कोर्ट के आदेश के बाद निजी संपत्ति से वन विभाग ने छोड़ा कब्जा

ऋषिकेश के नटराज चौक के समीप करीब 150 गज भूमि पर मालिकाना हक के मामले में कोर्ट के फैसले के बाद वन विभाग ने लोनिवि और स्थानीय प्रशासन के साथ संयुक्त रूप से पैमाइश की। पैमाइश के बाद वन विभाग ने कब्जा की हुई जमीन को मुक्त कर दिया है।

दरअसल, नटराज चौक पर करीब 150 गज भूमि पर मालिकाना हक को लेकर प्रेम चंद्र सिंघल पुत्र रामदास सिंघल निवासी 27 बंगाली मंदिर रोड ऋषिकेश ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद दायर किया था। दायर वाद में उन्होंने उक्त भूमि पर अपना हक जताया था। उन्होंने वाद में यह भी कहा था कि उक्त भूमि पर वन विभाग ने कब्जा किया हुआ है। मामले में कोर्ट ने चार नवंबर को पीसी सिंघल के पक्ष में फैसला सुनाया। आदेश में कोर्ट ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के साथ वन विभाग और स्थानीय प्रशासन संयुक्त रूप से सड़क के सेंटर से 50 मीटर की नपाई करे। कोर्ट ने कहा कि 50 मीटर तक लोक निर्माण विभाग की संपत्ति है, इसके बाद पीसी सिंघल की 150 गज की संपत्ति है।

इस पर वन विभाग के एसडीओ नरेन्द्र नगर डीपी बलोनी, रेंजर स्पर्श काला, वन दरोगा कमल सिंह, अखिलेश संजय, तहसीलदार रेखा आर्य, नायब तहसीलदार करण सिंह, पटवारी सतीश जोशी, लोनिवि जेई यूके गोयल, विनोद भारती, अमीन सरदार सिंह जेठुरी ने उक्त भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। एसडीओ नरेन्द्रनगर डीपी बलोनी ने बताया कि सड़क के सेंटर से नपाई पर उक्त संपत्ति को कब्जा मुक्त किया गया। इसकी रिपोर्ट कोर्ट को भेजी जाएगी।

मुख्यमंत्री से मिलेगे मीट व्यवसाई, रखेंगे अपनी बात

मीट व्यापारियों को नगर निगम की ओर से 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम मिला है। नगर आयुक्त ने साफ कहा कि बिना लाइसेंस के निगम में मीट व्यवसाय नहीं होने दिया जाएगा। वहीं, 31 दिसंबर से पूर्व जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में मीट व्यापारियों का दल मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखेगा।

बृहस्पतिवार को मुख्य नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वींरियाल के पार्षद कक्ष में पार्षदों के नेतृत्व में मीट व्यापारियों का एक दल मिला। पार्षद मनीष शर्मा ने कहा कि मीट व्यापारियों को हटाने से पहले इन्हें व्यवसाय की व्यवस्था की जाए। इससे इनके परिवार का भरण पोषण सुचारू रूप से चल सके। इस पर एमएनए नरेन्द्र सिंह क्वींरियाल ने मीट व्यापारियों को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम में बिना लाइसेंस मीट का व्यवसाय नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने 31 दिसंबर तक अपनी व्यवस्था अन्य जगह करने का समय दिया है।

वहीं, पार्षद मनीष मिश्रा ने कहा कि वह मीट व्यापारियों के साथ 31 दिसंबर से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि सीएम ने निकाय चुनाव के वक्त निगम में शामिल नए ग्रामीणों क्षेत्रों को टैक्स से मुक्त किए जाने का वायदा किया था, तो मीट व्यापारियों को भी राहत दी जाए। नगर आयुक्त से मुलाकात करने वालों में पार्षद जगत सिंह नेगी, राजेन्द्र बिष्ट, देवेन्द्र प्रजापति, विजेन्द्र मोगा, भगवान सिंह, मीट व्यापारी चांदवीर, यासीन कुरैशी, सुरेन्द्र, बाबू खान, नदीम, जीशान, याशीन, नोबीन, जीशान, फईम, भूरा, हरि, राजेश उनियाल, सौराज बिष्ट, रामपाल, आशू, मोहनलाल, प्रदीप कुमार आदि शामिल रहे।

बाल आयोग ने आरटीई में फर्जी दस्तावेजों पर एडमिशन पाने वाले उठाया यह कदम, जानिए

शिक्षा का अधिकार अधिनियम का दुरुपयोग कर तीर्थनगरी के स्कूलों में दाखिले लेने वालों को अब स्कूूल की पूरी फीस वापस करनी होगी। यह आदेश उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बुधवार को आयोग में हुई सुनवाई के बाद जारी किया है।
बता दें, ऋषिकेश में आईटीई के तहत कुल 45 बच्चे विभिन्न स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं। तीर्थनगरी की एक युवती ने तहसील प्रशासन पर आईटीई के तहत गलत आय प्रमाणपत्र बनाने का आरोप लगाया था तथा इसकी शिकायत बाल आयोग से की थी। बाल आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और पटवारी की फटकार लगाई थी। साथ ही इस पर सभी विद्यालयों में आरटीई के तहत शिक्षा लेने वालों की सूची तैयार कर उनके भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। आयोग में बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई। इसमें तहसीलदार रेखा आर्य ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता युवती ने आपत्ति जाहिर की। इसके बाद आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम का गलत तरीके से उपयोग कर शिक्षा लेने वाले बच्चों को स्कूलों की पूरी फीस वापस करनी होगी। इसके अलावा जो निर्धन वर्ग के बच्चे हैं, उन्हें नए सत्र से आवेदन कराने तथा ऐसे बच्चे जो इस अधिनियम का लाभ नहीं उठा सके हैं, उन्हें स्पांसरशिप योजना के तहत दो हजार रुपये मासिक दिए जाने के लिए आवेदन करना होगा।

योगनगरी ऋषिकेश स्टेशन से उत्तराखंड की विश्व में बनेगी विशिष्ट पहचान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास एवं चार धाम यात्रा को नये आयाम प्राप्त होंगे। इस रेल लाइन की शुरूआत में ऋषिकेश में बनने वाला सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन देश व दुनिया में उत्तराखण्ड की विशिष्ट पहचान बनाने के साथ ही राज्य को देश के विभिन्न भागों तक रेल सुविधायें उपलब्ध कराने में भी मददगार होगा। उन्होंने इस योजना की कार्य प्रगति के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए निर्माण कार्यों से जुड़े अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों से निर्माण कार्यों में और तेजी लाने के साथ ही रेलवे स्टेशनों के निर्माण में उत्तराखण्ड के शिल्प, संस्कृति एवं धार्मिक धरोहरों के स्वरूप को प्रदर्शित करने की भी अपेक्षा की।

मंगलवार को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण कार्यों का विभिन्न स्थानों पर स्थलीय निरीक्षण करने के पश्चात योग नगरी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में योजना से जुड़े अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के लिये विशिष्ट महत्व की यह परियोजना निर्धारित समय सीमा के अंदर गुणवत्ता एवं समय बद्धता के साथ पूर्ण हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य को न केवल विशिष्ट पहचान देने वाली होगी बल्कि चार धाम यात्रा को और अधिक सुगम बनायेगी। यह योजना संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र की लाइफ लाइन बनने के साथ ही इन क्षेत्रों से पलायन रोकने, रोजगार को बढ़ावा देने तथा उद्योगों की स्थापना में भी मददगार होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस रेल लाइन से पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बेहतर व्यवस्थायें सुनिश्चित हो सकेगी। निजी क्षेत्र के सहयोग से अच्छे स्कूल व अस्पतालों की भी यहां उपलब्धता हो सकेगी। यह योजना धार्मिक पर्यटन के साथ ही पर्यटन के अन्य स्वरूपों को भी बढ़ावा देने में भी सहायक होगी।

रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि परियोजना के तहत 16 टनल के कार्य को 9 पैकेज में बांटा गया है। इन सभी पैकेज के लिए डीडी एंड पीएमसी कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड किये जा चुके हैं। इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार लछमोली व श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर आर.ओ.बी. का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। श्रीनगर, गौचर व सिवाइ में रोड ब्रिज का कार्य हाल ही में प्रारम्भ किया गया है। वीरभद्र-न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग-कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।

ऋषिकेश नगर निगम के एक वर्ष पर संकल्प से शिखर की ओर शीर्षक पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सोमवार को श्रीभरत मन्दिर इण्टर कॉलेज, ऋषिकेश में नगर निगम ऋषिकेश के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निगम ऋषिकेश के अन्तर्गत लगभग 3 करोड़ 80 लाख रूपये की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने खाण्ड गांव बाईपास रोड एवं कृष्णा नगर कालोनी को नगर निगम ऋषिकेश में शामिल किये जाने, भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज को फर्नीचर के लिए 10 लाख रूपये प्रदान करने। ऋषिकेश में लोक निर्माण विभाग के भवन का पुनरूद्धार कर एक अतिथि गृह बनाये जाने की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगर निगम ऋषिकेश के लिए 10 कूड़ा निस्तारण वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया एवं नगर निगम की विकास पुस्तिका ‘संकल्प से शिखर की ओर’ का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि ऋषिकेश नगर निगम में पिछले एक साल में विकास के अनेक कार्य हुए। 2021 में हरिद्वार में भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जायेगा। इस महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आयेंगे। इस दृष्टि से हमें सुनियोजित तरीके व तेजी से कार्य करने होंगे। ऋषिकेश में जो सीवरेज ओर पाईपलाईन का कार्य चल रहा है, उनमें और तेजी लाने के निर्देश उन्होंने दिये। विश्व में देवभूमि के रूप में उत्तराखण्ड की पहचान है। सरकार का प्रयास है कि धार्मिक स्थलों का नियोजित विकास हो। उत्तराखण्ड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वर्ष 36 लाख 50 हजार से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आये। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं को सुविधायुक्त तथा सुरक्षित कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों के सुनियोजित विकास के लिए चारधाम श्राइन बोर्ड का गठन किया जा रहा है। यह श्राइन बोर्ड हमारी भविष्य की जरूरत है। इससे सभी के हितों को संरक्षित रखने का प्रयास किया जायेगा। देश के अनेक बड़े मन्दिरों के लिए श्राइन बोर्ड की व्यवस्था है। राज्य में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के दृष्टिगत चारधाम श्राइन बोर्ड का गठन राज्य सरकार का अहम सुधारवादी कदम है। ऋषिकेश में स्वछता, सीवरेज, पेयजल व अन्य कार्यो के लिए 2100 करोड़ रूपये की योजना बनायी गई है। हमारा प्रयास है कि आगामी कुम्भ स्वच्छ एवं ग्रीन कुंभ के रूप में आयोजित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वच्छता में सबको अपना योगदान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 24 हजार खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है। युवा सरकारी सेवाओं में जाने के लिए पूरी लगन से पढ़ाई करें।

मेयर ऋषिकेश अनिता ममगाईं ने कहा कि पिछले एक साल में नगर निगम ऋषिकेश के विकास के लिए हर संभव प्रयास किये गये हैं। स्वच्छता, पथ प्रकाश, सीवरेज, पेयजल एवं निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है। पिछले एक साल में 09 करोड़ से अधिक के कार्य किये गये एवं 07 करोड़ के कार्य प्रगति पर हैं।

1.77 लाख की नगदी चोरी की सूचना पर मचा हड़कंप, पुलिस पुछताछ में जुटी

ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र के एक कमीशन एजेंट के दफ्तर से 1.77 लाख रूपए की नगदी चोरी हो गई। पीड़ित ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आसपास दुकानों में लगे सीसीटीवी की फुटेज खंगाली। फुटेज में पुलिस को एक संदिग्ध युवक दिखाई दिया है। जानकारी के अनुसार, गंगानगर निवासी पुनीत त्यागी पुत्र शिवनाथ त्यागी का पुष्कर मंदिर रोड पर पुनीत कुमार एंड कंपनी के नाम से दफ्तर है। वह कमीशन एजेंट का काम करता है।

शनिवार की दोपहर करीब एक बजे दफ्तर में काम करने वाला युवक कृष्णा चौहान निवासी काले की ढाल का फोन आया। उसने फोन पर जानकारी दी कि वह एक लाख 77 हजार रुपये एकत्र करके लाया है। पुनीत त्यागी ने फोन पर अपने कर्मचारी को बताया कि वह दफ्तर में नहीं है। बात करने के दौरान ही कर्मचारी का फोन बंद हो गया। करीब एक घंटे के बाद कर्मचारी का फोन दोबारा आया। उसने बताया कि मोबाइल खराब हो गया था इसलिए पूरी बात नहीं हो पाई थी। अब वह मोबाइल को सही कराने आ गया है।

कृष्णा नामक कर्मचारी ने पुनीत से कहा कि उसे फोन ठीक करवाना है, लिहाजा उसे 150 रुपये की जरूरत है। इस पर पुनीत ने कहा कि जो रुपये वह एकत्र करके लाया है, उसी में से रुपये निकालकर फोन ठीक करवा लें। इसके बाद दोबारा फोन कट गया। करीब दस मिनट बाद कृष्णा का फिर फोन आया कि एक लाख 77 हजार रुपये चोरी हो गए हैं। आननफानन में पुनीत ने नकदी चोरी की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर चौकी इंचार्ज बस अड्डा चिंतामणि मैठानी मौके पर पहुंचे। उन्होंने सामने की दुकान की सीसीटीवी फुटेज खंगाली। फुटेज में अपराह्न करीब एक बजे संदिग्ध युवक पुनीत त्यागी के दफ्तर में घुसने की कोशिश करता हुआ दिखा है। इसके बाद वह फोन कान पर लगाकर आगे चला जाता है। इसके दो मिनट बाद संदिग्ध व्यक्ति दोबारा आता है और दफ्तर का दरवाजा खोल अंदर प्रवेश कर जाता है। निकलते समय उसके हाथ में नीले रंग का बैग दिख रहा है। आशंका जताई जा रही है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति ने चोरी की घटना को अंजाम दिया है।

डोर टू डोर कूड़ा उठान में निगम को जल्द उपलब्ध होंगे 10 कूड़ा वाहन

नगर निगम ऋषिकेश में शनिवार को जिलाधिकारी देहरादून सी रविशंकर ने निगम अफसरों सहित विभिन्न विभागोें के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में विभिन्न पार्षदों ने कूड़ा उठान की समस्या उनके समक्ष रखी। इस पर डीएम ने नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वींरियाल से वार्ता की। नगर आयुक्त ने बताया कि निगम की ओर से 10 कूड़ा वाहन की खरीद को ऑर्डर दिए गए है। इनके अगले माह मिलने की उम्मीद है। इसके बाद डोरटूडोर कूड़ा उठान की प्रक्रिया पर सुधार देखने को मिलेगा। बैठक में चंद्रभागा नदी क्षेत्र में खुले में शौच करने वालों पर डीएम बिफर पड़े। निगम को उन्होंने कहा कि भारत व राज्य सरकार का इस मामले में स्पष्ट तौर पर निर्देश है। स्वच्छता को लेकर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। उन्होंने नगर क्षेत्र में संचालित शौचालय की स्थिति जानने के बाद इन पर नियमित साफ सफाई तथा संचालित करने के निर्देश दिए है।

बैठक में यह भी जारी किए गए आदेश
– तीन दिसंबर तक नगर निगम हाथ ठेली आदि संसाधनों की मरम्मत कराएं।
– प्रतिदिन दो से पांच बजे होने वाली सफाई को रात सात बजे के बाद कराई जाए।
– 15 दिसंबर तक मोहल्ला स्वच्छता समिति गठित की जाए।
– कूड़ा वाहन जब नगर से कूड़ा लेकर गुजरे, तो ऊपर से कवर किया जाए।
– प्रत्येक पार्षद अपने-अपने क्षेत्र में स्वच्छता के लिए लोगों को प्रेरित करें।
– स्वच्छता एप के बारे में लोगों को जागरूक करें तथा शिकायतों को निस्तारित भी करें।
– नगर निगम प्रत्येक माह स्वच्छ वार्ड को लेकर प्रतियोगिता करवाए।
– कूड़ा उठान वाहन के ड्राइवर अवकाश पर होने पर वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए।
– ट्रंचिंग ग्राउंड में सप्ताह में एक दिन कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराएं।
– बाजारों से कूड़ा उठान के समय संबंधित क्षेत्र के पार्षद निगम को अवगत कराएं।
– कूड़ा पृथक्कीकरण की प्रक्रिया पार्षद अपने घर से शुरू करें।
– सीएमएस एक हफ्ते में मेडिकल कैंप सफाई कर्मियों के लिए लगवाएं।

मीटर चोरी होने पर विभागीय अधिकारियों के शब्द हम पर राजनीतिक दबाव, नहीं लगा सकते नया मीटर

ऋषिकेश में एक युवक की दुकान का बिजली मीटर दीपावली से चार दिन पूर्व अज्ञात लोगों ने चोरी कर लिया। युवक की लिखित शिकायत पर न ही पुलिस ने दिलचस्पी दिखाई और न ही बिजली विभाग के अधिकारियों ने नया मीटर लगाने की कवायद तेज की। हालत यह रहे दीपावली में सभी लोगों के घर रोशनी से चमके। मगर, उक्त युवक ने अंधेरे में ही दीपावली मनाई। अब दीपावली के तीन सप्ताह बाद भी बिजली विभाग के अधिकारी काम करने को राजी नहीं। वह अब यह दलील देकर पिंड छुड़ा रहे है कि उन पर राजनीतिक दबाव है। इसलिए वह मीटर नहीं लगा सकते है।

बीते 22 अक्तूूबर को ललित कुमार जाटव पुत्र स्व. भोपाल सिंह जाटव निवासी पुरानी जाटव बस्ती ऋषिकेश अपनी पुरानी चुुंगी स्थित डेंटिंग पेंटिंग की दुकान बंद करके घर चले गए। 23 अक्तूबर की सुबह दुकान पर काम करने वाले युवक ने उन्हें फोन पर सूचना दी कि दुकान से बिजली मीटर चोरी हो गया है।

इसकी शिकायत उन्होंने से की तो यहां एसडीओ राजीव कुमार ने कहा कि कोतवाली में जाकर लिखित शिकायत करो और उसकी एक प्रति उपलब्ध कराओ, इसके बाद मीटर लग जाएगा। कोतवाली पुलिस ने पहले जांच करने की बात कहकर तहरीर की रिसीविंग देने से इंकार कर दिया। इसके बाद ललित कुमार एसएसपी देहरादून अरुण मोहन जोशी के यहां से तहरीर की एक प्रति रिसीव करके ले आए। अब बिजली विभाग के एसडीओ राजीव कुमार मीटर लगाने से इंकार कर रहे हैं। हालत ये है कि मीटर न लगाने के लिए विभागीय अधिकारी आए दिन नये-नये दस्तावेज उपलब्ध कराने को कह रहे हैं। पीड़ित एसडीओ राजीव कुमार पर आरोप लगाते हुए बताया कि राजनीतिक दबाव के चलते वह मीटर नहीं लगा रहे है। ऐसी बात एसडीओ ने उन्हें कही है।