हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।

गजेन्द्र शेखावत ने किया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ऋषिकेश में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि देशभर में 298 अलग-अलग तरह के कार्य किए जा रहे है, ताकि गंगा का शुद्धिकरण हो सके। इसके तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी तैयार किए जा रहे हैं। 298 निर्माण कार्यों में से 98 पूरे हो चुके है।
ऋषिकेश में निर्माणाधीन दोनों सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी तय समय सीमा में पूरा होने की उम्मीद है। कुंभ से पहले गंगा नदी का जल आचमन योग्य हो जाएगा। वह यहां बृहस्पतिवार को परमार्थ निकेतन पहुंचे थे। यहां स्वामी चिदानंद सरस्वती के साथ उन्होंने पीलो पानी प्याउ से पानी पीकर उसका शुभारंभ किया किया। पीलो पानी के संस्थापक जतिन अहलावत ने पीलो शुद्ध जल मशीन के बारे में जानकारी दी।
बताया कि इसकी क्षमता 500 लीटर है। यह हर घंटे 300 लीटर आरओ प्यूरीफाइड जल उपलब्ध कराने में सक्षम है। इस दौरान शेखावत परमार्थ गंगा घाट पर आयोजित श्रीराम कथा में भी पहुंचे। यहां कुछ देर कथा सुनने के बाद वह सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण के लिए निकल पड़े। इस दौरान नमामि गंगे के डायरेक्टर जनरल राजीव रंजन मिश्रा, ज्वाइंट सेक्रेटरी अशोक कुमार, वित्तीय प्रमुख रोजी अग्रवाल, उत्तराखण्ड राज्य प्रमुख उदयराज, तकनीकी निदेशक प्रवीण कुमार आदि उपस्थित रहे।

30 नवंबर तक हर हाल में पूरा हो प्लांट का काम
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने चंद्रेश्वर नगर में 7.5 एमएलडी के निर्माणाधीन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। उन्होंने नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर संदीप कश्यप से परियोजना के निर्माण की अवधि पूछी। इस पर प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि पहले इसका निर्माण 30 अगस्त तक किया जाना था, लेकिन अब इसे 30 दिसंबर तक पूरा किया जा सकेगा।
इस पर केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने 30 सितंबर तक इसे पूरा करने को कहा, लेकिन प्रोजेक्ट मैनेजर के कई पहलुओं का हवाला देने के बाद उन्होंने प्लांट को हर हाल में 30 नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए।

26 एमएलडी प्लांट के कार्य से संतुष्ट दिखे शेखावत
लक्कडघाट में निर्माणाधीन 26 एमएलडी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य पर केंद्रीय जल शक्ति संतुष्ट दिखे। उन्होंने प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद इसे सुंदर बगीचे रूप देने को भी कहा। कार्यदायी संस्था जीडीसीएल के प्रदीप जैन से तकनीकी जानकारी भी ली। उन्होंने आम का पौधा भी रोपा। इस दौरान उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी मौजूद रहे।

केन्द्रीय मंत्री के सामने ही भिड़े विस अध्यक्ष और दर्जाधारी
ऋषिकेश पहुंचे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के स्वागत की होड़ में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और दर्जाधारी राज्यमंत्री भगतराम कोठारी आपस में भिड़ गए। मर्यादा को भूल दोनों राजनेताओं के बीच खूब गाली गलौज हुई। यहां तक कि दोनों महानुभावों ने एक दूसरे को देख लेने तक की धमकी तक दे डाली। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ऋषिकेश दौरे पर पहुंचे थे। पहले उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की। इसके बाद दोपहर डेढ़ बजे मोटर बोट से नाव घाट पहुंचे।
यहां से वे चंद्रेश्वर नगर स्थित नमामि गंगे योजना के तहत बनाए जा रहे 7.5 एमएलडी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने जा रहे थे। चंद्रेश्वर नगर के मोड़ पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल तथा दर्जाधारी राज्यमंत्री भगतराम कोठारी अपने-अपने समर्थकों के साथ उनके स्वागत के लिए मौजूद थे।
करीब ढाई बजे केंद्रीय मंत्री की फ्लीट पहुंची। वे अपनी कार से उतरे तो विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और राज्यमंत्री भगतराम कोठारी के बीच पहले मैं-पहले मैं की होड़ शुरू हो गई। कुछ ही पलों में यह होड़ विवाद में बदल गई और सभी मर्यादाएं तार-तार हो गईं। दोनों के बीच जमकर गाली गलौज हुई। हालांकि, बाद में दोनों महानुभावों को स्थिति का एहसास हुआ और बारी-बारी से केंद्रीय मंत्री का स्वागत किया। इस बारे में जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से प्रतिक्रिया जाननी चाही तो वे मुस्कुराकर चुप्पी साध गए और आगे बढ़ गए।

किसने क्या कहा-

ये वाकया पहली बार नहीं हुआ है। पूर्व में भगवान बद्री विशाल की गाडू घड़ा यात्रा के दौरान भी विधानसभा अध्यक्ष ने मेरे साथ अभद्रता की थी। वहां मैं अपनी पत्नी के साथ दर्शन के लिए लाइन में खड़ा था। बृहस्पतिवार को ऐसा ही सलूक मेरे साथ किया गया। मैं ऐसी राजनीति से त्रस्त आ चुका हूं। अपनी बात ऊपर तक पहुंचाऊंगा। विधानसभा अध्यक्ष ने गाड़ी में बैठते-बैठते धमकाया कि मैं बताऊंगा तेरे को।
– भगतराम कोठारी, अध्यक्ष, गन्ना एवं चीनी विकास उद्योग बोर्ड

भगतराम कोठारी काफी बड़े आदमी हैं और सरकार ने उनको काफी अहम जिम्मेदारी सौंपी है। मैं जहां हूं, वहां तक पहुंचने के लिए सालों परिश्रम किया है और यह पार्टी के प्रति अगाध निष्ठा का परिणाम है। ताजा घटनाक्रम पर मैं यही कह सकता हूं कि कुछ नहीं हुआ। मेरी तरफ से यही सलाह है कि पार्टी नेताओं को संगठन की रीति नीति को समझना चाहिए।
– प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष व स्थानीय विधायक

विश्व वानिकी दिवस पर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प

ऋषिकेश।
स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षित रहेगा तभी पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित रहेगा। उन्होंने विदेशी मेहमानों को पर्यावरण सरंक्षण का महत्व बताया और उनके साथ नीलकंठ पैदल मार्ग पर अभियान चलाकर क्षेत्र से कूड़ा करकट एकत्र किया। विदेशी नागरिकों को स्वामी चिदानंद मुनि ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी दिलाया। उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में बताया कि राज्य का 60 प्रतिशत भूभाग वन आच्छादित है। राज्य देश में प्राणवायु देने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने हरित शवदाह की वकालत की। कहा कि गोबर और कंडे से शवदाह किया जाना चाहिए जिससे वनों की अंधाधुंध कटान पर रोक लगाई जा सके।
सफाई अभियान के इस कार्यक्रम में साध्वी भगवती ने भी अपने विचार रखे। बोलीं, वृक्ष प्राणवायु का स्रोत है। शु़द्ध वायु है तो भावी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित है। हमें आने वाली पीढ़ियों को बेहतर और स्वस्थ जीवन देने के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए। मौके पर अमेरिका की लौरा प्लम्ब, लौरी, एलिस, जीना, हवाईद्वीप की आनन्द्रा जार्ज, चीली की सुजी, कनाडा की तारा, लंदन से विनोद, नन्दिनी त्रिपाठी, स्वामिनी आदित्यनन्दा, संदीप, दिलीप, दीपक, डॉ. एमएम स्वामी व परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमार उपस्थित थे।

परमार्थ में 150 योग क्रियाओं का होगा प्रदर्शन

योग महोत्सव की मेजबानी परमार्थ निकेतन कर रहा

ऋषिकेश।
अन्तरराष्ट्रीय योग महोत्सव में परमार्थ निकेतन में 150 योग क्रियाओं के प्रमुख प्रारूपों का प्रदर्शन होगा। परमार्थ में आयोजित पत्रकार वार्ता में स्वामी चिदानंद मुनि और साध्वी भगवती ने बताया कि योग महोत्सव में 100 से अधिक देशों के लगभग 1200 योग साधक भाग लेने के लिए आश्रम पहुंचने शुरू हो गए हैं। योग महोत्सव का शुभारंभ और समापन परमार्थ निकेतन में ही किया जाएगा।
योग महोत्सव में दो मार्च को पीएम नरेन्द्र मोदी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से योग साधकों को संबोधित करेंगे। छह मार्च को सूफी गायक कैलाश खेर और सात मार्च को शिवमणि की प्रस्तुति योग महोत्सव का आकर्षण होंगे। चिदानंद मुनि और साध्वी भगवती ने बताया कि देश-विदेश से आए आध्यात्मिक महापुरुष और धर्मगुरुओं द्वारा धार्मिक संवाद व प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन किया गया है। इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी और भारतीय दर्शन की कक्षाएं भी संचालित होंगी।

ऋषिकेश स्टेशन पर बनेगा जैविक शौचालय

ऋषिकेश।
ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर जैविक शौचालय बनेगा। बुधवार को परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने पौधरोपण कर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। दिसंबर तक शौचालय बन कर तैयार हो जाएगा।
रेलवे स्टेशन परिसर में शुभारंभ कार्यक्रम में ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, रेलवे स्टेशन अधीक्षक आरएस मीणा भी उपस्थित रहे। इस दौरान पूरे स्टेशन पर स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। स्वामी चिदानंद मुनि ने अराध्या इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख पीडी शर्मा को शैचायल का निर्माण दिसंबर माह तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए।
102इस अवसर पर आचार्य संदीप शर्मा, नरेन्द्र बिष्ट, गुरमीत ओबराय, संदीप गौर, सुनील आदि उपस्थित थे।

परमार्थ निकेतन में स्वरोस्की वाटर स्कूल का उदघाटन

ऋषिकेश।
परमार्थ निकेतन में स्वरोस्की वाटर स्कूल का शुभारंभ हो गया। परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने कहा कि छात्र देश का भविष्य हैं। वह जल व स्वच्छता के लिए जागरूक रहें। शुभारंभ अवसर पर कैंबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह पंवार उपस्थित रहे।
मंगलवार को स्कूल के शुभारंभ अवसर पर स्वरोस्की विद्यालय के छात्रों ने मनमोहक नृत्य, नाटिकाओं की प्रस्तुति दी। परमाध्यक्ष ने कहा कि जल व उसकी स्वच्छता को लेकर प्रत्येक मनुष्य को जागरूक होने की आवश्यकता है। आओ जल को बचाएं हम के नारे को लेकर बच्चों को जागरूक करने की आवश्यकता है। विद्यालय का शुभारंभ इसी उदेश्य से किया गया है। जिससे बच्चों में जल की स्वच्छता को लेकर विभिन्न तौर तरीकों को बताया जाएगा। शहर विकास एवं लघु सिंचाई मंत्री प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि बच्चे आने वाले कल का भविष्य हैं। अगर इनमें प्रकृति एवं जल संरक्षण के प्रति जागरूकता आ गई तो विलक्षण परिवर्तन लाया जा सकता है। इस अवसर पर श्रीमती डोना, नरेंद्र सिंह रावत, राजेंद्र भट्ट आदि उपस्थित रहे।

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