प्रदेश के ग्रोथ इंजन को बढ़ाने में उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजपुर रोड, देहरादून स्थित एक निजी होटल में बी.एन.आई देहरादून द्वारा आयोजित बी.एन.आई दून ई-3 एक्सपो बिजनेस कॉन्क्लेव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिजनेस नेटवर्क इंटरनेशनल (बीएनआई) दून ई-3 एक्सपो में उपस्थित सभी उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में निवेश करने वाले उद्यमी उत्तराखंड के विकास के सारथी एवं प्रदेश की प्रगति के वाहक हैं। बीएनआई दून एक्सपो केवल उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह हमारे राज्य में पनप रही उद्यमशीलता की भावना और नवीन मानसिकता का प्रमाण है। उत्तराखंड राज्य में सभी प्रकार के व्यवसाई अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकते हैं, सार्थक संबंध बना सकते हैं और नए अवसर तलाश सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के ग्रोथ इंजन को दौड़ाने के लिए सरकार और उद्योग जगत के बीच एक उचित समन्वय बेहद आवश्यक है। हमारे एक-एक उद्यमी की उपलब्धि हमें आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहे है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। नरेंद्र मोदी द्वारा नए भारत के निर्माण का संकल्प लिया गया है, जो अब पूरा होता दिखाई दे रहा है। आज पूरी दुनिया भारत को सक्षम, रचनाशील, बदलाव के लिए तैयार एक अभिनव आर्थिक इकोसिस्टम के रूप में देख रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड भी भारत की आर्थिक प्रगति में एक प्रमुख सहभागी बने और अग्रणी राज्यों में हमारा स्थान सुनिश्चित हो। इसके लिए सरकार कार्यरत है। राज्य सरकार निरंतरता के साथ अभावों को अवसरों में बदलने का कार्य कर रही है। राज्य सरकार प्रदेश को निवेश के लिए एक सर्वाधिक पसंदीदा गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयासरत है। राज्य में निवेश के लिए बेहतर कानून व्यवस्था, स्वच्छ पर्यावरण, रेल, सड़क तथा वायु परिवहन की सुविधा, सस्ती एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा जल संसाधन उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण, फार्मा, आयुष और कल्याण, जैव प्रौद्योगिकी, आईटी, पर्यटन, ग्रीन एनर्जी तथा सेवा क्षेत्र में कार्य किया जा रहा हैं। हमारी उद्योग अनुकूल नीतियों का परिणाम स्वरूप आज देश की विख्यात कंपनियां प्रदेश की प्रगति में अपना योगदान दे रही है। राज्य सरकार की नीतियों में प्रमुख रूप से मेगा औद्योगिक और निवेश नीति, एम.एस.एम.ई. नीति, मेगा टेक्सटाइल पार्क पॉलिसी, स्टार्टअप नीति, पर्यटन नीति, आयुष नीति, सौर ऊर्जा नीति, अरोमा पार्क नीति, इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण नीति, एयरोस्पेस एवं डिफेंस पॉलिसी, सूचना प्रौद्योगिकी नीति और निर्यात नीति शामिल है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना भी अति महत्वपूर्ण है। इसी कड़ी में हमने ’’एक जनपद-दो उत्पाद’’ योजना को लागू किया जिसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करना, उन्हें आजीविका का प्रमुख साधन बनाना है। संकल्प से सिद्धि के इस सकारात्मक और पारदर्शी माहौल में, उत्तराखंड के प्रत्येक निवेशक के लिए अवसरों का विस्तार हो रहा है।
इस दौरान कार्यक्रम में मेयर सुनील उनियाल गामा, महानगर अध्यक्ष भाजपा सिद्धार्थ अग्रवाल, सुनील, राहुल, प्रकाश, रितु मौर्य, प्रगति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

किसी भी प्रकार की स्कीम को लाने के लिए निवेशकों से सुझाव लिये जाये-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में एम.एस.एम.ई. की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों का अत्यधिक महत्त्व है। यह प्रदेश की आर्थिकी में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान प्रदेश में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं के लिए सोवेनियर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सोवेनियर के लिए डिजाईन, गुणवत्ता, उत्पादन और मार्केटिंग पर फोकस किया जाए। मुख्य सचिव ने साईज और पैकेजिंग पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही, ताकि श्रद्धालुओं को इन्हें ले जाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
मुख्य सचिव ने शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने राज्य स्तर एवं जनपद स्तर दोनों में शिकायतों के निस्तारण को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की स्कीम को लाने के लिए निवेशकों से सुझाव अवश्य लिए जाएं। उनके सम्मुख आ रही समस्याओं के निराकरण पर फोकस करते हुए निवेशकों को अधिक से अधिक सपोर्ट किया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अन्य योजनाओं के सम्बन्ध में फील्ड स्तर पर फीडबैक जरूर लिया जाए, ताकि उद्यमियों द्वारा योजनाओं के अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके। मुख्य सचिव ने वन डिस्ट्रिक्ट टू प्रोडक्ट (ओडीटीपी) को अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि ओडीटीपी को ग्रॉथ सेंटर्स से भी जोड़ा जा सकता है। इससे ग्रोथ सेंटर्स का स्कॉप बढ़ेगा। उन्होंने परम्परागत एवं मांग के अनुरूप उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने की बात कही। साथ ही कैपेसिटी बिल्डिंग पर फोकस करते हुए ऐसे कार्यक्रम संचालित किए जाएं जो रोजगार के लिए सहायक हों। मुख्य सचिव ने विभागीय प्रक्रमों को सरल किए जाने के निर्देश दिए। जिससे निवेशकों एवं स्वरोजगार के इच्छुक लोगों को प्रोत्साहन किया जाए। सिंगल विंडो सिस्टम में अधिक से अधिक फोकस किया जाए।
इस अवसर पर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा सहित निदेशक सुधीर नौटियाल एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

उद्यमियों की सहायता के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का सरलीकरण-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में उद्योग विभाग की समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक प्रयासों की जरूरत बताते हुए बड़े उद्योगपतियों से संवाद कर प्रदेश में उद्योग लगाने हेतु आकर्षित करने, उद्योगों में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उद्यमियों की सहायता के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का सरलीकरण और अधिक प्रभावी बनाए जाने के साथ ही उद्योगों की स्थिति एवं समस्याओं आदि की जानकारी के लिए कांक्रीट ऑडिट की व्यवस्था पर ध्यान देने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि उद्योगों से संबंधित लंबित प्रकरणों का त्वरित निस्तारण तत्परता एवं समयबद्धता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के हित में लिए गए निर्णयों की भी जानकारी उद्यमियों को होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं निवेशकों से संवाद से निवेश संवर्धन एवं आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने युवाओं में उद्यमिता एवं स्वरोजगार के प्रति अभिरुचि पैदा करने की भी जरूरत बताई। उन्होंने मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी, मेगा टेक्सटाइल पॉलिसी, क्रय वरीयता नीति, एम.एस.एम.ई. इकाइयों को दी जाने वाली सहूलियतों से संबंधित नियमों में किए जाने वाले आवश्यक संशोधनों पर त्वरित कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन विषयों पर त्वरित निर्णय हेतु मुख्य सचिव के स्तर पर सभी सम्बन्धित विभागों की बैठक आयोजित किये जाने के भी निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने औद्योगिक विकास योजना को विस्तारित किये जाने, जनपद हरिद्वार मे इन लेण्ड कन्टेनर डिपो की स्थापना, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम के अन्तर्गत कल्स्टर विकास योजनाओं, अमृतसर-कोलकता इंडस्ट्रियल कोरिडोर, खटीमा एवं टनकपुर में सिड़कुल की स्थापना से सम्बन्धित प्रस्तावों के क्रियान्वयन मे भी तेजी लाये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रदेश में औद्योगिकरण को बढ़ावा देना है। राज्य में उद्योगों के अनुकूल माहौल है। कानून व्यवस्था की भी कोई समस्या नहीं है। बिजली की उपलब्धता है, इनके साथ ही राज्य का शान्त एवं स्वच्छ वातावरण उद्यमियों के अनुकूल है। इसके लिये सभी विभागों को समेकित प्रयासों पर ध्यान देना होगा। राज्य का औद्योगिक वातावरण प्रदेश की आर्थिकी एवं रोजगार सृजन में भी मददगार है।
बैठक में सचिव उद्योग राधिका झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों की स्थिति विभागीय कार्यों एवं प्रदेश में व्यापक औद्योगीकरण के लिये किये जा रहे प्रयासों, नीतियों कार्यक्रमों के साथ ही सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र हरिद्वार पंतनगर, सेलाकुई, कोटद्वार,आईटी पार्क देहरादून, सितारगंज एस्कॉर्ट फार्म में उपलब्ध एवं आवंटित भूमि आदि की भी जानकारी दी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धू, अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, प्रबन्ध निदेशक सिड़कुल रोहित मीणा, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, उप निदेशक अनुपम द्विवेदी एवं अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के महाप्रबन्धक उद्योग उपस्थित थे।

हुडको ने की सोशल सेक्टर में निवेश की पेशकश

सचिवालय में हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव ओम प्रकाश के समक्ष हुडको द्वारा संचालित योजनाओं का प्रस्तुतिकरण दिया गया।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने हुडको के अधिकारियों को बताया कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा जी.एस.डी.पी. से 2 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिये केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित 4 क्षेत्रों यथा वन नेशन वन राशन कार्ड, शहरी निकायों के सुदुढ़ीकरण एवं पॉवर सेक्टर, राज्य को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत जिला स्तर के बिजनेस रिफार्म, नवीनीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाना से सम्बन्धित रिफार्म्स कार्य दिसम्बर 2020 तक पूर्ण किये जाने हैं, जिसके लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन रिफार्म्स के आधार पर राज्य को लगभग 4600 करोड़ रूपये की अतिरिक्त ऋण सुविधा मिलेगी। उन्होंने हुडको द्वारा प्रस्तावित सोशल सेक्टर में निवेश की पेशकश को उपयोगी बताते हुए उपस्थित विभागीय सचिवों को निर्देश दिये कि वे अपने अपने विभाग की योजनाओं में हुडको के सहयोग की संभावनाओं का पता लगायें। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग, नगर विकास, राजस्व एवं वी.सी एमडीडीए, एम.डी. यूकेएमआरसी को अपने अपने विभाग में हुडको की पेशकश की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिये।
प्रस्तुतीकरण में उत्तराखण्ड में चल रहे परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण, मेट्रो रेल, रोपवे, सड़क, पुल, फ्लाई ओवर, स्कूल, अस्पताल, ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग कॉम्प्लेक्स, उद्योग अवस्थापना, पॉवर प्रोजेक्ट में हुडको द्वारा निवेश करने की पेशकश की गई। प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि हुडको द्वारा जून 2020 तक उत्तराखण्ड में 708 करोड़ रूपये के ऋण जारी किये गये हैं, जिसमें हाउसिंग क्षेत्र में 373.07 करोड, शहरी अवस्थापना क्षेत्र में 324.77 करोड़, अन्य में 5.93 करोड़ तथा हुडको निवास योजना में 4.45 करोड़ अब तक जारी किये जा चुके हैं।
बैठक में सचिव मा. मुख्यमंत्री/चिकित्सा अमित सिंह नेगी, सचिव लोक निर्माण विभाग आर.के. सुधांशु, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, वी.सी. एमडीडीए रणवीर सिंह चैहान, हुडको के क्षेत्रीय प्रमुख हरिमोहन भटनागर, सहायक महाप्रबंधक (परियोजना) संजय भार्गव, सहायक महाप्रबंधक (वित्त) अशोक ललवानी उपस्थित थे।

अमेजन प्राइम के माध्यम से बेचेंगे उत्पाद, उत्तराखंड के उद्योगों को मिलेगा फायदा

(एनएन सर्विस)
कोरोना महामारी के कारण उद्योगों के सामने आ रही बाजार की दिक्कत अब जल्द खत्म होगी। उद्योगों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए अमेजन प्राइम सामने आया है। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (आईएयू) के पहल के बाद अमेजन प्राइम प्रबंधन उद्योगों के प्रोडक्ट उसके माध्यम से बेचने पर सहमत हो गया है। इससे उत्तराखंड के उद्योगों को काफी फायदा हो सकता है। इसके साथ ही आईएयू ने बिजनेस प्लेटफार्म तैयार किया है। जिसके माध्यम से राज्य के उद्योग अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकेंगे।
आईएयू के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि कोरोना संकट के चलते उद्योगों के सामने बाजार की चुनौती खड़ी हो गई है। इसके समाधान के लिए सोमवार को आईएयू की ओर से वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें अमेजन प्राइम के सीनियर अधिकारी भी शामिल हुए। आईएयू की पहल पर अमेजन प्रबंधन उद्योगों के रजिस्ट्रेशन को तैयार हो गया है। जिसके बाद उद्योग अमेजन के माध्यम से और डायरेक्ट भी अपने प्रोडक्ट बेच सकते हैं।
इसके साथ ही इस दौरान एसोसिएशन की ओर से आईएयू बिजनेस प्लेट फार्म की घोषणा की है। इसके माध्यम से राज्य का कोई भी उद्योग अपने माल की मार्केटिंग कर सकता है। इससे उद्योगों को बड़ा फायदा होगा और उनके माल की अधिक बिक्री हो पाएगी। अभी तक यहां के उद्योगों में बनने वाले माल के बारे में लोगों को पता नहीं चल पाता है और जो माल यहां बन रहा है, लोग उसे बाहर से खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। कहा कि यह बिजनेस प्लेटफार्म उद्योगों को एक मार्केटिंग का प्लेटफार्म देगा।
पंकज गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में कई उद्योग ऐसे हैं जिनके प्रोडक्ट की डिमांड खत्म हो चुकी है लेकिन उद्योगों के सामने कोरोना के बाद कई नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। खासकर जो माल चीन से आता था, उसे अपने देश या प्रदेश में भी बना सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार भी कार्ययोजना तैयार कर रही है। इसलिए आईएयू मेडिकल डिवाइस, डिस्पोजेबल मैन्युफैक्चरिंग पर काम कर रहा है। इसके लिए सौ ऐसे आइटम की लिस्ट तैयार कर ली गई है। जिसकी टेक्नोलॉजी लेकर यहां आसानी से बनाया जा सकता है। इसमें लागत भी कम आएगी।
20 से 25 करोड़ में इस प्रकार के उद्योगों को लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई तीन लाख करोड़ की आत्मनिर्भर इकोनॉमिक पैकेज का उत्तराखंड के उद्योग फायदा नहीं उठा रहे हैं। अभी तक मात्र दस हजार उद्योग ही इसका फायदा उठा रहे हैं। जबकि 75 हजार उद्योग इसका फायदा उठा सकते हैं। सेमिनार में इस पैकेज के बारे में उद्योगों को बताया गया और उन्हें पैकेज की सीमा खत्म होने से पहले इसका लाभ लेने की अपील की गई। सेमिनार में प्रदेशभर के उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।