ऐतिहासिक स्थल पर 101 फीट ऊंचा तिरंगा लहराया

तिरंगा झंडा जिस शान से लहराता है उसे देखकर हर भारतवासी का हृदय भावों से भर जाता है। देश के प्रति समर्पण और प्रेम का संचार मन में होता है। इसी भाव को प्रेरित करने के लिए त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश में एमडीडीए द्वारा स्थापित 101 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अनावरण उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा किया गया।
देश की आजादी एवं उसकी आन बान और शान का प्रतीक तिरंगा झंडा राष्ट्र के प्रति सम्मान और देश भक्ति की भावना को जाग्रत करने के उद्देश्य से त्रिवेणी घाट पर 101 फीट ऊँचा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया गया। ध्वजारोहण के दौरान ध्वजारोहण स्तंभ के शीर्ष तक राष्ट्रीय ध्वज का आरोहण कराया गया और तिरंगे को सलामी दी गयी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने स्विच दबाकर झंडे का आरोहण किया एवं झंडे को सलामी दी। ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रीय गान से पूरा त्रिवेणी घाट गूंज उठा। मौजूद लोगों की आंखों में तिरंगे को फहरता देख एक अलग सी ही चमक दिखी।
बता दें कि यह तिरंगा झंडा 101 फीट ऊंचा 20 फीट चैड़ा और 30 फीट लंबा बनाया गया है। इसके साथ झंडे के लिए फोकस्ड लाइट्स भी लगाई गयी है। इसका सीधा फोकस तिरंगे पर पड़ेगा। हाइमास्क पोल पर लाइट लगाने के बाद रात की रोशनी में देश का राष्ट्रीय ध्वज खूबसूरत नजर आएगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे गर्व, शक्ति एवं गौरव का प्रतीक हमारा राष्ट्रीय ध्वज शांति, समृद्धि और सदैव विकास के पथ पर अग्रसर रहने की प्रेरणा देता है। आंखों के सामने लहराता राष्ट्रीय तिरंगा और मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प भारत को नया भारत बना रहा है।उन्होंने कहा कि तिरंगा झंडा लग जाने के बाद इसे देख आते-जाते लोग खुद को गौरान्वित महसूस करेंगे।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि हर कोई इस तिरंगे के लिए आहुति देने को तैयार रहता है। तिंरगे को देखकर आम लोगों में राष्ट्रीयता की भावना जगेगी। देश के लिए मरने मिटने की प्रेरणा मिलेगी।
इस अवसर पर ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, वीर भद्र मंडल अध्यक्ष अरविंद चैधरी, एमडीडीए के अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा, सहायक अभियंता पूर्णानंद बहुगुणा, नगर निगम पार्षद रीना शर्मा, डीपी रतूड़ी, कविता शाह, अनीता तिवारी, उषा जोशी, सुमित पवार, कविता शाह, प्रदीप कोहली, संदीप खुराना अनीता रैना, सुंदरी कंडवाल आदि उपस्थित थे।

एमडीडीए अधिकारियों के साथ स्पीकर ने प्रस्तावित कार्यों को लेकर की समीक्षा


ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत एमडीडीए के माध्यम से किए जा रहे विभिन्न निर्माण एवं प्रस्तावित कार्यों को लेकर स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने एमडीडीए के अधिकारियों के संग समीक्षा बैठक की।

स्पीकर ने बैठक के दौरान एमडीडीए के माध्यम से क्षेत्र के अंतर्गत हरिपुर कला, गुमानीवाला, श्यामपुर, मोतीचूर, गढ़ी मयचक सहित अन्य क्षेत्रों की प्रस्तावित 32 से अधिक आंतरिक सड़क मार्गो की प्रगति के संबंध में समीक्षा की

स्पीकर ने इस दौरान त्रिवेणी घाट के सौंदर्यकरण कार्य एवं आईडीपीएल से श्यामपुर क्रॉसिंग तक प्रकाश पथ व्यवस्था कार्य की प्रगति के संबंध में अधिकारियों से समीक्षा की।

इस अवसर पर स्पीकर ने एक ओर पूर्व में प्रस्तावित क्षेत्र के आवास विकास, गंगानगर, आईएसबीटी, ऋषिलोक कॉलोनी के पार्कों के सौंदर्यीकरण एवं सुदृढ़ीकरण किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक की गई कार्रवाई को लेकर जानकारी ली। इस सम्बंध में एमडीडीए के सचिव हरजीत सिंह ने अवगत किया कि पार्कों के सौंदर्यीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए नगर निगम, ऋषिकेश को एनओसी हेतु एमडीडीए द्वारा पत्र भेजा गया है जिसपर अभी तक नगर निगम से एनओसी नहीं प्राप्त हुई हैं। सचिव ने कहा कि एनओसी मिलने के बाद ही पार्कों का सौन्दर्यीकरण कार्य प्रारम्भ हो पायेगा।

स्पीकर ने निर्माण कार्यों में हो रही लेटलतीफी के लिए एमडीडीए के अधिकारियों पर नाराजगी भी व्यक्त की। कहा कि सभी स्वीकृत आंतरिक सड़क निर्माण कार्य, विभिन्न पार्को एवं चैराहों के सौंदर्यीकरण व सुदृढ़ीकरण कार्य संबंधित कार्यवाही एवं टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण कर निर्माण कार्य शीघ्र ही प्रारंभ कराये जाए, वहीं विभिन्न प्रस्तावित सड़कों के लिए आगणन तैयार कर स्वीकृति हेतु शासन को प्रेषित की जाए।

इस अवसर पर एमडीडीए के सचिव हरवीर सिंह, अधिशासी अभियंता श्याम शर्मा, सहायक अभियंता पीएन बहुगुणा एवं अवर अभियंता प्रमोद मेहरा उपस्थित थे।

92 लाख की लागत से पथ प्रकाश का विस अध्यक्ष ने किया शिलान्यास

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के माध्यम से 92 लाख रुपए की लागत से आईडीपीएल गेट से श्यामपुर रेलवे क्रॉसिंग तक डिवाइडर पर पथ प्रकाश व्यवस्था के कार्य का विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ शिलान्यास किया।

कहा कि 2 माह के अंदर एलईडी स्ट्रीट लाइट से यह मार्ग जगमगायेगा जिससे आवागमन करने वाले हजारों लोगों को आसानी होगी। आडीपीएल गेट से श्यामपुर रेलवे क्रॉसिंग तक डिवाइडर पर कुल 80 पोल लगेंगे जिसमें 160 एलइडी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी। प्रत्येक बल्ब 120 वाट का होगा जो पूर्णतः सजावटी है।

कहा कि ऋषिकेश के इस अत्यंत व्यस्ततम मोटर मार्ग मे एलईडी स्ट्रीट लगने से जगमग होगा। उन्होंने कहा कि कुंभ प्रारंभ हो चुका है उनके दौरान देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश आते हैं इसलिए कुंभ में आने वाले देश विदेश के श्रद्धालुओं, स्थानीय नागरिकों को प्रकाश की उचित व्यवस्था के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के माध्यम से प्रकाश की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के तीर्थयात्री एवं पर्यटकों का भी बड़ी संख्या में ऋषिकेश में आना जाना होता है उन सबके लिए पथ प्रकाश व्यवस्था में सहायक सिद्ध होगी।

मौके पर डोईवाला के ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, श्यामपुर के मंडल के अध्यक्ष गणेश रावत, भारतीय जनता पार्टी के जिला महामंत्री सुदेश कंडवाल, जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा नरेंद्र रावत, प्रधान चमन पोखरियाल, दीपा राणा, राजेश व्यास, मानवेंद्र कंडारी, प्रदीप धस्माना, शम्मा पवार, रामरतन रतूड़ी, राजपाल पवार, प्रभाकर पैन्यूली, कमला नेगी, बॉबी रागड, प्रशांत चमोली, राजेश जुगलान, गोदावरी बिष्ट, पदमा कंडारी, अभिनव चैहान आदि सहित मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा, अवर अभियंता सौरभ सकलानी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन रवि शर्मा ने किया।

जिला विकास प्राधिकरणः लिफ्ट वाले भवनों को सक्षम अधिकारी से प्रमाणित कराना होगा

एमडीडीए तथा अन्य जिला विकास प्राधिकरणों के साथ सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैठक की। इस दौरान उपाध्यक्ष, एमडीडीए द्वारा नागरिकों के हित में निम्न निर्णय लेते हुए उन पर शीघ्र कार्य करने का आश्वासन दिया गया-

1. जिन आवेदकों को स्वीकृति हेतु मानचित्र ऑनलाईन अपलोड करने अथवा ऑनलाईन फीस भुगतान करने में कठिनाई हो, उनके लिए एमडीडीए में एक सुविधा-डेस्क स्थापित की जायेगी।
2. प्रयुक्त सॉफ्टवेयर का वित्तीय मोडयूल अभी निर्मित किया जा रहा है अतः आरटीजीएस अथवा बैंक-चालान द्वारा जमा किये जा रहे भुगतानों को इस प्रकार इंटीगे्रट किया जायेगा कि उनके पृथक से मिलान, जिसमें वर्तमान में समय लगता है, की आवश्यकता समाप्त हो जायेगी।
3. व्यवसायिक मानचित्रों की स्वीकृति की समय-सीमा 60 दिन से घटाकर 30 दिन सुनिश्चित की जायेगी।
4. ऐसे भवनों जहाँ लिफ्ट प्रयुक्त की जा रही है, वहाँ सुरक्षा के दृष्टिगत लिफ्ट का सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणीकरण कराये जाने के उद्देश्य से प्राधिकारी के चिन्हीकरण से संबंधित शासनादेश जारी कराया जायेगा।

कंपाउंडिंग की सेवा हेतु वर्कफ्लो तथा पदाभिहित अधिकारी एवं अपीलीय प्राधिकारियों को चिन्हित कर आयोग को सूचित किया जायेगा।

बैठक के दौरान निम्न सेवाओं को संशोधित कर अधिसचित कराये जाने का निर्णय लिया गयाः-
1. व्यवसायिक मानचित्रों के 02 प्रकार होंगे – (अ) जो स्वीकृति हेतु प्राधिकरण के बोर्ड के विचारार्थ रखे जाते हैं एवं बोर्ड की बैठक 03 माह में आहूत होने के कारण जिनकी स्वीकृति में अधिक समय लग जाता है तथा (ब) जो स्वीकृति हेतु प्राधिकरण के बोर्ड के विचारार्थ नहीं रखे जाते एवं 30 दिन के भीतर स्वीकृत किये जा सकते हैं।
2. कार्यपूर्ति प्रमाण-पत्र की सेवा के 03 प्रकार होंगे – (अ) आवासीय मानचित्र (ब) अनावासीय मानचित्र तथा (स) व्यवसायिक मानचित्र

एमडीडीए ने कमिश्नर के आदेश के बाद हरिपुरकलां में की बिल्डिंग सील

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने नक्शा के विरूद्ध बन रही बिल्डिंग को सील किया है। एमडीडीएम के असिस्टेंट इंजीनियर सुधीर गुप्ता ने टी के साथ बिरला फॉर्म स्थित मनोज शर्मा के चार मंजिला निर्माणाधीन भवन को सील किया है। असिस्टेंट इंजीनियर सुधीर गुप्ता ने बताया कि मनोज शर्मा की उक्त बिल्डिंग का नक्शा पास है। मगर, उन्होंने आवासीय भवन बनाने के लिए नक्शा पास कराया था। मगर, धरातलीय हकीकत कुछ और है, यहां बहुउद्देश्यीय भवन तैयार किया जा रहा है। दरअसल यहां फ्लैट बनाए जा रहे है। बताया कि मनोज शर्मा ने उक्त भवन में एक फ्लोर बिना नक्शा के तैयार कर दिया है। इन दोनों की बातों को आधार बनाकर निर्माणाधीन भवन को कमिश्नर के आदेश के बाद सील किया गया है।

कमिश्नर के आदेश पर व्यापारी नेता के कांपलेक्स की तीसरी मंजिल सील

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने ऋषिकेश में रेलवे रोड पर बहुमंजिला भवन के तृतीय तल को सील किया है। एमडीडीए की कार्रवाई से नगर के अन्य बिल्डरों में भी खलबली मची रही।
बुधवार को एमडीडीए के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर सुधीर गुप्ता के नेतृत्व में टीम रेलवे रोड पहुंची। यहां पर निर्माणाधीन बिल्डिंग की सीलिंग के आदेश पूर्व में ही जारी हुए थे। इस पर अमल करते हुए एमडीडीए टीम ने रेलवे रोड स्थित ललित मोहन मिश्रा की निर्माणाधीन बिल्डिंग के तृतीय तल को सील किया। एई सुधीर गुप्ता ने बताया कि बीती तीन जुलाई को भी सील की कार्रवाई को टीम पहुंची थी। मगर, ललित मोहन मिश्रा की ओर से उक्त मामले में कमिश्नर से स्टे होना बताया था। इसके चलते टीम वापस लौट गई थी। बताया कि मंगलवार की शाम को कमिश्नर की ओर से उन्हें पत्र मिला। ‌इस पत्र में बिल्डिंग के दो तल का नक्शा पास होना बताया गया है, जबकि तृतीय तल का नक्शा नहीं होना बताया गया था। इसके चलते टीम ने बुधवार को मौके पर जाकर तृतीय तल को सील कर दिया है। इस मौके पर नायब तहसीलदार विजय पाल सिंह चौहान, प्राधिकरण की टीम में जूनियर इंजीनियर पीपी सिंह, सुपरवाइजर महावीर, धर्म सिंह आदि उपस्थित रहे।

एमडीडीए की टीम ने सील किया निर्माणाधीन भवन

मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने गंगा से 50 मीटर के दायरे में बिना नक्शे के निर्माणाधीन एक भवन पर सील की कार्रवाई की है। एमडीडीए की यह एक सप्ताह के भीतर तीसरी सील की कार्रवाई हैं। बृहस्पतिवार को सील की कार्रवाई के लिए एमडीडीए की ओर से तीन अवैध भवनों की सूची तैयार की गई थी। जब तक कार्रवाई अमल में आती उससे पहले ही दो निर्माणकर्ताओं ने कमिश्नर गढ़वाल से स्टे ऑर्डर लाकर अफसरों को थमा दिया। एमडीडीए ने एक सप्ताह के भीतर यह दूसरी कार्रवाई की है।
टीम करीब सवा बारह बजे मौनी साईं बाबा की कुटिया के समीप पहुंची। यहां एनजीटी के नियमों को ताक पर रखते हुए गंगा से मात्र 50 मीटर के दायरे में भवन का निर्माण किया जा रहा था। भवन का नक्शा भी पास नहीं हुआ था। इस भवन के निर्माण की शुरूआत में ही एमडीडीए ने 17 अक्तूबर को चेतावनी देकर निर्माण कार्य पर रोक लगाने को कहा था। इस पर निर्माणकर्ता दीपक दहिया ने प्राधिकरण को निर्माण न करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद यहां धड़ल्ले से निर्माण किया गया।
बृहस्पतिवार को एमडीडीएम के अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने उक्त भवन को सील कर दिया। अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा ने बताया कि सील की कार्रवाई दीपक दहिया के निर्माणाधीन भवन पर की गई है। इसके अलावा दो अन्य भवनों पर भी सील की कार्रवाई की जानी थी, लेकिन निर्माणकर्ता राधा बल्लभ गुप्ता और गगन क्रमशः घाट रोड तथा भरत विहार ने स्टे ऑर्डर की प्रति प्रस्तुत की है। स्टे के आधार पर इन दोनों निर्माणकर्ताओं के भवन को सील की कार्रवाई से दूर रखा गया है।

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