प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. मांगेराम की पुण्यतिथि पर किया पौधरोपण

प्रसिद्ध समाज सेवी स्व. मांगेराम की 20वीं पुण्यतिथि पर राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह, आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा कैलाशानंद गिरि महाराज, मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला, अभिनेता कृष्ण कुमार द्वारा स्व. मांगेराम अग्रवाल के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया गया।
इस मौके पर प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. मांगेराम अग्रवाल को स्मरण कर उनकी याद में पौधरोपण किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा के लिए बेजुबान जानवरों का उपचार करने पर अनुज कुमार धस्माना, स्वरोजगार कर कई महिलाओं को रोजगार देने के लिए ईशा चौहान कालूड़ा, गिनीज बुक में कम उम्र में चित्रकार के रूप में नाम कमाने पर राजेश चंद्रा, निशुल्क भोजन प्रदान करने पर संस्था जानकी रसोई, रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करने पर दिव्यांग कौशल्या, प्रत्येक वर्ष निर्धन कन्याओं का निशुल्क विवाह कराने पर अखिलेश अग्रवाल, हरज्ञान चंद सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में हाई स्कूल में विद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने पर तान्या कश्यप, द्वितीय स्थान पर पूनम, इंटर मीडिएट में विद्यालय में प्रथम स्थान पाने पर तनुजा, द्वितीय स्थान पाने अदिति मित्तल, समाज सेवा के लिए भगत सिंह वर्मा, अध्यापन के क्षेत्र के लिए हरिहर लोहानी, उत्तराखंड हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा में राज्य में दूसरा स्थान पाने पर ऋषिकेश के आयुष रावत, 128 बार रक्त देने के लिए योगेश अग्रवाल को राज्यपाल राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
रविवार को डोईवाला के वेडिंग पॉइंट में स्व. हरज्ञान चंद अग्रवाल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर डोईवाला की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कर राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह ने कहा कि स्व. मांगेराम अग्रवाल दिव्य विभूती राष्ट्रभक्त थे, जो भारत माता की साधना में अनवरत लगे रहे। शिक्षा में भारतीय संस्कृति और संस्कार भी मिलने चाहिए। इस हेतु डोईवाला में मांगेराम ने पिता स्व हरज्ञान चन्द अग्रवाल की स्मृति में आपने विद्यालय के लिए अपनी भूमि दान देकर उसपर कक्षो का निर्माण करवाया। केवल डोईवाला में ही नहीं अपितु भानियावाला, थानों, भोगपुर, बुल्लावाला व दूधली में भी सरस्वती शिशु मंदिरों की स्थापना करवाई। आज यही विद्यालय हाई स्कूल व इंटर कालेज के स्वरूप ले चुके हैं।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि जिन सिद्धान्तों को लेकर मांगेराम ने अपना जीवकोपार्जन किया, उसी सिद्धान्तों को उनके बच्चें आगे बढ़ा रहे है। तीनों ही सुपुत्र सामाजिके कार्याे में सदैव अग्रसर रहते है। उनके पुत्र आज डॉ प्रेमचंद अग्रवाल कैबिनेट मंत्री के रूप में आज प्रदेश हित में कई सराहनीय कदम उठा रहे हैं। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि स्व. मांगे राम जी समरस्ता के प्रत्यक्ष ऐसे उदाहरण हैं जो कहते थे इस धरा पर कोई ऊंच-नहीं सब इंसान बराबर हैं। जाति के आधार पर कोई भेद-भाव या छुआछूत नहीं होनी चाहिए। वो हमेशा होली-दीवाली जैसे पर्व बस्ती में जाकर बस्ती के बन्धुओं के साथ मनाते थे। उन्होंने अपने रहते हुए सभी बच्चों को संघ का परिशिक्षण करवाया। वो हमेशा कहते थे शाखा हमारे जीवन का आधार है। यही जीवन का मूलमंत्र है। राज्यपाल गुरमीत सिंह जी ने कहा कि स्व. मांगेराम जी सच्चे निष्ठावान समर्पित स्वयंसेवक थे। संघ की इच्छा को हो आदेश स्वीकार कर जीवन में धारण किया। वो हर वर्ष संघ वर्ग के लिए एक माह का समय चाहे परिस्थिति अनुकूल हो या प्रतिकूल हो वर्ग की व्यावस्था रहते थे। शाखा है तो सब कुछ सम्भव है शाखा हमारी संस्कारों की निर्माण शाला है। जीवनपर्यन्त वो इसी पथ के अनुगामी रहे।
इस मौके पर आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा पूज्य कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि स्वर्गीय मांगेराम विद्यालय के लिए जमीन ना देते तो आज निर्धन बच्चे शिक्षा ना ले पाते। कहा कि वास्तव में मांगे राम जी ने एक मंदिर की स्थापना की। ऐसे शिक्षा के मंदिर आज पूरे देश भर में खुलने चाहिए। उन्होंने अधिक से अधिक पौधारोपण करने का आवाहन किया। साथ ही विद्यालय के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया।
एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि हरियाणा के छोटे से गांव में स्व. मांगेराम का जन्म हुआ। यहीं से कार्य एवं पढ़ाई की दृष्टि से डोईवाला में आगमन हुआ। बाल्यकाल में ही संघ से जुड़ गए। यहीं से राष्ट्र निर्माण के पथ पर चल पड़े। कहा कि जीवन में साक्षात संघ को उतारने वाले स्व मांगेराम निरन्तर संघ कार्य के लिए डोईवाला के क्षेत्र के गांवों में शाखा लगाने लगे। पूरे क्षेत्र में संघ की पहचान मांगेराम बन गए। चाहे आपातकाल के काल हो, रामजन्म भूमि का आंदोलन हो, गो आंदोलन हो, सभी मे सक्रिय भाग ही नहीं लिया। अपितु समाज को जोड़ने का काम किया। उन्होंने आदर्श गांव बनाने के लिए प्रेरित किया कहा कि है कि ऐसा गांव स्थापित करें, जहां जैविक खेती, समरसता, जाती-पाती ना हो। जहां के बच्चे संस्कारित हो, उनमें देश प्रेम का भाव हो, पर्यावरण की समझ रखते हों, ऐसे गांव की आज जरूरत है।
वित्त व संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 1989 में सम्पूर्ण देश में संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी की जन्मशताब्दी का वर्ष था। संघ योजना के अंतर्गत अनेक सेवा कार्याे को प्रारंभ करने की योजना बनी। डोईवाला में भी ऐसी बस्ती बने जो भूमिहीन हों, वंचित समाज से हों आर्थिक स्तिथि दयनीय हों उनको इस बस्ती में बसाया जाए। स्व० मांगेराम के अथक प्रयास से डा. हेडगेवार के नाम से केशव बस्ती बसाई गई। जिसमें स्कूल, सड़क, खेड़ा, संस्कार केंद्र का निर्माण आपके द्वारा करवाया गया।
इस मौके पर डोईवाला के विधायक बृज भूषण गैरोला ने भी अपने विचार रखे। वहीं, कार्यक्रम से पहले मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मन की बात कार्यक्रम को सुना।

सत्र के पहले दिन विपक्ष का हंगामा, अभिभाषण के दौरान हल्ला और नारेबाजी की

विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन आज काफी हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले जहां एक ओर विपक्षी विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं सदन के भीतर राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी विधायक, अभिभाषण का विरोध करते हुए वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे। कुल मिलाकर विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यपाल ने अपने अभिभाषण को पूरा किया। राज्यपाल ने राज्य की विधानसभा के साल 2023 के पहले सत्र का अभिभाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि आज का पूरा कार्यक्रम जो हुआ है वो उनके लिए सौभाग्य का दिन है। साथ ही कहा कि गैरसैंण आने से उनको एक अलग ही खुशी हुई है। राज्यपाल ने कहा कि इस अभिभाषण में राष्ट्र के लिए, प्रदेश के लिए और जनहित के लिए क्या क्या कर रहे हैं उसको समाहित किया गया है।
इस दौरान राज्यपाल अपना अभिभाषण पढ़ते रहे जिसमें उन्होंने सरकार की उपलब्धियों, विशेष रूप से महिला सशक्तीकरण और अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला।
इस संबंध में, राज्यपाल ने राज्य की मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना का जिक्र किया जिसके तहत अल्पसंख्यक समुदायों की छात्राओं में ड्रॉपआउट (स्कूल छोड़ने) दर कम करने के उद्देश्य से समुदाय की मेधावी छात्राओं को अधिकतम 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हुनर ​​योजना के तहत अल्पसंख्यक समुदायों के कौशल विकास पर नए सिरे से जोर दिया जा रहा है।
इसके अलावा, राज्यपाल ने वृद्धों, विधवाओं और शारीरिक रूप से दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन की राशि में वृद्धि, प्राचीन मंदिरों के आसपास पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे का निर्माण, अमृत सरोवर योजना के तहत जल निकायों का निर्माण और अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देने जैसे राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का भी उल्लेख किया।

राज्यपाल को दी गई विदाई, सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में शनिवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें पौधा भेंट करने के साथ ही शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रदेश की जनता ने उन्हें जो सम्मान दिया है उसके लिये वे आभारी हैं, उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वे कभी नहीं भूल सकती हैं। राज्यपाल ने कहा कि यहां के फलों, जड़ी बूटी व अन्य परम्परागत उत्पादों की प्रदर्शनी देश के विभिन्न भागों में आयोजित की जानी चाहिए, इससे राज्य को पहचान मिलेगी, उन्होंने राज्य की महिलाओं के कल्याण के लिये भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत बतायी। राज्यपाल ने कहा कि वे गंगोत्री व यमुनोत्री के दर्शनार्थ यहां आयेंगी। उन्होंने राज्य के लोगों के लिये शुभकामनायें भी दीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सदैव एक अभिभावक की तरह उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने मुझे चूंकि मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है इसका भी स्मरण उन्हें जीवन भर रहेगा। छोटे भाई की तरह उनका स्नेह भी उन्हें प्राप्त होता रहा है। उनके सभी से आत्मीय सम्बन्ध रहे। प्रदेश की जनता में वे काफी लोकप्रिय रहीं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनका सम्बन्ध उत्तराखण्ड से सदैव बना रहेगा तथा उत्तराखण्ड भी उनका सहयोगी बना रहेगा। यहां से जाने के बाद भी उत्तराखण्ड के प्रति उनका स्नेह बना रहेगा, इसकी भी उन्होंने कामना की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव एल. फैनई, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, मुख्य आयकर आयुक्त विपिन चंद्रा, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार के साथ ही अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड की राज्यपाल ने दिया इस्तीफा, यूपी में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राज्यपाल के सचिव बीके संत ने इसकी पुष्टि की है। बेनी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल के तौर पर बीती 26 अगस्त को अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं।
दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज होने लगी थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी में बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाएं हैं। वहीं, अब प्रदेश के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर दिया जोर
हाल ही में बेबी रानी मौर्य राज्यपाल पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद मीडिया से रूबरू हुई थीं। उन्होंने प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मुद्दों पर जोर दिया था। उनका कहना था कि प्रदेश की महिलाएं मेहनती और जुझारू हैं। महिलाओं को राजभवन से जो बेहतर सहयोग किया जा सकता है उसके लिए आगे भी ठोस प्रयास किए जाएंगे।

उत्तराखंड की दूसरी महिला राज्यपाल थीं बेबी रानी मौर्य
तीन साल पहले उत्तराखंड में राज्यपाल की कमान संभालने वालीं आगरा निवासी बेबी रानी मौर्य प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल थीं। उनसे पहले मारग्रेट आल्वा प्रदेश की राज्यपाल रह चुकी थीं।

ये है उनका सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन
– वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की महापौर।
– वर्ष 1997 में वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा राम नाथ कोविंद के साथ बतौर कोषाध्यक्ष कार्य।
– वर्ष 2001 में प्रदेश, सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य।
– वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य।

सम्मान
– वर्ष 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए समाज रत्न।
– 1997 में उत्तर प्रदेश रत्न।
– 1998 नारी रत्न।

उत्तराखंड में अब तक रहे राज्यपाल, ये रहा कार्यकाल
सुरजीत सिंह बरनाला-09 नवंबर 2000-07 जनवरी 2003
सुदर्शन अग्रवाल-08 जनवरी 2003-28 अक्तूबर 2007
बनवारी लाल जोशी-29 अक्तूबर 2007-05 अगस्त 2009
मार्गरेट अल्वा-06 अगस्त 2009-14 मई 2012
अज़ीज़ कुरैशी-15 मई 2012-08 जनवरी 2015
कृष्ण कांत पॉल-08 जनवरी 2015-25 अगस्त 2018
बेबी रानी मौर्य-26 अगस्त 2018-08 सितंबर 2021

दो वर्षों में राज्यपाल ने राज्य के हर व्यक्ति तक संपर्क साधने की कोशिश की

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त, 2018 को उत्तराखण्ड राज्य की 7वीं राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी। 26 अगस्त, 2020 को राज्यपाल के कार्यकाल का द्वितीय वर्ष पूर्ण हो रहा है। राज्यपाल पद पर शपथ ग्रहण करने के उपरांत राज्यपाल ने कहा था कि संविधान की मर्यादा का निर्वहन करते हुए वे अपने कत्र्तव्यों का पालन करेंगी। बालिका शिक्षा, महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण, गरीब और वंचितों का कल्याण यह उनकी प्राथमिकताओं में सम्मिलित हैं।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी द्वारा 15 अगस्त, 2019 को घोषित ‘जल जीवन मिशन-हर घर जल’ भी राज्यपाल की शीर्ष प्राथमिकता है। वे ‘जल जीवन मिशन’ हेतु गठित राज्यपाल समूह की सदस्य भी हैं और गत वर्ष राष्ट्रपति भवन में आयोजित राज्यपाल सम्मेलन में उन्होंने इस पर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया था। उत्तराखण्ड के भी कई जनपद जल संकट की दृष्टि से संवेदनशील हैं इसलिये राज्यपाल ने इस मिशन को बहुत गंभीरता से लिया है। राज्य के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर अपने संवैधानिक दायित्वों का गरिमापूर्वक निर्वहन करते हुए राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने अपने लम्बे प्रशासनिक तथा सार्वजनिक जीवन के अनुभव का लाभ राज्य की प्रगति व विकास में दिया है।
गत दो वर्षों के अपने कार्यकाल के दौरान राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने महिला सशक्तिकरण, बच्चों के कल्याण, महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन, पर्यावरण संरक्षण, महिलाओं में स्वरोजगार को बढ़ावा देने, जैविक खेती को प्रोत्साहित करने, नशे के विरूद्ध युवाओं को जागरूक करने पर विशेष बल दिया।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने पिछले दो वर्षों में प्रदेश के सभी जनपदों का व्यापक भ्रमण किया है। जनपद भ्रमण के दौरान उन्होंने सदैव वहाँ की महिलाओं और ग्रामीणों से भेंट की है। महिला स्वयं सहायता समूहों का उत्साह बढ़ाया है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य का दृढ़ विचार है कि महिला स्वयं सहायता समूहों के द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आर्थिकी को सुधारा जा सकता है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 के अवसर पर श्रीमती मौर्य ने राज्यभर के श्रेष्ठ महिला स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित किया।
राजभवन में अतिथियों को भेंट करने हेतु या राजभवन के उपयोगार्थ वस्तुओं को भी प्राथमिकता के आधार पर महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ही लेने का निर्णय लिया गया।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने अगस्त 2019 में राजभवन में ’‘महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण’’ पर एक कार्यशाला आयोजित की जिसमें राज्य की विभिन्न आई.ए.एस, आई.पी.एस, आई.एफ.एस, पी.सी.एस, सचिवालय सेवा पुलिस एवं अन्य सेवाओं की महिला अधिकारी सम्मिलित थीं। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ महिला अधिकारियों का उत्साहवर्द्धन था बल्कि उन्हें महिलाओं के प्रति उनके कत्र्तव्यों हेतु जागरूक, संवेदनशील और प्रेरित करना भी था।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने समय-समय पर विभिन्न मंचों से ड्रग्स के विरुद्ध भी आवाज उठाई है। उन्होंने स्कूली विद्यार्थियों और प्रधानाचार्यों की नैनीताल में एक बैठक ली। राजभवन देहरादून में अगस्त 2019 में एक ‘एण्टी ड्रग्स’ कार्यशाला का आयोजन भी किया जिसमें पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों के प्रति राज्यपाल श्रीमती मौर्य की संवेदनशीलता उनके प्रत्येक कार्यक्रम में दिखाई पड़ती है। प्रधानमंत्री कुपोषण उन्मूलन अभियान के प्रोत्साहन हेतु उन्होंने स्वयं एक अति कुपोषित बालिका को गोद लिया है, जिसका पिछले 10 महीनों में नियमित राजभवन एवं दून अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने स्कूलों के प्रधानाचार्यों के कार्यक्रम में बालिकाओं के लिए अलग से शौचालय बनाने हेतु निर्देश दिये। कोविड-19 के लाॅकडाउन में विभिन्न गावों और कन्टेनमेण्ट जोन में बालिकाओं और महिलाओं के लिए 2000 से अधिक सैनेटरी पैड वितरित करवाये।
प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति होने के नाते राज्यपाल श्रीमती मौर्य का राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा विश्वविद्यालयों को नीति-निर्माण में सहायक बनाने पर विशेष बल है। राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों से अपेक्षा की है कि वे मौलिक शोध तथा अध्ययन को बढ़ावा दें। राज्यपाल श्रीमती मौर्य का मानना है कि विश्वविद्यालयों के शोध कार्यों का असर ‘लैब’ से निकल कर ’लैण्ड’ तक पहुँचे। राज्य के पंतनगर और भरसार कृषि एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालयों को किसानों की आय दो गुनी करने, जैविक कृषि को बढ़ावा देने, फल एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु प्रेरित किया है।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य प्रत्येक तीन-चार माह में एक बार कुलपतियों की बैठक आयोजित कर अपने विचार साझा करती हैं। कोरोना लाॅकडाउन में भी उन्होंने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से कुलपतियों से नियमित वार्तालाप किया और आॅनलाइन शिक्षा, सामुदायिक सेवा, परीक्षाओं के आयोजन आदि के संबंध में उनको निर्देश दिये।

स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल बढ़ाने राज्यपाल पहुंची दून अस्पताल

(एनएन सर्विस)
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य गुरुवार को कोविड-19 के उपचार से सम्बंधित व्यवस्थाओं का जायजा लेने दून अस्पताल पहुँची। उन्होंने वहाँ उपस्थित वरिष्ठ चिकित्सकों और स्टाफ से बातचीत की। राज्यपाल ने ऐसे मरीजों की व्यवस्थाओं एवं ओपीडी के बारे में भी पूछा जो कोविड संक्रमण से प्रभावित नहीं हुए हैं। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में कोविड मरीजों के लिए सबसे कारगर दवा सोशल वैक्सीन है अर्थात प्रेम और सहानुभूति से उनका इलाज किया जाय। राज्यपाल ने आईसीयू में भर्ती कोविड मरीजों से वीडियो काॅल पर बात की। उन्होंने मरीजों का मनोबल बढ़ाया। राज्यपाल ने अस्पताल की नर्सों का उत्साह बढ़ाते हुए उनसे उनकी समस्याओं के बारे में पूछा। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देश दिए कि नर्सों के हितों और उनकी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाय। राज्यपाल ने कोविड वार्ड से निकलने वाले बाॅयो मेडिकल कूड़े के निस्तारण की जानकारी माँगी। अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि कूड़ा बहुत सावधानी के साथ एकत्र कर रूडकी के कूड़ा दहन संयंत्र में जलाने के लिए भेजा जाता है। राज्यपाल ने कूड़ा निस्तारण की सख्त मॉनिटरिंग के निर्देश देते हुए कहा कि इसमें कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल ने दून मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्य से अस्पताल की मौजूदा सुविधाओं और व्यवस्थाओं पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल ने ग्राफिक एरा स्थित क्वारंटीन सेंटर का भी स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने क्वारंटीन केन्द्र में तैनात स्टाॅफ से बात की।

दून मेडिकल काॅलेज के डाॅ आशुतोष सयाना ने बताया कि राजकीय दून मेडिकल काॅलेज में अभी तक कुल 391 कोरोना पाॅजिटिव मरीज भर्ती हुए हैं। कुल 73 मरीज आईसीयू में भर्ती हुए हैं जिनमें 27 कोरोना पाॅजिटिव तथा 46 मरीज संभावित श्रेणी में पाये गये हैं। उन्होंने बताया कि कैन्सर मरीजों की कीमोथैरपी कोरोनेशन अस्पताल में की जा रही है। 6,874 मरीजों की कोविड लैब में कोराना टेस्ट की जांच की गयी। 115 मरीज डायलिसिस के लिए भर्ती हुए हैं जिनमें कोविड संभावित 6 मरीज हैं। उन्होंने जानकारी दी कि आज अस्पताल में कुल 78 मरीज भर्ती हैं जिनमें से 64 मरीज कोरोन पाॅजिटिव हैं तथा 14 मरीज संभावित हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अस्तपाल में 17,178 फेस मास्क, 6,420 हैण्ड सेनिटाइजर, 5,253 एन95 मास्क, 3,628 पी.पी.ई किट तथा 13,956 हाईड्रोक्सी क्लोरो क्वीन टैबलेट उपलब्ध हैं। वर्तमान में अस्तपाल में मरीजों हेतु 263 बैड उपलब्ध हैं जिनमें कोविड पाॅजिटीव मरीजों हेतु 168 बैड, सस्पेक्टेड केस हेतु 60 बैड एवं 35 आई.सी.यू बैड उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि महिला अस्पताल में कुल 84 डिलिवरी की गई जिनमें से 06 कोरोना पाजिटिव हैं एवं 78 संभावित हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने जानकारी दी कि अस्तपाल में बेसिक लाॅईफ सपोर्ट प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। हेल्पलाइन काॅल के माध्यम से लगभग 15000 लोगों को कोरोना से संबंधित जानकारी दी गई एवं प्रत्येक दिन ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
इस अवसर पर सीएमओ डाॅ0 बी.सी.रमोला, सी.एम.एस डाॅ0 के.के.टम्टा, डाॅ0 एन.एस.खत्री, राजभवन के वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ0 महावीर सिंह आदि उपस्थित थे।