पत्नी के पाॅजीटिव होने से एक दिन पहले कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे महाराज

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत कल कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव और अपर सचिव युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अमृता रावत की तबीयत खराब थी। शनिवार सुबह देहरादून की एक निजी लैब में उनकी कोरोना जांच की गई, देर शाम रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अमृता रावत की रिपोर्ट पाॅजीटिव आने की खबर से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। एक दिन पहले ही कैबिनेट में सतपाल महाराज शामिल हुए थे। ऐसे में राज्य की कैबिनेट और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों में चिंता होना लाजिमी है। सतपाल महाराज के कोविड टेस्ट के बाद ही कुछ स्थिति साफ हो पायेगी। क्योकि रिपोर्ट अगर पाॅजीटिव आती है तो नियमानुसार सभी को क्वारंटीन करना होगा। बता दें कि कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री भी शामिल थे। ऐसे में यह देश का पहला राज्य होगा जहां पूरी सरकार को ही क्वारंटीन होना पड़ेगा। लेकिन महाराज की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो यह सभी के लिए राहत की बात होगी।  
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली से मंत्री सतपाल महाराज से मिलने आए लोगों को मंत्री आवास में ही क्वांरटीन कर दिया गया था। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के घर के बाहर क्वारंटीन का स्टीकर भी चस्पा किया गया था। 
कुछ लोग दिल्ली से सतपाल महाराज से मिलने उनके सर्कुलर रोड स्थित घर पर आए थे। इसलिए केंद्र सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से महाराज के घर आए तीन लोगों को प्रशासन ने उनके आवास में ही होम क्वांरटीन कर दिया था। वहीं मंत्री ने अपना ऑफिस भी सरकारी आवास में शिफ्ट कर दिया था।

कांग्रेस के निशाने पर आएं महाराज
कांग्रेस पार्टी की ओर से सतपाल महाराज सहित पूरी कैबिनेट और मुख्यमंत्री को क्वारंटीन करने की मांग की गई है। साथ ही ऐसे अधिकारी जो बैठक में शामिल हुए उन्हें भी ऐतिहातन के तौर पर क्वारंटीन करने और सभी का सैंपल लेने की बात की जा रही है। सोशल मीडिया में भी महाराज की पत्नी के पाॅजीटिव पाये जाने पर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली।

मदन कौशिक पर बढ़ा दबाव
उत्तरी हरिद्वार में एक युवक के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के उपर दबाव बढ़ गया है। कारण यह कि युवक तीन दिन पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक समेत कई लोगों के संपर्क में आया था। दरअसल, युवक खड़खड़ी में मदद के लिए बांटा गया राशन लेने पहुंचा था। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मंत्री समेत अन्य को भी क्वारंटाइन किया जाएगा। दरअसल, खड़खड़ी क्षेत्र के रामलीला मैदान में गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए राशन बांटा गया था। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के अलावा एक बड़े संत, एक कथावाचक व कई पार्षद और बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए थे।

एक ही दिन में नैनीताल से 55 और पूरे प्रदेश में 91 मामले कोरोना पाॅजीटिव

प्रदेश में आज एक ही दिन में 91 कोरोना मरीज सामने आये है। अब राज्य में कुल मरीजों की संख्या 244 हो गई है। वहीं अब राज्य में कोई भी जिला कोरोना संक्रमण से अछूता नहीं रह गया है।
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि प्रदेश में आज 91 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। एम्स ऋषिकेश में हुई एक कोरोना मरीज की मौत के बारे में स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि उसकी मौत कोरोना से नहीं हुई है। उसकी मौत एसोफैगस कैंसर से हुई है। शनिवार को चंपावत में सात, देहरादून में नौ, हरिद्वार में दो, नैनीताल में 57, अल्मोड़ा में तीन, पिथौराढ़ में दो, उत्तरकाशी में तीन, ऊधमसिंह नगर में तीन, रुद्रप्रयाग में तीन और पौड़ी जिले में दो नए मामले सामने आए हैं।
यह पहली बार है जब राज्य में एक साथ 91 केस सामने आए हैं। इन मामलों के आने के बाद अब राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 244 हो गई है। रुड़की के आदर्श नगर निवासी 54 वर्षीय व्यक्ति में आज कोरोना की पुष्टि हुई है। ये मुंबई से हरिद्वार में आए थे। अब हरिद्वार जनपद में अब एक्टिव केस छह हो गए हैं। ये सभी रुड़की क्षेत्र से आए हैं। सभी प्रवासी हैं। इससे पहले सात मामले आए थे जो कि सभी ठीक हो चुके थे। लेकिन नए मामले आने से लोगों की चिंता बढ़ने लगी है।

डीएम ने घर-घर जांच करने के निर्देश दिए
देहरादून जिले में कोरोना के मामले बढ़ने पर प्रशासन अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए घर-घर जाएगा। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब ब्लड प्रेशर, शुगर, सांस, दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को बचाया जाएगा। ऐसे मरीजों का सर्वे कर डाटा तैयार किया जाएगा। जिससे उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर इनका डाटा एकत्र करेंगी। फोन के माध्यम से भी संपर्क कर उनकी तबीयत, डॉक्टर के पास कब गए? अब क्या स्थिति है? कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण तो नहीं जैसे सवाल पूछकर रिपोर्ट तैयार करेंगी। डीएम ने बताया कि अभी तक क्वारंटीन लोगों की निगरानी की जा रही थी। लेकिन, अब ऐसे लोगों को भी निगरानी की जाएगी, जो बीमार चल रहे हैं। 

प्रशासन की लापरवाही आई सामने
ऋषिकेश में 13 मई को दिल्ली से लौटने वाली महिला बैंक कर्मी को क्वारंटाइन न करने के मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद प्रशासन सकते में आ गया है। जिसके बाद हीरालाल मार्ग स्थित यूको बैंक को प्रशासन ने 14 दिनों के लिए सील कर दिया है। साथ ही सभी कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन किया गया है। प्रशासन ने पुलिस और मेडिकल टीम की सहायता से कोरोना संक्रमित पाये गए दोनों लोगों के निवास स्थान को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया है। रेड जोन से ऋषिकेश लौटने के बाद भी महिला को क्वारंटाइन नहीं किया गया। वहीं, महिला बैंक कर्मी के दिल्ली से लौटने के बावजूद होम क्वारंटाइन न करने को लेकर स्थानीय लोग अब प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

डीएम ने ऋषिकेश सहित अन्य कन्टेंमेंट जोन को प्रतिबंध से किया बाहर

जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जनपद में शेष 4 कन्टेमेंट जोन में 2 से 3 चरण का एक्टिव सर्विलांस का कार्य पूर्ण हो चुका है। 14 दिन के एक्टिव सर्विलांस कार्य के दौरान उक्त क्षेत्रों में अन्य कोई कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति चिन्हित न होने के फलस्वरूप स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त क्षेत्रों को कन्टेंमेंट जोन से मुक्त करने हेतु की गयी। संस्तुति के फलस्वरूप नगर निगम देहरादून क्षेत्रान्तर्गत कन्टेंमेंट जोन चमन विहार, लेन नम्बर 11 तथा नगर निगम ऋषिकेश क्षेत्रान्तर्गत कन्टेंमेंट जोन बीस बीघा कालोनी गली न0 3, शिवा एन्कलेव वार्ड नम्बर 24 एवं आवास विकास वार्ड नम्बर 25 को कन्टेंमेंट जोन से मुक्त घोषित कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि हमारे द्वारा लगातार जनता को अकारण हो रही परेशानी व कोविड 19 को दृष्टिगत रखते हुये प्रतिबन्धित की तिथि बीत जाने के बाद भी जिले के कन्टेनमेंट जोन क्षेत्र को मुक्त न किये जाने को लेकर समाचार प्रकाशित कर डीएम का ध्यान आकर्षित किया था, जिस पर आज इन जोन में चल रहे प्रतिबन्धों को हटाकर मुक्त कर दिया गया।

महाराष्ट्र के होटल में कार्यरत ऋषिकेश के युवक में कोरोना की पुष्टि

ऋषिकेश के आशुतोष नगर में कोरोना पॉजीटिव का नया मामला सामने आया है। कुछ दिन पूर्व ही महाराष्ट्र से ऋषिकेश पहुंचे युवक में कोरोना की पुष्टि हुई है। एम्स प्रशासन और अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने युवक में कोरोना पॉजीटिव की पुष्टि की है।

एम्स प्रशासन के अनुसार, युवक पिछले पांच से छह साल से महाराष्ट्र में एक होटल में करता था। होटल के कई लोगों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वह हाल ही में ऋषिकेश वापस लौट आया था। वह तभी से अपने घर में क्वारंटीन था।

शनिवार को वह एम्स में स्क्रीनिंग के लिए आया था। उस दौरान उसमें कुछ लक्षण पाए जाने पर युवक का सैंपल लिया गया था, जिसकी रिपोर्ट आज पॉजिटिव आई है। युवक को कोरोना वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है।

जिलेवार कोरोना संक्रमण की स्थिति
जनपद          संक्रमित     ठीक हुए मरीज
देहरादून          45           28
हरिद्वार           07           07
नैनीताल          14           10
ऊधमसिंह नगर   18           05
उत्तरकाशी        01          –
अल्मोड़ा          02           01
पौड़ी             02           01

फ्रंट लाइन वॉरियर्स पर भारतीय सेना ने हेलीकॉप्टर से बरसाए फूल

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में रविवार को भारतीय सेना ने संस्थान के कोरोना फ्रंट लाइन वॉरियर्स को सम्मानित किया। इसी दौरान कोरोना वायरस कोविड19 संक्रमित मरीजों की चिकित्सकीय सेवा से जुड़े चिकित्सकों,नर्सिंग ऑफिसर्स व अन्य सहकर्मियों के सम्मान में आसमान से सेना के हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।

रविवार को एम्स ऋषिकेश में भारतीय सेना की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कोविड19 से ग्रसित मरीजों की चिकित्सा सेवा में दिन- रात जुटे कोरोना फ्रंट लाइन वॉरियर्स के सम्मान स्वरूप हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए। निदेशक प्रो. रविकांत कहा कि संस्थान कोविड19 की जंग के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार के साथ है।संस्थान इससे ग्रसित मरीजों को तत्परता के साथ चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान करता रहेगा। इस अवसर पर सेना के रायवाला कैंट के कमांडर ब्रिगेडियर आकाश बजाज ने एम्स निदेशक को भारतीय सेना की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता, वरिष्ठ सर्जन व आईबीसीसी प्रमुख प्रो. बीना रवि, डीन अस्पताल प्रशासन प्रो. यूबी मिश्रा आदि को सम्मानित किया।

एम्स ऋषिकेश में एक दिन में तीन मरीज कोरोना पॉजीटिव, अब तक चार

एम्स के जनसंपर्क अधिकार हरीश मोहन थपलियाल ने मंगलवार शाम को अपडेट देते हुए बताया कि एम्स में कोरोना वायरस के दो नए मरीज सामने आए है, जिनमें पुष्टि हुई हैं। मंगलवार को तीन केस हुए है। बताया कि अब तक कुल चार केस सामने आए है।

अपडेट्स
एम्स अस्पताल (गैर कोविड क्षेत्र) में मंगलवार शाम कोविड 19 के दो और सकारात्मक मामले सामने आए।

1 – 26 वर्षीय जनरल सर्जरी वार्ड में एक महिला स्टाफ नर्स है। जिसमें सोमवार को रोग के लक्षण पाए गए। जो दो दिन पूर्व तक ड्यूटी पर कार्यरत थी व एम्स के पास एक रूममेट के साथ रहती है।

 2- एक अन्य सकारात्मक मामला गैस्ट्रोलॉजी में उपचाराधीन व यूरोलॉजी वार्ड में भर्ती 56 वर्षीया महिला रोगी का तीमारदार है। संस्थान ने इन दोनों रोगियों के बाबत आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी है।

मेयर अनिता ने 10 नई फॉगिंग मशीन का किया शुभारंभ

कोरोना वायरस के साथ साथ डेंगू के डंक से भी नगर निगम शहरवासियों को बचाने की जद्दोजहद में जुट गया है। इसके लिए निगम ने दस और फागिंग मशीन मोर्चे पर लगा दी हैं। वृहस्पतिवार की शांम नगर निगम प्रांगण में फॉगिंग अभियान का मेयर अनिता ममगाईं ने शुभारंभ किया। इससे पहले थर्मल स्कैनिंग की शुरुआत भी निगम में की गई।

अनिता ममगाई ने कहा कि सेनिटाइजेशन, स्वच्छता एवं तमाम आवश्यक सेवाओं के लिए दिनरात जुटे रहने वाले कर्मचारियों के लिए केरोना जांच के लिए थर्मल स्कैनिंग मशीन अवश्य होनी चाहिए। उन्होंने मशीन का शुभारंभ करने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों की थर्मल स्कैनिग की गई। इस जांच मेें किसी को संक्रमण नही मिला। मेयर ने बताया कि कोरोना की प्रराम्भिक जांच में थर्मल स्कैनिंग मशीन सबसे अधिक कारगर है। निगम में मशीन के लगने के बाद अब निगम में प्रवेश करने वाले तमाम कर्मचारियों सहित हर किसी के लिए थर्मल स्कैनिंग जांच से गुजरना आवश्यक होगा।

उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि शहर में सेनिटाइजेशन के लिए दो पालियों में लगातार छिड़काव करने के साथ डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी की रोकथाम के लिए भी फॉगिंग शुरू कराई है। उन्होंने बताया कि निगम के पास कुल तीन फागिंग मशीनें थी। इस कमी को देखते हुए 10 और नई मशीनें मंगवाई गई है। इस दौरान नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल, ऐलम दास, टीएस रमेश रावत, सफाई निरीक्षक सचिन रावत, धीरेंद्र, संतोष, अभिषेक, गौरव केन्थुला, प्रशांत, डा. एमपी सिंह आदि मौजूद रहे।

अमेरिका से लौटी महिला की संदिग्ध मौत, प्रशासन ने सैपल लिए

कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच छह मार्च को अमेरिका से उत्तराखंड लौटी एक महिला की खांसी और गले में खरास की शिकायत के बाद मौत होने की खबर मिली है। कोरोना से मौत की आशंका में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महिला के शव से सैंपल लेकर जांच को भेज दिया है। साथ ही महिला के परिजनों और किरायेदारों को क्वारंटीन कर दिया गया है। आसपास के इलाके को सेनिटाइज कर स्वास्थ्य विभाग पूरा एहतियात बरत रहा है।
बतातें चले कि शिवालिकनगर निवासी दंपती छह मार्च को अमेरिका से लौटे थे। बताया जाता है कि 56 वर्षीय महिला चार पांच दिन तक तो ठीक रही, लेकिन इसके बाद गले में खरास, जुकाम आदि की शिकायत होने लगी। 13 मार्च को भेल के अस्पताल में डॉक्टरों से दवा ली थी। चार दिन से महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी। रविवार सुबह महिला के पति उन्हें दिखाने के लिए भेल अस्पताल लेकर जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। विदेश से लौटकर महिला की मौत की सूचना आसपास के क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। शिवालिकनगर पालिका के चेयरमैन राजीव शर्मा ने इसकी जानकारी जिलाधिकारी को दी। जिलाधिकारी सी रविशंकर के निर्देश पर सीएमओ डॉ. सरोज नैथानी टीम के साथ पहुंचीं।
विशेषज्ञों ने मृतक महिला के शव से सैंपल लिया। इसके अलावा पूर्व में हुई जांचों की रिपोर्ट भी देखी। सीएमओ ने बताया कि महिला को शुगर था और किडनी की भी समस्या थी। सीएमओ ने बिना पोस्टमार्टम कराए महिला के शव का अंतिम संस्कार कराने की अनुमति दी। सीएमओ का कहना है कि सैंपल हल्द्वानी भेजा जा रहा है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद कुछ स्पष्ट हो पायेगा।

एम्स ऋषिकेश में उत्तरकाशी की महिला ने दिया चार बच्चों को जन्म

ऋषिकेश के गाइनी डिपार्टमेंट में भर्ती उत्तरकाशी निवासी महिला ने चार बच्चों को जन्म दिया है। महिला को उत्तरकाशी जिला अस्पताल से दून अस्पताल रेफर किया गया था, हाई रिस्क केस होने की वजह से महिला को बीते रविवार को दून अस्पताल से एम्स ऋषिकेश में रेफर किया गया था।

गाइनी विभाग की डा. अनुपमा बहादुर के अनुसार महिला का हिमोग्लोबिन काफी कम था, टीएसएच 13 था, लिहाजा ऐसी स्थिति में डिलीवरी में नवजात शिशु आईसीयू नीकु की आवश्यकता पड़ सकती थी, लिहाजा दून में यह सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण उसे एम्स भेजा गया था। जहां अल्ट्रासाउंड के जरिए पता चला कि महिला के पेट में चार बच्चे हैं। लिहाजा महिला को तीन यूनिट रक्त चढ़ाया गया। साथ ही बच्चों के फेफड़ों की मैच्योरटी के लिए महिला को इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद ऑपरेशन से शनिवार को दोपहर में महिला ने चार बच्चों को जन्म दिया। जिनमें दो लड़के व दो लड़कियां हैं। चिकित्सकों के अनुसार सभी बच्चे स्वस्थ हैं। जिनका वजन क्रमशरू 1.6 किग्रा, 1.5 किग्रा., 1.35 किग्रा. तथा 1.1 किलोग्राम है।

खासबात यह है कि उन्हें वेंटीलेटर की आवश्यकता नहीं पड़ी। हाईरिस्क केस होने की वजह से चिकित्सकों के दल में नवजात शिशु विभाग की विभागाध्यक्ष डा. श्रीपर्णा बासू व डा. पूनम व गाइनी विभाग की प्रमुख डा. जया चतुर्वेदी, डा. अनुपमा बहादुर व डा. राजलक्ष्मी मुंदरा शामिल थे। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि एम्स ऋघ्षिकेश उत्तराखंड में नवजात शिशु मृत्युदर कम करने को लेकर गंभीर है, लिहाजा हम हाईरिस्क प्रेग्नेंसी के मामलों को प्राथमिकता देते हैं। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि इसके लिए संस्थान में सभी विश्वस्तरीय वार्ड, संसाधन, उपकरण एवं विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हैं।

मोबाइल प्रचून शॉप पर संदिग्ध परिस्थितियों में लगी आग, सामान खाक

ऋषिकेश एम्स मार्ग पर मोबाइल वैन में प्रचुन की दुकान में संदिग्ध परिस्थितयों में आग लग गई। इससे दुकान के अंदर रखा ढाई लाख रूपए का सामान जलकर खाक हो गया। पीड़ित पक्ष ने अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी है।

जानकारी के मुताबिक, वैदिक नगर रायवाला निवासी गुड्डू गुप्ता पुत्र वेसन गुप्ता एम्स मार्ग पर पिछले तीन वर्ष से मोबाइल वैन पर कैन्फैक्शनरी की दुकान लगा रहे थे। रोज की तरह बृहस्पतिवार की रात करीब साढ़े आठ बजे गुड्डू गुप्ता अपनी दुकान बंद करके घर चले गए। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े छह बजे पड़ोसी दुकानदार का उन्हें फोन आया। फोन पर उन्हें बताया गया कि उनकी दुकान में आग लगने से सारा सामान जलकर राख हो गया है। साथ ही दुकान का ताला भी टूटा हुआ है। सूचना पाकर गुड्डू घटनास्थल पहुंचे और मामले में आईडीपीएल पुलिस को तहरीर दी।
तहरीर में उन्होंने असामाजिक तत्वों की ओर से उनकी दुकान को आग लगाने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जानबूझ कर उनकी दुकान को निशाना बनाया गया है, जबकि आसपास की किसी भी दुकान को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने तहरीर में आग लगने से करीब ढाई लाख रुपये के नुकसान की बात कही है। वहीं, पुलिस ने तहरीर के आधार पर जांच शुरू कर दी है।

वहीं,
रोडवेज बस रानीपोखरी के भोगपुर स्थित एक खाली प्लॉट पर खड़ी हुई थी। शुक्रवार सुबह करीब सात बजे रोडवेज बस में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गई। मौके पर अग्निशमन कर्मचारी पहुंचे और करीब 10 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। थानाध्यक्ष रानीपोखरी राकेश शाह ने बताया कि उक्त रोडवेज बस भोगपुर से देहरादून वाया थानों रूट पर चलती है। बताया कि फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं, चालक दिनेश रावत पुत्र पूरन सिंह रावत निवासी इठारना, भोगपुर ने बताया कि वह बृहस्पतिवार की रात्रि बस को खाली प्लॉट में खड़ा कर घर चला गया था।