प्रदेश में व्यापार से जुडे लोग राज्य के ग्रोथ इंजन तथा अर्थव्यवस्था के आधारः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काशीपुर, उधम सिंह नगर में कुमाऊं गढ़वाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे व्यापारी उत्तराखंड के ‘ग्रोथ इंजन’ एवं अर्थव्यवस्था के आधार हैं। राज्य में उद्योगों के साथ व्यापार एवं स्वरोजगार को बढावा देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य का शांत वातावरण तथा दक्ष युवा शक्ति उद्योगों के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि राज्य के उद्यमी हमारे ब्रांड एम्बेसडर है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व्यापार और रोजगार के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है। राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और औद्योगिक इकाइयों के लिए श्रेष्ठ वातावरण बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। व्यापारियों एवं उद्यमियों की मेहनत के कारण ही आज भारत की अर्थव्यवस्था इस मुकाम पर पहुंची है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ने सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया जैसी केंद्र सरकार की विभिन्न परियोजनाओं में उत्तराखंड के उद्यमियों ने उत्कृष्ट योगदान दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में बुनियादी ढांचा, कृषि, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व निवेश किया जा रहा है। भारत के विकास में आजादी के इस अमृत काल में उत्तराखंड को भी बढ़ चढ़ कर अपना योगदान देना है। इस विकास यात्रा में सभी व्यापारियों की भूमिका बहुत अहम है हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान निस्तारण और संतुष्टि के मंत्र को आत्मसात कर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उद्यमियों की समस्याओं के निस्तारण हेतु ऊधम सिंह नगर में राज्य स्तर की उद्योग मित्र बैठक आयोजित की गई थी। राज्य के उद्यमियों द्वारा दिए गए कई बिंदुओं के त्वरित समाधान तथा अनुश्रवण के लिए एक माह के अन्दर ही ऑनलाईन पोर्टल बना दिया गया। राज्य सरकार ने राज्य के उद्यमियों को राज्य का ब्राण्ड अम्बेसडर घोषित करते हुए कहा था कि राज्य में निवेश बढ़ाने में आपकी सहभागिता सबसे महत्वपूर्ण है। राज्य के उद्यमियों द्वारा ब्राण्ड अम्बेसेडर के रूप में कार्य करने से ही विगत वर्ष राज्य को 12,000 करोड़ से अधिक के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जो पूर्व वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है। राज्य सरकार इन निवेश प्रस्तावों को शीघ्र की धरातल पर कियान्वित करने में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश की गति को तीव्रता प्रदान करने के लिए दिसम्बर, 2023 में प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भी आयोजित किया जा रहा है। इस समिट से राज्य में निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उद्योग के क्षेत्र में हो रहे नए आविष्कारों तथा तकनीकों से हमारे उद्यमियों को भी लाभ प्राप्त होगा और उनके सामने अपने व्यवसाय को अन्तर्राष्ट्रीय फलक पर विस्तार देने का अवसर प्राप्त होगा। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों एवं उद्यमियों की लगन, फीडबैक से हमारा राज्य ईज ऑफ डुईंग बिजनेस रैंकिंग में देश में अचीवर्स की श्रेणी में सम्मिलित होकर अन्य कई बड़े राज्यों के समकक्ष खड़ा हुआ है। राज्य में रेल रोड एवं एयर कनेक्टिविटी में लगातार सुधार हुआ है। देहरादून एयरपोर्ट से विभिन्न शहरों के लिए सीधी वायु सेवा उपलब्ध हो गयी है। पन्तनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के सम्बन्ध में भी प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के बैकबोन लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को मजबूत करने और राज्य में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई बुनियादी ढांचा परियोजनायें शुरू की गयी है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट के रूप में आई०सी०डी० की स्थापना की गयी है। शीघ्र ही अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का कार्य आरम्भ होने वाला है। उन्होंने कहा कि ‘‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गति-शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’’ के अन्तर्गत लॉजिस्टिक से संबंधित समस्त गतिविधियों पर कार्यवाही राज्य स्तर पर की जा रही है। इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड लॉजिस्टिक्स नीति-2023 प्रख्यापित की गयी है। जिससे आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ने ‘विकसित उत्तराखंड’ को केंद्र में रख कर अपनी नीतियां बनाई हैं और यहीं कारण है कि आज उत्तराखंड तेजी से बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के तौर पर उभर रहा है।
इस अवसर पर विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, मेयर ऊषा चौधरी, अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग मुकेश कुमार, भाजपा जिलाध्यक्ष गुंजन सुखीजा, अध्यक्ष केजीसीसीआई अशोक बंसल, महासचिव बांके बिहारी गोयनका, पूर्व अध्यक्ष विनीत कुमार संगल, जिलाधिकारी उदयराज सिंह, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

30 सितम्बर तक सभी 13 जिलों में आयोजित होंगे 240 शिविर, मौके पर होगा आवेदनों का निस्तारण


अगले 30 दिनों में राज्य में स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरे करने का काम अभियान के रूप में चलेगा। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और उनकी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सभी जनपदों में ’स्वरोजगार शिविर’ लगाये जायेंगे। इन शिविरों में जिला स्तरीय अधिकारी एवं बैंक के अधिकारी स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही मौके पर ही आवेदकों की समस्याओं का समाधान करेंगे। इस माह 30 सितम्बर से पहले ये शिविर आयोजित कर लिए जाऐंगे। शिविरों के आयोजन का रोस्टर सभी जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों ने शासन को उपलब्ध करवा दिया है।

प्रदेश में स्वरोजगार की योजनाओं के आवेदनों के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार पूरे प्रदेश में कार्यवाही शुरू हो गई है। प्रदेश के सभी 13 जिलों में 30 सितम्बर से पहले स्वरोजगार शिविर आयोजित होंगे। बीते 5 अगस्त को समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वरोजगार योजनाओं के जुड़े आवेदकों के ऋण की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश के बाद सभी जनपदों में विकासखंड स्तर पर स्वरोजगार शिविरों के आोजन का रोस्टर तैयार कर लिया गया है। इसके तहत अलग- अलग स्थानों में अल्मोड़ा जनपद में 45, उत्तरकाशी में 11, चमोली में 9, देहरादून में 16, टिहरी गढ़वाल में 9, पौड़ी गढ़वाल में 15 तथा जनपद रुद्रप्रयाग में 7 स्वरोजगार शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

इसके अलावा जनपद उधमसिंहनगर में 11, पिथौरागढ़ में 21, बागेश्वर में 16, हरिद्वार में 13, नैनीताल 28 और चंपावत में 39 स्वरोजगार शिविर लगेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वरोजगार से जुड़ी योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरे करने के निर्देश आधिकारियों को दिए हैं। उनका कहना है कि सरकारी नौकरियां सीमित होने के कारण स्वरोजगार से आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। खासकर पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड स्वरोजगार से ही आर्थिक समृद्धि की ओर आगे बढ़ सकता है।

मुख्यमंत्री ने पलायन आयोग में पांच सदस्य नामित करने की दी स्वीकृति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग में 5 सदस्यों को नामित करने की स्वीकृति प्रदान की है। नामित सदस्यों में रामप्रकाश पैन्यूली टिहरी गढ़वाल, सुरेश सुयाल रानीखेत अल्मोड़ा, दिनेश रावत घण्डियाल पौडी गढ़वाल, अनिल सिंह शाही अल्मोड़ा एवं रंजना रावत भीरी रूद्रप्रयाग शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग में सदस्यों के नामित किये जाने से आयोग को अपने कार्यो को बेहतर ढ़ंग से संचालन में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य से पलायन को रोकना हमारे लिये बड़ी चुनौती रही है। इसके लिये व्यापक स्तर पर स्वरोजगार परक विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है। बड़ी संख्या में राज्य के युवा इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आये हैं।

सीएम बोले, 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देने का रखा लक्ष्य

सोलर स्वरोजगार योजना में 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में ऊर्जा उत्पादन के नवाचारी व हरित तरीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत उत्तरकाशी निवासी युवा उद्यमी आमोद पंवार ने अपने गांव इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है, इस प्लांट से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, यह बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को जिला योजना धनराशि से 40 प्रतिशत धनराशि पशुपालन, कृषि, मत्स्य, मौन पालन आदि स्वरोजगार योजनाओं में खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। उद्यमियों को ऋण लेने में समस्या न आए इसके लिए बैंकों से लगातार समन्वय किया जा रहा है। ताकि स्वरोजगार की दिशा में अधिक से अधिक उद्यमी अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकें। पर्यटन के क्षेत्र में दस हजार मोटर बाइक की स्वीकृति दी गई है जिस पर 2 साल तक का ब्याज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी व्यंजनों के उत्पाद हमारी विरासत हैं। इनके माध्यम से स्वरोजगार किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, दूरसंचार, बिजली, पानी,आदि उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है। जल्द ही हिमालयन मीट (बकरे का मीट) की ब्रांडिंग करने वाले हैं। प्रकृति ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराए हैं उनका सही तरीके से उपयोग करें तो रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कैम्पा के माध्यम से आग बुझाने, पेयजल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने आदि कामों में बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था की गई है। स्वरोजगार की दिशा में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश कर उद्यम स्थापित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता कर रही है। कोई भी व्यक्ति सोलर प्लांट, व पिरूल प्लांट की स्थापना कर सकता है।

युवाओं को कर्मवीर बनकर अपनी क्षमताओं को पहचानना होगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने थानों में जलागम प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित ग्राम्या-2 परियोजना अन्तर्गत स्थापित एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर का लोकार्पण किया। उन्होंने ग्रोथ सेंटर में बनाये जा रहे उत्पादों का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेंटर के कैटलॉग का विमोचन किया एवं स्थानीय लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष के चेक भी वितरित किये। स्थानीय किसानों और युवाओं को विभिन्न कृषि एवं गैर कृषि आधारित उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन केन्द्र के रूप में थानों में कृषि पर आधारित ‘‘ ग्राम्यनिधि’’ ग्रोथ सेंटर बनाया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग कांसेप्ट पर तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत पर एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि थानों क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहां कई ग्रोथ सेंटर बनाये जा सकते हैं। थानों में बनाये गये ग्रोथ सेंटर में पैकेजिंग और ब्रांडिग अच्छी की गई है। हमें स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों की मार्केट में डिमांड भी बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर को और अधिक विस्तार दिये जाने की जरूरत है। ग्रोथ सेंटर में हमेशा सामान इतना होना चाहिए कि लोगों को डिमांड पर शीघ्र उपलब्ध हो जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे युवाओं को कर्मवीर बनना होगा। हमें अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा। स्वरोजगार के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक कार्य हो सकते हैं। इससे युवा दूसरों को भी अपने साथ रोजगार दे सकते हैं। युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेंटरों में जरूर आना चाहिए। इससे उनके मन में स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने के लिए नये विचार आयेंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एमएसएमई के तहत अनेक क्षेत्रों में कार्य किये जा सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर युवा काफी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने एवं चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार के लिए हमें स्थानीय स्तर पर हर प्रकार के उत्पाद तैयार करने होंगे। उन्होंने कहा कि थानों एवं कोटाबाग में ग्राम लाईट की जो शुरूआत हुई है। इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना होगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आने वाले त्योहारों में हम सभी स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करें। कुछ अच्छे डिजायनरों द्वारा विभिन्न उपकरणों के बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जायेगी।

जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर की सबसे अच्छी विशेषता है कि इसे स्थानीय किसानों का संगठन ‘मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ संचालित करेगा। जिसमें 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं। यह खुशी की बात है कि ‘ मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ कृषक संघ द्वारा एक साल में 13.27 लाख का व्यवसाय किया गया जिसमें 6.83 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त किया। संघ के जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बेकरी उत्पादों के साथ-साथ संरक्षित नर्सरी में पौधे उगाकर उनका विक्रय भी किया है। इस ग्रोथ सेंटर के बनने से आस-पास के किसानों को भी फायदा मिलेगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि ग्रोथ सेंटर में 35 से अधिक कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।

सीएम बोले सरकार ने जो वायदे जनता से किए अधिकांश पूरे हुए, शेष पर तेजी से हो रहा कार्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पिथौरागढ़ के विकास कार्य के लिए 112 करोड़ 47 लाख 11 हजार की लागत के 27 विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिसमें 32 करोड़, 30 लाख, 63 हजार रूपये की लागत से निर्मित 15 योजनाओं का लोकार्पण एवं 80 करोड़, 16 लाख, 48 हजार रूपये की लागत की कुल 12 विकास कार्यों का शिलान्यास शामिल है।

देवसिंह मैदान में स्थित नवनिर्मित बहुमंजिला कार पार्किंग के लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के आज साढ़े तीन साल पूर्ण हो रहे हैं। सरकार द्वारा इन साढ़े तीन सालों में राज्य के विकास हेतु जो वादे किये गये थे उनमें से अधिकांश पूर्ण कर लिये गये हैं। शेष विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने हेतु कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। सरकार द्वारा राज्य में इन्वेस्टर समिट का आयोजन कर पहाड़ों के लिए 40 हजार करोड़ के एमओयू साइन किये गये। इनमें से अनेक होटल व्यवसाय के क्षेत्र में भी कार्य हुए जिनसे पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिला है जिसका सीधा लाभ स्थानीय जनता को मिल रहा है। वर्तमान में सरकार द्वारा स्वरोजगार को बढ़ाये जाने हेतु विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कार्य कराये जा रहे हैं जिसमें से 800 करोड़ की सोलर फार्मिंग का कार्य प्रारम्भ हो गया है।

25 हजार बंदरों के लिए 04 बंदरबाड़े बनाए जा रहे
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वरोजगार के क्षेत्र में राज्य में 10 हजार नौजवानों को मोटर बाईक टैक्सी दी जा रही है, इसके अतिरिक्त कैंपा के तहत 40 हजार लोगों को प्रत्येक गांव में ही कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों एवं काश्तकारों को बन्दरों से होने वाले नुकसान को रोके जाने हेतु सरकार द्वारा प्रदेश में 25 हजार बन्दरों की क्षमता वाले 04 बन्दरबाडे बनाये जा रहे हैं जिसका शिलान्यास आगामी 09 नवम्बर 2020 को किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में समय-समय पर सरकारी विभागों में नौकरी हेतु भर्तियां की गयी, वर्ष 2017 में राज्य में 1084 चिकित्सक तैनात थे जो आज 2500 तक हो गये हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से शीघ्र ही 4 हजार नयी भर्तियां की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य की कुल 86 प्रतिशत साक्षरता दर है इससे शत प्रतिशत करने के लिये एक पढ़े, एक को पढ़ायें के तहत राज्य की निरक्षरता को दूर कर उत्तराखंड को निरक्षरता से दूर किया जा सकता है।

पलायन रोकने को हो चुका सर्वे, भविष्य की कार्ययोजना भी तैयार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग उत्तराखण्ड द्वारा जनपद पिथौरागढ़ का विशलेषण कर पलायन को कम करने से सम्बन्धित रिपोर्ट का विमोचन किया। इस रिपोर्ट में जनपद पिथौरागढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन के कम करने के उपायों पर सुझाव दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए जिन जनपदों का सर्वे हो चुका है। उन जनपदों के भविष्य की कार्ययोजना भी तैयार किया जाए। पलायन को किस प्रकार नियंत्रित कर रिवर्स माईग्रेशन की संभावनाओं के लिए सुनियोजित आधार तैयार किये जाएं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आयोग द्वारा जनपदवार किये जा रहे विशलेषण एवं अर्थव्यवस्था, आजीविका सुधार तथा स्वरोजगार सृजन के अवसरों से सम्बन्धित सुझाव निश्चित रूप से सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि पलायन प्रभावित जनपदों के विकास हेतु विभिन्न विभागों को संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए इन क्षेत्रों को किस प्रकार विकसित किया जा सकता है इस पर भी गहन अध्ययन किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने व रिवर्स माइग्रेशन के लिए विशेषज्ञों व विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले बुद्धिजीवी वर्ग से भी सुझाव लिये जाने चाहिए।

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने व पलायन को कम करने के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर विशेषज्ञों व स्थानीय लोगों के साथ विचार विमर्श किया गया। विभिन्न विश्वविद्यालयों व संस्थानों पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन पर अंकुश लगाने के लिए विषय विशेषज्ञों व छात्रों के भी सुझाव लिये गये। शासन स्तर पर भी बैठकें आयोजित की गई।

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