स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का लाभ आम जनमानस तक पहुंचे-स्वास्थ्य सचिव

स्वास्थ्य सचिव डा0 आर. राजेश कुमार ने शुक्रवार को सुशीला तिवारी चिकित्सालय, मेडिकल काॅलेज तथा महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण दौरान आर राजेश कुमार ने चिकित्सा अधिकारियों को मनोयोग से कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा आम जनमानस को सुचारू चिकित्सा उपचार मिल सके यही हमारी प्राथमिकता है।
सचिव ने कहा कि जिन चिकित्सालयों में स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी है जल्द ही तैनाती की जायेगी।
स्वास्थ्य सचिव ने मेडिकल कालेज के आडिटोरियम के निरीक्षण के दौरान पाया कि कोविड 19 में दौरान डीआरडीओ द्वारा अस्थाई चिकित्सालय स्थापित किया गया था। उक्त चिकित्सालय के बैड, वैटिंलेटर, मल्टीपैरा मशीन आदि आडिटोरियम में पाये गये उन्होंने स्वास्थ्य से सम्बन्धित उपकरणों की शीघ्र से सूची बनाकर बेस चिकित्सालय पिथौरागढ, मेडिकल कालेज अल्मोडा को भेजने के निर्देश मौके पर दिये। उन्होंने प्राचार्य मेेडिकल कालेज हल्द्वानी को निर्देशित किया कि वे आपसी समन्वय बनाकर इस कार्य को पूर्ण करें। उन्होंने प्राचार्य को निर्देश दिये कि चिकित्सालय के लिए किसी भी प्रकार के उपकरण की आवश्यकता हो तो शीघ्र जनहित हेतु उसकी पूर्ति करें। उन्होंने कहा इस हेतु धन की कोई कमी नही होने दी जायेगी। उन्होने प्राचार्य से कहा कि चिकित्सालय से सम्बन्धित जो भी कार्य हों उन कार्यो कोे जिलाधिकारी के संज्ञान में लाना जरूरी है।
सचिव कुमार ने कहा कि कैंसर हास्पिटल परिसर में बनने वाले नवनिर्माण भवन की जद मे आ रहे पेड की अनुमति एवं आपत्तिों का शीघ्र निराकरण हेतु वन विभाग से कार्यवाही की जायेगी ताकि निर्माण कार्यो को समय से प्रारम्भ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस हेतु 160 चिकित्सालय के स्टाप की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव द्वारा कैंसर चिकित्सालय के ओपीडी, के साथ ही सुशीला तिवारी चिकित्सालय मेे काॅडियोलाॅजी, जनरल वार्ड, आईसीयू, ओपीडी, डायलेशिस के साथ ही भर्ती मरीजों से रूबरू हुये तथा उनके स्वास्थ्य का हालचाल जाना। उनके द्वारा अटल आयुष्मान कार्ड काउन्टर का भी निरीक्षण किया गया। इसके पश्चात सचिव द्वारा महिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया। महिला चिकित्सालय मे ओपीडी, वार्ड के साथ ही मरीजों से मिले।
निरीक्षण के दौरान प्राचार्य डा0 अरूण जोशी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 भागीरथी जोशी, प्राचार्य पिथौरागढ डा0 अरविन्द, संयुक्त निदेशक डा0 महेन्द्र कुमार, डा0 एमके पंत, जनसम्पर्क अधिकारी आलोक उप्रेती के साथ ही स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी उपस्थित रहे।

धामी सरकार में पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ा कदम

राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब नियमित एवं संविदा पर तैनात फैकल्टी को वेतन के अतिरिक्त 50 प्रतिशत भत्ता दिया जायेगा। धामी सरकार के इस निर्णय से जहां एक ओर पर्वतीय जनपदों के मेडिकल कॉलेजों को पर्याप्त फैकल्टी मिल पायेगी वहीं विशेषज्ञ चिकित्सक भी मेडिकल कॉलेजों में अपनी सेवाएं देने के लिए आसानी से उपलब्ध हो पायेंगे।
धामी सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि काफी प्रयासों के बावजूद पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेन्ट प्रोफेसर अपनी सेवाएं देने के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे जिसका एक कारण कम वेतनमान एवं पर्याप्त सुविधाएं न मिल पाना सामने आया था जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात नियमित एवं संविदा दोनों ही श्रेणी के फैकल्टी को मेडिकल टीचर्स डेफिसेन्सी कम्पनसेटरी स्कीम के अंतर्गत 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता देने का निर्णय लिया।
डॉ रावत ने बताया कि वर्तमान में यह अतिरिक्त भत्ता पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा में लागू होगा तथा भविष्य में पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित किये जाने वाले सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में तैनात संकाय सदस्यों, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर तथा असिस्टेन्ट प्रोफेसर को भी उक्त भत्ता देय होगा। उन्होंने बताया कि इस अतिरिक्त भत्ते के भुगतान हेतु एक कॉरपस फण्ड बनाया जायेगा जिसका संचालन संबंधित कॉलेज के प्राचार्य द्वारा किया जायेगा। संकाय सदस्यों को मिलने वाला 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता फैकल्टी के पे स्लिप पर अंकित नहीं होगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ रावत ने कहा कि काफी प्रयासों के बावजूद राजकीय मेडिकल कॉलेज, श्रीनगर तथा अल्मोड़ा में पर्याप्त फैकल्टी नहीं मिल पा रही थी लेकिन राज्य सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ते की स्वीकृति के बाद इस प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।