उत्तराखंड में पर्यटन और धार्मिक तीर्थाटन का बड़ा महत्व: मुख्यमंत्री

भारत में माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोवर्द्धन ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में शिष्टाचार भेंट की। श्री केदरानाथ एवं श्री बदरीनाथ की यात्रा पर आये गोवर्द्धन ने उनकी सुखद यात्रा के प्रति मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र का आभार व्यक्त किया। माॅरीशस के उच्चायुक्त गोवर्द्धन ने मुख्यमंत्री को माॅरीशस आने का भी निमन्त्रण दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने तथा चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। केदारनाथ पुनर्निमाण का कार्य अन्तिम चरण में है। चारधाम आॅलवेदर रोड का कार्य तेजी से किया जा रहा है। हेली सेवायें उपलब्ध करायी गई है। इससे राज्य में आने वाले पर्यटकों के साथ ही चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होने का ही प्रतिफल है कि आज लाखों की संख्या में लोग उत्तराखण्ड आ रहे है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रवासी हमारे अच्छे अम्बेसडर बन सकते है। इस दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने माॅरीशस के लोगों का अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की उन्होंने कहा की माॅरीशस के लोगों ने भोजपुरी के साथ ही भारत की अन्य भाषाओं को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया है। उनका कहना था कि भाषा ही संस्कृति की वाहक होती है।
माॅरीशस के उच्चायुक्त जे. गोवर्द्धन ने माॅरीशस से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को रियायत देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्द्रर्य पर्यटन की दृष्टि से अनुकूल तो है ही यहां के चार धाम करोड़ो लोगों की आस्था के केन्द्र भी है। उन्होंने बताया कि माॅरीशस की आबादी 13 लाख है जबकि प्रतिवर्ष 13 लाख पर्यटक वहां आते है उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग की भी बात कही। उन्होंने कहा कि माॅरीशस के लोगों की गंगा के प्रति की बड़ी आस्था है। जे. गोवर्द्धन ने माॅरीशस सरकार द्वारा भोजपुरी सहित अन्य भाषाओं के विकास के प्रति किये जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी तथा इस सम्बन्ध में प्रकाशित विभिन्न पुस्तकें भी मुख्यमंत्री को भेंट की। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कुमॉउ में नंदा देवी मेले की है अलग पहचान

कुमॉउ का प्रसिद्ध मॉं नंदा देवी मेले की आज विधिवत शुरुआत हो गई। यह मेला इस लिए भी खास है कि कुमॉउ में मां नन्दा देवी को अपनी आराध्य माना जाता है। मॉं नंदा देवी मंदिर में आज मॉं नंदा सुनंदा की मूर्तियों के लिए लाये गये कदली वृक्षों का पूजन किया गया। मौके पर चंद वंष के वंषज केसी बाबा पूर्व सांसद नैनीताल ने पूजा सम्पन्न कराई। प्रदेष के पर्यटन, सिंचाई व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी पूजा कार्यक्रम में षिरकत की। मॉं नंदा देवी मेला समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि मॉं नंदा देवी उत्तराखण्ड की अधिष्ठात्री देवी के रुप में पूज्य है। अल्मोड़ा मॉं नंदा देवी मेला ऐतिहासिक पहचान रखता है। मेले को भव्य बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

हाईकमान सुलझा पायेगा मदन कौशिक और सतपाल महाराज के समर्थकों में मारपीट का मामला!

हरिद्वार का घटनाक्रम अब भाजपा हाईकमान के दरवाजे पर आ गया है। हाईकमान अब मामले में दोनों मंत्रियों के बीच सुलह करवायेगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है। दो कैबिनेट मंत्रियों के समर्थकों के सार्वजनिक रूप से आमने-सामने आ जाने से भाजपा की किरकिरी हो रही है। वहीं अनुशासित पार्टी की छवि को भी इस घटनाक्रम से नुकसान पहुंचा है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद मंत्रिमंडल में नंबर दो की हैसियत के मंत्री हैं। इसी साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव के जरिये महाराज ने राज्य की राजनीति में कदम रखा। उत्तराखंड में भाजपा की भारी भरकम जीत के बाद वह भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, हालांकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर पुराने पार्टी कार्यकर्ता त्रिवेंद्र सिंह रावत को तरजीह दी।
वहीं, हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक भी भाजपा के कद्दावर नेताओं में शामिल हैं। विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज करते आ रहे कौशिक की छवि तेजतर्रार नेता की है। कौशिक के कद का अंदाजा इस बात ये लगाया जा सकता है कि उन्हें प्रदेश सरकार के प्रवक्ता की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी दी गई है।
गुरुवार को हुए टकराव के बाद जिस तरह पार्टी नेता और विधायक साफ तौर पर दो खेमों में बंटे नजर आए, उससे यह भी स्पष्ट हो गया कि चिंगारी काफी वक्त से सुलग रही थी और मौका सामने आते ही इसने असंतोष की आग कर रूप ले लिया। हालांकि, अब प्रदेश नेतृत्व इस असहज स्थिति से निबटने के लिए आगे आ गया है। इससे समझा जा रहा है कि जल्द इस प्रकरण का पटाक्षेप हो जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया हादसा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने हरिद्वार की घटना को महज एक हादसा बताया है। कहाकि यह दो मंत्रियों के बीच टकराव जैसी कोई बात नहीं है। दरअसल, हरिद्वार में जलभराव को लेकर स्थानीय जनता में आक्रोश था। प्रशासन अगर आश्रम प्रबंधन से इस सिलसिले में पूछ लेता, तो यह नौबत आती ही नहीं।
उन्होंने कहा कि यह मामला सतपाल महाराज के आश्रम के लोगों और नगर निगम कर्मचारियों के बीच का है। इसे बेवजह राजनैतिक रूप से तूल नहीं देना चाहिए। मैंने दोनों मंत्रियों से इस संबंध में बात की है। परिवार का मामला है, जल्द सुलझा लिया जाएगा।

हरिद्वार की घटना से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आने के संकेत!

हरिद्वार की घटना से प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा बवाल हो गया है। दो कैबिनेट मंत्रियों के समर्थकों में जमकर लाठी और डंडे चले। जिसमें नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग को गंभीर चोटें आयी है। दूसरी, ओर भाजपा के चार विधायक खुलकर सतपाल महाराज के समर्थन में आ गये है। जिसे मदन कौशिक को घेरने की राजनीति के रुप में देखा जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस प्रकरण से पूर्व मुख्यमंत्री निशंक और सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बीच और खाई पट सकती है।
आरोप है कि अतिक्रमण हटाने को गई टीम पर कार्रवाई के दौरान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के समर्थकों ने मेयर मनोज गर्ग और नगर निगम हरिद्वार के कर्मचारियों पर हमला कर दिया है। जानकारी के अनुसार बारिश के कारण खन्ना नगर में जलभराव हो रहा था। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के प्रेमनगर आश्रम के ठीक बराबर में पॉश कालोनी खन्ना नगर स्थित है। सुबह हुई बारिश के दौरान हरिद्वार की सड़कें जलमग्न हो गईं। खन्ना नगर में भी जलभराव हो गया। जलभराव की स्थिति का जायजा लेने मेयर मनोज गर्ग मौके पर पहुंचे तो वहां मौजूद भीड़ का आरोप था कि प्रेमनगर आश्रम के अतिक्रमण के चलते ही कालोनी में जलभराव की नौबत आ रही है। आरोप है कि आश्रम की ओर से नाले पर भी कब्जा किया गया है। इससे पानी की निकासी रुक गई है।
मौके पर नगर निगम की टीम जैसे ही आश्रम के अतिक्रमण को तोड़ने लगी तो आश्रम के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। मेयर गर्ग के साथ शहरी विकास मंत्री मंत्री मदन कौशिक के समर्थक मौजूद थे। देखते ही देखते दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया। आरोप है कि आश्रम से सतपाल महाराज के समर्थक डंडे लेकर आए और उन्होंने मेयर के साथ ही नगर निगम कर्मचारियों और कौशिक समर्थकों पर हमला बोल दिया। इससे मेयर को चोट आई है। उन्हें किसी तरह बचाकर अस्पताल पहुंचाया गया।
इस दौरान कौशिक के समर्थकों ने जेसीबी चला कर अतिक्रमण तुड़वा दिया। इससे गुस्साए महाराज समर्थकों ने पथराव किया तो जवाब में दोनों ओर से पत्थर बाजी हुई। इसमें दोनों पक्ष से करीब आधा दर्जन लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दौरान पुलिस को लाठियां फटकारकर किसी तरह स्थित नियंत्रित करनी पड़ी। मंत्री मदन कौशिक के समर्थक महाराज के समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर वहां प्रदर्शन करने लगे। प्रशासन और पुलिस की टीम दोनों पक्षों को समझाने में जुटी रही। उधर, नगर निगम ने सतपाल महाराज के आश्रम के गेट पर बाहर कूड़ा डाल दिया है।