नवजात की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री ने दिये जांच के आदेश

अल्मोड़ा में सरकारी अस्पताल से रेफर नवजात की हायर सेंटर ले जाते समय हुई मौत के प्रकरण को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में परिजनों को सख्त कार्रवाई का भरोसा देते हुये स्वास्थ्य महानिदेशक एवं जिलाधिकारी अल्मोड़ा को प्रकरण की जांच के आदेश दिये हैं, डॉ. रावत ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महानिदेशक से एक सप्ताह के भीतर प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

अल्मोड़ा जिला के फलसीमा निवासी आरती आर्या के नवजात शिशु की मौत का संज्ञान लेते हुये सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इसे दुःखद घटना बताया है। मीडिया को जारी बयान में डॉ. रावत ने कहा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये जिलाधिकारी व विभागीय स्तर पर अलग-अलग जांच कराई जायेगी। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। इस तरह की घटना को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महानिदेशक को एक सप्ताह के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये गये हैं। रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो तथा अस्पताल आने वाले किसी भी मरीज के उपचार में लापरवाही न हो सके।

डॉ0 धन सिंह रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की मुलाकात

शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मांडविया से मुलाकात कर आगामी चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिये अतिरिक्त धनराशि की मांग की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुये राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा मार्गों पर सुपर स्पेशसिलिटी हॉस्पिटल खोलने का निर्णय लिया हैए ताकि गंगोत्री यमुनोत्री बदरीनाथ केदारनाथ हेमकुंड साहिब तथा मानसरोवर यात्राओं पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को विषेश चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष लाखों लोग चार धाम यात्रा पर आते हैं। इस दौरान तीर्थ यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने चार धाम यात्रा मार्गां पर सुपर स्पेशसिलिटी अस्पताल खोलने का फैसला लिया है जिन में तीर्थ यात्रियों के लिये अति आधुनिक आईसीयू बेडए आक्सीजन बेड के साथ ही कार्डिकए न्यूरोए नेफ्रो आदि तमाम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सके। इन योजनाओं को धरातल पर उतरने के लिये केन्द्र सरकार से अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई है। कैबिनेट मंत्री रावत ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से शीघ्र ही उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में प्रस्तावित एम्स सैटालाइट सेंटर का उद्घाटन करने का आग्रह किया है जिस पर उन्होंने अपनी सहमति जताते हुये चार धाम यात्रा के लिये अतिरिक्त पैकेज स्वीकृत करने तथा एम्स सैटालाइट सेंटर के उद्घाटन समारोह में आने का भरोसा दिलाया है।

इस दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट तथा पौड़ी के पूर्व विधायक मुकेश कोली भी मौजूद रहे।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से मिले कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत

कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सोमवार हो नई दिल्ली में केन्द्रीय शिक्षा एव कौशल विकास मंत्री धर्मेंद प्रधान से मुलाकात की। इस दौरान डॉ0 रावत ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में स्थाई कुलसचिव नियुक्त करने तथा कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा की। इसके साथ ही डॉ0 रावत ने एनआईटी श्रीनगर गढ़वाल के फेज-2 के निर्माण कार्यों के लिये धनराशि स्वीकृत करने तथा एनआईटी में भी स्थाई कुलसचिव तैनाता करने की मांग की।

सूबे के शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सोमवार को केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से उनके कार्यालय में मुलाकात की। डॉ0 रावत ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में स्थाई कुलसचिव की तैनाती करने, लम्बे समय से विभिन्न संकायों में फैक्लटी के रिक्त पदों को भरने तथा शिक्षणेत्तर कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग रखी। मुलाकात के दौरान डॉ0 रावत ने एनआईटी श्रीनगर के द्वितीय चरण के कार्यों के लिये शीघ्र धनराशि जारी करने तथा सुमाड़ी में निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग भी केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखी।
डॉ0 रावत ने बताया कि केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री ने दोनों ही संस्थानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुये शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया है। अपने दिल्ली भ्रमण के दौरान शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने एनसीईआरटी नई दिल्ली के विद्या समीक्षा केन्द्र का भ्रमण कर उसके संचालन एवं मॉनिटिरिंग संबंधी जानकारियां हासिल की। उन्होंने एनसीईआरटी के अधिकारियों से शिक्षा व्यवस्था में सुधार एवं शिक्षा की गुणवत्ता में विद्या समीक्षा केन्द्र की भूमिका के बारे में भी चर्चा की।

डॉ0 रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भी केन्द्र सरकार द्वारा विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है, जिसकी स्थापना का कार्य शुरू कर दिया गया है, इससे पूर्व विभागीय अधिकारियों की टीम द्वारा गुजरात व केरल के विद्या समीक्षा केन्द्रों का अध्ययन भी किया जा चुका है।

इस दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट तथा पौड़ी के पूर्व विधायक मुकेश कोली भी मौजूद रहे।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में कई बिन्दुओं पर बनी सहमति

सहायक प्रजनन तकनीकी अधिनियम 2021 एवं सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 को राज्यों में लागू करने को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मंडविया की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। बैठक में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) क्लीनिकों और सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) बैंकों को विनियमित और पर्यवेक्षण के दुरूपयोग को रोकने, प्रजनन स्वास्थ्य सहित विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। दोनों एक्ट को लेकर गठित राष्ट्रीय बोर्ड में स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत को भी सदस्य बनाया गया है, जो कि देशभर के अकेले स्वास्थ्य मंत्री हैं जिनको बोर्ड में बतौर सदस्य नामित किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री एवं राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि सहयक प्रजनन तकनीकी अधिनियम 2021 एवं सरोगेसी रेगुलेशन एक्ट 2021 को लेकर आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक हुई। जिसमें देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट के प्रावधानों को लेकर केरल उच्च न्यायालय एवं हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेशों के अनुपालन पर चर्चा की गई। जिसमें सरोगेसी में प्रावधिन, उम्र, पात्रता एंव दंड के प्राविधानों को लेकर विचार-विमार्श किया। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने भी अपने सुझाव रखे। विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने बताया कि उत्तराखंड में राज्य स्तरीय एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड तथा राज्य स्तरीय अप्रोप्राइटी अथॉरिटी का गठन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में एआरटी क्लीनिक एवं एआरटी बैंकों के लिये अबतक दो दर्जन से अधिक आवेदन प्राप्त हुये हैं। सभी प्रकार के आवेदनों पर पंजीकरण की प्रक्रिया गतिमान है। राष्ट्रीय बोर्ड से प्राप्त दिशा निर्देशों के उपरांत राज्य स्तरीय बोर्ड की बैठक आहूत कर प्राप्त आवेदनों पर निर्णय ले लिया जायेगा।

वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत के अलावा स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ0 विनीता शाह, संयुक्त सचिव एम0एस0 चैहान, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 मीतू शाह, अपर निदेशक चिकित्सा उपचार डॉ0 अमलेश कुमार, संयुक्त निदेशक परिवार कल्याण सहित अन्य विभागीय अधिकारी ने भी प्रतिभाग किया।

विश्वविद्यालयों में छात्रों के प्रवेश, परीक्षा, परिणाम, चुनाव व दीक्षांत में होगी एकरूपता

सूबे में बेहतर शैक्षिक वातावरण विकसित करने के उद्देश्य से सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में एक जैसा शैक्षणिक कैलेंडर लागू किया जायेगा। जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रों के लिये एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक चुनाव एवं एक दीक्षांत समारोह की थीम पर कार्य करते हुये एकरूपता लाई जायेगी। जिससे छात्र-छात्राओं का समय बचने के साथ ही अन्यत्र संस्थानों में प्रवेश लेने के लिये सहूलियत रहेगी। इसके अलावा उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिये सभी शिक्षण संस्थानों को नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य होगा, इसके लिये कार्यशालाओं के माध्यम ये प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गई है।

सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें निदेशक उच्च शिक्षा के साथ ही प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक उपस्थित रहे। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य में समयबद्ध एवं गुणवत्तपरक शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिये सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश की तिथि, परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम, छात्र संघ चुनाव व दीक्षांत समारोह के लिये समान एकेडमिक कैलेंडर लागू किया जायेगा। इसके लिये सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति आपस में बैठकर दो सप्ताह में शैक्षणिक कैलेंडर का ड्राफ्ट तैयार करेंगे, जिसको अगली बैठक में अंतिम रूप देते हुये स्वीकृति हेतु शासन को भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आया है कि विश्वविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया से लेकर परीक्षा के आयोजन का कार्य महीनों चलता रहा है जिससे छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं समय पर नहीं हो पाती है तथा परिणाम घोषित करने में भी देरी होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुये पूरे प्रदेश में समान शैक्षणिक कैलेंडर लागूकर एकरूपता लाना आवश्यक हो गया है। डॉ0 रावत ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को अपने संबद्ध महाविद्यालयों में 180 दिवस अनिवार्य रूप से कक्षाएं संचालित करनी होगी, छात्र-छात्राओं को पुस्तकालयों में बैठकर अध्ययन करने के लिये प्रेरित करना होगा तथा परीक्षा में बैठने के लिये पूर्व से निर्धारित 75 फीसदी उपस्थित को अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को गुणवत्ता एवं रोजगारपरक बनाने के लिये विश्वविद्यालयों एवं सभी महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन कराना आवश्यक है, इसके लिये प्रदेशभर में आधा दर्जन कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है। डॉ0 रावत ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह की समान वेशभूषा व दीक्षा शपथ एकसमान होगी। एक जैसी दीक्षा शपथ के लिये संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 देवेन्द्र शास्त्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है जो दीक्षा शपथ का ड्राफ्ट व वेशभूषा तय कर शासन को उपलब्ध करायेंगे।

बैठक में सचिव उच्च शिक्षा ने कहा कि नवीन शैक्षिक सत्र से सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के प्रवेश समर्थ पोर्टल से अनिवार्य रूप से किये जायेंगे। एकेडमिक गतिविधियों के साथ ही शोध कार्यों एवं कौशल विकास संबंधी पाठ्यक्रमों को वरियता दी जायेगी।
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सचिव संस्कृत शिक्षा चन्द्रेश यादव, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो0 जगदीश प्रसाद, सलाहकार रूसा प्रो0 एम0एस0एम0 रावत समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

एक माह में स्वास्थ्य विभाग में शुरू करें रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रियाः धन सिंह रावत

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लम्बे समय से रिक्त चल रहे विभिन्न श्रेणी के पदों को भरे जाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी। इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशालय के अधिकारियों से एक माह के भीतर रिक्त पदों का पूरा विवरण तैयार कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय हेतु स्वीकृत बजट तथा नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन के कार्यों की धीमी प्रगति पर अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है। आईएमए के पदाधिकारियों की मांग पर क्लीनिकल एसब्लिशमेंट एक्ट में छूट संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में लाने का निर्णय लिया गया।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लम्बे समय से रिक्त विभिन्न श्रेणी के पदों को न भरे जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को एक माह के भीतर रिक्त पदों का ब्यौरा तैयार कर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आईपीएचएस मानकों के तहत सभी राजकीय चिकित्सालयों में चिकित्सक, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टाफ, तकनीकी स्टॉफ सहित वार्ड ब्वॉय के पदों को भरा जाना अति आवश्यक है। उन्होंने राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की, विशेषकर इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के तीन शहरी जनपदों देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में शहरी गरीब जनसंख्या के लिये 115 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाये जाने हैं, जिनका निर्माण शहरी विकास विभाग के द्वारा कराया जाना है। स्वास्थ्य महानिदेशालय को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु स्वीकृत बजट खर्च की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुये उन्होंने कहा कि अधिकारी सभी मदों में बजट को समय पर खर्च करना सुनिश्चित करें।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड इकाई ने राज्य सरकार से छोटे अस्पतालों को क्लीनिकल एसब्लिशमेंट एक्ट के कुछ प्रावधानों में छूट देने की मांग की है। जिसके लिये शीघ्र ही छूट संबंधी प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाया जायेगा। बैठक में विभागीय मंत्री ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत धीमी प्रगति वाले चार जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश कुमार, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, अपर निदेशक डॉ0 मीतू शाह एवं आईएमए के प्रदेश सचिव डॉ0 अजय खन्ना सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने थपथपाई विभागीय अधिकारियों की पीठ

हरिद्वार जनपद के रूड़की उप जिला अस्पताल को गुणवत्ता पूर्ण कार्यों एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) एवं लक्ष्य पुरस्कार द्वारा नवाजा गया। जिस पर विभागीय मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने जनपद हरिद्वार के उप-जिला चिकित्सालय (एस.डी.एच.), रुड़की को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन.क्यू.ए.एस.) व लेबर रूम गुणवत्ता सुधार पहल (लक्ष्य सर्टिफिकेशन) पुरस्कार से नवाजे जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंन कहा कि वर्ष 2022 हेतु एसडीएच रूड़की को यह पुरस्कार 07 अलग-अलग प्रभागों सामान्य प्रशासन, लेबर रूम, मैटरनिटी ओ.टी., जनरल ओ.टी., ब्लड बैंक, मैटरनिटी वार्ड व प्रयोगशाला में गुणवत्ता पूर्ण कार्य के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि सर्वे टीम द्वारा माह अगस्त में उप-जिला चिकित्सालय, रुड़की का निरीक्षण किया और अस्पताल में मानकों के अनुरूप सभी चिकित्सकीय व्यवस्थाएं पाई। चिकित्सालय में अलग उच्च निर्भरता इकाई (एच.डी.यू.), ट्रेज रूम, सेप्टिक लेबर रूम के साथ ही उत्तराखंड के पहले कार्यात्मक एलडीआर लेबर रूम का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही चिकित्सालय में पूरी तरह से स्वचालित कपड़े धोने की मशीन, प्रयोगशाला में टोकन सिस्टम, ओ.टी. ज़ोनिंग, नवीनतम तकनीक से युक्त व दिव्यांगजनों के अनुकूल शौचालय आदि जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।

विभागीय मंत्री ने बताया कि अस्पताल में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ, तकनीकी स्टॉफ, फैसिलिटी इंचार्ज, गुणवत्ता विभाग के नोडल, नर्सिंग टीम, हाउसकीपिंग टीम व प्रशासनिक टीम के कठिन परिश्रम व आम जनमानस को उपलब्ध कराई गई स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते एन.क्यू.ए.एस. एवं लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्राप्त किया, इसके लिये चिकित्सालय की समस्त टीम को बधाई और शुभकामनाएं। डॉ0 रावत ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 05 चिकित्सा इकाइयों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन.क्यू.ए.एस.) व 14 चिकित्सा इकाइयों को लेबर रूम गुणवत्ता सुधार पहल (लक्ष्य सर्टिफिकेशन) प्रमाणपत्र मिल चुका है। जबकि एन.क्यू.ए.एस. के लिए 08 चिकित्सा इकाइयों व लक्ष्य सर्टिफिकेशन के लिए 12 चिकित्सा इकाइयों को सार्टिफिकेशन की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहत्तर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है।

दून मेडिकल कॉलेज का मंत्री ने किया औचक निरीक्षण

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज दून मेडिकल कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। रावत ने विभागीय अधिकारियों को कहा कि मेडिकल छात्र-छात्राएं भविष्य के चिकित्सक हैं उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहत्तर सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाय। मेडिकल कॉलेज में व्याप्त अव्यवस्था पर विभागीय मंत्री ने कॉलेज प्रशासन को जमकर फटकार लगाई और व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दिए।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत गुरुवार अचानक राजकीय दून मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां उन्होंने कॉलेज की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने मेडिकल कॉलेज में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने छात्रावास एवं मैस का निरीक्षण करते हुए वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी मेडिकल छात्र-छात्राओं से जानकारी ली। जिस पर छात्र-छात्राओं ने उन्हें तमाम असुविधाओं से अवगत कराया। बताया कि दून मेडिकल कॉलेज के औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने कॉलेज की गतिविधियों, शैक्षणिक कार्यक्रमों सहित तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली मेडिकल छात्र-छात्राएं भविष्य की डॉक्टर हैं लिहाजा उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बेहत्तर सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों एवं कॉलेज प्रशासन को दे दिये गये हैं।
विभागीय मंत्री ने कहा कि कॉलेज परिसर एवं छात्रावासों में साफ-सफाई, मैस में ताजा एवं पौष्ठिक भोजन उपलब्ध कराने सहित शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों को दुरूस्त करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इससे पहले रावत ने श्रीनगर एवं हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के छात्रावासों की व्यवस्थाओं को भी परखा चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कॉलेज प्रशासन को सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने निर्देश दिये।

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हंस फाउंडेशन फ्रंटलाइन वॉरियर्स की भूमिका निभा रहाः सीएम

हंस फाउंडेशन के अध्यक्ष भोले महाराज के जन्मोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, माता मंगला और भोले महाराज ने हंस फाउंडेशन की 100 करोड़ रूपये की योजनाओं का संयुक्त रूप से लोकार्पण किया। इनमें पौड़ी के लवाड़ में ‘नेशनल स्किल डेवलपमेंट सेंटर’ का निर्माण होगा। कोविड-19 से लड़ने के लिए उत्तराखंड में 10 कोविड टेस्टिंग सेंटरों की स्थापना की जा रही है। विद्यालय रथ योजना के तहत उत्तराखंड के चार विद्यालयों के लिए बसों का लोकार्पण भी किया। शिक्षा अभियान के तहत उत्तराखंड स्थित कई राजकीय महाविद्यालों में पुस्तकालयों के नवीनीकरण की परियोजना को हरी झंडी दिखाई गई। जीवन रक्षक अभियान के तहत जिला अस्पताल टिहरी, रुद्रप्रयाग और भारत माता मंदिर हरिद्वार को एम्बुलेंस प्रदान की गई। मुख्यमंत्री द्वारा इन बसों एवं एम्बुलेंसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

हंस फाण्डेशन द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए उत्तराखंड के 250 गैर सरकारी विद्यालयों के स्टाफ को 15 दिनों का वेतन देने की योजना की शुरूआत की गई। उत्तराखंड महिला पुलिस बल को सक्षम बनाने की योजना के अंतर्गत नैनीताल महिला पुलिस बल को शीघ्र ही दुपहिया वाहन प्रदान किए जाने की योजना को भी हरी झंड़ी दिखाई गई। हंस फाउंडेशन के सौजन्य से उत्तरकाशी के दूरस्थ ग्रांमों के 110 परिवारों के जीवन में रोशनी की किरण पहुंचाने के लिए हंस ऊर्जा अभियान के तहत सोलर लाईट उपहार स्वरूप प्रदान की गयी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भोले जी महाराज को उनके जन्म दिवस पर उनके सुदीर्घ जीवन की कामना करते हुए कहा कि भोले जी महाराज का व्यक्तित्व हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन गरीबों की निस्वार्थ सेवा में समर्पित है। राज्य सरकार को भी हमेशा उनका सहयोग मिला है। माता मंगला जी व भोले जी महाराज समाज सेवा की भारतीय संस्कृति की महान परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। जिससे लाखों लोगों के जीवन में रोशनी फैल रही है। उन्होंने कहा कि हंस फाउण्डेशन द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में कार्य करने के साथ ही आत्मनिर्भरता के लिये अनेक गांवों को कृषि व बागवानी के क्षेत्र में स्वावलम्बी बनाने के लिये प्रभावी मदद दी जा रही है। कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हंस फाउंडेशन फ्रंटलाइन वॉरियर्स की भूमिका निभा रहा है।

महाविद्यालयों में अगले सत्र से शैक्षणिक कलेंडर लागू

रायपुर, मालदेवता में राजकीय महाविद्यालय रायपुर के नव निर्मित भवन व शौर्य दीवार के लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यहां इसी सत्र से स्नातकोतर महाविद्यालय के रूप में उच्चीकृत करने की घोषणा की। इस सत्र से यहॉं कला संकाय की कक्षाएं प्रारम्भ होंगी। अगले सत्र से यहॉ ग्रेजुएशन में संस्कृत की कक्षाएॅं भी शुरू की जाएॅगी। मुख्यमंत्री ने कॉलेज के लिए 04 अतिरिक्त कक्षा कक्ष की घोषणा भी की। इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि उच्च शिक्षा और कॉलेज स्तरीय हों। शिक्षकों की भर्ती शीघ््रा की जाएगी। आने वाले समय में फैकल्टी की समस्या दूर होगी। उन्होंने छात्रछात्राओं का आहवाहन किया कि वे बहुआयामी शिक्षा के प्रति प्रयत्न करें। सिर्फ किताबी ज्ञान और डिग्री पर ध्यान न दें। जिंदगी का लक्ष्य स्पष्ट रखे और उसे पाने का प्रयास करें। उन्होंने गॉंवों से हो रहे पलायन को रोकने और न्याय पंचायत स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न करने की योजना भी साझा की। उन्होंने कहा कि हर न्याय पंचायत पर 100150 महिलाओं को स्वरोजगार दे कर न्याय पंचायत को ग्रोथ सेंटर बना सकते है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मालदेवता में पीजी कॉलेज खुलने से स्थानीय स्तर पर विकास को गति मिलेगी। आसपास के विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं का उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे। इससे पूर्व त्रिवेन्द्र ने कार्यक्रम स्थल पर ही उपस्थित जनसमूह के साथ रेडियो में प्रसारित प्रधानमंत्री के ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम सुना। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले चार महीनो में सरकार द्वारा ठोस आधारभूत कार्य किए गए है। सरकार राज्य को ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह ओडीएफ बनाने के बाद अब शहरी क्षेत्र को ओडीफ बनाने की ओर अग्रसर है। उच्च शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशो पर शैक्षणिक कैलेण्डर घोषित कर दिया गया है। अगले सत्र से शैक्षणिक कैलेण्डर लागू कर दिया जाएगा। अब कॉलेजो में 180 दिन कक्षाएं चलेगी। 30 दिन के भीतर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएगे। 877 अस्सिटेंट प्रोफेसरो की नियुक्ति के सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। स्मार्ट कलासेज व ई लाइब्रेरी की योजनाएं भी अगले कुछ महीनों में धरातल लाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि राजकीय महाविद्यालय रायपुर का निर्माण, राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा 1762.04 वर्ग मी0 क्षेत्रफल में 4.90 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है। इसमें प्रधानाचार्य कक्ष, लाइब्रेरी, आईटीसी लैब जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध है। महाविद्यालय भवन की मानचित्र संरचना भूकम्परोधी तकनीक पर आधारित है।