मुख्यमंत्री धामी ने जहां की जनसभा, वहां खिला कमल

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन बड़े राज्यों में भाजपा को मिली जीत में ‘मोदी फैक्टर’ प्रमुख कारण रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व पार्टी हाईकमान क्षमताओं के आधार पर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंपते रहे हैं। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी राजस्थान और मध्यप्रदेश में 9 विधानसभाओं में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिनमें सभी पर भाजपा प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई। मोदी जो भी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपते हैं, धामी अब तक उस पर खरे उतरते आए हैं।

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जलवा अब दूसरे राज्यों में भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने राजस्थान और मध्यप्रदेश की कुल 9 विधानसभा सीटों पर धुआंधार प्रचार किया था जिनमें से सभी सीटों पर भाजपा ने जीत (फिलहाल निर्णायक बढ़त) हासिल की है। वह एक दिन में तीन-तीन जनसभाओं को संबोधित करते थे। उनके कई रोड शो भी हुए। जीत के लिहाज से धामी का स्ट्राइक रेट 100ः रहा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों में सबसे युवा मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। अपने जनहित से जुड़े कार्यों और धाकड़ फैसलों की वजह से मातृशक्ति और युवाओं के बीच उनकी खासी लोकप्रियता है। यही वजह है कि उत्तराखण्ड से बाहर अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में भी उनकी काफी डिमांड रहती है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा हाईकमान ने कई विधानसभा क्षेत्रों में धामी की जनसभाएं और रोड शो करवाए। उनके हर कार्यक्रम में बड़ी तादाद में भीड़ जुटी। राजस्थान में उन्हानें 6 विधानसभा क्षेत्रों सांगानेर, झोटवाड़ा, विराटनगर, सांगोद, रामगंज मंडी और डग विधानसभा सीटों पर धुआंधार प्रचार किया था। जनसभाओं के अलावा उन्होंने समाज के किसान और व्यापारी वर्ग से सीधा संवाद भी कायम किया था। उनके रोड शो भी सफल रहे। इन छह विधानसभाओं में भाजपा को शानदार जीत हासिल हुई है। इस जीत में धामी की मौजूदगी भी एक बड़ा फैक्टर माना जा रहा है। सांगानेर से भजना लाल शर्मा, झोटवाड़ा सीट से राज्यवर्धन राठौर, विराटनगर से कुलदीप, सांगोद से हीरालाल नागर, रामगंज मंडी से मदन दिलावर और डग से कालूराम को विजय प्राप्त हुई।

मध्य प्रदेश में भी पुष्कर सिंह धामी ने तीन विधानसभा सीटों के कई स्थानों पर चुनाव प्रचार किया। भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा में भी उन्होंने प्रतिभाग किया। उन्हें ऐसी विधानसभा सीटों पर प्रचार में उतारा गया जहां उत्तराखण्ड मूल के लोगों की संख्या अधिक है। मध्य प्रदेश में जिन तीन विधानसभा सीटों पर धामी ने चुनाव प्रचार किया उनमें इंदौर-2, खुरई और सागर विधानसभा सीटें शामिल हैं। जिनमें क्रमशरू भाजपा प्रतयाशी रमेश मेंदोला, भूपेन्द्र सिंह और शैलेन्द्र कुमार जैन को जीत मिली।

दरअसल, पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्यमंत्री अभी तक के अपने लगभग ढाई वर्ष के कार्यकाल में जनहित में कई साहसिक और एतिहासिक फैसले लिए हैं। जिनमें नकल विरोधी कानून, सख्त धर्मांतरण कानून लागू करना शामिल हैं। इसके अलावा जमीन जेहाद के खिलाफ चलाया गया उनका बुल्डोजर पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर उनके द्वारा प्रदेश में की गई ठोस पहल को भी समूचे देश में सराहना मिली है। विस्तार ले रही रही उनकी लोकप्रियता की वजह से अन्य प्रदेशों के चुनाव में भी उनकी डिमांड बढ़ी है।

आदिकैलाश से विश्व को आध्यात्म का संदेश देने आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारखंड के बाद मानसखंड के विकास को नई दिशा देने के लिए 12 अक्टूबर को दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री अल्मोड़ा में स्थित जागेश्वर धाम से करेंगे। जागेश्वर धाम अपने पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

जागेश्वर धाम पतित पावन जटागंगा के तट पर समुद्रतल से लगभग 6200 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिवजी तथा सप्तऋषियों ने यहां तपस्या की थी।

जागेश्वर मंदिरों का निर्माण कत्यूरी राज के कालखंड में हुआ था। जागेश्वर धाम के प्राचीन मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर इस क्षेत्र में सदियों से आध्यात्म के दर्शन करा रहे हैं। यहां लगभग छोटे-बडे 224 मंदिर स्थित हैं। मंदिरों का निर्माण लकडी तथा सीमेंट की जगह पत्थर की बडी-बडी शिलाओं से किया गया है। दरवाजों की चौखटें देवी देवताओं की प्रतिमाओं से सुशोभित हैं। मंदिरों के निर्माण में तांबे की चादरों और देवदार की लकडी का भी इस्तेमाल किया गया है।

…..कैसे पहुंचे जागेश्वर धाम….
यहां पहुंचने के लिए काठगोदाम अंतिम रेलवे स्टेशन है। दिल्ली आनंद विहार आईएसबीटी और देहरादून से हल्द्वानी व अल्मोड़ा के लिए बस सेवा भी हैं। दिल्ली और देहरादून से वहां की दूरी लगभग 400 किलोमीटर है। अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम के लिए टैक्सी सेवा उपलब्ध है। अल्मोड़ा से जागेश्वर धाम की दूरी 35 किलोमीटर है। इसी तरह हवाई जहाज से पंतनगर एयरपोर्ट तक नजदीकी सेवा है। पंतनगर से टैक्सी से जागेश्वर धाम 150 किलोमीटर का सफर तय कर पहुंच सकते हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा उत्तराखंड के मनोरम पिथौरागढ़ जिले में अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में होने वाली है। पीएम मोदी 12 अक्टूबर को इस महत्वपूर्ण यात्रा पर निकलेंगे और अपने प्रवास के दौरान उन्हें प्रसिद्ध मायावती आश्रम में ठहराया जाएगा।

वह चीन सीमा के पास स्थित पवित्र स्थल आदि कैलाश पर आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त करेंगे। यह पवित्र तीर्थ स्थान अपनी लुभावनी सुंदरता और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाता है जो हर साल अनगिनत भक्तों को आकर्षित करता है। प्रधानमंत्री की उपस्थिति निसंदेह पवित्रता को बढ़ाएगी और समाज के सभी पक्षों का ध्यान आकर्षित करेगी।

इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान व्यास घाटी के भीतर बसे जोलिकांग के विस्मयकारी वैभव को देखने की इच्छा व्यक्त की है। यह अभूतपूर्व प्राकृतिक आश्चर्य सुरम्य परिदृश्यों का प्रतीक है जो आगंतुकों के मस्तिष्क और ह्रदय पर एक अमिट छाप छोड़ने के लिए बाध्य है।

प्रधानमंत्री, कुल 4194 करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।

स्थानीय अधिकारी पीएम मोदी के लिए न केवल एक सुचारु यात्रा कार्यक्रम सुनिश्चित करने के लिए बल्कि उनकी पूरी यात्रा के दौरान एक अविस्मरणीय अनुभव सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे लगन से काम कर रहे हैं।

इस महत्वपूर्ण अवसर को लेकर उत्साह दूर-दूर तक महसूस किया जा सकता है, लोग इस ऐतिहासिक यात्रा की झलकियों और अपडेट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। क्षेत्र के भीतर ऊर्जा स्पष्ट है, स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही पीएम मोदी को अपनी उपस्थिति से इन उल्लेखनीय स्थानों की शोभा बढ़ाते हुए देखने की संभावना से समान रूप से रोमांचित हैं।

प्रधानमंत्री की यह महत्वपूर्ण यात्रा न केवल उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग के लिए एक जीवंत तस्वीर पेश करती है, बल्कि इस विविधतापूर्ण राष्ट्र के सबसे दूरस्थ कोनों की खोज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में भी काम करती है।

डीएवीपीजी कॉलेज में सीएम ने सुनी प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने करनपुर, देहरादून स्थित डी.ए.वी.पी.जी कॉलेज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 105वाँ संस्करण सुना। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डी.ए.वी.पी.जी कॉलेज के स्मार्ट लाइब्रेरी स्थापना के कार्यों का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मन की बात एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों द्वारा सामान्य परिस्थितियों में किए जा रहे सराहनीय कार्यों को आगे लाया जाता है। इससे अन्य लोगों को भी विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री जी ने नैनीताल के युवाओं द्वारा बच्चों के लिए शुरू की गई अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी का जिक्र किया। जिसके माध्यम से नैनीताल जनपद के दुर्गम 12 गांवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा ‘कविताएँ’, ‘कहानियाँ’ और ‘नैतिक शिक्षा’ की किताबें भी पढ़ने को मिल रही है। यह पहल बच्चों को खूब भा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में मातृशक्ति के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो चुका है। राज्य में भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई। राज्य में सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ हों, इसके लिए सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है। समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।

इस अवसर पर विधायक खजानदास, प्रधानाचार्य डी.ए.वी पी.जी कॉलेज डॉ. के.आर. जैन, अध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने महिला आरक्षण बिल पास होने पर प्रधानमंत्री मोदी का जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश में मातृशक्ति के उत्थान की दिशा में यह सराहनीय कदम है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की मातृशक्ति की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इसके लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत ने भेंट की। उन्होंने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं के ओर से नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा एवं राज्यसभा से पास होने पर मुख्यमंत्री के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं। महिलाओं की प्रतिभाओं को उजागर करने की दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।

जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री धामी ने की पीएम की प्रशंसा, दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर राज्य मंत्रिमंडल द्वारा उत्तराखण्ड की जनता की ओर से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन व भव्य समापन हेतु हार्दिक बधाई व आभार प्रकट किया गया है।
विदित है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 में बाली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के हस्तान्तरण कार्यक्रम के संबोधन में भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए, ‘भारत मंत्र’-दृष्टिकोण समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्याेन्मुखी होने का उल्लेख किया गया, जो कि वर्तमान बैठक के समापन के साथ ही पूर्णता को प्राप्त किया गया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व ने प्रमाणित किया कि, विश्व के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में भी भारत वह हासिल कर सकता है, जो उसने तय किया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में न केवल अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देशों के समूह ‘अफ्रीकन यूनियन’ को जी-20 में सदस्य के रूप में शामिल किया गया वरन जी-20 के सामूहिक ‘‘दिल्ली घोषणा पत्र’’ को भी सर्वसम्मति से जारी कराया गया, जिसमें मजबूत, दीर्घकालीक, संतुलित और समावेशी विकास, अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति प्रतिबद्धता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को कायम रखना और शांति व स्थिरता की रक्षा करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली को क्रियाशील रखने का आह्वान किया गया है तथा ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के सिद्धान्त को प्रतिपादित किया गया, जो कि एक विशिष्ट उपलिब्ध है। यह उपलब्धि तब और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, जब वैश्विक व्यवस्था में देशों के बीच विश्वास की कमी हो।
भारत, सऊदी अरब, अमेरिका और यूरोप को जोड़ने वाले ‘भारत मध्यपूर्व-यूरोप इकोनामिक कॉरिडोर’ पर सहमति अपने आप में बड़ी उपलब्धि है, यह परियोजना अनेक देशों के आधारभूत ढांचे के विकास में सहायक होगी।
अक्षय ऊर्जा को बढावा दिये जाने व कार्बन उत्सर्जन को शून्य किये जाने के उद्देश्य से ‘ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस’ बनाने पर देशों में सहमति बनी। प्रमुख जैव ईंधन उत्पादकों और उपभोक्ताओं के रूप में, भारत, अमेरिका, ब्राजील अन्य इच्छुक देशों के साथ मिलकर एक वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के विकास की दिशा में काम करेंगे।
भारत की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जी-20 शिखर सम्मेलन अपने मूल एजेंडे और परिणामों के मामले में जी-20 के इतिहास का सबसे महत्वाकांक्षी व सफल सम्मेलन रहा। इसमें कुल 112 परिणाम दस्तावेज व अध्यक्षीय दस्तावेज तैयार किए गए जोकि पूर्व के सम्मेलन की तुलना में दोगुने से भी अधिक हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में जी-20 सम्मेलन की यह सबसे बड़ी उपलब्धि रही कि भारत स्वाभाविक रूप से ‘ग्लोबल साउथ’ का लीडर बनकर उभरा।
उत्तराखण्ड राज्य के प्रति प्रधानमंत्री का विशेष लगाव रहा है। जिस कारण से उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत रामनगर, ऋषिकेश व नरेन्द्रनगर में जी-20 की बैठकें आयोजित करने का अवसर उत्तराखण्ड राज्य को प्राप्त हुआ। इससे राज्य को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली व पूरे विश्व का उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, योग केन्द्रों, पर्यटन क्षेत्रों, धार्मिक स्थलों व जैव विविधता से परिचय हुआ। प्रधानमंत्री द्वारा, राज्य की वैभवशाली सांस्कृतिक विरासत, पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों और समृद्ध जैव विविधता को पुनः वैश्विक पटल पर प्रसिद्धि दिलाए जाने पर भी बधाई संदेश में उत्तराखण्ड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया गया है।
मंत्रिमंडल द्वारा भेजे गये बधाई संदेश में चन्द्रयान-03 एवं आदित्य एल-1 के सफल लॉन्चिंग के लिये भी प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। इससे अंतरिक्ष में भारत के वैज्ञानिकों का मान सम्मान दुनिया में और अधिक बढा है।

सीएम की अपील, नशा मुक्त भारत के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए लें शपथ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशा मुक्त भारत के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु सभी प्रदेश वासियों से शपथ लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि नशा हमारे युवाओं का भविष्य बरबाद कर रहा है। समाज के साथ युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये सभी को नशा मुक्ति की दिशा में पहल करनी होगी।

ज्ञातव्य है कि “नशामुक्त भारत“ के लक्ष्य की पूर्ति हेतु गृह मंत्रालय, भारत सरकार के नियंत्रणाधीन नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो द्वारा मादक पदार्थों के विरूद्ध एंटी ड्रग ई-प्लेज अभियान शुरू किया गया है, जिसमें उत्तराखण्ड राज्य से मात्र 0.47 प्रतिशत व्यक्तियों द्वारा ही ई-शपथ ली गयी है, जो कि अत्यन्त ही न्यून है तथा इसमें सुधार किये जाने की आवश्यकता है।

उक्त के दृष्टिगत मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु द्वारा समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, प्रभारी सचिव को जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि दिनांक 26 जून को “विश्व ड्रग्स दिवस के अवसर पर जनता को मादक पदार्थों के दुष्प्रभावों से जागरूक करने के उद्देश्य से तथा मादक पदार्थों से दूर रहने हेतु प्रोत्साहित करने के दृष्टिगत प्रदेश के समस्त शासकीय विभागों में कार्यरत कार्मिक https://pledge.mygov.in लिंक के माध्यम से अपने परिवारजनों सहित ई-प्लेज लिया जाना सुनिश्चित करते हुये अन्य लोगों को भी ई-प्लेज हेतु प्रोत्साहित करेंगे।

मुख्यमंत्री ने देखी द केरल स्टोरी फिल्म

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाथीबड़कला स्थित सेंट्रियो मॉल में सपरिवार दि केरला स्टोरी फिल्म का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि द केरल स्टोरी एक ऐसी फिल्म है जिसमें दिखाया गया है कि कैसे बिना गोली और बम के देश में आतंकवाद फैलाया जा रहा है। फ़िल्म में इस तथ्य को भी प्रदर्शित किया गया है कि किस तरह से बालिकाओं का ब्रेनवॉश कर धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। उन्होंने इस फिल्म को वास्तविकता से परिचित कराने तथा धर्मान्तरण एवं आतंकवाद के विरूद्ध जनजागरूकता को बढ़ावा देने वाली बताते हुए सभी से इस फिल्म को देखने की भी अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भी अनेक तरीकों से विभिन्न जगहों पर धर्मांतरण हो रहा था। यह राज्य में भविष्य के लिए एक गंभीर विषय बनता जा रहा था। इसी के दृष्टिगत हमने देवभूमि उत्तराखंड में धर्मांतरण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार द्वारा धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाया गया है। इसमें जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल तक कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है जिसमें धर्मांतरण कराने के मामलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। एकल धर्मांतरण के लिए सजा कम है, जबकि सामूहिक धर्मांतरण में ज्यादा सजा होगी। सामूहिक धर्मांतरण का दोष साबित होने पर दोषी को तीन से 10 वर्ष की सजा के साथ 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। जबकि एक व्यक्ति के धर्मांतरण पर दो से सात वर्ष की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं विशिष्ट पहचान के साथ उसका मूल स्वरूप बचा रहे और प्रदेश में अनावश्यक किसी भी प्रकार का धर्मांतरण न हो पाए, इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा की गई यह महत्वपूर्ण पहल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मांतरण के साथ ही हमारी सरकार द्वारा देवभूमि में सरकारी भूमि पर किये गये अतिक्रमण को चिन्हित कर उसे सख्ती से हटाये जाने का कार्य किया जा रहा है। राज्य में होने वाले अवैध अतिक्रमण को किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा तथा ऐसा कृत्य करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक दुर्गेश्वर लाल, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष आशा नौटियाल, भाजपा नेता अजेय कुमार, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी गीता धामी आदि उपस्थित थे।

सुप्रीम कोर्ट ने गरीब सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण जारी रखने का किया ऐलान

उच्‍चतम न्‍ययालय की पांच न्‍यायाधीशों की संविधान पीठ ने आज तीन-दो के बहुमत से 103वें संविधान संशोधन की वैधता बरकरार रखी है जिसमें दाखिलों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

न्‍यायाधीश दिनेश माहेश्वरी, न्‍यायाधीश बेला त्रिवेदी और न्‍यायाधीश जेबी पारदीवाला ने अधिनियम के पक्ष में राय दी है जबकि न्यायमूर्ति एस रवींद्र भटट ने कानून को भेदभावपूर्ण और बुनियादी ढांचे का उल्लंघन बताते हुए इस पर असहमति व्‍यक्‍त की। प्रधान न्यायाधीश यू यू ललित ने न्यायमूर्ति एस रवींद्र भटट की राय का समर्थन किया।

न्‍यायमूर्ति त्रिवेदी ने फैसला सुनाया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने संबंधी कानून भेदभावपूर्ण नहीं है। न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने कहा कि आर्थिक मानदंड को ध्यान में रखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने संबंधी कानून बुनियादी ढांचे या समानता संहिता का उल्लंघन नहीं करता। उनका कहना था कि इस प्रावधान से 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने की सीमा के किसी प्रावधान को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।

बता दें कि जनवरी 2019 में संसद ने 103वें संविधान संशोधन को मंजूरी दी थी और इसे तुरंत ही उच्‍चतम न्‍यायालय में चुनौती दी गई थी। पहले इस मामले की सुनवाई तीन न्यायाधीशों ने की थी लेकिन बाद में 2019 में इसे पांच-न्यायाधीशों की एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया गया। संविधान पीठ ने सितम्‍बर में छह दिन से अधिक समय तक इस मामले की सुनवाई की और अपना फैसला सुरक्षि‍त रखा था। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को आरक्षण दिए जाने को बराकरार रखने के उच्‍चतम न्‍यायालय के फैसले का स्‍वागत किया है। ट्वीट संदेश में पार्टी महासचिव बी एल संतोष ने कहा कि गरीब कल्‍याण का एक और श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी को जाता है। उन्‍होंने कहा कि सामाजिक न्‍याय की दिशा में यह एक बड़ा निर्णय है।

देशभर में चेक बाउंस के 25 फीसदी मामले, विशेष कोर्ट की उठी मांग

केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चेक इस ओनर मामले का नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1807 सी की धारा 138 के तहत ट्रायल करने के लिए अतिरिक्त कोर्ट बनाने पर विचार करें मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा कि देशभर में कोर्ट चेक बाउंसिंग मामले से अटे पड़े हैं। साढ़े तीन करोड़ लंबित केसों में चेक बाउंसिंग के केसों का लगभग 25 फीसदी हिस्सा है, सरकार को इस पर जल्द विचार करना होगा।

सोशल मीडिया की कमान अब केंद्र सरकार से संभाली, बनाए सख्त नियम

केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए सख्त नियमों से सोशल मीडिया में सुधार होगा। इस दिशानिर्देश का सबसे बड़ा फायदा ऐसे उपभोक्ताओं को मिलने जा रहा है जिनकी सोशल मीडिया या ओटीपी के खिलाफ शिकायतें अब तक नहीं सुनी जाती थी। सख्त लहजे में सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को कहा है कि भारत में उनका कारोबार का स्वागत है, मगर भारत का संविधान और कानून इन सोशल मीडिया कंपनियों को मानना होगा।

केंद्रीय कानून व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने नए दिशानिर्देशों की घोषणा की है। दोनों ही मंत्रियों ने कहा है कि नए दिशा-निर्देश के तहत संबंधित कंपनियों के लिए शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करना शरारत पूर्व सूचना की शुरुआत करने वाले प्रथम व्यक्ति का खुलासा करने और अश्लील सामग्री तथा महिलाओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ जैसी सामग्री को 24 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य कर दिया गया है। कहां कि सोशल मीडिया को दो श्रेणियों में बांटा गया है एक इंटरमीडियरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडियरी।

इस तरह होगी निगरानी
– सरकार के बनाए कानूनों और नियमों का अमल सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों को चीफ एंपलॉयर्स ऑफिसर नियुक्त करना होगा या ऑफिसर भारत में रहने वाला व्यक्ति होना चाहिए।
– एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा जिससे सरकारी एजेंसियां कभी भी संपर्क कर सकें या नोडल ऑफिसर भी भारत में रहने वाले व्यक्ति होना चाहिए।
– बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों को हर महीने कंप्लायंस रिपोर्ट जारी करनी होगी की कितनी शिकायतें आई और उन पर क्या कदम उठाए गए।

आपत्तिजनक पोस्ट अपलोड करने वाले की होगी पहचान
– सोशल मीडिया कंपनियों को सख्त शब्दों में कहा गया है कि आपत्तिजनक पोस्ट के फर्स्ट ओरिजिन को ट्रेस करना होगा यदि भारत के बाहर से इसका ओरिजिन है तो यह पता लगाना कंपनियों को होगा कि यहां सर्वप्रथम सर्कुलेट किसने किया है।