मुख्यमंत्री को चम्पावत उपचुनाव में ऐतिहासिक विजय पर व्यापारियों ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज मुख्यमंत्री आवास कार्यालय सभागार में प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल से जुड़े विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने भेंट की तथा मुख्यमंत्री को चम्पावत उपचुनाव में मिली ऐतिहासिक विजय पर शुभकामनायें दी। मुख्यमंत्री को उद्योग व्यापार संगठनों के सदस्यों ने व्यापारियों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए अनुरोध किया कि प्रदेश में बाहर से लाये गये कृषि उत्पाद पर मण्डी शुल्क की दरों में कम किये जाने, आपदा की स्थिति में व्यापारियों को सहायता उपलब्ध कराये जाने हेतु व्यापारी कोष के गठन, व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना की धनराशि को 05 लाख से 10 लाख किये जाने तथा व्यापार मित्र की बैठक नियमित रूप से आयोजित किये जाने सहित अपनी विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यापारी संगठनों की समस्याओं से अवगत होते हुए उद्योग व्यापार मण्डल से जुड़े सदस्यों की समस्याओं का परीक्षण कर त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में व्यापारियों का बड़ा योगदान है। व्यापारी हमारे राज्य के ब्राण्ड एम्बेसडर भी हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के हित में उद्योग व व्यापार मित्र की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जायेगा। प्रदेश के बजट में आम जनता के साथ ही प्रदेश उद्योग व्यापार से जुड़े संगठनों के सुझावों को भी सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये हमारी सरकार प्रयासरत है। राज्य में सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण की प्रक्रिया को प्रभावी बनाते हुए विकल्प रहित संकल्प के साथ समस्याओं के समाधान का हमारा प्रयास है। प्रदेश की जनता को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिले इसके लिये भी हम प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। उन्होंने व्यापारियों से अपेक्षा की कि वे किसी भी प्रकार की शिकायत हेल्पलाइन एप्प 1064 पर कर सकते हैं। उसमें उनका नाम गोपनीय रखा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान धरना प्रदर्शन से नहीं बल्कि आपसी बातचीत के ही संभव है। हमारी मंशा सभी की समस्याओं का बेहतर ढंग से समाधान करने का है। सभी के लिये सरकार के दरवाजे बातचीत के लिये खुले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चारधाम यात्रा व्यवस्थित ढंग से संचालित हो रही है। पहले की अपेक्षा कई गुना यात्री प्रदेश में आये हैं। यात्रियों की सुविधाओं का हमें ध्यान रखना होगा। इससे देश व दुनिया में राज्य के प्रति अच्छा संदेश भी जायेगा तथा और अधिक यात्री व पर्यटन प्रदेश में आयेंगे।

13 महत्वपूर्ण परियोजनाएं जनता को समर्पित हुई-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन से उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लि. एवं पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ लि. द्वारा पूर्ण की गई कुल 13 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं में 13 यूपीसीएल तथा 2 पिटकुल की शामिल हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज महत्वपूर्ण परियोजनाएं जनता को समर्पित हुई हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिए सभी को सामुहिक प्रयास करने होंगे। देवभूमि उत्तराखण्ड गंगा एवं यमुना का उद्गम स्थल है। राज्य में जल विद्युत की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में तेजी से कार्य करने की जरूरत है। राज्य के राजस्व स्रोतों में ऊर्जा का स्रोत महत्वपूर्ण है। राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं पर तेजी से कार्य हो, इसके लिए सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के साथ ही अन्य क्षेत्रों में भी तेजी से काम करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए ऊर्जा का क्षेत्र महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विद्युत की रोस्टिंग कम से कम किये जाने के प्रयास किये जाएं। जो रोस्टिंग की जा रही है, उसका समय निर्धारित हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विद्युत मीटरों, बिजली के बिलों की शिकायतों पर सख्त कारवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक नई कार्य संस्कृति आई है। राज्य में जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मंत्र पर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने से मन में संतुष्टि का भाव तभी आयेगा, जब कार्य पूर्ण मनोयोग से किया जाए।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उर्जा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक संभावनाएं हैं। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उत्तराखण्ड में ऊर्जा के क्षेत्र में पर्वतीय राज्य के दृष्टिगत योजनाएं बननी जरूरी हैं।

लोकार्पित की गई परियोजनाएं
1. 2 X 3 MVA , 33/11 के.वी. उपसंस्थान सोनप्रयाग एवं 33 के. वी. गुप्तकाशी सोनप्रयाग लाईन-श्री केदारनाथ जी की विद्युत आपूर्ति के सुदृढ़ीकरण हेतु ।
2. 33 के. वी. सिमली – नन्दप्रयाग लाईन, श्री बद्रीनाथ जी की विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था हेतु ।
3. 2 X 8 MVA , 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, ऋषिकेश, देहरादून।
4. 2 X 10 MVA, 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, कनखल, हरिद्वार।
5. 2 X 10 MVA , 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, पनियाला, रुड़की ।
6. 2 X 5 MVA , 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, अल्मोड़ा ।
7. 2 X 10 MVA , 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, रूद्रपुर ।
8. 2 X 10 MVA , 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, किच्छा, उधमसिंहनगर ।
9. 2 X 10 MVA , 33/11 के.वी. जी.आई.एस. उपसंस्थान, काठगोदाम, हल्द्वानी।
10. 2 X 3 MVA , 33/11 के.वी. उपसंस्थान, आराकोट, उत्तरकाशी।
11. 2 X 5 MVA , 33/11 के.वी. उपसंस्थान, असकोट, पिथौरागढ़।
12. 220 KV , व्यासी देहरादून डबल सर्किट लाईन ।
13. 2 X 50 MVA , 220/33 के.वी., उपसंस्थान, जाफरपुर, उद्यम सिंह नगर ।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल अनिल कुमार, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, अपर सचिव अहमद इकबाल, अपर सचिव रंजना राजगुरू एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

उप चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीते धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत उप चुनाव में ऐतिहासिक जीत पर उत्तराखण्ड की जनता विशेष रूप से चम्पावत की जनता का आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “मैं उत्तराखंड की महान जनता का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। ये उसी जनता की जीत है जिसने मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को अपने सर माथे पर बिठाया है। ये आपके भरोसे की जीत है। ये जीत मुझे उत्तराखंड की जनता की सेवा में प्राणपण से जुटे रहने का आदेश दे रही है। इस मौके पर मैं अपने यशस्वी प्रधानमंत्री का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जिनके सतत मार्गदर्शन ने मुझे इस लायक बनाया कि आज मैं उत्तराखंड की जनता के स्नेह और आशीर्वाद का पात्र हूं। प्रधानमंत्री मोदी की सेवा, साधना और तपस्या हम सभी के लिए आदर्श का एक मानक बन चुकी है। ये एक ऐसा मानक है जिसकी ओर बढ़ते हुए हम खुद को निखारते जाते हैं, जन सेवा की राह में स्वयं को मांजते जाते हैं।
चंपावत विधानसभा का ये उपचुनाव केवल जीत हार की लड़ाई नहीं थी। इस उपचुनाव की ओट में उत्तराखंड को सजाने, संवारने और प्रगति का स्वर्णिम अध्याय रचने के स्वप्न भी छिपे हुए थे। ये 55025 वोटों की ऐतिहासिक जीत इन्हीं सपनो को पूरा करने के संकल्प की प्रतिध्वनि है। हमने प्रधानमंत्री मोदी के आशीर्वाद से उत्तराखंड की जनता के जीवन को सुखमय बनाने का यज्ञ शुरू किया है। ये जीत इस यज्ञ की पूर्णता की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम साबित होगी।
मैं अपने चंपावत के लोगों को भी यकीन दिलाता हूं कि उनकी हर पुकार, हर आग्रह, हर आदेश पर मैं स्वयं सेवा में हाज़िर रहूंगा। मैं इस प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं। मेरे जीवन का मकसद ही इस प्रदेश की सेवा है। पर एक जनप्रतिनिधि होने के नाते चंपावत के प्रति मेरे कुछ विशिष्ट उत्तरदायित्व भी हैं। मैं पूरे मनोयोग और समर्पण से उन उत्तरदायित्वों की सिद्धि की कोशिश करूंगा। चंपावत की जनता ने विरोधियों के जिस छ्द्म जाल को अपनी दूरदर्शी आंखों से भेदकर मुझे ये जीत दिलाई है, उनके प्रति मेरे हृदय में सदैव के लिए विशेष आभार है। एक बार फिर से उत्तराखंड की इस महान जनता को मेरा सादर प्रणाम और अभिवादन।“

सीएम आवास में आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड @ 25 समिट ’बोधिसत्व’ का आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड @ 25 समिट बोधिसत्व में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, केन्द्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजयराघवन, पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन मंच पर उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री के विजन पर किया जा रहा उत्तराखण्ड का विकासः सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को विजन दिया है। इस विजन को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। बोधिसत्व कार्यक्रम के माध्यम से समाज के हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों के आधार पर आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं।

विकास और प्रकृति में संतुलन आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास प्राकृतिक संपदा है। इस प्राकृतिक संपदा के सदुपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हिमालय को बचाने एवं प्रकृति के साथ संतुलन के लिए सभी को आगे आना होगा। प्राकृतिक संपदाओं एवं अन्य स्रोतों से राज्य की आय बढ़ाने की दिशा में भी विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

केन्द्र सरकार से मिल रहा पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड हिमालयी राज्य होने के नाते यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। आपदा की दृष्टि से उत्तराखण्ड संवेदनशील राज्य है। किसी भी चुनौती से निजात पाने के लिए केन्द्र सरकार का राज्य को हर संभव सहयोग मिलता रहा है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सबका सहयोग जरूरी है। उत्तराखण्ड के विकास की यात्रा सबकी सामूहिक यात्रा है। राज्य के विकास के लिए जो भी जन सुझाव प्राप्त होंगे उन सुझावों पर पूरा विचार किया जायेगा। प्रदेश के समग्र विकास के लिए अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं।

नीति आयोग उपाध्यक्ष ने कहा हाई वैल्यू एग्रीकल्चर और प्राकृतिक खेती पर फोकस हो
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड अभी युवा राज्य है। उत्तराखण्ड के पास अनेक प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। उत्तराखण्ड के बहुमुखी विकास के लिए नये सिरे सोचना होगा। सभी वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को शिक्षा का हब बनाना होगा। माध्यमिक शिक्षा का हब तो उत्तराखण्ड है, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और प्रयास करने होंगे। उत्तराखण्ड में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है। हाई वैल्यू एग्रीकल्चर के क्षेत्र में प्रयास करने होंगे। एरोमैटिक एवं मेडिसनल प्लांट, फ्लोरीकल्चर, हॉर्टीकल्चर के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अपार संभावनाएं है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए गोष्ठी का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में विशेष प्रयास होने चाहिए। उत्तराखण्ड में महिलाएं लगनशील हैं। महिलाओं को अधिक से अधिक प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाय। उत्तराखण्ड को स्वयं प्राकृतिक खेती की ओर जुटना चाहिए। नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिये कि उत्तराखण्ड में जितने भी साइंटिफिक इंस्टीट्यूशन हैं, वे मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करें। हमारा प्रयास होना चाहिए कि अगले दस सालों में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय तीन से चार गुना बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राज्य के विकास के लिए नया ब्लू प्रिंट बनाकर दिया जायेगा।

साइंटिफिक डेवलपमेंट प्लान जरूरीः डॉ के विजनराघवन
केन्द्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजयराघवन ने कहा कि उत्तराखण्ड के पास हिमालय के रूप में बड़ी संपदा है। हिमालय देश एवं दुनिया को प्रभावित करता है। हिमालय को सस्टनेबल तरीके से प्रोटक्ट करना एवं इसके लिए डैवलपमेंट के कार्य करना एक बड़ा कार्य है। इसमें अनेक सांइंटिफिक इंस्टीट्यूट काफी कार्य कर चुके हैं। इसके लिए साइंटिफिक डेवलपमेंट प्लान जरूरी है।

हिमालय के प्रति सबकी जिम्मेदारीः डॉ अनिल जोशी
पद्म भूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि बोधिसत्व के माध्यम से राज्य के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। हिमालयी राज्यों को आपस में लगातार चिंतन एवं मंथन करने की जरूरत है। हिमालय सबका है, इसके प्रति सबकी भागीदारी होनी चाहिए। प्रदेश के विकास के लिए अपनी कमजोरी एवं ताकत का नये सिरे से विश्लेषण करना जरूरी है।

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि भौगोलिक विषमताओं के बावजूद भी इन्फ्रास्ट्रक्चर में राज्य ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उत्तराखण्ड में कई क्षेत्रों में मजबूतियां भी हैं, तो कुछ क्षेत्रों में चुनौती भी हैं। हिमालय, गंगा, जलवायु एवं शांतप्रिय समाज यहां की मजबूती हैं। रोजगार, कनेक्टिविटी, पलायन को रोकना, आपदा एवं बोर्डर ऐरिया से संबंधित मामले राज्य के समक्ष चुनौतियां भी हैं। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के लिए इन चुनौतियों को कम करने के लिए राज्य में प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा लोगों से संवाद कर सुझाव लिये जा रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक महेन्द्र भट्ट, नीति आयोग से डॉ. नीलम पटेल, सचिव नियोजन बीवीआरसी पुरूषोत्तम, मुख्यमंत्री के चीफ कॉर्डिनेटर दुर्गेश पंत, शासन से प्रमुख सचिव, सचिव, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न संस्थानों के निदेशक एवं गणमान्य उपस्थित थे।