महाकुंभ के दौरान आपात स्थिति के लिए एम्स ऋषिकेश का ट्राॅमा सेंटर रिजर्व

कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को मेडिकल सुविधा प्रदान करने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश पूरी तरह से तैयार है। संस्थान की ओर से चिकित्सकों की टीम भी हरिद्वार में तैनात की जाएगी। इसके अलावा आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्स के ट्राॅमा सेंटर को आरक्षित रखा गया है। जिसमें श्रद्धालुओं के उपचार के लिए ट्राॅमा सेंटर में 24 घंटे मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।

निदेशक प्रो. रवि कांत की देखरेख में महाकुंभ में स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संस्थान की ओर से विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। आगामी 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा और उसके बाद के प्रमुख स्नान पर्वों पर हरिद्वार कुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की संभावना है। लिहाजा इसके मद्देनजर एम्स ऋषिकेश अस्पताल प्रशासन ने संपूर्ण कुंभमेला अवधि तक हरिद्वार में ही चिकित्सकों की टीम तैनात करने का निर्णय लिया है। जिसके लिए संस्थान के चि​कित्सकीय दल हरिद्वार स्थित बैरागी कैंप में बनाए जा रहे मेला अस्पताल में तैनात रहेंगे।
मेलाकाल में किसी प्रकार की अप्रिय घटना, भगदड़ व श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी अन्य आपात स्थितियों के दौरान चिकित्सकीय दल द्वारा मौके पर ही पेशेंट का प्राथमिक उपचार कर ग्रीन काॅरीडोर के माध्यम से उन्हें अविलंब एम्स ऋषिकेश के ट्राॅमा सेंटर भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि कुंभ मेले में देश-दुनिया से शिरकत करने वाले श्रद्धालुओं को वर्ल्डक्लास स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एम्स ऋषिकेश पूरी तरह से राज्य सरकार का सहयोग करेगा। मेले के दृष्टिगत की गई तमाम तैयारियों के बाबत संस्थान के डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रोफेसर यूबी मिश्रा ने बताया कि कुंभ मेले के मद्देनजर एम्स के ट्राॅमा सेंटर में 12 बेड का आईसीयू तैयार किया गया है। साथ ही किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए ट्राॅमा सेंटर में एक डिजास्टर वार्ड भी बनाया गया है। इस वार्ड में कुंभ मेले के श्रद्धालुओं के उपचार केलिए 22 बेड रिजर्व रखे गए हैं।

उन्होंने बताया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो ट्राॅमा सेंटर में बनाए गए डिजास्टर वार्ड के अलावा ट्राॅमा सेंटर के अतिरिक्त आईसीयू को भी उपयोग में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुंभ के लिए विशेषतौर से चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ की कई टीमें गठित की जा चुकी हैं। जो कि कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए हर समय हरिद्वार मेलाक्षेत्र में उपलब्ध रहेंगी।

देवडोलियों के आयोजन को लेकर हुई बैठक

श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति द्वारा कुंभ महापर्व 2021 में देव डोलियों के दिव्य,भव्य एवं सुरक्षित स्नान व शोभायात्रा के आयोजन को लेकर बैठक हुई। इस दौरान देवी देवताओं के आमंत्रण को लेकर दायित्व बांटे गए।

भरत मंदिर, झण्डा चैक में आयोजित बैठक की शुरूआत स्वस्ति वचन से हुई। महिलाओं द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में मङ्गल गीत प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समिति के परमाध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहन सिंह रावत गॉंववासी ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारी आस्था एवं विश्वास का प्रतीक है। जो हमारी सांस्कृतिक विरास्त एवं लोकपरम्परा को संरक्षित रखें हुए है। उन्होंने कहा कि इस पुनीत कार्यक्रम को हमने दिव्य एवं अविस्मरणीय बनाना है। उपाध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल ने सभी प्रतिनिधियों को उनके दायित्व की जानकारी दी।

संजय शास्त्री, दीप शर्मा (पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष) ने कहा कि योगनागरी ऋषिकेश व धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाले महा उत्सव को से ऐतिहासिक बनाया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता डॉ. धीरेंद्र रांगड़ ने किया।

बैठक में सभी ने तय किया कि कोविड-19 को देखते हुए मास्क, सैनिटाइजर की व्यवस्था के साथ ही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया जायेगा। वहीं, विभिन्न क्षेत्रों से पधारे प्रतिनिधियों को दायित्व सौपते हुए देवी देवताओं के आमंत्रण हेतु गजेन्द्र सिंह कंडियाल, भगवान सिंह रांगड़ एवं द्वारिका प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया गया। जो टिहरी, उत्तरकाशी, प्रतापनगर, पौड़ी, चकरोता, रुद्रप्रयाग, चमोली, कोटद्वार, नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा आदि के देवस्थानों पर जाकर संपर्क करेगी। मांगलिक गीत की सुंदर प्रस्तुति दर्शनी भंडारी,शशि कण्डारी, सुरेश उनियाल एवं मीना मंदवाण ने दी।

श्रीभरत मंदिर के महंत वत्सल महाराज व हर्षवर्धन शर्मा ने 24 अप्रैल को आगन्तुक देवडोली का श्री भरत मन्दिर परिवार द्वारा मंदिर प्रंगङ्ग में सम्मान व स्वागत की सहमति प्रदान की।
बैठक नागेन्द्र गिरी महाराज, कुँवर ठाकुर भवानी प्रताप, पूर्व राज्यमंत्री उषा रावत, आशाराम व्यास, रंगकर्मी बलदेव राणा, हर्षमणी व्यास, लक्ष्मी प्रकाश सेमवाल,पुष्पा ध्यानी, विजयपाल रांगड़, सुनील कोठियाल, आशीष कुकरेती आदि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में सरोज डिमरी, विमला रावत, बी सी पंत, लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, उषा भंडारी,सूरत सिंह रौतेला, रमेश पैन्यूली, सुरेंद्र भंडारी, निर्मला शर्मा, विनय उनियाल,विशाल मणि पैन्यूली, विजय प्रसाद मैठानी, यतेंद्र कंडियाल आदि उपस्थित थे।

कुंभ मेला की समीक्षा कर सीएम ने दिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आज कुंभ मेला की समीक्षा की और अधिकारियों अवशेष कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाय। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कर ली जाय। स्वच्छता अभियान में स्वयं सेवी संस्थाओं, सामाजिक संस्थाओं एवं जनता का सहयोग भी लिया जाय। कोविड-19 के मानकों का पूर्णतः पालन कराया जाय। जनवरी के अन्त तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाए। कार्यों की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कुंभ के दृष्टिगत व्यापक जन जागरूकता अभियान संचालित करने के भी निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वच्छ, सुन्दर एवं सुरक्षित कुंभ के आयोजन के लिए मेला प्रशासन के साथ सभी विभाग बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। मेला क्षेत्र में मास्क एवं सेनेटाइजर की उचित व्यवस्था की जाए। कोविड से सतर्कता के लिए भी मेला एवं जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जाय। अस्थाई प्रकृति के अवशेष कार्यों को भी जल्द पूर्ण किया जाय एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य भी समय से पूर्ण किए जाए। आगामी कुंभ पर्वों में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। इसके दृष्टिगत भी सभी व्यवस्थाएं पहले से ही योजना बनाकर तैयार रखी जाय।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कुंभ मेला श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक होता है। उन्होंने कहा कि कुभ मेला में राष्ट्रीय एवं प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक एवं आस्था से संबंधित विभिन्न पक्षों को सामने लाया जायेगा। इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये कि दिव्य एवं भव्य कुंभ के आयोजन के संबंध में किसी प्रकार की कोताही न बरती जाय।
शासन स्तर पर कुंभ मेले की जानकारी देते हुए सचिव नगर विकास शैलेश बगोली ने कहा कि कुंभ मेले से संबधित कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इस संबंध में स्वीकृत प्रस्तावों के सापेक्ष तत्काल निर्णय लेते हुए बजट आंवटित किया जा रहा है।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ में किये जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके हैं, अवशेष कार्य जल्द पूर्ण हो जायेंगे। सड़क एवं पुलों से संबधित अधिकतर कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी आवश्यक कार्य जल्द पूर्ण किये जायेंगे।

बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, डॉ. पंकज पाण्डेय, एस.ए. मुरूगेशन, आईजी मेला संजय गुंज्याल आदि उपस्थित थे।

महाकुंभ में विकास को लेकर कुम्भ क्षेत्र ऋषिकेश के साथ हुआ छलावाः डा. राजे नेगी

आम आदमी पार्टी ने कुम्भ बजट में ऋषिकेश की घोर उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है। पार्टी नेता डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि करोड़ों देशवासियों की आस्था का प्रतीक माने जाने वाला महाकुंभ प्रारंभ होने को है, लेकिन इसके बावजूद कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश में इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। एक जारी बयान में आप के नेता डॉ नेगी ने कहा कि पिछले तमाम कुंभ मेलों के दौरान भी कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश की घोर उपेक्षा होती आई है।

कहा कि आगामी महाकुंभ में कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश के विभिन्न घाटों पर जब देश और दुनिया से आए श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे तो उन्हें भारी अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ सकता है, इसकी बड़ी वजह ऋषिकेश के प्रति उपेेक्षित रवैय्या होगा। आप नेता डा. नेगी कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण ऋषिकेश क्षेत्र के भरपूर विकास की बड़ी बड़ी घोषणाएं की गई थी। मेला अधिकारी से लेकर तमाम विभागीय अधिकारियों द्वारा यहां पिछले 1 वर्ष से लगातार दौरे कर महाकुंभ को लेकर कुंभ क्षेत्र अंतर्गत ऋषिकेश, स्वर्गाश्रम, मुनिकीरेती में बैठकें ली जाती रही है लेकिन अब जबकि महाकुंभ बेहद करीब आ गया है तो कह सकते हैं कि यह तमाम बैठके सिर्फ हाथी के दांत की कहावत को ही चरितार्थ कर रही थी। उन्होंने कहा कि तीर्थ क्षेत्र ऋषिकेश में कुम्भ निधि से विकास कार्यों की उपेक्षा साफ इशारा कर रही है कि प्रदेश सरकार का फोकस महाकुंभ में पूरी तरह से सिर्फ हरिद्वार के विकास पर ही है। अन्य कुम्भ क्षेत्रों को सिर्फ विकास का सब्जबाग दिखाया गया है।

संत समाज ने की नागरिकों से अपील, गंगा में न डालें पूजन सामाग्री

गंगा में राफ्टिंग का संत समाज विरोध नहीं करता है, मगर राफ्टिंग की आड़ में गंगा में मादक पदार्थ लेकर पर्यटकों का जाना से अमर्यादित है। इससे गंगा तो दूषित हो ही रही है, साथ ही आस्था पर भी ठेस पहुंचती है, तो ऐसे लोग जो गंगा में मादक पदार्थ लेकर आते है, इसका विरोध संत समाज करता है। संत समाज सरकार से यह भी मांग करता है कि इसके लिए कानून बनाया जाए। यह बात महामंडलेश्वर ईश्वरदार महाराज ने कही।

आज नमामि गंगे और अखिल भारतीय संत समिति की महाकुंभ 2021 को लेकर मायाकुंड स्थित कृष्ण कुंज आश्रम में आयोजित की गई। इसमें नमामि गंगे के प्रदेश प्रमुख कपिल गुप्ता व उनकी टीम ने संत समाज के साथ एक स्वर में ऋषिकेश में भी महाकुंभ को लेकर विकास कार्य किए जाने पर सहमति बनाई। साथ ही गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए लोगों से भी अपील की। संत समाज ने कहा कि गंगा में पूजन सामग्री न प्रवाहित की जाए। संतों की ओर से निश्चित तिथि पर गंगा की सफाई के लिए प्रयास किए जाएं। कुंभ में स्नान के लिए त्रिवेणी घाट का विस्तार किया जाए।

इस मौके पर महामंडलेश्वर दयाराम दास, महामंडलेश्वर गणेश दास, महंत केशव स्वरूव ब्रह्मचारी, महंत बलवीर सिंह, महंत सुखवीर सिंह, महंत स्वामी अखंडानंद महाराज, महंत गोपाल गिरी, महंत लोकेश दास, पंडित रवि शास्त्री, जुगल किशोर शर्मा, संतोष मुनि, अभिषेक शर्मा, हर्षित गुप्ता, मिंटू तिवारी, पंकज गुप्ता, प्रदीप कोहली, सिमरन गाबा, दिनेश शर्मा, अशोक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव को 15 दिन में कुंभ मेले की समीक्षा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अखाड़ा परिषद् के साथ हरिद्वार कुम्भ 2021 की तैयारियों के संबध में बैठक की। कहा कि कुंभ मेला अपने दिव्य एवं भव्य स्वरूप में होगा। कुंभ की परंपरा एवं संस्कृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा। कोविड के कारण अनेक कुछ व्यावहारिक समस्याएं आयी हैं, कुम्भ के शुरू होने पर कोविड की स्थिति कैसी रहती है, उसके अनुसार कुंभ के स्वरूप को विस्तार दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में परिस्थितियों के हिसाब से जो भी निर्णय लिये जायेंगे, उसमें अखाड़ा परिषद् एवं साधु-संतों के सुझाव जरूर लिये जायेंगे। राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कुंभ के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है, जो कार्य अभी प्रगति पर हैं, उन्हें जल्द पूर्ण करने के लिए संबंधित विभागीय सचिवों को नियमित निगरानी करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्य सचिव को भी 15 दिन में कुभ मेले की समीक्षा के निर्देश दिये गये हैं।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सकुशल कुंभ सम्पन्न कराने के लिए अखाड़ा, परिषद् एवं संत समाज का पूरा सहयोग लिया जायेगा। माँ गंगा के आशीर्वाद से भव्य हरिद्वार कुंभ का आयोजन किया जायेगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरी ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। कुंभ के स्वरूप के लिए जो भी निर्णय लिया जायेगा, उसमें पूरा सहयोग दिया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने अखाड़ों की कुछ समस्याओं से भी अवगत कराया।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि 15 दिसंबर 2020 तक अधिकांश स्थाई प्रकृति के कार्य पूर्ण हो जायेंगे। 31 दिसम्बर 2020 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे। इस बार कुंभ के लिए बनाये जा रहे 09 नये घाटों, 08 पुलों व सड़कों का कार्य पूर्णता की ओर है। स्वच्छता पर विशेष बल दिया जा रहा है। पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जायेंगी।

इस अवसर पर महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् महन्त हरि गिरी, महन्त प्रेम गिरी, महन्त सत्यगिरी, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, महन्त रवीन्द्र पुरी, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार, आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, अपर सचिव शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरवीर सिंह, रामजी शरण शर्मा आदि उपस्थित थे।