प्रदेश की नदियों को बचाने और चेक डैम बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में प्रदेश की नदियों को बचाए जाने और चेक डैम बनाए जाने आदि के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक आयोजित हुई।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश की नदियों के पुनरोद्धार के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नदियों को बचाने के लिए प्राधिकरण बनाए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने जनपद स्तरीय और राज्य स्तरीय प्राधिकरण बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्षा आधारित नदियों को बचाने के लिए उनके श्रोत से राज्य की सीमा तक कार्य करने की आवश्यकता है। यह काम सुचारू रूप से हो सके इसके लिए सिंचाई, लघु सिंचाई, जलागम और वन विभाग को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्य को लगातार मॉनिटर किया जाए। इसके लिए एक डेडिकेटेड सेल का गठन किया जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि वन विभाग और सिंचाई विभाग द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक चेक डैम बनाएं जाएं। इससे भूजल स्तर में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि चैक डैम और वृक्षारोपण आदि के माध्यम से लगातार इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर वन विभाग से डी.एस. मीणा ने टिहरी जनपद में हेंवल नदी के पुनरोद्धार के लिए किए गए प्रयासों पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। मुख्य सचिव ने उनके प्रयासों को सराहते हुए कहा कि इस कार्य को पूरे प्रदेश में किस प्रकार से लागू किया जा सकता है, इसके लिए कॉन्सेप्ट पेपर तैयार किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, हरिचन्द्र सेमवाल सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि हुई घोषित

विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बृहस्पतिवार 27 अप्रैल को प्रातः 7 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे। जबकि गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का दिन 12 अप्रैल निश्चित हुआ। राजदरबार नरेंद्र नगर में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आयोजित धार्मिक समारोह में राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने पंचांग गणना पश्चात विधि विधान से कपाट खुलने की तिथि का विनिश्चय किया तथा महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने कपाट खुलने की तिथि की घोषणा की।
वहीं, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा अर्थात भगवान बदरीविशाल के अभिषेक के लिए तिलों के तेल तेल पिरोने हेतु 12 अप्रैल की तिथि निश्चित हुई। समारोह में टिहरी राजपरिवार सहित श्री बदरी-केदार मंदिर समिति, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद थे। इससे पूर्व श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिधियों ने तेलकलश राज महल के सुपुर्द किया। इस अवसर पर महाराजा मनुजयेंद्र शाह, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, बदरीनाथ धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, राजकुमारी शिरजा शाह, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, स्वामी मुकुंदानंद, नितेश चैहान, मंदिर समिति सदस्य, श्रीनिवास पोस्ती, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी, वीरेंद्र असवाल, भास्कर डिमरी, राजपाल जड़धारी, डिमरी धार्मिक पंचायत अध्यक्ष विनोद डिमरी, तथा मंदिर समिति पूर्व सदस्य हरीश डिमरी, मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, अनिल ध्यानी, भुवन चंद्र उनियाल, राधाकृष्ण थपलियाल, आरसी तिवारी, रमेश नेगी, रवीन्द्र भट्ट, प्रमोद नौटियाल, डा. हरीश गौड़, टीका प्रसाद, नरेंद्र डिमरी राजेंद्र डिमरी हेमचंद्र डिमरी अनुज डिमरी, माधव नौटियाल, आचार्य कृष्णानंद नौटियाल आदि मौजूद रहे। मंदिर समिति की ओर से बताया गया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि 18 फरवरी को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में तय होगी। अक्षय तृतीया इस वर्ष 22 अप्रैल को है श्री गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया को खुलते है। इस संबंध में श्री गंगोत्री तथा यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा कपाट खुलने की तिथि और समय की घोषणा की जाएगी।

सीएम ने धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र को 29 योजनाओं की सौगात दी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को जनपद टिहरी क्षेत्रान्तर्गत परोगी (अगलाड़) थत्यूड़ में विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने अठजूला क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधान सभा क्षेत्र धनोल्टी की विभिन्न विकास योजनाओं के तहत लगभग 126.58 करोड़ रुपए की 29 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास कर क्षेत्र के लोगों को विकास की सौगात दी गई। जिसमें 21.53 करोड़ रुपए के 7 लोकार्पण एवं 105.5 करोड़ रूपये के 22 शिलान्यास शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने परोगी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना की स्वीकृति प्रदान करने तथा अठजूला क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक विकास समिति, परोगी नैनबाग जौनपुर टिहरी गढ़वाल को इस वर्ष महोत्सव हेतु 2 लाख देने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम, मेले एवं महोत्सव गांवों को जोड़ने का कार्य करने के साथ ही लोक संस्कृति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इगास के दिन अवकाश घोषित की गई। आज लगभग 125 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया गया, जिसमें लम्बे समय से मांग की जा रही काण्डी पम्पिंग पेयजल योजना भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक लोगों की सेवा के लिए तत्पर है। अधिकारियों को सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मूल मंत्र पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में आयोजित चिंतन शिविर में राज्य के विकास के लिए अनेक विषयों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी प्रदेशवासियों के सहयोग से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है।
विधायक राजपुर खजान दास एवं विधायक धनोल्टी प्रीतम सिंह पंवार द्वारा भी जनता को सम्बोधित किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जो विकास कार्य किये जा रहे हैं, वह दिख रहे हैं, जितनी भी घोषणाएं की गई हैं, वह पूरी हो रही है। विकास गोष्ठियां विकास का एक मंच होता है। इस अवसर पर उन्होंने नंदा गौरा कन्या योजना में आने वाली समस्याओं के शीघ्र समाधान की भी बात कही।
विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने परोगी क्षेत्र में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें लोक संस्कृति प्रेमी बताया। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री का इस क्षेत्र से विशेष लगाव है। हमारे जौनपुर क्षेत्र ने हमेशा हमारी लोक संस्कृति, खान पान का संरक्षण किया है। उन्होंने कहा आज मुख्यमंत्री द्वारा 126 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है, जो इस क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
इस मौके पर जिला प्रशासन द्वारा बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉलों के माध्यम से केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही उपकरण, दवा एवं बीज वितरित किये गये। आयुष विभाग द्वारा 60 लोगों को दवा वितरण, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगभग 4 लोगों का पंजीकरण/स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा वितरित की गई तथा 10 लोगों का कोविड वैक्सीनेशन किया गया। समाज कल्याण विभाग द्वारा 17 नये पेंशन के आवेदन पत्र प्राप्त किये गये। कृषि विभाग द्वारा 26 लोगों को कृषि बीमा एवं 05 लोगों सब्सिडी पर कृषि यंत्र वितरित किये गये।

रेलवे प्रोजेक्ट का पहला गूलर से शिवपुरी टनल ब्रेक थ्रू का हुआ शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के अंतर्गत रेलवे प्रोजेक्ट का पहला गूलर से शिवपुरी टनल ब्रेक-थ्रू का दीपक प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रधानमंत्री जी का सपना है। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी योजना को धरातल पर उतारने के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रधानमंत्री जी का सपना है कि वर्ष 2024 तक समयान्तर्गत रेलवे लाइन का कार्य हो जाये, प्रधानमंत्री द्वारा लगातार रेलवे लाइन का अपडेट लिया जा रहा है। पहाड़ों में रेलवे लाइन का काम काफी कठिन होने के बावजूद आगे भी सफलतापूर्वक करने के लिए उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि और भी रेलवे लाइनों, सड़को के निर्माण हेतु स्वीकृति मिल चुकी हैं, जिन पर शीघ्र ही कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री का उत्तराखण्ड से विशेष लगाव है और उनके मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड में भी सभी क्षेत्रों में विकास कार्य तीव्र गति से हो रहे है। इस बार प्रदेश में लगभग 04 करोड़ कांवडियों ने यात्रा की है, जबकि चारधाम में अभी तक लगभग 30 लाख श्रद्धालुओं/ पर्यटक पहुंचे हैं।

कैबिनेट मंत्री एवं जनपद प्रभारी मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्ग दर्शन में सभी क्षेत्रों में विकास कार्य निरन्तर हो रहे है। प्रधानमंत्री जी द्वारा पहाड़ों में रेल पहुंचाने के कार्यों को साकार रूप दिया जा रहा है।

काबीना मंत्री सुबोध उनियाल ने इस योजना में अपनी भूमि देने वाले लोगों का और इस परियोजना में कार्य कर रहे सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
मुख्य परियोजना अधिकारी रेलवे अजित सिंह यादव ने बताया कि ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन की दूरी 125 किमी है, जिसमें से 104 किमी में 17 टनल बनेंगी। इस रेल लाईन में जन्दासू देवप्रयाग सौड़ सबसे लम्बी सुरंग होगी जो लगभग साढे चौदाह किमी होगी। बताया कि रेलवे के कार्यों में आधुनिकतम मशीनों का इस्तमाल किया जा रहा है, सभी टनल का कार्य समय अंतर्गत पूरा कर लिया जाएगा।

इस मौके पर आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार,डीआईजी गढ़वाल के.एस. नगन्याल, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर, सहित अन्य रेलवे के अधिकारी, जनपद स्तरीय अधिकारी, जन प्रतिनिधि मौजूद रहे।

गंगा के तेज बहाव की चपेट में आकर युवती डूबी

मुनिकीरेती स्थित योग निकेतन के पास गंगा घाट पर टिहरी की युवती का अचानक पैर फिसल गया। गंगा के तेज बहाव की चपेट में आकर वह डूब गई। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम ने युवती की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया।
एसडीआरएफ के मुताबिक, सोमवार को चार युवतियां और एक युवक मुनिकीरेती स्थित योग निकेतन के पास गंगा घाट पर पहुंचे। इस दौरान ग्राम पाटा, टिहरी गढ़वाल निवासी आयुषी (18) पुत्री दीपक चमोली का पैर अचानक फिसल गया। गंगा के तेज बहाव की चपेट में आने वह डूबने लगी। इस दौरान उसके साथ आई युवतियों में चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम ने आयुषी की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया। लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया। एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया कि ये लोग परीक्षा देने के लिए टिहरी से आए थे। युवती की तलाश को मंगलवार को फिर से सर्च ऑपरेशन चलाया जायेगा।

गंगा में मिली कार व शव, परिजनों ने की एसबीआई ब्रांच मैनेजर के रूप में शिनाख्त


ब्यासी चौकी के अंतर्गत एसडीआरएफ को एसबीआई के ब्रांच मैनेजर की कार व शव गंगा नदी में मिला है। परिजनों से शव की शिनाख्त भी की है।
एसडीआरएफ के इंचार्ज कविंद्र सजवाण ने बताया कि आज एक कार गंगा नदी में नजर आई। एसडीआरएफ और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। कार से एक बैग मिला है, जिसमें अमित बिजेत्रा (36) पुत्र जबर सिंह बिजेत्रा की आईडी मिली है।

बताया कि अमित बिजेत्रा दो दिन पूर्व देहरादून के कौलागढ़ स्थित घर से कार में पौड़ी के लिए निकला, जिसकी आखिरी लोकेशन ब्यासी के पास मिली। उसकी कार आज गंगा नदी में मिली है। वहीं, शव को भी बरामद कर लिया गया है।

बताया कि अमित बिजेत्रा पौड़ी में एसबाई की सैंजी शाखा में मैनेजर के पद कार्यरत थे।

शहीद के परिजनों से मिले सीएम, हर संभव मदद का दिया भरोसा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अमर शहीद प्रवीण सिंह गुसांईं के पैतृक आवास ग्राम पुंडोली (हडियाणा) टिहरी गढ़वाल पहुँचकर शहीद के परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना प्रदान की। मुख्यमंत्री ने शहीद के पिता प्रताप सिंह गुसाईं एवं माता दीपा देवी से भेंटकर संवेदना व्यक्त की तथा हर संभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि वीर सैनिक प्रवीण सिंह देश सेवा के लिए शहीद हुए हैं, उनका नाम इतिहास के पन्नो पर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। राज्य सरकार इस संकट के समय पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी टिहरी गढ़वाल से शहीद प्रवीण सिंह के सर्विस देयकों के भुगतान के संबंध में जानकारी प्राप्त की। विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह ने उच्च प्राथमिक विद्यालय पुंडोली का उच्चीकरण करने, खेल मैदान एवं अस्पताल का सौंदर्यीकरण कर इसका नामकरण शहीद के नाम से करने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री सुबोध उनियाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सौरभ गहरवार, मुख्य विकास अधिकारी मनीष कुमार, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी टिहरी गढ़वाल ले.क. जीएस चन्द (अ.प्रा.), ग्राम प्रधान किशन वेदपाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद रहे।
ज्ञातव्य है कि 2 जून, 2022 को जम्मू कश्मीर के शोपिया जिले में पतिलुहलान और छोटीपुरा के बीच सेंधाऊ बाजार में आतंकियों की धर पकड़ के लिए चलाए जा रहे सर्च आपरेशन के दौरान 15वीं गढ़वाल राइफल के वीर सैनिक प्रवीण सिंह शहीद हुए थे।

मेरठ के तीर्थयात्रियों की कार गंगा में समाई


श्रीनगर मार्ग पर कौड़ियाला के पास एक कार अनियंत्रित होकर गंगा में गिर गई। सूचना मिलते ही जल पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम बचाव उपकरणों के साथ घटना पर पहुंची। फिलहाल गंगा में कार का पता नहीं चल पाया है। कार में सवार चार लोग भी लापता चल रहे हैं। तीर्थयात्री केदारनाथ से दर्शनकर वापस मेरठ लौट रहे थे।

मुनिकीरेती थाना पुलिस ने बताया आज सुबह कौड़ियाला के पास केदारनाथ से वापस लौट रही एक कार अनियंत्रित होकर गंगा में समा गई। कार में सवार चार लोगों की पहचान पंकज शर्मा (52) पुत्र ओमप्रकाश शर्मा, गुलवीर जैन (40) पुत्र दर्शनलाल जैन, नितिन (25) पुत्र राजेश तीनों निवासी शास्त्री नगर मेरठ और हर्ष गुर्जर (19) पुत्र संजय निवासी काजीपुर, मेरठ के रूप में हुई है। कार के गंगा में गिरने की सूचना पर जल पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची। टीम को घटनास्थल के पास से कार का स्क्रेप और तीर्थयात्रियों के मोबाइल मिले। किसी तरह पुलिस ने उनके मोबाइल चालूकर परिजनों से संपर्क किया। इसके बाद कार सवार लोगों की पहचान हो पाई। एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ा होने से दिक्कत आ रही है।

राज्य के प्रस्ताव को केन्द्र ने दी वित्तीय स्वीकृति, बहुरेंगे टिहरी के दिन

बहुपक्षीय विकास बैंकों की मदद से टिहरी झील और उसके जल ग्रहण क्षेत्र के समग्र विकास के राज्य सरकार के एक महत्वकांक्षी प्रस्ताव को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अंतर्गत प्रदेश सरकार को एशियन डेवलपमेन्ट बैंक तथा ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक के माध्यम से कुल 2030 लाख अमरीकी ड़ॉलर का ऋण मिलेगा। इस परियोजना के अन्तर्गत कोटी कालोनी, नई टिहरी, तिवाड़ गांव, डोबरा चांटी, टिहरी झील तथा मदन नेगी को कलस्टरों के रूप में विकसित किया जायेगा। परियोजना के अन्तर्गत टिहरी झील में चार स्थानों पर जल क्रीड़ा सम्बन्धित केन्द्र, टैन्ट कॉलोनी निर्माण, कोटी कॉलोनी से डोबरा-चांटी तक पर्यटन रोड का निर्माण, होम स्टे कलस्टरों का निर्माण, डोबरा चांटी पार्क, मल्टी लेवल कार पार्किंग, एकीकृत सूचना केन्द्र, मनोरंजन कॉम्पलेक्स, एक्वैटिक कॉम्पलेक्स, 3 स्टार बुटीक होटल, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, बायो डायर्वसिटी पार्क, योग एवं पंचकर्म केन्द्र, रोपवे निर्माण, तटीय क्षेत्र में वृहद वृक्षारोपण तथा लाइट एवं साउन्ड लेजर शो आदि विविध कार्य प्रस्तावित है। इस संबंध में एडीबी की टीम शीघ्र ही उत्तराखंड का दौरा करेगी।
इस परियोजना का उद्देश्य टिहरी को उत्तराखंड के ब्रांड टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने का है, जिसे स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विकसित किया जाएगा। इसके अंतर्गत टिहरी शहर के एतिहासिक महत्व को पुर्नस्थापित करने, पर्यटन ढाँचे को मजबूत बनाने, बेहतर क्षमताओं से युक्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने तथा पलायन को कम करने का काम किया जायेगा। परियोजना के उद्देश्यों में पर्यटकों के टिहरी प्रवास की औसत अवधि को बढ़ाकर तीन दिन तक करना भी शामिल है।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा है, इस योजना के माध्यम से उत्तराखंड सरकार टिहरी को स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ एक वैकल्पिक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करना चाहती है। इस परियोजना से प्रत्यक्ष तौर पर लगभग चालीस हजार और परोक्ष रूप से लगभग दो लाख परिवार लाभान्वित होंगे। उन्हांेने कहा कि इस परियोजना के लिए हरित तकनीकी का प्रयोग किया जायेगा और अनिवार्य सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। इस परियोजना के अन्तर्गत सतत विकास उद्देश्यों के अनुरूप इस संवेदनशील क्षेत्र में सतत एवं उत्तरदायी पर्यटन को सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होंने कहा परियोजना के माध्यम से बाजार की मांग के अनुरूप क्षमता निर्माण करते हुए स्थानीय लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर मे सुधार लाया जायेगा। परियोजना का उद्देश्य पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना ग्रामीण क्षेत्र को आर्गेनिक होमस्टे के रूप में विकसित कर उत्तरदायी पर्यटन की दिशा में आगे कदम बढ़ाना है। परियोजना में स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्तर को बेहतर बनाने के लिए सेनिटेशन की व्यवस्था का प्रस्ताव भी है। सचिव, पर्यटन ने कहा कि परियोजना की वहनीयता को बढ़ाने के लिए स्थानीय संसाधनों का उपयोग किया जायेगा और उर्जा के अक्षय स्रोतों उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा। परियोजना के अन्तर्गत कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण अभियान चलाने की भी योजना है।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार ने वित्त मंत्रालय के समक्ष इस परियोजना का संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसमें टिहरी में पर्यटन अवस्थापना एवं सुविधाओं के विकास के साथ-साथ झील के चारों ओर एक रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। प्रस्ताव को नीति आयोग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के समर्थन के उपरान्त वित्त मंत्रालय द्वारा स्वीकृति दे दी गई है।

टिहरी में आयोजित जर्नी ऑफ टिहरी डैम कार्यक्रम में सीएम ने की शिरकत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा आयोजित “जर्नी ऑफ टिहरी डैम“ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि टीएचडीसी की टिहरी यात्रा कार्यक्रम के प्रारम्भ से पूर्व अतीत की ओर देखें तो जल विद्युत की अपार संभावनाओं वाले इस राज्य में वर्ष 1906-07 से ही लघु जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना होने लगी थी। 1914 में मसूरी के भट्टाफॉल में स्थापित ग्लोगी जल विद्युत परियोजना जो मैसूर के बाद देश का दूसरा और उत्तर भारत का प्रथम विद्युत संयंत्र था। जिसका वर्तमान में पुनः कायाकल्प किया जा रहा है।
समय के साथ-साथ ग्लोगी जल विद्युत परियोजनाओं से लेकर पंचेश्वर बांध परियोजना सहित लगभग 21 जल विद्युत परियोजनाओं में कई परियोजनायें निर्मित एवं क्रियाशील हैं, कुछ एक निर्माणाधीन हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल विद्युत परियोजना के इस सफर में टीएचडीसी का पदार्पण केन्द्र सरकार के माध्यम से 1989 में हुआ तथा 1990 में इस कार्पाेरेशन को विस्थापित लोगों के पुनर्वास की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। 2400 मेगावॉट विद्युत उत्पादन क्षमता वाली इस परियोजना में दो चरण हैं। प्रथम चरण में 1000 मेगावॉट की टिहरी बांध एवं जल विद्युत परियोजना है। द्वितीय चरण में 1000 मेगावाट की टिहरी पम्प स्टोरेज प्लान्ट तथा 400 मेगावाट की कोटेश्वर बांध एवं जल विद्युत परियोजना है। सरकार द्वारा गत वर्ष टी०एच०डी०सी० के जलाशय का जलस्तर 830 मीटर भरने की भी अनुमति प्रदान की गयी। सरकार के इस निर्णय से उत्पादन में, जो पहले 3000 मिलियन यूनिट थी, उसमें जलस्तर बढ़ोत्तरी से 20 मिलियन यूनिट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन हो पाया है। जिससे 770 करोड़ रुपए की आय का प्रतिवर्ष बढ़ोत्तरी हो पा रही है।टिहरी बांध के अतिरिक्त कोटश्वर हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट सहित अन्य हाइड्रो, सौलर, पवन ऊर्जा स्रोतों से विद्युत उत्पादन कर रहा है तथा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ज्भ्क्ब्प्स् देश में ऊर्जा संचय में भारत सरकार की पहल में अग्रणी भूमिका बढ़ाते हुए शीघ्र ही टिहरी च्ैच् परियोजना को पूर्ण करेगा और देश के विभिन्न राज्यों में भारत सरकार द्वारा सौंपी गई विभिन्न स्टोरेज परियोजनाओं में भी द्रुत गति से कार्य आगे बढ़ायेगा।
केंद्रीय मंत्री आर.के.सिंह ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हाइड्रो पॉवर का महत्व बहुत बढ़ गया। पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की मुहिम में क्लीन सोर्सेज ऑफ एनर्जी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने टिहरी हाइड्रो बांध की क्षमता के पूरे उपयोग के लिए सहमति देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जिन राज्यों के पास हाईड्रो पॉवर का पोटेंशियल है, उन राज्यों की आर्थिकी को बढ़ाने में हाईड्रो पॉवर की अहम भूमिका रही है। हाईड्रो पॉवर के क्षेत्र में उत्तराखंड में भी अनेक संभावनाएं हैं। हैं। उन्होंने कहा कि हाइड्रो प्रोजेक्ट बनाने में कठिनाई तो है, लेकिन समाधान सेंसिविटी से किया जाय तो हाइड्रो प्रोजेक्ट फायदेमंद होते है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टिहरी हाइड्रो प्रोजेक्ट के अंश के लिए उत्तराखंड सरकार से जो मांग की गई है, उस पर न्यायोचित कार्यवाही की जाएगी। टिहरी बांध से संबंधित पुनर्वास के सभी लंबित मामलों का समाधान किया गया है।
इस अवसर पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक किशोर उपाध्याय, जिला पंचायत अध्यक्ष टिहरी सोना सजवान, सचिव ऊर्जा भारत सरकार आलोक कुमार, सीडीओ टिहरी नमामि बंसल, एसएसपी नवनीत भुल्लर, प्रबंध निदेशक टीएचडीसी राजीव विश्नोई मौजूद थे।