अंग है। इस विजन का लक्ष्य है उस टेक्नोलॉजी को आम लोगों तक पहुंचाना है जो लोगों के लिए काम करे, लोगों के साथ जुड़कर काम करे। उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 4 क्षेत्रों पर ध्यान दिया है। पहला है, “डिवाइस की कीमत“, दूसरा है, “डिजिटल कनेक्टिविटी“, तीसरा, “डेटा की कीमत“, चौथा, और सबसे जरूरी, ‘डिजिटल फर्स्ट’ की सोच। इसका नतीजा है कि 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने से लेकर आज हम हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने “घर-घर बिजली“ पहुंचाने की मुहिम प्रारंभ की, जैसे “हर घर नल से जल अभियान“ के जरिए देश के हर व्यक्ति तक साफ पानी पहुंचाने के लिए मिशन मोड में काम किया, जैसे उज्जवला योजना के जरिए गरीब से गरीब आदमी के घर में भी गैस सिलेंडर पहुंचाया, वैसे ही ये सरकार “इंटरनेट फोर ऑल“ के लक्ष्य पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे छोटे व्यापारी हों, छोटे उद्यमी हों, लोकल कलाकार और कारीगर हों सबको डिजिटल इंडिया ने एक मंच प्रदान किया है, एक बाजार उपलब्ध कराया है। यह डिजिटल इंडिया की नींव है। यह अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाने का माध्यम है। 5 जी सेवा से कई क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, लॉजिस्टिक्स और बैंकिंग में मूलभूत परिवर्तन आएगा और नई संभावनायें पैदा होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लगातार देवभूमि में संचार व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए प्रयासरत हैं। इसमें सभी संचार सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रयास भी संचार सेवाओं के विस्तार में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की विश्व में विशिष्ट पहचान बनी है। देवभूमि उत्तराखण्ड से भी उनका विशेष लगाव है। उनका देवभूमि उत्तराखण्ड से कर्म एवं मर्म का रिश्ता है। प्रधानमंत्री के 9 साल के कार्यकाल में उन्होंने उत्तराखण्ड के लिए लाखों करोड़ रूपये के कार्यों की स्वीकृतियां प्रदान की। उन्होंने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबके प्रयास से हम इसे सार्थक करने में प्राण प्रण से जुटे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अक्टूबर 2022 को देश में 5-जी की यात्रा का शुभारंभ किया। देश ने टेलीकॉम क्रांति के विभिन्न स्वरूप देखे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में टेलीकॉम क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। यह समय टेलीकॉम क्षेत्र का स्वर्णिम काल है। यह हमारे लिए सौभाग्य का विषय है कि हम चार धामों को भी 5 जी और फाइबर कनेक्टिविटी से भी जोड़ रहे हैं। देश से लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं। मुख्यमंत्री के विशेष आग्रह पर चार धाम को ऑप्टिकल फाइबर एवं 5 जी से जोड़ने का कार्य शुरू किया गया था। टेलीकॉम क्षेत्र में होने वाले कार्यों में मुख्यमंत्री धामी का हमेशा सहयोग मिला है। आज देश में हर एक मिनट में 5 जी की साइट रेडियेट हो रही है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज भारत 5 जी के क्षेत्र में दुनिया की बराबरी कर रहा है परंतु 6 जी के क्षेत्र में भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। आज विश्व में भारत की छवि एक नई टेक्नोलॉजी हब के रूप में उभर रही है भारत टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निरंतर विश्व का नेतृत्व कर रहा है। 6 जी के लिये देश के प्रबुद्ध ब्रेन को 100 पेटेंट मिल चुके हैं।
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन पर बोलते हुए मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट नए भारत का एक बड़ा उदाहरण है। यह रेल लाइन अत्यधिक आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित हिमालयन टनलिंग मेथड पर अधारित है। इस रेल परियोजना में प्रकृति का विशेष ध्यान रखा जा रहा है हम प्रकृति के साथ आगे बढ़कर विकास करने पर विश्वास करते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा उत्तराखंड के लिए तत्परता से कार्य किया है।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, रेखा आर्या, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, सविता कपूर, डी.जी. टेलिकॉम एस.के. जैन, सचिव शैलेश बगौली एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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