पर्यटन को बढ़ावा दे रही सरकार, सीएम ने किया मिनी झील का शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को निरंजनपुर देहरादून में विश्व स्तरीय मिनी झील का शिलान्यास किया एवं झील के सौंदर्यीकरण एवं भव्य निर्माण हेतु सरकार द्वारा हर संभव मदद की घोषणा की।
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज सरकार ने कैबिनेट बैठक के दौरान लंबे समय से चली आ रही आशा कार्यकत्रियों की मांग को पूरा करते हुए उनके मानदेय के अन्तर्गत रूपये 1000 और प्रोत्साहन राशि के रूप में रूपये 500 बढ़ा दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी गल्ला विक्रेताओं का लंबित पड़ा भुगतान जल्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपनल से सम्बन्धित कार्मिकों के मानदेय में 10 वर्ष से कम के कार्मिकों को रूपये 2000 प्रतिमाह और 10 वर्ष से ऊपर कार्मिकों को रूपये 3000 प्रतिमाह मानदेय के रूप में वृद्धि की जायेगी। उन्होंने कहा मुख्य सेवक के रूप में 101 दिन में करीब 330 से ज्यादा फैसले ले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कोरोना काल में पर्यटन से जुड़े होटल कारोबारियों, टैक्सी चालकों जैसे अनेक प्रभावित लोगों के लिए सरकार द्वारा 200 करोड़ का राहत पैकेज घोषित किया गया। उन्होंने कहा हमारी सरकार युवाओं को रोजगार देने पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती एवं युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा मलिन बस्तियों को आने वाले 3 साल में मालिकाना हक मिले इस पर सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा हमारी सरकार समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक मदद पहुंचाने का कार्य कर रही है। साथ ही जनता की सेवा में समर्पित है। उन्होंने कहा जनता की मांग को देखते हुए सरकार आगे भी कई फैसले लेगी।
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर आगे बढ़ रहा है। साथ ही विश्व में शक्तिशाली भारत, आत्मनिर्भर भारत के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा हम आने वाले समय में उत्तराखंड को देश का नंबर वन राज्य बनाएंगे साथ ही उत्तराखंड को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी बनाने पर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा उत्तराखंड का विकास हम सभी के सामूहिक विकास से संभव है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक हरबंस कपूर, मेयर सुनील उनियाल गामा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

जिलों सहित कई शासन के अधिकारियों में फेरबदल

चुनावी मोड में दिख रही धामी सरकार ने सूबे के आला अफसरों को कसना शुरु कर दिया है। शनिवार की देर रात चार जिलाधिकारियों समेत 34 वरिष्ठ आईएएस अफसरों को इधर से उधर कर दिया गया। बता दें कि कुछ अरसे पहले भी बड़े पैमाने पर सचिवालय के अफसरों के महकमे बदले गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद जहां बीते दिन शासन के कार्यभार में बड़ा फेरबदल किया गया था तो वहीं अब जिलों के जिलाधिकारियों समेत अन्य आईएएस अधिकारियों के भी तबादले कर दिए गए हैं।
शनिवार देर रात जारी तबादले की लिस्ट में 34 आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं जिसमें मुख्य रुप से स्मार्ट सिटी के सीईओ आशीष श्रीवास्तव को अपर सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनसे स्मार्ट सिटी के सीईओ की जिम्मेदारी लेकर आर राजेश कुमार को दे दिया गया है। यही नहीं, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को उच्च शिक्षा की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई है।
शासन से जारी सूची में राधा रतूड़ी, पंकज पांडेय, आर राजेश कुमार, हरिश्चंद सेमवाल, दीपक रावत, विजय कुमार यादव, विनोद सुमन, सविन बंसल. झरना कमठान, अतर सिंह और संजय टोलिया को अतिरिक्त महकमों का प्रभार देकर उनका कद बढ़ाया गया है।    
दिलीप जावलकर स्थानीय आयुक्त नई दिल्ली बनाया गया है जबकि उनसे सचिव धर्मस्व एवं संस्कृति। एसए मुरुगेशन को सचिव लघु सिंचाई की जिम्मेदारी से अवमुक्त कर दिया गया है। पंकज पांडे को सचिव गन्ना चीनी प्रबंधन निदेशक उत्तराखंड शुगर फेडरेशन की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। हरीश चंद्र सेमवाल को सचिव लघु सिंचाई तथा धर्मस्व एवं संस्कृति बनाया गया है।
चंद्रेश कुमार यादव को सचिव प्रभारी गन्ना चीनी तथा प्रबंध निदेशक उत्तराखंड शुगर फेडरेशन पद से अवमुक्त कर दिया गया है। भूपाल सिंह मनराल से सचिव प्रभारी सचिवालय प्रशासन का भार हटा लिया गया है। दीपक रावत को एक बार फिर कुंभ मेला अधिकारी हरिद्वार की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। विजय कुमार यादव को निदेशक कौशल विकास एवं प्रशिक्षण का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जबकि आशीष श्रीवास्तव से स्मार्ट सिटी के सीईओ का प्रभार लेकर उसे देहरादून के जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार को दे दिया गया है।
विनय शंकर पांडे को जिलाधिकारी हरिद्वार के साथ ही उपाध्यक्ष हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण। विनोद कुमार सुमन को सचिव प्रभारी सचिवालय प्रशासन, सी रविशंकर से जिलाधिकारी हरिद्वार का जिम्मा ले लिया गया है। अपर सचिव वित्त चिकित्सा चिकित्सा शिक्षा तथा महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा की जिम्मेदारी दी। आनंद स्वरूप से जिलाधिकारी पिथौरागढ़ का प्रभार लेकर अपर सचिव ग्राम्य विकास आयुक्त ग्राम विकास तथा निबंधक सहकारिता का जिम्मा सौंपा गया है। आशीष कुमार श्रीवास्तव को अपर सचिव सूचना प्रौद्योगिकी विज्ञान एवं तकनीकी निदेशक बनाया गया है। नितिन सिंह भदोरिया से जिलाधिकारी अल्मोड़ा का प्रभार ले लिया गया है। आशीष चैहान को जिलाधिकारी पिथौरागढ़ की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
स्वाति भदौरिया को चमोली जिलाधिकारी की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। वंदना सिंह को अल्मोड़ा और हिमांशु खुराना चमोली का जिलाधिकारी बनाया गया है। आशीष भटगाई को मुख्य विकास अधिकारी उधमसिंह नगर, सवीन बंसल को परियोजना प्रबंधक, यूपीएपीयूआरपी बनाया गया है। रामविलास यादव से अपर सचिव समाज कल्याण का प्रभार ले लिया गया है। झरना कमठान को अपर सचिव समाज कल्याण तथा प्रबंध निदेशक बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम बनाया गया है। प्रताप सिंह शाह को अपर सचिव राज्य संपत्ति राज्य संपत्ति अधिकारी और अरुणेंद्र सिंह चैहान को अपर सचिव वित्त बनाया गया है। अभिषेक रोहिल्ला बने आयुक्त नगर निगम देहरादून तथा परियोजना निदेशक उत्तराखंड शहरी विकास एजेंसी। योगेंद्र यादव को मिली अपर सचिव सैनिक कल्याण तथा सिंचाई की जिम्मेदारी।
देव कृष्ण तिवारी को अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड,  प्रदीप सिंह रावत को अपर सचिव समाज कल्याण महिला कल्याण आयुक्त निशक्तजन एवं निदेशक महिला कल्याण बनाया गया है। सुरेश जोशी को सचिव समाज कल्याण निदेशक जनजाति निदेशालय एवं अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तराखंड खादी ग्राम उद्योग बोर्ड से अवमुक्त कर दिया गया है। अतर सिंह को अपर सचिव लोक निर्माण विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। वेरी राम को अपर सचिव सचिवालय प्रशासन तथा तकनीकी शिक्षा, और संजय सिंह टोलिया को मिली निदेशक जनजाति निदेशालय की जिम्मेदारी दी गई है।

स्मार्ट सिटी बनने के बाद देहरादून की खूबसूरती में उछाल आएगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों और बालिका इंटर काॅलेज का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने परेड ग्राउण्ड, देहरादून के पुनर्निर्माण स्मार्ट रोड एवं देहरादून में बनाये जा रहे 03 स्मार्ट स्कूलों के कार्य प्रगति की जानकरी ली।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड काल को छोड़कर देहरादून स्मार्ट सिटी का कार्य तेजी से हुआ है। आगे भी स्मार्ट सिटी के तहत तेजी से कार्य होंगे। जब स्मार्ट सिटी के लिए देहरादून का चयन हुआ था, तब देहरादून 100वें नम्बर पर था, कार्यों की प्रगति में तेजी से देहरादून 13वें नबंर पर आया। देहरादून हमेशा से ही देश-विदेश से आने वालों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। स्मार्ट सिटी का कार्य पूर्ण होने से देहरादून की खूबसूरती एवं अन्य सुविधाएं भी बढ़ेगी। स्मार्ट स्कूल की उत्तराखण्ड में नई पहल शुरू हुई है। देहरादून में बनने वाले तीन स्मार्ट स्कूलों से बच्चों की मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन आयेगा। इन स्कूलों में उच्च गुणवतायुक्त व्यवस्थाएं की गई है। ये तीनों स्कूल एक-दूसरे से इन्टरकनेक्ट भी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने स्मार्ट स्कूलों में दिव्यांग बच्चों के लिए रैंप बनाने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर उन्होंने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर में दिव्यांग छात्राओं की जानकारी ली। प्रधानाचार्य ने अवगत कराया कि स्कूल में अभी एक दिव्यांग छात्रा है।

स्मार्ट सिटी के सी.ई.ओ. जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए कहा कि परेड ग्राउण्ड पुनर्निर्माण के तहत सड़क, ड्रेनेज, वर्षा जल संग्रहण टैंक, लैंडस्केपिंग एवं जलापूर्ति के कार्य किये जा रहे हैं। कान्वेन्ट रोड चैड़ीकरण हेतु स्थल विकास करने के बाद 95 मीटर सब बेस तैयार किया जा रहा है। 473 मीटर लम्बाई की आरसीसी की नाली बन चुकी है, शेष कार्य प्रगति पर है। आरसीसी टैंक निर्माण का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। परेड ग्राउण्ड के चारों ओर 150 मिमी से 250 मिमी व्यास की मुख्य पेयजल वितरण लाईन बिछायी जायेगी। 30 अक्टूबर 2021 तक परेड ग्राउण्ड का पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। स्मार्ट रोड के कार्यों के मल्टी युटीलिटी डक्ट बिछाने का कार्य, सीवर, नाली निर्माण, जलापूर्ति एवं सड़क निर्माण के कार्य किये जायेंगे। डक्ट बिछाने एवं सीवर के कार्य प्रारम्भ हो चुके हैं।

सी.ई.ओ. स्मार्ट सिटी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि देहरादून के तीन स्कूलों स्मार्ट स्कूल बनाया जा रहा है। जिसमें जीजीआईसी राजपुर एवं खुड़बुड़ा में दो स्कूलों शामिल हैं। इन स्मार्ट स्कूलों का कार्य 31 अक्टूबर तक पूर्ण हो जायेगा। इन स्मार्ट स्कूलों में निर्माण एवं आईटी से संबधित कार्य किये गये हैं। इनमें कम्प्यूटर लेब, प्रोजेक्टर, आई.आर. बोर्ड, ग्रीन बोर्ड, सी.सी.टीवी. कैमरे, अग्निशमन यंत्र एवं बायेमैट्रिक पंचिंग उपकरण की व्यवस्था की गई है।

अनलॉक-चार में बाजार, धार्मिक स्थलों, मॉल, बाजार आदि को खोलने की अनुमति मिली

राज्य सरकार ने अनलॉक-चार की एसओपी जारी कर नीट और जेईई परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को छूट दी है। नई एसओपी में बाहर से आने वाले लोगों को तीन दिन की बजाय अब चार दिन की एनटीपीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट पर छूट मिलेगी। स्मार्ट सिटी की वेबसाइट http://dsclservices-org-in/apply-php पर पंजीकरण की शर्त को बरकरार रखा गया है। 
मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से जारी की गई एसओपी में वे तमाम रियायतें हैं जो केंद्रीय गृह मंत्रालय की एसओपी में दी गईं थीं। बाजार, धार्मिक स्थलों, मॉल, बाजार आदि को खोलने की अनुमति दी गई है। प्रदेश में भी 21 सितंबर के बाद पहले के अधिकतम 50 लोगों की शर्त को हटाकर 100 कर दिया गया है। स्कूल, कॉलेज में छात्र 21 के बाद सशर्त जा सकेंगे। पार्कों आदि में 21 के बाद अधिकतम 100 लोग सुबह की सैर आदि कर पाएंगे। 
स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण की शर्त को बरकरार रखा गया है। यह भी साफ कर दिया गया है कि व्यक्ति और सामान की आवाजाही में किसी तरह का प्रतिबंध नहीं रहेगा। कंटेनमेंट जोन की पाबंदियों को बरकरार रखा गया है। वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाओं आदि को पहले से मिल रही छूट जारी रहेगी। 
वहीं, राज्य से बाहर हाई कोविड लोड शहरों को जाने वालों को पांच दिन में वापस लौटने पर क्वारंटीन नहीं होना होगा। सात दिन से अधिक की वापसी पर इन्हें 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा। विदेश से आने वाले लोगों को सात दिन संस्थागत और सात दिन होम क्वारंटीन में रहना होगा। 

– राज्य में बाहर से आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा और स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। 
– कोविड हाई लोड शहरों से आने वालों को सात दिन संस्थागत और सात दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा। लेकिन, बिना लक्षण वाले और आरटीपीसीआर की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट वालों को क्वारंटीन नहीं होना होगा। 
– ऐसे सभी लोग जो सात दिन के लिए अंतिम संस्कार या अन्य वजहों से आते हैं, उन्हें भी क्वारंटीन नहीं होना होगा।
– कोविड हाई लोड वाले शहरों से होकर हवाई जहाज से आने वालों को 14 दिन के लिए होम क्वारंटीन होना होगा।

बाहर से आने वाले और उद्योग प्रबंधन की सहमति वाले कर्मियों, विशेषज्ञों को क्वारंटीन नहीं होना होगा। इसी तरह वीवीआईपी मूवमेंट पर भी रोक नहीं है। सेना को क्वारंटीन से लेकर अन्य सभी इंतजाम अपने स्तर पर करने होंगे।

– प्रदेश में अधिक संक्रमण वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनेंगे और जिला प्रशासन अपनी विभागीय वेबसाइट पर जोन की सूचना प्रदर्शित करेंगे और इसकी सूचना राज्य सरकार के साथ ही केंद्र को भी दी जाएगी।
– 30 सितंबर तक शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे
– ऑनलाइन शिक्षा जारी रहेगी और इसे प्रोत्साहित किया जाएगा। 21 सितंबर से 50 प्रतिशत स्टाफ स्कूल आ सकेगा।
– कंटेनमेंट जोन से बाहर के स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक के छात्र 21 सितंबर से स्कूल आ सकेंगे। अभिभावकों की लिखित अनुमति लेनी होगी और स्कूल आना स्वैच्छिक होगा।

वहीं, 21 सितंबर से राजनीतिक सभा, खेल, धार्मिक गतिविधियों के लिए सौ तक की संख्या में लोग भाग ले सकेंगे। 20 सितंबर तक अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा और विवाह समारोह में 50 ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे। इसके बाद सौ की संख्या की अनुमति होगी। 21 सितंबर से ओपन एअर थियेटर खुल सकेंगे।

– जिला प्रशासन कंटेनमेंट जोन के बाहर बिना राज्य सरकार की अनुमति के लॉकडाउन नहीं करेगा।
– सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराने के लिए धारा 144 लगाई जा सकेगी।
जेईई, नीट सहित अन्य परीक्षा के छात्रों और अभिभावकों को भी कराना होगा पंजीकरण
– इन सभी को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। इनको क्वारंटीन नहीं होना होगा। राज्य से बाहर से आने वाले और राज्य में जिलों के बीच आवागमन करने वाले छात्रों पर भी यह नियम लागू होगा। जिला प्रशासन इनके आने जाने की व्यवस्था करेगा।
– प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले लोगों को भी स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना होगा। इनको भी क्वारंटीन नहीं किया जाएगा।

बिना पंजीकरण के राज्य में नही मिलेगा प्रवेश

गृह मंत्रालय भारत सरकार की ओर से अनलॉक-4 की गाइडलाइन जारी होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी प्रदेश में आने वाले लोगों की प्रति दिन 2000 लोगों की सीमा का प्रतिबंध हटा दिया है। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी की वेबसाइट http://dsclservices-org-in/apply-php पर पंजीकरण कराना भी अनिवार्य कर दिया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि राज्यों को केंद्र की अनुमति के बिना कंटेनमेंट जोन से बाहर किसी तरह का प्रतिबंध लगाने का अधिकार नहीं होगा। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रति 2000 लोगों को ही आने की अनुमति थी। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को अतिरिक्त 50 पास जारी करने को कहा गया था। 
केंद्र की एसओपी के जारी होने के तुरंत बाद ही आपदा प्रबंधन एंव पुनर्वास विभाग के प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन ने दो अलग-अलग आदेश जारी किए। पहले आदेश में यह स्पष्ट कर दिया गया कि प्रदेश में आने वाले यात्रियों की संख्या को लेकर कोई रोकटोक नहीं होगी। दूसरे आदेश में यह जोर देकर कहा गया कि राज्य में बाहर से आने वाले लोगों को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। खास बात यह भी है कि बॉर्डर चेक पोस्ट पर पंजीकरण दस्तावेज दिखाने की शर्त को नहीं हटाया गया है। इसी के साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अधिकृत लैब से ही कराना होगा। 
इस आदेश को जारी करते हुए प्रदेश सरकार ने चार अगस्त को जारी गाइडलाइन को अतिक्रमित नहीं किया है। चार अगस्त की गाइडलाइन के दो प्रावधानों को ही छेड़ा है। ऐसे में कोविड लोड वाले शहरों से आने वालों को आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा। इसी तरह से क्वारंटीन होने के पहले के नियम ही प्रभावी माने जाएंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ समय पहले ही राज्यों से कहा था कि स्थानीय स्तर पर आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंध समाप्त करें। संक्रमण को बढ़ता देखते हुए प्रदेश सरकार दो हजार का प्रतिबंध हटाने के पक्ष में नहीं थी। 22 अगस्त के केंद्र सरकार के पत्र ने इस स्थिति का बदल दिया। अनलॉक-4 गाइडलाइन में एमएचए ने स्पष्ट कहा कि कोई स्थानीय प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
आपदा प्रबंधन के प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि गृह मंत्रालय की गाइडलाइन भी प्रदेश में पूरी तरह से लागू होगी। उसी के अनुरूप यह फैसला भी किया गया है। पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और इसके पीछे कारण यह है कि प्रदेश में बाहर से आने वाला व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो आसानी से संपर्कों की तलाश की जा सके। दो हजार की सीमा खत्म कर दी गई है। एमएचए की गाइड लाइन के अनुरूप ही यह नियम लागू होंगे।
 

त्रिवेन्द्र के बजट में राजस्व बढ़ाने का संकल्प दिखा

उत्तराखंड में करीब 53 हजार करोड़ से अधिक का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में विकास की बुनियाद को मजबूत करने और रोजगार को बढ़ाने का इरादा जताया। सरकार का ध्यान कुंभ मेले के आयोजन पर भी गया। 2021 में होने वाले हरिद्वार महाकुंभ को प्रदेश सरकार भव्य और ग्रीन कुंभ परिकल्पना के आधार पर आयोजित करेगी। इस परिकल्पना को पंख देने के लिए सरकार ने बजट में 1205 करोड़ रुपये खर्च करना तय किया है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 450 करोड़ के स्थायी और एक हजार रुपये के अस्थायी कार्य किए जाएंगे। सरकार की कोशिश है कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु चारधाम की यात्रा भी कर पाए। इसके लिए चारधाम और ऑलवेदर रोड को महाकुंभ से पहले पूरा करने का सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है। कुंभ के लिए सरकार अलग से सुरक्षा व्यवस्था के तहत 60.12 करोड़ रुपये भी खर्च करेगी।

विकासपरक बजट पेश करते हुए बतौर वित्त मंत्री सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक ही मास्टर स्ट्रोक से विपक्ष को चारो खाने चित कर दिया। मुख्यमंत्री ने बजट पेश करने के तुरंत बाद सदन में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया। इसके साथ ही अब प्रदेश में दो राजधानी होंगी।
बजट में सरकार ने बेहतर रोड कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी है। 2020-21 में सड़कों और पुलों की मरम्मत के लिए 300 करोड़ रुपये रखे हैं। पिछले बजट में कुल 180 करोड़ का प्रावधान था। सीमा के 150 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों को सड़कों से जोड़ा जाएगा। मार्च 2020 तक 67 गांवों को ग्रामीण मोटरमार्गों से जोड़ा जाएगा। बुनियादी ढांचे पर जोर देते हुए लोक निर्माण विभाग के लिए 2055 करोड़ का बजट रखा है। सड़क निर्माण में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 1072 करोड़ की व्यवस्था की है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के लिए सरकार ने 70 करोड़ रखे हैं।
सरकार रोजगार के मुद्दे पर भी संभली है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड युवा आयोग के गठन की घोषणा की। सहायक अध्यापक एलटी संवर्ग और प्रवक्ता संवर्ग में 3063 पदों 2020-21 में तैनाती की जाएगी। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विभाग में 1224 नई भर्ती होंगी। इसके साथ ही नया हुनर सीखने वालों के लिए एक नई योजना मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना शुरू करने का एलान बजट में किया गया। प्रदेश में 2022 तक सभी डिग्री कालेजों के पास अपना भवन होगा। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 78 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया है। रूसा योजना एवं राज्य योजना के तहत यह बजट प्रस्तावित किया है।

प्रदेश के सात लाख से ज्यादा लोगों को 1165 करोड़ की योजनाओं से पीने का साफ पानी मिल सकेगा। जल जीवन मिशन, अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए पेयजल कार्यक्रम और नाबार्ड पोषित योजनाओं के लिए बजट प्रावधान किए गए हैं। रोडवेज बसों में सफर पहले की तुलना में और अधिक सुहाना होगा। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 110 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बजट में सरकार की ओर से परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने के साथ ही परिवहन निगम को वित्तीय संकट से उबारने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सांसद, विधायक, स्कूली छात्राएं, मान्यता प्राप्त पत्रकार, दिव्यांग परिवहन निगम बसों में मुफ्त यात्रा कर सकें, इसके लिए बजट में 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलें। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 295 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। सरकार की ओर से बजट जारी होने के साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि एयरपोर्ट का विस्तार किया जा सके। बजट में देहरादून-श्रीनगर-टिहरी, हल्द्वानी-अल्मोड़ा- पिथौरागढ़ध्धारचूला के लिए हेली सेवाएं शुरू करने का प्रावधान किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के प्रोजेक्ट सिक्योर हिमालय के तहत गंगोत्री नेशनल पार्क में देश का पहला ‘स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर’ का निर्माण किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कैंपा योजना के तहत 215 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बजट वृक्षारोपण व वर्षा जल संरक्षण योजनाओं के लिए होगा। इसके अलावा पर्यावरण निदेशालय के गठन व विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए 12.93 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है।

प्रदेश सरकार की ओर से निराश्रित वृद्धजनों को आरामदायक जीवन देने के लिए वृद्धाश्रम खोले जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना के तहत सरकार ने अलग से बजट का प्राविधान किया है। इस बजट से प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम तैयार किए जाएंगे। यहां वृद्ध लोगों के रहने, खाने-पीने व मनोरंजन की समुचित व्यवस्थाएं की जाएंगी। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में हर जरूरतमंद वृद्ध, दिव्यांग, विधवा, किसान, निराश्रित परित्यक्त महिलाओं को पेंशन का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसमें 4 लाख 75 हजार वृद्धजनों, 78 हजार दिव्यांगों, 1 लाख 78 हजार विधवा, 30 हजार किसानों और 5500 निराश्रित परित्यक्त महिलाओं को पेंशन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए 1048 करोड़ रुपये की धनराशि बजट में प्रस्तावित की है।प्रदेश सरकार ने बजट में गन्ना किसानों की होली खुशनुमा करने का प्रयास किया है। किसानों को बकाया गन्ना भुगतान के लिए बजट में 240 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इसके साथ ही सरकारी, सहकारी और निजी चीनी मिलों को विभिन्न तरह के लोन की सुविधा भी दी गई है। ताकि, किसानों को बकाया और वर्तमान भुगतान त्वरित किया जा सके।
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्मार्ट सिटी के लिए 123 करोड़ रुपये का बजट रखा है। जिससे स्मार्ट सिटी के काम होंगे। वहीं अब तक देहरादून स्मार्ट सिटी लि. को लेकर एक हजार करोड़ से अधिक के वर्कआर्डर जारी हो चुके हैं। अब स्मार्ट सिटी का दायरा 10 से बढ़कर 100 वार्डों तक हो गया है।

देहरादून होगा देश का ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध कराने वाला पहला स्मार्ट शहर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शनिवार को मसूरी में आयोजित उत्तराखण्ड अर्बन ट्रांस्फोरमेशन समिट 2019 का शुभारम्भ किया। उन्होंने समिट में प्रतिभाग कर रहे केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव तथा स्मार्ट सिटी के मिशन डायरेक्टर के साथ ही देश के 12 प्रमुख स्मार्ट सिटी के सी.ई.ओ एवं स्मार्ट सिटी मिशन से जुड़ी कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि इस समिट में होने वाला मंथन स्मार्ट सिटी मिशन को गति प्रदान करेगा। इससे आपसी अनुभवों एवं ज्ञान का भी आदान प्रदान होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट में होने वाले आपसी विचार विमर्श एवं अनुभव स्मार्ट सिटी के कार्यों को नई दिशा प्रदान करने में मददगार रहेगा। देहरादून स्मार्ट सिटी का देश-भर में 99 से 32वें पायदान पर आने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। देहरादून का स्मार्ट सिटी बनने में उन्होंने समेकित प्रयासों की भी जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपनी सोच भी स्मार्ट बनानी होगी। जब हमारी सोच अच्छी होगी तो उनके परिणाम भी अच्छे होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल कर ही बेहतर परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोशी एवं रिस्पना में एक घंटे में लाखों वृक्षों का रोपण जन सहभागिता का अनूठा उदाहरण है। सौग बांध से देहरादून को ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध कराये जाने की योजना भी शीघ्र धरातल पर उतरेगी। इसमें देहरादून को ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध होने के साथ ही करोड़ों के बिजली व्यय की बचत होगी, भूजल स्तर में सुधार होगा तथा रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा बनाने की भी राह प्रशस्त होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को पोलीथीन मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में हमारे प्रयास साकार होते दिखाई दे रहें हैं। देश में इसकी शुरूआत हो रही है तब हम इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुके हैं। उन्होंने देहरादून शहर को पोलीथीन मुक्त बनने के लिए नगर निगम को 50 लाख रूपये देने की भी घोषणा की।

स्मार्ट सिटी बनेगा देहरादून, केन्द्र ने दी मंजूरी


नई दिल्ली।
स्मार्ट सिटी की सूची में देवभूमि देहरादून का नाम भी शामिल हो गया है। लंबे समय से चल रही कवायद को अंततः मंजिल मिल ही गयी है। दून के स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने से प्रदेश की राजधानी को विकास की नई दिशा मिलेगी। जिससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के अवसर श्रृजित होंगे। बता दें कि दून को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने की मांग लंबे समय से चल रही है। स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने से प्रदेश को लोगों में खुशी की लहर हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकास के लिए जिन 30 शहरों की नई सूची जारी की गई है उनमें केरल का तिरूवनंपुरम, छत्तीसगढ़ का नया रायपुर और गुजरात का राजकोट शहर शामिल है। इस नई घोषणा के साथ केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना के तहत चयनित शहरों की संख्या 90 हो गई है। नई सूची के ऐलान से जुड़े के कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए सूची में 40 शहरों के लिए स्थान खाली थे, लेकिन व्यवहारिकता और कार्य करने योग्य योजना सुनिश्चित करने के लिए 30 शहरों का चयन किया गया। स्मार्ट सिटी योजनाओं के तहत 57,393 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केंद्र हर शहर को पांच साल की अवधि में 500 करोड़ रुपए प्रदान करता है ताकि विभिन्न विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा सके।
 
आखिर जून माह में क्यों जुटते है कामाख्या मंदिर में देश विदेश के साधक!
नए शहरों की सूची

आंध्र प्रदेश का अमरावती
बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर
यूपी से इलाहाबाद, अलीगढ़ और झांसी
तेलंगाना का करीमनगर
केरल के त्रिवेंद्रम,
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और नया रायपुर
गुजरात के दाहोद, गांधीनगर और राजकोट
पुडुचेरी का पुडुचेरी
जम्मू कश्मीर के जम्मू और श्रीनगर
मध्य प्रदेश के सतना और सागर
हरियाणा के करनाल
कर्नाटक के बेंगलुरू
हिमाचल प्रदेश के शिमला
उत्तराखंड के देहरादून
तमिलनाडु के तिरुनवेली
तिरुचिरापल्ली, त्रिपुरा और तूतुकुडी
महाराष्ट्र के पिंरी चिंचवड
अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट
मिजोरम के आइजोल
सिक्किम के गंगटोक शहर