कुछ घंटे शेष, शांतिपूर्ण मतदान के लिए निर्वाचन तैयार

19 अप्रैल को होने वाले मतदान में चंद घंटे शेष बचे हैं। प्रसासन निर्वाचन को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए तैयारी कर चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी आर पुरुषोत्तम ने वोटिंग के दिन विद्युत, पेयजल, स्वास्थ्य एवं लोक निर्माण विभाग से जुड़े कार्मिकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने शुक्रवार को सभी अस्पतालों और चिकित्सा इकाइयों को खुला रखने के आदेश जारी किए हैं। उधर राज्यपाल ने भी मतदान के दिन सभी सरकारी, प्राइवेट स्कूलों, संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रमों, को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. वी.बी.आर.सी.पुरुषोत्तम ने गुरुवार को सचिवालय में आवश्यक सेवा से जुड़े समस्त विभागों एवं एजेंसियों के साथ बैठक की। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में निर्देश दिये कि मतदान के दिन मतदान समाप्ति तक सभी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ की अनिवार्य रूप से उपस्थिति रहे। इसके अतिरिक्त विद्युत एवं पेयजल अपूर्ति से जुड़े संबंधित विभाग सभी मतदान केंद्रों पर व्यवस्था सुनिश्चित करें। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये हैं कि मतदान पार्टियों के अपने गंतव्यों तक सुरक्षित वापसी होने तक सभी राजमार्गों, सड़कों, संपर्क मार्गों पर लैंड स्लाइड या अन्य किसी भी बाधा के दृष्टिगत अलर्ट मोड पर रखा जाए।

इसके बाद स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने आदेश जारी किए कि मतदान के दिन 19 अप्रैल, 2024 को उत्तराखंड की समस्त चिकित्सा इकाइयां / मेडिकल कॉलेज एवं उनसे सम्बन्धित समस्त चिकित्सा इकाइयां खुली रहेंगी। इन चिकित्सा इकाइयों में कार्यरत कार्मिकों का मतदान रोटेशन के आधार पर सम्बन्धित चिकित्सा इकाई के चिकित्सा अधीक्षक / नियंत्रक अधिकारी द्वारा सुनिश्चित कराया जायेगा।

कल रहेगी छुट्टी, वोट देने जरूर जाएं

उधर राज्यपाल ने भी मतदान के दिन सभी सरकारी, प्राइवेट स्कूलों, संस्थानों, सार्वजनिक उपक्रमों, को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग वोट देने जरूर जा सकें। वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, दुकानों, फैक्ट्रियों या उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों के लिए भी 19 अप्रैल के दिन अवकाश रहेगा। प्रदेश के सभी बैंक, ट्रेजरी, उप ट्रेजरी भी कल बंद रहेंगे

नजरियाः टीबी मुक्त उत्तराखंड की दिशा में रोगियों के सहयोग में जुटे 10 हजार से अधिक निःक्षय मित्र

देहरादून। टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास धरातल पर नजर आने लगे हैं। टी0बी0 रोगियों की सेवा के लिये प्रदेश में हजारों ने लोगों ने आगे आ कर सामुदायिक भागीदारी निभाई है। वहीं इन सबके बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार सामाजिक सहभागिता की मिशाल बने हैं। निरूक्षय मित्र बन स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दूसरी बार टीबी रोगियों को गोद लिया है। जिन रोगियों को उन्होंने गोद लिया था वह पूरी तरह स्वस्थ होकर सामन्य जीवन ब्यतीत कर रहे हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में अब तक 10014 लोगों ने निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2024 तक टी0बी0 मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। जिसमें नि-क्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टी0बी0 मुक्त अभियान में अहम भूमिक निभा रहे हैं।

जिसमें हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2136 नि-क्षय मित्र पंजीकृत हैं जबकि ऊधमसिंह नगर में 2205, नैनीताल 1309, देहरादून 1709, अल्मोड़ा 593, पौड़ी गढ़वाल 468, टिहरी 392, पिथौरागढ़ 255, रूद्रप्रयाग 208, चमोली 206, उत्तरकाशी 192, चम्पावत 187 तथा बागेश्वर में 154 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है।

आज प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा जिला क्षय रोग कार्यालय, देहरादून में नि-क्षय मित्र बनकर क्षय रोगी को मासिक पोशाहार दिया गया तथा उनके द्वारा आम जनमानस में अपील की गई की समाज के सभी वर्ग आगे आकर कार्यक्रम की सफलता मे सहयोग करें। सचिव महोदय द्वारा 01 साल पूर्व दो क्षय रोगियों को नि-क्षय मित्र बन पोशाहार दिया गया था जो कि वर्तमान के स्वस्थ्य हो गये है।

इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून, प्रभारी अधिकारी, एन.टी.ई.पी, उत्तराखण्ड, जिला क्षय रोग अधिकारी, देहरादून एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने जारी की गाइडलाइन, जानिए आप भी….

चीन में छोटे बच्चों में सांस से संबंधित बीमारी माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सभी देशों को अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने भी देश के सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार भी सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। गाइडलाईन में साफ निर्देश किया गया है कि बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के लक्षणों पर विशेष निगरानी रखी जाए।

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि चीन में बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य में सर्विलांस बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जिलों को भी अस्पतालों में विशेष निगरानी रखने के लिए निर्देश दिए गये हैं। इसको लेकर विस्तृत गाईडलाइन जारी कर दी गई है। राज्य के सभी जिला अधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने जनपद में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू रोगियों के उपचार के लिए आईसोलेशन बेड/वार्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर की प्रयाप्त मात्रा में व्यवस्था की जाये।

एक नजर स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड द्वारा जारी की गई गाईडलाइन पर

सीजनल इन्फ्लुएंजा, मायकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 आदि श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगों से बचाव एवं नियंत्रण विषयक।

वर्तमान में चीन देश में सीजनल इन्फ्लुएंजा, मायकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS- CoV-2 आदि श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगियों (विशेषकर बच्चों में) की संख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। आगामी माहों में शीत ऋतु के आगमन के साथ ही विभिन्न श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगों यथा कोविड-19, सीजनल इन्फ्लूएंजा (H1N1, H3N2) एवं Influenza like Illness (ILI) व Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के प्रसारण की संभावना भी बढ़ जाती है। इसी कम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा DO No. T- 18015/80/2023-IDSP (Pt.1) दिनांक 25.11.2013 प्रेषित किया गया है। अतः उपरोक्तानुसार इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का जनपद स्तर पर अनुपालन करना सुनिश्चित करें।

1 :- भारत सरकार द्वारा प्रदत दिशा निर्देश “Operational guidelines for revised surveillance strategy in context of COVID-19” (संलग्न) का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

2 :- सभी चिकित्सालयों में इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोगियो के उपचार हेतु पर्याप्त आईसोलेशन बेड/वार्ड, आक्सीजन बेड, आई०सी०यू० बेड, वेंटिलेटर, आक्सीजन सिलेण्डर इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।

3 :- समस्त चिकित्सालयों (मेडिकल कॉलेज/जिला/बेस/संयुक्त/ सी०एच०सी०/पी०एच०सी० स्तर तक) में आवश्यक औषधियों (Oseltamivir Cap./Syp., /antibiotics etc), सामग्री (PPE, N-95 Mask, VTM etc) की उपलब्धता एवं चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाये।

4 :- चिकित्सालय एवं समुदाय स्तर पर Influenza like Illness (ILI)/Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के लक्षणों वाले रोगियों की सघन निगरानी की जाये। उक्त सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।

5 :- SARI के लक्षणों से ग्रसित रोगियों के Nasal & Throat Swab samples जांच हेतु निकटवर्ती मेडिकल कॉलेज जांच केन्द्रों में संदर्भित किये जायें।

6 :- समुदाय स्तर पर यदि किसी जगह ILI/SARI केस की क्लस्टरिंग मिलती है तो वहां पर जांच सुविधा की उपलब्धता एवं त्वरित नियन्त्रण एवं रोकथाम कार्यवाही की जाये।

7 :-आई०डी०एस०पी० कार्यकम के अर्न्तगत गठित रैपिड रेस्पान्स टीम को इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोग से होने वाली किसी भी असामान्य स्थिति की निरन्तर मॉनिटरिंग तथा नियन्त्रण हेतु त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश दिये जायें।

8 :- इन्फ्लुएंजा / निमोनिया सम्बंधित रोगों के संचरण से बचाव हेतु आम जनमानस में जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये

1 :- बच्चों एवं बुर्जुगों तथा किसी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित लोगों में विशेष सावधानी बरती जाये।

2 :- छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रुमाल / टिश्यू का इस्तेमाल करना।

3 :- साबुन पानी से हाथों को स्वच्छ रखना।

4 :- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करना।

5 :- ILI/SARI के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना तथा चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधि का सेवन करना।

स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने किया हल्द्वानी में अस्पतालों का औचक निरीक्षण

देहरादून। डेंगू नियंत्रण अभियान की हकीकत जानने स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार आजकल प्रदेश के दौरे पर हैं। देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी जनपद के कोटद्वार के बाद आज स्वास्थ्य सचिव का काफिला कुमाऊ मंडल नैनीताल जनपद के हल्द्वानी शहर पहुँचा।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने आज हल्द्वानी का दौरा किया। उन्होंने डेंगू से निपटने के लिए किये जा रहे इंतजामों का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए की गयी व्यवस्थाओं पर नाराजगी जतायी और व्यवस्थाएं दुरस्त करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि डेंगू के मरीज के इलाज में किसी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए।

बेस अस्पताल हलद्वनी का निरीक्षण करते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश द्वारा आईसीयू का संचालन न होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई । अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द आईसीयू को चलाने के निर्देश मौके पर दिए गए। सचिव स्वस्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बेस हॉस्पिटल पर वार्ड में जाकर मरीजों का हाल जाना अस्पताल प्रशासन को किसी भी मरीज के उपचार मैं कोई लापरवाही न हो इसके निर्देश दिये गये। उनके द्वारा द्वारा डेंगू वार्ड, आईसीयू, इमरजेंसी वार्ड, डायलिसिस यूनिट, ब्लड बैंक का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि डेंगू के उपचार के लिये निजी व सरकारी चिकित्सालय पर आयुष्मान कार्ड द्वारा भी उपचार प्रदान किया जाएगा। जिसके निर्देश अधिकारियो को दे दिये गये है।

सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने डेंगू जांचों की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर की । उन्होंने अधिकारियों को जांचों में तेजी लाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा अधिकारी कागज पर पेन कम चलकर थोड़ा जांचों में तेजी लाएं जिससे मरीज को समय पर सही इलाज मिल सके। स्वास्थ्य सचिव ने मरीजों और लोगों से भी अस्पताल में व्याप्त सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया।

इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया की स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने पूरे प्रदेश के अंदर डेंगू के 307 मामले एक्टिव है।
उन्होंने बताया डेंगू को लेकर अस्पताल में बेड्स पूरी तरह से उपलब्ध हैं, उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से किसी को भी प्लेटलेट्स नहीं दी जाएगी, जरूरत पड़ने पर ही मरीज को प्लेटलेट्स दी जाएगी, डेंगू पर जो भी इलाज है, उसे अस्पताल द्वारा ठीक तरीके से नहीं किया जाएगा तो ₹50000 से लेकर ₹200000 तक का जुर्माना लगाने के प्रावधान बनाए गए हैं,

स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट निर्देश की डेंगू के मामलों को लापरवाही नहीं बरती जाएगी, जो भी प्राइवेट हॉस्पिटल या सरकारी हॉस्पिटल लापरवाही करेगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी जिलों के जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह बराबर डेंगू पर अपनी नजर बनाए रखें और डेंगू के मामले को लेकर शासन को लगातार अवगत कराए, सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में अधिक पैसा लिए जाने पर भी उन्होंने कहा की रेट निर्धारित किए गए हैं, अधिक रेट लिए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

इस मौके पर उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भागीरथी जोशी, मेडिकल कालेज हल्द्वानी के प्रधानाचार्य डा. अरुण जोशी, डॉ टिट्याल, चिकित्सा अधीक्षक सुशीला तिवारी अस्पताल, डॉ मनोज कांडपाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ सविता ह्यांकी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक बेस चिकित्सा हल्द्वानी, डा. ऊषा जंगपांगी महिला चिकित्सालय हल्द्वानी भी मौजूद थे।

स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर चला डेंगू रोकथाम महाअभियान

देहरादून जनपद में डेंगू रोकथाम के लिए माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व मुख्य सचिव एस एस संधु के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने चार दिवसीय महा-अभियान का शुरूआत की। इस महा-अभियान में स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग सहित विभिन्न सरकारी ईकाईयों द्वारा मिलकर जनपद देहरादून के विभिन्न स्थानों पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। जनपद के विभिन्न इलाकों में घरों एवं मोहल्लों में जाकर डेंगू का लार्वा को नष्ट किया गया तथा लोगों को डेंगू के बारे में जागरूक किया गया तथा आशाओं के माध्यम से दवाओं का वितरण किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आई0ई0सी0 सामग्री का वितरण आशाओं एवं टीम के सदस्यों द्वारा किया गया। इसके साथ ही नगर निगम टीम द्वारा शहर के कई इलाकों में फॉगिंग अभियान चलाया गया।

हाई रिस्क क्षेत्रों में चलाया गया डेंगू रोकथाम महाअभियान
आज देहरादून शहरी क्षेत्र के 24 हाई रिस्क वार्डों में डेंगू रोकथाम महाअभियान संचालित किया गया। महाअभियान के दौरान आशा कार्यकत्रियों एवं आशा फैसिलिटेटर द्वारा सभी वार्डों में घर-घर जाकर सघन अभियान चलाते हुए डेंगू लार्वा साईट को चिन्हित किया तथा लार्वा साईट को नष्ट किया। वृहद संभावित लार्वा साईट में लार्वा नाशक का छिड़काव किया गया। आशा कार्यकत्रियों द्वारा 5340 घरों का भ्रमण किया गया। जिनमें कुल 252 बड़ी-छोटी लार्वा साईट को नष्ट किया गया। यह महाअभियान देहरादून के करनपुर, बकरालवाला, चुक्खुवाला, शिवाजी मार्ग, बलूपुर, इंदरा नगर, कांवली, पटेलनगर, अजबपुर, धर्मपुर, मेहूवाला, देहराखास, लखीबाग, विद्या विहार, निरंजनपुर, माजरा, रेस्ट कैंप, रेस कोर्स, बंजारावाला, मोथरोवाला, मोहब्बेवाला, चन्द्रबनी, आर्केदिया आदि क्षेत्रों में चलाया गया। चिन्हित 24 वार्डों के अतिरिक्त जनपद के अन्य क्षेत्रों में दैनिक अभियान के दौरान आशा कार्यकत्रियों द्वारा 14985 घरों का भ्रमण किया गया। इस दौरान उनके द्वारा घरों व आसपास 3303 लार्वा साईट को नष्ट किया गया व लार्वा नाशक का छिड़काव किया गया। वहीं डेंगू वॉलेंटियरर्स द्वारा जनपद में 1349 घरों का भ्रमण करते हुए 1461 लार्वा साईट को नष्ट किया गया तथा लार्वा नाशक का छिड़काव किया गया।

डेंगू रोकथाम अभियान अगले तीन दिन जारी रहेगा। इस अभियान के जरिए सभी टीमें संम्पूर्ण देहरादून शहर का भ्रणम कर आम जनमानस को डेंगू को लेकर जागरूक करेंगी। इसके साथ ही डेंगू के हाई रिस्क क्षेत्रों पर टीमों का खास फोकस रहेगा। स्वास्थ्य सचिव ने कहा ऐसा महाअभियान देहरादून के बाद राज्य के अन्य सभी जनपदों में चलाया जायेगा। जिन भी क्षेत्रों में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं उन क्षेत्रों में प्राथमिकता के तहत अभियान चलाया जायेगा। इसके साथ आम जनमानस से उन्होंने अपील की कि अपने आस पास साफ सफाई बनाकर रखें, पानी को जमा न होने न दें।

एक्शन मोड में स्वास्थ्य सचिव, नैनीताल जिला अस्पताल में अब्यस्थाओं पर लगाई अधिकारियों को फटकार

नैनीताल। ट्रेनिंग से वापस आते हैं एक बार फिर पहले की तरह स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार पूरी तरह एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। विगत एक माह से स्वास्थ्य सचिव मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में प्रशिक्षणरथ थे। प्रशिक्षण खत्म होने के बाद ज्वाइन करते ही स्वास्थ्य सचिव ने ग्राउंड जीरो पर बवस्थाओं को परखना शुरु कर दिया है। बिना समय गवाएं स्वास्थ्य सचिव कुमाऊ दौरे पर निकल गये। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने नैनीताल जनपद के जिला अस्पताल बीडी पांडे का निरीक्षण किया। अस्पताल पहुँचने पर पीएमएस डॉ. एलएमएस रावत व अस्पताल स्टाफ ने उनका पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया।

उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव डॉ.राजेश कुमार ने जिला अस्पताल बीडी पांडे का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सर्जिकल वार्ड ,जिरियाट्रिक वार्ड, ऑर्थाे वार्ड, आइसीईयू , चिल्ड्रन वार्ड समेत अन्य वार्डाे का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान साफ़ सफाई को लेकर नाराजगी व्यक्त की, स्वास्थ्य सचिव ने अस्पताल में सीएमओ को सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, साथ ही वार्डाे के बेडों व बेडशीट्स को बदलने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर राजेश कुमार ने निर्देश देते हुए कहा आपातकालीन केस आने पर डॉक्टर उपस्थित रहे।

इस दौरान उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों का हाल भी जाना और मरीजों से अस्पताल की व्यवस्थाओं व सुविधाओं को लेकर जानकारी प्राप्त की जिस पर उन्हें कोई शिकायत नही मिली। वही पीएमएस से डॉक्टरों की जानकारी ली गई लेकिन पीएमएस को डॉक्टरों की जानकारी न होने पर भी स्वास्थ्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त की। इसके अलावा उन्होंने अस्पताल में खराब स्वास्थ्य उपकरण हटाकर नए उपकरण लाने के निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने हेल्थ एटीएम को जल्द शुरू करने के भी निर्देश दिए ,ताकि अस्पताल आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकें। साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यदि अस्पताल आने वाले मरीजों द्वारा कोई शिकायत मिली या मरीजों के साथ लापरवाही की हुई बर्दाश्त नही की जाएगी।
वही स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्य के अस्पतालों में नर्सों की कमी को पूरा किया जाएगा, जल्द ही एक हजार से अधिक नर्सों की नियुक्ति की जाएगी।

इस दौरान डायरेक्टर तारा आर्य, सीएमओ भागीरथी जोशी, पीएमएस डॉ.एलएमएस रावत, डॉ.अनिरुद्ध गंगोला, डॉ.एमएस रावत, वार्डन शशिकला पांडे, कुंदन बिष्ट समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

स्वास्थ्य सचिव जांच रहे चारधाम यात्रा रुट में स्वास्थ्य सुविधाएं

चारधाम यात्रा के मध्य नजर यात्रा के मुख्य पड़ाव श्रीनगर में स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर.राजेश कुमार द्वारा उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर और बेस चिकित्सालय श्रीकोट में स्थापित हेल्थ एटीएम का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा हेल्थ एटीएम के सुचारू रूप से संचालन हेतु चिकित्सालय प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उनके द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्थ एटीएम पर एक टेक्निकल व्यक्ति तैनात रखने हेतु निर्देशित किया गया।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी को पूरी तैयारियों के साथ यात्रा व्यवस्थाओं में पैरामेडिकल स्टाफ को मुस्तैदी से कार्य करने हेतु निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि यात्रा रूट पर गढ़वाल मंडल में चिन्हित विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में सीएसआर के अंतर्गत हेवलेट पेकर्ड इंटरप्राइजेज द्वारा 50 हेल्थ एटीएम स्वास्थ्य स्क्रीनिंग हेतु स्थापित किए गए हैं। हेल्थ एटीएम पर ब्लड प्रेशर, शुगर,शरीर का तापमान, ऑक्सीजन की मात्रा, बॉडी फैट, इंडेक्स, डिहाईड्रेशन, पल्स रेट सहित 70 निशुल्क जांचें की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यात्रा रूट पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारा जा रहा है और आने वाले समय में हेल्थ एटीएम की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही इसके साथ ही उनके द्वारा जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी को जनपद पौड़ी के अंतर्गत आने वाले यात्रा रूट पर टीम बनाकर विभिन्न होटलों ढाबों व रेस्तरां में खाद्य पदार्थों की सघन चेकिंग अभियान चलाने हेतु निर्देशित किया गया।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ सी.एम. एस. रावत, चिकित्सा अधीक्षक डॉ गोविंद पुजारी, डॉ सुरेश कोठियाल व चिकित्सालय स्टाफ मौजूद रहा।

चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत कर रही धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आगामी चारधाम यात्रा के दृष्टिगत महानिदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं निदेशक कार्पाेरेट अफेयर एण्ड सी.एस.आर. हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के मध्य 50 हेल्थ ए.टी.एम. को गढ़वाल मण्डल के चिन्हित चिकित्सा इकाईयों में स्वास्थ्य स्क्रीनिंग हेतु अनुबन्ध हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा में हेल्थ ए.टी.एम. की सुविधा होने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। चारधाम यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधाओं के सुदृढीकरण के लिए यह एक अच्छा कदम होगा। मुख्यमंत्री ने मानस खण्ड स्थित पवित्र स्थानों मानसरोवर यात्रा, बैजनाथ धाम, कैंची धाम, पूर्णागिरी, चितई धाम के लिए भी हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज हेल्थ ए.टी.एम. सुविधा प्रदान करने की अपेक्षा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केदारखण्ड की तर्ज पर मानस खण्ड हेतु भी सी.एस.आर. के अन्तर्गत ये सेवायें हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज जनहित में प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां न हो, इसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है।
हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के निदेशक अंकुर मल्होत्रा ने कहा कि सी.एस.आर. के अन्तर्गत उपलब्ध कराये जा रहे हेल्थ ए.टी.एम. द्वारा 70 से अधिक परीक्षण किये जा सकेंगे एवं टेली मेडिसिन सेवायें भी प्रदत्त की जायेंगी। हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के द्वारा 24 घण्टे ये सेवायें प्रदान की जायेंगी। सभी उपकरण स्थापित होने से आगामी 03 माह तक हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के इंजीनियरों द्वारा हेल्थ ए.टी.एम. की देखरेख की जायेगी। अद्यतन हेल्थ ए.टी.एम. हेतु 01 वर्षीय सी.एम.सी. सेवायें भी हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज द्वारा प्रदान की जायेंगी। हेल्थ ए.टी.एम. का शुभारम्भ 24 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया जाना प्रस्तावित है।
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डा. आर.राजेश कुमार, अपर सचिव अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, निदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डा. आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय जैन, संयुक्त सचिव महावीर सिंह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रतिनिधि डा. अजय नागरकर, हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के कार्पाेरेट अफेयर हेड सुशील भाट्ला, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर ईशान अग्रवाल, सी.एस.आर. एवं विवेक अग्रवाल उपस्थित रहे।

मेडिकल कॉलेजों और विभागीय निर्माण कार्यों में तेजी लाने के दिये निर्देश

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को खर्च करने की धीमी गति पर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अधिकारी माह फरवरी 2023 तक विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृत बजट को शत-प्रतिशत खर्च करें। यदि किसी परियोजना में नियत समय पर बजट खर्च नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। विभागीय मंत्री ने सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक चिकित्सा शिक्षा को एक सप्ताह के भीतर पिथौरागढ़ में स्वीकृत मेडिकल कॉलेज के स्थलीय निरीक्षण करने को कहा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने वर्ष 2022-23 में स्वीकृत विभिन्न परियोजनाओं, निर्माण कार्यों के साथ ही मेडिकल उपकरण व दवा खरीद संबंधी बजट व्यय की विस्तृत समीक्षा की। डॉ0 रावत ने मेडिकल कॉलेजों एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत बजट खर्च करने की धीमी गति पर संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई। विभागीय मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत बजट को माह फरवरी 2023 तक शत-प्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें। यदि किसी भी परियोजना का बजट नियत समय तक खर्च नहीं होता है और स्वीकृत धनराशि लैप्स होती है तो उसके जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। बैठक में चिकित्सकीय उपकरण व दवा क्रय हेतु स्वीकृत बजट की भी विस्तार से समीक्षा की। डॉ0 रावत ने जिला चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में सीटी स्कैन व एक्स-रे मशीनों की शीघ्र क्रय के निर्देश दिये। उन्होंने राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के निर्माण हेतु टेंडर प्रक्रिया में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई तथा विभागीय सचिव आर0 राजेश कुमार व निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना को मेडिकल कॉलेज का स्थलीय निरीक्षण कर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू कराने के निर्देश दिये। बैठक में एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के तहत स्वीकृत धनराशि के व्यय की धीमी गति पर भी विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुये नियत समय पर बजट खर्च करने के निर्देश दिये। उन्होंने योजना के अंतर्गत विभिन्न जनपदों में स्वीकृत ट्रांजिस्ट हॉस्टल व सीसीबी के निर्माण कार्यों में भी तेजी लाने को कहा। इसके अलावा उन्होंने आईईसी के अंतर्गत योजनाओं के प्रचार-प्रसार व प्रशिक्षण के कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। सूबे के मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्साकों की कमी पर चिंता जाहिर करते हुये विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को रेडियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, कार्डियो एवं न्यूरो सर्जन की तैनाती के लिये प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिये।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य आर0 राजेश, मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 हेम चन्द्र, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, निदेशक गढ़वाल मंडल डॉ0 बनकोटी, वित्त नियंत्रक चिकित्सा शिक्षा विवेक स्वरूप, परीक्षा नियंत्रक मेडिकल विवि प्रो0 विजय जुयाल, कुलसचिव डॉ0 एम0के0 पंत सहित स्वास्थ्य विभाग एवं एनएचएम के अधिकार मौजूद रहे।

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