मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी ज़िलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ ली समीक्षा बैठक

देहरादून। मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम ने सचिवालय में सभी जनपदों के ज़िलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों की वीडियो कॉन्फ़्रेसिंग के माध्यम से निर्वाचन की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. पुरुषोत्तम ने सभी जनपदों में सकुशल मतदान संपन्न कराने को लेकर विस्तृत दिशा निर्देश दिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में मतदान प्रथम चरण में होना है इस लिहाज से बूथ लेवल तक स्वीप गतिविधियों सहित जागरूकता कार्यक्रमों को और व्यापक स्तर पर चलाया जाए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रदेश के ऐसे जनपद जो अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगे हैं, उनके चेकपोस्ट पर और भी प्रभावी तरीक़े से निगरानी बढ़ाई जाए। सीईओ ने निर्देश दिए कि इलेक्शन सीज़र मैनेजमेंट सिस्टम (म्ैडै) में सभी एजेंसियां सीज़र रिपोर्ट, इनरसेप्ट रिपोर्ट को ज़िम्मेदारी से भरे ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि की गुंजाइश ना रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जनपदों में स्टैटिक सर्विलांस टीमें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए उन पर त्वरित कार्रवाई करें।

बैठक में स्टेट नोडल ऑफिसर (एक्सपेंडिचर एवं मॉनिटरिंग) मनमोहन मैनाली ने जानकारी दी कि प्रदेश में 1 मार्च से 16 मार्च तक 7 करोड़ रुपए से अधिक नकद धनराशि, अवैध शराब, मादक पदार्थ को सीज किया गया है, जिसमें सबसे अधिक मात्रा मादक पदार्थ की है।

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमान ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में फोर्स डेप्लॉयमेंट प्लान तैयार कर दिया गया है। प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में जो शैडो एरिया है वहां संचार व्यवस्था सुचारु करने के लिए जिलों के एसएसपी/एसपी को निर्देशित कर दिया गया है। एडीजी ए.पी. अंशुमान ने बताया कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में ड्रोन कैमरों के जरिए मॉनिटरिंग की जाएगी।

इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल, प्रताप शाह, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तु दास समेत सभी जनपदों के जिलाधिकारी, एसएसपी/एसपी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।

हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड से आमजन, स्वयं सहायता समूहों आदि को भी जोड़ा जायेः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन सभागार में हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने तथा उत्तराखंड के उत्पादों की अभिवृद्धि हेतु एक्टिव प्लान, इम्प्लीमेंटेशन तथा स्ट्रटेजी के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

मुख्यमंत्री को समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किये जाने तथा उत्तराखंड के उत्पादों की अभिवृद्धि हेतु किये जा रहे प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत देवभूमि उत्तराखण्ड के लोकल उत्पादों-झिंगोरा, लाल चावल, राजमा, गहत दाल, हल्दी पावडर, बुरांश, शहद, तोर दाल, काले सोयाबीन, बासमती चावल, दालचीनी, सेव जाम, मशरूम व लहसून का अचार सहित प्रथम चरण में 21 उत्पादों को तथा द्वितीय चरण में 22 उत्पादों को ग्लोबल बनाने के लिये कार्य किया जायेगा, जिसमें ग्राम्य विकास, वन, कृषि, उद्योग, सहकारिता सहित नीदरलैण्ड बेस्ड कम्पनी वूमन ऑन विग्स का भी सहयोग प्राप्त होगा।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कौन-कौन से प्रोडक्ट होंगे, उत्पादों की खरीददारी, कहां-कहां पर इनके स्टोर होंगे, इसमें कौन-कौन से पदाधिकारी होंगे आदि के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा करते हुये इनकी स्वीकृति प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत जो भी उत्पाद रखे जायें, उनकी गुणवत्ता, पैकेजिंग आदि पर विशेष ध्यान देते हुये इस ब्राण्ड से आमजन, स्वयं सहायता समूहों आदि को भी जोड़ा जाये तथा जल्द से जल्द इसकी शुरूआत की जाये। इस पर अधिकारियों ने बताया कि गुणवत्ता कण्ट्रोल के लिये एक टीम गठित की जायेगी, जो इस ब्राण्ड के अन्दर आने वाले उत्पादों की निरन्तर मॉनिटरिंग करेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाउस ऑफ़ हिमालयाज ब्रांड के अन्तर्गत आने वाले उत्पादों का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर0के0 सुधांशु, सचिव राधिका झा, विनय शंकर पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

सीएम ने आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों एवं मॉनिटरिंग हेतु कमेटी गठित किए जाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय देहरादून में चारधाम यात्रा 2024 की तैयारियों के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में प्रतिभाग करते हुए आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों एवं मॉनिटरिंग हेतु कमिटी गठित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने चारों धामों में यातायात प्रबंधन के सुगम संचालन हेतु एसपी/ एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारी को नियुक्त किए जाने, सभी अधिकारी एवं विभागों में आपसी समन्वय से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा बीते सालों की यात्रा में जो कमी एवं समस्याएं सामने आई हैं, उनके अनुभवों से, प्लानिंग से काम कर उन समस्याओं को इस वर्ष दूर किया जाए। संपूर्ण पैदल मार्गाे एवं संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी लगाए जाए। उन्होंने कहा यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों के हितों का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा शासन स्तर से चारों धामों की लाइव मॉनिटरिंग की जाए साथ ही आपदा कंट्रोल रूम का सुचारू संचालन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खराब मौसम पूर्वानुमान की सूचना यात्रियों तक समय से पहुंचे। जिसके लिए यात्रियों के मोबाईल पर अलर्ट मैसेज की व्यवस्था की जाए। पैदल मार्गाे की नियमित सफ़ाई हो। यात्रा मार्ग पर बने शौचालयों में विशेष तौर पर साफ सफाई रखी जाए। यात्रा मार्गाे पर शौचालय की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने मिशन मोड पर प्लास्टिक फ्री चार धाम पर काम करने के निर्देश दिए। यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व ही चारों धामों में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाए। पैदल मार्गाे में स्ट्रीट लाइट भी लगाई जाए। साथ ही यात्रा मार्ग पर सुचारू पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम मार्गों का सुधारीकरण यात्रा से पूर्व कर लिया जाए। जिन स्थानों पर अधिकांश मार्ग अवरूद्ध होते है ऐसे स्थानों का चिन्हीकरण कर जे.सी.बी / मशीन आदि की व्यवस्था की जाए। यात्रा के दौरान कोई भी मार्ग बंद होने पर उसे तुरंत खोले जाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने चारधाम यात्रा हेतु बसों व टैक्सियों आदि की आवश्यकता के सम्बन्ध में आंकलन कर पूर्व में व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य संबंधित व्यवस्थाओं का विस्तार जल्द किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा चारधाम यात्रा मार्गों पर अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों में चिकित्सा व अपेक्षित स्टाफ की तैनाती के साथ जीवनरक्षक दवाई, उपकरण, पोर्टेबल आक्सीजन सिलेण्डर एवं एम्बुलेन्स / एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा घोड़े खच्चरों को होने वाली बीमारियों की रोकथाम हेतु पैदल मार्गों पर पशु चिकित्सकों की तैनाती की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा सीजन में धामों एवं यात्रा मार्गाे पर एस०डी०आर०एफ०, पुलिस बल, जल पुलिस, गोताखोर, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती का प्रबन्धन किया जाए साथ ही जहां आवश्यकता हो वहां अस्थाई पुलिस चौकी की स्थापना भी की जाए ।उन्होंने कहा यात्रा के दौरान अच्छा कार्य करने वाले लोगों / विभागों को सम्मानित किए जाएगा।

इस दौरान बैठक में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, बी.के.टी.सी अध्यक्ष अजेंद्र अजय, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव सुभाष बगौली, वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के जिला अधिकारी, एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सीएम ने किया अल्प, मध्य तथा दीर्घकालिक विभागीय कार्य योजनायें व सशक्त उत्तराखण्ड पुस्तिकाओं का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैम्प कार्यालय सभागार में सशक्त उत्तराखंड रोड मैप तैयार किये जाने के सम्बन्ध में तैयार की गयी कार्य योजना से सम्बंधित पुस्तिकाओं-अल्प, मध्य तथा दीर्घकालिक विभागीय कार्ययोजनायें व सशक्त उत्तराखण्ड का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने पुस्तिकाओं के विमोचन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकाक्षी विजन तथा प्रखर मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड सरकार राज्य के समावेशी विकास हेतु पूर्ण समर्पण भाव से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि विगत नवम्बर में मसूरी में चिन्तन शिविर का आयोजन किया गया था, जिसके आउटकम के रूप में आज हमारे सामने राज्य के अल्पकालिक, मध्यकालिक तथा दीर्घकालिक विकास हेतु सभी विभागों के रोडमैप तैयार हैं, जिसके लिये अधिकारी सराहना के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इन रोड मैपों के माध्यम से अधिकारी लगातार समवर्ती अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें तथा इन पुस्तिकाओं में जो शार्ट टर्म व लॉन्ग टर्म योजनाओं का उल्लेख किया गया है, उन्हें धरातल पर उतारने के लिये अभी से कार्य करना सुनिश्चित करें।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख सचिव एल.एल. फैनई, सचिव शैलेश बगौली, सचिव दीपक गैरोला, अपर सचिव सविन बंसल सहित संबंधित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

23 नगरों के लिए अमृत 2.0 के तहत GIS Based Master Plan से अनुमोदन

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में स्टेट हाई पावर स्टीयरिंग कमेटी (एसएचपीएससी) की अध्यक्षता के दौरान अमृत 2.0 के तहत 23 नगरों हेतु GIS Based Master Plan को अनुमोदन दिया। पूर्व में अनुमोदित द्वितीय श्रेणी के 10 निकायों के अतिरिक्त तृतीय श्रेणी के 13 अतिरिक्त निकायों जिनमें अल्मोड़ा, बागेश्वर, गोपेश्वर, टनकपुर, विकासनगर, लक्सर, श्रीनगर, पौड़ी, टिहरी, बाजपुर, सितारगंज, गदरपुर, उत्तरकाशी में Geo GIS Based Master Plan Formulataion, Capacity Building की कार्ययोजना को आज की बैठक में अनुमोदित किया गया। अमृत 2.0 की उपयोजना GIS Based Master Plan पूर्णतः केन्द्र सहायतित है।

बैठक में सचिव डा0 अहमद इकबाल सहित शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग, पेयजल, नियोजन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने किया कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा प्रकाशित ‘‘मेरी योजना’’ पुस्तक का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा तैयार की गई “मेरी योजना“ मेरी योजना मेरा अधिकार अपणि सरकार जनता के द्वारा पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव दीपक कुमार के साथ संयुक्त सचिव एन.एस. डुंगरियाल आदि उपस्थिति थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी योजना पुस्तक से निश्चित ही प्रदेशवासियों को सरकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी मिलेगी उन्होंने कहा कि सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को एक पटल पर रखना अच्छी पहल है। उन्होंने निर्देश दिए की यह पुस्तक राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजनाओं को जानने का अवसर मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी योजना पुस्तक को प्रकाशित करने का मुख्य उद्देश्य, पात्र लाभार्थियों को जनकल्याणकारी, स्वरोजगार, रोजगारपरक, कौशल विकास, प्रशिक्षणपरक, निवेशपरक योजनाओं का लाभ आम आदमी तक पहुंचाने की प्रक्रिया को सरल शब्दों में उन तक पहुंचाना है, जिससे पात्र लाभार्थी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके और हमारा उत्तराखण्ड “सर्वश्रेष्ठ उत्तराखण्ड“ बन सके। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक जहां पात्र लाभार्थी को योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सहयोग करेगी, वहीं नीति निर्धारणकर्ताओं, शोधकर्ताओं, पाठकों के लिए रूचिकर एवं सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के प्रति भी सजग बनायेगी।

इस संबंध में सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सचिव कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग दीपक कुमार द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सचिवालय में ‘‘मेरी योजना’’ मेरी योजना मेरा अधिकार अपणी सरकार जनता के द्वार पुस्तक का विमोचन किया गया है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री जी द्वारा इस पुस्तक के ई-बुक संस्करण का भी विमोचन किया जा चुका है। ‘‘मेरी योजना’’ पुस्तक में राज्य के 55 विभागों एवं सभी विभागों में संचालित 400 से अधिक विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में संपूर्ण जानकारी एवं विवरण दिया गया। उन्होंने बताया पुस्तक की मदद से आम जन तक योजनाओं का प्रचार प्रसार में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा एक ही पुस्तक में सभी विभागों के विवरण से लोगों को योजनाओं का लाभ लेने में सहायता मिलेगी।

सचिव दीपक कुमार ने बताया कि “मेरी योजना’’ पुस्तक को ग्राम पंचायत से लेकर मा. सांसदों, विधायकों के साथ सभी जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि यह पुस्तक ई-बुक के रूप में उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट uk.gov.in पर भी उपलब्ध है।

सीएस ने किया सचिवालय कर्मियों के लिए इलेक्ट्रिक बस का शुभारंभ

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय के कार्मिकों के लिए सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम से सचिवालय के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा का शुभारम्भ किया। इस बस सेवा के माध्यम से नियमित रूप से सुबह कार्यालय समय पर सचिवालय के कार्मिकों को सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम से सुभाष रोड सचिवालय तथा शाम को सचिवालय से सचिवालय कॉलोनी केदारपुरम के लिए यात्रा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इस अवसर पर सचिवालय कार्मिकों को बधाई देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि सचिवालय कार्मिकों के लिए इस इलेक्ट्रिक बस सेवा के संचालन से कार्मिक लाभान्वित होंगे तथा साथ ही देहरादून की ट्रैफिक समस्या को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक समस्या के समाधान तथा पर्यावरण पहलुओं को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुविधाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

इस अवसर पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी तथा सचिवालय के विभिन्न अधिकारी एवं कार्मिक मौजूद रहे।

बाह्य सहायतित परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए केंद्र स्तर पर अच्छी पैरवी होः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में बाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में संचालित बाह्य सहायतित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए। जो परियोजनाए केन्द्र स्तर पर गतिमान हैं, उनमें तेजी लाने के लिए केन्द्र स्तर पर अच्छी तरह पैरवी हो सके, संबंधित विभागों द्वारा ऐसे प्रस्ताव रेजिडेंट कमिश्नर को भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रांश एवं राज्यांश की 90 और 10 के अनुपात वाली योजनाओं पर शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर कार्य किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्र सरकार के लिए जो भी प्रस्ताव बनाये जा रहे हैं, उनका गहनता से अध्ययन एवं परीक्षण के साथ परियोजना के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भेजा जाय। उन्होंने निर्देश दिये कि विभागों को अपनी परियोजनाओं को केन्द्र सरकार में जिस विभाग को भेजा जा रहा है, संबंधित विभाग से नियमित समन्वय बना कर रखें, इसके लिए सभी विभागीय सचिव स्वयं जिम्मेदारी लें।

बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अन्तर्गत ऊर्जा, आपदा प्रबंधन, ग्राम्य विकास एवं वित्त विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बैठक के दौरान जो भी निर्णय लिये जा रहे हैं, कार्यों में तेजी लाने के लिए विभागीय सचिव यथा शीघ्र निर्णयों के अनुपालन में विभागीय आदेश जारी करें और कार्य प्रगति की भी नियमित समीक्षा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग द्वारा राज्य में मौजूद बांध एवं बैराजों की मजबूती के लिये विश्व बैंक की सहायता से 274 करोड़ की संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से बांधों एवं बैराजों के संचालन एवं प्रबंधन में सुधार के साथ नियन्त्रण एवं निगरानी प्रणाली के आधुनिकीकरण एवं विद्युत उत्पादन में वृद्धि होगी। उन्होंने इस परियोजना को शीघ्रता के साथ धरातल पर उतारने के लिये सभी संबंधित विभागों से आपसी समन्वय एवं समयबद्धता के साथ कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड लोक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि राज्य की वित्तीय रिपोर्ट समय पर तैयार करने, राज्य के आंतरिक लेखापरीक्षण प्रणाली को और बेहतर बनाने, बजट एवं क्रय संबंधी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाये जाने के साथ शहरी क्षेत्रों के वार्षिक वित्तीय विवरण तैयार करने तथा शहरी स्थानीय निकायों के संपति कर संग्रह की वृद्धि के लिये भी समेकित प्रयासों की जरूरत बतायी। उत्तराखंड सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़ीकरण परियोजना की कुल लागत 274.6 करोड़ रुपये है। जिसके अन्तर्गत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के सुदृढ़ीकरण के अतिरिक्त राजस्व प्रबंधन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण, शहरी स्थानीय निकायों और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने व परियोजना प्रबंधन और निगरानी एवं मूल्यांकन के कार्य किये जाने हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रोक्योरमेंट प्रोसेस तथा फंडिंग एजेंसी के स्तर पर प्राप्त होने वाली वित्तीय सहायता प्रक्रिया के सरलीकरण पर भी ध्यान देने को कहा, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में सुगमता हो सके।

ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना ग्रामीण परिवारों की आय को दोगुना करने के साथ पलायन रोकने में मददगार होगी। आजीविका से संबंधित गतिविधियों को बढावा देने फार्म मशीनरी बैंकों में महिलाओं की भागीदारी के साथ किसानों को आधुनिक कृषिकरण से जोड़ने में इससे मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जनहित से जुड़ी सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में सभी संबंधित विभागों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित उत्तराखण्ड आपदा तैयारी से संबंधित परियोजना की समीक्षा करते हुए कहा कि 1640 करोड़ की 06 साल की इस योजना से राज्य में जलवायु परिवर्तन एवं आपदा के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी। वनाग्नि को रोकने, आपदा प्रबंधन केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण एवं इससे संबंधित अवस्थापना सुविधाओं के विकास में इससे मदद मिलेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रभावी कार्य योजना समयबद्धता के साथ तैयार कर उसके क्रियान्वयन पर ध्यान देने को कहा।

इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत सिन्हा, नीरज खेरवाल, अपर सचिव मनुज गोयल, ऊर्जा के तीनों निगमों के प्रबंध निदेशक एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

स्वास्थ्य सेवा 108 की पुरानी एवं खराब गाड़ियों को शीर्ष प्राथमिकता पर जल्द बदलने के कड़े निर्देश दिएः राधा रतूड़ी

राज्य में गर्भवती महिलाओं की कठिनाइयों को शीर्ष प्राथमिकता पर लेते हुए नवनियुक्त मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में अपनी पहली बैठक में राज्य में गर्भवती महिलाओं की चुनौतियों एवं समस्याओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को उनके जनपदों में होने वाली किसी भी गर्भवती महिला की गर्भावस्था या प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु के ऑडिट या मेटरनल डेथ ऑडिट व्यवस्था का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में रतूड़ी ने सभी जिलों जल्द से जल्द आंकडे़ स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाने तथा प्रत्येक मातृ मृत्यु प्रकरण का अलग-अलग (केस टू केस) अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में विशेषरूप से दुर्गम एवं दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच (एण्टी नेटल चेक अप ) को अनिवार्यतः सुनिश्चित करवाने हेतु स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव रतूड़ी ने प्रत्येक जनपद में सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण हुआ है या नही तथा कितनी गर्भवती महिलाओं की नियमित प्रसवपूर्व जांच की जा रही है, का टै्रक रिकॉर्ड रखने की सख्त हिदायत दी है। उन्होंने इस सम्बन्ध में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को समुचित प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में आशा एवं आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए एसओपी भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश में 82 प्रतिशत महिलाओं की प्रसवपूर्व जांच की जा रही है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अत्यन्त जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं (हाई रिस्क प्रेगन्सी) को चिहिन्त करके उनके स्वास्थ्य का नियमित फॉलोअप करने की कार्ययोजना पर पूरी गंभीरता से कार्य करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए हैं। वर्तमान में उत्तराखण्ड में संस्थागत प्रसव 91 प्रतिशत हैं, जोकि 81 प्रतिशत से बढ़कर 91 प्रतिशत हो गया है। मुख्य सचिव ने संस्थागत डीलवरी को अधिक से अधिक बढ़ाने हेतु कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान डॉक्टर्स एवं गाइनाकॉलिस्टस की कमी को पूरा करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिक से अधिक नर्सिंग ऑफिसर्स को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित विभाग को स्वास्थ्य सेवा 108 की पुरानी एवं खराब गाड़ियों को शीर्ष प्राथमिकता पर जल्द बदलने के कड़े निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी जनपदों से डोली पालकी की डिमाण्ड शीघ्र स्वास्थ्य विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जल्द ही 78.60 लाख के बजट के साथ 262 डोली पालकियां जिलों को उपलब्ध करवाया जाना प्रस्तावित है। महिलाओं के स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग से मुख्य सचिव ने जनपदों में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को पूरा करने की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश भी सभी जिलाधिकारियों को दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 796 एएनएम तथा 1376 नर्सिंग ऑफिसर्स की भर्ती की गई है। इसके साथ ही 36 विशेषज्ञ डॉक्टर्स को यू कोट वी पे के आधार पर तैनात किया गया है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गर्भवती महिलाओं को सरकारी योजनाओं के तहत दिए जाने वाले आहार की रैण्डम सैम्पलिंग करके इसको क्रॉस चौक करवाकर भोजन की पौष्टिकता की नियमित जांच के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के भोजन में स्थानीय अनाजों को प्रोत्साहित करने की हिदायत दी है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों से उनके जिलों में कितनी गर्भवती महिलाओं द्वारा वन स्टॉप सेन्टर को बर्थ वेटिंग हॉम के रूप में उपयोग किया जा रहा है, की जानकारी जल्द उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में हाई रिस्क प्रेगनेंसी के केसों के सम्बन्ध में वन स्टॉप सेन्टर हेतु 76 लाख रूपये के बजट का प्रावधान किया गया है।

मुख्य सचिव ने 104 कॉल सेन्टर व्यवस्था जिसके तहत एएनएम द्वारा गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य संबंधी फॉलों अप किया जाता हैं, को और अधिक मजबूत करने तथा इसके माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का टै्रक रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में एक सॉफटवेयर जल्द से जल्द लॉच करके सभी जनपदों में इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव रतूड़ी ने स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं की सहायता हेतु टेलीमेडिसिन को भी राज्य में अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं हेतु राज्य में 109 डिलीवरी पॉइन्टस को उपकरणों तथा मानव संसाधनों की दृष्टि से मजबूत किया जा रहा है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सभी जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में हीमोग्लोबिन मीटर की डिमाण्ड जल्द से जल्द स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिसपॉन्सिबिलिटी) फण्ड की सहायता से कार्य किया जाएगा। मुख्य सचिव ने प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से आयरन फॉलिक एसिड टेबलेट की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिए हैं।

मातृ मृत्यु दर के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड की स्थिति 103 है। राज्य सरकार द्वारा 2030 तक उत्तराखण्ड के मातृ मृत्यु दर को 70 पर लाने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में भारत में मातृ मृत्यु दर 197 है।

बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, एच सी सेमवाल, अपर सचिव आन्नद श्रीवास्तव एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी सहित सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

एसीएस ने सीएम अनुभागों का निरीक्षण कर दिए यह निर्देश, आप भी जानिए…

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री अनुभागों के कार्यालयों को 15 फरवरी तक अपनी सभी व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के साथ ही रिकॉर्ड मेंटनेस, साफ-सफाई, पुराने एवं अनुपयोगी सामानों एवं फाइलों के ऑक्शन तथा वीडिंग की डेडलाइन दी है। राधा रतूड़ी ने अगले 15 दिनों में सचिवालय के मुख्यमंत्री अनुभागों में अभियान चलाकर अनुपयोगी सामानों एवं फाइलों की वीडिंग, ऑक्शन एवं साफ-सफाई, सौन्दर्यीकरण का कार्य पूरा करने की सख्त हिदायत दी है। एसीएस ने वीडिंग की व्यवस्था को प्रत्येक वर्ष नियमित रूप से करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शुक्रवार को सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री अनुभागों का औचक निरीक्षण कर कार्यालयों की व्यवस्था, रिकॉर्ड मेंटनेस, साफ-सफाई आदि का जायजा लेते हुए एसीएस रतूड़ी ने सम्बन्धित अधिकारियों को अनुभागीय कार्यालयों को कार्मिकों के लिए गरिमापूर्ण वर्क इनवाइरमेंट बनाने के साथ ही कार्य संस्कृति में सुधार की भी नसीहत दी। उन्होंने कार्यालयों की नियमित स्वच्छता बनाये रखने, रंग रोगन करने, अनुपयोगी सामानों को हटाने, अनावश्यक पत्रावलियों की वींडिग करने तथा कार्मिकों के कार्य करने के लिए आवश्यक सुविधाओं का ध्यान रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। एसीएस राधा रतूड़ी ने व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए 15 दिनों का समय देते हुए उक्त निर्देशों के पालन की जांच हेतु पुनः निरीक्षण की बात कही।

इस अवसर पर सचिव एसएन पाण्डेय सहित मुख्यमंत्री कार्यालय के सभी छः अनुभागों के अनुभाग अधिकारी, व्यवस्थाधिकारी, कार्मिक व अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।