अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का सीएम ने किया उद्धाटन, यह मंत्री भी रहे मौजूद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश स्थित योग भरत घाट में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड देश की सांस्कृतिक राजधानी ही नहीं अपितु योग और वेलनेस का उत्कृष्ट केंद्र भी है। इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में योग व वेलनेस केंद्रों का विकास करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। योग हमारे प्रदेश की प्राचीनतम परंपरा है, योग के माध्यम से उत्तराखंड के लोगों को देश विदेश में नई पहचान मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा योग के क्षेत्र में काम कर रहे उत्तराखंड के लोगों को सम्मानित किया जाना समस्त प्रदेशवासियों के लिए सम्मान का विषय है। यह हमारा सौभाग्य है कि इस अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पद्मश्री से सम्मानित आदरणीय योगाचार्य स्वामी शिवानंद जी, रजनीकांत जी का मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है। योग महोत्सव में आगंतुकों को जहां एक ओर योग, ध्यान और प्राणायाम की बारीकियों को सीखने का मौका मिलता है, वहीं दूसरी ओर वे नाड़ी परीक्षण और आयुर्वेद शिविरों के माध्यम से अपनी समस्याओं का निःशुल्क समाधान भी पाते हैं।

उन्होंने कहा कि ऋषिकेश की आध्यात्मिक भूमि पर संध्या काल में गंगा आरती, भजन, संकीर्तन और आंचलिक लोक-संगीत की धुन योग महोत्सव में भाग लेने वालों को उत्तराखंड की संस्कृति और विरासत से रूबरू कराने का कार्य करेगी। आज हम कितने तनावपूर्ण माहौल में क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें आराम देता है, हमारी क्षमताओं को बढ़ा देता है। इसलिए, हमें योग को एक अतिरिक्त काम के तौर पर नहीं लेना है, हमें योग को जानना भी है, हमें योग को जीना भी है, हमें योग को पाना भी है और हमें योग को अपनाना भी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत, विश्व को योग का संदेश दे रहा है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का महत्व और भी बढ़ जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा की ऋषिकेश की नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है कि लोग स्वयं यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आते हैं और योग महोत्सव के दौरान यह सौंदर्य और आनंद अपने चरम को छू लेता है। संपूर्ण विश्व में आज हमारे ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहा जाता है, यह हम सभी के लिए बड़ी गौरव की बात है।

उन्होंने कहा की कुछ ही दिनों बाद यहां होने वाली जी20 बैठक के बाद तो ऋषिकेश की इस आध्यात्मिक भूमि से विश्व का कोना कोना परिचित हो जायेगा। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में घर-घर में योग का प्रचार हुआ है, आज योग ’पार्ट ऑफ लाइफ’ नहीं बल्कि अब ’वे ऑफ लाइफ’ बन चुका है। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों की तपस्थली ऋषिकेश जैसे भारत के आध्यात्मिक केन्द्रों ने जिस योग-ऊर्जा को सदियों से पोषित किया, आज वो योग ऊर्जा विश्व स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का पारस्परिक आधार बन रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज योग मानव मात्र को निरोगी जीवन का विश्वास दे रहा है, आज दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्याेदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कि इस महोत्सव में आयोजित होने वाले सत्रों की सार्थक चर्चा, हमारी सरकार को योग के क्षेत्र में और अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशन में उत्तराखण्ड की हमारी डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है। आज जब पूरी दुनिया में हमारे प्रदेश की पहचान योग और आध्यात्म की जननी के रूप में है, तब हम सभी का दायित्व है कि इस पहचान को उत्कृष्टता प्रदान करने का कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार धाम यात्रा यहां आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों को सुगम और सरल हो इसके लिये व्यापक तैयारियों की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले बार की यात्रा में तमाम चुनौतियों के बावजूद 50 लाख से अधिक यात्री देवभूमि के दर्शन हेतु आये। इस बार अभी तक 1.51 लाख रजिस्ट्रेशन हो चुके है तथा जीएमवीएन को 4 करोड़ की बुकिंग प्राप्त हो चुकी है। होटल व्यवसायियों की भी बुकिंग यात्रियों द्वारा की जा रही है। इस अवसर मुख्यमंत्री ने आस्थापथ सेतु के विस्तार की भी घोषणा की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पद्मश्री स्वामी शिवानन्द को सम्मानित किया। जबकि पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा पद्मश्री रजनीकान्त को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री गंगा आरती में भी शामिल हुए, उन्होंने गंगा पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने योग पर आधारित आकर्षक ड्रोन शो का भी अवलोकन किया।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को नये आयाम प्रदान करेगा। इससे हमारे परम्परागत उत्पादों को भी पहचान मिलेगी। देश व दुनिया के लोगों को यहां की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा की यहां की बर्ड वाचिंग के साथ कई क्षेत्रों में पहचान बन रही है। राज्य के अन्य पर्यटन क्षेत्रों को पहचान दिलाने का भी कार्य किया जा रहा है। वेडिंग डेस्टिनेशन को भी उत्तराखण्ड में प्रमोट करने का कार्य किया जा रहा है। जिससे लोग यहां विवाह कर देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करें। अनेक धार्मिक सर्किटों के माध्यम से प्रदेश को पहचान दिलाने का कार्य भी किया जा रहा है। इससे पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि चारधाम के साथ लगे अन्य दर्शनीय स्थलों का भी भ्रमण करें।

सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने सभी आगन्तुको का स्वागत करते हुए अन्तराष्ट्रीय योग महोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी। सचिव पर्यटन ने कहा कि यह योग महोत्सव उत्तराखण्ड के पर्यटन को बढ़ावा देने के हमारी अतिथि देवो भवः की परम्परा को और अधिक प्रभावी बनाने मे मददगार होगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 में 6 प्रतिष्ठित योग संस्थान भाग ले रहे हैं ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम तथा शिवानंद योग वेदांत सेंटर।

कार्यक्रम को कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल ने भी सम्बोधित किया।

सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का सीएम त्रिवेन्द्र सिंह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया शुभारंभ

रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ किया। मुनिकीरेती स्थित गंगा रिसोर्ट में आयोजित 7 दिवसीय महोत्सव में विश्व के 11 देशो एवं देश के 09 राज्यों के योगाचार्यो, शिक्षकों एवं योग प्रेमीं प्रतिभाग कर रहे है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा कि योग को विश्वव्यापी पहचान दिलाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अह्म भूमिका रही है। उत्तराखण्ड को योग के हब एवं ऋषिकेश को विश्व योग के केन्द्र बिन्दु के रुप में स्थापित करने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर कार्य किया है। योग को पर्यटन से जोड़ने और योग के साथ-साथ पर्यटन हब के रुप में उत्तराखण्ड को विकसित करने के लिए सरकार व्यापक स्तर पर कार्य कर रही है।

उन्होने कहा कि अध्यात्मिक योग के माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने का कार्य सरकार कर रही है। योग विश्व स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए जरुरी है जिसकी आवश्यकता आज पूरी दुनिया को महसूस होने लगी है जिसका परिणाम है कि आज विश्व में जहां भी योग की शुरुआत हो रही है वहॉ उत्तराखण्ड के योग शिक्षकों को सर्वोच्च प्राथमिकता व सम्मानस्वरुप बुलाया जा रहा है।?

ऋषिकेश विश्व पटल पर योग का केंद्र बिंदुः योगी आदित्यनाथ
इस अवसर पर उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत में ऋषि की परम्परा एव साधना के परिणामस्वरुप योग का उत्थान जीवों के कल्याण के लिए हुआ है। योग जैसी अध्यात्म और पवित्र विद्या को दुनिया के कोने-कोने में पंहुचाने और योग का विश्व गुरु बनने में भारत के प्रधानमंत्री का अथक प्रयास रहा है। इसके साथ ही उत्तरखण्ड का शहर ऋषिकेश विश्व पटल पर योग का केन्द्र बिन्दु के रुप में उभरा है। उन्होने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत की सराहना करते हुए कहा कि यदि स्वच्छ के बाद योग को अपनाया जाय तो अनेक बीमारियों से निजात मिल सकती है। स्वच्छ काया शरीर में योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक मजबूती एवं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाया जा सकता है। उन्होने कहा कि विश्व का कोई भी देश जब योग परम्परा से जुड़ता है तो वह भारत की आत्मीयता से जुड़ता है और यह बात देश को गौरवान्वित करती है।

इस अवसर पर उन्होने वर्ष 2021 में हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुम्भ में उत्तराखण्ड सरकार को सहयोग दिये जाने की बात भी कही। वहीं पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना की। उन्होंने कहा कि गत विगत माह में उत्तराखण्ड में खूब बर्फबारी हुई जिसमें उत्तरप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेशी पर्यटकों का जबरदस्त आवागमन रहा।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अध्यक्ष जीएमवीएन महावीर सिंह रांगड़, महामण्डलेश्वर जूना अखाडा स्वामी अवदेश्वरानन्द महाराज, जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल डॉ. वी षणमुगम, एसएसपी डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत आदि उपस्थित रहे।

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