शिकयतों पर गंभीर रहे अधिकारी, 7 दिनों में करे समाधानः मुख्यमंत्री

जनता मिलन कार्यक्रम में प्राप्त शिकायतों व समस्याओं पर सात दिन के भीतर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। बिजली के झूलते तारों को अविलम्ब ठीक किया जाए। ऐसे सभी अतिक्रमणों को हटाना सुनिश्चित किया जाए, जिनके कारण जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही हो। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लगभग 170 लोगों की शिकायतों व समस्याओं का मौके पर निस्तारण किया। इनमें 49 आवेदन आर्थिक सहायता से संबंधित थे जिन्हें स्वीकृत करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राप्त शिकायतों व समस्याओं पर सात दिन के भीतर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए और की गई कार्यवाही से आवेदक व मुख्यमंत्री कार्यालय को अनिवार्य रूप से अवगत कराया जाए। किसी भी स्तर पर जनता द्वारा की जाने वाली शिकायतों को गम्भीरता से लिया जाए और यथासम्भव राहत पहुंचाने की कोशिश की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवेदकों द्वारा न केवल अपनी शिकायतें व समस्याएं दर्ज कराई गई हैं बल्कि बहुत से लोगों ने सुझाव भी दिए हैं। इन सभी सुझावों पर गम्भीरता से विचार किया जाएगा और राज्यहित में पाए जाने पर इनको क्रियान्वित भी किया जाएगा।
जनता मिलन कार्यक्रम में प्राप्त शिकायतों में अधिकांशतः सड़क निर्माण, पेयजल, सीवर, छात्रवृत्ति, जलभराव, अतिक्रमण आदि से संबंधित थीं। बड़कोट के संजय थपलियाल के क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत के आवेदन पर लोक निर्माण विभाग को इसके लिए कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। यमकेश्वर में काफी समय से वन संबंधी आपत्तियों के कारण सड़क का निर्माण रूके होने के संबंध में वन विभाग को इसकी स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा गया। सुखबीर बुटोला द्वारा चन्द्रबनी, देहरादून में पानी की समस्या बताए जाने पर पेयजल विभाग को जरूरी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। त्यूनी के समीप अणु में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद होने की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग को इसकी जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया। मुख्यमंत्री ने मदन मोहन नेगी द्वारा आयुष्मान कार्ड नहीं मिलने की शिकायत को गम्भीर बताते हुए स्वास्थ्य विभाग को इस मामले की जांच कर मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराने के निर्देश दिए। श्याम सिंह तोमर द्वारा स्कूल बाउंड्री के कारण सम्पर्क मार्ग बंद होने की शिकायत पर शिक्षा विभाग को इसका मौका मुआयना करने को कहा गया। यूनूस द्वारा झगड़े में गलत मेडिकल लगाए जाने की शिकायत पर जांच करने के निर्देश दिए गए। केवल चैहान द्वारा भूटाणु उत्तरकाशी में सड़क की समस्या बताए जाने पर मुख्यमंत्री ने समुचित कार्यवाही के प्रति आश्वस्त किया। विमल द्वारा बताया गया कि वे भूमिहीन हैं परंतु सरकारी कागजों में दिखा दिया गया है कि उन्हें भूमि मिल चुकी है। इस पर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए। बच्चन सिंह नेगी ने शिकायत की कि उनकी जमीन पर किसी ने कब्जा कर लिया है। इस पर एसडीएम को जांच कर तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, डीएम देहरादून सी.रविशंकर, अपर सचिव मुख्यमंत्री डा. मेहरबान सिंह बिष्ट सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने पर पौड़ी को मिली कई सौगात

प्रदेश में साहसिक गतिविधियों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा। पौड़ी में सीता माता सर्किट विकसित किया जाएगा। पौड़ी गढ़वाल में 200 करोड़ रूपए से अवस्थापना सुविधाओं का विकास होगा। पौड़ी में रोपवे बनाया जाएगा। स्थानीय नागरिकों के सहयोग से पौड़ी को कलर कल्चर देने का प्रयास किया जाएगा। देवाल में एनसीसी एकेडमी के लिए भूमि स्वीकृत कर दी गई है।

गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने पर पौड़ी में विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग करने आए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को पौड़ी स्थित सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता करते हुए पौड़ी गढ़वाल सहित राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न निर्णयों की जानकारी दी। इस अवसर पर सहकारिता व उच्च शिक्षा मंत्री डा.धनसिंह रावत, विधायक दिलीप सिंह रावत, पौड़ी नगर पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम, आयुक्त डा. बीवीआरसी पुरूषोत्तम भी उपस्थित थे।

पौड़ी में सीता माता सर्किट विकसित किया जाएगा
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि पौड़ी में ‘‘सीता माता सर्किट’’ विकसित किया जाएगा। पौराणिक महत्व के देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मंदिर, देवाल स्थित लक्ष्मण मंदिर व फलस्वाड़ी स्थित माता सीता मंदिर को धार्मिक पर्यटन में सीता माता सर्किट के तौर पर विकसित करते हुए इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा। इन धार्मिक स्थलों की स्थानीय लोगों में बड़ी मान्यता है परंतु अन्य प्रदेशों के लोगों के इनके बारे कम जानकारी है। इसलिए देश भर के श्रद्धालुओं को यहां के धार्मिक महत्व के बारे बताने के लिए प्रचार प्रसार किया जाएगा।

पौड़ी गढ़वाल में 200 करोड़ रूपए से होगा अवस्थापना सुविधाओं का विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि पौड़ी गढ़वाल में 200 करोड़ रूपए से अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए निर्देशित किया गया है। इससे पार्कों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। माल रोड़ विकसित की जाएगी। पौड़ी बस अड्डा-कंडोलिया-किंकालेश्वर रोपवे बनाया जाएगा। पौड़ी, खिर्सू, सतपुली, जयहरिखाल आदि स्थानों में विभिन्न सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

स्थानीय सहयोग से पौड़ी में कलर-कल्चर
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय नागरिकों के सहयोग से पौड़ी को कलर कल्चर देने का प्रयास किया जाएगा। पिंक सिटी जयपुर की भांति ही कोशिश की जाएगी कि पौड़ी में इमारतें एक रंग में हों। इससे पौड़ी नगर को एक नई पहचान मिलेगी। लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि भवन निर्माण में पर्वतीय स्थापत्य का प्रयोग हो। इसके लिए आवास नीति में प्रावधान भी किया गया है। इससे बाहर से आने वाले हमारी स्थापत्य कला से परिचित होंगे।

साहसिक गतिविधियों के लिए बनेगा अलग निदेशालय
मुख्यमंत्री ने कहा कि साहसिक गतिविधियों के लिए अलग से निदेशालय बनाया जाएगा। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को इसकी जिम्मेवारी दी जाएगी। हाई वेल्यु टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इसका निर्णय लिया गया है। साहसिक गतिविधियों में पर्वतारोहण, ट्रेकिंग,रॉक क्लाईम्बिंग, माउंटेन बाईकिंग, जिप वायर साईक्लिंग, बंगी जम्पिंग, हॉट एयर बैलून, पैराग्लाईडिंग, वाटर स्पोर्ट्स आदि शामिल हैं। सरकार का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक खर्चीले पर्यटक राज्य में आएं, जिससे यहां के युवाओं को रोजगार के साथ अच्छी आमदनी हो।

देवाल में एनसीसी एकेडमी के लिए भूमि स्वीकृत
देवाल में एनसीसी एकेडमी के लिए भूमि स्वीकृत कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीसी एकेडमी बनने पर प्रतिवर्ष यहां प्रशिक्षण के लिए 35-40 हजार लोग आएंगे। इससे यहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और स्थानीय लोगों को लाभ होगा। देशभर से आए लोग पौड़ी के बारे में परिचित होंगे जिससे यहां पर्यटन भी बढ़ेगा।

ल्वाली झील से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
ल्वाली झील से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ल्वाली झील में 70 लाख लीटर पानी एकत्र करने की क्षमता होगी। इससे जल-गतिविधियों के साथ यहां पीने के पानी की बैकअप व्यवस्था भी हो सकेगी।

पिथौरागढ़ में देश का सबसे बड़ा ट्यलिप गार्डन बनेगा
पिथौरागढ़ में देश का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन बनेगा। यहां 50 हेक्टेयर में ट्यूलिप गार्डन बनाया जाएगा। इस पर 50 करोड़ रूपए खर्च होंगे। यहां वर्ष में 8 महिने टृयूलिप के फूल देखने को मिलेंगे। पिथौरागढ़ हवाई पट्टी का विस्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। टिहरी में सी-प्लेन के लिए 3 जुलाई को एमओयू होने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ समय में टिहरी में पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। राज्य सरकार के प्रयास सही दिशा में बढ़ रहे हैं।

कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर से युवाओं का संवरेगा भविष्य

उत्तराखड में कोस्टगार्ड का भर्ती सेंटर खोला जायेगा। यह भारत का पाँचवा कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर होगा। 28 जून को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इस भर्ती सेंटर के लिए भूमि का शिलान्यास करेंगे। यह भर्ती सेंटर कुंआवाला (हर्रावाला) देहरादून में बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से रविवार को मुख्यमंत्री आवास में डीजी कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह ने मुलाकात कर इस सम्बन्ध में उत्तराखण्ड में कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र खोलने के लिए भारत सरकार का अनुमति पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर खुलने से उत्तराखण्ड के युवाओं को कोस्टगार्ड में रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे। उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। कोस्टगार्ड एस.डी.आर.एफ को आपदा से राहत व बचाव के तरीकों के लिए प्रशिक्षण भी देगा। युवाओं को भी कोस्टगार्ड द्वारा आपदा से राहत व बचाव कार्य का प्रशिक्षण दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैन्य प्रदेश है। सेना के विभिन्न अंगों मे उत्तराखण्ड के जवान है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड को पांचवे सैन्य धाम के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। यह उत्तराखण्ड का सौभाग्य है कि देश का पांचवा कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र उत्तराखण्ड में बन रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रैबार कार्यक्रम में डीजी कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह ने उत्तराखण्ड में कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र खोलने का प्रस्ताव दिया था। उसी का परिणाम है कि भारत सरकार से इसे स्वीकृति भी मिल चुकी है। उन्होंने डीजी कोस्टगार्ड के इन प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार जताया।
डीजी कोस्टगार्ड राजेन्द्र सिंह ने कहा कि देहरादून में कोस्टगार्ड भर्ती सेंटर के लिए भारत सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए 17 करोड़ रूपये भूमि के लिए व 25 करोड़ रूपये भवन निर्माण के लिए स्वीकृति मिली है। इस भर्ती केन्द्र का पूरा खर्च भारत सरकार वहन करेगी। नोएडा, मुम्बई, चेन्नई व कोलकत्ता के बाद यह उत्तराखण्ड में 5वां कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उत्तराखण्ड को सैन्य धाम के रूप में 5वां सैन्य धाम विकसित करने की बात कही है। यह कोस्टगार्ड भर्ती केन्द्र उत्तराखण्ड के जवानों को समर्पित होगा। इस भर्ती केन्द्र का लाभ उत्तराखण्ड के साथ ही उत्तर प्रदेश, हिमांचल प्रदेश व हरियाणा के युवाओं को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि लगभग डेढ़ साल में यह भर्ती केन्द्र बनकर तैयार हो जायेगा।

कृषि उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास करना जरुरीः त्रिवेन्द्र रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे चैक स्थित आईआरटीडी आडिटोरियम में राज्य स्तरीय शून्य लागत (जीरो बजट) प्राकृतिक कृषि से संबधित एक दिवसीय कार्यशाला का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में आजीविका का सबसे मुख्य साधन कृषि है। हमारी लगभग 64 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर आधारित है। 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए कृषि कार्यों में उत्पादन लागत कम करने व प्रोडक्शन में वृद्धि पर विशेष ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने तथा उसकी लागत कम करने के लिए प्राकृतिक कृषि से संबंधित पालेकर कृषि माॅडल उपयोगी साबित हो सकता है। विशेषकर उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक कृषि काफी कारगर साबित हो सकती है। प्राकृतिक खेती में जैव अवशेषों, कम्पोस्ट व प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग किया जाता है, जो पर्वतीय क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध होते हैं। प्राकृतिक खेती से कृषकों पर व्यय भार भी नहीं पड़ेगा व उत्तम गुणवत्ता के उत्पादों में भी इजाफा होगा। प्राकृतिक खेती कृषि, बागवानी व सब्जी उत्पादन के लिए उपयोगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में रासायनिक उत्पादों का प्रयोग कम से कम हो इसके लिए राज्य में प्रभावी प्रयास हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पर कौशल विकास व कृषि विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पालेकर कृषि माॅडल हिमांचल प्रदेश में भी सफल हुआ है। उत्तराखण्ड में इस माॅडल पर विस्तृत अध्ययन कराया जायेगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इसके लिए एक कमेटी भी बनाई जायेगी।
पद्मश्री सुभाष पालेकर ने कहा कि परम्परागत खेती व रासायनिक खेती के बजाय प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। प्राकृतिक खेती में लागत ना के बराबर है जबकि यह मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाये रखने व शुद्ध पौष्टिक आहार का एक उत्तम जरिया है। उन्होंने कहा कि उद्योग व रासायनिक कृषि वैश्विक तापमान वृद्धि के प्रमुख कारक हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को एक मिशन के रूप में लिया जा रहा है। इसके लिए किसी भी प्रकार के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता नहीं है। यह कृषि राज्य में उपलब्ध संसाधनों से आगे बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हिमांचल में प्राकृतिक कृषि पर कार्य किया जा रहा है। जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। उत्तराखण्ड व हिमांचल की भौगोलिक व आर्थिक स्थिति में काफी समानता है। देश की कृषि व्यवस्था सुदृढ़ होगी तो आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
इस अवसर पर विधायक खजानदास, रेशम बोर्ड के अध्यक्ष अजीत चैधरी, बीज बचाओ आन्दोलन के प्रणेता विजय जड़धारी, सचिव कृषि डी सेंथिल पांडियन, डाॅ. देवेन्द्र भसीन, वृजेन्द्र पाल सिंह व विभिन्न विश्वविद्यालयों के कृषि विशेषज्ञ उपस्थित थे।

29 जून में पर्वतीय क्षेत्रों को पौड़ी में मिल सकती है कई सौगात

पौड़ी गढ़वाल कमिश्नरी के गठन की स्वर्ण जयंती, यानी 50 वर्ष पूरे होने के मौके को त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार खास बनाने जा रही है। 29 जून को पौड़ी में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की जा रही है। यह तीसरा मौका है जब त्रिवेंद्र सरकार देहरादून के बाहर पर्वतीय क्षेत्र में मंत्रिमंडल की बैठक करेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत में कहा कि कि पौड़ी गढ़वाल कमिश्नरी के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 29 जून को पौड़ी में मंत्रिमंडल की बैठक होगी। इस बैठक में मंत्रिमंडल पर्वतीय क्षेत्रों के विकास से संबंधित फैसलों पर मुहर लगा सकता है। गौरतलब है कि इससे पहले देहरादून से इतर पर्वतीय क्षेत्रों में दो दफा त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की बैठकें हो चुकी हैं। बीते वर्ष टिहरी महोत्सव के उपलक्ष्य में मंत्रिमंडल की बैठक टिहरी में आयोजित की जा चुकी है।
त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल की बैठक गैरसैंण में भी हो चुकी है। गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान मंत्रिमंडल की बैठक आहूत की गई थी। इसके अलावा पूर्व की सरकारों के समय भी तीन बार राजधानी देहरादून से बाहर कैबिनेट की बैठकें हो चुकी हैं। पौड़ी में मंडल मुख्यालय होने की वजह से कई मंडलस्तरीय कार्यालय भी वहां हैं। यह दीगर बात है कि पौड़ी में मंडल मुख्यालय समेत पर्वतीय क्षेत्रों में सरकारी कार्यालय होने के बावजूद अधिकारियों की इन कार्यालयों में नियमित उपस्थिति की समस्या अलग उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी बरकरार है। माना जा रहा मंत्रिमंडल पर्वतीय क्षेत्रों की समस्याओं को देखते हुए अहम फैसले ले सकती है।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से हरिद्वार महाकुंभ के लिए मांगी वित्तीय मदद

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से नई दिल्ली में भेंट कर हरिद्वार में वर्ष 2021 में होने जा रहे महाकुम्भ मेला के लिए भारत सरकार से 5000 करोड़ रूपए की वन टाईम ग्रान्ट दिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में हरिद्वार में महाकुम्भ मेले का आयोजन किया जाना है। इसमें देश विदेश से 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। महाकुम्भ मेले में अवस्थापना सेवाओं व सुविधाओं विशेषकर आवास, परिवहन, स्वास्थ्य, स्वच्छता व सुरक्षा आदि में विस्तार करना जरूरी है ताकि मेले का सफल आयोजन सुनिश्चित हो सके। संबंधित विभागों द्वारा अवस्थापना सेवाओं व सुविधाओं के विकास के लिए लगभग 5000 करोड़ रूपए के प्रस्ताव उपलब्ध कराए गए हैं। सभी स्थायी व अस्थायी कार्य अक्टूबर 2020 तक पूर्ण कराया जाना आवश्यक है। उत्तराखण्ड राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों को देखते हुए महाकुम्भ मेला 2021 के लिए वनटाईम ग्रान्ट की यथाशीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाए। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिए केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड सरकार की हर सम्भव मदद करेगी।

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स्वरोजगार की दिशा में सार्थक प्रयास है ‘‘पहाड़ी रसोई‘‘

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महिला सशक्तिकरण के साथ ही प्रदेश के परम्परागत व्यंजनों को बढ़ावा देने तथा देश व दुनिया में पर्यटकों के माध्यम से इसकी पहचान बनाने के लिए पहाड़ी रसोई योजना को कारगर प्रयास बताया है। राजपुर रोड स्थित अनिकेत पैलेस में सरस्वती जागृति महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित ‘‘पहाड़ी रसोई‘‘ का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला समूह द्वारा किया गया यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की भी मजबूत पहल है। उन्होंने इसे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायी भी बताया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि समाज में महिला व पुरुष दोनों पक्ष यदि सशक्त होंगे तो हमारा समाज भी आगे बढ़ेगा तथा समाज का कल्याण भी होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारा प्रदेश पर्यटन प्रदेश है। यहां आने वाले पर्यटकों को पर्वतीय व्यंजनों की चाहत रहती है। इससे हमारे उत्पादों को देश व दुनिया में पहचान मिलने के साथ ही पारम्परिक खेती के उत्पादन के प्रति हमारे लोग प्रेरित होंगे। इससे पारम्परिक उत्पादों व खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे उत्पाद पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने, इसके भी प्रयास किए जाने चाहिए। इस अवसर पर विधायक खजान दास, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार के.एस.पवार, सरस्वती जागृति महिला स्वयं सहायता समूह की सुश्री पूजा तोमर, सुषमा शालिनी आदि उपस्थित थे।

श्रद्धांजलि देते समय भावुक हुए साथी, बताया अपना गुरु

दिवंगत प्रकाश पंत का पार्थिव शरीर पहले दिल्ली और फिर विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। दिवंगत पंत के पार्थिव शरीर को जौलीग्रांट हवाई अड्डे के निकट एसडीआरएफ भवन में श्रद्धांजलि और दर्शनार्थ रखा गया। जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट सहित कई मंत्रियों, विधायकों के अलावा कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं ने स्वर्गीय पंत को श्रद्धांजलि अर्पित की। एसडीआरएफ भवन के प्रागंण में दिवंगत पंत के पार्थिव शरीर को पुलिस के द्वारा सलामी भी दी गई।

मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं ने स्वर्गीय पंत के पार्थिव शरीर को कंधा भी लगाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने अपने प्रिय नेता स्वर्गीय प्रकाश पंत के अंतिम दर्शन कर उन्हें भावनभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी दिंवगत पंत को जौलाग्रांट स्थित एसडीआरफ भवन में श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि देने वालों में नेता प्रतिपक्ष डाॅ. इंदिरा हृद्येश भी शामिल रहीं। साथ ही राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी के अलावा वरिष्ठ पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी और विधानसभा के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे।

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राज्य में पुलिस पर लोगों का भरोसा बढ़ाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुलिस लाईन में उत्तराखण्ड पुलिस के ट्रेनी आरक्षियों (कांस्टेबल्स) के पासिंग आउट परेड की सलामी ली। इस अवसर पर प्रशिक्षु पुलिस आरक्षियों और उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक समय में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ी है। पुलिस का काम आगे बढ़ कर बहुत से अन्य सामाजिक सरकारों से जुड गया है। पुलिस पर लोगों का भरोसा भी बढ़ा है। राज्य में जहां राजस्व पुलिस की व्यवस्था लागू है, वहां भी लोगों द्वारा रेगुलर पुलिस की मांग की जाने लगी है। उत्तराखण्ड पुलिस में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर हर्ष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस में महिलाओं की संख्या 11 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि राष्ट्रीय औसत 7 प्रतिशत है। पुलिस फोर्स में महिलाओं की भागीदारी के क्षेत्र में उत्तराखण्ड देश के शीर्ष पांच राज्यों में सम्मिलित हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब प्रदेश हर थाने में एक या उससे ज्यादा महिला पुलिस की तैनाती हो सकेगी। इससे महिला संबंधी अपराध की रोकथाम और उसके कुशल निवारण में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘जब मैं अपनी बेटियों को इस वर्दी में देख रहा हूं तो मुझे अपार प्रसन्नता हो रही है। आज मैं कह सकता हूं कि उत्तराखंड राज्य में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान खूब फल फूल रहा है। आप सारी बेटियां इस राज्य का गौरव है और आपसे उम्मीद है कि आप सब पूरी ईमानदारी और लगन से पुलिस महकमे में अपनी अलग पहचान बनाऐंगी।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस का नशे के कारोबार के विरूद्ध एक कठोर अभियान चलाने में भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सभी पास आउट आरक्षियों को उनके सफल कैरियर के लिये शुभकामनाएं भी दी।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने बताया कि कुल 175 ट्रेनी आरक्षियों का प्रशिक्षण रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर देहरादून में हुआ। कुल सीधी भर्ती के 141 महिला आरक्षियों एवं 34 पुरूष रिक्रूट आरक्षियों को 09 माह का आधारभूत प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें प्रशिक्षण देने हेतु 27 पुलिस अधिकारीकर्मी नियुक्त रहे। देहरादून जनपद के अतिरिक्त रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर जनपद हरिद्वार, उधमसिंहनगर, चम्बा (टिहरी गढ़वाल), 31वीं वाहिनी पीएसी में भी कुल 792 प्रशिक्षु महिला आरक्षियों का प्रशिक्षण सम्पन्न कराया गया तथा इन सभी स्थानों पर भी पासिंग आउट परेड विभिन्न तिथियों में आयोजित की जा रही है। दीक्षांत परेड में प्रशिक्षण अवधि में सर्वांगसर्वोत्तम श्रेणी में महिला आरक्षी कविता और अंजना बेलवाल और पुरूष आरक्षी अंकित बिष्ट को पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस अवसर पर एडीजी अशोक कुमार, आईजी दीपम सेठ सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।

सीएम आवास में दीनदयाल गाथा का आयोजन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष के उपलक्ष में आयोजित दीनदयाल गाथा कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। पंडित दीनदयाल जन्म शताब्दी वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोजित कथा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन की सभी विचार सुंदर ढंग से प्रस्तुत किए गए हैं। इससे पंडित दीनदयाल की संदेशों पर आचरण करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। सरकार द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय की एकात्म मानवतावाद की भावना के अनुरूप देश से गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी जैसी समस्याओं को समाप्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है।
मौके पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन कथा वाचक अजय भाई ने किया।