कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े फैसलों पर लगाई मुहरः डॉ आर राजेश कुमार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई अहम फैसलों पर मुहर लगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं को राज्य के अंतिम छोर तक बेहत्तर बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं। इसी कड़ी में आज कैबिनेट बैठक में देश और प्रदेश में आम जनमानस की लाईफ लाइन कही जाने वाली अटल आयुष्मान योजना को लेकर बड़ा फैसला हुआ। इससे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके तहत आयुष्मान भारत अटल आयुष्मान योजनान्तर्गत राजकीय चिकित्सालयों द्वारा लाभार्थियों को उपलब्ध करायी गयी चिकित्सा उपचार सुविधा के सापेक्ष चिकित्सालयों को प्रदान की जाने वाली क्लेम धनराशि पैकेज की दरों का 100 प्रतिशत अंश का भुगतान करने को लेकर किया गया। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि 14 सितम्बर, 2018 के प्रस्तर 2.8 में राजकीय चिकित्सालयों द्वारा अर्जित क्लेम धनराशि का विभाजन किया गया है। उक्त शासनादेश में विहित व्यवस्था में क्लेम धनराशि के 50 प्रतिशत अंश का भुगतान राजकीय चिकित्सालयों को किये जाने का प्राविधान है। इस व्यवस्था के कारण डायलिसिस केन्द्रों को आयुष्मान भारत अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत किये गये उपचार के बीजकों के भुगतान में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के समाधान हेतु संशोधन के लिए आज मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति प्रदान कर दी गयी है। इससे राजकीय चिकित्सालयों मे पी०पी०पी० मोड पर संचालित डायलिसिस केन्द्रों के संबंधित सेवा प्रदाताओं को पैकेज की दरों का 100 प्रतिशत भुगतान होगा और लाभार्थियों को डायलिसिस की सेवा निर्बाध रूप से प्राप्त होगी।

इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि इन्वेस्टर सम्मिट के दौरान इन्वेस्टेबल प्रोजेक्ट के रूप में चिन्हित स्वास्थ्य इकाइयों को दीर्घकालिक लीज पर निजी सेवा प्रदाता द्वारा संचालन किये जाने पर भी आज कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। इसके तहत देहरादून के हर्रावाला क्षेत्र में 300 बेड के कैंसर चिकित्सालय और हरिद्वार जनपद में स्थित 200 बेड के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, चौन राय महिला चिकित्सालय को पीपीपी मोड पर देने के लिए मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा इन चिकित्सालयों को पीपीपी मोड पर देने से उपकरण क्रय, मानव संसाधन योजन तथा संचालन पर होने वाले व्यय की बचत होगी। साथ ही क्षेत्रीय जनता को गुणवत्तापरक विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधायें तथा निदान की सुविधा प्राप्त होगी। अभी तक यह सुविधायें क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा 300 बैड के कैंसर चिकित्सालय हर्रावाला, देहरादून का निर्माण एन०एच०एम० के माध्यम से भारत सरकार तथा राज्य सरकार (90 अनुपात 10) के सम्मिलित वित्तीय के सहयोग से कुल 20403.49 स्क्वायर मीटर पर रू० 106.84 करोड़ की लागत से किया गया है। इसके साथ ही 200 बैड के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, चौन राय महिला चिकित्सालय परिसर, जनपद-हरिद्वार का निर्माण एन०एच०एम० के माध्यम से भारत सरकार तथा राज्य सरकार (90 अनुपात 10) के सम्मिलित वित्तीय के सहयोग से कुल 17341.42 स्क्वायर मीटर पर रू0 38.85 करोड़ की लागत से किया गया है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा इन दोनों संस्थानों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा निदान हेतु संवेदनशील उपकरण क्रय एवं संचालन हेतु आवश्यक तकनीकि दक्षता के दृष्टिगत उक्त दोनों चिकित्सा संस्थान उपयुक्त निजी सेवाप्रदाता द्वारा दीर्घकालिक संचालन हेतु प्रस्तावित किये जा रहे हैं। इन चिकित्सालयों के संचालन से आमजन को कैंसर से सम्बन्धित समस्त जाँच, परामर्श, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी तथा अन्य उच्च स्तरीय निदान, जिसमें शल्य क्रिया भी सम्मिलित है, सुलभ हो जायेगी तथा इस प्रकार की सेवाओं हेतु आमजन को प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसी प्रकार मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के संचालन से न केवल उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी अपितु मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में सहायता मिलेगी।

अच्छी खबरः चंपावत के आयुष्मान आरोग्य मंदिर गैरीगोठ की बड़ी उपलब्धि, उत्तराखंड को पहली बार मिला एनक्यूएएस नेशनल सर्टिफिकेशन पुरस्कार

देहरादून। राज्य के चंपावत जनपद के आयुष्मान आरोग्य मंदिर गैरीगोठ को स्वास्थ्य सेवा में बेहतर कार्य के लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आष्वासन मानक (एनक्यूएएस) सर्टिफिकेशन दिया गया है। उत्तराखंड के किसी स्वास्थ्य केंद्र को पहली बार यह पुरस्कार मिला है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने इस उपलब्धि के लिए गैरीगोठ टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेष के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उनके मुताबिक प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा देने का प्रयास किया जा रहा है।

हर मानकों पर फिट रहा केंद्र
राष्ट्रीय गुणवत्ता आष्वासन मानक के तहत गर्भवती महिलाओं की देखभाल, नवजात की देखभाल, किशोर अवस्था के दौरान स्वास्थ की देखभाल गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवाएँ और अन्य प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ, संचारी रोगों का प्रबंधनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, सामान्य संचारी रोगों का प्रबंधन और गंभीर साधारण बीमारियों और छोटी बीमारियों के लिए सामान्य बाहा रोगी देखभाल, गैर-संचारी रोगों और टीबी और कुष्ठ रोग जैसी पुरानी संचारी बीमारियों की जांच, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन, बुनियादी मौखिक स्वास्थ्य देखभाल, सामान्य नेत्र एवं ईएनटी समस्याओं की देखभाल आदि मानक तय किये जाते हैं। इनके आधार पर ही एनक्यूएएस सर्टिफिकेषन किया जाता है।

02 लाख 16 हजार की मिलेगी धनराशि
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया ने कहा राष्ट्रीय गुणवत्ता अस्वाशन मानकों को प्राप्त करने के लिए विगत 01 वर्ष से प्रयास किया जा रहा था। औषधियों की कमी, उपकरणों, लैब जाँच की सुविधा न होना, प्रषिक्षण, बजट की आपूर्ति इत्यादि। जिसके लिए समय-समय पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं राज्य स्तर पर समन्वय स्थापित कर समस्याओं का निराकरण किया गया। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया ने कहा इसके साथ ही प्रषिक्षण हेतु राज्य स्तर एवं रीजनल कुमांऊ मंडल रुपेश मंमगाईं द्वारा महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया गया। आयुष्मान आरोग्य मन्दिर गदिगोठ से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संजय सामंत एवं उनकी पूरी टीम ए०एन०एम०, आशाओं के भरकस प्रयत्नों के उपरान्त ही राष्ट्रीय गुणवत्ता अस्वाशन मानकों का प्रमाणीकरण की अहर्ता प्राप्त की गयी है। जिसका उद्देश्य आरोग्य मंदिर की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करना जिससे जन समुदाय को निम्नांकित प्रकार की गुणवत्ता युक्त सेवाओं का लाभ मिल सके। स्टेट क़्वालिटी नोडल ऑफिसर- Quality Assurance Program डॉक्टर मुकेश राय ने बताया कि भारत सरकार द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर गैरीकोठ को दो लाख सौलह हजार की धनराशि से सम्मानित किया जायेगा। जनमानस को गुणवत्तापूर्व इलाज देने के लिये राज्य निरंतर प्रयारत है।

गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर पर फोकस
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेष कुमार ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। राज्य के सभी अस्पतालों में बुनियादी ढांचा मजबूत हुआ है। प्राथमिकता के आधार पर राज्य के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता में वृद्धि तथा गुणवत्तापूर्ण हेल्थकेयर की बढ़ती मांग के चलते हमें निरंतर बढ़ती आबादी की स्वास्थ्य संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र का भी सहयोग ले रहे हैं। सरकार व निजी क्षेत्र के सम्मिलित प्रयासों से हम हर क्षेत्र तक स्तरीय हेल्थकेयर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही जन-समुदाय के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधार करने को प्रयासरत हैं। राज्य सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज, हर्रावाला देहरादून स्थित 300 बेड के सुपर स्पेशलिटी कैंसर अस्पताल, मोतीनगर हल्द्वानी स्थित 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, हरिद्वार स्थित 200 बेड के एमसीएच सेंटर को लीज-ऑन एंड ट्रांसफर मॉडल पर निजी क्षेत्र के सहयोग से संचालित करने का निश्चय किया है।

गौरतलब है कि क्यालिटी एश्योरेंस मानकों के तहत चिकित्सा इकाइयों को गुणवत्ता एवं उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य स्तर से निरंतर सहयोग प्रदान किया जाता है। जिला क्वालिटी एश्योरेंस टीम एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिर गैरीगोठ की टीम के फैसीलिटीइंचार्ज, नर्सिंग टीम एवं हाउसकीपिंग टीम ने यह सर्टिफिकेषन प्राप्त करने में अहम योगदान दिया है।

मैक्स और दून अस्पताल में भर्ती मरीजों में हुई कोविड-19 की पुष्टि, मरीज स्वस्थ

उत्तराखंड में लंबे समय बाद कोरोना के 2 मामले सामने आये हैं। देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती रहे 77 वर्षीय पुरुष की रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटिव आई थी। वहीं, रविवार को 72 वर्ष की महिला मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोविड के नए वेरिएंट जेएन-1 की पहचान के लिए दोनों संक्रमित मरीजों के सैंपल को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।
देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती रहे 77 वर्षीय व्यक्ति में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। मरीज पूर्व से ही कई अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। जिनका उपचार अस्पताल से चल है। मरीज के परिजनों के मुताबिक उनकी हालत स्थिर है। स्वास्थ्य में पहले के मुकाबले सुधार है। और वह घर पर ही होम आईशूलेशन में हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज के परिजनों के सम्पर्क में है और उनके स्वास्थ्य पर नज़रे बनाये हुए हैं।
वहीं दून अस्पताल में भर्ती 72 वर्षीय महिला में भी कोविड की पुष्टि हुई है। महिला को दून अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों की टीम महिला के स्वास्थ्य पर नज़रें बनाई हुई है।
सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ आर राजेश कुमार ने बताया की स्वास्थ्य विभाग की टीम दोनों रोगियों एवं उनके परिवारजनों से निरंतर संपर्क में है तथा चिंता का कोई विषय नहीं हैस
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी के निर्देश पर कोविड प्रबंधन को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से तैयार है सभी जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षकों को चिकित्सालय स्तर पर कोविड के उपचार को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण रखने के निरंतर निर्देश दिए गए हैं तथा मॉक ड्रिल के माध्यम से तैयारी की निगरानी भी की जा रही है। माननीय मुख्यमंत्री जी कोविड प्रबंधन को लगातार फीडबैक ले रहे हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम रोगी के निवास स्थान पर नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यवाही के लिए भेजी गई हैं। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कोविड प्रबंधन के लिए की जाने वाली किसी भी कार्यवाही में कोताही न बरतने के निर्देश दिए गए हैंस
स्वास्थ्य सचिव द्वारा सर्दी के मौसम में आम जनमानस से कोविड एवं इन्फ्लूएंजा जैसे रोगों को लेकर सावधानी एवं सतर्कता बरतने की अपील की गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने जारी की उत्तराखंड में कोरोना को लेकर एडवाइजरी

देहरादून। प्रदेश सरकार कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन-1 को लेकर सतर्क हो गयी है। प्रदेश भर में कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर एडवाइजरी जारी की गयी है। स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार ने कुछ राज्यों में जेएन.1 वेरिएंट के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में प्रदेश के सभी जिलों और अस्पतालों के लिए एडवाइजरी जारी की गयी है कि कोरोना की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास किये जाएं।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं कि अस्पतालों में कोविड से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करें। साथ ही सांस, फेफड़े और हृदय रोगियों की निगरानी की जाएं और उनके इंन्फुंएजा की जांच की जाए। अस्पतालों से ऐसे मरीजों की सभी जानकारी इंटीग्रेटिड हेल्थ इंफोरमेशन प्लेटफार्म पोर्टल में दर्ज करने के निर्देश भी दिये गये हैं। इसके साथ ही लोगों को श्वसन स्वच्छता के प्रति भी जागरूक किया जाएं।
गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक कोविड-19 के नए वेरिएंट जेएन.1 का कोई मरीज नहीं है। एहतियात के तौर पर प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है।

स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने राज्य के समस्त जिला अधिकारी, समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखा है। कृपया उपर्युक्त विषयक सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के पत्र संख्या DO.NO.2.28015/182/2021-DMCell दिनांक 18 दिसम्बर 2023 (संलग्न) का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें जिसके द्वारा अवगत कराया गया है कि विगत कुछ दिनों में कुछ राज्यों में कोविड-19 के रोगियों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। इसी कम में जनपद स्तर पर कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए निरंतर निगरानी की जानी अतिआवश्यक है।

अवगत होना चाहे कि कोविड-19 के वेरिएंट JN.1 (BA.2.86.1.1) का कोई भी रोगी उत्तराखण्ड राज्य में रिपोर्ट नही हुआ है।

यद्धपि सतर्कता की दृष्टि से भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में जनपद स्तर पर निम्न कार्यवाही करने का कष्ट करें:-

1. भारत सरकार द्वारा प्रदत दिशा निर्देश “Operational guidelines for revised surveillance strategy in context of COVID-19” (संलग्न) का अनुपालन किया जाए।

2. जनपद स्तर पर Influenza like Illness (ILI)/Severe Acute Respiratory Illness (SARI) रोगियों की निगरानी की जाये।

3. पर्याप्त संख्या में ILI/SARI रोगियों की कोविड-19 एवं इन्फ्लुएंजा जाँच की जाएं। उक्त सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।

4. कोविड-19 प्रबन्धन हेतु चिकित्सालय स्तर पर समस्त तैयारियां सुनिश्चित रखी जायें।

5. आम जनमानस में श्वसन स्वच्छता (Respiratory Hygiene) के प्रति जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।

6. ILI/SARI के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना तथा चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधि का सेवन करना। अतः उपरोक्तानुसार आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

राज्य में जल्द शुरू होगा यूकोटवीपे का चौथा चरणः आर राजेश कुमार

कुमांउ मंडल के चार दिवसीय दौरे से लौटने के बाद राज्य सचिवालय में आज स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति की 38वीं कार्यकारिणी समिति की बैठक ली। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई कार्यकारिणी की बैठक में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी। राज्य के कई अस्पतालों में अभी भी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है जिसको देखते हुए यू कोट वी पे का चौथा चरण जल्द शुरू होगा ताकि सभी जनपदों में प्राथमिकता के आधार पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती हो सके।

जल्द शुरू होगा यू कोट वी पे का चौथा चरण
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि प्रदेश के चिकित्सा इकाइयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति हेतु संचालित यू कोट वी पे मॉडल का चौथा चरण जल्द शुरु किया जाएगा। जिसमें सर्जन, गायनोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, ऑर्थाेपेडिक, एनेस्थेटिक, पैथोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिशन, मनोवैज्ञानिक आदि पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्त कर सीमांत जनपदों में आमजन को स्वास्थ्य लाभ हेतु सेवाएं दी जाएगी।

एनएचएम के कर्मचारियों को तोहफा
स्वास्थ्य सचिव ने दीपावली से पहले एनएचएम कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में भ्रमण के दौरान एनएचएम कर्मियों ने स्वास्थ्य सचिव के सामने यह मांग रखी थी। जिस पर आज उन्होंने अपनी मुहर लगा दी। कार्यकारिणी समिति की बैठक में प्रेदश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत पात्र कार्मिकों को पितृत्व अवकाश, बाल्य देखभाल अवकाश व बाल दत्तक अवकाश का लाभ उत्तराखंड शासन नियमावली के अनुसार दिए जाने पर सहमति प्रदान की गई।

वहीं स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि निशुल्क जांच योजना के अंतर्गत सभी 266 जांचों की गुणवत्ता की जांच करने हेतु गढ़वाल क्लस्टर के देहरादून मेडिकल कॉलेज व कुमांऊ क्लस्टर के हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की जाएगी।

बैठक में स्वाति भदौरिया मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, अमनदीप कौर अपर सचिव स्वास्थ्य, सुनीता टम्टा निदेशक स्वास्थ्य, प्रभारी अधिकारी डॉ अमित शुक्ला, डॉ राजन अरोड़ा, डॉ पकंज कुमार, डॉ फरीदुज़फ़र, डॉ मुकेश रॉय, महेंद्र मौर्य राज्य कार्यक्रम अधिकारी एन.एच.एम., कविता कौशल कंसल्टेंट मानव संसाधन सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

चंपावत के सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं पर थपथपाई अधिकारियों की पीठ

देहरादून। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा डेंगू के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए आज दिनांक 08.10.23 को उप जिला चिकित्सालय टनकपुर, जिला चिकित्सालय चम्पावत, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चलथी चंपावत, उप जिला चिकित्सालय लोहाघाट का निरीक्षण किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने डेंगू बीमारी को रोकने के लिए अस्पताल में डेंगू वार्ड, मच्छरदानी की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। चिकित्सालय में पानी की निकासी, साफ़ सफाई और दवा के छिडकाव की उचित व्यवस्था करने को कहा।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सालय में एमरजेंसी दंत रोग विभाग, पैथोलॉजी लैब महिला वॉर्ड में अती महिलाओं एवं प्रसव से सम्बंधित विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं व भर्ती मरीजों का हाल जाना। राजेश कुमार ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से वार्ता करने के साथ ही अस्पताल से उन्हें दी जा रही विभिन्न सुविधाओं की जानकारी ली।

उत्तराखंड सरकार की ओर से मरीजों को निशुल्क जांच सुविधा के लिए संचालित चंदन लैब का भी निरीक्षण करते हुए पंजिका में जांच से संबंधित विवरणों और बीमारियों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान चिकित्सालयों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए जिला चिकित्सालय में प्रत्येक मरीज को बेहतर उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।

इसके साथ ही, स्वास्थ्य सचिव ने स्थानीय जनता से संवाद स्थापित कर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं एवं सुविधाओं की जानकारी दी साथ ही उनसे योजनाओं का फीडबैक भी लिया। स्वास्थ्य सचिव ने वैलनेस सेंटरों में जाकर अवस्थपना सुविधाओं आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, औषधियों एवं विभिन्न संवर्गों में कार्यरत कार्मियों की स्थिति का अवलोकन किया। स्वास्थ्य सचिव के साथ विभागीय अधिकारियों ने आयुष्मान कार्ड एवं आभा आईडी बनाने के लिए आम लोगों को प्रेरित किया साथ ही टीबी मुक्त उत्तराखंड की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अब तक किये गये प्रयासों की भी जानकारी दी।
इस दौरान सीएमओ केके अग्रवाल ने स्वास्थ्य सचिव से टनकपुर उप जिला हॉस्पिटल में ब्लड बैंक और एचआईवी से ग्रसित लोगों के लिए लिंक एआरटी सेंटर की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी।

स्वास्थ्य सचिव ने पत्रकारों से बात करते हुए स्पेशलिस्ट डॉक्टर की जल्द न्युक्ति करने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि टनकपुर हॉस्पिटल में ट्रामा सेंटर संचालित करना उनकी प्राथमिकता है।

स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग चम्पावत की बैठक ली। जिसमें उन्होंने जिले के सभी लोगों की आभा आईडी और आयुष्मान कार्ड बनाने को कहा। उन्होंने कहा, पहाड़ों में लोगों की आर्थिक स्थिति इतनी नहीं होती की वो महंगा इलाज करवा सकते। सरकार आयुष्मान आप के द्वार योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ग्रामसभा में कैंप लगाने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ0 तारा आर्यां, जिलाधिकारी नवनीत पाण्डेय, सीएमओ डॉ0 केके अग्रवाल, सीडीओ आरएस रावत, एडीएम हेमन्त वर्मा, सीएमएस डॉ घनश्याम तिवारी, एसीएमओ डॉ0 इंद्रजीत पांडे, डॉ0 कुलदीप यादव, सीएमएस जिला हॉस्पिटल चंपावत पी एस खोलिया, खाद्य निरीक्षक अनिल कुमार मिश्रा डीपीएम गौरव पांडे, सहित अन्य मौजूद रहे।

डेंगू को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में दिये अतिरिक्त बैड बढाने के दिये निर्देश, सफाई व्यवस्थाओं को दुरूस्त रखें अस्पताल

हरिद्वार। डेंगू को लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का अभियान लगातार जारी है। आज स्वास्थ्य सचिव का काफिला हरिद्वार जनपद पहुंचा। जहां स्वास्थ्य सचिव ने जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल और उपजिला मेला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने जनपद में डेंगू रोकथाम अभियान का जायजा लिया। निरीक्षण में खामियों पर स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए व्यवस्थायें जल्द दुरूरत करने के निर्देश दिये। अस्पतालों में सफाई व्यवस्थाओं पर भी सचिव स्वास्थ्य ने कडी नाराजगी जाहिर की।

वहीं सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आर राजेश कुमार ने अस्पतालों में डेंगू मरीजों और उनके परिजनों से बातचीत की और व्यवस्थाएं परखीं। डॉ आर राजेश कुमार ने सभी चिकित्सालयों में डेंगू मरीजों के लिए अतिरिक्त बैड की व्यवस्था रखने, आइसोलेशन वार्ड बनाने तथा त्वरित उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने जिला महिला चिकित्सालय के एम0सी0एच0 विंग का निरीक्षण किया और एक माह के अंदर कार्य पूर्ण करने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिये। ताकि जनता को इसका लाभ जल्द से जल्द मिलने लगे। इसके साथ ही उन्होंने उपजिला मेला चिकित्सालय के जिरियाट्रिक वार्ड का भी निरीक्षण किया।

स्वास्थ्य सचिव ने किया मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण
सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आर राजेश कुमार ने हरिद्वार जनपद में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का भी निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ आर0 राजेश कुमार ने कहा यह कॉलेज भविष्य में हरिद्वार के लिये वरदान साबित होगा। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज के बनने के बाद जहां स्वास्थ्य सुविधाओं में ईजाफा होगा। वहीं मेडिकल की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अवसर बढ जायेंगे। उन्होंने कहा मेडिकल कॉलेज के खुलने से आस-पास के स्थानीय लोगों के लिए कई तरह के रोजगार के अवसर भी बढेंगे।

आपको बता दें कि यह मेडिकल कॉलेज लगभग 67 एकड मंे फैला हुआ है। इस मेडिकल के निर्माण की लगात लगभग 538 करोड़ रूपये है। जिसमें से लगभग 309 करोड रूपये सरकार द्वारा इसके निर्माण के लिए जारी किये जा चुके हैं। 2024 के अंत तक यह मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जायेगा। निरीक्षण के दौरान सी0एम0ओ0 डॉ मनीष दत्त, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ रंजीत सिंह रैना, ए0सी0एम0ओ0 डॉ आर0के0 सिंह, डॉ गुरनाम सिंह, मलेरिया अधिकारी सी0एम0 कंसवाल, डॉ तरुण, डॉ पंकज सिंह, डॉ अजय कुमार, सहित जनपद के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

डेंगू के इलाज के लिए प्लेटलेट्स की जरूरत को आईएमए अध्यक्ष को स्वास्थ्य सचिव ने लिखा पत्र

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इन्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष को पत्र लिखकर डेंगू रोग के इलाज के लिए प्लेटलेट्स के समुचित प्रबंधन करने की बात कही है। स्वास्थ्य सचिव ने आई०एम०ए० अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि वर्तमान में उत्तराखंड राज्य के मैदानी क्षेत्रों में डेंगू रोग प्रसारित हो रहा है। डेंगू रोग विगत कुछ वर्षों से एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हुआ है। डेंगू रोग के अधिकांश मामले स्वतः ही मामूली लक्षणों के साथ ठीक हो जाते हैं, हालांकि कुछ ही मामले गंभीर होते हैं जिनमें प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ती है।

वर्तमान में यह देखा जा रहा है कि प्लेटलेट्स की आवश्यकता वाले डेंगू रोगियों में सिंगल डोनर प्लेटलेट को लेकर अत्यधिक मांग है जिस कारण प्लेटलेट्स उपलब्धता पर अनावश्यक दबाव पड़ रहा है। आप विदित ही है कि रैंडम डोनर प्लेटलेट भी डेंगू रोगियों के लिए उतना ही सुविधाजनक है एवं सुगमता से उपलब्ध हो जाता है तथा रोगियों पर अनावश्यक वित्तीय दबाव भी नहीं पड़ता है। जिन मामलों में शीघ्र ही अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स की आवश्यकता है उन मामलों में सिंगल डोनर प्लेटलेट प्रिसक्राइब किया जाना उचित होगा। अतः आपसे अनुरोध है कि आप अपने स्तर से राजकीय एवं निजी चिकित्सकों को आवश्यकता अनुसार उचित रूप से प्रिस्क्रिपशन देने के लिए प्रोत्साहित करने का कष्ट करें ताकि प्लेटलेट्स की उपलब्धता को लेकर किसी भी प्रकार के अनावश्यक दबाव को रोका जा सके। डेंगू रोगियों के उपचार के लिये प्लेटलेट्स के उचित प्रिस्क्रिप्शन तथा मानकानुसार उपचार के सम्बन्ध में राज्य स्तरीय डेंगू रोग चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश भी प्रेषित किये गए।

कोरोनेशन-गांधी जिला अस्पताल व डेंगू कंट्रोल रूम का स्वास्थ्य सचिव ने किया औचक निरीक्षण, खामियों पर लगाई अधिकारियों को फटकार

देहरादून। डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच शासन-प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार समीक्षा बैठकों के साथ ही ग्रांउड जीरो पर जाकर अस्पतालों में हालातों का जायजा ले रहे हैं। आज रविवार को छुट्टी के दिन भी स्वास्थ्य सचिव पूरी तरह से मुस्तैद नजर आये। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोरोनेशन-गांधी जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। जिला अस्पताल में इमरजेंसी की व्यवस्थाओं पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। वहीं सेंट्रल पैथोलॉजी के बंद हाने पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पैथोलॉजी को व्यवस्थित तरीके से प्रतिदिन खोलने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि रात्रि 8 बजे तक मरीजों की ब्लड सैंपल रिपोर्ट ली जाये। वहीं उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों से अस्पताल में मिल रहे इलाज और सुविधाओं को लेकर भी बात की। इलाज को लेकर मरीजों की विभिन्न शिकायत पर उन्होंने संबधित अधिकारियों को व्यवस्थाओं को जल्द सुचारू करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य सचिव में औचक निरीक्षण में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, सीएमओ देहरादून डॉ संजय जैन, सहायक निदेशक स्वास्थ्य महानिदेशालय डॉ मंयक बडोला, दून मेडिकल कॉलेज से डॉ महेन्द्र पंत, डॉ अजय नागरकर, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खन्ना मौजूद रहे।

गांधी अस्पताल में शुरू होगा 100 बैड का डेंगू वार्ड
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का काफिला गंाधी अस्पताल पहुंचा। जहां उन्होंने अस्पताल के निरीक्षण के पाया कि यहां लगभग 100 बैड का डेंगू वार्ड शुरू किया जा सकता है। जिसको लेकर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगले 24 घंटे में गांधी शताब्दी अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए डेंगू वार्ड शुरू किया जाये। स्वास्थ्य सचिव ने गांधी अस्पताल में खुल ब्लड स्टोरेज सेंटर को पूर्णकालिक ब्लड बैंक में तब्दील करने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि मरीजों को रक्त की कमी न हो।

कंट्रोल रूम का 104 के साथ होगा समन्वय
कोरोनेशन और गांधी अस्पताल के बाद स्वास्थ्य सचिव अपनी टीम के साथ सहस्रधारा आईटीडीए में स्थापित डेंगू कंट्रोल रूम पहुंचे। जहां उन्होंने तमाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा राज्य के सभी जिलों से सूचाओं को आदना प्रदान हो सके इसकेक लिए डेंगू कंट्रोल रूम और 104 सेवा का आपसी समन्वय होगा। जिसके बाद राज्य में डेंगू मरीजों के प्रतिदिन का आंकड़ा जारी किया जायेगा। हम सूचना तंत्र को मजबूत बनाकर जरूरतमंदों को समय पर इलाज मिले इस पर कार्य कर रहे हैं।

फागिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्दश
स्वास्थ्य सचिव ने नगर निगम अधिकारियों को निर्दश दिये कि फोगिंग को पहले की अपेक्षा और अधिक प्रभावी बनाया जाये। नोटिफिएड इलाकों में बार-बार फोगिंग की जाये। इसके साथ ही घरों में डेंगू का लार्वा जमा न हो इसको लेकर जन जागरूकता अभियान लगातार जारी रखा जाये।

अधिक पैसे वसूलने वालों पर होगी कार्रवाई
राज्य में डेंगू मरीजों को समुचित इलाज मिले इसको लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के नेतृत्व में प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। स्वास्थ्य सचिव राज्य के सभी अस्पतालों से लगातार फीड बैक ले रहे हैं। अस्पतालों में दवाईयों व अन्य किसी प्रकार के उपकरणों की कोई कमी न हो इसको लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा सरकारी के साथ निजी अस्पतालों का भी निरीक्षण किया जा रहा है। जहां से भी शिकायतें आ रही हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है। डेंगू मरीजों को आयुष्मान के तहत इलाज न देने वाले अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

ई-रक्तकोश पोर्टल को अपडेट रखने के निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी देते हुए कहा हर दिन सुबह शाम ई-रक्तकोष पोर्टल में डेटा एकत्र किया जायेगा। इसके होने से अगले दिन हमें रक्त की पूरी जानकारी मिल जायेगी। कितनी कमी है किस ब्लड ग्रुप के रक्त की ज्यादा डिमांड है। उसके अनुरूम हमें व्यवस्थाओं को बनाने में मदद मिलेगी।

डेंगू पीड़ितों के लिए करें रक्तदान
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। बीमारी के दौरान खून में प्लेटलेट की संख्या 50 हजार से कम होने लगे तो खतरा बढ़ जाता है और आम तौर पर डाक्टर अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव देते हैं।ज्यादातर अस्पतालों में ब्लड प्लेटलेट की मांग बहुत बढ़ गई है और उसकी उपलब्धता बहुत कम है। इसकी आपूर्ति के लिए जरूरी है कि हम स्वैच्छिक रक्तदान करें जिससे कि गंभीर रूप से बीमार लोगों की जान बचाई जा सके। स्वास्थ्य सचिव ने कहा उन्होंने खुद एक मरीज की जान बचाने के लिए कुछ समय पूर्व रक्तदान किया था। आम जनता से अपील करते हुए कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को आगे आयें।

उत्तराखंड शासन का बड़ा फैसला, ध्वस्त होगा रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का करोड़ों की लागत से बना एक हिस्सा

देहरादून। स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी संभालने के बाद से सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने निर्माण कार्यों को गुणवत्तापूर्वक करने पर फोकस किया है। जहां भी उनको निर्माणकार्यों में लापरवाही मिली उन्होंने चेतावनी देने के साथ जांच के बाद कार्यदायी संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई की है। इसी कड़ी में निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं होने पर रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का एक हिस्सा ध्वस्त करने के आदेश सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने जारी किये। कार्यदायी संस्था द्वारा रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण नियमों के अनुरूप नहीं होने पर उत्तराखंड शासन द्वारा रूड़की आईआईटी की टीम से इसकी जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के एक हिस्से का निर्माण नियमों के अनुरूप नहीं होने की बात कही गई। जिसके बाद लगभग 32 करोड़ की लागत से हुए निर्माण कार्य को ध्वस्त करने के आदेश जारी कर दिये गये। सचिव चिकित्सा शिक्षा राजेश कुमार ने बताया कि निर्माणाधीन बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिये हैं। बिल्डिंग निर्माण में आए पूरा खर्च कार्यदाही संस्था से ब्याज समेत वसूला जायेगा। इसी के साथ कार्यदायी संस्था को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।

गौरतलब है कि निदेशक, चिकित्सा शिक्षा विभाग के पत्र संख्या-2972 दिनांक 14 अगस्त, 2023 के माध्यम से अवगत कराया गया है कि निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर के निर्माण कार्यों हेतु नामित कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल संसाधन एवं निर्माण निगम द्वारा पूर्व कार्यदायी संस्था (EPIL) के द्वारा निर्मित कुल 14 नग निर्माणाधीन भवनों की गुणवत्ता जांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूडकी से करायी गयी गुणवत्ता में प्रोफेसर सिविल अभियांत्रिकी विभाग भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूडकी द्वारा निर्माण कार्यों को ध्वस्त करते हुए पुर्ननिर्माण का मंतव्य प्रदान किया गया है। उक्त के अतिरिक्त चिकित्सा शिक्षा निदेशालय स्तर से नियोजन विभाग द्वारा निर्माण कार्यों की तृतीय पक्ष गुणवत्ता जाँच हेतु नामित संस्था (Quality Austria Central Asia) से भी निर्माणाधीन भवनों की गुणवत्ता जांच करवायी गयी, उक्त संस्थान द्वारा भी जाँच आख्या पत्र दिनांक 14 अगस्त, 2023 के माध्यम से उपलब्ध करवायी गयी, जिसके अनुसार भी निर्माणाधीन भवनों को ध्वस्त करते हुए पुर्ननिर्माण किया जाना होगा। ई०पी०आई०एल० द्वारा किये गये निर्माण कार्यों की अत्यन्त न्यून गुणवत्ता होने के दृष्टिगत सम्पूर्ण निर्माणाधीन कार्य का ध्वस्तीकरण कर पुर्ननिर्माण किये जाने का निर्णय लिया गया है।

राजकीय मेडिकल कॉलेज, रूद्रपुर के निर्माण कार्यों की जांच रिपोर्टो के परिपेक्ष्य में निर्माण कार्य की गुणवत्ता खराब होने के दृष्टिगत राज्य में ऐसी कार्यदायी संस्था को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से इन्जीनियरिंग प्रोजेक्ट्स इण्डिया लिO (EMI) एन0आर0ओ0, कोर 3. स्कोप कॉम्पलैक्स-7 लोधी रोड़, नई दिल्ली को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के अधीन समस्त निर्माण कार्यों हेतु काली सूची (Black List) में डाले जाने की श्री राज्यपाल सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं। अवशेष धनराशि र 31.78 करोड़ + अद्यतन ब्याज (वर्तमान में प्रचलित दरों पर) सहित निदेशक, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड देहरादून को हस्तान्तरित करना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में कार्यदायी संस्था के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जायेगी, जिसका उत्तरदायित्व कार्यदायी संस्था का होगा।

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