कृषि मंत्री ने व्यपारियों की मांग पर मंडी समिति के नोटिस कार्रवाई पर रोक लगाई

मंडी समिति की किराया वसूली को लेकर की जा रही नोटिस की कारवाई पर उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने फिलहाल रोक लगा दी है। नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महामंत्री प्रतीक कालिया ने बताया कि फल एवं सब्जी थोक विक्रेता संघ के प्रतिनिधि मंडल द्वारा कृषि मंत्री से इस संदर्भ में मुलाकात की गई थी। व्यपारियों का पक्ष मजबूती से रखने पर कृषि मंत्री ने इस संदर्भ में तत्काल कृषि उत्पादन मंडी समिति के अध्यक्ष को जांच करने और मंडी सचिव को जांच पूरी ना होने तक किसी भी तरह की कारवाई न करने के आदेश दिए गये है।
फल एवं सब्जी थोक विक्रेता संघ के महामंत्री गिरीश छाबड़ा ने बताया कि मंडी समिति द्वारा पारित नियमों के अनुरूप वर्ष 1992 में 23 दुकानें ए श्रेणी में 22 दुकानें शैड एवं सात दुकानें सी क्लास में आवंटित की गई थी। उस दौरान तय किया गया था कि हर तीन वर्ष पश्चात परस्पर सहमति से दुकानों के किराए में 15 प्रतिशत की वृद्धि की जायेगी। लेकिन कुछ वर्षों बाद उक्त व्यवस्था में झोल उत्पन्न हो गया। अब तमाम व्यापारियों को किराया वसूली के नाम पर नोटिस थमाए जा रहे हैं। जिसकी वजह से व्यापारियों में असमंजस की स्थिति बन गई है।
प्रतिनिधिमंडल में समिति के पूर्व अध्यक्ष अनिल खुराना व पूर्व महामंत्री चंद्र प्रकाश चौरसिया भी शामिल रहे।

किसानों को राहत, त्रिवेन्द्र सरकार ने कृषि उत्पाद खरीदने की खुली छूट दी

लॉकडाउन के कारण किसानों को आ रही दिक्कतों को देखते हुए त्रिवेन्द्र सरकार ने बिना लाइसेंस कृषि उत्पाद खरीदने की छूट किसान समूहों, सहकारी समितियों व किसान उत्पादक संगठनों को दी है। अब लोग सीधे किसानों से कृषि उत्पाद की खरीद कर सकते हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी अधिसूचना 20 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू हो गई है।
कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को तीन मई 2020 तक बढ़ाया है। इस कारण प्रदेश के किसानों को कृषि उत्पाद बेचने और भंडारण करने में दिक्कतें आ रही हैं। किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने उत्तराखंड कृषि उत्पाद (विकास एवं विनियमन) अधिनियम की व्यवस्था को अतिक्रमित कर कृषि उत्पाद खरीदने की खुली छूट दे दी है।
अधिसूचना के अनुसार लॉकडाउन अवधि में राज्य में घोषित मंडी क्षेत्र के तहत किसान समूह, किसान उत्पादक संगठन, सहकारी समितियों को सीधे किसान से कृषि उत्पाद खरीदने की अनुमति दी गई है। इसके लिए लाइसेंस जरूरी नहीं होगा। वहीं, उत्पादों को भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर, गोदाम, क्लस्टर को उप मंडी घोषित किया गया है।
अभी तक उत्तराखंड कृषि उत्पाद (विकास एवं विनियमन) अधिनियम में फल, सब्जी व अन्य कृषि उत्पादों के कारोबार के लिए मंडी समिति लाइसेंस जारी करती है। मंडी से बाहर कृषि उत्पादों का थोक कारोबार बिना अनुमति के नहीं किया जा सकता है। सरकार की ओर से छूट देने से किसानों को उत्पाद बेचने का झंझट नहीं रहेगा और मंडियों में भी भीड़ कम होगी।