मुख्यमंत्री तीरथ सिंह ने की जल जीवन मिशन की समीक्षा

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जल जीवन मिशन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शरद ऋतु में कम वर्षा होने के कारण ग्रीष्मकाल में आमजन को पेयजल की समस्या न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्थाएं पर अभी से तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। इस वर्ष कम वर्षा के दृष्टिगत, सम्भावित पेयजल अभावग्रस्त बस्तियों समय से चिन्हित कर उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए। मुख्यमंत्री ने वाटर टैंकर्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़क मार्ग के निकट स्थित उन बस्तियों में, जहां हैण्डपम्प से पेयजल की व्यवस्था की जा सकती है, हैण्डपम्प की व्यवस्था कर ली जाए।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का लक्ष्य निर्धारित समयसीमा तक पूर्ण कर लिया जाए। पेयजल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए माध्यमिक विद्यालयों की लैब में पेयजल परीक्षण की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जनपदों में संचालित किये जा रहे कार्यों में तेजी लाते हुए नियमित मॉनीटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने योजना को समय पर पूर्ण करने के लिये हर सम्भव प्रयास किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी भी इसकी नियमित निगरानी रखें। जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित समयावधि में लक्ष्य पूर्ण हो, इसके लिए जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा प्रत्येक दिन का टारगेट निर्धारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्म काल में पेयजल की समस्या के बचने के लिए आवश्यक है कि वाटर सोर्स पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण पर फोकस किया जाना चाहिए। इसके लिए मानसून से पूर्व तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं, ताकि वर्षा जल संचित किया जा सके, एवं भूजल की उपलब्धता बनी रहे।

पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों सहित सरकारी भवनों, ग्राम पंचायत भवनों, सामुदायिक केन्द्रों आदि में पेयजल की 100 प्रतिशत उपलब्धता किये जाने के निर्देश भी दिए। साथ ही जिन जनपदों ने आईएमआईएस पोर्टल पर डाटा अपलॉड नहीं किया है, शीघ्र डाटा अपलॉड किए जाने के भी निर्देश दिए।

सचिव नितेश झा ने बैठक में जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के 14,61,910 लाख कनेक्शन दिये जाने हैं। जिसमें से अब तक 6,34,502 लाख कनेक्शन दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 174.17 करोड़ रिलीज किए गए हैं जिनमें से 166.37 करोड़ (95.52 प्रतिशत) व्यय किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 18691 स्कूलों में से 16360 स्कूलों तथा 16853 आंगनबाड़ी में से 13488 में नल से पानी उपलब्ध कराया जा चुका है।

बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, प्रभारी सचिव आर राजेश कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपदों से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी को सीएम ने किया याद, दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। कहा कि भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप मे मनाया जा रहा है। श्रद्धेय वाजपेयी जी ने ही दशकों से चले आ रहे उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के संघर्ष का सम्मान करते हुए अलग राज्य का सपना साकार किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति पर चलते हुए सुशासन के लिए अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं। भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी सुशासन के लिए ईमानदारी से किये गये हमारे प्रयासों से शासन-प्रशासन की कार्यसंस्कृति में गुणात्मक सुधार हुआ है।

सी.एम. हैल्पलाईन ’1905’ में अभी तक 35 हजार से अधिक शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का 24 घण्टे लेकर एक सप्ताह के भीतर समाधान किया जा चुका है। विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारी की सीधी जिम्मेवारी तय की गई है। शिकायतकर्ता के संतुष्ट न होने तक शिकायत का निस्तारण नहीं माना जाता है।

सेवा का अधिकार के अंतर्गत वर्ष 2017 तक केवल 10 विभागों की 94 सेवाएं आती थी, जिन्हें कि हमने ने बढ़ाकर 27 विभागों की 243 सेवाएं किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रांसफर एक्ट बनाते हुए इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है । ई-कैबिनेट का उद्देश्य समयबद्ध ढंग से कार्रवाई करना, पेपर लेस व्यवस्था को प्रोत्साहित करना और सभी रिकॉर्ड व्यवस्थित तरीके से रखना है।

ई-ऑफिस के जरिए फाइलों के निस्तारण में भी तेजी आएगी। ई-ऑफिस हेतु सचिवालय के अंतर्गत 54 विभागों के 828 कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा 140 अनुभागों में ई-ऑफिस शुरू किया जा चुका है। 3773 फाइलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई है।

सचिवालय के साथ ही 27 विभाग, ई-आफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं। देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली शुरू हो चुकी है। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य है।

केंद्रीय मंत्री से मिले सीएम, रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों में शामिल करने का किया आग्रह

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भेंट कर राज्य से संबंधित मामलों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण लाखों की संख्या में उत्तराखण्ड के लोग वापस अपने राज्य में आए हैं। राज्य सरकार ने इनके रोजगार के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना सहित अनेक कदम उठाए हैं। कैम्पा में भी 10 हजार लागों को रोजगार देने के लिए योजना बनाई गई है। पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में उत्तराखण्ड की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य में मानव-वन्यजीव संघर्ष और वनाग्नि पर प्रभावी रोक लगाने क लिए भी कैम्पा के तहत 2020-21 के लिए 262 करोड़ 49 लाख रूपए की अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव भारत सरकार के वन मंत्रालय को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से इस प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में जंगली जानवरों द्वारा विशेष तौर पर बंदर, सूअर, और मैदानी क्षेत्रों में नील गाय खेती को नुकसान पहुंचाते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों पर लेपर्ड द्वारा हमले की घटनाओं को रोकने और जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर को वानिकी गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति दी।

31 मार्च की सुबह सात से सायं आठ बजे तक एक जिले से दूसरे जिले जाने की मिली छूट

प्रदेश के भीतर जो लोग एक जिले से दूसरे जिले में जाना चाहते हैं, वे लोग 31 मार्च को सुबह 7 बजे से सांय 8 बजे तक जा सकेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केवल मंगलवार 31 मार्च के लिए ही यह अनुमति होगी। एक दिन का यह विंडो इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि जगह-जगह से ऐसी बातें आ रही थी कि बहुत से लोग अपने काम से आए हुए थे और लॉकडाऊन के कारण अपने घर से बाहर फंसे हैं। बसों व टैक्सियों को सेनेटाइज करवाया जाना होगा। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुबह सात से दोपहर एक बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को खोलने की व्यवस्था का अच्छा रेस्पोंस मिला है। इससे लोगों में घबराहट खत्म हुई है, भीङ भी नहीं हो रही। लोग भी अब समझने लगे हैं। इसलिए इसी व्यवस्था को जारी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जो उत्तराखंडवासी फंस गए हैं उनके लिए उत्तराखंड सदन ओपन कर दिया गया है। वहां उनके भोजन, मेडिकल आदि व्यवस्था है।

इसी प्रकार मुम्बई में भी उत्तराखंड भवन को लॉकडाऊन में फंसे उत्तराखंड के लोगों के लिए ओपन किया गया है। उन्होंने बताया कि हम दो तीन दिन में 500 चिकित्सकों की भर्ती करने जा रहे हैं। इससे हमारे यहाँ चिकित्सक पर्याप्त संख्या में हो जाएंगे। सीएम ने बताया कि पेंशनरों के लिए जीवन प्रमाण पत्र और वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण के लिए एक माह की छूट दी गई है।

महाविद्यालयों में अगले सत्र से शैक्षणिक कलेंडर लागू

रायपुर, मालदेवता में राजकीय महाविद्यालय रायपुर के नव निर्मित भवन व शौर्य दीवार के लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यहां इसी सत्र से स्नातकोतर महाविद्यालय के रूप में उच्चीकृत करने की घोषणा की। इस सत्र से यहॉं कला संकाय की कक्षाएं प्रारम्भ होंगी। अगले सत्र से यहॉ ग्रेजुएशन में संस्कृत की कक्षाएॅं भी शुरू की जाएॅगी। मुख्यमंत्री ने कॉलेज के लिए 04 अतिरिक्त कक्षा कक्ष की घोषणा भी की। इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि उच्च शिक्षा और कॉलेज स्तरीय हों। शिक्षकों की भर्ती शीघ््रा की जाएगी। आने वाले समय में फैकल्टी की समस्या दूर होगी। उन्होंने छात्रछात्राओं का आहवाहन किया कि वे बहुआयामी शिक्षा के प्रति प्रयत्न करें। सिर्फ किताबी ज्ञान और डिग्री पर ध्यान न दें। जिंदगी का लक्ष्य स्पष्ट रखे और उसे पाने का प्रयास करें। उन्होंने गॉंवों से हो रहे पलायन को रोकने और न्याय पंचायत स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न करने की योजना भी साझा की। उन्होंने कहा कि हर न्याय पंचायत पर 100150 महिलाओं को स्वरोजगार दे कर न्याय पंचायत को ग्रोथ सेंटर बना सकते है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मालदेवता में पीजी कॉलेज खुलने से स्थानीय स्तर पर विकास को गति मिलेगी। आसपास के विद्यार्थियों विशेषकर छात्राओं का उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे। इससे पूर्व त्रिवेन्द्र ने कार्यक्रम स्थल पर ही उपस्थित जनसमूह के साथ रेडियो में प्रसारित प्रधानमंत्री के ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम सुना। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले चार महीनो में सरकार द्वारा ठोस आधारभूत कार्य किए गए है। सरकार राज्य को ग्रामीण क्षेत्र में पूरी तरह ओडीएफ बनाने के बाद अब शहरी क्षेत्र को ओडीफ बनाने की ओर अग्रसर है। उच्च शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशो पर शैक्षणिक कैलेण्डर घोषित कर दिया गया है। अगले सत्र से शैक्षणिक कैलेण्डर लागू कर दिया जाएगा। अब कॉलेजो में 180 दिन कक्षाएं चलेगी। 30 दिन के भीतर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएगे। 877 अस्सिटेंट प्रोफेसरो की नियुक्ति के सम्बन्ध में विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। स्मार्ट कलासेज व ई लाइब्रेरी की योजनाएं भी अगले कुछ महीनों में धरातल लाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि राजकीय महाविद्यालय रायपुर का निर्माण, राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा 1762.04 वर्ग मी0 क्षेत्रफल में 4.90 करोड़ रूपये की लागत से किया गया है। इसमें प्रधानाचार्य कक्ष, लाइब्रेरी, आईटीसी लैब जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध है। महाविद्यालय भवन की मानचित्र संरचना भूकम्परोधी तकनीक पर आधारित है।