मुख्यमंत्री ने किया ल्वाली झील निर्माण का शिलान्यास

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड पौड़ी के अन्तर्गत रू0 692.77 लाख लागत की ल्वाली झील निर्माण का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों को झील निर्माण के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस झील के माध्यम से क्षेत्रवासियों को काफी लंबे समय तक पानी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 34 हेक्टेयर भूमि भी सिंचित हो सकेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘मन की बात‘‘ कार्यक्रम को सुना। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में जल संरक्षण एवं योग को अपनाकर इसके प्रचार प्रसार के विषय पर बात की गयी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आने वाले 5 वर्षों के कार्यकाल के लिए जल संरक्षण को अपना महत्वपूर्ण लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि समय के साथ भूमि के जल स्तर में कमी हो रही है। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पानी की चिन्ता करनी है। इस झील के निर्माण से पानी के जल स्तर में भी सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे उत्तराखंड में हम विभिन्न स्थानों पर झीलों का निर्माण कर रहे हैं। जनपद पौड़ी के लिए भी हमने 3 झीलें ल्वाली, सतपुली एवं जयहरीखाल में स्वीकृत की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में झीलें है या बनायी गयी हैं, उन क्षेत्रों में सब्जियों की बहुत अच्छी खेती होती है। ल्वाली झील के निर्माण के बाद इस क्षेत्र में सब्जी उत्पादन की बहुत अधिक सम्भावनाएं बढ़ जाएंगी। इस क्षेत्र में फल उत्पादन की भी बहुत सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस झील का निर्माण 1 वर्ष के अंदर कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जो भी योजना शुरू की जाती है, उसके कार्य समापन की तिथि भी पहले से ही निश्चित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन खेतों को बनाने में हमारी पीढ़ियां लगी हैं। हमें पहाड़ की खेती को आबाद करते हुए खेती की सम्भावनाएं तलाशनी हैं। इसके लिए हमें पेशेवर तरीके से सोचना शुरू करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में खेती और पर्यटन दोनों में विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। सीतामाता मंदिर में पर्यटन सर्किट तैयार किया जाएगा। साथ ही दीपावली के बाद इस मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा, जो इस क्षेत्र को पर्यटन से जोड़ने में मददगार होगा।

35वीं बार मन की बात में मोदी बोले शिक्षक दिवस पर 5साल के लिये संकल्प लेकर पूरा करे

नरेंद्र मोदी ने 35वीं बार मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया। पीएम हर महीने के आखिरी रविवार को 11 बजे इस कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित करते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने हरियाणा में हुई हिंसा पर चिंता जताई। अहिंसा परमो धर्म ये हम बचपन से सुनते आए हैं। पीएम ने कहा कि मैंने लाल किले से भी कहा था कि आस्था के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी। चाहे वो सांप्रदायिक आस्था हो, चाहे वो राजनैतिक विचार धाराओं के प्रति आस्था हो, चाहे वो व्यक्ति के प्रति आस्था हो, चाहे वो परम्पराओं के प्रति आस्था हो, आस्था के नाम पर, कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कानून हाथ में लेने वाले, हिंसा के राह पर दमन करने वाले किसी को भी, चाहे वो व्यक्ति हो या समूह हो, न ये देश कभी बर्दाश्त करेगा और न ही कोई सरकार बर्दाश्त करेगी। हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा, कानून जवाबदेही तय करेगा और दोषियों को सजा दे कर रहेगा।
स्वच्छता का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि 2 लाख 30 हजार से भी ज्यादा गांव, खुले में शौच से अपने आपको मुक्त घोषित कर चुके हैं। शौचालयों की कवरेज 39 से करीब-करीब 67 पहंची है। मैं आह्वान करता हूं कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती से 15-20 दिन पहले से ही स्वच्छता ही सेवा मुहिम चलाएं। ऐसा स्वच्छता खड़ी कर दें कि 2 अक्टूबर सचमुच में गांधी के सपनों वाली 2 अक्टूबर हो जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे की अपर्णा का मैसेज उठाते हुए कहा कि क्या आपको नहीं लगता है कि जब हम, हमारे घर के आस-पास कोई सामान बेचने के लिए आता है, कोई फेरी लगाने वाला आता है। किसी छोटे दुकानदार से, सब्जी बेचने वालों से हमारा संबंध आ जाता है, कभी ऑटो-रिक्शा वाले से संबंध आता है। जब भी हमारा किसी मेहनतकश व्यक्ति के साथ संबंध आता है तो हम उससे भाव का तोल-मोल करने लग जाते हैं, मोल-भाव करने लग जाते हैं। नहीं इतना नहीं, दो रुपया कम करो, पांच रुपया कम करो और हम ही लोग किसी बड़े रेस्त्रां में खाना खाने जाते हैं तो बिल में क्या लिखा है देखते भी नहीं हैं, धड़ाम से पैसे दे देते हैं। इतना ही नहीं शोरूम में साड़ी खरीदने जाएं तो कोई मोल-भाव नहीं करते हैं, लेकिन किसी गरीब से अपना नाता आ जाए तो मोल-भाव किए बिना रहते नहीं हैं। गरीब के मन को क्या होता होगा, ये कभी आपने सोचा है? उसके लिए सवाल दो रुपये- पांच रुपये का नहीं है। उसके ह्रदय को चोट पहुंचती है कि आपने वो गरीब है इसलिए उसकी ईमानदारी पर शक किया हैं। दो रुपया- पांच रुपया से आपके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन आपकी ये छोटी-सी आदत उसके मन को कितना गहरा धक्का लगाती होगी कभी ये सोचा है? खेल पर पीएम ने कहा कि खेल मंत्रालय ने खेल प्रतिभा की खोज के लिए स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल तैयार किया है। इस पर कोई भी बच्चा जिसने खेल के क्षेत्र में कुछ उपलब्धि हासिल की है, वो पोर्टल पर अपना बायोडाटा या वीडियो अपलोड कर सकता है। सलेक्ट इमर्जिंग प्लेयर्स को खेल मंत्रालय ट्रेनिंग देगा और मंत्रालय कल इस पोर्टल को लॉन्च करने वाला है। खुशी की खबर है कि भारत में 6 से 28 अक्टूबर तक फीका अंडर-17 वर्ल्ड कप का आयोजन होने जा रहा है।
पीएम ने कहा कि 5 सितंबर को हम सब शिक्षक दिवस मनाते हैं। हमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस है। वे राष्ट्रपति जरूर थे, लेकिन जीवन भर अपने आप को एक शिक्षक के रूप में ही वो प्रस्तुत करते थे। वो हमेशा शिक्षक के रूप में ही जीना पसंद करते थे। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस बार जब हम शिक्षक दिवस मनाए। तो हम सभी एक संकल्प लें। हर किसी को 5 साल के लिए, किसी संकल्प से बांधिए, उसे सिद्ध करने का रास्ता दिखाइये और 5 साल में वो पाकर कर रहे। जीवन में सफल होने का आनंद पाएं।