आजादी के नायकों को हमेशा याद किया जायेगा-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु ने सचिवालय में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण करते हुए सभी को 76वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रत्येक वर्ष स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर हम कुछ न कुछ प्रण जरूर करते हैं, शहीदों को याद करते हैं साथ ही उन महापुरूषों को भी याद करते हैं जिन्होंने काफी संघर्ष करते हुए हमें आजादी दिलाई, उनसे हमें प्रेरणा भी मिलती है कि उन लोगों ने हमारे लिए इतना कुछ सहन किया एवं बलिदान दिया। हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम भी देश के लिए कुछ करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ’हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत पूरे देश में ऐसा माहौल बन गया है कि तिरंगा सिर्फ हर घर में ही नहीं बल्कि हर हाथ में है और मैं यह मानता हूँ कि हर दिल में भी तिरंगा है। 75 वर्ष किसी भी देश की आजादी के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। प्रधानमंत्री ने अगले 25 सालों को अमृतकाल का समय बताया है, वर्तमान से लेकर 2047 तक इस देश को हमें कहां ले जाना है, उसकी योजना बनानी है एवं उस योजना को हमें धरातल पर उतारना है। केवल योजना बनाने से काम नहीं होता, जब तक हम उसे धरातल पर नही उतारते। इसके लिए सचिवालय परिवार के हर एक सदस्य का योगदान अपेक्षित है।
मुख्य सचिव ने सचिवालय परिवार की कार्यक्षमता पर विश्वास प्रकट करते हुए कहा कि हम सभी एक टीम के रूप में उसे पूर्ण अवश्य करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से पूरे देश में हर तरफ तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा है, चाहे सड़के हो, टीवी हो या फिर आपका मोबाईल हो चारो ओर तिरंगा है, पूरा देश इस तिरंगे के जश्न में तथा इस आजादी के जश्न में डूब गया है। क्या हर वर्ष की तरह हम केवल विशेष अवसर पर ही तिरंगा फहरायेंगे और फिर उसे भूल जायेंगे। इस जश्न में हम कुछ न कुछ प्रण लें कि अपने देश को और अच्छा बनाने के लिए कुछ विशेष कार्य करेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि हम सभी ने बचपन से तिरंगे के विषय में पढ़ा है जाना है, परन्तु आज जब सुनामी की तरह पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान चल रहा है, तो फिर से तिरंगे के विषय में जानने की आवश्यकता है। तिरंगे का केसरिया रंग हिम्मत का, बलिदान का एवं जोश का प्रतीक है। आजादी से पहले इसका काफी महत्व था, क्योकि अंग्रेजी हुकूमत का अत्याचार चारो तरफ था और हर तरफ आजादी के लिए आंदोलन हो रहे थे। परन्तु आजादी के बाद आज भी केसरिया का महत्व कम नहीं हुआ है। आज भी देश को बलिदान की जरूरत है पर बलिदान की परिभाषा बदल गई है। आज भी हमें उतनी ही हिम्मत चाहिए। सचिवालय के संदर्भ पर बात की जाए तो आज भी कई निर्णयों पर बहुत हिम्मत की आवश्यकता है, क्योंकि कुछ स्वार्थी लोग अपने पक्ष में निर्णय करने हेतु काफी दबाव डलवाते हैं। हर निर्णय में हमें भारत प्रथम, उत्तराखण्ड प्रथम का मंत्र याद रखना चाहिए। दूसरा रंग सफेद शांति एवं सत्य का प्रतीक है। आज के दौर में सचिवालय के संदर्भ में शांति से अभिप्राय यह है कि जो समाज का निचला तबका है उन सब के मन की शांति एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए हम क्या अच्छा से अच्छा कार्य कर सकते हैं। शासन में उचित निर्णय लेने में देरी, गरीब वंचितों के लिए प्रताड़ित करने जैसा ही है। हमें हमेंशा सतर्क होने की आवश्यकता है। हम सभी शासन के उच्च स्तर में है हम सभी का कर्तव्य है कि पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें, जिससे पिछड़ा समाज परेशान न हो। तिरंगे का हरा रंग खुशहाली का प्रतीक है। वर्तमान में भी हमें शासन के तौर पर यह देखना चाहिए कि हमारा निर्णय ऐसा होना चाहिए कि गरीबों की मदद हो सके और उनके जीवन में खुशहाली आ सके। हमारे तिरंगे का अशोक चक्र जिसे धर्म चक्र भी कहते हैं। इससे तात्पर्य है कि हमें हर कार्य में धर्म को अवश्य याद रखना चाहिए। धर्म क्या है यह आप सभी जानते हैं, क्या सही है क्या गलत यह जानना ही सही मायने में धर्म है।
मुख्य सचिव ने कहा कि हमें समय एवं परिवर्तन के साथ खुद को भी बदलना है। अगले 25 सालों के लिए देश के लिए योजना बन रही है। प्रदेश के लिए भी हमें योजना बनानी है। केवल विजन ही नही चाहिए, मिशन भी चाहिए। विजन में हमने यह देखना है कि अगले 25 सालों में प्रदेश को कहां ले जाना है मिशन में हमें दिल दिमाग और आत्मा के साथ काम करना है, तभी यह तिरंगे का सच्चा सम्मान होगा। केवल यह लम्बा इवेंट बनकर न रह जाए। हम सभी मिलकर कार्य करेंगे अपने तन मन धन से इस देश को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा सचिवालय एथलीट व फिटनेस क्लब के 42 सदस्यों को जिन्होंने 15 कि0मी0 दौड़ पूरी की थी उनका आभार व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी। इसके साथ ही 28 से 30 मार्च 2022 को गुड़गांव हरियाणा में आयोजित अखिल भारतीय सिविल सर्विसेज एथलेक्टिस प्रतियोगिता में 800 मी0 रेस में कांस्य पदक जीत कर सचिवालय के लिए पहला पदक लाने वाले अनुभाग अधिकारी एवं अध्यक्ष सचिवालय एथलीट व फिटनेस क्लब ललित चन्द्र जोशी को भी बधाई दी।
इस दौरान ध्वजारोहण के अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु व एल.फेनई सहित सभी सचिव, प्रभारी सचिव सहित सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी एवं अन्य नागरिक उपस्थित रहे।

बदरीनाथ के भव्य रुप को संवारने की जिम्मेदारी सभी की-संधु

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु ने बद्रीनाथ पहुंचकर मास्टर प्लान के तहत चल रहे निर्माण कार्याे का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यदायी संस्थाओं को गुणवत्ता के साथ-साथ तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को शीघ्र ही मैन पावर बढाने के निर्देश दिए। वहीं मुख्य सचिव ने व्यापारियों से मुलाकात की और कहा फिलहाल उनके लिए अस्थायी दुकानों का निर्माण किया जा रहा है तथा कार्य पूरे होने के बाद स्थायी दुकाने आवंटित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्थानीय जनता के सहयोग से आने वाले वर्षाे में बद्रीनाथ का भव्य रूप दुनिया के सामने होगा जिससे यहां के व्यापारियों, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पीएमओ भी डेली बेसिस पर इसकी मानीटरिंग कर रहा है।
उसके बाद मुख्य सचिव ने बदरीनाथ मास्टर प्लान तथा यात्रा की तैयारियों को लेकर बीआरओ गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने उन्हें गतिमान कार्यों और यात्रा की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। मुख्य सचिव ने मास्टर प्लान कार्यों में लगे मजदूरों तथा अन्य कर्मचारियों के लिए अस्थायी आवास बनाने के निर्देश दिए। साथ ही यात्रा व्यवस्था को लेकर भी संबंधित विभागों को निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने गोविन्द घाट से पुलना पैदल मार्ग पर चल रहे निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यदायी संस्थाओं को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए कहा कि 15 दिन बाद फिर इसका स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
इस दौरान पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, एसडीएम कुमकुम जोशी, धर्मेश गंगानी, मुख्य अभियन्ता अयाज अहमद, इओ सुनील पुरोहित, कमाण्डर मनीष कपिल, हेमकुण्ड साहिब के प्रबंधक सेवा सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

सीएम ने चारधाम यात्रा को लेकर सीएस को दिये ये निर्देश

उत्तराखण्ड में बाहर से आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं की कोविड जांच को लेकर भ्रम की स्थिति दूर करने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने संबंधित अधिकारियों की बैठक ली।
बैठक में मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिये निर्देश दिए कि अग्रिम आदेशों तक यात्रियों एवं श्रद्धालुओं को राज्य की सीमा पर होने वाली असुविधा एवं भीड से बचाव करने के दृष्टिगत कोविड-19 टेस्टिंग वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट एवं अन्य किसी भी प्रकार की चेकिंग की अनिवार्यता नहीं है।
सभी यात्री एवं श्रद्धालुओं को उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा हेतु पर्यटन विभाग द्वारा संचालित पोर्टल पर पूर्व की भांति पंजीकरण करना अनिवार्य है। शासन एवं प्रशासन स्तर पर स्थिति का निरन्तर अनुश्रवण किया जाए।
मुख्य सचिव ने आगामी चार धाम यात्रा की तैयारियों की समीक्ष भी की। बैठक में सचिव स्वास्थ्य, सचिव पर्यटन, सचिव धर्मस्व, सचिव परिवहन, पुलिस महानिदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति एवं अन्य अधिकारियों सहित यात्रा से जुड़े सभी जनपदों के जिलाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर एवं सचिव, स्वास्थ्य राधिका झा द्वारा विस्तृत प्रस्तुतिकरण किया गया।

प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों ने सीएम से की मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्य सचिव डॉ. एस.एस संधु के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों तथा पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के नेतृत्व में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों ने भेंट की। सभी ने मुख्यमंत्री को नववर्ष की शुभकामनायें दी तथा मुख्यमंत्री के दीर्घ जीवन की कामना की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सभी को नववर्ष की बधाई दी तथा कामना की कि नववर्ष में सभी की नई ऊर्जा के साथ प्रदेश विकास की राह में अग्रसर होगा।

सीएस ने उद्योगों के अनुकूल महौल बनाने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु ने सचिवालय में उद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि उद्योग विभाग का उद्देश्य उद्योगों को राज्य में आने के लिए प्रोत्साहित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए उद्योग विभाग को उद्योगों के लिए हैंड होल्डिंग करने की आवश्यकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि उद्योग राज्य में आएं इसके लिए मूलभूत सुविधाओं को विकसित करते हुए हर संभव सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों द्वारा अपनाई गई बेस्ट प्रैक्टिसेज को उत्तराखंड की पॉलिसीज में शामिल किया जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को उन्नति पोर्टल के माध्यम से नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी क्लियरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को भी उन्नति पोर्टल के माध्यम से समीक्षा की जाएगी। ऑनलाइन रिव्यू से कार्यों में तेजी लाई जा सकेगी। राज्य में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिये औद्योगिक घरानों एवं समूहों से लगातार संपर्क किया जाए। इसके लिए विशेषज्ञ कंसल्टेंट लगाए जाएं।
मुख्य सचिव ने राज्य में हॉर्टी टूरिज्म की अपार संभावनाओं को देखते हुए इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फिल्म शूटिंग, फूड प्रोसेसिंग आदि क्षेत्र भी प्रदेश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इन पर विशेष फोकस किया जाए।
बैठक के दौरान महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा द्वारा बताया गया कि उद्योग विभाग का मुख्य कार्य इन्वेस्टमेंट को प्रोमोट करना एवं एंटरप्रिन्योर शिप को प्रोत्साहित करते हुए रोजगार उत्पन्न करना है। इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन के अंतर्गत 12 सेक्टर में फोकस किया जा रहा है। इसमें फूड प्रोसेसिंग, फार्मास्यूटिकल्स, वेलनेस एंड आयुष, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी, हार्टिकल्चर एंड फ्लोरीकल्चर, ऑटोमोबाइल्स, हर्बल एंड एरोमेटिक, रिन्यूएबल एनर्जी, फिल्म शूटिंग, नेचुरल फाइबर्स, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और बायो टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
बताया गया कि आईपीए रेटिंग में उत्तराखण्ड 8 आईपीए पिलर्स में से 7 में टॉप परफॉर्मर रहा है और एक में एस्पायरिंग लीडर रहा है। इस अवसर पर सचिव अमित नेगी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

बाजार में मांग के अनुसार उत्पादन बढ़ाने का प्रयास हो-संधु

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. सन्धु ने शुक्रवार को सचिवालय में उद्यान विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उद्यान के क्षेत्र में प्रदेश में बहुत अधिक सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बागवानी उत्पादों का उत्पादन के साथ ही मार्केट बढ़ाए जाने पर फोकस किया जाए। साथ ही ऐसे उत्पादों पर भी फोकस किया जाए जिनकी मार्केट पहले से ही अच्छी है परन्तु उत्पादन कम है।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एन्टरप्रिन्योर को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें सम्मानित किया जा सकता है, ताकि अन्य लोग प्रोत्साहित होकर इस क्षेत्र में रूचि दिखाएं। साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा कर सहयोग दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में माल्टा का बहुत अधिक उत्पादन होता है, जो अधिक उत्पादन के कारण अंत में फेंकना पड़ता है। उन्होंने माल्टा की खेती को भी बढ़ावा दिए जाने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर पीपीपी मोड में संचालन किए जाने के भी निर्देश दिए। इससे स्थानीय लोगों के उत्पाद बर्बाद नहीं होंगे और इससे उनकी कमाई भी बढ़ेगी।
मुख्य सचिव ने किसानों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत वित्तीय, तकनीकी और कारोबारी सहायता उपलब्ध कराने हेतु विशेष प्रयास किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पीएमएफएमई योजना के अन्तर्गत एक जनपद एक उत्पाद योजना की साप्ताहिक समीक्षा कर बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही ऐसे उत्पादों को जो जिनमें अच्छी सम्भावनाएं हैं, परन्तु ओडीओपी में किसी कारणवश कवर नहीं हो पा रही हैं, इसके लिए राज्य स्तरीय योजना तैयार की जाए।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में वॉलनट (अखरोट) की खेती में सुधार लाने के लिए उसकी वैरायटी में सुधार लाने की बात कही। कहा कि प्रदेश में बेस्ट वैरायटी उत्पादित की जाए ताकि अखरोट प्रदेश के अखरोट की डिमांड बढ़े। इसके साथ ही मधुग्राम योजना और कीवी की खेती को पूरे प्रदेश में बढ़ावा दिया जाए। इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

महत्वूपर्ण योजनाओं पर लेटलतीफी नही होगी मंजूर-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस एस संधु ने सचिवालय में प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप के अंतर्गत योजनाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप के तहत योजनाएं अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजनाएं हैं, जिन्हें समय पर पूर्ण किया जाना अति आवश्यक है।
तपोवन विष्णुगाड परियोजना के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने एनटीपीसी को इसके संचालन सहित सभी सभी स्टेप्स की टाईमलाईन निर्धारित करते हुए योजना को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया जाए कि प्रत्येक कार्य के लिए जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने टिहरी पंप्ड स्टोरेज प्लांट के सम्बन्ध में जिलाधिकारी टिहरी को सभी भूमि हस्तांतरण और आवश्यक खनन स्वीकृतियों को शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने पेंडिंग कार्यों के निस्तारण के लिए प्रोएक्टिव होकर समीक्षा किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित विभागों को आपसी सहयोग से सॉल्यूशन फाइंडर की भूमिका निभाते हुए कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को परियोजना से प्रभावितों की समस्याओं के निस्तारण की शीघ्र व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमें प्रभावितों को कॉन्फिडेंस में लेकर उनके समस्याओं के निस्तारण हेतु हर संभव सहायता देनी है। परियोजना से विस्थापितों को जिस जगह शिफ्ट किया जा रहा है, उस जगह सभी आवश्यक सुविधाएं भी शीघ्र उपलब्ध कराई जाएं। रुड़की देवबंद नई रेलवे लाईन प्रोजेक्ट में भी तेजी लाते हुए सभी आवश्यक कार्य पूर्ण किए जाएं। बैठक में बताया गया कि उत्तर रेलवे द्वारा टेंडर प्रक्रिया दिसंबर अंत तक पूर्ण कर ली जाएगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सौजन्या एवं डॉ. रंजीत सिन्हा सहित सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी भी उपस्थित थे।

चीनी मिलों की वित्तीय व्यवस्था मजबूत करने पर सीएस ने दिया जोर

मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में बाजपुर (ऊधमसिंहनगर) चीनी मिल में ईथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में बैठक आयोजित की गई। चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति को अधिक सुदृ़ढ़ किये जाने के उद्देश्य से बाजपुर चीनी मिल परिसर में 100 के.एल.पी.डी क्षमता से प्रस्तावित पी.पी.पी मोड पर बी-हेवी मोलासिस इथेनॉल प्लांट के सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस प्लांट को शीघ्रता से स्थापित करने की स्पष्ट टाइमलाइन बना लें। उन्होंने निर्देशित किया कि इस सम्बन्ध में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार की वांछित अनापत्ति शीघ्रता से प्राप्त की जाए तथा अन्य प्रक्रिया को भी तेजी से पूरा किया जाए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि बाजपुर सहकारी चीनी मिल परिसर में जो भी निर्माण गतिविधियां संचालित की जानी है तथा किस उत्पाद निर्माण से किस तरह का आउटकम मिलता है उन सभी का विवरण भी प्रस्तुत करने को कहा।
इस अवसर पर बैठक में सचिव हरबंस सिंह चुघ, सचिव एस.ए. मुरूगेशन, एम.डी उत्तराखण्ड शुगर मिल उदयराज सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने दिए, कम संसाधनों से अधिकतम आउटकम प्राप्त करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
मुख्य सचिव ने कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग, डेयरी विभाग, सगंध पौध केन्द्र सेलाकुई, भरसार उद्यान विश्वविद्यालय आदि विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि उनके विभागों के अधीन मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अंतर्गत जो भी कार्य किये जा रहे हैं अथवा किये जाने हैं उनकी उचित गुणवत्ता बरकरार रखते हुए उन्हें तेजी से पूरा करें। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बनाये जाने वाले प्रोजेक्ट में व्यावहारिकता का ध्यान रखा जाए तथा प्रोजेक्ट इस तरह से बनाये जाएं जो धरातल पर वास्तव में इंप्लीमेंट भी हो जाए तथा सभी परियोजनाओं का आउटकम भी अनिवार्य रूप से प्राप्त होना चाहिए। निर्देशित किया कि योजना के अंतर्गत किये जाने वाले विभिन्न कार्यों में कम संसाधनों से अधिकतम आउटकम प्राप्त करने के नजरिये से कार्य करें, साथ ही किसानों, काश्तकारों तथा कृषि व इससे जुड़े हुए सहायक उद्योगों में संलग्न लोगों का अधिकाधिक कल्याण सुनिश्चित हो।
इस दौरान सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में पूर्व में स्वीकृत की गयी 16 परियोजनाओं की प्रगति का विवरण मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके अतिरिक्त इस दौरान पशुपालन विभाग तथा सगंध पौध केन्द्र से संबंधित दो परियोजनाओं की लागत में संशोधन किया गया साथ ही 4 विभागों की उद्यान विभाग, कृषि विभाग व भरसार उद्यान विश्वविद्यालय पौड़ी की 1-1 परियोजना तथा मत्स्य विभाग की 2 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गयी।
इस अवसर पर बैठक में सचिव कृषि मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक उद्यान एच.एस. बवेजा, निदेशक पशुपालन डॉ. प्रेम कुमार, निदेशक सगंध पौध केन्द्र सेलाकुई डॉ. नृपेन्द्र चौहान, भरसार उद्यान विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अनमोल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

कार्मिकों को राज्य की उन्नति और कर्तव्यों के प्रति जागरुक किया

मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु द्वारा सचिवालय में उच्चस्थ अधीनस्थ कार्मिकों और अन्य नागरिकों की उपस्थिति में ध्वजारोहण करते हुए सभी को 75वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस दौरान देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए मुख्य सचिव ने लोगों से अपील की कि देश के बलिदानियों ने जिस मकसद से आजादी के लिए असहनीय कष्ट सहे-संघर्ष किया हमें उस मकसद को नहीं भूलना चाहिए। शहीदों ने जिस भारत की परिकल्पना की थी हम उसको पूरा करने में कितने सफल हुए, हम कहाँ पहुँचे, आगे क्या कुछ किया जाना है इस पर सभी लोग इस अवसर पर मंथन करें। देश का नागरिक संपूर्ण देश का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए हमें ऐसे राष्ट्रीय पर्व को मात्र औपचारिकता के तौर पर ना देखकर देश सेवा अर्थात् अपने नागरिकों के जीवन को ऊँचा उठाने के बारे में सोचना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण दिया कि 1947 से पहले प्रत्येक भारतीय नागरिक के पास केवल 2 विकल्प थे, पहला आसान रास्ता जिसमें कुछ लोग अंग्रेजों से मिल गये। उन्होंने उपाधियां पाई, जमीन-जायदाद बनाई तथा बाकि भारतीय नागरिकों को गुलाम बनाने में अंग्रेजों का साथ दिया। लेकिन कुछ ऐसे फ्रीडम फाइटर थे जिन्होंने दूसरा कठिन रास्ता चुना जिनको अंग्रेजों और उनके समर्थक आतंकवादी कहते थे। याद करो अंडमान निकोबार (कालापानी की सजा) की वो सलाखें जहाँ पर अंगेज इन देशभक्तों को अनन्त यातनायें देते थे। रोजाना असंभव टास्क दिया जाता था जिसको पूरा करना संभव ही नहीं होता था तथा पूरा ना कर पाने पर रोंगटे खड़े करने वाला दर्द दिया जाता था। मुख्य सचिव ने कहा कि उन लोगों को क्या पड़ी थी इतना दर्द सहने की, वे भी अन्य चाटूकारों की तरह अंग्रेजों से मिल सकते थे। लेकिन उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए सोचा। कहा कि इनके जीवन से हम क्या सीख पाये।
कहा कि सचिवालय शीर्ष कार्यालय होता है जहाँ देश-प्रदेश की नीतियां बनती है यहाँ पर भी फाइल को डील करते समय 2 विकल्प होते है पहला आसान विकल्प-रूकावट डालने वाला। एक व्यक्ति ने नीचे से टिप्पणी लिख दी और ऊपर के सब उसी अनुसार चलते गये कि ये काम नहीं हो सकता। इस कार्यप्रणाली से फाइलों का बोझ कम होता जरूर दिखता है लेकिन नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने वाला मकसद तो अधूरा रह जाता है। एक दूसरा विकल्प भी होता है कठिन विकल्प जिसमें फाइल को डील करते समय थोड़ा चिन्तन मनन की जरूरत होती हैं। इसमें इस भावना से काम किया जाता है कि यदि प्रस्ताव अच्छा है तो यदि नियम भी आड़े आ रहे है। तो नियमों को परिवर्तित भी कराया जा सकता है। कहा कि आजकल बहुत लोग सोशल मीडिया में तो बहुत देशभक्ति दिखाते हैं किन्तु व्यावहारिक जीवन में वे उस पर खरे नहीं उतरते उसके विपरीत आचरण करते नजर आते हैं। हमें समाधान का हिस्सा बनना है, समस्या का नहीं। कहा कि ऐसा नहीं कि देश में अच्छे लोग नहीं है, देश में बहुत से अच्छे लोग भी हैं जिनके चलते ये देश मजबूती से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है।
इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा सचिवालय में कोविड-19 के दौरान टीकाकरण में उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे कार्मिकों को सम्मानित भी किया गया। इनमें वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ0 विमलेश जोशी, चीफ फार्मासिस्ट एम.पी. रतूड़ी, ए0एन0 एम0 वन्दना रावत, सुनीता सिंह व सुनीता चमोली, एम्बुलेंस चालक पिताम्बर चमोली, सहायक समीक्षा अधिकारी चारूचन्द्र गोस्वामी, कम्प्यूटर सहायक गुमन सिंह व अनूप सिंह नेगी, सुपरवाइजर रतन सिंह रावत, प्रवीण सिंह व भगवती प्रसाद, सफाई कर्मी राधे व अक्षम शामिल थे। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एथलीट व फिटनेस क्लब के उन सदस्यों को जिन्होंने 15 कि0मी0 दौड़ राष्ट्रीय ध्वज के साथ पूरी की थी उनका आभार व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी।
इस दौरान ध्वजारोहण के अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, व आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु व एल. फेनई, सहित सभी सचिव, प्रभारी सचिव, उच्चस्थ-अधीनस्थ कार्मिक व अन्य नागरिक उपस्थित थे।