आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए 25 प्रतिशत बेड रखने होंगे आरक्षित

राज्य अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में पंजीकृत निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का उपचार निशुल्क किया जाएगा। गोल्डन कार्ड धारकों के उपचार का खर्च सरकार तय दरों के आधार पर ही करेगी। साथ ही पंजीकृत अस्पतालों को 25 प्रतिशत बेड आरक्षित भी रखने होंगे।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि गोल्डन कार्ड पर पंजीकृत निजी अस्पतालों में कोरोना का मुफ्त इलाज किया जाएगा। सरकार ने अटल आयुष्मान योजना में प्रदेश के 23 लाख परिवारों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी है।

प्रदेश में लगभग 40 लाख से अधिक लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। जिन पात्र लाभार्थियों ने अभी तक गोल्डन कार्ड नहीं बनाया है, उन्हें भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। अस्पताल में आरोग्य मित्रों के माध्यम से ऐसे लाभार्थियों का तुरंत गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा। 

निर्धारित दर से ज्यादा वसूला तो कोविड-19 एक्ट के तहत होगी कार्रवाई 

राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के उपचार की अनुमति देने के बाद इलाज की दरें तय कर दी हैं। कोरोना की गंभीर स्थिति और सुविधा के अनुसार निजी अस्पताल इलाज का खर्च मरीजों से वसूल सकेंगे। एनएबीएच से मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता वाले निजी अस्पतालों में आठ हजार से 18 हजार रुपये तक दरें तय की गई है। 
सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने बुधवार को इलाज के लिए तय दरों के आदेश जारी किए हैं। सरकार की ओर निर्धारित दरों से ज्यादा इलाज का खर्च वसूलने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ कोविड-19 एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश सरकार ने केंद्र की ओर से नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पाल की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर इलाज की दरों को लागू किया है। नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हास्पिटल(एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में आईसोलेशन बेड का प्रतिदिन 10 हजार रुपये(1200 रुपये पीपीई किट खर्च समेत), बिना वेटीलेंटर के आईसीयू बेड का 15 हजार (दो हजार रुपये पीपीई किट समेत), आईसीयू वेटीलेंटर का 18 हजार रुपये तय किया है।
जिसमें दो हजार रुपये पीपीई किट का खर्च भी शामिल है। इसी तरह एनएबीएच से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में आईसोलेशन बेड का आठ, हजार, आईसीयू का 13000, आईसीयू वेटीलेंटर का 15000 रुपये तय किया है। इसमें पीपीई किट का खर्च भी शामिल होगा। 
कोविड इलाज के लिए तय दरों में बेड, भोजन, निगरानी, नर्सिंग देखभाल, डॉक्टरों का परामर्श शुल्क, सैंपल जांच भी शामिल है। इसके लिए निजी अस्पताल मरीज से अलग से शुल्क नहीं लेंगे। इलाज में अस्पतालों को केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन करना होगा।

कोरोना की पुष्टि के बाद विधायक हुए आइसोलेट

कोरोना संक्रमण प्रदेश में लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि यहां मरीजों की रिकवरी दर करीब 68 प्रतिशत के आस-पास बनी हुई है, लेकिन अब आम से लेकर खास लोगों को भी कोरोना से जूझना पड़ रहा है। अब देहरादून के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा विधायक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। वहीं दूसरी पौड़ी विधायक मुकेश कोली के गनर भी कोरोना की चपेट में आया है।
धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने अपने सोशल मीडिया में कोरोना पॉजीटिव होने की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा है कि उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। ऐसे में उनके संपर्क में आने वाले सभी लोग अपनी जांच करवा लें। इसके अलावा पौड़ी के विधायक मुकेश कोली के गनर भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। कोली ने भी इसकी जनकारी अपने सोशल मीडिया पर साझा की है। उन्होंने कहा है कि उनके गनर गंभीर टम्टा की कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। जिसके बाद उनका और उनके पूरे स्टाफ का कोरोना टेस्ट लिया गया है। उन्होंने अपील करते हुए कहा है कि जब जरूरी हो, तभी घर से बाहर निकलें व बेवजह बाजारों में न जाएं। घर पर रहें, सुरक्षित रहें। इसके अलावा देहरादून स्थित सचिवालय के एक अपर सचिव भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जिसके बाद उनका कार्यालय बंद कर दिया गया है।
संक्रमण की आशंका को देखते हुए सचिवालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम इन सभी जगहों पर सघन सैनिटाइजेशन के कार्य में जुटी हुई है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

कभी प्रधानमंत्री की लाइन में थे, लेकिन किस्मत ने बनाया महामहिम

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं रहे। आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी बेटे अभिजीत ने ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्वीट किया, “भारी मन के साथ आपको सूचित करना है कि मेरे पिता जी प्रणब मुखर्जी का अभी हाल ही में आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत में लोगों से प्रार्थना, दुआओं और प्रार्थनाओं के बावजूद निधन हो गया है! मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।”
पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व कांग्रेस चीफ राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं और अन्य हस्तियों ने दुख प्रकट किया और आत्मा की शांति की कामना की। दरअसल, मुखर्जी की तबीयत सोमवार को और खराब हो गया थी। उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा था। यह शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं। सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल ने बताया था कि मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर पर हैं। इलाज विशेषज्ञों की एक टीम कर रही है। पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था।
2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी को राजनीतिक गलियारों में ‘प्रणब दा’ या ‘दादा’ के नाम से भी पुकारा जाता रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे प्रणब दा नेहरू-गांधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में रहे थे। हालांकि, 1990 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने प्रणब दा को प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया था। यह दावा कांग्रेस के दिवंगत नेता और गांधी परिवार के नजदीकी नेताओं में शामिल रहे एम एल फोतेदार ने अपनी किताब ‘द चिनार लीव्ज’ में किया है।
किताब में लिखा गया है कि 1990 में वी. पी. सिंह की सरकार गिरने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण चाहते थे कि सरकार कांग्रेस की बने और उसका नेतृत्व प्रणब मुखर्जी करें लेकिन राजीव गाँधी राष्ट्रपति की इस राय के पूरी तरह से खिलाफ थे। किताब में एम एल फोतेदार ने लिखा है कि वी पी सिंह के इस्तीफे के बाद राजनीतिक रायशुमारी के लिए उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण से मुलाकात की थी।मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि अगली सरकार के लिए राजीव गांधी को प्रणब मुखर्जी का समर्थन करना चाहिए।
फोतेदार लिखते हैं, “मैंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह अगली सरकार के गठन के लिए राजीव गांधी को आमंत्रित करें क्योंकि कांग्रेस लोकसभा का अकेला सबसे बड़ा दल है।” इस पर राष्ट्रपति ने यह कहा कि मुझे (फोतेदार) राजीव गाँधी को बताना चाहिए कि अगर वह प्रधानमंत्री पद के लिए प्रणब मुखर्जी का समर्थन करते हैं तो वह उसी शाम को उन्हें शपथ दिला देंगे।
फोतेदार ने किताब में आगे लिखा है, “मैंने जब राष्ट्रपति वेंकटरमण की कही गई सारी बातें राजीव जी को बताई तो वे काफी आश्चर्यचकित हुए। चूँकि कांग्रेस पार्टी के पास ज्यादा विकल्प नहीं थे, इसलिए राजीव गांधी ने चंद्रशेखर को बाहर से समर्थन देने वाला विवादित फैसला लिया।” इस तरह प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए

अब निजी अस्पताल भी कर सकेंगे कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज

राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने की छूट दे दी है। अब निजी चिकित्सा विश्वविद्यालय और कॉलेज से संबद्ध अस्पताल भी संक्रमित मरीज का इलाज कर सकेंगे। सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। 
प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 21 अगस्त को गाइडलाइन जारी की थी, लेकिन प्रदेश में नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों को ही कोरोना मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी गई थी। प्रदेश में एनएबीएच से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों की संख्या मात्र तीन है। सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी की ओर से जारी आदेश के अनुसार निजी चिकित्सा विश्वविद्यालय और कॉलेजों से संबद्ध निजी अस्पतालों को भी कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने की अनुमति दे दी गई है।
अस्पतालों को वास्तविक और न्यूनतम दरों पर ही कोरोना मरीज का इलाज करना होगा। वहीं, केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। सरकार की ओर से दी गई छूट से अब प्रदेश में कई निजी अस्पताल कोरोना मरीज का इलाज कर सकेंगे।

भगत के कोरोना संक्रमित होने से नेता, कार्यकर्ता और पत्रकारों में चिंतित

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत कोरोना संक्रमित हुए हैं। उन्होंने यह जानकारी अपने सोशल मीडिया पर साझा की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने पिछले सप्ताह उनके संपर्क में आए सभी पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं से कोरोना टेस्ट करवाने की अपील भी की है। बता दें कि बंशीधर भगत के बेटे विकास भगत की कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी।
सूत्रों के अनुसार, विकास भगत को तीन दिन से बुखार था। उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में प्राइवेट रूम में भर्ती किया गया। उनका सैंपल जांच को भेजा गया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई। विकास भाजयुमो में प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ ही विधायक प्रतिनिधि भी हैं। एसटीएच के एमएस डॉ. जोशी ने बताया कि विकास भगत की हालत ठीक है।
वहीं अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के बंशीधर भगत व उनके बेटे की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन सभी लोगों में चिंता है जो उनके गृह प्रवेश की पार्टी में शामिल हुए थे। भगत ने 21 अगस्त को यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास में गृह प्रवेश पर सहभोज का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में उनके बेटे भी थे। हालांकि कहा जा रहा है कि कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया था। सभी अतिथि आयोजन में मास्क लगाकर पहुंचे थे। कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सरकार के कुछ मंत्री और पत्रकार भी मौजूद थे। इतना ही नहीं राष्ट्रीय महामंत्री संगठन शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार, पार्टी के प्रदेश महामंत्री, प्रदेश मीडिया प्रभारी व कई अन्य नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की थी।
इसके बाद भगत ने 24 अगस्त को मीडिया कर्मियों को सहभोज के लिए आमंत्रित किया था। इसी आयोजन के दौरान उन्होंने विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन की पार्टी में वापसी कराई थी।

गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ने से गर्भवती महिला की हालत बिगड़ी

ऊधमसिंह नगर में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। सरकारी अस्पताल की महिला लैब टेक्नीशियन ने गर्भवती का ब्लड ग्रुप गलत बताया और निजी अस्पताल ने भी ब्लड ग्रुप की बगैर जांच किए बिना महिला को ब्लड चढ़ा दिया। परिजनों का आरोप है कि गलत ग्रुप का ब्लड चढ़ने से महिला की हालत बिगड़ गई। 
ग्राम गढ़ी हुसैन निवासी अजय कुमार ने विधायक आदेश चैहान को दिए पत्र में बताया कि उसकी पत्नी सविता रानी गर्भवती थी। प्रसव के लिए उसके गांव की आशा कार्यकर्ता ने सरकारी अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मातृ एवं बाल सुरक्षा कार्ड बनवाया था। उसने बताया कि ब्लड ग्रुप चेक करने वाली लैब तकनीशियन ने उसकी पत्नी के कार्ड पर उसका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव लिख दिया, जबकि उसका ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव है। 5 मई 2020 को सरिता को ग्राम पंचायत की आशा कार्यकर्ता सरकारी अस्पताल साथ लेकर आई थी। महिला डॉक्टर से बात करने के बाद आशा कार्यकर्ता ने उसके शरीर में ब्लड की कमी बताकर प्रसव न होने की जानकारी दी।
उसके बाद वह सरिता को नगर के एक निजी अस्पताल में ले गया। अस्पताल की महिला डॉक्टर ने ब्लड मंगवाकर चढ़ा दिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। वह पत्नी को पीएचसी पतरामपुर ले गया, जहां से हालत गंभीर होने पर उसे रेफर कर दिया। वह अपनी पत्नी को लेकर मुरादाबाद पहुंचा। वहां एक निजी अस्पताल में जांच कराने पर ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव पाया गया। गलत ग्रुप का खून चढ़ने से उसकी पत्नी की हालत बिगड़ी है। उसने बताया कि घर बेचकर उसे पत्नी का इलाज कराना पड़ा। इस शिकायती पत्र को पढ़ने के बाद विधायक आदेश चैहान ने सरकारी अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई और घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। वहां पर एसडीएम सुंदर सिंह भी मौजूद रहे।

आखिर इंदिरा ने मुख्यमंत्री को कौन सा पद छोड़ने की नसीहत दी

नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश ने राज्य में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के विरोध में एक दिन का उपवास रखकर धरना दिया। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग छोड़ देना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सीएम के पास विभाग होने के बावजूद पूरे उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। कोरोना संक्रमित अस्पताल जाने तक से डर रहे हैं। उन्हें डर है कि अस्पताल जाने पर उन्हें इलाज तो नहीं मिलेगा मगर लापरवाहियों के कारण उनकी जान जरूर चली जाएगी। पहाड़ों में न संक्रमितों को इलाज मिल रहा है और न बाकी रोगों से जूझ रहे लोगों को। पहाड़ के जिलों में गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड तक नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा को 56 विधायकों में एक स्वास्थ्य मंत्री नहीं मिल पा रहा है तो ऐसी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं, उपवास में पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीशचंद्र दुर्गापाल ने कहा, कोरोनाकाल में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसके पास इलाज का कोई विकल्प नहीं है। एआईसीसी सदस्य सुमित हृदयेश ने कहा कि कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। पांच माह से अस्पताल में बाकी सुविधाएं बंद है। पहाड़ों में इलाज पहले उपलब्ध नहीं था। अब एकमात्र इलाज का सहारा भी छिन गया है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेश शर्मा ने कहा कि कोरोना के नाम पर सरकारी की सभी योजनाएं जनता के साथ छलावा साबित हो रही हैं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।

एहतियात के तौर पर मुख्यमंत्री होम क्वारंटीन हुए

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के वाहन चालक और निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि मुख्यमंत्री का टेस्ट निगेटिव आया है। लेकिन उन्होंने एहतियात के तौर पर खुद को क्वारंटीन कर लिया है। इसे देखते हुए बुधवार को होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक भी स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने उनके चालक व पीएसओ के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की है। फिलहाल मुख्यमंत्री ने अपने सभी कार्यक्रम व बैठकें स्थगित कर दी हैं। मंगलवार अपराह्न साढ़े तीन बजे उन्हें राज्य के सभी बैंकर्स व जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार के संबंध में बैठक करनी थी। लेकिन यह बैठक उनकी जगह अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी ने ली। 
इसके साथ ही बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक भी स्थगित हो गई है। अब यह बैठक दो सितंबर को होगी। इस संबंध में गोपन विभाग ने कैबिनेट बैठक का नया नोटिस जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री फिलहाल सेल्फ क्वारंटीन रहेंगे। इससे पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी और आर्थिक सलाहकार भी कोरोना संक्रमित पाए जा चुके हैं। 
वहीं मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मेरे चालक और पीएसओ कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मेरी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। कैबिनेट बैठक में ज्यादा विषय नहीं थे। उन्हें अगली कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा।

दूरस्थ क्षेत्रों में लैब तक सैपंल भेजने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेः सीएम

कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाये जाय। टेस्टिंग और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। दूरस्थ क्षेत्रों से टेस्टिंग लैब में सैंपल भेजने में देरी हो रही है, हेलीकॉप्टर से भी भेज सकते हैं। यह सुनिश्चित किया जाय की टेस्टिंग में देरी न हो। सर्विलांस सिस्टम मजबूत किया जाय। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के लिए बनाये गये ‘चिकित्सा सेतु’ मोबाईल एप्प लांच किया। इस मोबाईल एप्प को डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, सुरक्षा कर्मी पुलिस तथा कोरोना ड्यूटी में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इस अवसर पर होम आइसोलेशन पर बनाये गये एप्प आरोग्य रक्षक के बारे में प्रस्तुतीकरण भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण काफी लोग बेरोजगार हुए हैं। राज्य में बेरोजगारों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं की लोगों को पूरी जानकारी हो इसका जनपद स्तर पर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। जिलाधिकारी सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं विभागीय अधिकारियों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचायें। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाय। सीएम सोलर स्वरोजगार योजना जल्द शुरू की जायेगी। 10 हजार लोगों को इस योजना के तहत रोजगार दिया जायेगा। मोटर, बाईक, टैक्सी योजना भी राज्य में जल्द शुरू की जायेगी। पाईन निडिल पॉलिसी में पाईन निडिल से बिजली पैदा करने एवं चारकोल पैदा करने के अच्छे प्रोजक्ट हैं, इनके बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाय। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जिलाधिकारी बैंकर्स के साथ बैठकर सुनियोजित योजना बनाये। जल्द ही राज्य स्तर पर बैंकर्स के साथ बैठक की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड का प्रभाव कब तक रहता है, इसकी कोई निश्चित समयावधि नहीं है। उत्तराखण्ड के जो लोग बाहर के राज्यों से आये हैं, उनमें से अधिकांश लोग प्रदेश में ही काम करना चाहेंगे। हमें रोजगार एवं स्वरोजगार के विकल्प तलाशने होंगे। लोगों को काम मिले इसके लिए जिला योजना एवं राज्य सेक्टर में फण्ड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को भी उपनल के माध्यम से सेवायोजित करने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों के फोन कॉल अवश्य रिसीव करें। किसी कार्य या मीटिंग में व्यस्त होने पर भी लोगों को इसकी जानकारी दे दें, और उसके बाद उन्हें वापस कॉल करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि लोगों को फोन कॉल्स का रिस्पांस मिले। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि डेंगू से बचाव के लिए नियमित जागरूकता के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय। किसी भी स्थान या लोगों के घरों में साफ पानी जमा न हो इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाय।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना को कम्यूनिटी स्प्रेड से रोकना जरूरी है। देहरादून, हरिद्वार,, ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल जनपद में विशेष सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी नैनीताल ने जो जीआईएस मैपिंग बेस्ड सॉफ्टवेयर तैयार किया है, यह सॉफ्टवेयर बहुत उपयोगी है। एनआईसी द्वारा इस सॉफ्टवेयर को परिस्कृत किया जाय। चारों मैदानी जनपदों में जल्द इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाय। कन्टनमेंट जोन बनाने में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्र से आने वाले लोगों, माइग्रेन्टर, को-मॉर्बिड की शत प्रतिशत सैंपलिंग की जाय। सर्विलांस की एक्टिविटी पर गंभीरता से ध्यान दिया जाय। आईसीयू, आक्सीजन सपोर्ट बैड एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की पूर्ण उपलब्धता रखी जाय। जिलाधिकारी कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल भी चिन्हित कर लें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन अस्पतालों में टेंस्टिंग की जा सके और लोगों का ईलाज हो। प्रत्येक जनपद में एक ऐसा सेंटर बनाया जाय जहां पर हाई रिस्क क्षेत्र एवं बाहर से आने वालों की सैंपलिंग हो सके। कोविड केयर सेंटर में खाने, रहने एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। पेशेंट को हॉस्पिटल लाने के लिए एम्बुलेंस एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

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