मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ मास्टर प्लान व केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में बद्रीनाथ मास्टर प्लान एवं केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों के अधिकारियों सहित बद्रीनाथ एवं केदारनाथ में कार्य कर रहे ठेकेदारों के साथ प्रत्येक कार्य के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।
मुख्य सचिव ने कार्यों के पूर्ण होने की तिथि निर्धारित करते हुए समय सीमा में कार्यों को पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भौगोलिक परिस्थितियों एवं मौसम के खराब होने के कारण कार्य किया जाना आसान नहीं है, परन्तु जो काम किए जा सकते हैं उन्हें जरूर किया जाए। उन्होंने कहा कि जो भवन तैयार हो गए हैं उनके भीतर जो भी कार्य होने हैं उन्हें समय से शुरू कर दिया जाए। अत्यधिक ठंड के कारण श्रमिकों को कार्य करने में समस्या हो रही होगी, इसके लिए अलाव एवं हीटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि सितम्बर माह के पहले सप्ताह के उपरान्त चिनूक हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध हो जाएगा, जो भी भारी निर्माण सामग्री चिनूक के माध्यम से पहुंचायी जानी है उसके लिए अभी से पूर्ण तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे एवं डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चमोली एवं रूद्रप्रयाग जनपद के जिलाधिकारी उपस्थित थे।

बर्फ पड़ने से पहले दोनों धामों में निर्धारित कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान कार्यों की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने कहा कि बद्रीनाथ धाम एवं केदारनाथ धाम दोनों में बर्फ पड़ने से पहले पूर्ण किए जाने वाले कार्यों को निर्धारित समयसीमा तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कांट्रेक्टर का पैसा किसी भी हाल में रुकना नहीं चाहिए, कांट्रेक्टर का भुगतान समय पर किया जाए। जो कार्य देर से शुरू हुए हैं या अभी तक शुरू ही नहीं हो पाए हैं, उनकी प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि बद्रीनाथ में रिवरफ्रंट डेवलपमेंट वर्क्स को अगले सीजन में नदी का जल स्तर बढ़ने से पहले पानी के स्तर से ऊपर तक पूर्ण कर लिया जाए, जिससे बाद में कार्य बाधित न हो। उन्होंने कार्यों में आ रही समस्याओं से उन्हें अवगत कराए जाने के भी निर्देश दिए ताकि समस्याओं का शीघ्र से शीघ्र निस्तारण किया जा सके। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के कारण लेबर कम होने से जो समस्याएं आ रही हैं, इसके लिए अन्य राज्यों से भी लेबर की व्यवस्था की जाए, साथ ही पीडब्ल्यूडी अपनी विभागीय लेबर और टेक्निकल लेबर की भी व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि अगली यात्रा शुरू होने से पहले जो कार्य अनिवार्य रूप से पूर्ण होने हैं उन कार्यों पर उपलब्ध लेबर को शिफ्ट कर प्राथमिकता के आधार पर कार्यों को पूर्ण किया जाए।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

पीएम का केदारनाथ और बदरीनाथ दौरा राज्य के विकास में होगा मील का पत्थर साबितः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है, जिसके फलस्वरूप आज केदारनाथ का भव्य और दिव्य प्रांगण पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाया हुआ है, एवं बद्रीनाथ के मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री का केदारनाथ एवं बद्रीनाथ का यह दौरा उत्तराखण्ड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इन जगहों पर शुरू हो रही कनेक्टिविटी परियोजनायें धार्मिक महत्व के स्थानों तक पहुंच को आसान बनाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये परियोजनाएं इस क्षेत्र में संपर्क और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान कार्य श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिनांक 21 अक्टूबर 2022 को उत्तराखंड का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह करीब 08ः30 बजे श्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके पश्चात् प्रधानमंत्री सुबह करीब नौ बजे केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसके बाद वह आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल के दर्शन करेंगे। सुबह करीब 09ः25 बजे प्रधानमंत्री मंदाकिनी आस्था पथ और सरस्वती आस्था पथ के साथ-साथ वहां चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
इसके बाद, प्रधानमंत्री बद्रीनाथ पहुंचेंगे, जहां करीब 11ः30 बजे वह श्री बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। दोपहर 12 बजे वह रिवरफ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। दोपहर 12ः30 बजे माणा गांव में सड़क और रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे वह अराइवल (आगमन) प्लाजा और झीलों के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस दौरान राज्यपाल से.नि.ले.ज. गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहेंगे।
केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।इस यात्रा के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया जाएगा। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी। प्रधानमंत्री 3400 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।

मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य व बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने केदारनाथ में चल रहे कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री और ट्रांसपोर्टेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने हेतु श्रमिकों को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर एवं अरविंद सिंह ह्यांकी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पर्यटन सचिव ने बद्रीनाथ मास्टर प्लान को लेकर अधिकारियों के साथ की बैठक

पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर ने बद्रीनाथ मास्टर प्लान को लेकर जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बद्रीनाथ में रह रहे लोगों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए बद्रीनाथ धाम को एक आध्यात्मिक टाउन के रूप में विकसित किया जाएगा।

पर्यटन सचिव ने कहा कि मास्टर प्लान को कार्यन्वयन करने में जिला प्रशासन की अहम भूमिका रहेगी। उन्होंने प्रस्तावित मास्टर प्लान को लेकर बद्रीनाथ में डिटेल सर्वे करने, सर्वे के आधार पर भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव तैयार करने तथा प्रभावित लोगों के पुनर्वास हेतु लैंडबैंक तैयार करने को कहा। बद्रीनाथ मंदिर पहले की तरह देवदर्शनी एवं पूरे बद्रीनाथ टाउन में हर छोर से दिखाई दे इस पर विशेष फोकस रखा जाए। बद्रीनाथ धाम में तालाबों के सौन्दर्यीकरण, स्ट्रीट स्कैपिंग, क्यू मैनेजमैंट, मंदिर एवं घाट का सौन्दर्यीकरण, बद्रीश वन, पार्किंग फेसलिटी, सड़क एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट आदि निर्माण कार्य मास्टर प्लान के तहत चरणबद्व ढंग से प्रस्तावित किए गए है। यात्री सुविधाओं के लिए तीन चरणों में अगले वर्ष मार्च से विकास के निर्माण कार्य शुरू होंगे।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बदरीनाथ के निर्माण कार्यों के निरीक्षण के दौरान कहा, ‘‘उत्तराखंड, नगर नियोजन विभाग ने पहले ही बद्रीनाथ धाम के विकास के लिए मास्टर प्लान-2025 तैयार किया है। इस प्लान के कम्पोनेंट और धाम में वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए लगभग 85 हैक्टियर क्षेत्रफल में सुविधाओं को विकसित करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। जिससे इस पूरे हिल टाउन में सुव्यवस्थित ढंग से ट्रैफिक मैनेजमेंट हो सके और तीर्थ यात्रियों को यहां पर धार्मिक और आध्यात्म की अनुभूति मिल सके। यहां के हक हकूक धारियों, तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों एवं स्थानीय निवासियों के हितों, उनके रोजगार एवं आजीविका को ध्यान में रखते हुए यहां पर मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य किए जाएगें।

जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा, ‘‘आध्यात्मिक क्षेत्र बदरीनाथ धाम के विकास हेतु बदरीनाथ मास्टर प्लान महत्त्वपूर्ण महायोजना है जहां हर साल बद्रीनाथ में श्रद्वालुओं की संख्या बढ रही है उसके लिए यहां यात्री सुविधाएं विकसित करना बेहद जरूरी है। बैठक में पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे, अधीक्षण अभियंता लोनिवि मुकेश परमार, जिला पर्यटन अधिकारी वृजेन्द्र पांडे आदि मौजूद रहे।

अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी बदरीनाथ के मास्टर प्लान में शामिल किया जाएः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। साथ ही श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, सचिव दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने निर्देश दिये कि श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहां का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बना रहे। मिनी स्मार्ट, स्पिरीचुअल सिटी के रूप में विकसित किया जाए। होम स्टे भी विकसित जा सकते हैं। निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी इससे जोङा जाए। बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था हो जो आध्यात्मिक वातावरण के अनुरूप हो। बद्रीनाथ का मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित न हो बल्कि पूर्ण रूप से अधात्मिक हो। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की।

बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में स्थानीय लोगों को मिल रहा सहयोग
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है। निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। बदरीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है। इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी। केदारनाथ की तरह बद्रीनाथ में भी 12 महीने कार्य किए जाएंगे।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और चारधाम राजमार्ग परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। इससे श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा काफी सुविधाजनक हो जाएगी।

बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि इसमें 85 हैक्टेयर क्षेत्र लिया गया है। देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा। एक संग्रहालय व आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी। दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दशावतार के बारे में जानकारी दी जाएगी। बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है।

मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है। सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है। दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा। ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। नर्सरी के लिए बीज एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है।