घायलों से मिले प्रभारी मंत्री अग्रवाल, खोए सामान को लेकर डीएम को दिए निर्देश

प्रभारी मंत्री उत्तरकाशी डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बीते रोज गुजरात के श्रद्धालुओं से भरी बस के दुर्घटना में घायल हुए यात्रियों का एम्स ऋषिकेश पहुंचकर हाल जाना। इस दौरान डा. अग्रवाल ने घायलों का उपचार कर रहे चिकित्सकों से भी वार्ता की। साथ ही गंभीर रूप से घायलों को समुचित उपचार दिए जाने के लिए कहा। मौके पर प्रभारी मंत्री डा. अग्रवाल ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी से दूरभाष पर वार्ता कर घायलों के खोए सामान, मोबाइल फोन को पहुंचाने के भी निर्देश दिए।
सोमवार को मंत्री डा. अग्रवाल ने एम्स ऋषिकेश में उपचार को पहुंचे घायलों नैनाबेन (59), विवेक (23), मनीष (51), मुकेश (27), हरेंद्र सिंह (39), गुरूभाई (38), ब्रिजराज (40), संजय (42), अशोक (43), सुरेश (55), रेखा (52), देवकर (52), संजू (29), मीराबेन (27) के स्वास्थ्य की रिपोर्ट जानी। चिकित्सकों से स्वास्थ्य रिपोर्ट जानने के बाद मंत्री डा. अग्रवाल ने घायलों से वार्ता की।
डा. अग्रवाल ने घायलों से वार्ता कर बताया कि उत्तराखंड सरकार आपके साथ हैं, कहा कि करीब चार लोग ज्यादा चोटिल हैं, जिनका समुचित उपचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शेष घायलों के जल्द स्वास्थ्य लाभ होने पर डिस्चार्ज किया जाएगा।
डा. अग्रवाल के समक्ष घायलों से वार्ता के दौरान सामान, मोबाइल फोन इत्यादि के खोने की जानकारी मिली। जिस पर डा. अग्रवाल ने मौके से ही जिलाधिकारी उत्तरकाशी को दूरभाष पर वार्ता कर घायलों के खोए सामान, मोबाइल फोन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इस दौरान उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा, तहसीलदार चमन सिंह, एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डा. मधुर उनियाल, जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल आदि उपस्थित रहे।

मृतक परिजनों से मिले जिला प्रभारी मंत्री अग्रवाल
प्रभारी मंत्री उत्तरकाशी डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने हिमालय अस्पताल पहुंचकर मृतकों के परिजनों से वार्ता की। उन्होंने मृतकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी ने बताया मृतका मीना बेन का अंतिम संस्कार परिजनों के कहने पर मंगलवार को हरिद्वार में किया जाएगा, जबकि मृतक राजेश भाई मेर, मीना कमलेश्वर उपाध्याय, गीगा भाई गाया, जोशी अनिरूद्घ भाई हसमुख, दक्षा जी मेहता, करण भदरी का शव भेजा जा रहा है। इस मौके पर तहसीलदार सोहन सिंह भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने जाना चमोली घटना के घायलों का हाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स ऋषिकेश जाकर जनपद चमोली की दुखद घटना में घायल हुए 06 घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने घायलों की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री ने घायलों के समुचित इलाज के संबंध में एम्स के चिकित्सकों से भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने घायलों के इलाज में कोई कमी न रहे, इसकी भी चिकित्सकों से अपेक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटना की जानकारी प्राप्त होते ही चमोली के लिए रवाना हो गये थे, किन्तु मौसम की खराबी के कारण उन्हें वापस आना पड़ा। उसके बाद मुख्यमंत्री ने एम्स ऋषिकेश जाकर घायलों का हालचाल जाना।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जनपद में हुई दुखद घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए मृतकों की आत्मा की शांति एवं उनके परिवारजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में बिजली के करंट लगने से 16 लोगों के हताहत होने की सूचना मिली है। जिलाधिकारी चमोली को घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जिम्मेदारी तय करते हुए दोषी और लापरवाह पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी। बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। 6 घायलों को हेलीकॉप्टर द्वारा एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया है। सरकार और प्रशासन के द्वारा राहत एवं बचाव कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली घटना में मृतकों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपए की राहत राशि अविलंब प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोन कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चमोली घटना के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घायलों को एम्स ऋषिकेश हेलीकॉप्टर से लाया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय को भी घटना की पूरी जानकारी दी गई है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिलाधिकारी चमोली ने अपर जिलाधिकारी चमोली को एक सप्ताह के अन्दर घटना की विस्तृत मजिस्ट्रियल जांच करने के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस घटना की विस्तृत जांच के साथ ही इसमें पाई जाने वाली लापरवाही के जिम्मेदार लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सभी गंभीर घायलों को हेलीकॉप्टर से इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश लाया गया है। मुख्यमंत्री जिला प्रशासन से हर अपडेट की जानकारी ले रहे हैं।

एम्स, ऋषिकेश में भर्ती घायलों में महेश कुमार पुत्र रूपदास, नरेन्द्र लाल पुत्र असीम दास, आनन्द पुत्र गम्मालाल, सुशील कुमार पुत्र सुदामा लाल, संदीप मेहरा पुत्र सुलोचन, पीआरडी रामचन्द्र पुत्र पुष्कर लाल शामिल है।

एम्स की नई निदेशक डा. मीनू सिंह ने किया पदभार ग्रहण

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आज संस्थान की नवनियुक्त निदेशक प्रोफेसर डा. मीनू सिंह ने पदभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान संस्थान के फैकल्टी सदस्यों व अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

बृहस्पतिवार को एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने संस्थान में विधिवत ज्वाइनिंग ले ली। इस दौरान संस्थान के डीन प्रोफेसर मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. संजीव मित्तल समेत फैकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों व अधिकारियों ने निदेशक का जोरदार स्वागत किया।
गौरतलब है कि प्रोफेसर मीनू सिंह इससे पूर्व पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी विभागाध्यक्ष व टेलीमेडिसिन की हेड रही हैं। प्रो. मीनू सिंह ने डब्ल्यूएचओ के साथ भी कार्य किया है। इसके अलावा उनका बच्चों में अस्थमा, तपेदिक व सिस्टिक फाइब्रोसिस आदि विषयों में महत्वपूर्ण शोध व योगदान रहा है।

एम्स के चिकित्सकों ने जटिल कार्डियक का किया सफल ऑपरेशन

एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने बिजनौर निवासी एक 16 वर्षीय किशोर र्की एओटिक वाल्व एन्डोकार्डाइटिस एवं सैम की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। बताया गया है कि उक्त किशोर बचपन से ही जल्दी थकान, सांस फूलने और घबराहट आदि लक्षणों से परेशान था। निदेशक एम्स प्रो. अरविंद राजवंशी ने जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए चिकित्सकीय टीम की सराहना की है।

बिजनौर, उत्तरप्रदेश निवासी 16 वर्षीय किशोर जो ​कि बचपन से ही सांस फूलने, घबराहट और जल्दी थकान लगने जैसी समस्याओं से ग्रसित था। उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश आने पर यहां कार्डियक थोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग सीटीवीएस विभाग में जांच करने पर पता चला कि उसके दिल में छेद है। मगर आसपास हृदय शल्य चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं होने के कारण वह अब तक अपना इलाज नहीं करा पाया। जिसके चलते बीमारी बढ़ने पर उसे पिछले तीन महीने से लगातार बुखार की शिकायत होने लगी थी,जिसके बाद वह अपने संपूर्ण उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश पहुंचा। संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग में विभागाध्यक्ष डा. भानु दुग्गल एवं डा. यश श्रीवास्तव ने किशोर की जांच कर पता लगाया कि उसके दिल में वाल्व में इन्फैक्शन हो गया है एवं उसका वाल्व खराब हो गया है। यही नहीं उसके वाल्व और छेद के बीच में एक झिल्ली बन गई है जिससे उसके शरीर में खून पंप नहीं हो पा रहा था।
जिसके बाद चिकित्सकों ने उसे लगभग एक माह अस्पताल में भर्ती रखा और एंटीबायोटिक दवा दी गई। इसके बाद मरीज को बेहद जटिल ओपन हार्ट सर्जरी के लिए सीटीवीएस विभाग के पीडियाट्रिक कॉर्डियक सर्जन डा. अनीश गुप्ता के पास भेजा गया। इसके बाद करीब 6 घंटे चली अत्यंत जोखिमपूर्ण सर्जरी को डा. अनीश गुप्ता एवं उनकी टीम ने बखूबी अंजाम दिया और किशोर को नया जीवन प्रदान किया। किशोर के उपचार में एनिस्थिसिया विभाग के डा. अजेय मिश्रा ने बेहोशी एवं आईसीयू में मरीज की रिकवरी में अहम भूमिका निभाई। सीटीवीएस विभागाध्यक्ष डा. अंशुमन दरबारी ने बताया कि हमारा विभाग वक्त रहते सभी मरीजों को संपूर्ण उपचार उपलब्ध कराने के लिए सततरूप से प्रयासरत है।
एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने व किशोर को नवजीवन प्रदान करने के लिए डा. अनीश गुप्ता व उनकी टीम की सराहना की। चिकित्सक ने बताया कि मरीज अब पूरी तरह से फिट है,जिसे डिस्चार्ज जल्द करने की तैयारी है।
क्या है इन्फैक्टिव एन्फैक्टिव एंडोकार्डाइटिस और सैम चिकित्सक ने बताया कि जिन बच्चों का समय रहते दिल के छेद का आपरेशन नहीं हो पाता है, उनको हार्ट के वाल्व में लीकेज और इन्फैक्शनका रिस्क रहता है। जिसे इन्फैक्टिव एंडोकार्डाइटिस कहा जाता है। यह एक जानलेवा स्थिति होती है, यही नहीं छेद से खून के बहाव से एक झिल्ली बन जाती है जिसे सैम अथवा सब एरोटिक मैम्ब्रोन कहते हैं। यह शरीर में रक्त के बहाव में रुकावट उत्पन्न करती है।

एम्स का गड़बड़झालाः ऑटोमेटेड रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद और केमिस्ट शॉप खोलने के मामले में सीबीआई ने दर्ज कराई दो एफआईआर

ऋषिकेश एम्स में खरीददारी घोटाले पर सीबीआई के एक्शन से हड़कंप मच गया है। सीबीआई ने आज को एम्स में ताबड़तोड़ छापेमारी की और फिर दो मामलों में एफआईआर दर्ज कर दी। इन मामलों में 11 अधिकारियों/डॉक्टरों और फर्मों के खिलाफ अलग-अलग आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस घोटाले के मामले में आरोपियों के 24 अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी चल रही है।

जिन दो मामलों में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है उनमें ऑटोमेटेड रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद और एम्स परिसर में केमिस्ट शॉप खोलने के टेंडर के मामले हैं। 2 फरवरी से 7 फरवरी के बीच एम्स में सीबीआई की छापेमारी में कई अनियमितताएं सामने आई थी। जिन पर एक्शन लिया गया है। इन मामलों में धारा 120बी-, धारा 420 के तहत 11 अफसरों, डॉक्टरों व फर्मों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि एम्स में उपकरणों की खऱीद में भारी धांधली की गई। बिडिंग प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां की गई ।

दोगुनी कीमत पर खरीदी खराब मशीन

सीबीआई की जांच के मुताबिक एम्स में ऑटोमेटेड रोड स्वीपिंग मशीन की खरीद के लिए डर निकाले गए। इसमें यूरेका फोर्ब्स जैसी कंपनी ने भी हिस्सा लिया। लेकिन तकनीकी खामियां बताते हुए यूरेका को टेंडरिंग से बाहर कर दिया गया। जबकि प्रो मेडिक डिवाइसेस नाम की कंपनी को मशीन खरीद की टेंडरिंग में वॉक ओवर दिया गया। जिस मशीन की कीमत यूरेका ने महज 1 करोड़ बताई थी, एम्स ने उस मशीन को प्रो मेडक कंपनी से दो करोड़ की कीमत पर खरीदा। यही नहीं जो मशीन खरीदी गई वो ठीक से काम भी नही कर पाई। औऱ 124 घंटे चलने के बाद इसकी मेंटिनेंस पर ही करीब साढ़े चार लाख रुपए खर्च किए गए। दावों के बिल्कुल उलट इस मशीन की जांच में इसमें जीपीएस इंस्टॉल भी नहीं था। जांच में ये बात भी निकलकर सामने आई कि इस कंपनी ने एम्स को 2018 में मानव कंकाल उपलब्ध कराए, जिसके लिए तीन महीने में करीब 3 करोड़ वसूले।

कपड़े की फर्म को केमिस्ट शॉप का ठेका

सीबीआई की दूसरी एफआईआर में एम्स में गड़बड़ियों की पोल खुली है। यह मामला एम्स के अंदर केमिस्ट शॉप के संचालन का है। इसके लिए करीब 7 फर्मों ने आवेदन किया। लेकिन इसमें से अनुभव रखने वाली 4 फर्मों को यह कहकर टेंडर से बाहर कर दिया कि उनके पैन कार्ड में इशू है। इसके बाद त्रिवेणीसेवा फार्मेसी नाम की कंपनी कोमेडकल शॉप का टेंडर मिल गया। जांच में यह निकला कि इस क्षेत्र की अनुभवी कंपनी वेंकटेश फार्मा ने केमिस्ट शॉप के लिए करीब 2.5 करोड़ की बिड लगाई थी। लेकिन उसको दरकिनार करके त्रिवेणी फार्मा को महज 50 लाख 40 हजार की बिड पर ठेका मिल गया। सीबीआई की जांच में यह भी सामने आया कि त्रिवेणी सेवा फार्मेसी को केमिस्ट क कोई अनुभव नहीं था। यह कंपनी कपड़े बेचने का कारोबार करती थी। लेकिन टेंडर प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने भारी धांधली करते हुए इस कंपनी को टेंडर दिला दिया।

मिशन स्माईल अभियान के तहत एम्स ऋषिकेश में 60 बच्चों के निशुल्क होंगे कटे होंठ व तालू के ऑपरेशन

एम्स ऋषिकेश में मिशन स्माइल अभियान के तहत कटे होंठ और तालू के निशुल्क आपरेशन किए जाएंगे। संस्थान में बुधवार से चार दिनों तक लगातार ऑपरेशन होंगे। जिनमें मिशन के तहत्र पंजीकृत 60 बच्चों और युवाओं की सर्जरी की जाएगी।

एम्स ऋषिकेश के प्लास्टिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. विशाल मागो व चिकित्सक डॉ. देवरति चटोपाध्याय ने बताया कि एम्स संस्थान में 2016 से अब तक 320 मरीजों की सफल सर्जरी की जा चुकी है। यह सभी मरीज बेहतर तरीके से अपनी निजी जिन्दगी जी रहे हैं। बताया कि मिशन स्माइल एक 80 जी- और एफसीआरए पंजीकृत मेडिकल चौरिटेबल ट्रस्ट है, जो कि कटे होंठ, कटे तालू और चेहरे की अन्य विकृतियों के साथ पैदा हुए बच्चों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए निशुल्क सर्जरी की सेवा प्रदान करता है। संस्था इस मुहिम को लेकर समर्पित होकर कार्य कर रही है। संस्था 2002 से मिशन स्माइल के तहत अब तक 61,000 से अधिक कटे होंठ व कटे तालू ग्रस्त रोगियों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान कर चुकी है। इस संस्था से एम्स ऋषिकेश वर्ष 2016 से जुड़कर इस तरह के ग्रसित मरीजों की सेवा में जुटा हुआ है। मिशन स्माइल ने इस मिशन के अंतर्गत भारत में अब तक 110 से अधिक चिकित्सा मिशन संचालित किए हैं। एम्स ऋषिकेश में 6 अप्रैल से 9 अप्रैल-2022 तक भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड की सीएसआर पहल के तहत मिशन स्माइल के तहत पंजीकृत 60 बच्चों, युवाओं व अन्य लोगों के कटे होंठ, कटे तालू की मुफ्त सर्जरी की जाएगी। इनमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश आदि प्रांतों के मरीज शामिल हैं। इस चिकित्सा मिशन में प्लास्टिक चिकित्सा विभाग, एनेस्थिसियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, डेंटिस्ट्री, स्पीच थैरपी और नर्सिंग स्टाफ मिलकर एम्स ऋषिकेश में एक टीम की तरह कार्य करेगी।

सेवा के 20 वर्ष पूरे होने पर पीएम के नाम पाती

राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और महापौर अनिता ममगाईं सहित बूथ अध्यक्ष एवं शक्ति केंद्रों के संयोजक ने गंगा किनारे बैठकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवैधानिक पदों पर आसीन होने के 20 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री के नाम पत्र लिखे। जिसमें सभी बूथ अध्यक्षों एवं शक्ति केंद्र संयोजको सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाएं अपने पत्र के माध्यम से प्रकट की।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक संविधानिक जीवन के 20 वर्ष पूरे करने पर ऋषिकेश में आयोजित कार्यक्रम में पहुंच कर देवभूमि के प्रति आकर्षण एवं लगाव को दर्शाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके द्वारा निरंतर राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं वह अद्भुत है।
बलूनी ने कहा है कि बूथ स्तर के कार्यकर्ता संपूर्ण देश में प्रधानमंत्री के समर्थन में उत्साहपूर्वक आज पोस्टकार्ड एवं पत्र के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व लंबे समय तक इस देश को मिलता रहे, जिससे यह देश विश्व गुरु के पद पर आसीन हो।
इस अवसर पर विधायक देशराज कर्णवाल, राष्ट्रीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेड़ा, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव जेटली, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा बिपिन कैंथोला, मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, रजनी बिष्ट आदि सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

एम्स के ओबीजी डिपार्टमेंट की रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनेकॉलोजी डिवीजन में हुआ युवती का सफल ऑपरेशन 

एम्स ऋषिकेश में 2019 में स्थापित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइलेकोलॉजी डिवीजन में नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लास्टीस नामक दुर्लभ एवं अति जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक हुई है, रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी विंग ने पूर्व में भी कुछ नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लास्टीस एवं कई तरह की और भी दुर्लभ एवं जटिल शल्य चिकित्सा की हैं। गोरखपुर एम्स से रेफर होकर आई एक 20 साल की अविवाहित युवती को शनिवार को ऑपरेशन थियेटर में नया जीवनदान मिला। सर्जरी को रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन के डॉक्टर नवनीत मागों और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। एम्स का स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का यह डिवीजन दुनिया के मेडिकल संस्थानों में अपनी तरह का पहला डिवीजन है।                                                                                 गत वर्ष एक ऐसे ही मरीज की सर्जरी करके एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन ने देश के मेडिकल साइंस एवं शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में नई उपलब्धि हासिल की थी। 

डा. नवनीत के अनुसार इस युवती का जन्म से ही कंजेनिटल एड्रिनल हाइपरप्लेशिया और क्लिटोरिस का आकार बढ़ा हुआ था I बेटी के दांपत्य जीवन को लेकर चिंतित पिता ने देश के विभिन्न मेडिकल संस्थानों में उसका परीक्षण कराया, लेकिन कहीं भी इसका समुचित उपचार नहीं मिल पाया, एम्स गोरखपुर से मरीज को उपचार के लिए ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया। जहां डा. नवनीत मग्गों ने युवती का स्वास्थ्य परीक्षण कराया, जिसके बाद उसकी क्लिटोरोमेगली अर्थात  क्लिटोरल हाइपरट्राफी का पता चल सका                 

 चिकित्सक ने बताया कि यह एक दुर्लभ किस्म का मामला था, क्योंकि महिला का क्लोटोरिस पुरुष के लिंग की तरह बड़ा था एवं बाकी का जननांग विकृत था। संस्थान के स्त्री रोग विभाग की पुनर्निर्माण और कॉस्मेटिक स्त्री रोग इकाई के डॉ. नवनीत मग्गों और उनकी टीम ने नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लासटी तकनीक के माध्यम से इसका सफल उपचार किया एवं साथ में ही इस महिला के लेबिया माइनोरा (लघु भगोष्ठ) का भी पुनर्निर्माण किया। लगभग दो घंटे चली इस सर्जरी में चिकित्सकीय दल उसे एक सामान्य स्त्री रूप और अंजाम देने में सफल रही।                                                                                             उन्होंने बताया कि संस्थान में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की पुनर्निर्माण और कॉस्मेटिक स्त्री रोग डिवीजन की स्थापना के बाद से इस डिवीजन में पूरे देश से लगातार कई अन्य तरह के मामले पूर्व में भी रेफर होकर आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसकी वजह यह है कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की इस इकाई की स्थापना देश ही नहीं, विश्व के किसी भी मेडिकल संस्थान में नहीं है, एम्स ऋषिकेश में यह अपनी तरह की पहली डिवीजन खुली हैI                                                                                                                   उन्होंने बताया कि इस सर्जरी युवती को एक नया जीवन मिला है, लिहाजा अब वह एक सामान्य यौन जीवन जी सकती हैं और वैवाहिक जीवन के लिए पूरी तरह फिट है।                                                                                                                    रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन ने विश्व में पहली बार एम. सी. एच.कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी शुरू की है।  एम्स ऋषिकेश में स्थापित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की इस डिवीजन की प्रशंसा भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी की हैI जल्द ही एम्स की इस इकाई की ओर से पूरे विश्व से मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से विदेशी मरीजों का भी इलाज शुरू किया जाएगा। जिससे एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड और पूरे देश का नाम विश्व में रोशन करेगा। इससे उत्तराखंड के नागरिकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जिससे प्रदेश को आर्थिक लाभ होगा और देश को विदेशी मुद्रा में आय मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि यही हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी स्वप्न है कि हमारे देश का नाम पूरे विश्व में हो।

एम्स में आयोजित वेबिनार में बच्चों के बढ़ते मोटापे पर चिंता व्यक्त की गई

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में बच्चों में बढ़ते मोटापे की वृद्धि को रोकने के लिए जंक फूड पैकेजों में चीनी, नमक व वसा के चेतावनी लेवल को दर्शाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने कहा कि इस मामले में ठोस नीति बनाने की नितांत आवश्यकता है। एम्स ऋषिकेश ने वेबिनार के माध्यम से पैकेज फूड्स में चीनी, नमक और वसा के चेतावनी लेवल को दर्शाने के लिए जनजागरुकता मुहिम की शुरुआत की है। विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में होने वाली मोटापे की वृद्धि स्वास्थ्य की दृष्टि से खतरनाक है। राष्ट्रीय स्तर के इस वेबीनार में देश के विभिन्न मेडिकल संस्थानों के स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि जंक फूड में चीनी, नमक और वसा पर चेतावनी लेबल और इनकी मात्रा का उल्लेख होने से भारत में बच्चों में बढ़ती मोटापे की वृद्धि को रोका जा सकता है। संस्थान के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा कि चिकित्सक होने के नाते हम सभी को इस समस्या को समझना होगा। इस स्थिति को रोकने के लिए अकेले बच्चे या उनके परिवार वाले ही नहीं बल्कि नीति निर्माताओं, खाद्य उद्योग और चिकित्सकों का सामुहिक कर्तव्य है।

क्लिनिकल एपिडेमियोलॉजी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बिलियरी साइंसेज के प्रोफेसर उमेश कपिल का कहना है कि जंक फूड वाले पैकेजों में भारत को नमक, चीनी और संतृप्त वसा के लिए स्पष्ट कट ऑफ स्थापित करने की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ ने फ्रंट ऑफ पैकेजिंग लेबलिंग (एफओपीएल) को एक नीति के रूप में पहचाना है। इस नीति के लागू होने से बच्चों और उपभोक्ताओं को सूचना के साथ स्वस्थ भोजन का विकल्प चयन करने में मदद मिलेगी। एम्स ऋषिकेश में इस प्रोजेक्ट का संचालन कम्यूनिटी एवं फेमिली मेडिसिन विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डा. प्रदीप अग्रवाल कर रहे हैं।

जानें, कोविड काल में गर्भवती महिलाओं को इन बातों का रखना होगा ध्यान


कोरोना की दूसरी लहर गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक है। कोरोना से संक्रमित होने पर ऐसी महिलाओं की श्वसन प्रणाली प्रभावित हो सकती है और उनका जीवन जोखिम में पड़ सकता है। एम्स ऋषिकेश ने इस मामले में उन्हें विशेष एतिहात बरतने की सलाह दी है।

गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण से विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। वायरस के संक्रमण से उनको और उनके गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के जीवन को गंभीर खतरा हो सकता है। इस बाबत निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कान्त जी ने बताया कि गर्भवती महिला को यदि पहले से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर अथवा हृदय संबंधी बीमारी है तो जोखिम बढ़ने से उन दोनों के जीवन को ज्यादा खतरा हो सकता है। उन्होंने बताया कि ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस के कारण इन महिलाओं की श्वास नलियों में संक्रमण तेजी से फैलने लगता है। साथ ही उसे आईसीयू और वेन्टिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कान्त जी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण से विशेष सचेत रहने की आवश्यकता है। जरा सी लापरवाही मां और शिशु दोनों के जीवन पर भारी पड़ सकती है।

स्त्री रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जया चतुर्वेदी जी ने बताया कि यदि कोई गर्भवती महिला कोरोना ग्रसित हो जाए, तो उसे अति शीघ्र चिकित्सकीय परामर्श लेकर कोविड उपचार शुरू करना चाहिए। उपचार लेने में देरी होने पर उनका जीवन जोखिम में पड़ सकता है। उन्होंने आगाह किया कि गर्भवती महिलाएं चिकित्सीय परामर्श के बिना दवाओं का सेवन बिल्कुल नहीं करें। गर्भवती महिलाओं की देखभाल और कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं के लिए कोरोना संक्रमण इतना खतरनाक है कि समय पर उपचार शुरू नहीं किए जाने पर पेट में पल रहे शिशु की मृत्यु भी हो सकती है। इसके अलावा महिला की सर्जरी कर जन्म के तुरन्त बाद नवजात शिशु को एनआईसीयू में रखने की स्थिति भी आ सकती है। ऐसे हालातों में प्रसूता को वेन्टिलेटर सपोर्ट में रखने की संभावना दोगुनी बढ़ जाती है। डाॅ. जया चतुर्वेदी जी ने ऐसी महिलाओं के लिए निम्न बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई है।

उपाय और सावधानियां-

1. अधिक उम्र वाली गर्भवती महिलाओं को उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। इस कारण उन्हें सांस लेन में परेशानी बढ़ जाती हैं। ऐसे में इन्हें ज्यादा देखभाल की आवश्यकता होती है।
2- सामाजिक दूरी बनाकर बार-बार हाथ धोना नहीं भूलें।
3- घर पर भी मास्क का अनिवार्य इस्तेमाल करें।
4- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
5- श्वसन संबंधी किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करें।
6- अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें।
7- खांसी या छींक आने पर अपनी मुड़ी हुई कोहनी या टिश्यू पेपर से अपने मुंह और नाक को ढकें।
8- सुरक्षित रहें। लगातार खांसी और तेज बुखार होना कोरोना संक्रमण के संकेत हैं। इन लक्षणों वाले व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बचें।
7- ताजा भोजन खाएं और खूब पानी पिएं।

गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव और जोखिम-

1- भ्रूण पर प्रभाव- प्रसव का समय से पहले होना, सर्जरी की आवश्यकता पड़ना और नवजात की देखभाल करने में जोखिम होना।
2- कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला गर्भावस्था या प्रसव के दौरान बच्चे को भी संक्रमित कर सकती है।

चिकित्सक की सलाह-

1- कोविड लक्षणों वाली गर्भवती महिलाओं को परीक्षण के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
2- लक्षण नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें।
3- चिकित्सक के पास बार-बार जाने के बजाए संभव हो तो फोन द्वारा परामर्श लेें।
4- डिलीवरी का समय नजदीक है, तो तनाव में न रहें। ईमेल, संदेश या वीडियो चैट के माध्यम से अपने प्रियजनों और रिश्तेदारों के संपर्क में रहें। अत्यधिक काम न करें और अधिकाधिक आराम करें।
5- स्तनपान करवाते समय हर बार हाथ धोना नहीं भूलें।