शहरी विकास मंत्री ऋषिकेश नगर निगम से करेंगे हेल्थ एटीएम मशीन का शुभारंभ

सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही सभी नगर निकायों में हेल्थ एटीएम मशीन के जरिए जरूरतमंद लोगों का निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण हो सकेगा। इस क्रम में शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने हेल्थ एटीएम मशीन का परीक्षण किया।

मंत्री डॉक्टर प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न कंपनियों के द्वारा सीएसआर फंड के माध्यम से हेल्थ एटीएम मशीन प्रदेश के सभी निकायों में दी जाएगी। डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस हेल्थ एटीएम मशीन में 22 तरह के स्वास्थ्य परीक्षण किए जाएंगे। जिनमें प्रमुख रूप से ऊंचाई, वजन, दिल से संबंधित बीमारियों जैसे ईसीजी, मोटापे से संबंधित बीमारियों, हड्डी से संबंधित बीमारियों तथा ऑक्सीजन लेवल मापा जाएगा।

इसी क्रम में डॉ अग्रवाल ने बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में हेल्थ एटीएम मशीन का विशेषज्ञ की मौजूदगी में परीक्षण किया। उन्होंने विशेषज्ञों से मशीन द्वारा किए जाने वाले स्वास्थ्य परीक्षण की जानकारी विस्तृत रूप से ली।

डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही यहां मशीन प्रदेश के विभिन्न निकायों को सौप दी जाएगी। जिससे आम जनता को राहत मिल सके। इस मौके पर मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, नगर आयुक्त राहुल गोयल, सहायक नगर आयुक्त रमेश रावत, सीएस भट्ट, अधिशासी अभियंता नगर निगम सहित विशेषज्ञ हन्नी, प्रवीण, पैरामेडिकल स्टाफ सना आदि उपस्थित रहे।

कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देते हुए स्थानीय उत्पाद खरीदे

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने दीपावली के पावन पर्व पर नगर के मुख्य बाजारों में पहुंच कर स्थानीय व्यापारियों, खरीददारी करने आए लोगों से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी।
शनिवार को दीपावली के पावन अवसर पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने नगर क्षेत्रों के बाजारों में स्थानीय व्यापारियों, फूल विक्रेताओं, पटाखा व्यापारियों एवं खरीदारी को पहुंचे लोगों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम जानी।
इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल हैं दीपावली, गोवर्धन, भैया दूज की शुभकामनाएं दी। मंत्री डॉ अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देते हुए स्थानीय लोगों द्वारा हाथ से निर्मित दीप भी खरीदे।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने दीपावली पर्व पर सभी लोगों के जीवन में खुशहाली, सुख-समृद्धि और उन्नति की भी कामना की। उन्होंने बधाई संदेश देने के दौरान लोगों से स्थानीय उत्पादों को खरीदने की भी अपील की।
इस मौके पर मंत्री अग्रवाल की धर्मपत्नी शशि प्रभा अग्रवाल, मण्डल अध्यक्ष सुमित पवार, पार्षद शिव कुमार गौतम, अरुण बडोनी आदि लोग उपस्थित रहे।

स्वप्रमाणन मानचित्र स्वीकृति प्रणाली के तहत पहला मानचित्र आवेदक को मिला

शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा सरलीकरण से समाधान के सरकार के प्रयास के अंतर्गत आज उत्तराखण्ड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UHUDA) द्वारा विकसित एवं आवास विभाग, उत्तराखण्ड सरकार द्वारा स्वीकृत स्वप्रमाणन मानचित्र स्वीकृति प्रणाली के तहत प्रथम मानचित्र आवेदक मुक्ता जोशी पत्नी मुरलीधर जोशी को Architect/Licentiate स्वदेश सिंह द्वारा निर्गत किया गया।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में मात्र 3 दिन के समय में मानचित्र को स्वीकृति करते हुए मानचित्र निर्गत करने की कार्यवाही पूर्ण की गयी। यह प्रक्रिया और भी अल्प समय में की जा सकती है यदि सम्बन्धित Architect/Licentiate के डिजिटल हस्ताक्षर पूर्व से निर्मित हो। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में Architect/Licentiate को दिये गये उसकी व्यवसायिक शुल्क के अतिरिक्त प्राधिकरण स्तर पर मात्र रू0 44956:00 शुल्क जमा किया गया। इस पूरी प्रक्रिया मे प्राधिकरण के किसी भी कर्मचारी का कोई भी सम्पर्क Architect/Licentiate अथवा आवेदक के साथ नहीं हुआ। शून्य सम्पर्क युक्त इस प्रणाली से मात्र 3 दिन में मानचित्र स्वीकृत कर आवेदक को प्राप्त हो गया।
इस मौके पर आवेदक मुक्ता जोशी द्वारा इस प्रणाली की सरहाना करते हुए कहा गया है कि यह प्रक्रिया आमजनमानस के लिए अत्यंत सुविधाजनक और पारदर्शी है और उम्मीद से बेहतर है। प्रथम मानचित्र को मा0 मंत्री आवास प्रेमचंद अग्रवाल के कर कमलों से मानचित्र की प्रति आवेदक को उपलब्ध करायी गयी साथ ही प्राधिकरणों को निर्देश दिये गये कि इसका प्रचार-प्रसार करते हुए आमजनमानस को इसका लाभ प्रदान करें।
इस अवसर पर प्रकाश चंद्र दुम्का अपर आवास आयुक्त/ संयुक्त मुख्य प्रशासक UHUDA आनंद राम अधिशासी अभियन्ता एवं CSII से प्रशांत पोखरियाल उपस्थित रहे।

वित्त मंत्री अग्रवाल ने 188 करोड़ रूपये का अतिरिक्त अनुदान मिलने पर केन्द्र का आभार जताया

स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट योजना के अंतर्गत उत्तराखंड को केंद्र सरकार से 188 करोड़ रूपये का अतिरिक्त अनुदान मिला है। इसके लिए शहरी विकास व आवास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।
बता दें कि उत्तराखंड ने योजना के अंतर्गत छह घटकों की अनुपालन आख्या का प्रस्तुतीकरण भारत सरकार को प्रस्तुत किया था। जिसमें राज्य को अच्छी प्रगति के चलते 188 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन राशि (अतिरिक्त अनुदान) दिया गया है।
मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि छह घटकों में प्रथम घटक मार्डनाइजेशन आफ बिल्डिंग बाइलॉज है। इसके अन्तर्गत एकल आवासीय भवनों के लिए नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) का विकल्प आवेदक को दिया गया है। जिसके अनुसार 500 वर्ग मीटर तक के भूखण्ड क्षेत्रफल में भू आच्छादन की अधिकतम सीमा को समाप्त किया गया है। उन्होंने बताया कि द्वितीय घटक टीडीआर के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा अडोप्शन आफ ट्रांसफेरेबल डेवलेपमेंट राइट्स पॉलिसी जो कि भारत सरकार द्वारा मॉडल रूप में प्रेषित की गयी थी, को राज्य सरकार द्वारा लागू किया गया है। इस पॉलिसी के अन्तर्गत डवलपमेन्ट राइट्स को ट्रांसफर किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि तृतीय घटक एनएपी व टीपीएस के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा लोकल एरिया प्लान (एलएपी) के अन्तर्गत आढ़त बाजार व टाउन प्लानिंग स्कीम (टीपीएस) अन्तर्गत थानो क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के सहयोग से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि चतुर्थ घटक टीओडी के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार की ट्रांजिट ओरियन्टेड डेवलेपमेन्ट (टीओडी) पॉलिसी को प्रभावी कर दिया गया है। इस पॉलिसी के अन्तर्गत शहरों में परागमन उन्मुख विकास जिसमें भूमि का उपयोग और परिवहन की योजना को एकीकृत करना है।
उन्होंने बताया कि पंचम घटक स्पोन्ज सिटी के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा 19 वॉटर बॉडीज को पुनरोत्थान कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि छठा घटक पब्लिक ट्रांसपोर्ट में टैक्स को समाप्त किया जाना के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा टैक्स को समाप्त कर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी छह घटकों पर शहरी विकास और आवास विभाग के संयुक्त प्रयासों ने भारत सरकार ने अच्छी प्रगति राज्य में पाई है, जिसके चलते राज्य को 188 करोड़ रूपये का अतिरिक्त अनुदान दिया गया है। उन्होंने अनुदान राशि मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केदं्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार प्रकट किया है।

शहरी विकास मंत्री ने निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण

शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी के अंतर्गत पेयजल, सीवरेज और ड्रेनेज तथा सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल ने निर्माण कार्य पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दे रही है जबकि अधिकारी सरकार को पलीता लगा रहे हैं। मंत्री डॉ अग्रवाल की नाराजगी पर अधिकारियों ने मई 2023 तक गडढ़ा भरने, नाली तथा सड़क बनाने का कार्य पूर्ण करने की बात कही। वही, मंत्री डॉ अग्रवाल ने सड़क तथा सीवरेज के लिए बनाए जा रहे मेनहोल को खुलवाकर इसमें उपयुक्त ईंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाया और सैंपल को जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए।
गुरुवार को मंत्री डॉ अग्रवाल देहराखास टीएचडीसी कॉलोनी पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने मंत्री डॉ अग्रवाल के समक्ष अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि यहां जगह-जगह सड़क के बीचो बीच बड़े गडढे़ हो रखे हैं जिनमें अकसर वाहन धंस जाते हैं। साथ ही रात्रिकाल में लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने भी स्थानीय लोगों की समस्या को सही पाया। उन्होंने कहा कि जनता के लिए सरकार विकास कार्य करती है, ऐसे में यदि विकास कार्यों से जनता ही असंतुष्ट हो तो यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।
इस पर अधिकारियों ने मंत्री को आश्वासन देते हुए कहा कि मई 2023 तक गडढ़ा भरने, नाली व सड़क निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। इस पर मंत्री अग्रवाल ने कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता का विशेष ख्याल रखा जाए।
इस दौरान मंत्री ने निर्माणाधीन कच्ची सड़क का भी निरीक्षण किया। यहां रखी ईंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए मेनहोल को खुलवाया और ईट को निकालकर जांच करने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने 1 माह से बंद नाली निर्माण कार्य को भी शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।
इस दौरान यूयूएसडीए की निदेशक वंदना राजगुरु, अपर निदेशक विनय मिश्रा, मण्डल अध्यक्ष अजय शर्मा, महामंत्री दिनेश सती, महिला मोर्चा मण्डल अध्यक्ष वैजंती माला, उपाध्यक्ष बबली रावत, पार्षद आलोक कुमार, पार्षद राजपाल पयाल, शशि मोहन जोशी, अजय शर्मा, भगवती डोभाल, परियोजना प्रबंधक विपिन तिवारी, सहायक अभियन्ता पवन टोलिया, कनिष्ठ अभियंता शैलेन्द्र भट्ट, मिथिलेश कुमार, टाटा कन्सल्टिंग इंजीनिर्यस के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
बता दे कि 72.36 करोड की लागत से निर्माण कार्य किया जाना है, जिसमें 13.68 करोड का व्यय किया जा चुका है। इसमें 29 कि0मी0 का सीवरेज नेटवर्क बिछाया जाना था। क्षेत्र में नालियों का निर्माण तथा सड़क सुधार का कार्य भी युद्धस्तर पर किया जा रहा है।

87 जिम और 7 पार्क का शहरी विकास मंत्री ने किया लोकार्पण

शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रदेश के 102 निकायों में 74 ओपन जिम का शिलान्यास, 87 ओपन जिम का लोकार्पण 409.14 लाख जबकि 7 पार्क का शिलान्यास 286.55 लाख की लागत से करते हुए प्रदेश वासियों को नव वर्ष के प्रथम दिन सौगात दी। इस दौरान 94 निकायों के प्रतिनिधि वर्चुअल रूप से जुड़े रहे।
रविवार को यमुना कॉलोनी स्थित पार्क में शहरी विकास विभाग की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि ओपन जिम और पार्क शरीर की संरचना को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि आज नशे ने अपने पैर पसार दिए हैं, हमें इसकी चैन को तोड़ना होगा। इसके लिए सरकार ने ओपन जिम और पार्क खोलने का फैसला किया है। आज प्रदेश में निकाय स्तर पर ओपन जिम और पार्क को खोलकर सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है।
इस मौके पर मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आज पूरा देश स्वच्छता के प्रति जागरूक हुआ है। लोगों के भीतर पिछले आठ वर्षों में स्वच्छता के प्रति एक अलख जगी है। उन्होंने कहा हमारे राज्य में भी स्वच्छता को लेकर अनेक अभियान निकाय स्तर पर चलाये जा रहे हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड को इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में छह पुरस्कार प्राप्त हुए है। उन्होंने कहा कि इस नववर्ष के प्रथम दिन हमें संकल्प लेना होगा कि अपने आसपास का वातावरण स्वच्छ रखेंगे। कूड़ा को सार्वजनिक स्थलों पर नहीं फेंकेंगे। साथ ही कूड़ा दिखने पर उसे कूड़ादान पर डालेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कूड़ा को सार्वजनिक स्थलों पर कोई डालता हुआ दिखाई दें तो जागरूक नागरिक की भूमिका निभाते हुए रोके।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वर्ष 2025 तक प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं इसमें जन सहभागिता का सहयोग आवश्यक है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक सरिता कपूर, पार्षद सुमित्रा ध्यानी, विभागीय निदेशक नवनीत पांडे, अपर निदेशक अशोक पांडे, अपर मुख्य आयुक्त जगदीश लाल, सहायक नगर आयुक्त रविंद्र दयाल, शांति प्रसाद जोशी, अधिशासी अभियंता अनुपम भटनागर, रवि बिष्ट, संजय भाटी, योगेंद्र नेगी सहित सैकड़ों की संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

चिंतन शिविर के संकल्पों को लेकर शहरी विकास विभाग की भावी योजनाएं तैयार-अग्रवाल

शहरी विकास मंत्री डॉ प्रेमचन्द अग्रवाल ने बताया कि केन्द्र सरकार की ’स्पेशल असिस्टेन्ट टू स्टेट फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेन्ट’ योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य का चयन किया गया है। योजना में लगभग 100 करोड रुपए का अनुदान केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को अर्बन रिफॉर्म हेतु दिया जाना है। राज्य ने योजना के अन्तर्गत छः घटकों की अनुपालन आख्या का प्रस्तुतीकरण भारत सरकार को प्रस्तुत किया गया। जिसके उपरान्त ही राज्य सरकार को अनुदान हेतु पात्रता प्राप्त हुई हैं।
मंत्री ने बताया कि राज्य में स्वच्छ भारत मिशन शहरी के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मद में 91 निकायों हेतु 64 परियोजनाए भारत सरकार से स्वीकृत करा ली गई है। जिनमें से 89 निकायों हेतु 62 परियोजनाओं की धनराशि रु० 71.63 करोड़ (35 प्रतिशत) वी०जी०एफ० के रूप में प्राप्त की गई है तथा शेष 65 प्रतिशत रु० 221.31 करोड़ राज्य सरकार व स्थानीय निकायों द्वारा वहन की जायेगी। बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में 1535.50 मी०टन ठोस अपशिष्ट प्रति दिन उत्पन्न होता है। जिसमें से 1062.07 मी०टन अर्थात 69 प्रतिशत का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) प्रतिदिन किया जाता है। इस हेतु 38 मटीरियल रिकवरी फेसिलिटी केन्द्रों, 60 अपशिष्ट कॉम्पेक्टर तथा 855 कम्पोस्ट पिट निकायों में संचालित है। उदहारण के तौर पर दूरस्थ पालिका जोशीमठ द्वारा 1200 टन अजैविक कूड़े का विक्रय कर लगभग 79 लाख की आय अर्जित की गई है। लीगेसी वेस्ट निस्तारण हेतु 07 नगर निगमों की रु० 80.00 करोड़ की परियोजनाएं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है तथा प्रथम किस्त रु० 29.00 करोड राज्य को अवमुक्त किया गया है।
मंत्री ने बताया कि शहरी विकास विभाग के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि मण्डल द्वारा जर्मनी में रिसाइकलिंग एवं वेस्ट टू एनर्जी, ई०पी०आर० आदि के क्षेत्र में किये जा रहे नवाचारों का एक सप्ताह का अध्ययन किया गया तथा जी0आई0जेड के तकनीकि सहयोग से इन नवाचारों को राज्यों में क्रियान्वित किये जाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना अंतर्गत 2993 महिला स्वयं सहायता समूहों एवं 73 क्षेत्र स्तरीय संघ का गठन किया गया, विपणन हेतु नगर पालिका परिषद चम्पावत, टनकपुर तथा नगर निगम रुद्रपुर में नगर आजीविका केन्द्रों (सी०एल०सी०) को स्वीकृत किया गया है। 20870 फेरी व्यवसायियों को सर्वेक्षण कर पेंडिंग सेटिफिकेट एवं पहचान पत्र उपलब्ध कराया गया है। निकायों में फेरी व्यवसायियों को सुव्यवचित करने हेतु कुल 333 वेंडिंग जोनों का चिन्हिकरण किया गया है, महिला फेरी व्यवसायियों हेतु नगर निगम हरिद्वार में पिंक वेंडिंग जोन, तथा नगर निगम में देहरादून में स्मार्ट वेंडिंग जोन की स्थापना की गई है। 7422 शहरी गरीबों को स्वरोजगार हेतु बैको के माध्यम से 103 करोड़ का ऋण की स्वीकृति तथा रू0 448 करोड़ का व्याज सब्सिडी अनुदान निर्गत किया गया है।
मंत्री ने कहा कि डे०एन०यू०एल०एम० योजना के अंतर्गत शहरी बेघरों हेतु आश्रय (एस0यू0एच0) के अन्तर्गत 801 आश्रितों की क्षमता के 14 रैन बसेरो का संचालन निराश्रित बेघरों हेतु किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) अंतर्गत 151 स्वीकृत परियोजनाओं में से वर्तमान तक रू0 339.45 करोड़ की 117 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी है, 34 योजनाएं रू0 253.52 करोड़ की गतिमान है जिन्हे मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। योजना अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा रू0 593.02 के सापेक्ष रू0 591.02 करोड़ (केन्द्राश व राज्यांश को जोड़कर) अवमुक्त किये जा चुके है। 66203 उपभोक्ताओं को ष्पेयजल कनेक्शनष् तथा 67219 सीवरेज कनेक्शन उपभोगक्ताओं को दिया गया है। निकाय अंतर्गत 82337 सोडियम लाईटों को एल०ई०डी० लाईट में परिवर्तित किया गया। उन्होंने बताया कि अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन 2.0 (अमृत 2.0) के अंतर्गत पूर्व चयनित 7 अमृत नगरों में सीवर/सैप्टेज निस्तारण तथा प्रदेश के सभी नगरों में जल संयोजन दिया जाना निर्धारित है। 111 शहरों (102 स्थानीय निकाय तथा 09 कन्टेनमेंट बोर्ड) हेतु केन्द्रांश 582.00 करोड़ तथा राज्यांश रू0 64.66 करोड़, कुल 646.66 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई है, प्रथम चरण हेतु किस्त रू0 233.74 करोड, केन्द्रांश तथा राज्यांश रू0 25.97 कुल 259.71 करोड़ के सापेक्ष केन्द्रांश (20ः) धनराशि रू0 42. 08 अवमुक्त कर दी गयी है। योजना के अन्तर्गत कुल 65915 जल संयोजन दिया जाना प्रस्तावित है। शास्त्रीनगर वार्ड (देहरादून) को 24ग्7 किया जायेगा।
मंत्री ने बताया कि वित्तीय सुदृढीकरण-राज्य में म्युनिसिपल एकॉउटिंग मैनुवल, 2021 तैयार कर लागू कर दिया गया है एवं सम्बन्धित अधिनियमों में संशोधन कर दिया गया है। सिंगल एन्ट्री सिस्टम से डबल एन्ट्री एकॉउंटिंग सिस्टम सभी नगर निकायों में लागू किया जा रहा है। म्युनिसिपल एकॉउटिंग मैनुवल को लागू करने हेतु म्युनिसिपल एकॉउटिंग सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। म्युनिसिपल एकॉउटिंग ऑडिट रूल्स तैयार किये जा रहे है। इसके अतिरिक्त 08 नगर निगमों में सैल्फ एस्सेमेन्ट लागू है एवं 68 निकायों के सम्पत्ति रजिस्टर को डिजिटाईज किया जा चुका है। 07 अमृत शहरों हेतु क्रेडिट रेटिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास (शहरी) प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी आधारित निर्माण घटक अंतर्गत 22175 आवासों की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त की गई है, जिनमें में 6175 आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है तथा 8000 आवासों से अधिक पर कार्य प्रगति पर हैं। अफडेबल रेंटल हाउसिंग काम्पलेक्स शहरी गरीबों हेतु प्रदेश में 600 से अधिक आवासों को चयनित किया गया। लालकूओं में 100 आवास व देहरादून में 70 आवास आवंटित किया गया, भागीदारी में किफायती आवास घटक अंतर्गत 13 आवासीय कालोनियों में 14500 आवासों का शिलान्यास व वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के ए०एच०पी० घटक में भारत सरकार से 21 योजनाओं (17304 आवास) की स्वीकृति कराकर 464 आवासों का कब्जा लाभार्थियों को दिया जा चुका है। शेष समस्त आवास वर्ष 2024 तक पूर्ण कर कब्जा दिया जाना प्रस्तावित है। लाभार्थियों के आवास की बुकिंग आवंटन एवं लॉटरी हेतु ऑनलाईन पोर्टल शुरू किया गया है तथा इसके माध्यम से आवास की बुकिंग सुविधा प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि राज्य अवस्थापना निधि में राज्य सेक्टर के अंतर्गत समस्त निकायों में ओपन जिम पार्क निर्माण हेतु नगर निगमों को रू0 3.00 लाख नगर पालिका परिषद को रु0 2.00 लाख तथा नगर पंचायतों को रू0 1.50 लाख अवमुक्त किये गये।

’आवास विभाग की उपलब्धियां/भावी योजनाएं’
1. समस्त विकास प्राधिकरणों के कार्यों (मानचित्र स्वीकृति, प्रशासनिक कार्य, सूचना का अधिकार शिकायतों का निस्तारण) ईज एप के माध्यम से ऑनलाईन किया गया है। 2. एकल आवासीय एवं गैर एकल आवासीय मानचित्रों की स्वीकृति हेतु समय-सीमा क्रमशरू 15 एवं 30 दिवसों का निर्धारण।
3. मानचित्र स्वीकृति हेतु अनापत्ति प्रक्रिया का सरलीकरण/समय-सीमा निर्धारण एवं डीम्ड अनापत्ति व्यवस्था की गयी है।
4. भवन निर्माण विकास उपविधि (बिल्डिंग बॉयलाज) में मार्ग, ऊंचाई, एफ०ए०आर० आदि मानकों का शिथिलीकरण किया गया है।
5. सीएससी के माध्यम से मानचित्र जमा किये जाने की सुविधा प्रदान की गयी है।
6. भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया का सरलीकरण एवं प्रतिनिधायन, 4000 से 10000 वर्गमीटर तक प्राधिकरण स्तर पर 10000 से 50000 वर्गमीटर तक उड़ा स्तर पर भू-उपयोग परिवर्तन संभव है।
7. भू-उपयोग परिवर्तन की शुल्क की पूर्व दरों 100 से 150 प्रतिशत को घटाकर 10 से 15 प्रतिशत किया गया है।
8. सभी नगर निकायों की मास्टर प्लान बनाये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है।
9. पार्किंग परियोजना हेतु सभी जिलाधिकारियों एवं प्राधिकरणों के मध्य सामंजस्य स्थापित करते हुए राज्य के 158 स्थानों पर पार्किंग, जिसमें सरफेस पार्किंग की 51, मल्टीलेवल कार पार्किंग की 87, ऑटोमेटेड कार पार्किंग की 09 तथा टनल पार्किंग हेतु 11 स्थान चिन्हित किये गये हैं, जिसमें 91 स्थानों हेतु डी०पी०आर० तैयार कर ली गयी है, जिसमें 33 परियोजनाओं में रू0 5286.07 लाख की धनराशि स्वीकृत कर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
10. शहरी क्षेत्रों में टी०डी०आर० (ज्तंदेमिततंइसम क्मअमसवचउमदज त्पहीजे) नीति अधिसूचित की गयी है।
11. मुख्य यातायात मार्गों एवं मेट्रो परियोजनाओं में प्रस्तावित स्टेशनों के समीप नियोजित विकास हेतु टी०ओ०डी० नीति अधिसूचित की गयी है।
12. मेट्रो रेल परियोजना हेतु डी०पी०आर० राज्य सरकार स्तर से अनुमोदित करते हुए भारत सरकार को प्रेषित की गयी है। भारत सरकार स्तर पर स्वीकृति की प्रक्रिया गतिमान है।
13. आमजन की सुविधाएं हेतु भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) में अनुमोदित किया गया है।
14. शहरों के विसंकुलन कम करने हेतु उत्तराखण्ड आवास एवं विकास परिषद् द्वारा निजी सहभागिता से छोटे टाउनशिप परियोजना हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किये गये है।
15. नये शहरों की स्थापना हेतु मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स का गठन किया गया है। राज्य के सभी जिलों में नये शहरों की संभावना हेतु अन्तर विभागीय समिति का गठन कर प्रारम्भिक सर्वे कराया गया है, जिसमें 23 शहरों का स्थलीय परीक्षण पूर्ण कर लिया गया है।

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