हवाई निरीक्षण के बाद मौके पर जाकर रेस्क्यू अभियान का सीएम कर रहे निरीक्षण

प्रदेश में पिछले दो दिनों से अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निरन्तर अनुश्रवण कर राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पीडितों को त्वरित राहत एवं अनुमन्य आर्थिक मदद के साथ ही तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा का भी ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने पूर्वाहन मे सचिवालय स्थित राज्य आपदा प्रबन्धन कन्ट्रोल रूम जाकर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी स्थिति का जायजा लिया।
उसके बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल व कुमांऊ क्षेत्र के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया तथा रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी से यात्रा व्यवस्थाओं तथा विभिन्न स्थानों पर रूके यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पीडितों के साथ ही यात्रियां को हर संभव सहयोग एवं सहायता उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने बन्द मार्गाे को खोलने के भी निर्देश जिलाधिकारी को दिये।
दोपहर बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कुंमाऊ क्षेत्र के रामनगर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज आदि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर पंतनगर एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी के साथ एयर फोर्स, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्याे के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर संजयनगर खेड़ा में उत्पन्न जल भराव की स्थिति का जायता लिया तथा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने व रहने, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग किया जायेगा। उन्होने कहा कि इस आपदा के कारण जिन परिवारों में जनहानि हुई है उनके आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा। उन्होने पीङितों से मिलते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह एक दैवीय आपदा की घड़ी है, इस परिस्थितियों में सभी के सहयोग से इस आपदा से निपटा जायेगा। उन्होने रेस्क्यू मे लगे एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने आपदा पीडितों को आश्वस्त किया कि संकट की इस घडी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से हल्द्वानी पहुंचे तथा अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए गोला नदी पुल का निरीक्षण किया तथा नदी से हुए नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें भी सुनी। मुख्यमंत्री ने पीडितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया।
सर्किट हाउस काठगोदाम में मुख्यमंत्री ने जनपद नैनीताल के अधिकारियों के साथ जनपद में आपदा से हुए नुकसान आदि की समीक्षा की तथा राहत एवं बचाव कार्यों में पूरे मनायोग एवं तत्परता के साथ सम्पादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर पीडित की मदद करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इस सम्बन्ध में कोई कोताही न बरती जाय। इस दौरान आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत भी मुख्यमंत्री के साथ रहे।

भारतीय सेना के जवानों ने रेस्क्यू कर बचाई 313 लोगों की जान

उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण मची तबाही के बीच सेना के जवान देवदूत बनकर राहत बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। मंगलवार को सेना के जवानों ने टनकपुर और नैनीताल से 313 लोगों का रेस्क्यू करते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसमें महिलाओं के अलावा छोटे बच्चे भी शामिल थे। देहरादून स्थित उत्तराखंड सब एरिया मुख्यालय से सेना के विशेष अभियान की जानकारी साझा की गई। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि भारी बारिश के कारण काली नदी टकनपुर में जल स्तर बढ़ गया। मंगलवार को इस नदी में बाढ़ आ गई। सेना ने तत्काल सुबह साढ़े आठ बजे मुख्यालय उत्तराखंड उप क्षेत्र और उत्तर भारत क्षेत्र के तत्वावधान में पंचशूल ब्रिगेड की जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री से दो बाढ़ राहत कॉलम जुटाए। इसके बाद टनकपुर के शारदा घाट गांव और अंबेडकर नगर गांव में राहत बचाव अभियान चलाया गया। करीब चार घंटे ये अभियान चला। इस दौरान 283 ग्रामीणों को बचाया गया। इसमें 89 पुरुष, 139 महिलाएं और 55 बच्चे शामिल थे। जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के अतिरिक्त बचाव कॉलम किसी भी अप्रत्याशित आकस्मिकता से निपटने और नागरिक प्रशासन को आगे की सहायता के लिए बनबासा सैन्य स्टेशन पर स्टैंडबाय पर रखे गए हैं।
सेना के जवानों ने तल्लीताल नैनीताल में भी रेस्क्यू अभियान चलाया। यहां भी अचानक पानी बढ़ने और तेज बहाव के कारण कई दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों में फंस गए। नैनीताल प्रशासन ने सहायता के लिए अनुरोध किया और सेना मौके पर पहुंच गई। पंचशूल ब्रिगेड की निगरानी और लक्ष्य प्राप्ति बैटरी से एक बाढ़ राहत कॉलम पंचशूल ब्रिगेड, मुख्यालय उत्तराखंड उप क्षेत्र और उत्तर भारत क्षेत्र के तत्वावधान में नैनीताल के तल्लीताल में बचाव अभियान चलाया गया। यहां छह घंटों में 30 लोगों को बचाया गया। इसमें दो बच्चे भी शामिल हैं। किसी भी अप्रत्याशित आकस्मिकता से निपटने के लिए नैनीताल मिलिट्री स्टेशन पर जवानों को मुस्तैद रखा गया है।

भारी बारिश से हुई तबाही, राहत और बचाव कार्यों में सेना के हेलीकाप्टर लगाये

प्रदेश में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन की घटनाओं में 40 लोगों की मौत हो गई। नैनीताल जिले में ही 25 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में 14 उत्तर प्रदेश और बिहार के मजदूर शामिल हैं। नैनीताल जिले के रामगढ़ ब्लॉक में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए। जबकि, झुतिया गांव में ही एक मकान मलबे में दबने से दंपति की मौत हो गई, जबकि बेटा अभी लापता है। दोषापानी में 5 मजदूरों की दीवार के नीचे दबने से मौत हो गई।
नैनीताल जिले में ही क्वारब में 2, कैंची धाम के पास 2, बोहराकोट में 2 और ज्योलिकोट में एक की मौत हुई। अल्मोड़ा में छह लोगों की मलबे में दबने से मौत हुई है। जबकि, चंपावत में तीन और पिथौरागढ़-बागेश्वर में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बाजपुर में तेज बहाव में बहने से एक किसान की मौत हो गई। उधर, बारिश का पानी घर में घुसने से फैले करंट से किच्छा में यूपी के देवरिया के विधायक कमलेश शुक्ला के घर में फैला करंट फैलने से बहू की मौत हो गई। नैनीताल के ओखलकांडा और चम्पावत में आठ लोग लापता हैं।
दो दिन से हो रही बारिश से आपदा के चलते एसडीआरएफ की टीमें रातभर बचाव और राहत अभियान में जुटी रहीं। एसडीआरएफ ने इस दौरान छह सौ से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। प्रदेश भर एसडीआरएफ की 29 स्थानों पर पोस्ट हैं। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी के बाद, सभी टीमों को पहले ही हाई अलर्ट पर रखा गया था। इसी क्रम में एसडीआरएफ कमांडेंट नवनीत भुल्लर कंट्रोल रूम में डटकर, रातभर राहत और बचाव अभियान की निगरानी करते रहे। इस दौरान बारिश से हो रहे नुकसान, सड़क मार्ग पर फंसे वाहनों, पैदल मार्गों पर फंसे यात्रियों की जानकारी जुटाकर उन तक टीमें पहुंचाने का काम किया गया। बल की टीमों ने गौमुख ट्रैकिंग रूट, केदारनाथ पैदल मार्ग के साथ ही जगह बाढ़ और मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम किया। मंगलवार दोपहर बाद तक बल की टीमों ने छह सौ लोगों को सुरक्षित निकालने में कामयाबी हासिल की।

केदारनाथ में ठंड से बाबा दंडी भारती की मौत
केदारनाथ में बीते कई सालों से रह रहे बाबा दंडी भारती का मंगलवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह 5 बजे ठंड अधिक बढ़ने से उनकी मौत हुई है। उधर, रुड़की के लंढौरा में बारिश के दौरान एक दीवार गिरन जाने से नौ माह के बच्चे की मौत हो गई।

राहत-बचाव को मिले सेना के तीन हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बताया कि, सेना के तीन हेलीकॉप्टर को आपदा को लेकर संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है। सभी डीएम से बारिश की वजह से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है।

पुलिया टूटने से कई गांवों का संपर्क कटा
सोमवार सुबह से हुई मूसलाधार बारिश से गौला की बाढ़ ने पूरे किच्छा क्षेत्र जमकर तबाही मचाई। किच्छा डैम फाटक तेज बहाव से क्षतिग्रस्त गए। कई बस्तियां पानी में डूब गईं। पानी बस्तियों में घुसने से लगभग एक दर्जन घर क्षतिग्रस्त एवं एक पुलिया टूट गई। प्रशासन ने डूबी बस्तियों में बचाव कार्य चला कर लोगों को बाहर निकाला।

सीएम ने की पंतनगर में औद्योगिक क्षेत्र का नाम एनडी तिवारी के नाम पर रखने की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर में स्थित औद्योगिक क्षेत्र (इंडस्ट्रियल स्टेट) का नाम पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी के नाम पर रखने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उत्तराखंड के सपूत स्व. नारायण दत्त तिवारी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार के मंत्री के रूप में सदैव उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास हेतु प्रयास किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार बाजपेई ने राज्य को औद्योगिक पैकेज दिया उस समय स्व. नारायण दत्त तिवारी ही मुख्यमंत्री थे। पंडित तिवारी ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से नव सृजित उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास की नींव रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर, पंडित नारायण दत्त तिवारी के राज्य के प्रति योगदान को सम्मानित करने और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए पंतनगर इंडस्ट्रियल स्टेट का नाम उनके नाम पर किया जा रहा है।

फिल्म निर्माण के लिए 24 गांवों को होगा कायाकल्प

उत्तराखंड में पलायन के कारण खाली हो रहे नैनीताल जिले के वीरान गांवों में होम स्टे विकसित किए जा रहे हैं। अहमदाबाद की एक फर्म के साथ मिलकर उत्तराखंड के पर्यटन विभाग ने यह योजना शुरू की है। इसके तहत विभाग ने नैनीताल के पास कुंजखड़क गांव के आसपास के इलाकों को चिह्नित किया है, जहां कम्युनिटी बेस होम स्टे शुरू करने की तैयारी है। विभाग इन गांवों में खंडहर हो चुके मकानों को ठीक कर पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देगा। योजना का मुख्य उद्देश्य पर्यटन विकास के साथ ही खाली गांवों का इस्तेमाल फिल्म निर्माण के लिए करने की भी योजना है।
पर्यटन विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत नैनीताल जिले में करीब 24 गांव चिह्नित किए हैं। इनमें कुछ की पौराणिक व रोचक कहानियां हैं। कुछ बेहद अच्छी लोकेशंस पर स्थित हैं। फिल्म निर्माण के लिए भी योजना अच्छी साबित हो सकती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। पर्यटन विभाग ऐसे गांवों को स्थानीय लोगों के साथ ही निवेशकों की मदद से विकसित करेगा।

इटली के गांवों को देख कर बनाई योजना
उत्तराखंड पर्यटन विभाग को यह विचार विदेशों में इस तरह की पहल को देखकर आया है। इटली में कई पुराने खाली हो चुके गांवों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है। जहां प्रतिवर्ष विश्वभर से बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने जाते हैं। इसी तर्ज पर पर्यटन विभाग ने प्रदेश के ऐसे कुछ गांवों को चिह्नित करना शुरू किया है। उत्तरकाशी की नेलांग घाटी के जादूंग गांव और गर्तातोली की सीढ़ियों को इसी तर्ज पर विकसित किया गया है। यह गांव 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद खाली करा दिए गए थे।
वहीं, नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने बताया कि पलायन रोकने को होम स्टे योजना काफी कारगर है। खाली हो चुके कई गांव बहुत अच्छी लोकेशन्स और इलाकों में स्थित हैं। इन्हें सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह राज्य की आर्थिकी के साथ स्वरोजगार का सबसे अच्छा माध्यम बन सकते हैं। इस तरह लोग उत्तराखंड की कला संस्कृति से भी जुड़ पाएंगे।

अनूसूचित जाति के लोगों की जमीन एक ही समुदाय के द्वारा खरीदने पर सवाल

नैनीताल के सरना गांव में अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन कौड़ियों के दाम एक ही समुदाय के लोगों ने एक साथ खरीदी। इस मुद्दे को संवेदनशील करार देते हुए भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाक़ात कर उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाक़ात में नैनीताल की धारी तहसील के सरना गांव के मामले को उठाते हुए अंदेशा जताया कि इसके लिए बड़ी संख्या में एक समुदाय विशेष के लोगों ने शायद अनुसूचित जाति के लोगों को डराया-धमकाया और लालच दिया गया होगा। उच्च स्तरीय जांच से इसका खुलासा हो सकता है।
उन्होंने ने कहा कि 21 व 22 सितम्बर को सरना गांव में एक साथ 13 लोगों ने भूमि की रजिस्ट्री की। इस भूमि के सभी खरीददार अलीगढ़ व संभल के हैं। कुछ भूमि बेचने वालों की पत्नियों ने धारी के उप जिलाधिकारी को इस मामले में लिखित शिकायत की है। महिलाओं ने कहा है कि उनके पति ने अपनी भूमि के पंजीकृत बैनामे कर दिए। इससे भविष्य में परिवार पर प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने यह भी शिकायत की है कि ये वे भूमि हैं जिस पर बैंक ऋण भी लिया गया है।
उन्होंने कहा कि बेची गई भूमि के सह खातेदार भी हैं। एक सह खातेदार ने इस सम्बन्ध में धारी के तहसीलदार के न्यायालय में एक वाद भी दाखिल किया गया है। यह भी जानकारी मिली है कि भूमि को बाजार भाव के विपरीत कौड़ियों के भाव ख़रीदा गया है। भूमि का लेन-देन नगद किया गया है। इससे यह संदेह पैदा हो रहा है कि भूमि की खरीद-फरोख्त में किसी एक खास व्यक्ति अथवा संस्था की भूमिका है। उसकी तरफ से बेनामी संपत्ति खरीदी जा रही है। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।

धामी सरकार को मिली कामयाबी, हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं की संख्या से रोक हटाई

हाइकोर्ट नैनीताल ने बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। हाइकोर्ट ने चारों धाम में श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटा दी है। अब तीर्थ यात्री बेरोकटोक चारधाम यात्रा के लिए जा सकेंगे। साथ ही हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाना होगा। कोर्ट के इस आदेश से सरकार सहित दूसरे प्रदेशों से आने वाले तीर्थ यात्रियों, चारधाम यात्रा रूट पर होटलों, दुकानदारों आदि स्थानीय लोगों को भी बड़ी राहत मिली है।
मुख्य न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने उत्तराखंड सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए तीर्थ यात्रियों की सख्यां को निर्धारित किया गया था। साथ ही, तीर्थ यात्रियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की भी सख्त हिदायत दी गई थी।
माधिवक्ता द्वारा कहा गया कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी। लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे है। इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।कहा कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा हुआ है।
इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे है उन सबको दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने हेतु रजिस्ट्रेशन करा रहे है, वे भी नहीं आ पा रहे हैं। जिसके कारण वहां के स्थानीय लोगो पर रोजी-रोटी का खतरा उत्पन्न हो रहा है। सरकार द्वारा कोर्ट ने पूर्व दिए गए दिशा-निर्देशों का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा। चारधाम यात्रा में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया है।
सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटाई जाए या फिर श्रद्धालुओं की संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन किया जाए ताकि दूसरे प्रदेशों से भी लोग दर्शन को आ सकें। कहा कि कोरोना महामारी पर कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन भी किया जा रहा है। सरकार का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने रोक हटा दी गई है।

उत्तराखण्ड का समग्र विकास हमारा एजेण्डा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स संवाद कार्यक्रम को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का समग्र विकास हमारा एजेण्डा है। सभी के सहयोग से उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाना लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देव भूमि के साथ वीर भूमि भी है। वे स्वयं सैनिक परिवार में पले-बढ़े हैं। सेना के प्रति हमारा सदैव सम्मान का भाव रहा है। देश की सुरक्षा के प्रति सेना के गौरवपूर्ण योगदान का कोई मूल्य नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के निर्माण में हमारी मातृशक्ति का महान योगदान रहा है। राज्य निर्माण आंदोलन में खटीमा, मसूरी व रामपुर तिराहा की घटनाओं में वे प्रतिभागी रहे हैं। राज्य की आर्थिकी के विकास में भी महिलाओं की बड़ी भूमिका है। महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिये राष्ट्रीय आजीविका मिशन के साथ ही अन्य योजनाओं से उन्हें जोड़ा गया है। स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख तक बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराने के साथ ही उनके उत्पादों के विपणन की कारगर व्यवस्था की गई है। प्रसाद योजना भी उनके आर्थिक स्वावलम्बन का आधार बनी है। इसके लिये 119 करोड़ के पैकेज की व्यवस्था भी की गई है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जोड़ा जा रहा है। अनाथ बच्चों के लिये वात्सल्य योजना तथा गरीब महिलाओं के लिये महालक्ष्मी किट योजना शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा स्वयं को स्वरोजगार से जोड़कर रोजगार देने वाले बनें इसके लिये अनेक स्वरोजगार देने वाले बनें इसके लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आदि के तहत युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसके शिविरों का आयोजन ऋण एवं अन्य स्वीकृतियां जारी करने का कार्य आरम्भ किया जा रहा है। 24 हजार सरकार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ की गई इससे भी युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का राज्य के प्रति भावनात्मक लगाव है। राज्य के विकास हेतु अनेक योजनायें स्वीकृत की है। चार धाम सड़क योजना भारत माला परियोजना के अन्तर्गत अच्छी सड़कों का निर्माण हो रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन राज्य में आवागमन एवं पर्यटन विकास को मजबूती देने वाले हैं। चार धाम यात्रा शुरू हो गई है। इससे यात्रा से जुड़े व्यवसायियों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बेहतर कार्य संस्कृति तथा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन नीतियों के सरलीकरण के बल पर राज्य के सर्वांगीण विकास के प्रति हम प्रयासरत हैं।

पाकिस्तानी नागरिक की जमानत याचिका खारिज

भारत की जासूसी करने वाले पाकिस्तानी नागरिक की जमानत याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। जासूसी के आरोपी पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली उर्फ असद अली उर्फ अजीत सिंह निवासी लाहौर, पाकिस्तान की सजा को कोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि उसकी जमानत के बांड को निरस्त करे और उसे हिरासत में लें। वर्तमान में वह रुड़की में रह रहा है।
बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ जासूसी के आरोप में तमाम सबूत हैं। उसने पासपोर्ट एक्ट का भी दुरुपयोग किया है। मामले में पूर्व में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया

क्या था मामला
दरअसल 25 जनवरी 2010 को महाकुंभ के दौरान हरिद्वार पुलिस ने आबिद अली को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, विदेशी नागरिक एक्ट और पासपोर्ट एक्ट में रुड़की से गिरफ्तार किया था। उसके पास से मेरठ, देहरादून, रुड़की सहित अनेक स्थानों पर स्थित सैन्य संस्थानों के नक्शे, अनेक संदिग्ध और गोपनीय दस्तावेज, पेन ड्राइव आदि सामग्री बरामद हुई थी। रुड़की में उसके निवास स्थान पर पुलिस के छापे में बिजली की फिटिंग के बोर्ड और पंखे में छिपाकर रखे गए एक दर्जन सिमकार्ड भी मिले थे।इस मामले में एफआईआर दर्ज होने और मुकदमे के बाद दिसंबर 2012 में निचली अदालत ने उसे दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई थी। सजा के विरुद्ध अभियुक्त की ओर से अपील दायर की गई थी जिस पर सुनवाई के बाद जुलाई 2013 में अपर जिला जज (द्वितीय) हरिद्वार ने उसे बरी करने के आदेश पारित किए। इस पर जेल अधीक्षक ने कोर्ट तथा एसएसपी को सूचित किया कि अभियुक्त के विदेशी नागरिक होने के चलते उसकी रिहाई से पूर्व उसका व्यक्तिगत जमानत बांड व अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी आवश्यक हैं।

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