कृषि और बागवानी के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने को असीम संभावनाएंः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में मुख्यमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2023- 24 के तहत् राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि और बागवानी के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने को असीम संभावनाएं हैं। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ कृषकों को उपलब्ध कराने हेतु सम्बन्धित विभाग सक्रिय भूमिका निभाएं।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में फार्म मशीनरी बैंकों की सफलता को देखते हुए योजना से प्रदेश को परिपूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष कम से कम 50 करोड़ का बजट का प्रावधान किया जाए, ताकि अगले 5 वर्षों में प्रदेश को सैचुरेट किया जा सके। उन्होंने फार्म मशीनरी बैंकों की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों के साथ-साथ सहकारी समितियों (पैक्स) को भी दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में पावर टिलर और पावर वीडर की मांग को देखते हुए इसके लिए भी बजट बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता के लिए नियोजन विभाग में सूचीबद्ध एजेंसियों द्वारा थर्ड पार्टी मूल्यांकन अनिवार्य रूप से करवाया जाए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. बी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम एवं विनोद कुमार सुमन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड का औषधीय धनिया पौधा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

उत्तराखंड, अल्मोड़ा जनपद, ताड़ीखेत विकास खंड, बिल्लेख गांव के केवलानंद उप्रेती के सिविल इंजीनियर पुत्र गोपाल दत्त उप्रेती द्वारा व्यक्तिगत प्रयासो के बल अपने बिल्लेख गांव स्थित सेव बगान में सात फुट एक इंच ऊंचे सुगंधित व औषधीय धनिये के पौंधे जैविक विधि से उत्पादित कर, कृषि उघम के क्षेत्र मे नई वैश्विक क्रान्ति की अलख जगा, कृषि वैज्ञानिकों, काश्तकारों तथा उद्यम विकास मे संघर्षरत उद्यमियो का ध्यान अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड मे दर्ज करा, वैश्विक फलक पर ख्याति अर्जित की है। इससे पूर्व यह रिकॉर्ड छह फुट एक इंच का था।

जैविक विधि से उत्पादित उक्त धनिया पौंधों का वैज्ञानिक अध्ययन करने के लिए 21 अप्रैल को विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा के वैज्ञानिक डॉ गणेश चौधरी द्वारा उत्पादित पौंधों का निरीक्षण कर इसकी पुष्टि की गई थी। माह मई प्रथम सप्ताह मे इस उपलब्धि को लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्स में दर्ज किया जा चुका था।

आईसीएआर वैज्ञानिक डॉ गणेश चौधरी व उत्तराखंड के चीफ हॉर्टिकल्चर आफिसर टीएन पांडे, उत्तराखंड आर्गेनिक बोर्ड रानीखेत-मजखाली इंचार्ज डॉ देवेन्द्र सिंह नेगी, उद्यान सचल दल केंद्र बिल्लेख प्रभारी राम सिंह नेगी के द्वारा उक्त सुगंधित व औषधीय गुणों से युक्त तथा पाचन तंत्र को मजबूत करने वाला अम्बेलीफेरी कुल के धनिया पौंधे को विटामिन श्एश्, श्सीश् तथा श्केश् गुणों के साथ-साथ कैल्शियम, कॉपर, आयरन, कार्बोहाइट्रेड, थियामिन, पोटेशियम, फास्फोरस से युक्त बताया गया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक आमतौर पर धनिया पौंधों की ऊंचाई वैश्विक स्तर पर दो से छह फुट एक इंच तक देखी जाती रही। पहली बार उत्तराखंड मे सात फुट एक इंच धनिये पौंधे की अदभुत व आश्चर्य चकित कर देने वाली पैदावार कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अवलोकित की गई थी।

कृषि वैज्ञानिकों द्वारा की गई प्रत्यक्ष पुष्टि के बाद, उत्पादित पौंधों के पुनर्वालोकन तथा डाक्यूमेंटेशन कराने हेतु गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तथा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से जुड़े पदाधिकारियों को 23 अप्रैल को पत्र भेज आमंत्रित किया गया था।