वैश्विक भारत वैज्ञानिक समिट का पहला सत्र एम्स ऋषिकेश में हुआ आयोजित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई वैश्विक भारत वैज्ञानिक समिट का पहला सत्र एम्स ऋषिकेश में संपन्न हुआ। डीआरडीओ के माध्यम से आयोजित समिट के पहले सत्र में एक थीम भारत के पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं का विकास थी।

गौरतलब है कि वैभव समिट प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी सोच और पहल पर आयोजित की जा रही है। एम्स ऋषिकेश ने पिछले चार वर्षों में निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत की अगुवाई में इन विषयों पर संपूर्ण देश में अद्वितीय कार्य किया है। इसी कारण से भारत सरकार द्वारा इन विषयों के लिए एम्स ऋषिकेश को चैंपियन इंस्टीट्यूट बनाया गया है।

इस मंथन में देश के वरिष्ठ वैज्ञानिक ही नहीं अपितु विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के कई प्रसिद्ध चिकित्सा वैज्ञानिक भी सम्मिलित हुए। विशेषज्ञों द्वारा कई दौर के मंथन के पश्चात भारत के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं का ब्ल्यू प्रिंट एम्स के ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम की अध्यक्षता एवं ट्रॉमा सर्जरी एंड क्रिटिकल केयर विभाग के डा. मधुर उनियाल के नेतृत्व में तैयार किया गया।

इस अवसर पर निदेशक प्रो. रविकांत ने विशेषज्ञ मंडल की सराहना करते हुए बताया कि एम्स ऋषिकेश पहले से ही उत्तराखंड के दुर्गम एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रॉमा एंड इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं को पहुंचाने के लिए सतत प्रयासरत रहा है और अब प्रधानमंत्री श्री मोदी की इस दूरगामी योजना के द्वारा इस कार्य और भी उत्साह के साथ आगे बढ़ाया जाएगा। जो कि न केवल उत्तराखंड में वरन देश के अन्य दुर्गम एवं पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी एक वरदान साबित होगा।

डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि सरकार की इस सक्रिय भागीदारी से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि वैभव समिट में तैयार किए गए ब्ल्यू प्रिंट पर शीघ्रता से कार्य होगा एवं इसका लाभ शीघ्र ही देश की जनता तक पहुंच सकेगा।

डा. उनियाल ने बताया कि प्रधानमंत्री की इस योजना के कारण विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के प्रदत्त वैज्ञानिक एवं चिकित्सकों में अत्यधिक उत्साह है। अपनी मातृभूमि के लिए सरकार द्वारा उनकी भागीदारी सुनिश्चित कराने के निर्णय पर वह गर्व महसूस कर रहे हैं।
डॉ. उनियाल ने बताया कि कि सर्वसम्मति से विशेषज्ञों का यह निर्णय हुआ है कि उत्तराखंड में ऐसी सुविधाओं को सर्वप्रथम लॉंच कर एक सफल मॉडल बनाया जाएगा स इस मॉडल को उत्कृष्ट रूप से तराशने के बाद इसे देश के अन्य दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकेगा।

समिट में एम्स ऋषिकेश से प्रो. कमर आजम, डा. मधुर उनियाल, अरुण वर्गीश, अमेरिका से प्रो. मंजरी जोशी, प्रो. मयूर नारायणन, प्रो. सुनिल आहूजा, प्रो. रानी कुमार, इंग्लैंड से प्रो. अजय शर्मा, आस्ट्रेलिया से प्रो. शांतनु भट्टाचार्य, एम्स दिल्ली से प्रो. अमित गुप्ता, प्रो. संजीव भोई, प्रो. तेज प्रकाश, केजीएमयू लखनऊ से प्रो. संदीप तिवारी, प्रो. समीर मिश्रा आदि शामिल हुए।

सोनू सूद के आग्रह पर एम्स ऋषिकेश में हुआ महिला का सफल आॅपरेशन, एक्टर ने लिखा थैंक्स

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के चिकित्सकों ने बीते डेढ़ साल से पेट में तेज दर्द और उल्टी की गंभीर समस्या से ग्रसित एक 26 वर्षीया महिला के पेट के ट्यूमर के सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया है। बिहार मूल की उक्त महिला को उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश तक पहुंचाने में फिल्म अभिनेता सोनू सूद की अहम भूमिका रही है। एम्स के कोरोना नोडल अधिकारी डा. मधुर उनियाल ने इसे अपनी फेसबुक पेज पर साझा किया था।

बिहार के आरा जिला निवासी 26 वर्षीय इस महिला को पिछले डेढ़ साल से उल्टी के साथ पेट में अत्यधिक दर्द से पीड़ित थी। महिला का पहले एम्स पटना और उसके बाद दिल्ली एम्स में सघन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, जिसमें चिकित्सकों ने पाया कि महिला के पेन्क्रियाज में काफी बड़े आकार का ट्यूमर बन चुका है। जिसकी वजह से उक्त महिला को पिछले डेढ़ साल से लगातार पेट में असहनीय दर्द की शिकायत रहने लगी थी। इसके अलावा वह लगातार उल्टी होने की समस्या से भी ग्रसित थी।

गंभीर बीमारी के बावजूद पटना और दिल्ली एम्स में महिला के उपचार में हो रहे विलंब के चलते एक्टर सोनू सूद ने उसके त्वरित इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स से संपर्क साधा। जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने महिला रोगी की गहनता से जांच की। उन्होंने पाया कि महिला के पेट में बना ट्यूमर बड़ी ही जटिल स्थिति में है, जिसमें अधिक विलंब होने पर उसकी जान को खतरा भी हो सकता है। लिहाजा उसकी तत्काल सर्जरी का निर्णय लिया गया, एम्स के सर्जीकल गैस्ट्रो विभाग के विशेषज्ञों की टीम ने इस महिला के ट्यूमर का सफलतापूर्वक आपरेशन को अंजाम दिया। सफल सर्जरी करने वाली टीम में शल्य चिकित्सा के डा. मधुर उनियाल, डा. अभिषेक अग्रवाल और एनेस्थिसिया विभाग के डा. वाईएस पयाल व डा. अजीत कुमार शामिल थे।

निदेशक प्रो. रविकांत ने इस सफलता के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है। कहा कि एम्स ऋषिकेश में जटिलतम बीमारियों के उपचार के लिए वर्ल्ड क्लास स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सभी रोगियों को आधुनिकतम व बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जाए।

इस बाबत जानकारी देते हुए डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बताया कि महिला का यह ऑपरेशन बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। अग्नाशय के बिल्कुल नजदीक बन चुके ट्यूमर की वजह से उसकी स्थिति काफी जटिल हो चुकी थी। लेकिन एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपने अनुभव से इस जटिल सर्जरी में सफलता प्राप्त की है। डीन प्रो. मनोज गुप्ता ने बताया कि महिला रोगी के ट्यूमर का ऑपरेशन बीती 11 सितंबर-2020 को किया गया, जबकि रविवार 20 सितंबर को महिला को एम्स अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

गौरतलब है कि इस महिला का संस्थान में हुए सफल ऑपरेशन के लिए फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने अपने ट्यूटर एकाउंट और फेस बुक में एम्स ऋषिकेश का विशेष आभार व्यक्त किया है। उन्होंने उल्लेख किया है कि जब पटना और दिल्ली एम्स में उक्त महिला के उपचार की व्यवस्था नहीं हो पाई, तो ऐसे में ऋषिकेश एम्स ने न केवल महिला की जान बचाई है, बल्कि निहायत कम समय में उसे ठीक कर डिस्चार्ज भी कर दिया है। इसके लिए एक्टर सूद ने निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत सहित ऑपरेशन टीम के विशेषज्ञ चिकित्सकों का भी विशेष आभार जताया है।

प्लास्टिक कचरे के लिए एम्स ऋषिकेश का तीन संस्थाओं के साथ हुआ करार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे के लिए तीन संस्थाओं में करार हुआ है। एम्स, सीएसआईआर आईआईपी देहरादून और सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटी फाउंडेशन (एसडीसी) के मध्य हुए करार के तहत संस्थान में प्लास्टिक बैंक स्थापित किया गया है। जिसमें जमा होने वाले प्लास्टिक की रिसाक्लिंग सीएसआईआर-इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पैट्रोलियम (आईआईपी) देहरादून में की जाएगी। बताया गया कि इस कचरे से पैट्रोल व डीजल तैयार किया जाएगा।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश ने तीर्थनगरी में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में नया कदम बढ़ाया है। संस्थान परिसर में हरियाली को बढ़ावा देने के लिए सतत पौधरोपण मुहिम व हरित पट्टी विकसित करने के साथ साथ एम्स ने संस्थान से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे के ठोस निस्तारण के लिए देहरादून की दो संस्थाओं से प्लास्टिक बैंक की स्थापना को लेकर करार किया है।

एम्स में आयोजित बैठक में संस्थान के निदेशक प्रो. रवि कांत, सीएसआईआर-आईआईपी के निदेशक डा. अंजन रे व सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्यूनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने करार पर हस्ताक्षर किए। करार के मुताबिक तीनों संस्थाओं द्वारा मिलकर एम्स ऋषिकेश में प्लास्टिक बैंक की स्थापना की गई है, जिसमें संस्थान से निकलने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे को जमा किया जाएगा। एकत्रित प्लास्टिक कचरे की आईआईपी में साइंटिफिक टेक्निक से रिसाइक्लिंग कर इससे डीजल व पैट्रोल तैयार किया जाएगा।

इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने इसे हर्ष का विषय बताया। उन्होंने कहा कि इससे एम्स प्रतिष्ठान एक और जन व पर्यावरण हित के कार्य से जुड़ रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान प्लास्टिक बैंक की योजना में अपना पूर्ण सहयोग व भागीदारी निभाएगा।

आईआईपी के निदेशक डा. अंजन रे कहा कि उनका संस्थान प्लास्टिक रिसाक्लिंग की अपनी तकनीक को निरंतर विकसित करने में जुटा है, जल्द ही आईआईपी कोविड-19 संक्रमण से बचाव में इस्तेमाल किए जा रहे मास्क, ग्लब्स व पीपीई किट की रिसाक्लिंग की व्यवस्था भी करेगा। जिससे उक्त सामग्रियों का भी सही तरीके से निस्तारण किया जा सके।
एसडीसी के संस्थापक अनूप नौटियाल ने हर्ष जताया कि उत्तराखंड के दो प्रतिष्ठित केंद्रीय प्रतिष्ठान पर्यावरण संरक्षण से जुड़े इस नेक कार्य में साथ आ रहे हैं, उन्होंने उम्मीद जताई कि यह पहल अन्य संस्थाओं को भी प्रेरित करेगी व निकट भविष्य में अन्य संस्थान भी इस मुहिम का हिस्सा बनेंगे।

सोशल मीडिया में चली ढोल वादक धूमलाल की तबियत खराब की खबर, सीएम ने संज्ञान लेकर एम्स में कराया भर्ती

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर जनपद चमोली के ग्राम उर्गम निवासी ढोल वादक धूमलाल को उपचार हेतु एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री ने धूम लाल की चिकित्सा पर होने वाला व्यय मुख्यमंत्री राहत कोष से किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।

ज्ञातव्य है कि मुखोटा नाटकों एवं नंदा राज जात यात्राओं के ढोल वादक धूमलाल की अस्वस्थता के बारे में सोशल मीडिया से पता चलने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने त्वरित संज्ञान लेकर धूमलाल को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराने के निर्देश दिये तथा इलाज पर होने वाला व्यय मुख्यमंत्री राहत कोष से किये जाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने धूमलाल को ढ़ोल वादक के रूप में दी जाने वाली पेंशन के अविलम्ब भुगतान हेतु निदेशक संस्कृति को भी निर्देश दिये हैं।

महापौर के आश्वासन पर माने आंदोलनकारी

शिवाजी नगर घर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहा धरना महापौर अनिता ममगाई के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। धरने पर बैठी मात्रृ शक्ति एवं तमाम आंदोलनकारियों ने धरने को समाप्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए महापौर का आभार जताया। साथ ही विश्वास जताया कि विकास की राह में उन्हें अब अपने आशियानों से वंचित नही होना पड़ेगा।
अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए महापौर अनिता ममगाई ने शिवाजी नगर घर बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन कर रहे लोगों से मुलाकात की। जिसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया कि नमामि गंगे योजना के नाले टेपिंग योजना को क्षेत्रवासियों के लिए नुकसान की योजना नही बनने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति तिनका-तिनका जोड़कर घर बनाता है। योजना से प्रभावित लोगों के घर ना उजड़े इसके लिए उन्होंने कार्यदायी संस्था पेयजल निगम के अधिकारियों से बात की है।
महापौर ने निर्देश दिये कि योजना को मूर्त रूप देने के लिए एडवांस से एडवांस तकनीक का इस्तेमाल किया जाये ताकि नुकसान कम से कम हो जिसकी जद में आने वाले लोग इसे बर्दाश्त कर सके। महापौर की पहल और आश्वासन पर धरना दे रहे आंदोलनकारियों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। इस दौरान पार्षद जयेश राणा, पार्षद विजेंद्र मोघा, पार्षद विजय बडोनी, पार्षद लव कांबोज, पार्षद गुरविंदर सिंह, सुभाष वाल्मीकि, सुरेंद्र सुमन आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

दूरस्थ क्षेत्रों में लैब तक सैपंल भेजने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेः सीएम

कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाये जाय। टेस्टिंग और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। दूरस्थ क्षेत्रों से टेस्टिंग लैब में सैंपल भेजने में देरी हो रही है, हेलीकॉप्टर से भी भेज सकते हैं। यह सुनिश्चित किया जाय की टेस्टिंग में देरी न हो। सर्विलांस सिस्टम मजबूत किया जाय। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के लिए बनाये गये ‘चिकित्सा सेतु’ मोबाईल एप्प लांच किया। इस मोबाईल एप्प को डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, सुरक्षा कर्मी पुलिस तथा कोरोना ड्यूटी में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इस अवसर पर होम आइसोलेशन पर बनाये गये एप्प आरोग्य रक्षक के बारे में प्रस्तुतीकरण भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण काफी लोग बेरोजगार हुए हैं। राज्य में बेरोजगारों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं की लोगों को पूरी जानकारी हो इसका जनपद स्तर पर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। जिलाधिकारी सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं विभागीय अधिकारियों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचायें। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाय। सीएम सोलर स्वरोजगार योजना जल्द शुरू की जायेगी। 10 हजार लोगों को इस योजना के तहत रोजगार दिया जायेगा। मोटर, बाईक, टैक्सी योजना भी राज्य में जल्द शुरू की जायेगी। पाईन निडिल पॉलिसी में पाईन निडिल से बिजली पैदा करने एवं चारकोल पैदा करने के अच्छे प्रोजक्ट हैं, इनके बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाय। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जिलाधिकारी बैंकर्स के साथ बैठकर सुनियोजित योजना बनाये। जल्द ही राज्य स्तर पर बैंकर्स के साथ बैठक की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड का प्रभाव कब तक रहता है, इसकी कोई निश्चित समयावधि नहीं है। उत्तराखण्ड के जो लोग बाहर के राज्यों से आये हैं, उनमें से अधिकांश लोग प्रदेश में ही काम करना चाहेंगे। हमें रोजगार एवं स्वरोजगार के विकल्प तलाशने होंगे। लोगों को काम मिले इसके लिए जिला योजना एवं राज्य सेक्टर में फण्ड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को भी उपनल के माध्यम से सेवायोजित करने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों के फोन कॉल अवश्य रिसीव करें। किसी कार्य या मीटिंग में व्यस्त होने पर भी लोगों को इसकी जानकारी दे दें, और उसके बाद उन्हें वापस कॉल करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि लोगों को फोन कॉल्स का रिस्पांस मिले। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि डेंगू से बचाव के लिए नियमित जागरूकता के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय। किसी भी स्थान या लोगों के घरों में साफ पानी जमा न हो इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाय।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना को कम्यूनिटी स्प्रेड से रोकना जरूरी है। देहरादून, हरिद्वार,, ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल जनपद में विशेष सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी नैनीताल ने जो जीआईएस मैपिंग बेस्ड सॉफ्टवेयर तैयार किया है, यह सॉफ्टवेयर बहुत उपयोगी है। एनआईसी द्वारा इस सॉफ्टवेयर को परिस्कृत किया जाय। चारों मैदानी जनपदों में जल्द इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाय। कन्टनमेंट जोन बनाने में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्र से आने वाले लोगों, माइग्रेन्टर, को-मॉर्बिड की शत प्रतिशत सैंपलिंग की जाय। सर्विलांस की एक्टिविटी पर गंभीरता से ध्यान दिया जाय। आईसीयू, आक्सीजन सपोर्ट बैड एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की पूर्ण उपलब्धता रखी जाय। जिलाधिकारी कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल भी चिन्हित कर लें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन अस्पतालों में टेंस्टिंग की जा सके और लोगों का ईलाज हो। प्रत्येक जनपद में एक ऐसा सेंटर बनाया जाय जहां पर हाई रिस्क क्षेत्र एवं बाहर से आने वालों की सैंपलिंग हो सके। कोविड केयर सेंटर में खाने, रहने एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। पेशेंट को हॉस्पिटल लाने के लिए एम्बुलेंस एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

राज्य में संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा

(एनएन सर्विस)
कोरोना के मरीजों की संख्या भले ही बढ़ रही हो। लेकिन उत्तराखंड में इन मरीजों के ठीक होने की संख्या में दिन प्रतिदिन तेजी से सुधार हो रहा है। सोमवार को छह गुणा से अधिक 93 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हुए। रिकवरी दर लगातार अच्छा संकेत दे रही है। सोमवार को स्वस्थ हुए मरीजों का प्रतिशत 74.40 पहुंच गया। प्रदेश में अभी तक कोरोना के 2837 मामले आए हैं। जिनमें अब तक 2111 स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।
हालांकि अभी भी राज्य के विभिन्न अस्पतालों व कोविड केयर सेंटरों में 664 मरीज भर्ती हैं। यह संख्या स्वस्थ हुए मरीजों से एक तिहाई से भी कम है। कोरोना पॉजिटिव 23 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं, जबकि 39 की अब तक मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को 837 सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें 823 निगेटिव और चैदह मामले पॉजिटिव हैं। देहरादून में दस और लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें एम्स ऋषिकेश के तीन नर्सिंग ऑफिसर भी शामिल हैं। इसके अलावा ऋषिकेश के मंसादेवी, इंदिरा नगर, रेशम माजरी, मोतीचूर और मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व बिजनौर निवासी एक-एक व्यक्ति की भी रिपोर्ट पॉजिटिव है। इनमें छह एम्स की आइपीडी-ओपीडी में आए मरीज और एक मरीज का अटेंडेंट है।
उत्तराखंड में पिछले दो-तीन दिन से कम संख्या में कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं संत्मित मरीजों के ठीक होने की रफ्तार भी लगातार बढ़ रही है। जितने मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, उसके तीन गुणा ठीक हो चुके हैं। प्रवासियों की आमद बढ़ने के साथ जो संक्रमण दर एकाएक बढ़ी थी उसमें भी गिरावट दिखने लगी है। मौत का बढ़ता आंकड़ा जरूर चिंता का सबब बन रहा है। बता दें, उत्तराखंड में कोरोना का पहला मामला पंद्रह मार्च को सामने आया था।

निर्मल ब्लॉक और वीआईपी कॉलोनी में एमडीडीए ने की कार्रवाई

(एनएन सर्विस)
मसरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने शुक्रवार को निर्मल ब्लॉक में दो बहुमंजिला भवन और वीआईपी कॉलोनी में निर्मित दो भवनों के छह फ्लेटों को सील किया है। अवैध निर्माणों के खिलाफ हुई एमडीडीए की कार्रवाई से बिल्डरों में भगदड़ मची रही।
शुक्रवार को एमडीडीए के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर श्याममोहन शर्मा के नेतृत्व में टीम निर्मल ब्लॉक पहुंची। यहां पर दो अवैध निर्माणाधीन भवनों की सीलिंग के आदेश पूर्व में ही जारी हुए थे। इस पर अमल करते हुए एमडीडीए टीम ने निर्मल ब्लॉक बी प्लॉट गली नंबर एक में नीरज अग्रवाल का पांच मंजिला भवन, त्रिलोकीनाथ यादव का आमबाग ब्लॉक प्लॉट नंबर एक गली नंबर दो पशुलोक में पांच मंजिला भवन को सील किया। इसके बाद टीम वीआईपी कॉलोनी पहुंची। यहां टीम ने किरण सुनेजा पत्नी दीपक सुनेजा का श्री रेजीडेंसी में अवैध रूप से निर्मित तीन फ्लैट्स को सील किया, जबकि शेष छह फ्लैट्स में रिहाइश होने के कारण सील नहीं किये। टीम ने यहां अन्य व्यक्ति संजय कुमार अग्रवाल 29 फ्लैट और एक स्टोर के तीन फ्लैट्स को सील किया है, जबकि शेष 26 फ्लैट्स जो कि वन रूम सेट हैं सील नहीं किए। टीम ने बताया कि रिहायश होने के चलते नोटिस देकर इन्हें खाली करवाया जायेगा फिर सील की कार्रवाई पूरी की जायेगी।
प्राधिकरण की टीम में अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा, सहायक अभियंता मनोज जोशी, अवर अभियंता प्रेमपाल सिंह व पुलिसकर्मी मौजूद रहे।

कंस्ट्रक्शन साइट में कल हुई थी मौत, अब रिपोर्ट आई पाॅजीटिव

(एनएन सर्विस)
एम्स ऋषिकेश में देर शाम 2 और लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव मिली है। इनमें पहला मामला रेलवे रोड ऋषिकेश पर गुरुद्वारे के नजदीक स्थित एक निर्माणाधीन होटल में कार्य कर रहे 44 वर्षीय व्यक्ति का है। जो कि बीते बुधवार को कंस्ट्रक्शन साइट पर गिर गया था, जिसे एम्स के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था। सेंट्रल दिल्ली निवासी इस व्यक्ति का पोस्टमार्टम से पूर्व लिया गया कोविड सेंपल आ शाम पॉजिटिव आया है। बताया गया कि यह व्यक्ति 22 जून को दिल्ली से ऋषिकेश आया था। वहीं, दूसरा मामला एम्स की कोविड लैब में कार्यरत 28 वर्षीया लैब टेक्निशियन पिछले दो दिन से शरीर में दर्द की शिकायत के साथ बुधवार को एम्स की ओपीडी में आई थी। जिसका कोविड सेंपल लिया गया था। जो कि आज पॉजिटिव पाया गया है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि इस बाबत सूचना स्टेट सर्विलांस को दे दी गई है।

सतपाल महाराज पाॅजीटिव, कैबिनेट में शामिल हुए मंत्री और अधिकारी होंगे क्वारंटीन

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व उनके परिवार और स्टाफ के 23 सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। बेटे, बहुएं और पांच साल के पोते में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे का सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजा गया है। कल पूर्व मंत्री अमृता रावत कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महाराज और उनके परिवार के सभी सदस्यों के साथ ही आवास में काम करने वाले कर्मचारियों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे।
इनमें कैबिनेट मंत्री महाराज, उनके छोटे बेटे सुयश, बड़ी बहू आराध्य, छोटी बहू मोहिनी, पांच साल के पोते श्रेयांश में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे श्रद्धेय का सैंपल दोबारा से जांच के लिए भेजा जा रहा है। वहीं, महाराज के आवास में काम करने वाले 17 कर्मचारी भी संक्रमित मिले है।
महाराज और उनका परिवार कोरोना संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। महाराज की पत्नी अमृता रावत को रविवार सुबह ही एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, इसके बाद दोपहर में महाराज और अन्य लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। जिसके बाद महाराज समेत लोगों को भी एम्स ऋषिकेश में भर्ती करा दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि कैबिनेट मंत्री महाराज और उनके परिवार के सदस्यों व स्टाफ में कोरोना की पुष्टि हुई है। विभाग की ओर से 41 सैंपल जांच के लिए गए थे। इसमें 22 सैंपल कोरोना पॉजिटिव आए हैं। सभी को भर्ती कराया गया है। इन सभी के संपर्क में आए लोगों को चिन्हित करने की कोशिश की जा रही है।

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के परिवार में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर प्रशासन ने सर्कुलर रोड, डालनवाला स्थित उनके आवास के आसपास का क्षेत्र पाबंद (सील) कर दिया है। क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया है। अगले आदेश तक यहां के लोग क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे। इस दौरान क्षेत्र के बैंक, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने रविवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यटन मंत्री के सर्कुलर रोड स्थित आवास के पूरब में कर्जन रोड, पश्चिम में अब्दुल्ला खान का मकान, उत्तर में अमित अग्रवाल का मकान और दक्षिण में 13 म्यूनिसिपल रोड के क्षेत्र को पाबंद किया है। डीएम ने कहा कि इस क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति अब प्रशासन कराएगा।
परिवार का एक सदस्य खरीदारी के लिए बाहर निकल सकता है। मोबाइल वैन के जरिए पाबंद क्षेत्र में दूध की सप्लाई की जाएगी। नगर निगम को क्षेत्र की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ मुनादी कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस क्षेत्र की बैरिकेडिंग करेगी। सीएमओ को सामुदायिक स्वास्थ्य पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई इमरजेंसी है तो कंटेनमेंट जोन के लोग पुलिस के टोल फ्री नंबर 112 पर संपर्क कर सकते हैं। आदेश का पालन न करने वाले लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एहतियात बरतते हुए होंगे होम क्वारंटीन
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव आने से सरकार पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। पॉजिटिव आने से पहले महाराज मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सहित शासन के अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एहतियात बरतते हुए सभी बैठकें निरस्त कर दी हैं, जबकि कई मंत्री होम क्वारंटीन में चले गए हैं।
हालांकि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक जिस फार्मेट में होती है, वह संक्रमण के लिहाज से लो रिस्क श्रेणी में आती है। महाराज के पॉजिटिव आते ही सरकार में हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपनी सभी बैठकें निरस्त कर दी। उन्होंने किसी से मुलाकात भी नहीं की।
वहीं अधिकांश मंत्रियों ने खुद को होम क्वारंटीन कर लिया है। महाराज के साथ बैठक में मौजूद होने से कई मंत्री भी सहमे हुए हैं कि कहीं उनमें कोरोना का लक्षण न आ जाए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल में जो भी अधिकारी शामिल थे, उनमें से आधे अधिकारी होम क्वारंटीन होंगे और आधे वर्क फ्रॉम होम करेंगे।