धामी की प्रशंसा कर युवा मुख्यमंत्री को बैटिंग करने के लिए पूरा समय देने की मांग की

केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकारी ने थारू राजकीय इण्टर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखंड के बारे में पूरे देश में कहा जाता है कि यह देवों की भूमि है। देश-विदेश की जनता उत्तराखंड को देव भूमि और राज्य की जनता को देव तुल्य मानती है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री यह हमारे आस्था, श्रद्धा के प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यहां केवल उत्तराखंड के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से लोग आते है। हमारी पवित्र गंगा का उद्गम स्थान भी उत्तराखंड में है और मेरा यह सौभाग्य रहा है गंगा को अविरल और निर्मल करने की जिम्मेदारी मुझे मिली और उसका मेरे द्वारा 25000 करोड़ रुपए के अविरल निर्मल गंगा के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट में कार्य किया जा रहा है जिसका 80 प्रतिशत कार्य मेरे कार्यकाल में पूरा हुआ।
उन्होंने बताया कि जब-जब उत्तराखंड में पार्टी अध्यक्ष के रूप में आता था सब यही कहते थे कि हमारे रोड सुधर जाएंगे तो उत्तराखंड का विकास होगा। अमेरिका प्रेसिडेंट जॉन कैनेडी ने कहा था अमेरिका अमीर है इस कारण सड़के अच्छी नहीं है बल्कि यहां की सड़के अच्छी है जिसकी वजह से देश अमीर है। जब मुझे पीएम मोदी के नेतृत्व में रोड एवं परिवहन मंत्रालय मिला तो मैंने तय किया था कि उत्तराखंड को मैं दो लाख करोड़ रुपए दूंगा अभी तक आपने जो विकास देखा है वह एक ट्रेलर था फिल्म अभी शुरू होनी बाकी है। मै इतना ही कहना चाहूंगा कि 2014 से 2021 तक हमने 21 सौ किलोमीटर की नई सड़क बनाई है और उसका मजबूती करण का काम किया है। उन्होंने बताया कि 2022 में 123 किलोमीटर सड़क उन्न्यन का काम अवॉर्ड हो जाएगा और करीब 1353 किलोमीटर सड़क में कर्ण का कार्य होगा। उन्होंने कहा कि 2024 तक 2500 किलोमीटर का काम पूरा करके दो लाख करोड़ का काम पूरा करेंगे। खटीमा आने वाले समय में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, यह क्षेत्र आने वाले समय में विश्व मानचित्र पर होगा। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जाने वाले इसी रास्ते से जाते हैं और मैं आपको विश्वास देता हूं आज से 1 साल के अंदर कैलाश मानसरोवर यात्रा पर आप सब रोड से जा सकोगे, रोड मैं आपको बना कर दूंगा। उन्होंने कहा कि टनकपुर से पिथौरागढ़ तक कनेक्टिविटी हो गई है, पिथौरागढ़ से लिपुलेख तक सड़क निर्माण का कार्य अभी चल रहा है, टनकपुर से लिपुलेख एक सड़क निर्माण कार्य हो रहा है यह 376 का किलोमीटर है और इस पर 5000 करोड़ रूपया खर्च कर रहे हैं, यहां से सीधा मानसरोवर जा सकेंगे। टनकपुर से पिथौरागढ़ 162 किलोमीटर 1640 करोड़ रुपए खर्च करके 125 किलोमीटर का काम हो गया है और बाकी काम 2022 तक पूरा हो जाएगा पिथौरागढ़ से लिपुलेख 204 किलोमीटर तक 31 सौ करोड़ रूपये खर्च कर रहे हैं, यह काम बीआरओ द्वारा कराया जा रहा है और यह काम 1 साल में पूरा हो जाएगा।
सिमली-मुन्स्यारी-जौलजीबी-ग्वालदम तक सड़क चौड़ीकरण करने की घोषणा की और कहा कि इस परियोजना को भारतमाला परियोजना मे शामिल कर लिया गया है जिस पर 6 हजार करोड़ रूपये खर्च कर रहे है। खटीमा रिंगरोड निर्माण हेतु चकरपुर-कालापुर होते हुए टेढ़ाघाट वाया पहेनिया बाईपास का निर्माण भारतमाला परियोजना मे लिया जायेगा। खटीमा से पूरनपुर मार्ग को एनएच किया जायेगा, खटीमा चौराहे से थारू विकास भवन तक एनओसी क्लीयर कर दी जायेगी। पीलीभीत मार्ग से टनकपुर मार्ग मे बाहर बाईपास भी बनाया जायेगा। नजीमाबाद से अफजलगढ तक ग्रीनफील्ड न्यू बाईपास का बनाया जायेगा, हल्द्वानी से काठगोदाम और लालकुआं तक बायपास बनाने, हल्द्वानी-ग्वालदम सड़क निर्माण की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि रोड कनेक्टिविटी से दिल्ली नजदीक आ गई हैं, 603 करोड़ की लागत से 35 किलोमीटर अस्कोट-लिपुलेख सड़क निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। रामेश्वर से अल्मोड़ा तक 2 लेन का डीपीआर तैयार हो गया है जिसका आगामी 6 माह मे कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। हल्द्वानी से कर्णप्रयाग तक 250 किलोमीटर सड़क ऑलवेदर बनाई जा रही है। उन्होने कहा कि आज से 2 साल बाद देहरादून से दिल्ली का सफर कोई भी फ्लाईट से जाना पंसद नही करेंगे। आने वाले समय मे गाड़ियों की स्पीड बढ़ाने का भी कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सड़क निर्माण क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों एवं प्रस्तावित कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
गडकरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ करते हुए कहा कि युवा मुख्यमंत्री दिखने में ही नही काम में भी स्मार्ट हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण से राज्य पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान को और अधिक मजबूत कर सकेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में भी रोजगार के नए-नए अवसर उपलब्ध होंगे।
केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकारी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद स्मारक पहुॅचकर शहीदों को पुष्पचक्र एवं पुष्पांजलि अर्पित की तथा शहीदों के परिवारों से वार्ता की।
इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को रोड कनेक्टिविटी के क्षेत्र में क्रांति लाने वाला व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा आपके मंत्री के रूप में काम करने से सड़कों के क्षेत्र में जो विकास हुआ है वह किसी से छुपा नहीं है। उन्होंने कहा आज देश में रोड कनेक्टिविटी की परिभाषा को गडकरी ने एक नया आयाम दिया है।उन्होंने कहा सडकों और इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की महाराष्ट्र से शुरू हुई आपकी यात्रा आज भी निरंतर जारी है और देश का हर राज्य आपकी बनाई योजनाओं से लाभान्वित हो रहा है। उन्होंने कहा आदरणीय नितिन गडकरी विजन के साथ काम करने वाले जननेता हैं और देश में सड़क, एक्सप्रेसवे और फ्लाईओवर निर्माण का जितना कार्य आपके निर्देशन में हुआ है उतना पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि गड़करी एक व्यापक सोच के साथ देश के आधारभूत ढांचे को विकसित करने का कार्य कर रहे है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में सहकारिता विभाग द्वारा 166 स्वयं सहायता समूहों को 213.50 लाख रूपये के चौक वितरित किये गये।
इस दौरान केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने भी अपने-अपने विचार रखे।

खटीमा में सीएम ने किया सरकारी अस्पताल का औचक निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नागरिक चिकित्सालय खटीमा का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में भर्ती मरीजों तथा उनके तीमारदारों से भी बात की। मुख्यमंत्री ने मरीजों व तीमारदारों से चिकित्सालय में उपलब्ध कराई जा रही विभिन्न चिकित्सा सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली। तीमारदारों द्वारा चिकित्सालय में उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सा सुविधाओं का संतोष व्यक्त किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बोइंग संस्थान द्वारा एयर इंडिया के माध्यम से नागरिक चिकित्सालय खटीमा को उपलब्ध कराई गई सीटी स्कैन मशीन के बारे में विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को चिकित्सालय में सीटी स्कैन की सुविधा शीघ्रता से मुहैया कराने हेतु तेजी से कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने आँखों के स्वास्थ्य परीक्षण से संबंधित उपकरण शीघ्र स्थापित करने के निर्देश भी दिए।

सीएम पहुंचे खटीमा, किया विकास कार्यो का निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा पहुंचकर खटीमा में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों एवं निर्माण कार्याे का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने खटीमा बाईपास निर्माण कार्य के निरीक्षण के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों को 15 फरवरी तक बाईपास निर्माण कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने तथा कर्मचारियों की संख्या बढ़ाते हुए कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि निर्माण कार्य को 15 फरवरी तक पूर्ण किया जा सके और जनता को शीघ्रता से बाईपास निर्माण कार्य का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री धामी ने रोड़वेज निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण के दौरान अभियंताओं को निर्माण कार्य मे तेजी लाने, गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नानकमत्ता हत्याकांड का खुलासा करने पर डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत व जांच टीम की पीठ थपथपाई। इसके साथ ही उन्होंने खुलासा करने वाली टीम को 2.50 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की।

उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएगा-प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हल्द्वानी (नैनीताल) में आयोजित कार्यक्रम में कुल 17 हजार 547 करोड रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 3 हजार 420 करोड रूपए़ की 6 योजनाओं का लोकार्पण औरं 14 हजार 127 करोड़ रूपए की 17 योजनाओं का शिलान्यास किया।

उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएगा
प्रधानमंत्री ने विकास परियोजनाओं के लिए उत्तराखण्ड की जनता को बधाई देते हुए कहा कि आज कुमाऊ आने का सौभाग्य मिला तो कई पुरानी यादें ताजा हो गई हैं। ये इतनी आत्मीयता से आपने जो उत्तराखंडी टोपी मुझे पहनाई गई है, वो उसे पहनकर मुझे गर्व का अनुभव हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को युवा, कर्मठ और लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में तेजी से हो रहे विकास को और तेजी से करना है। उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएगा। उत्तराखंड में बढ़ रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, चार धाम महापरियोजना, नए बन रहे रेल रूट्स, इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाएंगे।

आपके सपने, हमारे संकल्प
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके सपने, हमारे संकल्प हैं, आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है, और आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं। उत्तराखंड तेज विकास की रफ्तार को और तेज करना चाहता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मिट्टी की ताकत को जानता हूं। बढ़ रहा इन्फ्रास्ट्रक्चर, चारधाम परियोजना, रेल परियोजना, नये हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट, बढ़ रही औद्योगिक क्षमता, टूरिज्म सेक्टर में बढ़ रही सुविधाएं, होम स्टे, प्राकृतिक खेती, हर्बल उत्पाद से ये दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। सबका साथ, सबका विकास से उत्तराखण्ड और देश का विकास हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एम्स के सैटेलाईट सेंटर और पिथौरागढ़ के मेडिकल कालेज से कुमाऊं और तराई क्षेत्र के लोगों के लिए विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। विभिन्न सड़क प्रोजेक्ट कुमाऊं को बेहतर कनेक्टीवीटी देंगे। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन पर भी जल्दी से काम शुरू होगा। ये सभी शिलान्यास, पत्थर मात्र नहीं हैं, ये हमारी संकल्प शिलाएं हैं। जिन्हें कि हमारी सरकार सिद्ध करके दिखाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी को नये साल की एक और सौगात दी जाएगी। हल्द्वानी के ऑवरऑल विकास के लिए 2 हजार करोड़ की योजनाएं लाएंगे जिससे यहां अभूतपूर्व विकास होगा।

दशकों से लटकी परियोजनाएं हो रही पूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड से कितनी ही नदियां निकलती हैं। आजादी के बाद से ही, यहां के लोगों ने दो धाराएं और देखी हैं। एक धारा है- पहाड़ को विकास से वंचित रखने की। और दूसरी धारा है- पहाड़ के विकास के लिए दिन रात एक कर देने की। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम किसी ऐतिहासिक स्थल पर जाते हैं तो वहां हमें ये बताया जाता है कि इस स्थान को इतने साल पहले बनाया गया था, ये इमारत इतनी पुरानी है। दशकों तक देश का ये हाल रहा है कि बड़ी योजनाओं की बात आते ही कहा जाता था- ये योजना इतने साल से अटकी है, ये प्रोजेक्ट इतने दशक से अधूरा है। आज यहां उत्तराखंड में जिस लखवाड़ प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है, उसका भी यही इतिहास है। इस परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है।

गंगोत्री से गंगासागर तक स्वच्छ भारत मिशन
प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं। शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम से और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेजी से कम हो रही है। केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल टेलीस्कोप भी स्थापित की है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है।

सेना और सैनिकों को मजबूत किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के हर पहलू को अनदेखा किया गया। हमारी सेना और सैनिकों को सिर्फ और सिर्फ इंतजार ही कराया। पहले की सरकारों ने सीमावर्ती राज्य होने के बावजूद कैसे इस क्षेत्र की अनदेखी की, ये राष्ट्ररक्षा के लिए संतानों को समर्पित करने वाली कुमाऊं की वीर माताएं भूली नहीं हैं। हमारी सरकार ने सैनिकों का मान बढ़ाया। उनकी वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा किया। उच्च कोटि के हथियार उपलब्ध कराकर सेना को मजबूत किया। अब हमारी सेना को दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए अनुमति का इंतजार नहीं करना पड़ता।
प्रधानमंत्री ने कुमाऊँनी बोली में नये साल और घुघुतिया त्यौहार की बधाई भी दी।

प्रधानमंत्री भारतीय संस्कृति की पताका विश्व में लहरा रहे-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री, स्वामी विवेकानंद की तरह भारतीय संस्कृति की पताका को पूरे विश्व में लहरा रहे हैं, सरदार वल्लभभाई पटेल की तरह राष्ट्र को सुदृढ़ एवं संगठित बना रहे हैं, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तरह दलितों एवं वंचितों की चिंता कर रहे हैं और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के आदर्शों पर चलते हुए अंत्योदय के स्वप्न को साकार करने के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जिस कठिन परिश्रम द्वारा भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के प्रति प्रयत्नशील है वह न केवल मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति को और अधिक परिश्रम करने के लिए प्रेरित करता है बल्कि सवा सौ करोड़ भारतीयों में आशा एवं विश्वास का बीज रोपित करता है।

कोरोना महामारी में किये गये कार्यों की विश्वभर में हुई सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारत द्वारा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किए जा रहे कार्यों की न केवल डब्ल्यूएचओ जैसे संगठनों ने सराहना की है बल्कि अन्य देश भी भारत द्वारा दिखाए गए अदम्य साहस, विश्वास एवं जीवटता की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया है, वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा। सर्वस्पर्शी विकास को लेकर प्रधानमंत्री जी की सोच कितनी व्यापक है ये नमामि गंगे, स्वच्छता अभियान, नई शिक्षा नीति, इन्द्रधनुष योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड जैसी अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदर्शित होता है।

राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त, धारा 370 का दाग मिटा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व का ही कमाल है कि आज जहां एक ओर धारा 370 का काला दाग भारतीय संविधान से मिटा, वहीं भारत के राष्ट्र पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। इसके साथ-साथ आज हम देखते हैं भव्य और दिव्य काशी का जो स्वप्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने देखा था वो स्वप्न प्रधानमंत्री के नेतृत्व में साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अयोध्या एवं काशी के कायाकल्प के साथ-साथ केदारपुरी के पुनर्निर्माण की यात्रा भी अत्यन्त ही रोचक है। जिस यात्रा का साक्षी मैं स्वयं भी हूं।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड उन्नति पथ पर अग्रसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की विकास केंद्रित नीतियों पर चलकर ही आज उत्तराखण्ड उन्नति की राह पर अग्रसर है। उत्तराखंड के सतत विकास के प्रति यह आदरणीय प्रधानमंत्री के समर्पण का ही नतीजा है कि आज उनके द्वारा साढ़े सत्रह हजार करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया है। जिसमें पांच हजार सात सौ सैंतालीस करोड़ रूपये की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना भी शामिल है। इस परियोजना से 300 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होगा जिससे हमारा प्रदेश न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में एक ’’पावर हाउस’’ बनेगा बल्कि हमारे यहां बड़े स्तर पर रोजगारों का सृजन भी होगा। साथ ही साथ इस परियोजना से 6 राज्यों को पीने का पानी भी उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे नजूल का मुद्दा हो, बंगाली समाज को पूर्वी पाकिस्तानी शब्द सम्बोधन से मुक्त करना हो या गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाना हो, हमारी सरकार इन सभी समस्याओं को प्रधानमंत्री के ही सहयोग से दूर कर सकी है। केन्द्र सरकार की ओर से कुमाऊं संभाग में लगभग 500 करोड़ से अधिक की लागत से एम्स का सेटेलाईट सेंटर के प्रारम्भ होने के पश्चात उत्तराखण्ड भारत का वह पहला राज्य बन जाएगा जहां एम्स के अतिरिक्त एम्स का सेटेलाइट सेंटर भी स्थापित होगा। पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों तक उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से 455 करोड़ रुपये की लागत से पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज के निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। सरकार चारधाम कॉरिडोर की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र में मानस खंड कॉरिडोर बनाने के लिए भी प्रयासरत है। इससे जहां एक ओर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर पूरे कुमाऊं के आधारभूत ढांचे को भी बल मिलेगा।

सपने हो रहे साकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमने कनेक्टिविटी को विकास का मूल मानकर कार्य किया है। पहाड़ पर रेल का जो स्वप्न उत्तराखण्ड की कई पीढ़ियां वर्षों से देख रहीं थीं वो भी अब साकार होता प्रतीत हो रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन परियोजना भी इसी का एक उदाहरण है। विगत चौवालिस वर्षों से लंबित जमरानी बांध एवं पेयजल योजना प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से शीघ्र ही प्रारम्भ होने जा रही है। हल्द्वानी में एकीकृत शहरी मूलभूत ढांचे के विकास (इन्टीग्रेटेड अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इन हल्द्वानी) के लिए केन्द्र सरकार के गंभीर प्रयासों से लगभग इक्कीस सौ करोड़ रूपये स्वीकृत हुए हैं। एक तरफ राज्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का काम किया जा रहा है वहीं पर्यटन, रोजगार और पलायन जैसे विषयों पर भी ठोस रणनीति बना कर प्रो एक्टिव मोड़ में कार्य किये जा रहे हैं। हमारी होम स्टे योजना पर्यटन और पर्यटन केंद्रित रोजगार के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रही है।

जनरल बिपिन रावत के सपनों को पूरा कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत का असमय हमारे बीच से चले जाना जहां एक ओर देश और प्रदेश की अपूरणीय क्षति है, वहीं मेरे लिए भी यह एक निजी क्षति है। उनके दो ही ध्येय थे, सेना का सुदृढीकरण और उत्तराखंड की उन्नति। इन्हीं दो उद्देश्यों को लेकर हमारी केन्द्र व राज्य सरकारें निरन्तर कार्य कर रही हैं। आज हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सेना का मनोबल और उसका आत्मसम्मान लगातार बढ़ रहा है। आधुनिक हथियारों और साजो सामान से जहां सेना को और भी अधिक सशक्त बनाया जा रहा है वहीं उन्हें दुश्मन को जवाब देने के लिए अब दिल्ली की ओर भी नहीं देखना पड़ता। गलवान घाटी हो या कश्मीर से लेकर कच्छ तक का इलाका… आज हमारे बहादुर सैनिक दुश्मन को उसी की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देते हैं। आज सीमा से सटे इलाकों में जिस प्रकार से सड़कों और पुलों को निर्माण किया जा रहा है वो भी अपने आप में अभूतपूर्व है।

वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को बनाएंगे श्रेष्ठ राज्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हर विभाग से अगले दस साल का रोड मैप मंगवाया है, ताकि हम भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य के विकास का खाका खींच सकें। उत्तराखण्ड को लेकर हमारी नीति और नीयत… दोनों ही स्पष्ट हैं, ईमानदार हैं। आज हमारा उत्तराखण्ड विकास चाहता है… हमारा उत्तराखण्ड संभावनाओं से भरा आकाश चाहता है… हमारा उत्तराखण्ड अपने सपनों को साकार करना चाहता है और भाईयो-बहनो, उत्तराखण्ड फिर एक बार हमारी सरकार चाहता है। जिस विकास पथ पर अपना उत्तराखण्ड बढ़ चला है, हमें इस यात्रा को रुकने नहीं देना है। हमने अपने प्रदेश को, राज्य की रजत जयंती वर्ष 2025 तक भारत का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है। हम ’’विकल्प रहित संकल्प’’ के मंत्र के अनुयायी हैं और उत्तराखण्ड के विकास के लिए यही हमारा अंतिम ध्येय है।

लोकार्पण
1. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 पर नगीना से काशीपुर कुल 99 किलोमीटर में सड़क का चौड़ीकरण : इस पर कुल 2536 करोड़ रूपये की लागत आई है। इसमें 6 बड़े ब्रिज, 19 छोटे ब्रिज, 2 रेलवे ओवरब्रिज और 36 अंडरपास बनाए गए हैं। इससे यात्रियों को आने जाने में समय व ईंधन की बचत होगी। ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी। क्षेत्र में पर्यटन, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। इससे रोजगार के अवसरों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष बढ़ोतरी होगी।

2. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 पर टनकपुर-पिथौरागढ़ रोड़ पर च्युरानी से ऐंकोली 32 किलोमीटर मे सड़क चौड़ीकरण : ऑल वेदर रोड़ प्रोजेक्ट के अंतर्गत इस पर 284 करोड़ रूपए की लागत आई है। इस मार्ग के निर्माण से जनपद पिथौरागढ़ की चीन से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा में सैन्य आवागमन की सुलभता के साथ-साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भी ऑलवेदर उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।

3. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 पर टनकपुर-पिथौरागढ़ रोड़ पर बिलखेत से चम्पावत-29 किलोमीटर मे सड़क चौड़ीकरण : इस पर 267 करोड़ रूपए की लागत आई है। इस मार्ग के निर्माण से भी जनपद पिथौरागढ़ की चीन से लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा में सैन्य आवागमन की सुलभता के साथ-साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भी ऑलवेदर उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।

4. राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 125 पर टनकपुर-पिथौरागढ़ रोड़ पर तिलोन से च्युरानी-28 किलोमीटर मे सड़क चौड़ीकरण : इस पर 233 करोड़ रूपए की लागत आई है। राज्य के दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इसका काफी लाभ मिलेगा। इसका सामरिक महत्व के साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा की दृष्टि से भी महत्व है।

5. सुरिनगाड फेज- II जलविद्युत परियोजना : मुन्स्यारी, पिथौरागढ़ में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम की रन ऑफ रिवर परियोजना‘सुरिनगाड फेज- II जलविद्युत परियोजना’ का निर्माण किया गया है। 5 मेगावाट विद्युत क्षमता की इस परियोजना पर 50 करोड़ रूपए की लागत आई है। इससे विद्युत उत्पादन के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

6. नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत 50 करोड़ रुपए की लागत से रामनगर, नैनीताल में सीवरेज कार्य : नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत 50 करोड़ रुपए की लागत से रामनगर, नैनीताल में 7 एमएलडी और 1.5 एमएलडी क्षमता के दो सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट एवं तत्सम्बन्धी कार्यो का निर्माण किया जा चुका है, जिसके अन्तर्गत 06 नालो को टैप कर इन्हें निर्मित एसटीपी से जोड़ा गया है। इससे कोसी नदी को प्रदूषित होने से रोका गया है।

शिलान्यास
1. लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति से दशकों से लम्बित राष्ट्रीय महत्व की परियोजना लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना अब साकार होने जा रही है। इसके जलाशय में 330 मिलियन क्यूबिक मीटरसंचित जल से उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्यों को सिंचाई एवं पीने के पानी की आपूर्ति होगी। साथ ही यमुना नदी के पुनरूद्धिकरण की दिशा में प्रगति होगी। लगभग 33 हजार 780 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई होगी। इस परियोजना से 300 मेगावाट जलविद्युत का भी उत्पादन होगा। परियोजना की कुल लागत 5747 करोड़ रूपए है। इससे ऊपरी यमुना क्षेत्र के विकास के साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

2. मुरादाबाद-काशीपुर 4 लेन रोड : कुल 4002 करोड़ रूपए की लागत से 85.3 किलोमीटर लम्बाई की 4 लेन मुरादाबाद-काशीपुर रोड राज्य के कुमांयू व गढ़वाल की कनैक्टीविटी को मजबूत करेगी। कार्बेट जाने में इससे 1.5 घंटे की बचत होगी। इसमें मुरादाबाद एवं काशीपुर बाईपास इस हाईवे पर निर्बाध यातायात सुनिश्चित करेगा। राज्य के कुमांऊ व तराई क्षेत्र के लिए यह एक बडी देन है।

3. जल जीवन मिशन के तहत 73 जलापूर्ति योजनाएं : प्रधानमंत्री द्वारा हर घर को नल से जल के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना 15 अगस्त, 2019 को प्रारम्भ की गई है। उत्तराखण्ड में जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2023 तक हर ग्रामीण घर को नल से जल उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें बहुत तेजी से कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में 15 लाख 18 हजार ग्रामीण घरों के सापेक्ष 7 लाख 50 हजार से अधिक घरों को पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। शेष को भी निर्धारित समय से पानी का कनेक्शन देने के लिए तेजी से प्रयास किये जा रहे है। इसी के तहत 13 जिलों में 73 पम्पिंग पेयजल योजनाओं का शिलान्यास किया गया है, जिसकी कुल लागत 1250 करोड़ है, इन योजनाओं के निर्माण उपरान्त प्रदेश के 1 लाख 33 हजार ग्रामीण परिवार लाभान्वित होंगे। पर्वतीय जनपदों में ऊंचाई के क्षेत्र में पम्पिंग द्वारा पेयजल आपूर्ति पश्चात् ग्रामीणों का श्रम एवं समय की बचत होगी तथा पेयजल की उपलब्धता से पलायन की समस्या का भी समाधान होने के साथ होम स्टे में रोजगार के अवसर में वृद्धि होगी।

4. पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 133 सड़कों का डामरीकरण : प्रधानमंत्री द्वारा नेशनल हाईवे के निर्माण के साथ-साथ गांवों को भी सड़क मार्ग से जोड़ने का काम किया गया है। डबल इंजन सरकार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में उत्तराखण्ड में उल्लेखनीय कार्य हुए है। पी.एम.जी.एस.वाई के तहत कुल 627 करोड़ रूपए की लागत से प्रदेश में 133 सड़कों का डामरीकरण किया जायेगा। इनकी कुल लम्बाई 1157 किलोमीटर होगी। इससे निश्चित तौर पर राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

5. एम्स का सैटेलाइट सेंटर : ऊधमसिंहनगर में लगभग 500 करोड़ रूपये की लागत से एम्स का सैटेलाईट सेंटर स्थापित किया जा रहा है। यह उत्तराखण्ड को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की एक बड़ी सौगात है। ऊधमसिंहनगर में एम्स के सैटेलाईट सेंटर से राज्य के कुमांऊ व तराई क्षेत्र के लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एम्स ऋषिकेश, यहां के लोगों के लिए दूर पड़ता है। साथ ही उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी आने वाले जन-सामान्य को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल पायेगा।

6. जगजीवन राम राजकीय मेडिकल कालेज, पिथौरागढ़ : प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार के समय राज्य में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी विस्तार हुआ है। सरकार की कोशिश है कि राज्य के दूरस्थ व दुर्गम क्षेत्रों तक उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे। इसी क्रम में 455 करोड़ रूपए की लागत से जनपद पिथौरागढ़ में जगजीवन राम राजकीय मेडिकल कालेज बनाया जा रहा है।

7. पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 151 सेतु का निर्माण : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 151 सेतु बनाए जाएंगे। इन सभी कार्यों को सितम्बर, 2022 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। इन सेतुओं के निर्माण के फलस्वरूप निर्मित मार्गों पर बारहमासी यातायात की सुविधा में वृद्धि होगी। इससे प्रदेश की ग्रामीण कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

8. हरिद्वार व नैनीताल में जलापूर्ति योजनाएं : विश्व बैंक कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत पैरी अरबन क्षेत्रों हेतु हरिद्वार के जगजीतपुर, बहादराबाद व ढ़ढेरा जलापूर्ति योजना से 14 हजार 496 उपभोक्ता कनैक्शन दिये जाएंगे और 1,03,080 जनसंख्या लाभान्वित होगी। इससे मानको के अनुरुप क्वॉलिटी पानी की सतत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इसी प्रकार हल्द्वानी (नैनीताल) में गौजाजाली उत्तर जलापूर्ति योजना से 2 हजार 423 प्राइवेट उपभोक्ताओं को पानी के कनेक्शन दिये जाएंगे, जिससे 12 हजार 408 जनसंख्या लाभान्वित होगी। इससे मानकों के अनुरूप 24X7 क्वालिटी जल की सत्त आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

9. नमामि गंगे के अंतर्गत जनपद ऊधमसिंहनगर में नदी पुनरुद्धार : ऊधमसिंहनगर में 6 स्थानीय नदियों में प्रदूषण रोकने के लिए 9 एस.टी.पी. नमामि गंगे कार्यक्रम में स्वीकृत किये गये है, जिसके अन्तर्गत 17 नालों को टेप करके दूषित जल को इन एस.टी.पी. के द्वारा शोधित किया जाएगा। इस योजना में काम्प्रीहेन्सिव को-ट्रीटमेंट और स्लज ट्रीटमेंट सुविधा युक्त एस.टी.पी. का निर्माण किया जा रहा है, जो कि उत्तराखण्ड में इस प्रकार का पहला प्रोजेक्ट है। इसके अतिरिक्ति दूरवर्ती क्षेत्रों में 3 पैकेज्ड एस.टी.पी. भी स्थापित किये जाएंगे। इस पर कुल लागत 199 करोड़ रूपए आएगी।

10. प्रधानमंत्री आवास योजना में 2424 आवासीय इकाइयों का निर्माण : आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) एवं आवास विभाग उत्तराखण्ड सरकार की उत्तराखण्ड जनआवास योजना के अंतर्गत जिला उधमसिंह नगर के सितारगंज में 1168 आवास एवं काशीपुर में 1256 आवास कुल 2424 आवास अल्प आय वर्ग हेतु बनाए जा रहे हैं। उक्त आवासों के निर्माण में कुल रू. 171 करोड़ की लागत आयेगी। आगामी 02 वर्षों में यह आवास आवंटियों को निवास हेतु उपलब्ध हो जायेंगे। उक्त योजना में प्रति आवास मात्र रू0 6 लाख मूल्य के सापेक्ष प्रत्येक लाभार्थी को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत रू. 1 लाख 50 हजार तथा उत्तराखण्ड जनआवास योजना अंतर्गत रू. 1 लाख कुल रू. 2 लाख 50 हजार का अनुदान प्राप्त होगा। शेष रू. 3 लाख 50 हजार लाभार्थी द्वारा 02 वर्षों में निर्माण की प्रगति के सापेक्ष भुगतान किया जाना होगा। लाभार्थी के अंशदान हेतु बैंकों द्वारा गृह ऋण की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। इन परियोजनाओं में गेट बन्द कॉलोनी के साथ-साथ, सड़क, नाली, सीवर शोधक संयन्त्र, सामुदायिक सुविधायें, विद्युत एवं स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। इन परियोजनाओं के निर्माण से 2424 दुर्बल आय वर्ग के परिवारों का अपने घर का सपना पूर्ण हो सकेगा।

11. एरोमा पार्क : सगंध क्षेत्र के कृषकों की उपजों को स्थानीय स्तर पर बेहतर बाजार उपलब्ध कराने और उद्योगों को उनकी आवश्यकानुसार एकीकृत सुविधा उपलब्ध कराने के लिएसिडकुल द्वारा काशीपुर में 41 एकड़ में एरोमा पार्क विकसित किया जा रहा है। एरोमा पार्क में परीक्षण प्रयोगशाला सी.ई.टी.पी., लॉजिस्टिक एवं पार्किंग की सुविधाओं के साथ विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। 35 करोड़ रूपए की लागत से 6 माह में एरोमा पार्क का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा। एरोमा पार्क में 300 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश की सम्भावना है, जिससे 2500 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार का अवसर उपलब्ध होने के साथ राज्य के सगंध कृषकों को अपनी उपज का उचित बाजार उपलब्ध होगा।

12. नैनीताल में सीवरेज कार्य : प्रदेश के मुख्य पर्यटन नगरों में से एक नैनीताल शहर में रू. 77 करोड़ 58 लाख लागत की इस परियोजनामें 3.04 कि.मी. सीवर लाइन तथा 17.5 एम.एल.डी के सीवर शोधन संयंत्र के निर्माण से लगभग 50 हजार जनसंख्या लाभान्वित होगी। इस परियोजना के निर्माण से नैनीताल झील को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा। पर्यावरणीय दृष्टि से भी उपयोगी इस परियोजना के अन्तर्गत सीवर शोधन संयंत्र से प्राप्त शोधित जल को सिंचाई हेतु भी उपयोग किया जा सकेगा।

13. प्लास्टिक पार्क : भारत सरकार द्वारा घरेलू डाउन स्ट्रीम प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योगों की क्षमताओं को समेकित करने के लिए आवश्यकता आधारित प्लास्टिक पार्क योजना लागू की गई है। इसी के तहत सितारगंज में 40 एकड़ में प्लास्टिक औद्योगिक पार्क स्थापित किया जा रहा है। लगभग 66 करोड़ की लागत से इसमें आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। एक साल में इसे पूर्ण कर लिया जाएगा। यहां लगभग 250 करोड़ रूपये के निवेश की सम्भावना है, जिससे 2500 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

14. मदकोटा से हल्द्वानी सड़क सुदृढिकरण : केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अन्तर्गत गदरपुर-दिनेशपुर- मदकोटा- हल्द्वानी मोटरमार्ग (राज्य मार्ग सं.-5) को गदरपुर से हल्द्वानी तक दो-लेन पेव्ड शोल्डर सहित चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के कार्य हेतु 21.640 कि.मी. लम्बाई में रू. 58.06 करोड़ की लागत से निर्मित किया जा रहा है। यह मार्ग राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व इस क्षेत्र के अन्य प्रमुख मैदानी नगरों को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है। पर्यटन स्थल नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ, कैलाश मानसरोवर आदि दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। मार्ग के चौडीकरण से सिड़कुल इण्डस्ट्रीयल एरिया रूद्रपुर व इण्डस्ट्रीयल एरिया लालकुआ प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। साथ ही प्रस्तावित अमृतसर इकोनोमिक इण्डस्ट्रीयल कोरीडोर के लिए भी प्रमुख मार्ग के रूप में कार्य करेगा।

15. किच्छा से पंतनगर सड़क सुदृढ़िकरण : केन्द्रीय सड़क अवस्थापना निधि के अन्तर्गत जनपद ऊधमसिंहनगर में नगला-किच्छा राज्य मार्ग संख्या-44 (किच्छा पन्तनगर मोटर मार्ग) का दो-लेन में पेव्ड शोल्डर सहित चौड़ीकरण एवं सुद्वढीकरण के कार्य हेतु 17.700 कि.मी. लम्बाई में रू. 53 करोड़ 73 लाख की लागत से स्वीकृत है। यह मार्ग सिड़कुल इण्डस्ट्रीयल एरिया व इण्डस्ट्रीयल एरिया लालकुॅआ को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करेगा। साथ ही प्रस्तावित अमृतसर इकोनोमिक इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए प्रमुख मार्ग के रूप में कार्य करेगा।

16. किच्छा बाईपास : ऊधमसिंह नगर जिले में खटीमा बाईपास, कुमराहा गांव से प्रारम्भ होकर कुटारी गांव तक बनेगा। इस पर 1 बड़ा व 3 छोटे पुल प्रस्तावित हैं। 53 करोड़ की लागत से खटीमा बाईपास के निर्माण से यात्रियों के समय व ईंधन की बचत होगी। पिथौरागढ़ से बेहतर कनैक्टीविटी होगी। क्षेत्र का आर्थिक विकास होने से रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। नेपाल से कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा।

17. एशियन हाईवे के अंतर्गत नेपाल से कनेक्टीवीटी : एशियन हाईवे के अन्तर्गत नेपाल के साथ कनैक्टीविटी बढ़ाने के लिए 3.86 कि.मी. से लगभग 177 करोड़ रूपए की लागत से 4-लेन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 109 डी) का निर्माण किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 02 वी.यू.पी., 01 एल.यू.वी.पी., 01 बड़ा ब्रिज कम अंडरपास व 01 आर.ओ.बी का निर्माण किया जाएगा। इससे उत्तराखण्ड व नेपाल में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और बिना बाधा के यातायात व वस्तुओं का परिवहन होगा। इससे नेपाल के साथ आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और आपसी संबंध और भी मजबूत होंगे।

खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने जंगल सफारी भी की। सुरई ईकोटूरिज्म जोन प्रदेश का पहला ऐसा ईकोटूरिज्म जोन है, जहां पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र में ऊंचा स्थान दिलाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। जैव विविधता और वन्य जीवों की मौजूदगी वाले तराई पूर्वी वन प्रभाग को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर उसके सुरई वन क्षेत्र को इको टूरिज्म जोन के रूप में तब्दील किया जाएगा, ताकि यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का उपयोग स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करवाने में किया जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वन कानून की जटिलताओं के कारण वनों के आसपास रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसमें उनकी खेती भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि इस कठिनाई को समझते हुए हमने निर्णय लिया है कि वन और वन्य जीवों को आर्थिकी से जोड़ते हुए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे। इसी सोच के साथ हमने बीते 1 अक्टूबर 2021 को सीएम यंग ईकोप्रिन्योर योजना देहरादून में लॉच की थी। इस योजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। शुरुआत के तौर पर खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन विकसित कर उसमें जंगल सफारी प्रारम्भ की जा रही है। ग्राम समितियों के जरिए इस योजना का संचालन किया जाएगा। जंगल सफारी शुरू होने से जिप्सी मालिक, चालक और गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए वन विभाग ने 30 जिप्सी संचालकों के साथ करार किया है। गाइड की भूमिका का सही निर्वहन करने के लिए कई युवकों को वन विभाग इसका प्रशिक्षण दे चुका है। सुरई ईकोटूरिज्म जोन में पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। पूरे प्रदेश में इस योजना को विस्तार दिया जाएगा ताकि वनों, वन क्षेत्रों और वन्य जीवों को हम अपनी कमजोरी नहीं ताकत बना सकें। उन्होंने कहा कि सीएम यंग ईको प्रिन्योर स्कीम के अंतर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ईकोटूरिज़्म, वन्यजीव टूरिज़्म आधारित कौशल को उद्यम में परिवर्तित किया जाएगा।

सुरई ईकोटूरिज्म जोन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सुरई वनों की समृद्ध जैव विविधता को देखते हुए इसे क्षेत्र को सुरई इको टूरिज्म जोन (सुरई पारिस्थितिकी पर्यटन क्षेत्र) का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके दो लाभ होंगे पहला यह कि जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए जैव विविधता के धनी इसे क्षेत्र को संरक्षित किया जाएगा और दूसरा, इसके वन मार्गों को जंगल सफारी के लिए विकसित किए जाने से यहां रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। वन विभाग ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर काम करते हुए सुरई वन क्षेत्र के वन मार्गों को जैव विविधता ट्रेल के रूप में विकसित कर दिया है। यह क्षेत्र 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसके सीमा में पूर्व दिशा में शारदा सागर डैम, पश्चिम में खटीमा नगर, उत्तर में मेलाघाट रोड तथा दक्षिण में पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र सटा हुआ है। प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत इस वन क्षेत्र में साल के वृक्षों, चारागाह और पानी की प्रचुर मात्रा है। इन तमाम वजहों से यहां बाघों की आवाजाही बनी रहती है। इसके अलावा स्तनधारी जानवरों की लगभग 125, पक्षियों की 150 से अधिक और सरीसृपों को तकरीबन 20 प्रजातियां भी इस वन क्षेत्र में पाई जाती हैं। यहां के वन मार्गों को विकसित कर लगभग 40 किलोमीटर का ट्रेल जंगल सफारी के लिए तैयार कर लिया गया है, जिसमें जिप्सी में बैठकर पर्यटक दुर्लभ वन्य जीवों (रॉयल बंगाल टाइगर, भालू, चीतल, सांभर, काकड़, पैंगोलिन, कोरल सांप, पांडा आदि) का दीदार करने के साथ ही सुरम्य जंगलों, घास के मैदानों, प्राचीन शारदा नहर और सुन्दर तालाबों का लुत्फ उठा सकेंगे।

सीएम ने 7162 लाख रुपये की विकास योजनाओं की सौगात दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चकरपुर, खटीमा में 489.77 लाख की लागत से विधानसभा क्षेत्र नानकमत्ता में चंदेली ग्राम समूह पेयजल योजना, 332.26 लाख की जंगल जोगीठर ग्राम समूह पेयजल योजना, 262.51 लाख की हरैय्या ग्राम समूह पेयजल योजना, 492.94 लाख रुपए लागत की झनकट में ग्राम समूह पेयजल योजना, 385.67 लाख की विधानसभा क्षेत्र खटीमा में खेतलसंडा मुस्ताजर ग्राम समूह पेयजल योजना, 306.21 लाख रुपए की नानकमत्ता में ड्योढ़ी ग्राम समूह पेयजल योजना, 435.91 लाख रुपए की बरकी डाडी में समूह पेयजल योजना, 485.14 लाख के खिलड़िया बगूलिया ग्राम समूह पेयजल योजना, 441.17 लाख के ग्रागी ग्राम समूह पेयजल योजना, विधानसभा क्षेत्र खटीमा के ग्राम गोसीकुआँ में 494.96 लाख की लागत से ग्राम समूह पेयजल योजना, 358.91 लाख से राजस्व पुलिस उपनिरीक्षक एंव राजस्व निरीक्षक हेतु पुरानी तहसील में कार्यालय भवन का निर्माण एंव भवन निर्माण, 490.21 लाख से राजस्व पुलिस उपनिरीक्षक एंव राजस्व निरीक्षक हेतु आवासीय भवन का निर्माण, 39.69 लाख से बिलहरी चकरपुर के आंतरिक मार्ग में इंटरलॉकिंग टाइल्स द्वारा निर्माण कार्य, 57.89 लाख की लागत से नगला तराई मेन बाजार व प्राइमरी स्कूल से जूनियर हाईस्कूल तक इंटरलॉकिंग टाइल्स द्वारा मार्ग निर्माण, 999.20 लाख रुपए से खटीमा के अंतर्गत एनएच 125 के दिये एंव बाए 25-25 कुल 50 किमी मार्गों का पुनः निर्माण (हॉटमिक्स द्वारा) भाग-2, 964.20 लाख रुपए से खटीमा के अंतर्गत एनएच 125 के दिये एंव बाए 25-25 कुल 50 किमी मार्गों का पुनः निर्माण (हॉटमिक्स द्वारा) भाग-1, 125.65 लाख की लागत से खटीमा शहर के प्रमुख मार्ग सितारगंज रोड, टनकपुर रोड, मेलाघाट रोड में बाढ़़ सुरक्षा हेतु आरसीसी नाली निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड के साथ ही खटीमा विधानसभा का चौमुखी विकास कर रही है, यदि आज वे मुख्य सेवक की भूमिका में हैं तो इसका श्रेय खटीमा की जनता को जाता है। नामुमकिन से लगने वाले स्टेडियम का भूमि पूजन हो रहा है, यह विकास का जीता जागता उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बनखंडी महादेव एवं मां पूर्णागिरि के आशीर्वाद से इस स्टेडियम के स्वीकृति हेतु कोई भी बाधा नहीं आई और वे लगातार आगे भी इस स्टेडियम के विकास हेतु प्रयास करते रहेंगे। उन्होंने इन 5 महीनों का कार्यकाल उत्तराखण्ड के भाइयों-बहनों की सेवा हेतु समर्पित किया है। सभी घोषणाओं के वित्तीय प्रबंधन के साथ-साथ उन को धरातल में उतारने का कार्य किया है। राज्य सरकार ने महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की थी जिसे कैबिनेट के द्वारा स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि वे पहले से ही योजना बनाकर चल रहे हैं कि जो भी घोषणा उनके द्वारा की जाय वह धरातल पर अवश्य उतरेगी। सरकार द्वारा समाज के हर वर्गों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्य में नई खेल नीति लाई गई है। प्रत्येक घोषणा के लिए पूर्व सुनियोजित तरीके से वित्तीय खर्च का प्रबंधन किया जा रहा है, जिससे हमारी सारी घोषणाएं धरातल पर उतर रही हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चली आ रही मांगों को देखते हुए पी.आर.डी जवानों उपनल कर्मियों , ग्राम प्रधानों , आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों , भोजन माताओं का मानदेय बढ़ाने का कार्य किया गया है, मानदेय बढ़ाना सिर्फ धनराशि देना नहीं है बल्कि यह हमारी भावना है आप लोगों के प्रति और आपके सेवा भाव के प्रति। उन्होंने कहा कि हमारा एक-एक पल, एक-एक क्षण राज्य राज्य की 125 लाख की जनता को समर्पित है।

सीएम ने किया खटीमा में सैनिक मिलन केन्द्र और सीएसडी कैंटीन का भूमि पूजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में 162.26 लाख की लागत से बन रहे सैनिक मिलन केंद्र एवं 7 करोड़ 15 लाख की लागत से बन रहे सीएसडी कैंटीन का भूमि पूजन किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने खटीमा के ग्राम देवकला बनमुड़िया नाले में बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जाने, ग्राम देवरी बाबा दरियानाथ प्रांगण में बहुउद्देशीय भवन निर्माण, ग्राम बिगराबाग, देवरी में आन्तरिक सी०सी० मार्ग निर्माण, नगर पालिका क्षेत्र खटीमा एल्केमिस्ट रोड वार्ड न० 12 आन्तरिक सी०सी० मार्ग निर्माण, सितारगंज रोड क्रॉसिंग से 4-। नहर बाई पटरी में 2 किलोमीटर तक मार्ग निर्माण, सितारगंज रोड परिहार मेडिकल स्टोर से आनंद आर्या के घर तक नाली व सी०सी० मार्ग निर्माण, ग्राम मझोला गाँव में झील से लेकर पोलीगंज की ओर 3 कि०मी० बड़े नाले का निर्माण, एवं खेतलखण्डा खाम वार्ड न. 12 पंचधाम कॉलोनी में मंदिर निर्माण किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कार्यदायी संस्था के अभियंताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए तथा निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ किए जाएं। उन्होंने कहा कि सैनिक मिलन केंद्र तथा सीएसडी कैंटीन का डिजाइन भव्य व आकर्षक होना चाहिए। सीएसडी कैंटीन के खोलने हेतु स्वर्गीय जनरल विपिन रावत जी द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई थी, हम स्वर्गीय रावत जी को नमन करते हैं। उन्होंने सीएसडी कैंटीन निर्माण की मांग को सहजता और सरलता से स्वीकार करते हुए कार्य किया था। उन्होंने कहा कि जनरल रावत राज्य कि शान व सैनिकों की जान थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आलोचनाओं से आगे बढ़ने तथा लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि किसी को भी आलोचनाओं से घबराए बिना अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहना चाहिए। इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उत्तराखंड में सरफ़ेस हाइड्रो कायनेटिक परियोजना का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पवलगढ में सरफ़ेस हाइड्रो कायनेटिक परियोजना का शुभारम्भ किया। यह परियोजना पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विकास खण्ड कोटाबाग के पवलगढ में कहा कि देव भूमि उत्तराखंड सम्पूर्ण विश्व में अपने परम पावन चार धाम, माँ गंगा, जिम कॉर्बेट तथा हमारे राज्य की विशिष्ठ परम्पराओं, धार्मिक संस्कृति के लिए जाना जाता है। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद, उत्तराखंड सम्पूर्ण विश्व में पूर्ण स्वदेशी सरफ़ेस हाइड्रो कायनेटिक टरबाइन तकनीक का प्रथम उपयोगकर्ता के रूप में भी जाना जाएगा जो की मेरे साथ-साथ समस्त उत्तराखंडियों के लिए एक गर्व का विषय है। आज रामनगर वन प्रभाग में ऊर्जा उत्पादन की जो तकनीक संचालित हो रही है वो 100 प्रतिशत पर्यावरण प्रदूषण मुक्त है तथा छोटी से छोटी पहाड़ी गूल से लेकर उत्तराखंड से निकलने वाली बड़ी से बड़ी नदियों से बिना कोई बांध बनाए या पानी को रोके चौबीसों घंटे, सातों दिन, बारह महीने सतत विद्युत् उत्पादन, न्यूनतम लागत में करने में सक्षम है। उन्होने कहा कि मुझे बताया गया है कि मेकलेक पिछले 8 वर्षों से उत्तराखंड में कार्यरत है एवं उनके अनुसार उत्तराखंड की नदियों तथा प्रवाहित जल धाराओं से लगभग 1500 मेगावाट विद्युत का उत्पादन उनके द्वारा निर्मित स्वदेशी सरफ़ेस हाइड्रो कायनेटिक तकनीक के माध्यम से किया जा सकता है क्योकि भारत की अधिकांश बारहमासी नदियों का उद्गम उत्तराखंड से ही होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उतराखंड सरकार ने युवाओं को स्वरोज़गार के लिए प्रेरित करने का हर सम्भव प्रयास किया है और ऐसी अनेकों अनुकरणीय योजनाओं का आरंभ किया है उसी के परिणाम स्वरूप उत्तराखंड का युवा आज कुछ अलग करने के जज्बे से मेहनत कर रहा है जिसका ही एक जीवंत उदाहरण आज हमारे बीच में है। उन्होंने कहा कि 15 किलोवाट विद्युत उत्पादन की सरफ़ेस हाइड्रो कायनेटिक परियोजना जिसका संचालन पवलगढ़ के ऐतिहासिक 111 वर्ष पुराने वन विश्राम भवन के प्रांगण में हुआ है, यह कोई साधारण जल विद्युत परियोजना का आरंभ मात्र नहीं है, यह देश के दो युवा वैज्ञानिकों नारायण तथा बलराम भारद्वाज की लगभग दस वर्षों के अथक परिश्रम से निर्मित पूर्णतः स्वदेशी तकनीक के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक नए युग का आग़ाज़ है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि वन विभाग उत्तराखंड सरकार के सहयोग से प्रारम्भ हुआ यह नवीन ऊर्जा का युग यहाँ रुकने वाला नहीं है। देश के हर राज्य के साथ-साथ सम्पूर्ण विश्व की सरकारें उत्तराखंड सरकार की इस पहल का अनुसरण करते हुए बिना किसी पर्यावरण प्रदूषण तथा नदियों एवं वन्य जीवन को बचाते हुए इस स्वदेशी तकनीक का उपयोग कर 100 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी उत्पादित करने की योजना पर कार्य प्रारम्भ करेगी। उन्होने कहा कि पवलगढ़ में ही देख लीजिए, यह जो छोटी सी गूल यहाँ से बैल पड़ाव जा रही है ना जाने कितने किसानो के खेतों से हो कर जा रही है। अगर ऐसी छोटी-छोटी टरबाइन उस हर किसान को दे दी जाए जिसका खेत ऐसी नहर या नदी के आस-पास है तो में आशा करता हूँ वो हर किसान ऊर्जा के लिए आत्मनिर्भर हो जाएगा। हमारी सरकार, देश के यशस्वी प्रधान सेवक नरेंद्र भाई मोदी के “सबका साथ-सबका विकास” के सपने को साकार करने का हर संभव प्रयास उत्तराखंड की जनता के लिए करती आयी है और आगे भी करती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड के मेरे किसान भाइयों तथा उन सभी पहाड़ी गावों के लिए इस स्वदेशी टरबाइन तकनीक का उपयोग कर एक ऐसी ऐतिहासिक योजना ले कर आएगी जिस से हर किसान के पास खुद का पावर प्लांट होगा और “हर किसान को पानी, हर घर को बिजली” उत्तराखंड राज्य की स्थापना से ले कर आज तक की सबसे कम दरों पर उपलब्ध होगा। मेरा मानना है कि सस्ती तथा अनवरत ऊर्जा की उपलब्धता हर क्षेत्र के विकास के लिए सबसे अहम संसाधन है। इसलिए आगामी योजनाओं में हमारी सरकार पहाड़ी गावों में भी नवीन उद्योगों का मार्ग प्रशस्त करने और रोज़गार के नवीन अवसर उत्पन्न करने के लिए “हर उद्यम के लिए सुगम ऊर्जा” योजना का प्रारूप तैयार करने के लिए कार्य करेगी जिसमें इस स्वदेशी तकनीक का भी समुचित उपयोग किया जाएगा। उन्होने कहा कि इस स्वदेशी तकनीक से उत्तराखंड वन विभाग को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक डॉ पराग मधुकर धकाते की पहल का में स्वागत करता हूँ ओर आशा करता हूँ कि वन विभाग उत्तराखंड इस तकनीक का उपयोग वन विभाग के अंतर्गत उन सभी स्थानो पर करेगा जहां इस तरह की बहती हुई जल धारायें उपलब्ध है। मेने ये अनुभव किया है कि उत्तराखंड के वनों में लगने वाली आग का एक बड़ा कारण जंगलों से हो कर जाने वाली बिजली की खुली तारों से हुए शॉर्ट सर्किट भी हो सकता है। आस पास की छोटी बड़ी नदियों नहरों से स्थानीय रूप से ही पर्यावरण तथा वन्य जीवों को बिना कोई नुक़सान पहुँचाये विद्युत उत्पादन की उत्तराखंड वन विभाग की यह पहल पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी और जंगलों से जाने वाली बिजली की तारों का उपयोग सीमित करेगी जिस से वन विभाग का राजस्व बचेगा, जंगल आग से बचेंगे और जंगली जानवर तथा वन कर्मी करेंट लगने के ख़तरे से बचेंगे। इस ऐतिहासिक विश्व प्रथम स्वदेशी सूक्ष्म जल विद्युत परियोजना को मूर्तरूप देने की दिशा में अपना सहयोग देने के लिए में समस्त मेकलेक टीम के साथ-साथ मुख्य वन संरक्षक (कुमाऊँ) तेजस्विनी पाटिल, वन संरक्षक (हल्द्वानी सर्कल) दीपचंद आर्या, प्रभागीय वन अधिकारी चंद्र शेखर जोशी, रेंज अधिकारी (देचौरी रेंज) ललित जोशी एंव समस्त वन कर्मियों को बधाई देता हूँ। जनप्रतिनिधियों व जनता द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिए गए। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री द्वारा विश्राम गृह लाइब्रेरी का भी निरीक्षण किया।

रोजगार मेले में मुख्यमंत्री ने 42 युवाओं को दिए नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत एवं संसदीय कार्य, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने संयुक्त रूप से वृहद कौशल एवं सेवायोजन रोजगार मेले का दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 42 युवाओं एवं युवतियों को नियुक्ति पत्र भी प्रदान किये।
कौशल रोजगार मेले मे जनपदों से आये युवाओं एवं युवतियों को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी युवा ऊर्जावान हैं। युवा जिन क्षेत्रों में जायें वहां आपका नेतृत्व हो यही हमारी कामना है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पूरे प्रदेश के जनपदों में रोजगार मेले का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इन मेलों से युवाओं को रोजगार के अवसर मिल रहे है। रोजगार मेले के लिए प्रदेश के बेरोजगार युवा घर बैठे पंजीकरण करा सकते है। मुख्यमंत्री ने कहा सरकार का मुख्य उद्देश्य रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार को बढाना है। उन्होंने कहा प्रदेश मे 3700 होम स्टे पंजीकृत हैं जिसके अन्तर्गत 8000 युवा एवं युवतियों को स्वरोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा प्रदेश मे लम्बे समय से पुलिस विभाग की भर्तियां नहीं निकली थी, सरकार ने 1764 पुलिस की भर्तियां निकाल दी हैं इसके साथ ही सभी विभागों की भर्तियां प्रारम्भ हो चुकी है। उन्होने कहा जिन विभागों में पद रिक्त है जल्दी से जल्दी भरने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा सरकार रोजगार के साथ-साथ स्वरोजगार के लिए वीर चन्द्र गढ़वाली योजना में धनराशि को 25 लाख तक बढ़ाने का प्रावधान किया है साथ ही होमस्टे में और सब्सिडी बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा सरकार ने सरकारी नौकरियों के लिए एक वर्ष की आयु सीमा बढ़ा दी है तथा प्रदेश में परीक्षा के फार्म के आवेदन शुल्क भरने के लिए आवेदक को कोई शुल्क नहीं देना होगा इसके साथ ही आईएएस, पीसीएस, एमबीबीएस, लोक सेवा आयोग की तैयारियों हेतु जो बच्चे प्री-क्वालीफाई कर देते है उन्हें आगे की तैयारियों हेतु 50 हजार रूपये सरकार द्वारा दिये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा वोकल फॉर लोकल के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। सरकार इसके लिए क्षेत्रीय उत्पादों को बाजार तक लाने के लिए स्वयं सहायता समूहों के द्वारा इसको बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा इसके लिए सरकार कृत संकल्प है।
एचएन इन्टर कॉलेज मे वृहद कौशल एवं सेवायोजन मेले में प्रदेश की 35 कंपनियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। रोजगार मेले में विभिन्न जनपदों से आये 1150 युवा एवं युवतियों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। इस अवसर पर तीन कम्पनियों द्वारा 162 युवाओं का वर्चुअल ऑनलाइन इंटरव्यू कर 7 लोगों की नियुक्ति दी गई।
इसके उपरांत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने होटल क्रिस्टल परिसर में बतौर मुख्य अतिथि दीप प्रज्वलित करते हुये कार्यक्रम का शुभारम्भ कर प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएं एवं बधाई दी। उन्होंने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। व्यापार मण्डल द्वारा मुख्यमंत्री का स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि व्यापारियों की जो भी मांग है सरकार उनकी मांगों को पूरा करने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्येक वर्ग के हित के लिए कार्य कर रही है। व्यापार प्रदेश के विकास के लिए अहम है। इस अवसर पर नवनिर्वाचित अध्यक्ष योगेश शर्मा, उपाध्यक्ष सचिन गुप्ता, महामंत्री मनोज,गीता काण्डपाल संदीप सक्सेना आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश अध्यक्ष नवीन शर्मा द्वारा किया गया।
रोजगार मेले में महापौर डॉ जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, अध्यक्ष जिला पंचायत बेला तोलिया, जिलाध्यक्ष भाजपा, प्रदीप बिष्ट, ब्लाक प्रमुख रूपा देवी, प्रकाश हर्बाेला, शंकर कोरंगा के अलावा आयुक्त दीपक रावत, डीआईजी नीलेश आन्नद भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल,एसएसपी पंकज भटट,निदेशक सेवायोजन प्रशिक्षण विनोद गिरी गोस्वामी, संयुक्त निदेशक जेएम नेगी, उपनिदेशक चन्द्रकान्ता, स्मिता अग्रवाल, सहायक निदेशक वाई एस रावत, ममता चौहान, जिला सेवायोजन अधिकारी राजेश दुर्गापाल के साथ ही जनपदों से आये हजारों की संख्या में युवा एवं युवती रोजगार मेले में उपस्थित रहे।

ओपन यूनिवर्सिटी के छठें दीक्षांत समारोह में छात्रों को मिली डिग्रीयां

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के लिए स्वायत्तता तथा जवाबदेही दोनों ही जरूरी है। हमें उत्तरदायित्व से भी आगे बढ़कर स्व-उत्तरदायित्व की ओर जाना है। आत्मानुशासन बहुत जरूरी है। हमें अपने सिस्टम को इतना मजबूत बनाना है कि उसमें लीकेज के लिए कोई जगह न बचे।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि) गुरमीत सिंह, मंगलवार को हल्द्वानी में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे। अतिथियों द्वारा वैदिक मंत्रों के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया गया।
राज्यपाल ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के छठे दीक्षांत समारोह के अवसर पर 44 मेधावी छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। राज्यपाल ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपने सोच विचार का स्तर बढ़ाएं, स्वयं पर भरोसा रखें साथ ही टीम वर्क में विश्वास रखें। सभी युवाओं से अपील की कि भारतीय संविधान में बताए हुए मौलिक कर्तव्य को पढ़े, समझे और उनका पालन करें। उन्होने कहा कि विद्यार्थियों का अर्जित ज्ञान तभी सार्थक होगा जब इसका लाभ समाज को मिलेगा, आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत, डिजिटल भारत, समृद्ध भारत जैसे राष्ट्रीय अभियानों को सफल बनाने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
राज्यपाल ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय की व्यवस्था एक लचीली, सरल और सुगम व्यवस्था है। उन्होने कहा कि सर्वे के अनुसार देश में उच्च शिक्षा के कुल पंजीकरण में 10 प्रतिशत से अधिक डिस्टेंस एजुकेशन का है। यह शिक्षा पद्धति शिक्षा प्राप्त करने का आदर्श माध्यम है। उन्होने कहा कि कोरोना के दौर ने हमें बहुत कुछ सिखा दिया है। ऑनलाइन और डिजिटल एजुकेशन का प्रचलन बढ़ गया है, आज यह हमारी जरूरत बन गई है, इससे मुक्त विश्वविद्यालय की अवधारणा को और भी अधिक मजबूती मिली है। शिक्षा तंत्र को डिजिटल और वर्चुअल मोड पर और भी अधिक मजबूत बनाने के लिए कार्य करना होगा। उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इसे राज्य के हर कोने तक पहुंचाना होगा। राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के दूरदराज इलाकों में डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से उच्च शिक्षा पहुंचाने का लक्ष्य पूरा किया जा सकता है। उत्तराखंड के पर्वतीय तथा सीमांत क्षेत्रों के लिए डिस्टेंस एजुकेशन एक वरदान है।
राज्यपाल ने कहा कि डिस्टेंस एजुकेशन का पाठ्यक्रम नवीनतम, अद्यतन, प्रभावी तथा प्रासंगिक होना जरूरी है, पाठ्य सामग्री उच्च स्तरीय ज्ञान,गुणवत्तापूर्ण व बेहद सरल भाषा में होनी चाहिए।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सच्चिदानंद भारती तथा प्रसिद्ध फोटोग्राफर अनूप शाह को मानद उपाधि से सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि सच्चिदानंद भारती राज्य में रिवर्स माइग्रेशन, वन तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। रिवर्स माइग्रेशन उत्तराखंड के लिए ज्वलंत मुद्दा है। उन्होंने कहा कि प्रसिद्ध फोटोग्राफर अनूप शाह ने अपनी उत्कृष्ट फोटोग्राफी के माध्यम से उत्तराखंड के संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक सुंदरता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उन्हें सम्मानित करके मैं स्वयं गर्व का अनुभव कर रहा हूं। उन्होंने सभी पदक विजेताओं को बधाई देते हुए सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं दी व शुभ समृद्धि कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि मैं इस छठे दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर गौरव का अनुभव कर रहा हूॅ। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की आवश्यकताओं को देखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का उद्देश्य चिंतनशील बहुमुखी प्रतिभा वाले रचनात्मक व्यक्तियों का विकास करना होना चाहिए। व्यक्तियो की समग्र विकास के उद्देश्य के लिए यह आवश्यक है कि विद्यालय शिक्षा से उच्चतर शिक्षा तक सीखने के प्रत्येक चरण में कौशल और मूल्यों का एक निर्धारित प्रारूप शामिल हो। इस दिशा में केन्द्र सरकार निरन्तर कार्यरत रही है। उन्होने कहा भारत विश्व का गुरू रहा है गुरू-शिष्य व गुरुकुल की परम्परा सिर्फ भारत में है। विश्व को शिक्षा पद्धति व ज्ञान देने का काम भारत ने किया है। धामी ने कहा कि वर्तमान अच्छा होगा तो निश्चित ही भविष्य भी अच्छा होगा। इसलिए वर्तमान को सक्षम बनाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नई खेल नीति बनाई गई है अब किसी भी बच्चे में योग्यता व क्षमता है तो उन्हे सरकार हर तरह से सहायता करेगी। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि 21 वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक है जब प्रदेश 25 वर्ष का होगा अपने रजत जयन्ती मना रहा होगा तब हमारा प्रदेश देश में अग्रणी प्रदेश होगा। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्व विद्यालय में आईटी अकादमी को विकसित करने में पूर्ण सहयोग दिया जायेगा तथा देहरादून में भी मुक्त विश्वविद्यालय का भी सशक्त परिसर बनाने में सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग दिया जायेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दीक्षा समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से बनाई गई नई शिक्षा नीति में सबको अच्छी शिक्षा, रोजगार परक शिक्षा, क्रेडिट बेस शिक्षा, चॉइस बेस शिक्षा,गुणात्मक शिक्षा को प्रमुखता दी गई है। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में बच्चों को टेबलेट देने की घोषणा की थी जिसका जीओ हो गया है जनवरी में टेबलेट की धनराशि डीबीटी के माध्यम से बच्चो के खाते डाले जायेगे। बच्चे अपने पसंद अनुसार खरीद सकेगे। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत व अभिनन्दन किया।
कुलपति ओपी एस नेगी ने विस्तृत रूप से मुक्त विश्व विद्यालय के पाठ्यक्रमों, क्रियाकलापों की विस्तृत जानकारियां दी। उन्होने बताया कि इन दीक्षांत समारोह में 36 स्नातकों एंव परास्नातकों को स्वर्ण पदक, 3 को कुलाधिपति स्वर्ण पदक व 3 को स्मृति पदक के साथ ही 28432 को पदक वितरित किये गये। उन्होने बताया कि मुक्त विश्व विद्यालय में सरकार के सहयोग से 26 करोड़ धनराशि से अधिक के निर्माण कार्य प्रगति पर है।
कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, महापौर डॉ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, विधायक नवीन दुम्का, उपाध्यक्ष जिला पंचायत आनंद सिंह दरम्वाल, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, प्रकाश हर्बाेला, शंकर कोरोंगा, अनिल कपूर डब्बू, सहित मण्डलायुक्त दीपक रावत, डीआईजी निलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. संदीप तिवारी, कुलसचिव प्रो. एचएस नयाल, प्रो. गिरजा पाण्डे, प्रो. पीडी पंत, प्रो. जितेन्द्र पाण्डे,प्रो. रेनू प्रकाश, प्रो. आसी मिश्र सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रही।

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