शिक्षा मंत्री बोले, सूबे की शिक्षा व्यवस्था में होगा क्रांतिकारी बदलाव

सूबे में अगले छह महीनों के भीतर विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित किया जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने प्रारम्भिक तैयारियां शुरू कर दी है। जिसके तहत विभाग ने आईटी क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी से अनुबंध कर लिया है, जो एक माह के भीतर शिक्षा महानिदेशालय में समीक्षा केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रारम्भ कर देगी। जल्द ही गुजरात एवं गोवा के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन जायेगा जहां पर आधुनिक तकनीकी से लैस विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित होगा।

शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को प्रखर व प्रभावी बनाने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक विश्वसनीय एवं रोजगारोन्मुख बनाने के उद्देश्य से सूबे में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की जा रही है जो कि अगले छह माह के भीतर बनकर तैयार हो जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने देश की एक ख्याति प्राप्त आईटी कंपनी कॉन्वेजीनियस के साथ अनुबंध कर लिया है। यह कंपनी इससे पूर्व गुजरात एवं गोवा राज्यों में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना करने में अहम भूमिका निभा चुकी है। हाल ही में गुजरात में आयोजित देशभर के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ गुजरात के विद्या समीक्षा केन्द्र का भ्रमण करने का मौका मिला। इस दौरान विद्या समीक्षा केन्द्र की कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास किया गया। इसी केन्द्र की प्रेरणा से उत्तराखंड में भी विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया। केन्द्र सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकृत कर रूपये 5 करोड़ की धनराशि भी जारी कर दी है। इसके लिये डॉ0 रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का आभार जताया।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को छह माह के भीतर विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने के निर्देश दे दिये गये है। समीक्षा केन्द्र की स्थापना के बाद विभाग का सम्पूर्ण डाटा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। जिसके तहत विद्यालयों का विवरण, शिक्षकों का विषयवार डाटा, छात्र-छात्राओं का विवरण के साथ ही प्रदेश के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों डाटा मौजूद रहेगा। इसके अलावा शासन एवं महानिदेशालय स्तर के अधिकारी विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से किसी भी विद्यालय का ऑनलाइन निरीक्षण के साथ ही वहां की सम्पूर्ण गतिविधियों पर भी नजर रख सकेंगे। केन्द्र की स्थापना के उपरांत निश्चित रूप से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में शैक्षणिक, प्रशासनिक सुधार तो आयेगा ही साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकेगा।

शिक्षा मंत्री बोले, दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में मिलेगी शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति

आगामी 15 अगस्त से पहले विभिन्न विषयों के 449 प्रवक्ताओं को तैनाती दी जायेगी। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से चयनित इन शिक्षकों को पर्वतीय एवं दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। जिसके निर्देश विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दिए गये हैं। गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थानों पर शीघ्र तैनाती के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये हैं।

शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय देहरादून में विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डॉ0 रावत ने राज्य लोक सेवा आयोग से विभिन्न विषयों में चयनित 449 प्रवक्ताओं को आगामी 15 अगस्त से पहले नियक्ति देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दीये। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों को सूबे के पर्वतीय एवं दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में 5 साल के लिये तैनाती दी जायेगी। जिससे दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी साथ ही पठन-पठान भी सुचारू हो जायेगा। डॉ0 रावत ने बताया कि सामान्य शाखा के अंतर्गत दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में अंग्रेजी विषय के 64, हिन्दी के 81, संस्कृत के 18, भौतिक विज्ञान के 46, रसायन विज्ञान के 42, गणित के 6, जीव विज्ञान के 35, नागरिकशास्त्र के 38, अर्थशास्त्र के 74, इतिहास के 8, भूगोल के 17, समाजशास्त्र के 6, कला, मनोविज्ञान एवं कृषि के एक-एक शिक्षक की तैनाती की जायेगी। बालिका इंटर कॉलेजों में हिन्दी विषय की 2, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अर्थशास्त्र की 3-3 शिक्षिकाओं को नियुक्ति दी जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि ऐसे शिक्षक जो गंभीर रोग से ग्रसित हैं उन्हें अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थानों पर तैनाती दी जायेगी , जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से रोगग्रस्त शिक्षक अपने उपचार के साथ-साथ शैक्षणिक कार्य का निर्वहन भी कर सकेंगे।

बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक आर0के0कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आर0के0 उनियाल, भूपेन्द्र नेगी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मानस मंदिर माला योजना के तहत जागेश्वर धाम का होगा विकासः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जागेश्वर धाम में पहुंचकर प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बाबा जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने हरेला पर्व पर प्रदेशवासियों को बधाई दी तथा जागेश्वर धाम परिसर में पौधारोपण भी किया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा जागेश्वर में कुल 12.35 करोड़ लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया जिसमे 77.31 लाख रुपए की योजनाओं का लोकार्पण एवं 11.58 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। जागेश्वर धाम के धार्मिक महत्व को समझते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मानस मंदिर माला योजना के अन्तर्गत जागेश्वर धाम का भी विकास किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के मंत्र पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश निरंतर विकास के पथ पर गतिमान है तथा राज्य स्थापना के 25 वें वर्ष में देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के स्तर पर पिछले 5 वर्षों में राज्य के लिए 1.25 लाख करोड़ रपए की योजनाएं स्वीकृत हुई हैं। उन्होंने आयुष्मान योजना, अटल आवास योजना, उज्ज्वला योजना, मुद्रा योजना जैसी अनेक योजनाओं की उपलब्धियां गिनाई तथा कहा कि उनकी सरकार द्वारा भी लोकहित में अनेक योजनायें स्वीकृत की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के लागू होने से प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधारवादी परिवर्तन देखने को मिलेंगे। कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला उत्तराखंड पहला प्रदेश होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए 5 सदस्य समिति ने कार्य प्रारंभ कर दिया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सचिवालय में जन समस्याओं के समाधान के लिये प्रत्येक सोमवार को नो मीटिंग डे का नियम बनाया गया है। सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मंत्र का पालन करते हुए प्रत्येक सोमवार को अधिकारी जनता की समस्याएं सुनेंगे तथा उनका समाधान करेंगे।

जिले के प्रभारी मंत्री तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले के शुभारंभ पर बधाइयां एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आने वाले एक महीने में जनपद में सौ प्रतिशत शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा कि पहली बार जनपद में डॉक्टरों की पर्याप्त तैनाती की गई है।

स्थानीय विधायक मोहन सिंह मेहरा ने जागेश्वर धाम में लगने वाले श्रावणी मेले के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आने के लिए जनपद वासियों की ओर से उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने जागेश्वर विधानसभा के लिए 12.35 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर कपकोट विधायक सुरेश गडिया, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, जिलाधिकारी वंदना, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा, भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा अध्यक्ष कुंदन लटवाल, मंडल अध्यक्ष प्रकाश भट्ट समेत अन्य अधिकारी एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।

मृतक शिक्षक तबादले में शिक्षा मंत्री ने माना हुई घोर लापरवाही, जांच के निर्देश

रूद्रप्रयाग जनपद में प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत मृतक शिक्षक का तबादला किये जाने पर सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सख्त रूख अपनाया है। डॉ0 रावत ने सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों की खबरों का संज्ञान लेते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को मामले में समिति गठित कर तत्काल जांच के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने इस प्रकरण को घोर लापरवाही मानते हुये संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश महानिदेशक शिक्षा को दिये हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि रूद्रप्रयाग जनपद में वार्षिक स्थानांतरण-2022-23 के तहत एक मृतक शिक्षक के तबादले का प्रकरण समाने आया है। जिसमें प्रथम दृष्टिया विभागीय अधिकारियों की अपने कार्य एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही प्रतीत होती है। मामले की गंभीरता को देखते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को तत्काल विभागीय समिति गठित कर तीन दिन के भीतर जांच करने कराने के साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि मृतक शिक्षक की मौत के चार साल बाद तबादला किया जाना जिम्मेदार अधिकारियों की भारी लापवाही को दर्शाता है। जो कि बर्दाश्त किये जाने योग्य नहीं है। डॉ0 रावत ने कहा इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की जायेगी और जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि स्थानांतरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापवाही न बरते अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई अमल में लाई जायेगी।

स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, गेट पर महिला के प्रसव का है मामला

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत के कड़े निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाह नर्सिंग अधिकारी एवं चिकित्साधिकारी निलम्बित कर दी है। राजकीय महिला चिकित्सालय हल्द्वानी में गर्भवती महिला का अस्पताल गेट के बाहर प्रसव होने की घटना पर स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को तत्काल जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। जिस पर विभाग ने निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कुमाऊं मंडल की अध्यक्षता में विशेषज्ञ चिकित्सकों की चार सदस्यीय समिति गठित की। विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने तत्काल प्रभाव से नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी का निलंबन कर दिया जबकि ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ0 दिशा बिष्ट के निलंबन की संस्तुति शासन को की गई है। प्रकरण में नागरिक चिकित्सालय खटीमा के सीएमएस को भी तलब कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि राजकीय महिला चिकित्सालय हल्द्वानी में गर्भवती महिला के प्रकरण में लापरवाह डॉक्टर एवं नर्सिंग अधिकारी को निलम्बित कर दिया है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का तत्काल संज्ञान लेते हुये विभागीय अधिकारियों को प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये थे। जिस पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कुमाऊं मंडल की अध्यक्षता में विशेषज्ञ चिकित्सकों की चार सदस्यीय समिति गठित की। जिसमें डॉ0 भागीरथी जोशी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी नैनीताल, डॉ0 वी0के0 पुनेरा, प्रमुख अधीक्षक, बी0डी0 पाण्डे, जिला चिकित्सालय नैनीताल, डॉ0 ऊषा जंगपांगी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, महिला चिकित्सालय, हल्द्वानी एवं डॉ0 द्रौपदी गर्ब्याल, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, जिला महिला चिकित्सालय नैनीताल शामिल है। डॉ0 रावत ने बताया कि विशेषज्ञ समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में राजकीय महिला चिकित्सालय, हल्द्वानी में रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉ0 दिशा बिष्ट एवं नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी को दोषी पाया। गर्भवती महिला के अस्पताल गेट पर प्रसव को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर महानिदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण शैलजा भट्ट द्वारा तत्काल प्रभाव से नर्सिंग अधिकारी दीप्ति रानी को निलम्बित कर सीएमओ ऑफिस नैनीताल सम्बद्ध कर दिया जबकि डॉ0 दिशा बिष्ट के निलंबन की संस्तुति शासन को भेज दी है।

डॉ0 रावत ने बताया कि प्रकरण में नागरिक चिकित्सालय खटीमा के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को तलब कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल में रैफर किया जाना बड़ी लापरवाही भरा कदम है। डॉ0 रावत ने कहा कि प्रकरण में जितने भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ उचित कार्रवाही अमल में लाई जायेगी और भविष्य में भी ऐसी लापरवाही कतई बर्दास्त नहीं की जायेगी।

प्रदेश में चलेगा जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ाः डा. धन सिंह रावत

विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आज सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने जनसंख्या वृद्धि को चिंता जाहिर की। जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं के समाधान को लेकर उन्होंने राज्य में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा संचालित करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। यह पखवाड़ा 11 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक राज्य के सभी जनपदों में आयोजित किये जायेंगे, जिनमें जनसंख्या स्थिरीकरण के लिये सभी चिकित्सा उपायों एवं संसाधनों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर लोगों को जागरूक किया जायेगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर विभागीय अधिकारियों को जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्रदेशभर में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत यह पखवाड़ा राज्य के प्रत्येक जनपदों में 11 जुलाई से लेकर 24 जुलाई तक आयोजित किये जायेंगे। जिसके उपरांत विभागीय अधिकारियों से पखवाडे का फीड़बैक लिया जायेगा।

डॉ0 रावत ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याओं के समाधान को लेकर समय-समय पर ऐसे पखवाडे आयोजित किये जाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि राज्यभर में आयोजित जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े में जनसंख्या नियंत्रण के सभी चिकित्सा उपायों एवं संसाधनों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इसके साथ ही लैप्रो, नो-स्केलपेल वेसेक्टॉमी एवं प्रसवोत्तर अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण सहित अंतरा के माध्यम से परिवार नियोजन की सेवाएं इस पखवाड़े में उपलब्ध की जायेगी। विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े में प्रदेशभर में 215 कैम्प लगाये जायेंगे, जिनमें 18 सर्जनों के माध्यम से लैप्रोस्कोपिक महिला नसबंदी सेवाएं दी जायेगी जबकि 20 सर्जन के माध्यम से मिनी लैप महिला नसबंदी कराई जायेगी। इसके अलावा 18 सर्जन पुरूष नसबंदी की सेवाएं देंगे। उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत लोगों को प्रोत्साहित किया जायेगा। जिसके अंतर्गत महिला नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को रूपये 1400 प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसी प्रकार पुरूष नसबंदी कराने वाले को रूपये दो हजार दिये जायेंगे। जबकि इन लाभार्थियों को प्रोत्साहित करने वाली आशा वर्कर को रूपये दो सौ की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी।

विभागीय मंत्री ने बताया कि एनएचएम के अंतर्गत संचालित परिवार नियोजन कार्यक्रम में राज्य ने सकल प्रजनन दर वांछित लक्ष्य 2.1 पहले ही प्राप्त कर लिया है। वर्तमान में राज्य में सकल प्रजनन दर की स्थिति 1.9 है। उन्होंने बताया कि राज्य में सकल प्रजनन दर को स्थिर बनाये रखने हेतु सतत प्रयास किये जा रहे हैं।

शिक्षा विभाग को शीघ्र मिलेंगे 449 प्रवक्ताः शिक्षा मंत्री

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित विभिन्न विषयों के 449 प्रवक्ताओं को शीघ्र विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत तैनात किया जायेगा, जिसके निर्देश विभागीय उच्चाधिकारियों को दे दिये गये हैं। आयोग से चयनित शिक्षकों को पर्वतीय क्षेत्रों के विद्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति दी जायेगी। जिससे पर्वतीय क्षेत्रों के स्कूलों में पठन-पाठन सुचारू रूप से चल सकेगा।

शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा प्रवक्ता संवर्ग के अंतर्गत सामन्य एवं महिला शाखा के सीधी भर्ती के रिक्त 571 पदों पर चयन हेतु उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेजा था, जिस पर आयोग ने परीक्षा का अंतिम परिणाम घोषित कर विभिन्न विषयों के 449 शिक्षकों का चयन कर दिया है, जबकि विभिन्न श्रेणी के शेष पदों पर योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण चयन नहीं किया गया। डॉ0 रावत ने आयोग द्वारा चयनित शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह अपने दायित्वों एवं कर्तव्यों का भली-भांति निर्वहन करेंगे। उन्होंने बताया कि आयोग से चयनित विभिन्न विषयों के 449 शिक्षकों को विभागीय प्रक्रिया पूर्ण करते हुए शीघ्र तैनाती के आदेश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। चयनित प्रवक्ताओं को पर्वतीय क्षेत्रों के विभिन्न स्कूलों में नियुक्ति दी जायेगी ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में पठन-पाठन सुचारू रूप से चल सके। विभागीय मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में प्रवक्त संवर्ग की सामान्य शाखा के अंतर्गत अंग्रेजी विषय में 64, हिन्दी में 81, संस्कृत में 18, भौतिक विज्ञान में 46, रसायन विज्ञान में 42, गणित में 6, जीव विज्ञान में 35, नागरिकशास्त्र में 38, अर्थशास्त्र में 74, इतिहास में 8, भूगोल में 17, समाजशास्त्र में 6, कला, मनोविज्ञान एवं कृषि में एक-एक अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। जबकि महिला शाखा के अंतर्गत हिन्दी विषय में 2, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अर्थशास्त्र में 3-3 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। डॉ0 रावत ने बताया कि सरकार का मकसद स्कूलों में शत-प्रतिशत शिक्षकों की तैनाती करना है ताकि कोई भी छात्र-छात्राएं विद्यालयी शिक्षा से वंचित न रह सके।

सैनिक बाहुल्य प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करना ही ध्येय-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ-साथ सैनिक बाहुल्य क्षेत्र है। यहां के सौहार्द पूर्ण माहौल को बिगाड़ने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू किए जाने को लेकर जल्द ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पौड़ी जनपद के विकासखंड थलीसैंण के पीठसैंण पहुंचे। यहां उन्होने पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की स्मृति में आयोजित क्रांति दिवस मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होने गढ़वाली की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शाे पर चलने का आहवान भी किया।
मुख्यमंत्री ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली क्रांति दिवस मेले को राजकीय मेला घोषित किए जाने , थलीसैण में वाहन पार्किंग निर्माण की स्वीकृति, श्रीनगर विधानसभा के अन्तर्गत कच्ची सड़कों का डामरीकरण की स्वीकृति, देवराड़ी देवी मैदान (बूंगीधार) चौथान में मिनी स्टेडियम का निर्माण, चौरीखाल से कफल्ड मुसेटी लामसेम बैंड थलीसैंण तक सड़क का निर्माण कार्य किए जाने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने किशोरी एवं महालक्ष्मी किट के लाभार्थियों को किट वितरित किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान बिनसर की भूमि को नमन करते हुए कहा कि वीरो की भूमि पर दोबारा आने का मौका मिला है। हमारे शहीदों के परिश्रम, बलिदान, संघर्ष को आने वाली पीढ़ी जाने इसके लिए इस तरह के कार्यक्रम होने जरूरी हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार “विकल्प रहित संकल्प“ के ध्येय वाक्य पर काम कर रही है। जो घोषणा पूर्व में की गई हैं उनके शासनादेश भी जारी हो रहे हैं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में यह दशक उत्तराखंड का दशक होगा। रजत जयंती के अवसर पर उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य होगा। उन्होंने कहा हमारा राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़े, इसके लिए सरकार निरंतर विकास कार्य कर रही है। आयुष्मान योजना से उत्तराखंड में करीब 5 लाख से ज्यादा लोगों को जोड़ा गया है। वही गरीब कल्याण अन्न योजना ने कोरोना काल में भी किसी गरीब को भूखा नहीं सोने दिया। उन्होंने सितंबर माह तक इस योजना को बढ़ाए जाने पर प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद किया ।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार को खत्म करने हेतु एवं भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने हेतु 1064 नंबर लांच किया गया है जिस पर कोई भी नागरिक भ्रष्टाचार से संबंधित अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। उन्होंने कहा इस संबंध में भ्रष्टाचार पर अभी तीन बड़ी कार्यवाही की गई है, जबकि कई शिकायतें सर्विलांस पर हैं। उन्होंने कहा हमारे वादे के अनुसार हम यूनिफॉर्म सिविल कोड जल्द ही उत्तराखंड में लागू करेंगे। पर्यावरण मित्रों का एक दिन का मानदेय बड़ाकर 500 रुपए कर दिया है। नए बजट में सरकार ने गरीब परिवारो हेतु एक साल में तीन सिलेंडर मुफ़्त देने का वादा किया है जो पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने उत्तराखंड में वृद्घावस्था पेशन योजना पर बड़ा फैसला लेते हुए अब पति-पत्नी दोनों को वृद्घावस्था पेंशन योजना का लाभ दिया हैं। उन्होंने कहा हमारी सरकार ने आगनबाडी कार्यकत्री भोजन माता पीआरडी जवान, उपनल कर्मचारी, ग्राम प्रधान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों को दी जाने वाली राशि में भी इजाफा किया है।
उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि बूंगीधार में स्थित चिकित्सालय का उच्चीकरण किया जाएगा। कहा कि थलीसैंण अल्ट्रासाउड, गाइनो के अलावा कई चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। इससे पूर्व मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किशोरी रक्षा किट का वितरण किया। देश पर प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के परिजनों तथा स्वतंत्रता सैनानियों को शॉल ओढाकर सम्मानित किया। इस मौके पर पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, जिलाधिकारी डा. विजय कुमार जोगदंडे, एसएसपी यशवंत सिंह चौहान, सीडीओ प्रशांत कुमार आर्य, ब्लाक प्रमुख थलीसैंण मंजू रावत, मनमोहन सिंह आदि शामिल थे।

आमजन के स्वास्थ्य को आरोग्य बनाए रखने के लिए योग का महत्व बताया जाएगाः डा. धन सिंह

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, उत्तराखंड द्वारा 16 अप्रैल 2022 को स्वास्थ्य मेला एवं आयुष्मान भारत की चौथी वर्षगांठ के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि आम जनमानस एवं उनके घर के समीप स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के सहयोग से आयुष्मान भारत- हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर के नाम से एक महत्वपूर्ण योजना को संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा इस योजना की चौथी वर्षगांठ को सम्पूर्ण देश के साथ ही उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ से संबंधित कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा इन केन्द्रों पर टेली कंसलटेशन के माध्यम से आमजन तक स्वास्थ्य सेवाएं तथा परामर्श की सुविधा उपलब्ध की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा की दिनांक 17 अप्रैल 2022 को इन केन्द्रों पर आजादी का अमृत महोत्सव के बैनर तले ’योग एवं आरोग्य सत्रों का आयोजन किया जायेगा, जिसमें आमजन के स्वास्थ्य को आरोग्य बनाए रखने के लिए योग का महत्व बताया जायेगा, तथा दिनांक 18 अप्रैल 2022 को राज्य में आयोजित होने वाले विकासखण्ड स्तरीय स्वास्थ्य मेले का शुभारम्भ किया जायेगा, यह स्वास्थ्य मेला प्रत्येक विकासखण्डों पर 18 से 22 अप्रैल 2022 के मध्य आयोजित किए जायेंगे। उन्होंने बताया राज्य के सभी 95 विकासखण्डों पर एक दिवसीय स्वास्थ्य मेला का आयोजन 18-22 अप्रैल 2022 में हो रहा है। उक्त के अतिरिक्त राज्य के 07 नगर निगमों / 11 नगर पालिका परिसरों में भी एक दिवसीय स्वास्थ्य मेला आयोजित किया जायेगा। स्वास्थ्य मेलों के सफल आयोजन के लिए प्रत्येक जनपद के डी०एम० तथा सी०एम०ओ० को उत्तरदायी बनाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में 1464 हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर संचालित किए जा रहे है, जिसमें से 1031 उपकेन्द्र, 38 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 395 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर संचालित हो रहे हैं। विगत वर्षों में स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर केवल ए०एन०एम० तैनात रहती थी, जो मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य तथा टीकाकरण की सेवाएं देती थी। उन्होंने बताया उपकेन्द्रों को हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टर के रूप में उच्चीकृत करने के उपरान्त यहां पर प्रशिक्षित MLHP (मिड लेवल हैल्थ प्रोवाईडर) को तैनात किया गया है, जिसके द्वारा गर्भाशय, स्तन एवं मुंह के कैंसर की स्क्रीनिंग, उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह की जांच तथा अन्य गैर संचारी रोगों से बचाव के बारे में परामर्श दिया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रसव पूर्व प्रसव पश्चात्, टीकाकरण तथा परिवार नियोजन सेवाएं भी दी जा रही हैं। I हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टरों पर योग शारीरिक व्यायाम, पोषण एवं स्वच्छ खानपान के बारे में जागरूकता तथा परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा इस मौके पर हैल्थ एण्ड वैलनेस सेन्टरों पर टेलीकंसलटेशन की सुविधा प्रदान कराने का कार्य आरम्भ होगा तथा ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से टेलीकंसलटेशन की व्यवस्था को देखा जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा की स्वास्थ्य मेले में संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक जिला पंचायत अध्यक्ष एवं अन्य जन प्रतिनिधियों की सहभागिता प्राप्त कर उनके माध्यम से शुभारम्भ एवं प्रतिभागिता सुनिश्चित करायी जायेगी, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में मा० जन प्रतिनिधियों द्वारा जनता के साथ स्वास्थ्य संवाद स्थापित हो सके और स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता उत्पन्न की जा सके। मेले के लिए उपयुक्त स्थान का चयन उक्त वर्णित जन प्रतिनिधियों के परामर्श एवं निर्देशानुसार किया जायेगा। जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में ब्लॉक स्तर पर 8-10 सदस्यों की एक समिति गठित की गयी है, जो मेले के संचालन हेतु पूर्ण रूप से उत्तरदायी है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य मेले की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए बताया कि प्रत्येक नागरिक की Digital Health ID बनायी जायेगी, जिसमें उस व्यक्ति की गैर संचारी रोगों ¼Diabetes, Hypertension, Oral Cancer etc½ की स्क्रिनिंग उपरान्त विवरण सुरक्षित रहेगा। पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाया जायेगा। टेली कंसलटेशन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं एवं परामर्श दिया जायेगा तथा रैफरल की सुविधा प्रदान कर आवश्यकीय उपचार भी उपलब्ध होगा। योग एवं ध्यान के माध्यम से स्वास्थ्य को आरोग्य बनाए रखने के बारे में परामर्श तथा जागरूकता प्रदान की जायेगी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मेले को प्रभावी तथा जन उपयोगी बनाए जाने के लिए विभिन्न विभागों को प्रतिभाग करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
इस दौरान स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे, महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा, डॉ. शैलजा भट्ट मौजूद रहे।

मेहडकल काॅलेजों के सभी निर्माण कार्य 30 अक्टूबर तक पूर्ण करने के निर्देश

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य के मेडिकल कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश देते हुए विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को सभी निर्माण कार्यों को 30 अक्टूबर तक पूर्ण करने को कहा। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों में कार्य कर रही कार्यदायी संस्थाओं को भी चेतावनी देते हुए कहा कि जिन संस्थाओं का कार्य गुणवत्तापूर्वक व अनुबंध के अनुसार समय पर पूरा नहीं होगा उन्हें बदल दिया जायेगा।

विधानसभा स्थिति सभागार में आयोजित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की बैठक में राज्य के आधा दर्जन मेडिकल कॉलेजों में चल रहे निर्माण कार्यों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। जिसमें संबंधित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों द्वारा विभिन्न निर्माण कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। समीक्षा के उपरांत विभागीय मंत्री डा. धन िंसह रावत ने कहा कि जिन कॉलेजों में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं कार्यदायी संस्था उन योजनाओं को शीघ्र विभाग को हस्तांतरण करें ताकि माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा उन योजनाओं का लोकार्पण करवा कर कार्य शुरू किया जा सके। जो निर्माण कार्य गतिमान है उनको 30 अक्टूबर तक पूर्ण करने की डेडलाइन नियत की गई है।

डा. रावत ने कहा कि 30 अक्टूबर को माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दून मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत निर्मित नई बिल्डिंग का लोकार्पण करेंगे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्था के पदाधिकारियों को कॉलेज में अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान शोध संस्थान में चले 331 करोड़ के विभिन्न निर्माण कार्यों को जल्द पूरा कर दो अक्टूबर को इसके लोकार्पण करने के निर्देश विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को दिये। इसके साथ ही उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज रूद्रपुर में 5926 लाख धनराशि से पूरी हो चुकी विभिन्न परियोजना के शीघ्र हस्तांतरण के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के जल्द शिलान्यास के निर्देश देते हुए डा. रावत ने कहा कि कॉलेज के निर्माण कार्यों के लिए शासन ने 75 करोड़ की धनराशि अवमुक्त कर दी है। उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में 2459 करोड़ की धनराशि से बनने वाले 1000 सीट की क्षमता के ऑडिटोरियम का निर्माण 31 दिसम्बर से पहले करने का निर्देश अधिकारियों को दिये साथ ही उन्होंने कॉलेज में 207 लाख से निर्मित बर्न यूनिट को अगस्त माह तक पूरा करने को कहा।

बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, अपर मिशन निदेशक डा. अभिषेक त्रिपाठी, स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा, निदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, प्राचार्य दून मेडिकल कॉलेल डा. आशुतोष सयाना, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज श्रीनगर डा. सी.एम.एस. रावत, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा डा. चन्द्र प्रकाश भैसोड़ा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी डा. अरूण जोशी, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज रूद्रपुर प्रो.के.सी. पंत, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज हरिद्वार डा. प्रदीप भारती गुप्ता, डा. बी.एस.नेगी, डा. मयंक बडोला, डा. अमित, सीजीएम पेयजल निगम सुभाष चैहान, जीएम पेयजल निगम सी.एस. रजवार, जीएम ब्रिडकुल आर.पी.उनियाल, ईई आर.के. नेगी, नवनीत, एस.एच. जोशी, नवीन चन्द्रा, वी.वी. रावत, विनोद कुमार, अजय वशिष्ठ, सतीश चन्द्र सक्सेना सहित विभागीय अधिकारी तथा कार्यदायी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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