धनिष्ठा नक्षत्र में सुबह साढ़े चार बजे खुले बदरीनाथ धाम के कपाट

शुक्रवार सुबह विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद सुबह 4.30 बजे धनिष्ठा नक्षत्र में बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन मे मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु, हकहकूकधारियो सहित केवल 11 लोग ही शामिल हुए।

भगवान बदरी विशाल के गर्भ गृह के द्वार खुलते ही सबसे पहले बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने गर्भ गृह में सबसे पहले प्रवेश किया। शीतकाल में जिस ऊनी घृत कम्बल को भगवान ओढ़ाया गया था उसे रावल जी ने श्रद्धा पूर्वक निकाला। इसके बाद रावल ने पवित्र जलों से भगवान का स्नान करवाया और भव्य अभिषेक किया। इस दौराना सभा मंडप में धर्माधिकारी और अपर धर्माधिकारी वेद पाठी मंत्रोच्चार करते रहे।

मंदिर परिसर को किया सैनिटाइज
कपाट खोलने से पहले बदरीनाथ सिंह द्वार, मंदिर परिसर, परिक्रमा स्थल, तप्त कुंड के साथ ही विभिन्न स्थानों को सैनिटाइज किया गया। योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर में कुबेर जी, उद्धव जी और गरुड़ जी की विशेष पूजाएं हुईं। हक-हकूकधारियों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए भगवान श्री बदरीनाथ की पूजा अर्चना की और पुष्प अर्पित किए। 

ऋषिकेश पुष्प सेवा समिति ने सजाया बदरीनाथ मंदिर
बदरीनाथ धाम को 10 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से मंदिर को सजाया गया। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश की ओर से मंदिर को सजाया गया है।

अब कैलाश मानसरोवर यात्रा हुई सुगम, चीन सीमा तक बनी सड़क

अब कैलाश मानसरोवर की यात्रा एक सप्ताह में की जा सकेगी। चीन सीमा तक सड़क बनने से इस यात्रा में यात्रियों को दिक्कतों का सामना कम होगा। इससे पूर्व इस यात्रा को करने में 21 दिन का समय लगता था। यात्रियों को आधार शिविर धारचूला से लगभग 80 किलोमीटर की यात्रा पैदल ही तय करनी पड़ती थी।

मगर, अब सीमांत तक सड़क बनने से अब कैलाश यात्री दिल्ली से सीधे लिपुलेख पहुंच सकेंगे।  इस सड़क के बनने से अब तक कठिन मानी जाने वाली यात्रा सुगम हो जाएगी। इसके अलावा छोटा कैलाश की यात्रा भी सुगम होगी।

छोटा कैलाश के यात्री गुंजी, कुटी और जौलिंगकांग तक वाहन से पहुंच सकेंगे। इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीआरओ की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अद्भुत और प्रशंसनीय है कि सीमा सड़क संगठन ने इस कठिन कार्य को पूरा किया।

घट्टाबगढ़-लिपुलेख सड़क के ऑनलाइन उद्घाटन के अवसर पर मौजूद रहे अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के सांसद अजय टम्टा ने चीन सीमा के लिए मुनस्यारी से बन रही धापा-बोगड्यार-मिलम मार्ग का मामला भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष उठाया। इस पर उन्होंने कहा कि 2021 मार्च तक इस मार्ग का भी निर्माण पूर्ण हो जाएगा।

तीर्थ पुरोहितों के हकहकूकों के साथ नहीं होगी छेड़छाड़ः सीएम

चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड राज्य के धार्मिक स्थलों को बुनियादी सुविधाएं देगा। इससे किसी भी तीर्थ पुरोहित, हकहकूकधारी के अधिकारों के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और इनके आसपास के मंदिरों का प्रबंधन चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नियंत्रण में रहेगा। लेकिन, इनसे जुड़े पुजारी, न्यासी, तीर्थ, पुरोहितों, पंडों और हकहकूकधारियों को वर्तमान में प्रचलित देव दस्तूरात और अधिकार यथावत रहेंगे।

उन्होंने कहा कि कहा कि जब हम कोई भी सुधार करते हैं तो उसकी प्रतिक्रिया होती ही है। सीएम ने साफ अल्फाज में कहा कि तीर्थ पुरोहितों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखा जायेगा। प्रदेश के चार धाम सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर देश-विदेश से के श्रद्धालु आना चाहते हैं। उत्तराखंड को अच्छे आतिथ्य के रूप में जाना जाता है। देश-विदेश के श्रद्धालुओं को उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर आने का मौका मिले और उन्हें अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हों इसके लिए यह विधेयक लाया गया है। मालूम हो कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड विधेयक को राजभवन ने मंजूरी दे दी है।