बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिर्पोट का मुख्यमंत्री ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक आयोजित हुई। आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के पश्चात आयोग की यह पहली बैठक रही जिसमें उपाध्यक्ष सहित सभी नामित सदस्य एवं उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक व आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन को कम करने हेतु आयोग द्वारा की गई सिफारिशों से सम्बन्धित पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि पलायन आयोग द्वारा पलायन के मूल कारणों से सम्बन्धित दी गई प्राराम्भिक रिपोर्ट से ही स्पष्ट था कि राज्य से पलायन मुख्यतः शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा एवं रोजगार की कमी रही है। उन्होंन कहा कि आयोग के सुझावो पर राज्य सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लिये जा रहे है। उन्होंने कहा कि आयोग को वर्किंग एजेन्सी के रूप में नहीं अपितु राज्य से पलायन रोकने तथा ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिये थिंकटेक के रूप में कार्य करना होगा। आयोग के सदस्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर कार्य करने का अनुभव है। उनके अनुभव राज्य के समग्र विकास में उपयोगी होंगे इसका उन्होंने विश्वास जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 से पूर्व ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सोलर स्वरोजगार योजना तथा ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना, एलईडी योजना का कार्य गतिमान रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास एवं स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करना इसका उद्देश्य था। सीमान्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये मुख्यमंत्री सीमान्त सुरक्षा निधि की व्यवस्था की गई है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की सरकारी खरीद के लिये 5 लाख तक की सीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा यूनीफार्म आपूर्ति के क्षेत्र में भी कार्य किया जा रहा है, पर्वतीय क्षेत्रों में इसे और विस्तार दिये जाने की जरूरत है। इनमें आत्मविश्वास जगाने की भी उन्होंने जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिये भी सदस्यों से सुझाव देने को कहा। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के कारगर ढ़ंग से उपयोग की दिशा में पहल की गई है। चीड़ से बिजली व पेलेटस बनाये जा रहे है। एलईडी निर्माण में 15 संस्थाये कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वयं का रोजगार खड़ा कर समाज को प्रेरणा देने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर युवाओं को तकनीकि प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेन्टरों में क्रेडिट कार्ड योजना आरम्भ किये जाने की भी बात कही।
बैठक में उपाध्यक्ष, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ0 एस0एस0नेगी ने बताया कि आयोग द्वारा अब तक राज्य के पर्वतीय जनपदों, ईको टूरिज्म, ग्राम्य विकास एवं कोविड-19 के प्रकोप के दौरान राज्य में लौटे प्रवासियों एवं उनके पुनर्वास पर आधारित 11 सिफारिशे प्रस्तुत की जा चुकी है।
बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिपोर्ट के सम्बन्ध में डॉ. नेगी ने बताया कि जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद बागेश्वर की जनसंख्या 2,59,898 है, इनमें 1,24,326 पुरूष तथा 1,35,572 महिलाएं है। पिछले 10 वर्षों में 346 ग्राम पंचायतों से कुल 23,388 व्यक्तियों द्वार अस्थायी रूप से पलायन किया गया है। पिछले 10 वर्षों में 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों द्वार पूर्णरूप से स्थायी पलायन किया गया है। आंकड़े दर्शाते है कि जनपद के सभी विकासखण्डों में स्थायी पलायन की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। जनपद की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 के लिए अनन्तिम रूप से 1,00,117 रूपये है।
आयोग द्वारा जनपद हेतु जो सिफारिशें रखी हैं उनमें प्रमुख रूप से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों की संख्या बढ़ाना, दुग्ध उत्पादन एवं दुग्ध उत्पादकों की उपज हेतु पनीर, घी आदि बनाने का प्रशिक्षण दिये जाने, दुग्ध समितियों की सक्रियता बढ़ाने एवं दुग्ध प्रसंस्करण केन्द्र खोले जाने। होम स्टे की संख्या बढ़ाये जाने, इकोटूरिज्म गतिविधियों को पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित किए जाने, पर्यटन से जुड़े कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाए जाने, क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किये जाने, मनरेगा में समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करके महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बनाए रखना, फसलों को बंदरों और जंगली सूअरों जैसे जानवरों से नुकसान से बचाव हेतु वन विभाग की सहायता से बन्दरबाड़ो, सोलर पावर फैन्सिंग का निर्माण कराये जाना, ग्राम पंचायतों में नर्सरियों बनाये जाना तथा औषधीय एवं सुगंधित पौंधों की कृषि को महत्वपूर्ण आजीविका उत्पादन गतिविधियों में विकसित किए जाना, जनपद में जड़ी-बूटी की खेती एवं कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना, जनपद में चाय के क्षेत्रफल को बढ़ावा दिया जाना, जनपद में बागवानी के क्षेत्रों को बढ़ाये जाना शामिल है।
इस अवसर पर आयोग के सदस्यों रामप्रकाश पैन्यूली, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत घण्डियाल, अनिल सिंह शाही एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रूद्रप्रयाग से रंजना रावत ने अपने सुझाव रखे।
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने आयोग की सिफारिशों पर की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। आयोग के सदस्य सचिव रोशन लाल एवं अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

कृषि कानून देश और किसानों के लिए ऐतिहासिकः विनय गोयल

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि नया कृषि कानून देश और देश के किसानों के लिए ऐतिहासिक है। पर कुछ राजनीतिक दल इसे लेकर किसानों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अगर कानून से एतराज है तो उस पर सरकार बैठकर समाधान करने को तैयार है पर कृषि कानून को किसी भी दशा में वापस नहीं लिया जाएगा।

ऋषिकेश में भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों को पूरे देश में बाजार के विकल्प उपलब्ध कराएंगे। इन कानूनों से किसानों को किसी भी तरह की हानि नहीं हो रही है, बल्कि कोई राजनीतिक दलों द्वारा किसानों को गुमराह करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाए जाने के लिए एमएसपी खत्म नहीं किया जाएगा।

गोयल का कहना है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले, इसके सभी प्रविधान कृषि कानून बिल में बनाए गए हैं। बटाई पर खेती करने वाले किसानों को भी इस बिल से लाभ मिलेगा। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि एक बाजार होने से किसानों को अपनी फसल बेचने में ही लाभ मिलेगा। उन्होंने आंदोलन की आड़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में लगाए जा रहे नारों की भी निंदा की।

गोयल ने कहा कि उत्तराखंड के अलावा कई अन्य प्रदेशों के किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए बिल का समर्थन किया है। अगर फिर भी किसानों को कोई इस बिल को लेकर आशंका है तो केंद्र सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है।

पत्रकार वार्ता में राज्य मंत्री भगत राम कोठारी, किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर, मंडल अध्यक्ष दिनेश सती भी उपस्थित थे।

स्मार्ट सिटी की समीक्षा कर सीएम ने दिए ठेकेदारों के साथ टाइम टू टाइम बैठक के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में देहरादून स्मार्ट सिटी की समीक्षा की। बैठक के दौरान सी.ई.ओ. स्मार्ट सिटी आशीष श्रीवास्तव ने देहरादून स्मार्ट सिटी पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत कराये जा रहे सभी कार्यों को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इसमें समयबद्धता के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने मॉडर्न दून लाईब्रेरी की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इसे शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों से आम जनता को कोई परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए समय-समय पर ठेकेदारों आदि के साथ भी बैठक आयोजित की जानी चाहिए, ताकि उन्हें आ रही समस्याओं का भी निराकरण किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में वर्षाजल को संरक्षण के लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर अधिक फोकस किया जाना चाहिए।

सी.ई.ओ. समार्ट सिटी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना की कुल लागत रू0 1407 करोड़ है, जिसमें 100 प्रतिशत निविदाएं आमंत्रित कर ली गयी हैं और इनसे सम्बन्धित कार्यादेश भी जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि देहरादून स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत स्मार्ट स्कूल का समस्त कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसके अन्तर्गत राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड, राजकीय इंटर कॉलेज, खुड़बुड़ा एवं राजकीय कन्या जूनियर हाई स्कूल को शामिल किया गया है, जिनमें स्मार्ट क्लासेज, कम्प्यूटर लैब, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन यंत्र आदि की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि स्मार्ट रोड का कार्य प्रगति पर है। दून एकीकृत कमांड एण्ड कंट्रोल रूम का कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली एवं सुशील कुमार आदि उपस्थित थे।

अपनी मांगों को लेकर उपखंड अधिकारी का ग्रामीणों ने किया घेराव

जिला पंचायत सदस्य संजीव चैहान के नेतृत्व में आज ग्रामीणों ने उप खंड अधिकारी विद्युत वितरण उपखंड का घेराव किया। अपनी मांगों को स्पष्ट शब्दों में रखते हुए इस पर जल्द ही कार्रवाई की मांग भी की।

जिपंस संजीव चैहान ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान बिजली का बिल बिना मीटर चेक किए दिया जा रहा था जो कई गुना अधिक है, अभी तक इसका निस्तारण नहीं किया गया। रजिस्ट्री की जमीन पर 1400 रूपए का होम कनेक्शन होता है, उसके लिए लोगों से छह से सात हजार रूपए तक वसूल किए गए। रसीद कटवाने के छह माह बाद भी कनेक्शन नहीं दिया गया। बताया कि क्षेत्र में कई विद्युत पोल खराब है, इसे लिखित में अवगत कराया गया है, मगर निस्तारण नहीं हो रहा आदि मांगों को लेकर जिपंस संजीव चैहान ने कहा कि जल्द ही इन बिंदुओं पर कार्रवाई की जाए।
घेराव करने वालों में रामरतन रतूड़ी, हरिकृष्ण नौटियाल, दयाल सिंह सजवाण, राहुल, सतपाल सिंह, विरेंद्र प्रसाद लिस्याल, शीशलपाल सिंह, पुष्पा देवी, रेशमा देवी, सुनील चंदोला, हेमंत, रोशन सिंह आदि उपस्थित रहे।

विकास कार्यों को लेकर मेयर अनिता से मिले व्यापारी, इस मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन


देवभूमि उत्तरांचल उद्योग व्यापार मंडल ने ऋषिकेश के विकास कार्यो तथा गोविंद नगर स्थित ट्रेचिंग ग्राऊंड को शिफ्ट कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर मेयर अनिता ममगाईं की प्रशंसा की। आज मंच के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल के नेतृत्व में व्यापारियों ने मेयर अनिता से मुलाकात की। मंच की ओर से ट्रेचिंग ग्राउंड खाली होने के बाद वहां दो मंजिला पार्किंग बनाए जाने की मांग को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गया। राजकुमार अग्रवाल ने मेयर को बताया कि देवभूमि ऋषिकेश का शुमार देश और दुनिया में तीर्थाटन और पर्यटन के लिए किया जाता है। यहां वर्षभर यात्रियों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन शहर में पार्किंग की व्यवस्था न हो पाने की वजह से व्यापारियों को इसका लाभ नहीं मिल पाता। उन्होंने शहर में पार्किंग की समस्या को देखते हुए चंद्रभागा पुल पर भी दो मंजिला पार्किंग बनाए जाने की मांग मेयर अनिता से की।

इस पर मेयर अनिता ममगाईं ने उन्हें बताया कि देवभूमि के चहुमुखी विकास के साथ पार्किंग की समस्या का भी स्थाई समाधान ढूंढने में निगम प्रशासन लगा है। जल्द ही इस पर भी एक ठोस कार्य योजना तैयार कर शहर वासियों को भव्य पार्किंग की सौगात दी जाएगी।

प्रतिनिधिमंडल में राम चैबे, रवि शास्त्री, दीपक दरगन, अभिषेक शर्मा, वेद प्रकाश धींगड़ा, अमित कुमार जाटव, कृष्ण मोहन चैरसिया आदि शामिल थे।

टापू के बीच लोगों के फंसने की सूचना से मचा हड़कंप, पुलिस ने सभी को सुरक्षित बचाया

आज दोपहर करीब दो बजे त्रिवेणी घाट पर ग्रेटर नोएडा के छह लोग टहल रहे थे। इस दौरान वह सभी गंगा के बीच बने टापू पर पहुंच गए। इसी बीच गंगा का जलस्तर बढ़ गया और चीफ पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने यह देख तुरंत त्रिवेणी घाट पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर जल पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे और काफी मशक्कत करने के बाद सभी छह लोगों को सुरक्षित टापू से बाहर निकाला। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली।

त्रिवेणी घाट चैकी इंचार्ज उत्तम रमोला ने सभी की पहचान दीपा चैहान पत्नी कृष्णा, प्राप्ति पत्नी अनिरूद्ध, अनिरूद्ध पुत्र जयप्रकाश, जयप्रकाश और डेढ़ साल का बच्चा के रूप में हुई है। यह सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं जिनका पता ग्रेटर नोएडा एक्सेसन है। रेस्क्यूू में कांस्टेबल हरीश गुंसाईं, जितेंद्र रावत, धनवीर नेगी, दिवाकर फुलोरिया, राकेश कंडियाल शामिल रहे।

जगमग होंगे ऋषिकेश के पार्क, सड़कें भी चमकेंगे

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सड़कों की जगमगाहट के लिए आईडीपीएल गेट से श्यामपुर क्रॉसिंग के बीच डिवाइडर पर एक करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से पथ प्रकाश व्यवस्था हेतु एलईडी लाइट लगाई जाएगी। वहीं ऋषि लोक कॉलोनी एवं गंगा नगर कॉलोनी के पार्कों का सौंदर्यीकरण एवं पुनरुद्धार किया जाएगा। इस बात की जानकारी आज उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल ने दी।

उन्होंने बताया कि ऋषिकेश शहर को जगमगाहट के लिए एमडीडीए के माध्यम से आईडीपीएल गेट से श्यामपुर क्रॉसिंग के बीच 2 किलोमीटर दूरी में डिवाइडर पर पथ प्रकाश व्यवस्था हेतु एलईडी लाइट एक करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से लगाई जाएगी।श्री अग्रवाल ने बताया कि ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऋषि लोक कॉलोनी एवं गंगा नगर कॉलोनी के पार्कों को लगभग 25 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण एवं पुनरुद्धार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एमडीडीए के माध्यम से जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर विकास कार्यों को प्रारंभ किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि ऋषिकेश अध्यात्म से ओतप्रोत एवं योग नगरी है जहां पर वर्ष भर श्रद्धालु एवं पर्यटक घूमने के लिए आते हैं ऋषिकेश शहर को चमक एवं जगमगाहट रखने के लिए डिवाइडर पर जगह-जगह एलईडी लाइटों की व्यवस्था की जा रही है एवं कॉलोनी के बीच स्थित पार्कों का भी सौंदर्यकरण किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र का कोना कोना विकास से अछूता नहीं रहेगा।उन्होंने कहा कि सड़कों के डिवाइडर पर एलईडी लाइट लग जाने से क्षेत्र के लोगों को आवागमन में भी सुविधा होगी।

रामायण प्रचार समिति ने हंस फाउंडेशन के उत्तराखंड प्रभारी को दिया तुलसी अवॉर्ड


रामायण प्रचार समिति तुलसी मानस मंदिर ने हंस फाउंडेशन के उत्तराखंड प्रभारी पदमेंद्र सिंह बिष्ट को तुलसी अवाॅर्ड से सम्मानित किया। यह अवाॅर्ड सनातन धर्म की ध्वजा को आगे बढ़ाने के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने पर दिया गया।

रामायण प्रचार समिति व तुलसी मानस मंदिर ऋषिकेश के अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री ने बताया प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी तुलसी अवॉर्ड समिति द्वारा उन विशेष व्यक्तियों को दिया जाता है जिसका समाज में विशेष योगदान हो।

हंस कल्चर सेंटर के उत्तराखंड प्रभारी पदमेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि इस सम्मान के लिए वह रामायण प्रचार समिति तुलसी मानस मंदिर का आभार व्यक्त करते हैं। कहा कि भोले जी महाराज एवं मंगला माता के द्वारा चलाए जा रहे हंस फाउंडेशन के जरिए स्वास्थ्य, शिक्षा एवं जनहित के कार्यों में निस्वार्थ भाव से आज संस्था पूरे विश्व में काम कर रही है। जिनके माध्यम से आज पूरा विश्व लाभान्वित हो रहा है।

कहा कि तुलसी अवार्ड से सम्मानित होना वाकई गर्व की बात है। जिस तुलसी बाबा ने रामचरितमानस लिख कर सबको जन्म जन्मों के पाप से मुक्त कर हमें रामायण जैसी महाकाव्य पुस्तक प्रदान की इसके माध्यम से आज हम अपने घरों में रामायण की अखंड पाठ उसका पारायण नित्य कर राम के आदेशों पर चलने प्रयास निरंतर करते रहते हैं उसके साथ ही अपने बच्चों को रामायण के आदर्शो पर चलने का मार्गभी प्रदर्शित करते हैं समाज में ऐसे धार्मिक आयोजनों से आने वाली युवा पीढ़ी को मार्गदर्शन मिलता रहता है जिससे कि आज की नई पीढ़ी के बच्चों में नशा मुक्ति के साथ-साथ नई उर्जा के साथ वह अच्छे मार्ग में आगे बढ़ चढ़कर भाग ले सकें रामायण के माध्यम से हम उन्हें एक आदर्श बालक के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं वह हमें रामायण के माध्यम से सीखने को एवं सिखाने को मिल सकता है बस करते हैं कि हम रामायण के आदर्शो पर चलें।

इस अवसर पर समाजसेवी राजेश पयाल, धर्मशाला मठ मंदिर एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिषेक शर्मा, गंगा सुरक्षा एवं पर्यावरण सेवा समिति के अध्यक्ष दिनेश डबराल आदि उपस्थित थे।

देहरादून में हुआ इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन, सीएम ने किया फ्लैग ऑफ

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा देहरादून शहर में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन का फ्लैग ऑफ कर शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून की जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत हुई है, और पर्यावरण की दृष्टि से यह उत्तराखण्ड के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी देहरादून के अन्तर्गत इस वित्तीय वर्ष में 30 बसें चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा यह भी प्रयास रहेगा कि धीरे-धीरे मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार तक इन इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का भी प्रयास है कि वर्ष 2030 तक पूरे देश को इलेक्ट्रिक बसों की ओर लाया जाए।

इस अवसर पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक गणेश जोशी एवं सीईओ स्मार्ट सिटी देहरादून आशीष श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

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