उत्तराखंडः 26 मई को संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा

उत्तराखंड राज्य में पहली बार राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जायेगा जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय को जिम्मेदारी दी गयी है। उत्तराखंड राज्य में उच्च शिक्षा के अन्तर्गत तीन राज्य विश्वविद्यालय जिसमें श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय टि0ग0, कुमांऊ विश्वविद्यालय, नैनीताल एवं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा सम्मिलित हैं, की राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा का आयोजन श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय द्वारा किया जायेगा।

बीते दिनों श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा 2024-26 के सम्बन्ध में ऑन लाईन बैठक आयोजित की गयी। बैठक में तीनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, नोडल, संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा, विश्वविद्यालय समर्थ नोडल तथा राज्य समर्थ नोडल अधिकारी, डॉ0 शैलेन्द्र कुमार सिंह शामिल रहे। बैठक में लिये गये निर्णयों के क्रम में प्रो0 जोशी ने बताया कि उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालयों (श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय टि0ग0, कुमांऊ विश्वविद्यालय, नैनीताल एवं सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा) से सम्बद्ध समस्त राजकीय/अशासकीय महाविद्यालयों/स्ववित्त पोषित शिक्षण संस्थानों में सत्र 2024-26 में प्रवेश परीक्षा का आयोजन दिनांक 26 मई, 2024 (रविवार) को गढ़वाल एवं कुमांऊ मण्डल के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों में किया जायेगा, जिस हेतु ऑनलाइन आवेदन पत्र पंजीकरण भरने की तिथि 26 अप्रैल, 2024 से 15 मई, 2024 तक निर्धारित की गयी तथा परीक्षा शुल्क जमा करने की अन्तिम तिथि दिनांक 16 मई, 2024 निर्धारित की गयी। प्रो0 जोशी ने बैठक में उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा के सफल आयोजन हेतु तीनों विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों एवं बैठक में उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

कुलपति प्रो0 जोशी ने बताया कि छात्रों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तीनों विश्वविद्यालय आपस में समन्वय स्थापित कर प्रवेश परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण किया जाएगा। उन्होने बताया कि प्रवेश परीक्षा के लिए आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं तथा समयबद्धता के साथ दिनांक 26 मई, 2024 को प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा साथ ही विश्वविद्यालय अधिकारियों को उत्तराखंड राज्य संयुक्त बी0एड0 प्रवेश परीक्षा 2024-26 के आयोजन के सम्बन्ध में आवश्यक तैयारियां 15 मई, 2024 तक पूर्ण करने हेतु निर्देश दिये गये हैं।

श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय प्रदेश में छात्र नामांकन की दृष्टि से प्रदेश का अग्रणीय विश्वविद्यालय है। विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सत्र 2022-23 से प्रारम्भ किया गया है एनईपी द्वितीय बैच के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं दिनांक 06 मई, 2024 से प्रस्तावित हैं साथ ही अन्य आधारभूत एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम जो कि नॉन एनईपी पाठ्यक्रम संचालित हैं उनकी परीक्षाएं भी दिनांक 06 मई, 2024 से प्रस्तावित हैं। छात्र हितों के मध्येनजर विभिन्न पाठ्यक्रमों के परीक्षा परिणाम समय पर घोषित किये जा रहे हैं। शैक्षणिक कैलेन्डर के अनुरूप विश्वविद्यालय में प्रवेश, परीक्षा तथा परिणाम का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है। शासन द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय समन्वय स्थापित कर कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय में नवाचार के लिए शैक्षिक गतिविधियों का समय-समय पर आयोजन किया जा रहा है तथा उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक व रोजगार परक पाठ्यक्रम भी विश्वविद्यालय परिसरों में संचालित किये जा रहे हैेैं।

शिक्षा के विकास और छात्रों के व्यापक हित में मुख्यमंत्री ने की कई घोषणायें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश देने के साथ ही शिक्षा के विकास तथा छात्रों के व्यापक हित में प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक के सभी वर्गों के छात्रों को भी अगले वर्ष से निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराये जाने की घोषणा की। उन्होंने अध्यापकों के स्थानान्तरण सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण हेतु महानिदेशक शिक्षा के अधीन सेल का गठन कर प्रकरणों का निस्तारण करने, छात्रों को अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए विद्यालयों में अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर के गेस्ट टीचरों की व्यवस्था किये जाने, तथा राजकीय विद्यालयों के कक्षा 12 के 100 टॉपर्स को 5 साल तक उच्च शिक्षा की तैयारी के लिये छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों तथा शिक्षण व्यवस्था के व्यापक हित में सभी अधिकारी माह में एक दिन किसी स्कूल में स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाने का कार्यक्रम बनायें इससे विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ही परिसर में संचालित विद्यालयों के एकीकरण के प्रस्तावों के निस्तारण के लिये महानिदेशक शिक्षा की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित करने के भी निर्देश दिये। मैदानी क्षेत्र की कक्षा 9 की छात्राओं को साइकिल तथा पर्वतीय क्षेत्र की छात्राओं को 2850 रुपये की धनराशि के वितरण का प्रस्ताव भी शीघ्र तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा महत्वपूर्ण विभाग है, प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये शिक्षकों तथा शिक्षा से जुड़े अधिकारियों से नई कार्य संस्कृति के साथ कार्य करने की अपेक्षा करते हुए कार्यों में तेजी लाने के लिये नियमों के सरलीकरण, समस्याओं का समाधान के साथ निस्तारण तथा सबकी संतुष्टि के मंत्र के साथ दायित्वों के निर्वहन के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा हमारे विद्यालयों में अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करें, हमें इसके लिये गंभीरता एवं सक्रियता से प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के महानुभाव जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर साधारण से असाधारण की यात्रा करने के साथ जमीन से आसमान छूने का कार्य किया है वह सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों से पढ़कर निकले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापकों को अच्छा वेतन व सुविधाएं मिलने के बावजूद शिक्षा में गुणात्मक सुधार की कमी रहने का यह प्रश्न हम सबके सामने है। इस दिशा में हम सबको चिंतन करना होगा। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि हमें पूरे मनोयोग से शिक्षा की बेहतरी के लिये प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को माता-पिता संस्कारवान बनाते हैं तो उन्हें शिक्षित बनाने तथा उनके व्यक्तित्व निर्माण का कार्य शिक्षकों का होता है। शिक्षकों की देश का योग्य भावी नागरिक तैयार करने की भी जिम्मेदारी है। दूसरों को ज्ञान बांटना बड़ा पुण्य का कार्य है। हमारे द्वारा किये जाने वाले अच्छे कार्यों को ईश्वर भी देखते हैं।
बैठक में सचिव शिक्षा राधिका झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के प्रशासनिक व शैक्षिक ढांचे, भावी कार्य योजनाओं, वित्तीय स्थिति आदि की जानकारी दी।
इस अवसर पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक अकादमिक शिक्षा राकेश कुंवर सहित अन्य अधिकारी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि उपस्थित थे।

शिक्षा विभाग ने तैयार की 174 सरकारी स्कूलों की लिस्ट, प्रत्येक ब्लाॅक में बनने हैं अटल आदर्श स्कूल

अंग्रेजी माध्यम के प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने की सरकार की कोशिश अब धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी है। प्रत्येक ब्लाॅक में बनने जा रहे अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों की सूची शिक्षा विभाग ने तैयार कर ली है। विभाग ने 174 अटल आदर्श स्कूलों की सूची तैयार कर ली है, जबकि 16 और स्कूलों का चयन अभी किया जाना बाकी है। साथ ही इन स्कूलों में अंग्रेजी भाषा में बेहतरीन पकड़ वाले शिक्षकों की भी सूची तैयार हो चुकी है।

एपीडी-समग्र शिक्षा अभियान डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि हर ब्लॉक के दो स्कूल के हिसाब से 190 स्कूलों को चुना जाना था। इन स्कूलों के शिक्षक और कर्मचारियों का कैडर अलग होगा। सालाना तबादलों में इन शिक्षकों को केवल अटल आदर्श स्कूलों में ही भेजा जाएगा। केवल उन्हीं शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो खुद भी अंग्रेजी में पारंगत हों।

अटल आदर्श स्कूलों में कम होगी फीस
अटल आदर्श स्कूलों पर सरकार का विशेष फोकस है। इन स्कूलों में फीस कम होगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी छात्रों को बेहतर विकल्प मिलेगा। इनमें सरकारी मिड डे मील, यूनिफार्म, मुफ्त किताब योजना, विभिन्न स्कॉलरशिप योजनाएं यहां भी लागू रहेंगी।

राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल करना प्रत्येक शिक्षक का होता है सपना

शिक्षक दिवस पर उत्तराखंड की एक महिला सहित दो शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसमें महिला शिक्षिका सुधा पैंयूली को देहरादून और पुरूष शिक्षक डा. केवलानंद कांडपाल को बागेश्वर में जिलाधिकारी ने पुरस्कार दिया।

शिक्षक दिवस पर कलेक्ट्रेट स्थित एनआईसी सभागार में ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल करना प्रत्येक शिक्षक का सपना होता है। देहरादून से प्रत्येक वर्ष राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए शिक्षक चुने जाते हैं, यह वाकई में बड़ी उपलब्धि है। 

बता दें कि सुधा पैन्यूली 30 वर्षों से शिक्षा विभाग में शिक्षिका के रूप में अपनी सेवा दे रही हैं। वर्तमान में वह कालसी ब्लाक स्थित एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल में उप प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैं।

वहंी, राजकीय हाईस्कूल पुड़कुनी (कपकोट) के प्रधानाचार्य डॉ. केवलानंद कांडपाल को डीएम विनीत कुमार ने मेडल और प्रशस्ति पत्र दिया। डीएम विनीत कुमार ने कहा कि हमें ऐसे शिक्षकों की जरूरत है, जो विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के लिए कार्य करें। उन्होंने डॉ. कांडपाल प्रेरणा लेने की अपील की।

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